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Incest तीनो की संमति से .....

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Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
Last edited:

Maria4u

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मम्मी भी मेरे बाहो में मेरे होठों को चूमती बोली "मेरे यार की इच्छा है कि मैं खुद अपने हाथों से अपनी सलवार का नाड़ा खोलूं तो मैं कैसे इंकार कर सकती हूं"!



और मम्मी मुझसे थोड़ी अलग हुई और बड़े ही कामुक तरीके से अपनी चुचियों को अपने हाथो मी पकड़ कर सहलाते हुए मुझे दिखाने लगी या फिर मम्मी ने बड़े ही कातिला अंदाज़ में अपनी सलवार का नाडा खींच लिया तो मम्मी की सलवार मम्मी की टैंगो से गिर कर नीचे जा पडी . सलवार उतारने के बाद मम्मी ने अपनी चड्ढी को उतार कर फेंक दिया।



सच मम्मी की टैंगो के बीच गुलाबी रंग की लाइकर देख कर मेरा लंड और भी खुल कर टैंग हो गया।



मम्मी ने अपनी चूत पर अपनी झांटों को साफ करके एकदुम से चिकना बना रखा था अब मम्मी भी मेरे या पूजा दीदी की तरह बिल्कुल नंगी थी। मम्मी भी अब बेशर्म हो कर अपनी दोनों टैंगो को पूरा खोल कर बड़े से कामुक अंदाज़ में अपनी चूत को सहलाती बोली "जानू ऐसे ही बोला था ना! तुम्हें एकदुम सफाचट पसंद आई ना!! देखो मैंने अपनी झांटे साफ करके इसे एकदुम चिकना बना दिया है जैसा तुम्हें पसंद है और खास कर ये मेरे छोटे से राजा के लिए जो मेरी जगह की चूत में अपने रस से मेरी चूत का मांग भरने जा रहा है"।





"अब क्यों तड़पा रहे हो डाल दो अपना लंड ये तुम्हारी माँ की चूत में"।

मम्मी ने अब अपनी चूत में अपनी एक उंगली डाल कर गचा गच चोद ने लगी।





मम्मी को बिस्टर पर लिता दिया और उसकी जाँघों को पूरी खोलते हुए उसकी चूत को प्यार से सूंघा। जैसे ही मम्मी के जोड़े को चौड़ा किया उनकी चूत ने अपना आकार दिखाया, उसकी दोनों पंखुड़िया फेल कर अब चूत के दाने का दर्शन देने लगी और जैसे कह रही हो अब किसी की प्रतीक्षा कर रहे ओ मेरे लंड राजा।



मम्मी की चुदासी चूत रो रही थी ख़ुशी के मारे। मेरे सामने माँ नंगी लेती हुई अपने डोनो टैंगो को चोरहा किये मेरे लंड का स्वागत करने को बेकरार थी अब मेरा मस्त लौड़ा ठीक माँ की चूत के सामने था और माँ अपने लौड़े को मम्मी की चूत के ऊपर लगते बोला, "मेरी रानी, लिख दूं आज मेरी तेरी चूत पर अपने लौड़ा का नाम है"?



तो मम्मी मस्ती में सिसकती बोली, "लिख दो मेरा रहा अब से मेरी चूत क्या माई खुद पूरी तरह से तुम्हारी हूं लेकिन मेरा राजा इस पर टोटी चढ़ा लेता है, क्योंकि तुम्हारा निकलता भी बहुत है और तुमने इसको मेरे अंदर गिराया तो मुझे विश्वास ही जरूर" कुछ गड़बड़ हो जाएगी"।



और मलकती हुई बोली: "शायद मेरा भी फुग्गा फुल जाए और मुझे भी गिनती शुरू करनी पड़े"।



मुख्य; "मेरी जान सामने दो मस्त सेक्सी माल नंगी लेती हुई हो और मेरा अपना माल ऐसे ही खराब कर दूं ये नहीं हो सकता"।



पूजा: "मम्मी चोद ने दे ऐसे ही उसे अगर जरूरत पड़ी तो मेरी चूत में माल डाल देंगे वैसे भी मुझे ये माल की जरूरत है" मम्मी; मेरे राजा अगर तूने इसको मेरे पेट मी गिराया तो मी बी कल से पूजा की तरह बड़ा पेट ले कर घुमुगी। इसको तू पूजा के पेट मि गिरा देना।



मुख्य; "मंजू जब औरत मर्द के लौड़े के आला आती ही तो उसका पेट तो बदलेगा और अगर तू ज्यादा नखरा करती है तो चल उठ माई पूजा के पेट मी अपना माल गिरा देता हूं तो चल उंगली से अपनी इस चूत की आग को ठंडी किया कर" .



मैं जानता था कि जिस पोजीशन पर मुन्नी जो इतनी गरम थी बिना मेरा लौड़ा अपनी चूत में लिया मानेगी नहीं मेरे मुँह से सुनते ही मम्मी तपाक से बोली "नहीं नहीं इसको मेरी चूत से मत हटा तेरे को जैसे इसको मेरी चूत में डालना ही डाल जाहा" गिराना है वाहा गिरा मैं नहीं रोकूंगी"।



और अपने लौड़े को अपनी चूत पर रगड़ने लगी। फिर मैंने अपना सुपाड़ा मंजू की चूत पर टिकाया और चूत पर रगड़ने लगा। "उफफफफ दीपू!!!! क्यों तरसा रहे हो जालिम? डाल दो ना!!"



मम्मी फ़िर पूजा की तरफ देख कर बोली "बेटी बोल ना इसको डाल दे ना इसको मेरी चूत मी बारसो से तड़प रही हूँ। बरसो से इस चूत को भोसड़ा बनाने के सपने देख रही हूँ"।



मम्मी मेरा लंड पकड़ कर खुद अपनी चूत पर रगड़ने लगी या नीचे से अपनी गांड उठा कर मेरा लंड लेने की कोशिश कर रही थी।



पूजा दीदी मेरी पीठ से सात कर मुझ से लिपटने लगी।

"भैया, पेल डालो अपनी मंजू को। साली याद करेगी कि एक मर्द से चुदी है। देखो कैसे अब अपनी तांगे चौड़ी करके नंगी लेती है कितना नखरा कर रही थी साली और देखो कैसे तड़प रही है लंड के लिए, कैसे नखरा कर रही थी जब मैं नादा खोलने लगी बोली नहीं तू नहीं खोलूंगा इसको तो मेरा यार ही खोलेगा"।



और दीदी मम्मी के होठों को चूमती बोली "देख मेरे माल मेरे यार ने तेरी सलवार का नाड़ा तो खोल ही दिया है, देख अब तेरी चूत कैसे खुलती है तेरी चूत खोलेगा तो फिर मेरी बारी आएगी अपने प्यारे भाई के लंड से चुदवाने की मेरे राजा मंजू की चूत मस्ती से भरी पड़ी है। मसल डालो इसको अपनी माँ की प्यासी चूत को"।



"बेटा जो काम पापा ने किया था आज उनका बेटा भी कर डाले। गाड़ दो इस माल की चूत में अपना डंडा"।



"हराम ज़दी मेरे लंड के नीचे पड़ी हाय अने यार को बेटा बोल रही हाय तेरा मर्द है साली तेरा बेटा तेरा सैंया हू समझी"।



"भैया मां के बाद फिर मुझे कल रात वाली जन्नत दिखाना देना। मेरे पास खड़ी दीदी के होंठों पर चूमते बोला साली अब मैं तेरा बी भैया नहीं तेरा बी सैंया हूं मेरी रानी और अब से मी तेरा ही नहीं तेरी मां का बी सैंया हूं" .



मम्मी मेरे आला तड़प रही थी दीदी खुद अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर माँ की चूत पर रगड़ रही थी और मेरी आँखे मेरी आँखे डाल कर बोली "मेरे राजा महसूस कर रही हूँ कि आज तेरा लंड कल से भी ज्यादा उतावला हो रहा है। और मेरा राजा भैया का लंड उतावला हो भी कोई ना? आज बहन के साथ माँ भी मेरे भाई की हमबिस्तर हो रही है, चोदना शुरू करो"।



"तब तक मैं माँ से अपनी चूत चूसती हूँ। मेरी चूत भी जल रही है!!!"



फिर पूजा दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर माँ की चूत को अंदर ढक दिया। मम्मी की चूत से इतना पानी बह रहा था कि लंड आसान से चूत की गहराई में उतर गया। माँ की टांगों ने मेरी कमर को कस लिया और वो अपनी गांड उछालने लगी।




बस अब नहीं हो पायेगा आगे .................. पढ़ते पढ़ते आपकी भी हालत ,,,,,,,,,,,
Lajawab aur ekdom kamaal kia update!
bahut hi acha kahaani likhte hai aapne yaar
 

manu@84

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मैं समझ गया कि क्या झगड़ा हुआ होगा,चलो मेरे लिए अच्छा ही था | अब मुझे अपना रास्ता सॉफ दिखाई देने लगा था | मैं दीदी को चुप तो करवा ही रहा था लेकिन मेरा दिमाग़ बस अपनी सेक्सी बहन को चोदने की प्लानिंग मैं लगा था | दीदी के जिस्म ने अभी जो मेरे अंदर आग लगा दी थी उसको शांत करने का मौका नही मिल रहा था |

घर जाते ही मैंने बाथरूम से दीदी की पेंटी उठाई और उसकी स्मेल लेने लगा | धुली हुई पेंटी से भी शायद उसकी चूत की थोड़ी बहुत स्मेल आ रही थी, मेरे अंदर का पानी और भी उबाले मारने लगा, मैंने पहले इमेजिन किया कि पेंटी का कौनसा हिस्सा दीदी की मस्त चिकनी चूत को छूता होगा फिर उस हिस्से पे अपनी जीभ फिराई और फिर उसी हिस्से को अपने लंड पे रखके मुट्ठ मारना शुरू कर दिया | आँखें बंद हो गई | दिमाग़ में वही तस्वीर थी | दीदी का मुझ से लिपटना और दीदी की तनी हुई चुचियों की चुभन मुझे अभी भी फील हो रही थी | उसका देहकता बदन उसके लाल होंठ सोचते सोचते मेरी मुट्ठ मारने की स्पीड तेज होती जा रही थी | अब मेरे दिमाग़ में खाली उसके लाल होंठ फ़्लैश कर गये और एक ख्याल आया कि काश मैं दीदी के होंठों पे अपने लंड का पानी निकालूँ | फिर ऐसा लगा कि जैसे पूजा दीदी के पिंक होंठ मेरे लंड के बिल्कुल सामने मेरे लंड का पानी निकलने की इंतज़ार कर रहे हों | उसी वक़्त मेरे अंदर से गरम मलाई निकली और मैंने अपने लंड को दीदी की पेंटी के अंदर ही मसल दिया | पेंटी के चूत वाले हिस्से से लेकर उपर तक सारी पेंटी मेरे लंड की मलाई से भर गई | मैंने अपने लंड को पेंटी के सूखे हिसे से पोंछके धीरे से पेंटी इस तरीके से वापिस रख दी कि उसमें पड़ा मेरा माल नीचे ना गिरे |

अब ऐसा करना यानी दीदी की पेंटी पर अपने लंड का पानी निकालना मेरा रोज़ का काम हो गया था | लेकिन पता नही क्यों दीदी कोई रेस्पॉन्स नही दे रही थी | आख़िर वो अपनी पेंटी तो चेक करती ही होगी फिर भी कोई रेस्पॉन्स नही दे रही थी | मैं उसकी तरफ से बस एक प्लस पॉइंट का इंतज़ार कर रहा था |


अगर आपको यह कहानी पसंद आये तो कमेंट जरुर दीजिएगा ...........
Update 6 तक पढ़ लिया है, बहन के सौंदर्य, भाई की काम जिज्ञासा, चूत पाने की चाहत हर किस्से को बखूबी लिखा है। किंतु यहाँ तक पढ़ने के बाद ये निष्कर्ष निकाला है ये आपने सिर्फ काल्पनिक तौर पर लिखी गई है, ज्यादातर किस्से के हिस्से अधिकतर कहानियों से मिलते जुलते है। इसलिए शायद मै कहानी से जुड़ाव नही कर पा रहा हूँ। देखते हैं आगे के update मे अगर आपने कुछ नई भाई बहन sidcuton की कल्पना अनसुने तरीके से लिखी हो तो जुड़ सकूँ।

Keep posting..... ✍🏻
 

Funlover

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Update 6 तक पढ़ लिया है, बहन के सौंदर्य, भाई की काम जिज्ञासा, चूत पाने की चाहत हर किस्से को बखूबी लिखा है। किंतु यहाँ तक पढ़ने के बाद ये निष्कर्ष निकाला है ये आपने सिर्फ काल्पनिक तौर पर लिखी गई है, ज्यादातर किस्से के हिस्से अधिकतर कहानियों से मिलते जुलते है। इसलिए शायद मै कहानी से जुड़ाव नही कर पा रहा हूँ। देखते हैं आगे के update मे अगर आपने कुछ नई भाई बहन sidcuton की कल्पना अनसुने तरीके से लिखी हो तो जुड़ सकूँ।

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Ji sahi hai

Sab se pehle ye ek chhoti story thi jisko sirf anuvad karke post karne ki manasa thi but jaise jai mai kahani me age badhti gai, khud involved ho gai aur mere vichar aur soch ke anusar kahani banti gai..... Aur abhi tak banti rahi hai..... Kher ye meri dusari kahani hai as writer.... Pehli samapt ho gai fir ye hath me li ab dono kahani ko english me rupantar kar rahi hu......

Yes ye purntah kalpnik hai.... Bas imagination hai.... Mai real me kisi bhi incestuous person ko nahi janti aur agar ausa hai bhi to bhi ye kalpanik hai.....

Dhyan rahe mai professional writer nahi hu bas likhti hu

Bahot kuchh likha bhi hai

Stories aati rahegi bas sequence bane..,.
 
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