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पूजा दीदी भी वापस आ गई। उसने एक सिल्क की हल्के नीले रंग की पारदर्शी साड़ी पहनी हुई थी। मम्मी और दीदी ड्राइंग रूम में बैठे हुए थे। मैं दीदी के साथ बैठ कर छोटे सोफ़े पर बैठ गया। दीदी के जिस्म से भीनी-भीनी सुगंध उठ रही थी और उसका मखमली बदन मुझे उत्साहित कर रहा था।
"मम्मी मैं बीयर लाया हूं। क्यों ना थोड़ी सी हो जाए।“ आज मेरी मम्मी को हर हाल में अपने लंड के लिए अलग लेटना चाहता था वैसे तो मुझे यकीन था कि मम्मी मेरे लंड का मजा लेने के लिए बेचैन ही थीं लेकिन फिर भी कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था क्योंकि आज के बाद मैंने मम्मी को पूजा दीदी के साथ चोद लिया तो फिर घर में आगे के लिए मेरा रास्ता साफ हो जाएगा, मैं जब चाहूं जहां चाहूं मम्मी या पूजा दीदी को चोद सकता हु। कहते ही अगर मर्द या औरत के बीच एक बार जिस्मानी संबंध बन जाए या वो मर्द उस औरत को बिस्तर पर बुरी तरह से मसल दे निचोड़ दे उसके अच्छे से तसल्ली करवा दे तो वो औरत जिंदगी भर के लिए उसकी दासी बन जाती है और आज मैं यहीं माँ के साथ करने वाला था।
पूजा दीदी के आते ही मेरी मम्मी और दीदी बैठ कर बातें करने लगे तो मैंने फिर से मम्मी को छेड़ते हुए कहा
“मंजू बताओ ना उसको किया है क्या?”
तो दीदी मेरी बात सुन कर बोली “दीपू क्या किया है मम्मी ने?”
तो मैंने कहा “पूजा मैंने तेरी मम्मी को कुछ काम करने का बोला था वो पूछ रहा था”
तो दीदी बोली,” अच्छा तो जरूर मम्मी ने नहीं किया होगा।“
पूजा दीदी की बात सुन कर मैंने कहा “ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि आज जो कुछ कहा है वो मैंने नहीं तेरे पापा ने कहा है।“
पापा कहने पर दीदी मुझे छेड़ते हुए और मम्मी की तरफ देख कर शरारती अंदाज़ में बोली “क्या बात है भैया, अब तुम मेरे भाई से पापा बन गए सिर्फ मन से बने हो या फिर.....”
इतना बोल दीदी चुप हो गई तो
“मेरी पूजा रानी अभी तो मन से ही बना हूं लेकिन आज रात तन से भी बन जाऊंगा” और दीदी के साथ मैं भी हसने लगा और फिर मम्मी के कान में बोला
“क्यू मंजू रानी बन जाओगी ना? तेरी बेटी के साथ तुम्हारा भी सैंया”
दीदी फिर बोली “वो तो ठीक तुम मेरे सैंया के साथ मम्मी के भी सैंया बन जाओगे पर फिर भी मैं जानती हूं मम्मी ने तुम्हारा कहा नहीं माना होगा”
तो मैंने कहा “एसा नहीं हो सकता मैं कहू और तेरी मम्मी ना माने”
तो दीदी बोली “लगी शर्त !!!”
तो मैंने काहा “लग गई।“ मेरे शर्त लगाने पर दीदी बोली, “ठीक, तो ठीक है पर ये भी तो पता चले कि हम शर्त किस बात पर लगा रहे है”
तो मैंने कहा “पूजा, मैंने तुम्हारी मम्मी को मेरा इतना कहना था कि.........”
मम्मी चिल्लाई “नहीं, आगे कुछ मत बोलना”
तो मैंने मम्मी से कहा “अरे कुछ नहीं होता मेरी जान पूजा को भी तो पता चलना चाहिए कि उसकी मम्मी उसके पापा का कितना कहा मानती है”
मेरी बात सुनते ही मम्मी का चेहरा देखने लायक था।
“पूजा मैंने तेरी मम्मी को कहा था कि उसने अपनी टैंगो के बीच कितनी बड़ी झाड़ियो से कितना घना जंगल उगा रखा है उसको अपनी झांटे साफ करके उसे वहा सफाचट चिकना मुलायम मैदान बनाने को कहा था।“
मेरी बात सुनते ही मम्मी मुस्कुराती है|
दीदी मम्मी से बोली “क्यू मम्मी, चिकना किया या नहीं?”
तो दीदी की बात पर बोला “क्यू नहीं किया होगा मंजू बता दो मै तो कहता हूं खोल कर ही दिखा दो”
मेरी बात सुनते ही मम्मी पिस्सर से मुझे थप्पड़ मारती बोली,” मुझे पता नहीं क्या-क्या बोलते हो।“
दीदी: “ मैं बोल रही हूं ना इस लिए नहीं दिखा रही हो अब देखा भी दो, पप्पा ने बोला ना कैसे अपना नाडा खोल कर दिखाओगी” पूजा अब मेरे सपोर्ट में थी| और मम्मी को खुलने ने पे मजबूर कर रही थी|
मैं: “वो तो दिखेगी ही देखेगी आज रात खुद अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर दिखाएगी। चलो ये बाद मी देखेंगे पहले एक जाम हो जाए|
मै” “और जाम के साथ में हम कुछ मस्ती भी कर लेंगे।
और फिर मैंने मम्मी और दीदी दोनो को अपनी बाहों में भर कर अपने से चिपका लिया पूजा का तो कोई डर था ही नहीं और मम्मी को नंगी करने का प्रयत्न हम दो भाई बहन कर रहे थे| इसके साथ ही मैंने मम्मी को आंख मार दी तो मम्मी शर्मा गई। मम्मी ने मुस्कुराते हुए सर हिला दिया| मैंने तीन गिलास में बीयर के साथ वोदका मिक्स करके लिया।
मम्मी और पूजा दीदी ने ग्लास पकड़ लिया और धीरे से पीने लगी। शराब के अंदर जाते ही मेरे लंड में आग भड़क उठी। मुझे अपनी दीदी और मम्मी बहुत ही कामुक लगने लगीं। एक प्लेट में मैंने तली हुई मछली और सॉस रखी हुई थी। मैं जानता था कि शराब अंदर जाते ही मम्मी खुद ही मेरी अपने आप खुलेगी। दीदी ने जब चुस्की लेने के बाद फिश खाई तो उसके होठों पर सॉस फेल हो गई।
"पूजा ध्यान से खा...देख अपना मुंह गंदा कर लिया है तुमने...मैं नैपकिन ले कर आती हूं" मम्मी उठी और बाहर चली गई। शायद वो चाहती थी की हम दोनों कुछ करे और वो हमारे साथ जुड़े| मैंने देखा कि दीदी के मुँह पर सॉस लगी हुई थी। मैंने दीदी को बाहों में लेते हुए उसके होठों से सॉस चटनी शुरू कर दी,
"मम्मी तो पागल है...मेरी प्यारी दीदी के मीठे होठों से सॉस साफ करने के लिए जब उसका भाई बैठा है तो नैपकिन लेने चली गई......ऐसे रसीले होठों को नैपकिन से साफ करना चाहिए या तेरा भाई के होठो से”
दीदी के होठों को प्यार से साफ करने के लिए!!! मैंने दीदी को कस कर आलिंगन में ले लिया और उसके चेहरे को चूमने लगा। दीदी भी उत्साहित हो रही थी कि वो मुझे वापस किस कर रही थी।
जब मम्मी वापस आईं तो हम भाई बहन के मुंह एक दूसरे से ऐसे जुड़े हुए थे जैसे कोई प्रेमी हो। मम्मी चुप चाप बैठ गई।
“दीपू बेटा, तू यहां अपनी दीदी से किस कर रहा है और बाहर दरवाजा खुला है। अगर कोई अंदर आ जाता तो? मेरे बच्चों, मेरी खुशी तुम्हारी खुशी मैं ही है। मैंने कल रात सब कुछ देख लिया था और पूजा ने मुझे सब कुछ बता दिया था। मैं तुम दोनों के साथ हूं।“
मम्मी की बात सुन कर मैंने, दीदी को छोड़ कर, मम्मी को अपनी तरफ कर, अपनी बाहो में भर कर बोला “तू दूर क्यू खड़ी हो मेरी छमकछल्लो”
मन से सोचा “भूलभुलैया लूट ये जवानी भूलभुलैया लूटने के लिए है” और मम्मी को चूमने लगा। फिर मैंने दूसरा ग्लास बनाया जब सब ने पहला ग्लास खाली कर दिया था। इस बारी मैंने ग्लास में वोदका की मात्रा बढ़ा दी ताकि सब को नशा जल्दी हो जाए। मेरी योजना आज रात को अपने परिवार की दोनों महिलाओं को एक साथ चोद ने की थी। पूजा दीदी को साथ में रात बिता चुका था जिसकी मम्मी को पता था।
अब माँ को छोड़ देना बेवकूफी होगी। क्योंकि कल को पूजा अपने घर चली जाएगी तो फिर मेरे लंड की आग शांत करने के लिए मम्मी तो होगी ना इसलिए मैं आज मम्मी को चोद कर अपनी बीवी बना लेना चाहता था। आख़िर माँ की भी कुछ ज़रूरत है|
मेरी माँ की भी लंड की भूख बी मुझे ही मिटानी होगी. अपनी माँ के गोरे जिस्म को देख कर मैं पागल हो रहा था। मैं दीदी को ग्लास पकाड़ा कर मां का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास में बिठा लिया और ग्लास मां के होठों पर लगा दिया मां ने घूंट भरा तो शराब उसके होठों से नीचे बह गई और उसकी गर्दन तक शराब के कारण उसका जिस्म भीग गया। मैंने जिभ से शराब पीना शुरू कर दिया। माँ ने अपने आप को छुड़ाने का प्रयास किया लेकिन मैंने उसे जकड रखा था। कुछ हिस्सा माँ की चूची तक चला गया जिसको मैं चूम चूम कर चाटने लगा।
दीदी चुप चाप देख रही थी जब मेरे हाथ माँ की चूची पर कस चुके थे। मैंने पूजा की ऑर देखा उसने मुस्कुराते हुए इशारा किया की आगे बढ़ और अपने धइले की दरार पर इशारा कर के बताया की मा के धइले पर एटेक कर| माँ की साँसें ऐसे चल रही थीं जैसे कोई जानवर छुड़ाता हो।
मैंने मम्मी को चूमते हुए मम्मी की जंगों सहलाना शुरू कर दिया|
और दूसरा हाथ बढ कर दीदी की साडी खोल डाली।
की तभी मम्मी झट से मेरी गोद से उठी और बोली।
"दीपू बेटा, तू और पूजा तो ठीक हो, मुझे इस काम में मत घसीटो। मैं अब जवान नहीं हूं। मैं अब तुम्हें पूजा का पति ही मानूंगी ये मेरा वादा रहा। मुझे तुम जैसा जमाई और पूजा बेटी जैसी बहू कहां मिलेगी और मैं तुम दोनों का प्यार अपनी आँखों के सामने देख सकूँगी"
मम्मी की बात सुनते ही दीदी बोली मम्मी तुम्हें तो दीपू जैसा दामाद या पूजा जैसी बहू मिल जाएगी क्या मुझे दीपू जैसा जवान पापा नहीं चाहिए?? जो मेरी प्यारी और सेक्सी सुंदर मम्मी को खुश रख सके या मस्त हिरोइन जैसी हॉट भाभी जो प्यारे भैया को मेरे जाने के बाद अपनी जवानी से भरपुर मजा दे सके. और भाई का लंड से खेल सके!!!!!!
मैं दीदी की बात सुन कर खुश हो गया बिना मम्मी के मेरी गृहस्थी पूरी होने वाली नहीं थी। आज रात को मेरी मम्मी मेरे लिए मेरी प्यारी मंजू बन जायेगी। बिल्कुल मेरी बहन जैसी एक चोदने वाली औरत।मैने मां का हाथ पकड़ कर अपने सीने से लगाते हुए कहा “मंजू कोन कहता ही है कि तू जवान नहीं हो अरे तुम्हारे आगे से 18 साल की लौंडिया भी शरमा जाये ऐसी मजेदार और रसीली चीज हो तुम एक दम कड़क माल। अब शरमाना छोड़ो मेरी जान और खुल कर जवानी का मजा लो देखो तुम्हारी इस जवानी ने मेरे पप्पू का क्या हाल कर दिया पेंट के अंदर बगावत पर उतर चुका है।“
और मैंने अपनी ज़िप खोल दी और मम्मी का हाथ अंडरवियर के ऊपर से अपने गरम लंड पर रख दिया, "मंजू, अपने नये पति का लंड पकड़ कर देखो कि तुम्हारे पहले पति से बड़ा है या नहीं? मेरी प्यारी मंजू, चाहे ये लंड तेरी चूत से निकला हो, आज तेरी चूत को चोद कर तुझे औरत का सुख देगा, तुझे मेरे बाप की कमी महसूस नहीं होने देगा!!!" मम्मी ने अपने हाथ को मेरे लंड से हटाया नहीं बल्कि प्यार से सहलाने लगी
मुझे समझ आ गया कि मम्मी अब मुझसे चुदने को तैयार ही है।
पूजा ने भि साथ देते हुए मम्मी का हाथ पकड़ा और बोली “मम्मी अब तेरे इस सैया को भी संभालो ये कभी भी बगावत पर ना उतरने पाए अब ये तुम्हारी जिम्मेदारी है और उसे प्रेम से रखो...... यही तुम्हारा दीपू अब तुम्हारी मांग में सिंदूर भरेगा और जैसे मैंने अपने मांग में भराई वैसे आपको भी और आपके सभी दरवाजे को यही लोक करेगा| उस से डरो नहीं पर प्यार करो उसे तुम्हारी और तुम्हे उसकी जरुरत है जैसे मैंने तुम्हे पहले भि कहा था की अब ये एक ही लंड मेरे और तुम्हारे दरवाजे पे दस्तक दिया करेगा उस वक़्त भी तुमने कहा था सोचूंगी अब सोचना नहीं पर न्योछावर होने की बारी है| जो भी करो मन से करो मम्मी| और डर किस बात का होना चाहिए तो मेरा डर होना चाहिए था की मुझे पता चलेगा तो .........पर सामने से मै कह रही हु की दीपू मेरा पति भी है तो पापा भिहाई और मै ये स्वीकार करती हु अब तुम्हे किसी से भी डरने की जरुरत नहीं जहा तक रमेश की बात है उसे पता है तुम उसकी परवाह ना करो वो मेरा है और मै सम्भालुंगी|”
“मम्मी मै और तुम मिल बात के इस लंड को प्यार करते रहेंगे और अपने छेद भरते रहेंगे ना तुम्हे मुज से जलन पैदा होनी चाहिए ना मुझे आपसे| हमारे सभी छेद पर तुम्हारे बेटे के ही मुहर लगी रहेगी| “आज भी और कल भी
“लेकिन बेटे समाज में क्या मुह दिखायेगे” मम्मी मेरे लंड को सहलाते हुए
“समाज की मा मत चोदो मम्मी समाज ने मुझे भी तो उतने ही ताने दिए थे आप को पता है तभी आपने मुझे दीपू के लंड से खेल के मेरे सभी छेद भरने की अनुमति दी थी तो वो सब भूलो और बस अपने इस नमकीन छेदों की चिंता करो” पूजा ने सख्त स्वरों में अपना विचार दे दिया
मम्मी के हाथों से सहलाने से मेरा लंड और वो भी कड़क हो गया। मेरे हाथ जहां मम्मी के बदन को चूम रहे थे वही मेरे हाथ मम्मी के बदन के हर हिस्से को मसल रहे थे खास करके मम्मी की बड़ी तरबूज जैसी गांड को।
मेरी मम्मी मंजू का जिस्म अब वासना से गुलाबी होने लग चुका था। मै अब चूका था कि मम्मी अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है लेकिन थोड़ी शर्म बाकी थी
मम्मी: ”दीपू, प्लीज मुझसे ये सब नहीं होगा” मै अब भी तुम्हे बेटे की तरह देख रही हु”
मैं: ”क्यूं नहीं होगा तुम से क्या तुम जवान नहीं हो खूबसूरत नहीं हो?”
मम्मी: “ नहीं ऐसी बात नहीं है
मैं: “तो फिर क्या बात ही मेरी जान क्या तुम्हारा दिल नहीं करता कोई मर्द तुम्हें बाहों में ले कर प्यार करे तुझे मसले निम्बू की तरह निचोड़े कब तक तुम यू ही तड़पती रहोगी? कब तक यह अपनी इस मस्त जवानी को बर्बाद करती रहोगी?
दीदी; मम्मी दीपू ठीक कह रहा है कब तक तू ही तड़पेगी? कब तक यू ही तुम उंगली से अपने आप को शांत करती रहोगी? मम्मी देखो औरत के बदन की आग जो मर्द बुझा सकता है और कोई नहीं”
मम्मी: “वो तो ठीक ही पूजा लेकिन”
पूजा; लेकिन वेकिन कुछ नहीं ये लेकिन को अब अपनी गांड में डाल दो और मम्मी बस भूल जाओ।“
मम्मी ने अपने चेहरे शर्म से नीचे झुक लिया तो मैं समझ गया कि चिड़िया जाल मील फंस चुकी है। मैंने मम्मी का चेहरा अपने हाथो में ले कर अपनी तरफ घुमा कर पूछा,
“पूजा की मम्मी अब शर्मना छोड़ो खुल कर मैदान में आओ, बताओ ना पूजा के पापा का केला कैसा ही”
मम्मी: “बड़ा मोटा और लम्बा है
मैं: “मोटा या लंबा ही तो चरण कर जाएगा देखना ऐसा लगेगा तुझे जैसे आज तेरी नथ उतर रही है, इतनी तेरी चीख निकलवाऊंगा जितनी पहली रात मैं भी नहीं निकली होगी एकदम सोलह साल की लौंडिया बना दूंगा। बोलो मेरे केले पर चढ़ोगी या मुझे अपने ऊपर चढ़ोगी?
मम्मी: “मैं नहीं चढ़ने वाली”
मैं: “ इसका मतलब अपने ऊपर चढ़ाओगी अच्छा ये तो बता दो की तुमने अपनी गुलाबो को चिकना किया ही या नहीं?”
तो मम्मी मेरी बात सुन कर बुरी तरह से शर्मा गई या अपना मुंह घुमा लिया तो मैंने मम्मी के बदन को सहलते पूछा “बताओ ना पूजा की मम्मी चिकना किया है या नहीं
तो मम्मी मेरी छति मी सर छुपा कर बोली “पता नहीं मुझे और धीरे से बोली “पूजा के पापा।“
मम्मी का मुझे पूजा दीदी का पापा बोलने पर दीदी मम्मी को छेड़ते हुए बोली “हाये अभी से दीपू को मेरा पापा बना दिया और फिर मेरी तरफ देख कर बोली देखिये पापा अभी मम्मी कैसी शर्मा रही है?”
हाय कुछ देर के बाद आपके घोड़े पर बैठ कर उछाल उछाल कर मजा लेगी”
दीदी का इतना कहना था मम्मी प्यार से दीदी को हाथ मारती बोली “बहुत ही बोलती हो, तू मार खायेगी”
मैंने फिर मम्मी से पूछा बताओ ना मंजू तो मम्मी ने इस बार शर्म से कोई जवाब नहीं दिया तो अपने हाथ को अग्गे मम्मी की सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर ले गया और बोला “ठीक है, अगर तुम नहीं बताती तो मैं खुद ही देख लेता हूं”
और सलवार के ऊपर से ही मम्मी की चूत को टटोलने लगा। मैं तो जानता ही हूं कि आज ने मम्मी ने अपनी चूत को एकदुम चिकना किया होगा और हुआ भी ऐसा ही मम्मी ने मेरे लिए अपनी चूत को एकदुम से चिकना करके बिल्कुल किसी कुंवारी लौंडिया के जैसा कर रखा था था मी सलवार के ऊपर से ही मम्मी की चूत में उंगली से छेड़ते पूछा “मंजू तूने तो इसको एक दम चिकना बना लिया इसको तो चाटने में मजा आएगा बोलो चटवोगी ना ये अमृत”
मेरे मुह के द्वारा खुले रूप में मम्मी की चूत चाटने की बात मम्मी का शर्म के मारे मुंह एक दम से लाल हो गया|
मम्मी मेरी छती मी प्यार से मुक्के मरती बोली क्या आप बी ना।
पूजा दीदी भी बहुत सेक्सी अंदाज से मम्मी बोली “मम्मी दीपू तुझे भी उसी तरह प्यार करेगा जैसे वो मुझसे कर चुका है, बहुत प्यारा है मेरा भाई....तेरा बेटा...हमारा ख्याल रखेगा....हमारा मर्द दीपू....हमारा पति .......बहोत कुछ रिश्ते बना लेने है अब तो.........हम दोनों इस बन के रहेंगे...और ये हमारा....ना मेरा...ना तेरा...मां और बेटी दोनों का एक मर्द...एक यार..एक लंड... ..जो मेरा भी है और तेरा भी हम इस की दो बिवियां इसकी दो रखेल हमारे होने वाले बच्चों का बाप ही ये ....हम दोनों ......इसकी दोनों माल!!! !!" मम्मी का चेहरा और गुलाबी हो गया। शायद शर्म और वासना का मिला जुला असर था।
"हां बेटी, जिसे जमाई बनाया था वो तो धोखा दे गया। अब अपने खून पर ही भरोसा है मुझे।“
तब तक मैं मम्मी के गालों को पिंच करके बोला, मेरी चमकछल्लो ये क्यों नहीं बोलती कि जिसने अपनी चूत का मालिक बनाया था वो भी धोखा दे गया।
दीपू मेरा बेटा भी है और दामाद भी और मेरा पति भी और मैं मम्मी को चूमता हूँ..............
अब नहीं बस यहाँ तक ........... कल ............ मुझे तो मजा आई लिखते हुए............. आपको ????????????????