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Incest तीनो की संमति से .....

Funlover

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मेरे सभी पाठको को से एक नम्र निवेदन आवेदन अरजी request या फिर जो भी आप समजते है

आप मेरी द्वारा लिखी गई कहानी आप को मनोरंजन देती है मै नहीं

कृपया मुझे अपना मनोरंजन का साधन ना समजे उसी में सब की भलाई है ( मेरी भी और आपकी भी)

अपने आप को कंट्रोल में रखना आप का काम है मेरा नहीं

जैसे आप कहानी पढ़ के मनोरंजित होते है वैसे ही दूसरी महिलाए भी अपने आप को मनोरंजीत करने आती है अपनी नुमाईश या अपने शरीर द्वारा आप का मनोरंजन करने नहीं

महिलाओं को अभी उतना ही हक है जितना आपको है महिला को सन्मान दीजिये


अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो आप को निवेदन है की मेरा ये थ्रेड आपके लिए उचित नहीं है .............................

आप कहानी पे किसी भी पात्र पे कोई भी कोमेंट करे लेकिन लिखनेवाले पे नहीं ..........

आप की हर कोमेंट आवकार्य है बस थोडा सा कंट्रोल के साथ ....


आप सब की आभारी हु ......
 
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Funlover

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कोनसा चावनप्राष् खाना पड़ेगा 😜
Aapke waha jo bhi badhiya available ho khana shuru kar do kuch fark naa dikhe to dusara..... Teesara..... Aap ki kahani me ek dialogue hai...... Ash na chhodo kinare pe baithe raho kabhi to laher aayegi......
 
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कुछ दिन पूरा माहोल शोकग्रस्त रहा | धीरे धीरे सब घर के लोग अपने वास्तविक जीवन में प्रश्थापित हुए |

और ऐसे ही एक दिन सब तीनो अपने घर में बैठे हुए थे रविवार का दिन था जैसे पहले ही था

रमेश: मोम अब हमें क्या करना चाहिए ??? आखिर कब तक ऐसे ही चलेगा अब हमें पूजा के बारे में और सोचना चाहिए? या फिर जैसे अभी चल रहा है वैसे ही चलना चाहिए ?

मोम: नहीं बेटा हमें पूजा के बारे में सोच ना चाहिए और जल्द से जल्द

कोमल: “भैया आप ने शायद सब सोच रखा है लेकिन आप जैसे शतरंज की चाल जैसे चल रहे हो ऐसा मुझे लगता है अगर आपन ने कुछ सोच के रखा है तो बताओ तो ज्यादा समय व्यतीत ना हो और हम उस पर पूरा ध्यान दे सके” “भाभी आप भी कुछ नहीं बोल रहे”

मोम: yes बेटा कोमल सही कह रही है अगर तुम ने कुछ सोचा है तो बताओ फिर जैसा भी हो हम लोग पूरी चर्चा के बाद ही सर्वानुमत ही कोई निर्णय लेंगे या ऐसा होता है की सब की सोच अलग अलग हो ती है या हो सकती है फिर तय करना मुश्किल हो जाएगा सब को ओनी सोच सही लगती है तो मेरा भी यही सुझाव है की तुम ने कुछ सोचा है तो बताओ वैसे भी अब प्रदीप नहीं है तो उनके बारे में जो सोच रखा था वो तो होना नहीं है अब दुसरे पहलु पे सोचे”



रमेश: “फिर भी मै सब के मन का समजना चाहूँगा और को इहो ऐसा तो अच्छी बात है

सभी ने अपने अपने विचार रखने शुरू किया मोम ने अपने भाई के बारे में बताया तो कोमल ने अपने ही किसी स्कुल का सीनियर के बारे में बताया पर सब में या ओ रमेश ने मना किया आया फिर पूजा ने

मोम:”अब तुम ही बताओ रमेश हम ने हमारा सोच कह दिया और नकारा भी गया”

रमेश: “मोम, कोमल,पूजा मै क्या सोचता हु की कुछ ऐसा हो जो हमारी फेमिली से हो और हम अपनी ही फेमिली में एक नया रिश्ता बनाए जिस से कोई हंगामा नहीं हो और सब सही तरीके से चलता रहे| ये एक दो दिन की बात नहीं है शायद हो सकता है की बच्चा होने का बाद भी ये रिलेशंचालू रहे और उसमे किसी को कोई आपत्ति ही ना हो और सब सही तरीके से चले |”

मोम:”हां ये भी सही है लेकिन अब तुमने सोचा है या फिर तुम दोनों का कोई अलग सोच के ही रखा है तो सिर्फ बताओ हम या मै हामी भर दूंगी|”

“जी भैया” कहती हुए भाभि के पेट पे हाथ घुमाते हुए बोली| “अब जल्दी ही कुछ करो यहाँ कुछ भरने के लिए”



“अब सब suno मैंने काफि सोच विचार के बाद ये निर्णय पे आया हु शायद आप लोगो को पसंद आये या ना भी आये” कह के रमेश ने बोलना शुरू किया .......................................



बहोत और सब जगह से सोच विचार करने के बाद सभी ने उस सोच को अपनाने ने के लिए हां मी भर दी |



अब उसका नतीजे के स्वरुप आप लोगो ने अब तक की कहानी सुन राखी है या पढ़ राखी है मतलब ये है की अब तक की कहानी जो आपने पढ़ी वो एक प्लान के स्वरुप चल रही थी और वो सब दिमांग रमेश का था| और आगे जो चलेगा वो सब रमेश के दिमांग की उपज होगा जिस में उसके घर वालो की रजामंदी से चल रहा है|

लेकिन इस बात की दीपू को या मंजू को कोई भी भनक नहीं है| ना पूजा ने बताया ना रमेश ने किसी को कुछ भी नहीं पता सिर्फ रमेश पूजा और उसके घरवालो के अलावा आपको पता है तो आप को भी विनंती है की आप भी किसी को ना बताये वैसे भी किसी के घर में क्या हो रहा है हमें क्या!!!!!!!!!!!!



अब हम चलते है वापिस अपनी कहानी पे जहा हम ने छोड़ा हुआ था|



ट्रिन.......ट्रिन.........ट्रिन.......पूजा का मोबाइल बज उठा

पूजा ने स्क्रीन पे देखते हुए थोडा मुस्कुराई और फोन पिक किया

हल्लो .....

सामने से आवाज आई “hello आपको तो हमारी याद आएगी नहीं सोचा हमें ही याद करना पड़ेगा”

पु:”अरे एसा कुछ नहीं है डियर मै तुम लोगो को कैसे भूल सकती हु भला”

सामने: “खेर आपका फोन अब तक नहीं आया तो मुझे तो ऐसा लगा की मुझे आपको याद दिलानी ही पड़ेगी की दुनिया में और कोई भी है ....और बताओ बाकी आप लोग कैसे है?”

पु; “जी हम लोग तो सही है और अच्छे है आप लोग कैसे है और हां भूल ने की कोई बात ही नहीं बस समय नहीं मिला”

और दोनोने कुछ बाते की जो मंजू ने कुछ ध्यान नहीं दिया उसका मन कही और ही चल रहा था अब वो दीपू के बारे में कुछ ह्ज्यदा ही सोच ने लगी थी|

आखिर फोन पर बात ख़तम होने के बाद पूजा वापिस अपने मा की पास आई और कुछ इधर उधर की बात हुई


“मम्मी, दीपू ने मुझे जिंदगी का असल आनंद दिया है। उसी ने मुझे बताया की एक मर्द एक औरत को कितना मज़ा और आनंद दे सकता है, सच माँ, दुनिया ने तो जितना दर्द दिया सब भुला दिया भाई ने। चाहे दुनियाँ इस प्यार को जो चाहे नाम दे, या पाप कहे लेकिन मेरे लिए दीपू किसी भगवान से कम नहीं है। मेरे लिए देवता है, मेरा मालिक है, मैं तो अपने भाई के साथ ये जिंदगी बिताने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ। कल तक लण्ड, चूत, चुदाई जैसे शब्द मुझे गाली लगते थे, लेकिन आज ये सब मेरी जिंदगी हैं। मम्मी, तू तो मेरी मम्मी है। तुझे तो मेरी खुशी की प्रार्थना करनी चाहिए। अब तो तुझे भी मर्द का सुख ना मिलने पर दुख हो रहा होगा। मम्मी, अब मैंने दीपू को अपना पति, अपना परमेश्वर मान लिया है…”



यहाँ से हमें आगे जाना है

मुझे खुशी थी की पूजा दीदी खुद सारी जिंदगी मेरी बनकर रहना चाहती थी। वाह… बहन हो तो ऐसी।

पूजा दीदी और मम्मी को अकेले छोड़कर मैं अपने रूम में चला गया। कपड़े चेंज किए और घर से निकल गया। शाम को जब वापिस आया तो मम्मी मुझे अजीब नज़रों से देख रही थी। मम्मी ने भी आज लो-कट गले वाली स्लीवलेस कमीज़ और सलवार पहनी हुई थी। मम्मी का सूट इतना टाइट था की उसमें से मम्मी की बाडी का हर अंग का पूरा आकार सॉफ-सॉफ नज़र आ रहा था।

मेरे सामने मम्मी आंटा गूंधने लगी। जब वो आगे झुकती तो उसकी चूची लगभग पूरी झलक जाती, मेरी नज़र के सामने। मेरा लण्ड खड़ा होने लगा। अपने लण्ड को मसलते हुए मैंने सोचा की चलो दीदी को कमरे में लेजाकर चोदता हूँ। तभी माँ फिर से आगे झुकी और मेरी तरफ देखने लगी। उसकी नज़र से नहीं छुपा था की मैं मम्मी की गोरी-गोरी चूचियों को घूर रहा हूँ। तभी उसकी नज़र मेरी पैंट के सामने वाले उभार पर पड़ी। मेरी प्यारी मम्मी मुश्कुरा पड़ी।

मम्मी की मुश्कुराहट को देखकर मेरे मन में आया की उसको बाहों में भर लूँ और प्यार करूँ। मैंने कहा-“मम्मी, पूजा दीदी कहाँ है? दिखाई नहीं पड़ रही कहीं भी…”

मुझे याद आया कल रात की बात मम्मी बहार हम भाई बहन को देख रही हैं। लेकिन हम इस बात से अंजान थे। मैं पूजा दीदी के साथ लिपट कर सो गया। चुदाई इतनी ज़ोरदार थी कि मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब तक सोता रहा। जब नींद खुली तो दोपहर के 12 बज चुके थे। दीदी मेरे बिस्तार में नहीं आप। उठ कर कपड़े पहनने और मैं नहाने चला गया। पिछले दिन की शराब का नशा मुझे कुछ सोचने से रोक रहा था.. सर भारी था। नहा कर जब बाहर निकला तो मैं चूसूंगा। दीदी के साथ चुदाई की याद मुझे अभी भी उत्तेजित कर रही थी। रात के बाद दीदी की चुदाई का अपना ही अलग मजा था पर मुझे डर था कि कहीं मां हमारी इस रिश्ते से नाराज तो नहीं होगी? ये सवाल मेरे दिमाग में कौंध रहे थे।



मम्मी-“अब सारा प्यार अपनी पूजा दीदी को ही देता रहेगा या अपनी इस मम्मी को भी कुछ हिस्सा देगा? बेटा, पूजा तुझसे बहुत खुश है। लेकिन हम लोगों को प्लान करना पड़ेगा। हम तीनों को किसी ना किसी चीज़ की ज़रूरत है। जमाई राजा ने जमाई का काम तो कुछ नहीं किया, लेकिन उसको हम ब्लैकमेल ज़रूर कर सकते हैं। तुम ऐसा करो की कुछ बीयर वगैरा ले आओ और हम मिलकर रात को बीयर पीकर बात करेंगे और हाँ कुल्फि तो तू अपनी दीदी को ही खिलाएगा, माँ की तुझे क्या ज़रूरत है? तुझे तो बस यही पता चला की मुझे एक अच्छे दामाद की ज़रूरत है। पर तूने इस बात का कभी नहीं सोचा की पूजा को भी पापा की कमी महसूस होती होगी…”



“क्यू तुझे अब पूजा के सिवा कोई दिखता नहीं है” ये सुन कर.... या इतना बोल मम्मी मंद मंद मुस्कुराने लगी मुझे समझ आ गया कि मम्मी का मन आज मस्ती करने का है मै थोड़ा सोच समज कर आगे बढ़ रहा था कि कहा मैं गलत ना हु मम्मी की बात सुन कर मैंने मम्मी की आंखें मेरी आंखे डाल कर कहा,

“ दिखता तो मुझे बहुत है पर क्या करूं कोई मुझे प्यार करने वाला मिले तब ना”

मम्मी; “अब सारा प्यार अपनी पूजा दीदी को ही देता रहेगा?”

मम्मी की इस बात पर मैंने कहा “मम्मी आपकी ही बेटी पूजा चाहती थी कि मैं उससे भाई के साथ साथ पति का बी प्यार दूं।“

मेरी बात सुन कर मम्मी, कुछ इस अंदाज में बोली “अच्छा तूने तो जान लिया कि पूजा को पति के प्यार की जरुरत ही तूने ये नहीं देखा कि पूजा को पापा के प्यार की भी जरूर है या..........

मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतो मी दबा कर कटने लगी मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतों में दबा कर काटने लगी। मैं मम्मी की बात समझ गया कि वो क्या कहना चाहती थी, मैं मुस्कुराता हुआ मम्मी के पास गया और मम्मी को कहा “अपनी बहन, मेरे साथ आए मम्मी का चेहरा उठा कर पूजा को तो पति के साथ, पापा के प्यार की ज़रुरत ही, पर पूजा की मम्मी को किसके प्यार की ज़रुरत ही ज़रा हमें भी तो पता चले और मम्मी की आँखे मी आँखे डाल कर मुस्कुरा कर “बताओ ना पूजा की मम्मी की पूजा की मम्मी को किसके प्यार की ज़रुरत है मेरे इस तरह रोमांटिक तारिके से पूछने पर मम्मी बड़े प्यार से मेरे कंधे पर अपना सर रख कर बोली.......................




अब अगले पार्ट में क्या होगा आप सको पता ही है ...............
Shandar update
 

Funlover

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चलो अब आगे चलते है मजेदार एपिसोड में ............



“पूजा के पापा को पता होगा कि पूजा की मम्मी को किसका प्यार चाहिए”,

मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतों पर मी दबा कर काटने लगी। मुझे मम्मी की बात समझ में आ गई कि वो क्या कहना चाहती थी, मैं मुस्कुराते हुए मम्मी के पास गया और मम्मी को अपनी बाहो मी भारते हुए मम्मी का चेहरा उठा कर बोला

“पूजा को तो पति के साथ पापा के प्यार की जरूरत ही पर पूजा कि मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत है? हा ज़रा हमें भी तो पता चले”



और मम्मी की आँखे में मेरी आँखे डाल कर और मुस्कुरा कर प्रेम से पूछा



“बताओ ना पूजा की मम्मी की पूजा कि मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत है?”

मेरे इस तरह रोमांटिक तारिके से पूछने पर मम्मी बड़े प्यार से मेरे कंधे पर अपना सर रख कर



“पूजा के पापा को पता होगा कि पूजा की मम्मी को किसका प्यार चाहिए पर किसी को पूजा की मम्मी की क्या चिंता है?”

“ क्या कह रही हो पूजा की मम्मी अगर पूजा की मम्मी की चिंता पूजा का पापा नहीं करेगा तो कौन करेगा!!!!! पता नहीं तुम्हें पूजा की मम्मी पूजा के पापा को कितनी चिंता है”?



मै मम्मी के मस्त मुलायम गालों से खेलते हुए बोला

“पूजा की मम्मी, पूजा का पापा तो ये चाहते हैं कि पूजा को पापा का दू और प्यार मिले पर क्या करूं अगर मै पूजा को पापा का प्यार देता हूं तो कहीं उसकी मम्मी को बुरा ना लगे।“



मैंने अपनी बात से मम्मी को ये सिग्नल दे दिया था कि मैं उसे चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ। मम्मी मेरी आँखो में देख कर बोली

“अच्छा पूजा की मम्मी को बुरा क्यों लगेगा अगर तू उसे पापा का प्यार देगा तो उसे तो अच्छा ही लगेगा ना “.ओर अपनी अलग सी स्त्री अदा से मुस्कुराने लगी.



मै: वैसे मंजू पूजा बता रही थी कि उसकी मम्मी को किसी और के प्यार की ज़रुरत है???”

मम्मी; “अच्छा एसा कहा पूजा ने। वैसे तुम्हें क्या पता कि उसकी मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत ही है?”

“पूजा बता रही थी उसकी मम्मी को किसी मर्द के प्यार की जरुरत ही जो उसे बाहों में भर कर प्यार कर सके क्यू मंजू, पूजा सच कह रही थी ना?। की पूजा की मम्मी को किसी मर्द के प्यार की जरुरत है। बताओ ना तुम्हें अच्छा लगता ही कोई मर्द तुझे बहुत अच्छा प्यार करे”

मम्मी; ”अच्छा पूजा ने ऐसा कहा था। मम्मी मेरी बाहो मी शर्म से और मुस्कुरा रही थी और मम्मी के गाल एकदुम से लाल हो चुके थे

मम्मी मेरी बाहो से निकलने का नाटक करती बोली “मै पूजा को भेजती हु बहुत मिस कर रहे हो ना पूजा को।!!!!! आपके पास तो उसके लिए पति का प्रेम बहोत पड़ा हुआ है”

मै अब कुछ ज्यादा ही खुल के बोला “ मेरी जान, इस समय तो मेरी पूजा को नहीं बल्की उसकी मम्मी को मिस कर रहा था और देखो जिसको मिस कर रहा था वो खूबसूरत हसीना मेरी बाहों में है।“



मां; ” बड़े चालाक हो मेरी बेटी के बाद उसकी मम्मी को ही फंसा रहे हो। दोनों से प्रेम कर रहे हो !!!! क्या इतना प्रेम भरा पड़ा है पूजा और उसकी मा के लिए!!!!!!!!!!”



मै;” क्या करु रानी तुम हो ही ऐसी चीज किसी को पागल बना डालो। मंजू तुम ने मेरी जिंदगी में इतनी खूबसूरत लड़की दी लेकिन तुम तो भगवान का दिया हुआ अनमोल खजाना हो



और मैंने मम्मी के चिकने गालों को सहलते हुए कहा “वैसे मेरी पूजा की मम्मी को क्या अच्छा लगता है?”



मेरी बात सुन मम्मी बोली “क्या मेरे पास है ऐसा कुछ अच्छा लगने वाला????



तो मैंने कहा “क्यू नहीं मुझे तो बहुत कुछ अच्छा लगता है” उसकी मम्मी को ये बात बताओ



मेरे लिए मम्मी के लाल लाल मुलायम गालों को सहलते हुए मैंने कहा “पूजा की मम्मी मुझे तो बहुत कुछ अच्छा लगता है तुम बताओ तुम्हें क्या अच्छा लगता है

और मम्मी को अपनी बाहों में ले लो अपने होठों को मम्मी के मुलायम गालों पर रगड़ने लगा तो मम्मी मेरी आंखे मुझे देखती मुस्कुरा रही थी और बोली

“पहले पूजा का पापा बताएं कि उन्हें क्या अच्छा लगता है बाद में बताऊंगी”

तो मैंने मम्मी के चिकने गालों को सहलते हुए मम्मी के चेहरे को अपनी तरफ घुमाते हुए, “क्या कहा पूजा की मम्मी!!!,

“पूजा के पापा वैसे पूजा की मम्मी, उसके पापा ने ये बता दिया कि पूजा के पापा को क्या अच्छा लगता है तो कहीं पूजा की मम्मी बुरा ना मान जाए”



तो मम्मी वोही मादक अदा से मेरी आंखें में आंखे डाल मुस्कुराती बोली “बता ही डालो कि पूजा के पापा को क्या अच्छा लगता है हाय फिर जो होगा देखा जाएगा।“



मुझे समझ आ गया कि मम्मी इस समय पूरी गरम है तो मैंने हिम्मत करके बोल ही दिया।



“पूजा की मम्मी मुझे तो तुम्हें प्यार करना अच्छा लगता है,”



इस पर मम्मी आंखे बंद करके अपने होंथ मेरे होठों की ऑर बढाते एक सेक्सी अंदाज में कहने लगी

“तो फिर करो ना प्यार मुझे तुम को किस ने रोका है और अपने होठ मेरे होठों पर रख कर चूमने लगी मैंने भी मम्मी के होठों को अपने होठों से ले कर चुसने लगा मै मम्मी के होठों को चूस जा रहा था। मैं मम्मी के होठों को चूस रहा था कि मम्मी मेरी बहो में कसमसा रही थी|

मेरे होठों को चूम रही थी मै मम्मी के गालों को चूम रहा था मम्मी मेरी बाहों में थी



“क्या कर रहे हो दम घुट रहा ही सांस तो लेने दो!!!!!”



लेकिन मेरे लिए मम्मी के चिकने गालो पर अपने होंथ रगड़ते बोला,



“कितनी नमकीन हो तुम कितनी नरम हो तुम करने दो प्यार मुझे मेरी जान”



मम्मी मेरी बहो से निकल कर शरमाते हुए मुझसे अलग हुई और बोली



“क्या जी बड़े वो हो गए हो”

“वो????? वो क्या हू मै????

मम्मी; अपनी गर्दन निचे की और जुकते और शरमाते हुए अपनी एक बाह को मेरे गले में डालती हुई बोली

“बड़े बदमाश हो तुम पूजा के पप्पा”

मै मम्मी का सुंदर चेहरा अपने हाथो में लेके उसके चिकने गालों को सहलते बोला



“जब तुम जैसे सुंदर अप्सरा मेरी बाहो में होगी तो बदमाश हो ही जाऊंगा ना जान” और मै उसके कान में फुसफुसाया “मुझे पूजा की मम्मी अक मस्त माल सी लग रही है”

“पूजा के पापा बदमाशिया ना करो और ये माल मै आपकी कब से हु आपका माल तो पूजा है उसके माल से खेलते रहते हो” मुझे चिड़ाते हुई बोली

“देखो पूजा की मा अगर अगर तुम जैसा माल मेरी बाहों में हो तो पूजा का पप्पा बदमाशिया तो करेगा ही और बदमाशिया पूजा की मम्मी के साथ नहीं करेगा तो किसके साथ करेगा|”

मम्मी शरमाते हुए “क्या तुम भी ना इतनी बदमाशियां मुझे नहीं चाहिए”



मै;” पूजा की मम्मी, अगर पूजा का पप्पा बदमाश है तो तुम भी बदमाश बन जाओ ना मेरे साथ और करो ना बदमाशिया” मै मम्मी के पीछे गया और पिछे से मम्मी को अपनी बाहो मी भर लिया और एक हाथ उसकी गांड के दरार पे रख दिया थोडा हिम्मत कर के जो कल हुआ था उसी तरह ......................मम्मी भी आज कल की तरह ही अब तक अच्छा रिस्पोंस दे रही थी .................वैसे मुझे लगा की पूजा ने अपना कम कर दिया है पर मुझे अभी भी डर लग रहा था की काम बिगड़ ना जाये| हाथ में एक अच्छा भरा हुआ कसा हुआ दमदार माल है जो चला ना जाये ...................



बाकी कल
 

madman207

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चलो अब आगे चलते है मजेदार एपिसोड में ............



“पूजा के पापा को पता होगा कि पूजा की मम्मी को किसका प्यार चाहिए”,

मम्मी ये बात बोलते अपने होंथ अपने दांतों पर मी दबा कर काटने लगी। मुझे मम्मी की बात समझ में आ गई कि वो क्या कहना चाहती थी, मैं मुस्कुराते हुए मम्मी के पास गया और मम्मी को अपनी बाहो मी भारते हुए मम्मी का चेहरा उठा कर बोला

“पूजा को तो पति के साथ पापा के प्यार की जरूरत ही पर पूजा कि मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत है? हा ज़रा हमें भी तो पता चले”



और मम्मी की आँखे में मेरी आँखे डाल कर और मुस्कुरा कर प्रेम से पूछा



“बताओ ना पूजा की मम्मी की पूजा कि मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत है?”

मेरे इस तरह रोमांटिक तारिके से पूछने पर मम्मी बड़े प्यार से मेरे कंधे पर अपना सर रख कर



“पूजा के पापा को पता होगा कि पूजा की मम्मी को किसका प्यार चाहिए पर किसी को पूजा की मम्मी की क्या चिंता है?”

“ क्या कह रही हो पूजा की मम्मी अगर पूजा की मम्मी की चिंता पूजा का पापा नहीं करेगा तो कौन करेगा!!!!! पता नहीं तुम्हें पूजा की मम्मी पूजा के पापा को कितनी चिंता है”?



मै मम्मी के मस्त मुलायम गालों से खेलते हुए बोला

“पूजा की मम्मी, पूजा का पापा तो ये चाहते हैं कि पूजा को पापा का दू और प्यार मिले पर क्या करूं अगर मै पूजा को पापा का प्यार देता हूं तो कहीं उसकी मम्मी को बुरा ना लगे।“



मैंने अपनी बात से मम्मी को ये सिग्नल दे दिया था कि मैं उसे चोदने के लिए कब से तड़प रहा हूँ। मम्मी मेरी आँखो में देख कर बोली

“अच्छा पूजा की मम्मी को बुरा क्यों लगेगा अगर तू उसे पापा का प्यार देगा तो उसे तो अच्छा ही लगेगा ना “.ओर अपनी अलग सी स्त्री अदा से मुस्कुराने लगी.



मै: वैसे मंजू पूजा बता रही थी कि उसकी मम्मी को किसी और के प्यार की ज़रुरत है???”

मम्मी; “अच्छा एसा कहा पूजा ने। वैसे तुम्हें क्या पता कि उसकी मम्मी को किसके प्यार की ज़रूरत ही है?”

“पूजा बता रही थी उसकी मम्मी को किसी मर्द के प्यार की जरुरत ही जो उसे बाहों में भर कर प्यार कर सके क्यू मंजू, पूजा सच कह रही थी ना?। की पूजा की मम्मी को किसी मर्द के प्यार की जरुरत है। बताओ ना तुम्हें अच्छा लगता ही कोई मर्द तुझे बहुत अच्छा प्यार करे”

मम्मी; ”अच्छा पूजा ने ऐसा कहा था। मम्मी मेरी बाहो मी शर्म से और मुस्कुरा रही थी और मम्मी के गाल एकदुम से लाल हो चुके थे

मम्मी मेरी बाहो से निकलने का नाटक करती बोली “मै पूजा को भेजती हु बहुत मिस कर रहे हो ना पूजा को।!!!!! आपके पास तो उसके लिए पति का प्रेम बहोत पड़ा हुआ है”

मै अब कुछ ज्यादा ही खुल के बोला “ मेरी जान, इस समय तो मेरी पूजा को नहीं बल्की उसकी मम्मी को मिस कर रहा था और देखो जिसको मिस कर रहा था वो खूबसूरत हसीना मेरी बाहों में है।“



मां; ” बड़े चालाक हो मेरी बेटी के बाद उसकी मम्मी को ही फंसा रहे हो। दोनों से प्रेम कर रहे हो !!!! क्या इतना प्रेम भरा पड़ा है पूजा और उसकी मा के लिए!!!!!!!!!!”



मै;” क्या करु रानी तुम हो ही ऐसी चीज किसी को पागल बना डालो। मंजू तुम ने मेरी जिंदगी में इतनी खूबसूरत लड़की दी लेकिन तुम तो भगवान का दिया हुआ अनमोल खजाना हो



और मैंने मम्मी के चिकने गालों को सहलते हुए कहा “वैसे मेरी पूजा की मम्मी को क्या अच्छा लगता है?”



मेरी बात सुन मम्मी बोली “क्या मेरे पास है ऐसा कुछ अच्छा लगने वाला????



तो मैंने कहा “क्यू नहीं मुझे तो बहुत कुछ अच्छा लगता है” उसकी मम्मी को ये बात बताओ



मेरे लिए मम्मी के लाल लाल मुलायम गालों को सहलते हुए मैंने कहा “पूजा की मम्मी मुझे तो बहुत कुछ अच्छा लगता है तुम बताओ तुम्हें क्या अच्छा लगता है

और मम्मी को अपनी बाहों में ले लो अपने होठों को मम्मी के मुलायम गालों पर रगड़ने लगा तो मम्मी मेरी आंखे मुझे देखती मुस्कुरा रही थी और बोली

“पहले पूजा का पापा बताएं कि उन्हें क्या अच्छा लगता है बाद में बताऊंगी”

तो मैंने मम्मी के चिकने गालों को सहलते हुए मम्मी के चेहरे को अपनी तरफ घुमाते हुए, “क्या कहा पूजा की मम्मी!!!,

“पूजा के पापा वैसे पूजा की मम्मी, उसके पापा ने ये बता दिया कि पूजा के पापा को क्या अच्छा लगता है तो कहीं पूजा की मम्मी बुरा ना मान जाए”



तो मम्मी वोही मादक अदा से मेरी आंखें में आंखे डाल मुस्कुराती बोली “बता ही डालो कि पूजा के पापा को क्या अच्छा लगता है हाय फिर जो होगा देखा जाएगा।“



मुझे समझ आ गया कि मम्मी इस समय पूरी गरम है तो मैंने हिम्मत करके बोल ही दिया।



“पूजा की मम्मी मुझे तो तुम्हें प्यार करना अच्छा लगता है,”



इस पर मम्मी आंखे बंद करके अपने होंथ मेरे होठों की ऑर बढाते एक सेक्सी अंदाज में कहने लगी

“तो फिर करो ना प्यार मुझे तुम को किस ने रोका है और अपने होठ मेरे होठों पर रख कर चूमने लगी मैंने भी मम्मी के होठों को अपने होठों से ले कर चुसने लगा मै मम्मी के होठों को चूस जा रहा था। मैं मम्मी के होठों को चूस रहा था कि मम्मी मेरी बहो में कसमसा रही थी|

मेरे होठों को चूम रही थी मै मम्मी के गालों को चूम रहा था मम्मी मेरी बाहों में थी



“क्या कर रहे हो दम घुट रहा ही सांस तो लेने दो!!!!!”



लेकिन मेरे लिए मम्मी के चिकने गालो पर अपने होंथ रगड़ते बोला,



“कितनी नमकीन हो तुम कितनी नरम हो तुम करने दो प्यार मुझे मेरी जान”



मम्मी मेरी बहो से निकल कर शरमाते हुए मुझसे अलग हुई और बोली



“क्या जी बड़े वो हो गए हो”

“वो????? वो क्या हू मै????

मम्मी; अपनी गर्दन निचे की और जुकते और शरमाते हुए अपनी एक बाह को मेरे गले में डालती हुई बोली

“बड़े बदमाश हो तुम पूजा के पप्पा”

मै मम्मी का सुंदर चेहरा अपने हाथो में लेके उसके चिकने गालों को सहलते बोला



“जब तुम जैसे सुंदर अप्सरा मेरी बाहो में होगी तो बदमाश हो ही जाऊंगा ना जान” और मै उसके कान में फुसफुसाया “मुझे पूजा की मम्मी अक मस्त माल सी लग रही है”

“पूजा के पापा बदमाशिया ना करो और ये माल मै आपकी कब से हु आपका माल तो पूजा है उसके माल से खेलते रहते हो” मुझे चिड़ाते हुई बोली

“देखो पूजा की मा अगर अगर तुम जैसा माल मेरी बाहों में हो तो पूजा का पप्पा बदमाशिया तो करेगा ही और बदमाशिया पूजा की मम्मी के साथ नहीं करेगा तो किसके साथ करेगा|”

मम्मी शरमाते हुए “क्या तुम भी ना इतनी बदमाशियां मुझे नहीं चाहिए”



मै;” पूजा की मम्मी, अगर पूजा का पप्पा बदमाश है तो तुम भी बदमाश बन जाओ ना मेरे साथ और करो ना बदमाशिया” मै मम्मी के पीछे गया और पिछे से मम्मी को अपनी बाहो मी भर लिया और एक हाथ उसकी गांड के दरार पे रख दिया थोडा हिम्मत कर के जो कल हुआ था उसी तरह ......................मम्मी भी आज कल की तरह ही अब तक अच्छा रिस्पोंस दे रही थी .................वैसे मुझे लगा की पूजा ने अपना कम कर दिया है पर मुझे अभी भी डर लग रहा था की काम बिगड़ ना जाये| हाथ में एक अच्छा भरा हुआ कसा हुआ दमदार माल है जो चला ना जाये ...................



बाकी कल
Bhai superb story darasal me bhi ek story likh rha hun par kya horha hai mujhe update new page pe kese doon nahi aarhi kese karun 1 hi page pe likh rha hun aur ab more than 50 images ka sign aane laga hai mujhe batao ki page by page updates kese likhun
 
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manu@84

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Aapke waha jo bhi badhiya available ho khana shuru kar do kuch fark naa dikhe to dusara..... Teesara..... Aap ki kahani me ek dialogue hai...... Ash na chhodo kinare pe baithe raho kabhi to laher aayegi......
आप जैसी सीनियर लेखिका, मेरी कहानी को पढ़ रही है उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया....। सच कहु तो आपकी थ्रेड पर मेरा ये तीसरा मैसेज है, मै आपकी इस कहानी पर title तीनों की सम्मति से attract हो गया था, और पढ़ने के लिए आया था। लेकिन शुरुआती ज्ञान चर्चा पढ़ कर मुझे ऐसा लगा कि कहानिकार कहानी की आड़ में मे कोई समाज सुधारक योजना चला रहा है😁 चूंकि ये ज्ञान चर्चा सोशल मीडिया पर भरी हुई हैं उससे बोर होकर मुझ जैसे ठरकी शक्ति कपूर यहाँ आते हैं, यहाँ भी उपदेश पढ़ने को मिलङ्गे तो हम कहाॅं जाये 🤔😁

खैर आपकी स्टोरी को इंडेक्स मे बनाइये मुझे वक्त कम मिलता है, आपकी स्टोरी के पहले update पर पहुँचने में ही मेरा सारा वक्त निकल जाता है। जिसकी वजह है आपके फेन रीडर के प्यारे से कॉमेंट की भरमार.....!

तीनों की सम्मति.... मे मै भी अपनी मति से सहमति देना चाहती हूँ। कृपया ध्यान दीजिये।

वैसे chwanprassh की सलाह के लिए शुक्रिया, पर शायद मुझे केसरी जीवन की जरूरत है😂😁

धन्यवाद
 

Funlover

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Bhai superb story darasal me bhi ek story likh rha hun par kya horha hai mujhe update new page pe kese doon nahi aarhi kese karun 1 hi page pe likh rha hun aur ab more than 50 images ka sign aane laga hai mujhe batao ki page by page updates kese likhun
Jitna likhna hai utna likho bad me post kar do....
Nayi post me fir se likho
Pages apne aap bante jayenge
 
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