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Romance तेरी मेरी आशिक़ी (कॉलेज के दिनों का प्यार)

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Lazy villain
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तीसवाँ भाग


सगाई हो जाने के बाद मैं और दीपा बहुत खुश थे और हमेशा साथ साथ रहने लगे। अगले दिन जब मैं कॉलेज पहुँचा तो बधाई देने वालों का तांता लग गया। चूंकि विद्याथियों के लिए अब मैं कोई आम विद्यार्थी तो था नहीं। उनका छात्रनेता था, और मेरे काम और मेरे व्यवहार ने सभी विद्यार्थी और प्रोफेसर के दिल में मेरे लिए एक खास छाप छोड़ी थी। तो हम दोनों की सगाई की खबर कॉलेज में जैसे जंगल मे आग फैलती है उसी तरह फैल चुकी थी। विद्यार्थी खुशी से मुझे बधाई दे रहे थे।

इस पूरे प्रक्रम के दौरान मुझे देवांशु कहीं दिखाई नही पड़ा था। मैं अपनी कक्षा में जाकर बैठ गया। थोड़ी देर बाद क्लास शुरू हो गई। क्लास अटेंड करने के बाद भोजनावकाश के समय मैं राहुल भैया के पास चला गया। वो अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे। मुझे देखकर उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।

अरे निशांत आओ आओ। और बताओ क्या चल रहा है। राहुल भैया ने कहा।

मैं ठीक हूँ भैया और सब ठीक चल रहा है। मैंने कहा।

तुमको बहुत बहुत बधाई सगाई के लिए। बहुत खुशनशीब हो तुम कि तुम जिस लड़की से प्यार करते हो उसी लड़की से तुम्हारी शादी हो रही है। राहुल भैया ने कहा।

ये सब मेरे घरवालों ने किया है भैया। उनकी वजह से ही मुझे मेरी दीपा मिल रही है। मैंने कहा।

अभी हमारी बात चीत चल ही रही थी कि तभी दीपा मुझे ढूंढते हुए वहां पर आ गयी।

तुम यहाँ पर बैठे हुए हो और मैंने तुम्हें पूरे कॉलेज में ढूंढ लिया। दीपा ने कहा।

अरे हम भी यहां बैठे हुए हैं, लेकिन लगता है तुम्हारा पूरा ध्यान अपने होने वाले पति पर ही लगा हुआ है। हम लोग तो जैसे यहां हैं ही नहीं। राहुल भैया ने कहा।

राहुल भैया की बात सुनकर दीपा शरमाने लगी।

नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है ये तो बस दीपा को ध्यान नहीं रहा होगा। मैंने राहुल भैया से कहा।

ओए होए। क्या बात है। अभी से इतनी तरफ़दारी। पता नहीं शादी के बाद क्या होगा तुम दोनों का। चलो भाई चलो। अब इन दोनों प्रेमियों के बीच हम सब का क्या काम, खामखाह कबाब में हड्डी बन रहे हैं हम। राहुल भैया ने हम दोनों की चुटकी लेते हुए कहा।

राहुल भैया की बात सुनक़र विक्रम भैया और उनके दोस्त जाने लगे। दीपा ने उन्हें रोकते हुए कहा।

नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है आप लोग बैठिए न। हम दोनों को कोई दिक्कत थोड़े न है।

नहीं दीपा हम तो मज़ाक कर रहे थे। अभी क्लास का समय हो रहा है तो हम लोगों को जाना होगा। तुम दोनों बैठो और बातें करो। राहुल भैया जाते हुए बोले।

राहुल भैया के जाने के बाद दीपा मेरे बगल में बैठ गई और मेरे कंधे पर अपना सिर रख दिया। मैंने अपना हाथ उठाकर उसके सिर पर रख दिया और उसके बालों में उंगलियां घुमाने लगा। हम दोनों खामोशी से बैठे हुए थे। थोड़ी देर बाद दीपा ने मेरे कंधे से सिर उठाते हुए कहा।

छोटे क्यों न आज हम दोनों फ़िल्म देखने चलें।

हाँ क्यों नहीं। चलो चलते हैं। मैंने कहा।

उसके बाद मैंने अपनी बाइक निकली और दीपा को पीछे बैठने के लिए कहा। दीपा एक तरफ दोनों पैर करके बैठने लगी तो मैंने कहा।

ये क्या दीपा। अब तो हमारी सगाई भी हो चुकी है। फिर भी तुम ऐसे बैठ रही हो। दोनों तरफ पैर करके मुझसे चिपक कर बैठो न। मैंने दीपा से कहा।

मेरी बात सुनकर दीपा मुस्कुराते हुए अपने पैर दोनों तरफ करके मुझसे चिपक कर बैठते हुए बोली।

क्या बात है छोटे बाबू। आज बड़ा रोमांस सूझ रहा है तुम्हे।

ये रोमांस नहीं है डार्लिंग। ये तो अब मेरा हक है जो मैं तुमपर जता रहा हूँ।

उसके बाद हम दोनों सिनेमाहाल पहुच गए फ़िल्म देखने के लिए। उस समय सिनेमाहाल में सनम तेरी कसम फ़िल्म चल रही थी। हम दोनों टिकट लेकर फ़िल्म देखने अंदर चले गए। अब ये फ़िल्म कैसी है ये तो सभी को पता है। फ़िल्म खत्म होते होते दीपा की आंखों से गंगा जमुना बहने लगी। फ़िल्म खत्म होने के बाद दीपा बाथरूम चली गई और अपने चेहरे को धोकर बाहर आई। उसके बाद हम दोनों घर के लिए निकल पड़े।

ये फ़िल्म कितनी दर्दभरी है न। मेरी आंखों में तो आंसू आ गए। दीपा ने कहा।

बात तो सही कही तुमने दीपा। लगता है पूरी फिल्म के दौरान तुमने अपने आपको ही उस लड़की की जगह महसूस किया। मैंने दीपा से कहा।

तुम सही कह रहे हो निशांत। दीपा ने कहा।

हम दोनों बात करते हुए घर आ रहे थे। रास्ते में एक ठेले पर छोला भटूरा बन रहा था तो दीपा ने बाइक रोकने के लिए कहा। मैंने बाइक रोकी तो दीपा उतरकर उस ठेले के पास चली गई। मैंने भी अपनी गाड़ी ठेले के पास लगाई और दीपा के पास चला गया।

भैया एक थाली छोले भटूरे देना। दीपा ने उस ठेले वाले से कहा।

ठेले वाले ने गरमा गरम छोला भटूरा निकल कर दिया। हम दोनों एक ही थाली में खाने लगे।

अभी हमने आधी थाली छोले भटूरे खत्म किये थे कि एक 8-9 साल का लड़का वहां पर आया और हमे खाते हुए देखने लगा। तभी दीपा की नज़र उस लड़के पर पड़ी। दीपा ने मुझे इशारा करके बताया। मैंने उस लड़के को देखा। वो बहुत ललचाई नजरों से हमारी खाने की थाली को देख रहा था। वो जिस तरह से थाली को देख रहा था हमें लग रहा था कि वो भूखा है। दीपा ने उससे पूछा।

छोले भटूरे खाओगे।

उस लड़के ने हां में गर्दन हिलाई। दीपा ने ठेले वाले से एक थाली छोले भटूरे देने के लिए कहा।

अरे मैडम आप नहीं जानती इन लोगों को। ये रोज़ का काम है। कुछ करते नहीं हैं बस दिन भर घूमते रहते हैं। आप लोग इन सब के चक्कर में मत पढ़िए। ठेले वाले ने कहा।

अरे भैया कैसी बात कर रहे हैं आप। देखो तो कितना भूखा लग रहा है। आप एक थाली इसे दे दीजिए। पैसे तो हम दे ही रहे हैं आपको। दीपा ने कहा।

दीपा के कहने के बाद ठेले वाले ने एक थाली छोला भटूरा बच्चे को खाने के लिए दिया। बच्चे ने जल्दी से उसे खत्म किया और हमें आभार भारी नज़रों से देखता हुआ चला गया। मैंने ठेले वाले को दो थाली के पैसे दिए और घर की ओर निकल लिए। सबसे पहले मैंने दीपा को उसके घर छोड़ा और फिर अपने घर आ गया।

घर आकर मैं अपने कमरे में चल गया। इसी तरह दिन गुजरते रहे और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ता रहा। मेरी सगाई को अब 20 दिन से ज्यादा हो गए थे।

मैं सुबह स्नान करके नाश्ता करने के बाद कॉलेज चला गया। कॉलेज गेट पर ही मेरी मुलाकात दीपा से हो गई। हम दोनों साथ साथ कॉलेज के अंदर चले गए और कॉरिडोर से होते हुए अपनी कक्षा में चले गए।

भोजनावकाश के समय मैं और दीपा कैंटीन में चले गए और साथ मे खाना खाया। कुछ देर बैठे रहने के बाद दीपा की सहेली आ गई और उसने दीपा को साथ चलने के लिए कहा। दीपा उसके साथ चली गई। मैं कैंटीन से जाने वाला ही था कि राहुल भैया और उनके दोस्त आ गए तो मैं उन लोगों के साथ बैठ गया और बातचीत करने लगा।

उधर दीपा अपनी सहेली के साथ जा रही थी कि कॉरिडोर के पास उसकी मुलाकात देवांशु से हो गई। दीपा उसे नजरअंदाज करके आगे बढ़ने लगी।

क्या बात है दीपा। इतनी नाराजगी। मुझे माफ़ कर दो। उस दिन जो भी मैंने तुमसे अभद्र भाषा मे बात किया उसके लिए माफ़ी मांगता हूं। देवांशु ने माफी भी अकड़ के साथ मांगी।

दीपा ने उसको कोई जवाब नहीं दिया और अपनी सहेली के साथ आगे बढ़ गई। देवांशु जाकर दीपा के आगे खड़ा हो गया।

अरे यार दीपा। मुझे माफ़ कर दो। में सचमुच् तुमसे दिल से माफी मांग रहा हूँ। उस जिन मैंने तुमसे जिस तरह से बात की मुझे वैसे बात नहीं करना चाहिए था। देवांशु ने कहा।

ठीक है मैंने तुम्हें माफ किया। अब मेरा रास्ता छोड़ो। दीपा ने कहा।

नहीं दीपा पहले तुम मुझे माफ़ करो उसके बाद ही मैं तुम्हे जाने दूंगा। अभी तुमने मुझे माफ़ नहीं किया। ये तुम ऊपरी मन से बोल रही हो। देवांशु ने दीपा का हाथ पकड़ते हुए कहा।

मैंने तुम्हें सच में माफ कर दिया देवांशु। दीपा ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा।

एक बात बताओ दीपा। उस निशांत में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है। तो तुमने मेरे बजाय उस निशांत से क्यों सगाई कर ली। देवांशु ने फिर से दीपा का हाथ पकड़ते हुए कहा।

मेरा हाथ छोड़ो देवांशु। तुम्हारे पास ऐसा कुछ भी नहीं है। न लड़की से बात करने की तमीज़, न ही लड़की का सम्मान और इज़्ज़त करने के गुण। तुम बहुत ही बदतमीज़ और बिगड़े हुए लड़के हो। मैं तो तुझे देखना भी पसंद न करूँ। सगाई तो बहुत दूर की बात है। दीपा ने अपना हाथ झटकते हुए कहा।

दीपा की बात सुनकर देवांशु आग बबूला हो गया और उसने दीपा का हाथ कसकर पकड़ते हुए कहा।

तू क्या समझती है अपने आपको। तेरे जैसी लड़कियाँ मेरे आगे पीछे घूमती हैं। और तू मुझे बदतमीज़ बोल रही है। बदतमीज़ी क्या होती है लगता है तुझे बताना पड़ेगा।

इतना कहकर देवांशु अपना हाथ दीपा के दुपट्टे के तरफ बढ़ने लगा। दीपा ने पूरा जोर लगाकर अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाया और पूरी ताकत से एक जोरदार तमाचा देवांशु के गालों पर रसीद कर दिया जिसकी आवाज़ पूरे कॉरिडोर में गूंज गई।

...च...टा...क...।।



साथ बने रहिए।।
Let's start the review
To Nishant ki sagai ho gayi aur sagai ke baad ke lutf bhi utha rhe hai ( pata nhi Mera kab sagai aur shadi hoga 😪😭😭😭😭) aur dipa ne sahi kaha devanshu ko always respect girl ..... devanshu ko ek bat samjhana chahiye ki larki ne 1-2 bar na bol Diya Matlab na and no more tries isse Deepa ho ya any girl harassment feel karti hai ...nice update let's see what happens in next update
 
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Chinturocky

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Divanshu ka koi parmanent ilaj karana padega.
 
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mashish

BHARAT
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तीसवाँ भाग


सगाई हो जाने के बाद मैं और दीपा बहुत खुश थे और हमेशा साथ साथ रहने लगे। अगले दिन जब मैं कॉलेज पहुँचा तो बधाई देने वालों का तांता लग गया। चूंकि विद्याथियों के लिए अब मैं कोई आम विद्यार्थी तो था नहीं। उनका छात्रनेता था, और मेरे काम और मेरे व्यवहार ने सभी विद्यार्थी और प्रोफेसर के दिल में मेरे लिए एक खास छाप छोड़ी थी। तो हम दोनों की सगाई की खबर कॉलेज में जैसे जंगल मे आग फैलती है उसी तरह फैल चुकी थी। विद्यार्थी खुशी से मुझे बधाई दे रहे थे।

इस पूरे प्रक्रम के दौरान मुझे देवांशु कहीं दिखाई नही पड़ा था। मैं अपनी कक्षा में जाकर बैठ गया। थोड़ी देर बाद क्लास शुरू हो गई। क्लास अटेंड करने के बाद भोजनावकाश के समय मैं राहुल भैया के पास चला गया। वो अपने दोस्तों के साथ बैठे हुए थे। मुझे देखकर उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई।

अरे निशांत आओ आओ। और बताओ क्या चल रहा है। राहुल भैया ने कहा।

मैं ठीक हूँ भैया और सब ठीक चल रहा है। मैंने कहा।

तुमको बहुत बहुत बधाई सगाई के लिए। बहुत खुशनशीब हो तुम कि तुम जिस लड़की से प्यार करते हो उसी लड़की से तुम्हारी शादी हो रही है। राहुल भैया ने कहा।

ये सब मेरे घरवालों ने किया है भैया। उनकी वजह से ही मुझे मेरी दीपा मिल रही है। मैंने कहा।

अभी हमारी बात चीत चल ही रही थी कि तभी दीपा मुझे ढूंढते हुए वहां पर आ गयी।

तुम यहाँ पर बैठे हुए हो और मैंने तुम्हें पूरे कॉलेज में ढूंढ लिया। दीपा ने कहा।

अरे हम भी यहां बैठे हुए हैं, लेकिन लगता है तुम्हारा पूरा ध्यान अपने होने वाले पति पर ही लगा हुआ है। हम लोग तो जैसे यहां हैं ही नहीं। राहुल भैया ने कहा।

राहुल भैया की बात सुनकर दीपा शरमाने लगी।

नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है ये तो बस दीपा को ध्यान नहीं रहा होगा। मैंने राहुल भैया से कहा।

ओए होए। क्या बात है। अभी से इतनी तरफ़दारी। पता नहीं शादी के बाद क्या होगा तुम दोनों का। चलो भाई चलो। अब इन दोनों प्रेमियों के बीच हम सब का क्या काम, खामखाह कबाब में हड्डी बन रहे हैं हम। राहुल भैया ने हम दोनों की चुटकी लेते हुए कहा।

राहुल भैया की बात सुनक़र विक्रम भैया और उनके दोस्त जाने लगे। दीपा ने उन्हें रोकते हुए कहा।

नहीं भैया ऐसी कोई बात नहीं है आप लोग बैठिए न। हम दोनों को कोई दिक्कत थोड़े न है।

नहीं दीपा हम तो मज़ाक कर रहे थे। अभी क्लास का समय हो रहा है तो हम लोगों को जाना होगा। तुम दोनों बैठो और बातें करो। राहुल भैया जाते हुए बोले।

राहुल भैया के जाने के बाद दीपा मेरे बगल में बैठ गई और मेरे कंधे पर अपना सिर रख दिया। मैंने अपना हाथ उठाकर उसके सिर पर रख दिया और उसके बालों में उंगलियां घुमाने लगा। हम दोनों खामोशी से बैठे हुए थे। थोड़ी देर बाद दीपा ने मेरे कंधे से सिर उठाते हुए कहा।

छोटे क्यों न आज हम दोनों फ़िल्म देखने चलें।

हाँ क्यों नहीं। चलो चलते हैं। मैंने कहा।

उसके बाद मैंने अपनी बाइक निकली और दीपा को पीछे बैठने के लिए कहा। दीपा एक तरफ दोनों पैर करके बैठने लगी तो मैंने कहा।

ये क्या दीपा। अब तो हमारी सगाई भी हो चुकी है। फिर भी तुम ऐसे बैठ रही हो। दोनों तरफ पैर करके मुझसे चिपक कर बैठो न। मैंने दीपा से कहा।

मेरी बात सुनकर दीपा मुस्कुराते हुए अपने पैर दोनों तरफ करके मुझसे चिपक कर बैठते हुए बोली।

क्या बात है छोटे बाबू। आज बड़ा रोमांस सूझ रहा है तुम्हे।

ये रोमांस नहीं है डार्लिंग। ये तो अब मेरा हक है जो मैं तुमपर जता रहा हूँ।

उसके बाद हम दोनों सिनेमाहाल पहुच गए फ़िल्म देखने के लिए। उस समय सिनेमाहाल में सनम तेरी कसम फ़िल्म चल रही थी। हम दोनों टिकट लेकर फ़िल्म देखने अंदर चले गए। अब ये फ़िल्म कैसी है ये तो सभी को पता है। फ़िल्म खत्म होते होते दीपा की आंखों से गंगा जमुना बहने लगी। फ़िल्म खत्म होने के बाद दीपा बाथरूम चली गई और अपने चेहरे को धोकर बाहर आई। उसके बाद हम दोनों घर के लिए निकल पड़े।

ये फ़िल्म कितनी दर्दभरी है न। मेरी आंखों में तो आंसू आ गए। दीपा ने कहा।

बात तो सही कही तुमने दीपा। लगता है पूरी फिल्म के दौरान तुमने अपने आपको ही उस लड़की की जगह महसूस किया। मैंने दीपा से कहा।

तुम सही कह रहे हो निशांत। दीपा ने कहा।

हम दोनों बात करते हुए घर आ रहे थे। रास्ते में एक ठेले पर छोला भटूरा बन रहा था तो दीपा ने बाइक रोकने के लिए कहा। मैंने बाइक रोकी तो दीपा उतरकर उस ठेले के पास चली गई। मैंने भी अपनी गाड़ी ठेले के पास लगाई और दीपा के पास चला गया।

भैया एक थाली छोले भटूरे देना। दीपा ने उस ठेले वाले से कहा।

ठेले वाले ने गरमा गरम छोला भटूरा निकल कर दिया। हम दोनों एक ही थाली में खाने लगे।

अभी हमने आधी थाली छोले भटूरे खत्म किये थे कि एक 8-9 साल का लड़का वहां पर आया और हमे खाते हुए देखने लगा। तभी दीपा की नज़र उस लड़के पर पड़ी। दीपा ने मुझे इशारा करके बताया। मैंने उस लड़के को देखा। वो बहुत ललचाई नजरों से हमारी खाने की थाली को देख रहा था। वो जिस तरह से थाली को देख रहा था हमें लग रहा था कि वो भूखा है। दीपा ने उससे पूछा।

छोले भटूरे खाओगे।

उस लड़के ने हां में गर्दन हिलाई। दीपा ने ठेले वाले से एक थाली छोले भटूरे देने के लिए कहा।

अरे मैडम आप नहीं जानती इन लोगों को। ये रोज़ का काम है। कुछ करते नहीं हैं बस दिन भर घूमते रहते हैं। आप लोग इन सब के चक्कर में मत पढ़िए। ठेले वाले ने कहा।

अरे भैया कैसी बात कर रहे हैं आप। देखो तो कितना भूखा लग रहा है। आप एक थाली इसे दे दीजिए। पैसे तो हम दे ही रहे हैं आपको। दीपा ने कहा।

दीपा के कहने के बाद ठेले वाले ने एक थाली छोला भटूरा बच्चे को खाने के लिए दिया। बच्चे ने जल्दी से उसे खत्म किया और हमें आभार भारी नज़रों से देखता हुआ चला गया। मैंने ठेले वाले को दो थाली के पैसे दिए और घर की ओर निकल लिए। सबसे पहले मैंने दीपा को उसके घर छोड़ा और फिर अपने घर आ गया।

घर आकर मैं अपने कमरे में चल गया। इसी तरह दिन गुजरते रहे और हम दोनों का प्यार परवान चढ़ता रहा। मेरी सगाई को अब 20 दिन से ज्यादा हो गए थे।

मैं सुबह स्नान करके नाश्ता करने के बाद कॉलेज चला गया। कॉलेज गेट पर ही मेरी मुलाकात दीपा से हो गई। हम दोनों साथ साथ कॉलेज के अंदर चले गए और कॉरिडोर से होते हुए अपनी कक्षा में चले गए।

भोजनावकाश के समय मैं और दीपा कैंटीन में चले गए और साथ मे खाना खाया। कुछ देर बैठे रहने के बाद दीपा की सहेली आ गई और उसने दीपा को साथ चलने के लिए कहा। दीपा उसके साथ चली गई। मैं कैंटीन से जाने वाला ही था कि राहुल भैया और उनके दोस्त आ गए तो मैं उन लोगों के साथ बैठ गया और बातचीत करने लगा।

उधर दीपा अपनी सहेली के साथ जा रही थी कि कॉरिडोर के पास उसकी मुलाकात देवांशु से हो गई। दीपा उसे नजरअंदाज करके आगे बढ़ने लगी।

क्या बात है दीपा। इतनी नाराजगी। मुझे माफ़ कर दो। उस दिन जो भी मैंने तुमसे अभद्र भाषा मे बात किया उसके लिए माफ़ी मांगता हूं। देवांशु ने माफी भी अकड़ के साथ मांगी।

दीपा ने उसको कोई जवाब नहीं दिया और अपनी सहेली के साथ आगे बढ़ गई। देवांशु जाकर दीपा के आगे खड़ा हो गया।

अरे यार दीपा। मुझे माफ़ कर दो। में सचमुच् तुमसे दिल से माफी मांग रहा हूँ। उस जिन मैंने तुमसे जिस तरह से बात की मुझे वैसे बात नहीं करना चाहिए था। देवांशु ने कहा।

ठीक है मैंने तुम्हें माफ किया। अब मेरा रास्ता छोड़ो। दीपा ने कहा।

नहीं दीपा पहले तुम मुझे माफ़ करो उसके बाद ही मैं तुम्हे जाने दूंगा। अभी तुमने मुझे माफ़ नहीं किया। ये तुम ऊपरी मन से बोल रही हो। देवांशु ने दीपा का हाथ पकड़ते हुए कहा।

मैंने तुम्हें सच में माफ कर दिया देवांशु। दीपा ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा।

एक बात बताओ दीपा। उस निशांत में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है। तो तुमने मेरे बजाय उस निशांत से क्यों सगाई कर ली। देवांशु ने फिर से दीपा का हाथ पकड़ते हुए कहा।

मेरा हाथ छोड़ो देवांशु। तुम्हारे पास ऐसा कुछ भी नहीं है। न लड़की से बात करने की तमीज़, न ही लड़की का सम्मान और इज़्ज़त करने के गुण। तुम बहुत ही बदतमीज़ और बिगड़े हुए लड़के हो। मैं तो तुझे देखना भी पसंद न करूँ। सगाई तो बहुत दूर की बात है। दीपा ने अपना हाथ झटकते हुए कहा।

दीपा की बात सुनकर देवांशु आग बबूला हो गया और उसने दीपा का हाथ कसकर पकड़ते हुए कहा।

तू क्या समझती है अपने आपको। तेरे जैसी लड़कियाँ मेरे आगे पीछे घूमती हैं। और तू मुझे बदतमीज़ बोल रही है। बदतमीज़ी क्या होती है लगता है तुझे बताना पड़ेगा।

इतना कहकर देवांशु अपना हाथ दीपा के दुपट्टे के तरफ बढ़ने लगा। दीपा ने पूरा जोर लगाकर अपना हाथ उसके हाथ से छुड़ाया और पूरी ताकत से एक जोरदार तमाचा देवांशु के गालों पर रसीद कर दिया जिसकी आवाज़ पूरे कॉरिडोर में गूंज गई।

...च...टा...क...।।



साथ बने रहिए।।
awesome super update
 
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Arv313

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Akhirkar kamina apni harkat pe utar hi aya ye ghatiya insan Hai Aise theek na honge enki tasalli bakhsh marammat karni chahiye nishant and party ko.
Waiting for the next update dear.
 
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nice update ..dono ne film bhi dekh li saath me aur film dekhne ke baad deepa emotional ho gayi .

us bachche ke khana khilaake sahi kiya 😍..
ab devanshu maafi maang raha hai wo bhi akad ke saath ,aur ab badtamiji pe bhi utar aaya .
thappad khakar bhi nahi sudharnewala wo ,,aur nishant se pitkar hi maanega aisa lagta hai 😁..
 
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Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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To Nishant ki sagai ho gayi aur sagai ke baad ke lutf bhi utha rhe hai ( pata nhi Mera kab sagai aur shadi hoga 😪😭😭😭😭) aur dipa ne sahi kaha devanshu ko always respect girl ..... devanshu ko ek bat samjhana chahiye ki larki ne 1-2 bar na bol Diya Matlab na and no more tries isse Deepa ho ya any girl harassment feel karti hai ...nice update let's see what happens in next update
धन्यवाद आपका।

आप काहे चिंता करते हैं आपकी भी शादी होगी दीपा जैसी लड़की से।
और देवांशु का अध्याय अभी लंबा चलेगा।

साथ बने रहिए।
 

Mahi Maurya

Dil Se Dil Tak
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awesome super update
धन्यवाद आपका सर जी।

साथ बने रहिए।
 
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Mahi Maurya

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waiting for next
जल्द ही अगला भाग लिखने की कोशिश करेंगे।
 
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