• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

Moon Light

Prime
29,913
28,116
304
Moon Light आपके लिए

चाँदनी रात के हाथों पे सवार उतरी है
कोई खुशबू मेरी दहलीज के पार उतरी है

इस में कुछ रंग भी हैं, ख्वाब भी, खुशबुएँ भी
झिलमिलाती हुई ख्वाहिश भी, आरजू भी
इसी खुशबू में कई दर्द भी, अफसाने भी
इसी खुशबू ने बनाए कई दीवाने भी
मेरे आँचल पे उम्मीदों की कतार उतरी है
कोई खुशबू मेरी दहलीज के पार उतरी है

-bheema
:heart: Lines
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,768
37,553
219
परिवार सबसे बड़ी शक्ति होता है, ये तो आज का वक्त है जब परिवारो की बुनियाद बची ही नहीं वर्ना इस बात को समझते तो कहानी को समझ जाते. उम्मीद है कि समर्थन होगा इस बात का
फौजी भाई आपकी बात से सहमत हूँ......... परिवार सबसे बड़ी शक्ति होता है लेकिन फिर मन में एक सवाल उठता है की कबीर क्यों इस शक्तिशाली परिवार को बर्बाद करने में लगा है....
उसे भी बाकी परिवार की तरह हवस और रसूख का मजा मिलने लगा था.......
जायदाद में हिस्सा भी मिल गया था...........
ज़मीनों पर खेती कर रहा था..........
और.... किसी दिन किसी रईस खानदान की कच्ची कली भी परिवार के प्रभाव से पत्नी के रूप में घर आ जाती

क्यों इस मूर्ख ने ........ लाली, आदमखोर, सोना, गाँव वालों, रखैलों और दोस्तों........ यहाँ तक कि एक डायन को भी......... परिवार से ज्यादा अहमियत दी, परिवार के खिलाफ खड़ा हुआ और अब तो परिवार को बर्बाद करने में लगा है

मेरे इस कन्फ़्युशन :confused: को दूर करें ................ क्या ये एक नासपीटे और डायन की जुगलबंदी का अफसाना है, तेरे प्यार में... सब बर्बाद कर दूंगा
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,768
37,553
219
मित्रो, सूचना ये है कि नौकरी छोड़ने का निर्णय कर लिया है. जिंदगी अब पत्नी बेटी के साथ जिएंगे. मुश्किल था ये निर्णय पर कर ही लिया
फौजी भाई आपकी "द डार्क साइड सागा" से लेकर अब तक.......... आपकी ज़िंदगी का ये पहला फैसला है.......... जिससे में पूर्ण रूप से सहमत हूँ....... 100%
जीवन में हमें सबके लिए कुछ करना चाहिए परिवार, समाज, देश और दुनिया..........
लेकिन सबसे पहले घर के लिए ......... पत्नी और बच्चों की ज़िम्मेदारी आपको जन्म से नहीं मिली....... अपने कर्म से ली है आपने ........ उसको सबसे पहले निभाएँ
वक़्त, हालात और जज़्बात कितनी भी करवटें बदलते रहें............ लेकिन इस फैसले को ज़िंदगी भर मत बदलना
आपके लिए दुनिया हो सकती है........ लेकिन उनके लिए आप ही दुनियाँ हैं

उर्वशी जी और माही बिटिया को शुभकामनाएँ .......... एक सम्पूर्ण पारिवारिक परिवेश की

:love3: :vhappy:
 
Last edited:

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
19,339
40,087
259
मेरी आत्मकथा पढ़ना कभी भाई समझ जाओगे
फिर भी एक कोशिश तो बनती है
 

Moon Light

Prime
29,913
28,116
304
फौजी भाई आपकी द डार्क साइड सगा से लेकर अब तक.......... आपकी ज़िंदगी का ये पहला फैसला है.......... जिससे में पूर्ण रूप से सहमत हूँ....... 100%
जीवन में हमें सबके लिए कुछ करना चाहिए परिवार, समाज, देश और दुनिया..........
लेकिन सबसे पहले घर के लिए ......... पत्नी और बच्चों कि ज़िम्मेदारी आपको जन्म से नहीं मिली....... अपने कर्म से ली है आपने ........ उसको सबसे पहले निभाएँ
वक़्त, हालात और जज़्बात कितनी भी करवटें बदलते रहें............ लेकिन इस फैसले को ज़िंदगी भर मत बदलना
आपके लिए दुनिया हो सकती है........ लेकिन उनके लिए आप ही दुनियाँ हैं

उर्वशी जी और बेटी (
आपने नाम नहीं बताया और मेंने पूंछा नहीं) को शुभकामनाएँ .......... एक सम्पूर्ण पारिवारिक परिवेश की

:love3: :vhappy:
माही.
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
19,339
40,087
259
खुद के मुंह खुद की बातें कैसे अच्छी लगेंगी :shy:
वो आत्मकथा नाम की कोई चीज होती है शायद
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,768
37,553
219
कामदेव जी सीधा दारू ऑफर कर रहे हैं, आप ऑल्टरनेट ले कर बैठ गई
कहने का ही फर्क है सिर्फ......... मेंने तो बोतल ऑफर कर दी.......... उन्होने कफ सीरप मानकर पी ली...... आप दारू मान रहे हैं..........
अब जैसे भी इस्तेमाल करो.......... दोनों काम करेगी :D
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,768
37,553
219
दारू जैसी चीज को में हाथ भी नही लगाती :beee:
.

.
.
.
.
.
(दारू को हाथ लगाने की जरूरत थोड़ी होती है)
यही तो में भी कहता हूँ............. (दारू को हाथ लगाने की जरूरत थोड़ी होती है)
बोतल से भी पी जा सकती है और गिलास में करके भी......... हाथ क्यों लगाना.... वो तो मुंह से होकर पेट में चली जाती है
:lol1:
 
Last edited:

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,768
37,553
219
भले आज नही तुम संग सबके,
एक बार हमारी तो सोचो...
इश्क़ को वीरान जंगल मे जीके बितायी हूँ मैं...
पहले महावीर... फिर तुम कवीर....
इस घर तक तक, पल पल मर के आयी हूँ मैं...

ज़रा सोचो...
शिकायते तो बहुते होगी, तेरे अपने चाहने बालों से...
पर मेरा क्या, रुसवा रहूँ भी तो किस से रहूँ...
कहानी तो तुमने अपनी सुना दी सबको, मेरी कहानी क्या मै तुम से कहूँ...

ज़रा सोचो...
की क्या समा रही होगी उस शाम की, जब ज़माने ने मुझे डाकन कहा...
एक नवविवाहित स्त्री के मत्थे, कलंकनी का भयावह धब्बा पड़ा...
मूर्छित सी पड़ी, मै सब सुनती रही...
ज़माने ने जाने क्या कुछ न कहा...

सब से दूर चल, यादों का ये जंगल...
जब आशियाना बना, हम तुम मिले उसी पल...


_nisha_

"प्रेम कौ पंथ कराल महा, तलवार की धार पै धावनौ है"

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति.......निशा के मनोभावों की
 
Last edited:

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
19,339
40,087
259
फौजी भाई आपकी बात से सहमत हूँ......... परिवार सबसे बड़ी शक्ति होता है लेकिन फिर मन में एक सवाल उठता है की कबीर क्यों इस शक्तिशाली परिवार को बर्बाद करने में लगा है....
उसे भी बाकी परिवार की तरह हवस और रसूख का मजा मिलने लगा था.......
जायदाद में हिस्सा भी मिल गया था...........
ज़मीनों पर खेती कर रहा था..........
और.... किसी दिन किसी रईस खानदान की कच्ची कली भी परिवार के प्रभाव से पत्नी के रूप में घर आ जाती

क्यों इस मूर्ख ने ........ लाली, आदमखोर, सोना, गाँव वालों, रखैलों और दोस्तों........ यहाँ तक कि एक डायन को भी......... परिवार से ज्यादा अहमियत दी, परिवार के खिलाफ खड़ा हुआ और अब तो परिवार को बर्बाद करने में लगा है

मेरे इस कन्फ़्युशन :confused: को दूर करें ................ क्या ये एक नासपीटे और डायन की जुगलबंदी का अफसाना है, तेरे प्यार में... सब बर्बाद कर दूंगा
भाई जी कबीर पूरे गांव को परिवार मानता है, सरला का वो कथन याद है।

बाड़ ही खेत नष्ट करने लगे
 
Top