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Fatt gaya hamara dimag sochte sochte#153
निशा- दो बाते हो सकती है या तो राय साहब अपने भाई से बहुत प्यार करते थे या फिर वो हद नफरत करते थे जो सब जानते हुए भी उसे कैद किये हुए थे.
मैं- सहमत हूँ . पर अभी ख्यालो से बाहर आने का समय है . बहुत हुआ परिवार का , रिश्तेनातो का चुतियापा अब इस किस्से को खत्म करना है मेरी आने वाली जिन्दगी सकून के साथ जीनी है मुझे. और इस सकून को जो भी कीमत चुकानी पड़े, परवाह नहीं करूँगा मैं. चल मेरे साथ .
निशा- अब कहाँ
मैं- जान जाएगी
कुवे पर आते ही मैंने उस गड्ढे को खोदना शुरू किया जहाँ पर चाची ने दावा किया था की वो कंकाल चाचा का था . मैंने उन हड्डियों को निकाला और एक थैले में भर लिया. शहर जाने से पहले मैंने कपडे बदलने का सोचा , जब मैं कपडे उतार रहा था तो मेरी नजर उस जगह पर पड़ी जहाँ वो तस्वीरे रखी थी मैंने पर अब वो तस्वीरे वहां नहीं थी .
“बहुत बढ़िया ” मैंने खुद से कहा. तस्वीरे गायब होना मुझे इशारा था की कोई तो है जो मुझ पर निगाह रखे हुए है .
“चल निशा ” मैंने गाड़ी में बैठने का इशारा किया उसे.
निशा- कहाँ
मैं- शहर
मैं सीधा गाड़ी लेकर उस डॉक्टर के पास गया . मैं हड्डियों की जांच करवाना चाहता था . चूँकि डॉक्टर वो काम के काबिल नहीं था पर उसने कहा की उसकी जानकारी है थोडा समय दो वो करवा देगा. फिर मैं राज बुक स्टोर पर गया .
मालिक- अब क्या चाहिए तुमको
मैंने जेब से वो तस्वीर निकाली जो डेरे में मिली थी मुझे. उसने वो तस्वीर देखि और फिर मेरे मुह की तरफ देखने लगा.
मैं- इतना जानना है की आज ये तस्वीर बनाई जाये तो इसमें मोजूद ये लोग कैसे लगेंगे.
मालिक- भाई , ये काम तो चित्रकार कर सके है . रुक मैं तुझे करके देता हु कुछ जुगाड़. उस स्टोर वाले ने मुझे एक पता दिया जहाँ पर हमे एक तस्वीरे बनाने वाला मिला मैंने उसे पैसे दिए और सम्भंवाना बताई. उसने समय जरुर लिया पर काम कर दिया . यदि ये तस्वीर आज खिंचाई जाये तो कैसी दिखेगी ये सोच कर मैं हैरान जरुर था.
डॉक्टर के जानकार दुसरे डॉक्टर से मालूम हुआ की हड्डिया थी तो किस पुरुष की ही पर ज्यादा जानकारी के लिए और समय की जरुरत थी .फिलहाल के लिए मेरा इतनी जानकारी से काम चल सकता था . गाँव वापिस जाने से पहले मैंने गाडी एक जगह पर और घुमाई, अंजू की हवेली. हमेशा की तरह दरवाजे पर नौकरनी थी .
मैं- अंजू से मिलना है
नौकरानी- वो तो नहीं है यहाँ पर .
ये कैसे हो सकता था वो यहाँ नहीं थी घर पर नहीं थी तो फिर कहा थी वो .
निशा- कोई बात नहीं हमें हवेली देखनी है
नौकरानी- आप ऐसे अन्दर नहीं आ सकते.
उसकी बात पूरी होने से पहले निशा ने उसकी गर्दन पकड़ ली
“जितनी है उतनी ही रह , हमें हमारा काम करने दे जरुरी है ये . ” निशा ने उसे धक्का दिया और हम अन्दर घुस गए
सबसे पहले मैंने उसी तस्वीर को देखा , उसे देखा और फिर अपनी जेब से निकाल कर उस तस्वीर को देखा . फिर मैंने पूरा घर छान मारा पर कुछ भी संदिग्ध नहीं निकला कुछ भी ऐसा नहीं जो जरा भी शक पैदा करे.
निशा- आखिर तुम्हे तलाश किस चीज की है
मैं- सच की मेरी जान . अंजू कुछ तो छिपा रही है क्या ये मैं नहीं जानता .
निशा- कंकाल में दिलचस्पी क्यों
मैं- कविता के पति का कंकाल था वो , ऐसा मैं मानता हूँ. सम्भावना ये है की रोहताश को भी रस्ते से हटा दिया गया हो और जब ये बात कविता जान गयी तो उसे भी मार दिया गया.
निशा- पर कौन होगा वो.
मैं- कोई भी हो सकता है , राय साहब, रुडा. प्रकाश यहाँ पर मैं सोचता हूँ की रुडा के भी कविता के साथ सम्बन्ध थे .
निशा-एक बात और जिस पर विचार किया जाना चाहिए
मैं- क्या
निशा- हो सकता है की अभिमानु को भी मालूम हो चाचा के बारे में , वैध की मदद लेने का ये भी एक कारण हो सकता है की कैसे भी करके वो चाचा को ठीक करना चाहता हो .
मैं- नहीं
निशा- क्यों नहीं
मैं- क्योंकि अभिमानु भैया ने मदद की थी चाचा की लाश को छुपाने में
निशा- नजरो का धोखा भी हो सकता है . इसे ऐसे समझो की हमले के बाद भी महावीर जिन्दा था उसे रुडा ने मारा. तो मान लो की विशेष परिस्तिथियों में चाचा भी जिन्दा हो जिसे बाद में वहां से निकाल लिया गया हो और इत्तेफाक से उसी जगह पर कातिल ने कविता के पति को गाड दिया हो.
मैं- इत्तेफाक कुछ हल्का शब्द नहीं है इस कहानी में
निशा- हो सकता है पर विचार करने में क्या बुराई है . देख कबीर , इस जंगल में हम सब अपने अपने मकसद से भटक रहे थे पर सिर्फ एक तू ही था जो जंगल में आता था क्योंकि तू प्यार करता है इसे. और प्यार सबसे बड़ी शक्ति होता है .
मैं- अगर तेरी बात मान लू तो दो धारणा बनती है एक अभिमानु भैया ने चाची से धोखा किया या फिर अगर राय साहब ने किया ये काम तो फिर उन्होंने सब जानते हुए चाची या भैया के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की .
“मैं उसे वहां छिपाती जहाँ वो सबके सामने तो होता पर उसे देख कोई नहीं पाता ” ना जाने क्यों ये शब्द बार बार मेरे जेहन में गूंजते थे.
भाभी ने कहा की वो आदमखोर है , उन्होंने कहा की महावीर आदमखोर था पर वो नहीं था या फिर था जो निशा नहीं जानती हो . सुनैंना की दो औलाद महावीर और अंजू . मेरी जेब में तस्वीर . कुवे से गायब तस्वीरे कौन ले गया और सबसे बड़ी बात चंपा ने राय साब और अपने ही भाई से सम्बन्ध क्यों बनाये. वापसी में मैंने गाड़ी फिर से कुवे की पगडण्डी पर खड़ी की और एक बार फिर मेरी मंजिल खंडहर थी जहाँ मुझे याकिन था की चाचा की चिता की राख इतनी आसानी से ठंडी नहीं हुई होगी.
![Firing :firing: :firing:](/uploads/smilies/firing.gif)
![Brain :brain: 🧠](https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/7.0/png/unicode/64/1f9e0.png)
![Hit :hit: :hit:](/uploads/smilies/hit1.gif)
Ab aur sehen nahi hota
Fauji jitni baar ye padha he to har baar kucch na kuchh chhut he gaya he hamse“मैं उसे वहां छिपाती जहाँ वो सबके सामने तो होता पर उसे देख कोई नहीं पाता ” ना जाने क्यों ये शब्द बार बार मेरे जेहन में गूंजते थे.
![Sigh :sigh: :sigh:](/uploads/smilies/sigh.gif)
And now I'm tired af
![Weary face :weary: 😩](https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/7.0/png/unicode/64/1f629.png)
Ab na dimag laga raha ,bas updates padhunga,end padhunga fir sanyas lelunga
![Flybye :flybye: :flybye:](/uploads/smilies/flybye.gif)