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Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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और देवनागरी में कृपया कर के 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
अब इतना ईमानदार नहीं मैं भाई. दूसरी बात हो नहीं पाएगा मुझसे अब हालात दूसरे है मेरे
 

kamdev99008

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इस कहानी में अब ज्यादा दिमाग नहीं लगाएंगे ना कुछ predict करेंगे पता नही इस कहानी में आए किस नई नवेली दुल्हनिया को बुरा लग जाए।

कुछ लोग बोल रहे थे की readers के ज्यादा दिमाग लगाने के वजह से लीपा पोती हुई है उन्हे बता दूं अगर कहानी 150+ अपडेट और 1200 पेज के उपर गई है तो उसका एक कारण है इसके रीडर्स का discussion वरना nice story, good update बोल कर निकल जाना बहुत आसान काम है जो 6 साल का बच्चा भी कर देगा

लेकिन अब नही, अब कुछ बोलेंगे नही बस nice story, nice update बोल कर निकल जायेंगे।


Very nice story❣️
HalfbludPrince फौजी भाई............. ये है आपकी रीडर्स पर दोष मढ़ने की कोशिश का परिणाम..........

भाई रीडर्स को कोई जल्दी नहीं थी......... ना अब है........... राज खुलने की
लेकिन चूतियापे को चूतियापा ना लिखें तो क्या लिखें.............कबीर को हीरो की जगह चूतिया बनाकर दिखाओगे तो उसे चूतिया ही कहेंगे रीडर्स
कबीर एक आम इंसान है जी परिवार को टूटते हुए देख रहा है. परिवार एक ऐसी संस्था है जो व्यक्ती को बना भी दे और बिगाड़ भी दे. कबीर लाली के लिए लड़ गया क्योंकि वो जानता था कि एक दिन उसके जीवन मे भी ऐसा आएगा ऐसा हुआ भी उसने वो रीत ही तोड़ दी.
अब बात राय सहाब की मौत की, किसी के लिए भी आसान नहीं होता अपने बाप को मारना चाहे हालात जो भी हो. कबीर समाज के लिए क्यों सोचे समाज खुद नपुंसक है. मैंने शुरू से कहा कि नायक एक आम आदमी है जो अपने परिवार के विघटन से जूझ रहा है जब कन्धे झुके हो ना तो शेर दिली नहीं होती. जनता कबीर को चूतिया समझे तो ये ही सही. लार्जर देन लाइफ नहीं है कबीर ना होगा
लेकिन अब नही, अब कुछ बोलेंगे नही बस nice story, nice update बोल कर निकल जायेंगे :D
 
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kamdev99008

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Pics gif k bina story bina namak k khanw jesi h
ये चुदाई के किस्से नहीं..............कहानी है.......... इसे पढ्ना होता है और समझना भी होता है...............
pics/gifs देखकर मूड बनाने की जरूरत नहीं पड़ती यहाँ........... ..............मूड घुमाने की जरूरत पड़ जाती है
 

kamdev99008

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मौत आसान मुश्किल कुछ नहीं होती मौत बस मौत होती है भाई. अभी कहानी एक दो भाग ही बचे है उम्मीद है कि अच्छे से निपट जाएगी
फिर मुझे ये समझ नहीं आया कि अंजु को तड़पाकर ही क्यों मारना चाहता है कबीर........... जब नपुंसक समाज को उसे दिखाना नहीं.........
जैसे बाकी मारे ऐसे ही इसे भी मारकर.....निशा के साथ नयी ज़िंदगी शुरू करे
 

kamdev99008

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कहानी ही तो है भाई जैसे ही खत्म होगी लोग भूल जाएंगे, अगले दिन कोई नहीं होगा यहां पर ये अकाट्य सत्य है. और जो चीज भुला दी जाएगी उस से क्या दिल लगाना
इतने सालों से सबसे कह रहे हैं आप.......... फिर भी लोग जस्सी भाभी.... यानि ठकुराइन जसमीत....... को नहीं भुला पा रहे
ना राणा हुकुम सिंह को और ना कुन्दन को................... ना आयत को ना छज्जेवाली को............

तो, इस कहानी को कैसे भूल जाएंगे :D
 

kamdev99008

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Bhai fauji bhai ke aur jo bhi stories hai.. Unka naam bataiye please🙏
 

Dungeon Master

Its not who i am underneath
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#160

इस रात से मुझे नफ़रत ही हो गयी थी . बहन की लौड़ी अभी और ना जाने क्या दिखाने वाली थी .वो चीख मुझे बहुत कुछ बता रही थी . उस चीख ने मेरे कानो में जैसे पिघला हुआ शीशा ही घोल दिया हो . निशा को छोड़ कर मैं हाँफते हुए उस तरफ दौड़ा जहाँ से चीख आ रही थी . ये चीख , ये चीख मेरे भाई की थी .

यहाँ पर एक बार फिर सम्भावना ने मुझे धोखा दे दिया था . भाभी ने जब अपना मंगलसूत्र उतार कर मुझे दिया तो मैंने समझा था की भैया ने ही मार दिया उनको पर सच्चाई अब मेरी आँखों के सामने थी. ऐसा सच जिस पर मुझे यकीन नहीं हो रहा था , जब मैं दोराहे पर पहुंचा तो मैंने देखा की अंजू ने भैया का गला रेत दिया है , भैया अपने गले को पकडे हुए तडप रहे थे .

“अंजू हरामजादी तूने ये क्या किया ” मैं चीखते हुए उसकी तरफ दौड़ा .

अंजू- बड़ी देर कर दी मेहरबान आते आते . हम तो तरस गए थे दीदार को तुम्हारे.



“भैया को छोड़ दे अंजू वर्ना तू सोच भी नहीं सकती क्या होता तेरे साथ ” मैंने कहा

अंजू- मैं क्या छोडू ये खुद ही दुनिया छोड़ देगा थोड़ी देर में .

मैं- मेरे भाई को कुछ भी हुआ न तो मैं आग लगा दूंगा

अंजू- आग तो मैंने लगाइ देख सब कुछ जल तो रहा है .

मैं भैया को छुड़ाने के लिए अंजू तक पहुचता उस से पहले ही अंजू ने भैया की गर्दन को काट दिया . मुझे तो जैसे दौरा ही पड़ गया . मेरी आँखों के सामने मेरे भाई को मार दिया गया था .

“क्यों , क्यों किया तूने ऐसा अंजू,” मैंने आंसू भरी आँखों से पूछा

अंजू- सोच रही हूँ कहाँ से शुरू करू कहाँ खत्म करू

मैं- खत्म तो तुझे मैं करूँगा यही इसी जगह पर

अंजू- कोशिश करके देख ले . पर चल तू भी क्या याद करेगा पर पहले मुझे तुझसे जानना है की ऐसा क्या था जो तू जान गया और मैं अनजान रही .

मैं- सच . वो सच जो कभी तू समझ ही नहीं पायी . तू सुनैना की बेटी होकर भी अपनी माँ को समझ नहीं पायी. तूने अपनी माँ की इमानदारी को नहीं चुना तूने रुडा, राय साहब की मक्कारी को चुना. मेरी कोई बहन नहीं थी मैंने तुझे वो दर्जा दिया पर तू नागिन निकली जिस भाई ने तुझे स्नेह दिया तूने उसको डस लिया . नंदिनी भाभी ने क्या बिगाड़ा था तेरा . एक झटके में तूने मुझसे वो आंचल छीन लिया जिसकी छाँव में मैं पला था .

अंजू- बंद कर ये ड्रामे, ये रोने धोने का नाटक. मैं सिर्फ तुझसे एक सवाल का जवाब चाहती हूँ .जो काम मेरी माँ नहीं कर पायी वो मैं पूरा करुँगी.

मैं- चुतिया की बच्ची है तू, सब कुछ तेरे पास ही तो था वो लाकेट जो तूने मुझे दिया था उसे कभी तू पहचान ही नहीं पायी . वो लाकेट एक ऐसी व्यवस्था थी , वो लाकेट उसे राह दिखाता जिसका मन सच्चा होता. जिसे स्वर्ण का लालच नहीं होता. तूने अपनी गांड खूब घिसी , जंगल का कोना कोना छान मारा पर तुझे घंटा भी नहीं मिला . क्योंकि तू लायक ही नहीं थी .

मैंने पास पड़ा एक लकड़ी का टुकड़ा उठाया और अंजू की तरफ लपका पर वो शातिर थी , मेरे वार को बचा गयी . अंजू ने पिस्तौल की गोली चलाई मेरी तरफ पर उसका निशाना चूका, जंगल में आवाज दूर तक गूँज उठी . मैने तुरंत एक पत्थर उठा कर अंजू पर निशाना लगे पिस्तौल हाथ से गिरते ही मैंने उसे धर लिया . दो चार रह्पते लगाये उसे और धरती पर पटक दिया.

मैं- इतना तो सोच लेती , कोई तो है जो तेरी खाल खींच लेगा. कोई तो होगा जिसके आगे तेरी एक न चलेगी. मैंने खीच कर लात मारी अंजू के पेट में . खांसते हुए वो आगे को सरकी .

मैं- चिंता मत कर तुझे ऐसे नहीं मारूंगा. तूने मुझसे वो छीन लिया जो मेरे लिए बहुत अजीज था . तुझे वो मौत दूंगा की पुश्ते तक कांप जाएगी . आज के बाद दगा करने से पहले सौ बार सोचा जायेगा.

मैं आगे बढ़ा और अंजू के पैर को पकड़ते हुए उसकी चिटली ऊँगली को तोड़ दिया .

“आईईईईईइ ” जंगल में अंजू की चीख गूँज उठी .

मैं- जानना चाहती है न तू मैंने क्या जाना , सुन मैंने मोहब्बत को जाना . मोहब्बत था वो राज . इश्क था वो सच जो मैंने जाना जो मैंने समझा. वो लाकेट तेरी माँ की अंतिम निशानी तुझे चुन लेता उसने महावीर को भी चुना था पर तू समझ ही नहीं पायी . चाबी हमेशा तेरे साथ थी और बदकिस्मती भी .सोना एक लालच था जिसे कभी पाया ही नहीं जा सकता था . जो भी इसे पाने की कोशिश करता वो कैद हो कर रह जाता ऐसी कैद जो थी भी और नहीं भी . इस सोने को इस्तेमाल जरुर किया जा सकता था पर उसके लिए वो बनना पड़ता जो कोई नहीं चाहेगा . आदमखोर बन कर लाशो से सींचना पड़ेगा जितना सोना तुम लोगे उतने बराबर का रक्त रखो . इस सोने का कभी कोई मालिक नहीं हुआ ये सदा से शापित था , जिसे सुनैना ने मालिक समझा वो भी कोई कैदी ही था जिसने न जाने कब जाने अनजाने सोने की चाहत में सौदा किया होगा . अपनी आजादी का मतलब ये ही था की उसकी सजा कोई और काट ले मतलब समझी तू .

मैंने अंजू की अगली ऊँगली तोड़ी.

मैं- जितना मर्जी चीख ले . इस दर्द से तुझे आजादी नहीं मिलेगी . मौत इतनी सस्ती नहीं होगी तेरे लिए.



“कौन था वो ” अंजू ने कहा


इस से पहले की मैं कुछ भी कह पाता , बदन को एक जोर का झटका लगा और चांदी का एक भाला मेरी पीठ से होते हुए सीने के दाई तरफ पार हो गया. मैं ही क्या मेरे अन्दर का जानवर तक दहक उठा बदन में आग सी लग गयी. मांग जैसे जलने लगा . बड़ी मुश्किल से मैंने पलट कर देखा और जिसे देखा फिर कुछ देखने की इच्छा ही नहीं रही .
:sad: Kabir beshak bhosdi ka marne wala hai, aur pata bhi tha. Par accha na lag raha.

Nisha hi karegi uska kaand fir bhi dekhte hai kya hota hai
 

Yamraaj

Put your Attitude on my Dick......
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Itna mara mari karake bs ek update wo bhi chhita sa deke gayab ho gaye aap....

Aajkal aapko bhi maza aa raha h readers ko pareshan karne me....
 
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