• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery तेरे प्यार मे.... (Completed)

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
12,485
87,390
259
कुंदन और आयत की प्रेम कहानी तो कब की अमर प्रेम हो चुकी और सभी पढ़ने वालीं के दिलों में उसने जगह बनायीं है उस कहानी का 1-1 अपडेट समां बांध देता था
काश वैसा कुछ फिर से लिखा जाए
 

Tiger 786

Well-Known Member
6,147
22,342
173
#८७



रमा- अब मेरा उस जगह से कोई वास्ता नहीं रहा

मैं- घर तो घर होता है . माना की दुःख के बादल थे घने पर कभी तो सुख की किलकारी भी गूंजी होगी वहां पर. यदि मैं कहूँ की तेरे जख्मो पर मरहम लगा दूंगा तो गलत होगा. पर मैं एक नयी जिन्दगी जीने में तेरी मदद कर सकता हु रमा. तेरी बीती जिन्दगी में हमारे परिवार के कारन दुःख आये, माफ़ी मांगता हूँ ये जानते हुए भी की मेरी माफ़ी तुझे कुछ भी वापिस नहीं लौटा पायेगी. पर फिर भी मेरी विनती है की तू अपने घर चल.

रमा- तुम समझते क्यों नहीं कुंवर, अब मेरी जिन्दगी यही है . जो है जैसा है वैसा ही रहने दो. कभी कभी मिलने आते रहना बहुत रहेगा मेरे लिए.

मैं समझता था उसके दिल के हालात मैंने फिर ज्यादा जोर नहीं दिया . मुझे रुडा से मिलना था पर बहुत कोशिशो के बाद भी बात बन नहीं रही थी . वापसी में मैंने परकाश की गाडी को जंगल में देखा .

“ये चूतिये की गाड़ी इस वक्त जंगल में क्या कर रही है ” मैंने सोचा और गाड़ी की तरफ बढ़ा पास जाकर देखा की प्रकाश किसी औरत को चोद रहा था . वैसे तो मेरी इच्छा नहीं थी ये सब देखने की पर मन के किसी कोने से आवाज आई की देख तो ले कौन है ये . मैं जितना पास हो सकता था उतना हुआ पर एक तो जंगल का अँधेरा उपर से धुंध समझ आ नहीं रहा था . ना ही वो दोनों आपस में कोई बात कर रहे थे .

औरत के हाथ गाड़ी के बोनट पर टिके हुए थे और परकाश पीछे से उसकी कमर थामे उसे पेल रहा था .

“जल्दी कर , देर हो गयी है ” मैंने उस औरत की खनकती चूडियो के बीच आवाज सुनी.

प्रकाश- चिंता मत कर गाड़ी से छोड़ आऊंगा तुझे बहुत दिनों बाद मिली है तू पूरा मजा लूँगा तेरी चूत का.

फिर वो औरत कुछ नहीं बोली बस चुदती रही . दिल कह रहा था की आगे बढ़ कर पकड़ ले और देख की कौन औरत है पर मैं ऐसा कर नहीं सका. थोड़ी देर बाद उनकी चुदाई खत्म हुई तो परकाश ने गाडी मलिकपुर की जगह मेरे गाँव वाले रस्ते पर मोड़ ली. मैं और हैरान हो गया ये औरत मलिकपुर की नहीं थी . मेरे गाँव की औरत का प्रकाश के साथ चुदाई सम्बन्ध .

अब मैंने सोचा की ये तो देखना ही पड़ेगा पर तभी गाडी स्टार्ट हुई और तेजी से आगे बढ़ गयी . ये जानते हुए भी की मैं गाड़ी की रफ़्तार नहीं पकड़ पाउँगा मैं उसके पीछे भागा. होना ही क्या था मैं पीछे रह गया बहुत पीछे. खैर, जब मैं कुवे पर पहुँचने वाला था तो दूर से ही कमरे के जलते बल्ब को देख कर मैं समझ गया था की कोई मोजूद है वहां पर .



कुवे पर पहुँचते ही मैंने हाथ पाँव धोये और पानी पी ही रहा था की मैंने पाया की सरला थी वहां पर .

मैं- तू इतनी रात को यहाँ क्या कर रही है .

सरला- वो मंगू की वजह से देर हो गयी.

मैं- उसकी वजह से कैसे.

सरला- वो मछली पकड़ने गया कह कर गया था की जल्दी ही आऊंगा फिर साथ चलेंगे. मैंने सोचा की कुछ मछली मैं भी ले जाउंगी . पर देखो कब से राह देख रही हु उसकी.

मैं- मैंने तुझसे कहा था की शाम होते ही तू घर चली जाया कर.

सरला- गलती हुई कुंवर, आगे से ध्यान रखूंगी.

मैं- और वो चुतिया ऐसी कितनी मछली पकड़ेगा.

मैं जानता था की गाँव में सबसे जायदा मछली मंगू को ही पसंद थी . पर अकेली औरत को छोड़ कर ऐसे जाना बेवकूफी ही थी .

मैं- चल गाँव चलते है वो आ जायेगा.

सरला ने हाँ में सर हिलाया मैंने कमरे की कुण्डी लगाई ही थी की मंगू आता दिखा मुझे . मुझे देख कर मंगू खुश हो गया और बताने लगा की कितनी मछली पकड़ी उसने. पर मैंने उसे थोडा गुस्सा किया और समझाया की आगे से ऐसे काम नहीं करे. खैर फिर हम तीनो बाते करते हुए गाँव पहुँच गए. मैंने मंगू से कहा की जल्दी से पका लेना खाना मैं उसके घर ही खाऊंगा फिर सरला को उसके घर छोड़ने चला गया.

उसका ससुर आज भी नहीं आया था .

सरला- कुंवर, आज भी आओगे क्या

मैं- नहीं . आज मुझे कुछ काम है .

दरअसल मैं सरला के जिस्म की आदत नहीं डालना चाहता था खुद को. दूसरी बात मेरे दिमाग में ये बात थी की परकाश किस औरत को चोद रहा था . गाँव की औरत पटाना उसके लिए मुश्किल नहीं था क्योंकि राय साहब के काम की वजह से वो काफी आता-जाता था गाँव में . सरला की बड़ी इच्छा थी पर मैंने उसे मना किया और मंगू के घर पहुँच गया. मछली-रोटी का भोजन करके आत्मा त्रप्त हो गयी . मैंने वही चारपाई पर बिस्तर लगाया और रजाई ओढ़ कर पसर गया. प्यास के मारे मेरी आँख खुली तो उठ कर मैं सुराही से पानी पी रहा था की मेरी नजर पास वाली चारपाई पर पड़ी, मंगू वहां नहीं था . घर का दरवाजा खुला पड़ा था .



“ये कहाँ गया इतनी रात को ” मैंने खुद से सवाल किया और कम्बल ओढ़ कर घर के बाहर गली में आ गया. मेरे दिमाग में एक ख्याल आया मैं सीधा सरला के घर गया दबे पाँव अन्दर घुसा , उसे मैंने सोते हुए पाया. न जाने मुझे लगा था की शायद मंगू ने सरला को भी पटा लिया हो. पर अनुमान गलत था .

अब उसे तलाशना मुमकिन नहीं था. वो कहीं भी किसी भी दिशा में जा सकता था . पर सवाल ये था की किस वजह से वो घर से बाहर निकला था इस ठिठुरती रात में. अब मेरा भी मन उचट गया था मैं वापिस मंगू के घर नहीं गया क्योंकि नींद टूट गयी थी . मैं कुवे की तरफ जाने के लिए गाँव से बाहर निकल गया. पगडण्डी पर पैर रखते ही उस जलते बल्ब को देख कर एक बार फिर मैं समझ गया था की कुवे पर कोई है , पर इतनी रात को कौन हो सकता है , क्या मकसद है आने वाले का सोचते हुए मैं कमरे के पास पंहुचा और उसे हल्का सा धक्का दिया. दरवाजा खुलते ही मेरी आँखे हैरत से फ़ैल गयी . ......................
Behtreen update 💥💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
12,485
87,390
259
मानव जीवन का सबसे बड़ा डर रितने का होता है, लेकिन ये हमेशा याद रखिए की जीवन में कुछ मित्र हम सबने ऐसे कमाए होते हैं जो एक आवाज पर आपके साथ खड़े मिलते हैं, परिवार और प्यार से ऊपर होते हैं ये, और अगर जो परिवार या प्यार में ही ऐसे मित्र मिल जाय तब तो सोने पर सुहागा।

पर होता जरूर है कोई न कोई, बस जरूरत उसे ढूंढने और पाने की है।
आप कहते हैं तो मान लेता हूं
सहमत, कहानी तो कई पढ़ी इस फोरम पर, पर एक यही ऐसी कहानी थी जिसपर कॉमेंट किया, वरना पढ़ के निकल लेते थे बस।
आभारी हूं मैं
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
12,485
87,390
259
Chachi ke saath hi sexual sambandh bana liya.... kamla ke saath bhi kabaddi khel liya....Rama par najar hai hi aur kya chahiye Aiiyas hone ke liye ! 🤣
Pahle awasya pak charector ka ladka tha..Champa ke lakh kahne ka bawjud bhi uske sath sexual relation nahi banaya. Ek baar jo forbidden fruit kya chakh liya , uska najariya hi badal gaya. :approve:
चाची के साथ सेक्स करना अनैतिक नहीं था भाई. चाची भी समझती है उस बात को. कमला कौन है.. ये कबीर के जीवन की कुछ परिस्तिथियों की झलक थी
Aisha bilkul nahi hai bhai. Fauji bhai ke kahaniya ka andaz hi aisa hai ki "kautuhal factor " bana rahe last update tak.
बस कोशिश है
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
12,485
87,390
259
Bhai ji mujhe jyada to nhi pta lekin itna janta hu ki ek naye daur ki shuraut ant se hoti hai. Ap humse umra bade bhi hai or experienced bhi hai. Apne aisi bhot si chizen dekhi hongi jo aaj negative baat kr rhe hai. sach kahun to apse or yahan pr bhot se aise readers hai jinse mujhe bhut kuch sikhne ko mil rha hai. Unke comments dekh kr padh kr mujhe lgta hai abhi Maine Kuch dekha hi nhi.

Ap jis khalipan ki baat kr rhe hai uska experience Maine isi umr me le liya hai. Apko humara maagdarshan krna chahiye Bhai ji na ki humen or akelpan ka krana. Bhai ji logo ke mann or dil ko mat todna plzzx hum sbki icchha hai ap khush rhe humen bhi rkhe readers ke demand pura krna Bhai ji. Ap beshq kuch wqt time le lena relax kro. Bhai ji humen aj me jeena chahiye jo mil rha hai usme apni khushi dekhne chahiye. Ap akele kahan hai dekho yahan apke kitne chahne wale hai. Bhai ji kuch galat kaha Ho to maaf krna.

Agree Bhai

Same here Bhai
नेगेटिव पॉजिटिव जैसा कुछ नहीं है मेरे जीवन मे भाई. मैं बस अपने आप से भागता हूं. ये फोरम मेरे जीवन मे क्या स्थान रखता है मैं जानता हूं यहां मुझे जो मिला है बहुत कम लोगों को मिलता है मैं इसके लिए सदैव आभारी आजकल मैं बस सोचता हूं कि आगे क्या.....
 
Top