Kartik07789
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ThanksJust awesome and amazing update! Fantastic writings!
आसिफ की एम काम फ़ाइनल परीक्षा का परीणाम आ गया था तथा उसमें आसिफ ने काफी अच्छे नम्बरों से सफलता प्राप्त करी थी । मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था , इससे भी बढ़कर बात ये थी कि उसे कैम्पस सलेक्शन में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी ने लाख रूपए प्रतिमाह वेतन पर अच्छी नौकरी आफर करी थी , उसकी उपलब्धि के उपहार स्वरूप मेंने अपनी शादी का लाल जोड़ा पहन कर उसे अपनी चूत व गांड़ दोनों अर्पित करी थी। अब आसिफ पुनः दिन में तीन बार मेरी चुदाई करता था । या यूं कहें दीन में तीन बार मेरा शरीर भोगता था। घर का कोई कोना ऐसा नहीं बचा था , जहां आसिफ ने मुझे ना चोदा हो ।में भी अपने आप को उस नवविवाहित दुल्हन की तरह महसूस करने लगी थी ,जिसे दिन रात अपने मर्द के लंड की लालसा रहती है। में दिन भर घर में नंगी ही चहचहाती फिरती , आसिफ भी आते जाते अपने हाथ से कभी मेरी चूत , कभी मम्मे तो कभी चूतड मसल जाता था, मगर में रमेश के लंड को भी नहीं भूल पा रही थी , वो जिस जंगली तरीके से मुझे चोदता था वो मुझे काफी पसंद था ।जब कभी भी आसिफ घर पर नहीं होता .... में विडियो काल पर रमेश से लम्बी लम्बी बातें करती थी।
पिछले छः महीनों से में जिम भी नहीं जा पाई थी इस कारण मेरा शरीर भरने लगा था खासकर मेरे मम्मों व कूल्हों का साइज़ बढ़ गया था और पेट भी थोड़ा बाहर आ गया था। मेंरा रंग भी थोड़ा और साफ हो गया था तथा ज्यादा चुदाई के कारण चेहरे पर चमक बढ़ गई थी।
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एक दिन आसिफ की कम्पनी से डाक द्वारा उसका ज्वाईनिंग लेटर आया जिसमें उसे निर्देश दिया गया था कि वह जल्द से जल्द पन्द्रह दिन की ट्रेनिंग के लिए मुम्बई पहुंचे।
आसिफ को पन्द्रह दिन के लिए मुम्बई जाना पड़ेगा , ये जानते ही आसिफ जहां एक तरफ खुश था तो दुसरी तरफ उसे यह चिंता थी कि पन्द्रह दिन मुझे किस के भरोसे छोड़ेगा।
जबकि दुसरी तरफ में बहुत खुश थी कि आसिफ के जाने के बाद में पन्द्रह दिनों तक रमेश से खुलकर चुदवा सकूंगी। में रसोई घर में काम कर रही थी तभी आसिफ मेरे पास आया।
आसिफ: अम्मी अब हम कैसे मैनेज करेंगे , आप घर में अकेले कैसे रहेंगी ।
में : बेटा मजबूरी है रहना पड़ेगा , देखूंगी पन्द्रह दिनों की तो बात है किसी तरह मैनेज करूंगी , तू चिंता मत कर।
आसिफ। : में ऐसा करता हूं ,कि आप को पन्द्रह दिनों के लिए नानी के यहां गांव छोड़ आता हूं।
में उस समय रसोई की सफाई कर रही थी। मेंने आसिफ को बांहों में भर लिया और उससे चिपकते हुए बोली ..... मेरे बच्चे तू चिंता ना कर में अकेली रह लूंगी , सिर्फ पन्द्रह दिन की तो बात है । और फिर घर को अकेला थोड़े ही छोड़ सकते हैं...... मेरे हाथ आसिफ की पीठ सहला रहें थे ।
आसिफ: वो तो ठीक है अम्मी मगर आप अकेली कैसे करेंगी।
में : अरे तू इन सब बातों की चिंता मत कर , तेरी अम्मी सब सम्भाल लेगी । तू तो अपनी नौकरी पर ध्यान लगा और जब तेरी नौकरी लग गई है तो, जल्दी से जल्दी से अपना बीज डाल कर अपनी अम्मी का पेट भर .... मेंने आसिफ का हाथ पकड़ कर अपने पेट पर रख दिया। ....., मुझे तेरे बच्चे की मां बनना है । वैसे भी इन दिनों मेरा फरटाइल समय चल रहा है, बच्चा ठहरने की पूरी सम्भावना है । ( ये मेंने आसिफ से सरासर झूठ बोला था। हकीकत ये थी कि इन दिनों मेरा सेफ पीरियड चल रहा था तथा बच्चा ठहरने की कोई सम्भावना नहीं थी ।)
ये सुनकर आसिफ ने मुझे खड़े खड़े ही दबोच लिया और जोर जोर से मेरी छातियों को ब्लाउज के ऊपर से ही मसलने लगा ..... में दर्द से सिसकी पर तभी उसने मेरे होंठ अपने होंठों से दबा लिए और मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी।
उसकी इस हरकत से मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरु कर दिया था, ..
में : आहहहह मान जा अभी नहीं , अभी सफाई करने दे ।
आसिफ : सफाई बाद में कर लेना, अभी तो अपनी देदे।
में : क्या दे दूं।
आसिफ : बन तो ऐसी भोली रही है कि जानती समझती ही नहीं।
में : चल बदमाश...तुझे तो हर समय बस एक ही बात सूझती है।
आसिफ : अभी खुद ही तो कह रही थी , कि तेरे पेट में बच्चा डाल दें, उसके लिए चुदाई तो करनी ही पड़ेगी।
आसिफ मेरे कूल्हों को पेटीकोट के ऊपर से ही मसल रहा था , में भी उससे कस कर चिपकी हुई थी , मेंने अपना चेहरा आसिफ के चौड़े सीने पर टिकाया हुआ था।
में : हाय मेरे राजा चोद दे अपनी मां को ....औऔऔहह ... रगड़ दे मेरी चूत को ..... रख दें मेरे पेट में अपना बच्चा ..... में बच्चा पैदा करने को मरी जा रही हूं..... मेंने सिसयाते हुए अपने हाथ नीचे ले जाकर आसिफ का तहमद खोल दिया , और उसके लंड को सहलाने लगी।
आसिफ ने भी मेरे पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया जिससे मेरा पेटीकोट जमीन पर जा गिरा , में नीचे से नंगी आसिफ से चिपकी खड़ी थी , तभी आसिफ ने मेरे ब्लाउज के हुक झटके से तोड़ दिये और ब्रा उतार कर एक तरह को फेंक दी तथा अपनी मुठ्ठी में मेरी चूत को मसलते हुए गुर्राया...... बहनचोदी लंडखोर तेरी इस चूत में बहुत आग लगी है ना , में इसको शांत करूगां , मादरचोद बहुत फड़कती है तेरी चूत अगर इसके बुरे हाल ना कर दिया रंडी,तो मेरा नाम आसिफ नहीं .....कह कर एक जबरदस्त थप्पड़ मेरी चूत पर मारा ..... में तेज दर्द से कराह उठी.....ऊईईईईईई मेरे राजा इतनी जोर
से मत मारो दर्द होता है ।
हरामजादी रंडी तू तो कह रही थी तुझे दर्द में मजे आते हैं .... आसिफ पुनः मेरी चूत को बुरी तरह मसलते हुए बोला...... मेरी अम्मी बहनचोदी तू देखती रह ,तेरे को तो मैं अपने बेटे जिसको तू पैदा करेगी , उससे भी चुदवाऊंगा और ऐसे ही थप्पड़ लगवाऊंगा , तू तो अब सत्तर साल की उम्र तक ऐसे ही चुदेगी , तब जाकर तेरी चूत की आग बुझेगी।
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Haaiiii Gazab ka update hai Firoza ji.... behad kamuk aur lund khada karne walaआहहहह अम्मी ठीक है....उतर मेरे ऊपर से..... में तुरंत से आसिफ के ऊपर से उतर कर.... अपनी टांगें उठा कर सीधी लेट गई ..... आसिफ मेरी जांघों के बीच में आया , मेरी टांगें अपने कंधो पर रखी , अपना लंड मेरी चूत पर रखा और एक ही झटके में पूरा अंदर उतार दिया।
ऊईईईईईई आहहहहहह शाबाश मेरे बेटे ऐसे ही मार .... तेज और तेज ... औऔऔऔहहह जरा जोर से मार हां हहहहह और जोर से फ़ाड़ दे अपनी मां की चूत ..... जब तू निकला था तब भी ये फटी थी ...आज फिर से फाड़ दे ....आहहहह कितना अच्छा चोदता है रे।
आसिफ ताबड़तोड़ धक्के लगाए जा रहा था .... में उसकी कमर और कूल्हे सहला रही थी।
अचानक मेरे शरीर में कम्पन शुरू हो गया मुझे लगा कुछ मेरी चूत से बाहर आने को है........ आहहहहह हाय रे मेरा निकलने को है .... तेज धक्के मार .. हाय तेज और तेज आहहहहहह अम्मा री में चूद गयी रे .... आहहहहहह में गई रे। औऔऔऔऔऔऔ..... मेंने आसिफ की कमर पकड़ कर अपनी चूत पूरी ऊपर उठा दी और भरभरा कर झड़ गई।
झड़ने के बाद आसिफ के नीचे लेट कर धक्के खाना मेरे लिए मुश्किल हो रहा था
आआआआआइ सी सी सईईई थोड़ा धीरे कर इतनी तेज धक्के खाने की उम्र नहीं रही ...आईईईई रे , ऊऊऊऊऊऊ मेरी जांघें भी दुखने लगी दो मिनट रुक जा रे , थोडा सांस लेने दे ....आहहह अब तेरी मां से सहन नहीं हो रहा प्लीज जल्दी झड़ जा।
आहहहह मेरी रांड आज मेरा लंड नहीं झड़ेगा ..... हूं हूं हूं...आज तेरी चूत को फिर से फाड़ कर ही दम लूंगा .....औहहहहह ... हरामजादी बहुत गर्मी है ना तेरी चूत में .... हूं हूं हूं...आज उसको निकाल कर रहूंगा .... मेरी अम्मी मुम्बई जाने से पहले तेरे पेट में अपना बीज बोऊंगा.... ले और ले रंडी बहुत चुदासी रहती है ना ... ले और ले ।
आसिफ पूरे जोश से शाट मारे जा रहा था , में जानती थी कि अब ये बिना झड़े रूकेगा नहीं तथा अगले दो तीन मिनट में इसका लंड उल्टी कर देगा । इसलिए लिए में दर्द सहती हुई चुपचाप पड़ी हुई चुद रही थी, मेंरे हाथ आसिफ के कूल्हे मसल रहे थे ताकि वो जल्दी झड़ जाए तथा मुंह से सिसकारियां निकल रही थी ।
आसिफ किसी अरने भैंसें की तरह मेरे को रौंदे जा रहा था ..... आहहह बहनचोद फाड़ दूंगा तेरी चूत को ... मेरी रांड ले ये ले ... तेरे को अपने अपने बच्चे की मां बनाऊंगा ....आहहह आहहह आहहह
अचानक आसिफ के धक्कों की रफ्तार काफी तेज हो गई , में समझ गई कि वो झडने को हैं ......आहहहहह अम्मी मेरा निकल रहा है औहहहह औहहहह औहहहह .... आसिफ ने मुझे इतनी जोर से दबा लिया कि मुझे सांस लेना मुश्किल हो गया ...... हाय रे अम्मी में गया .... और चार पांच पिचकारी छोड़ता हुआ मेरे ऊपर पड़ गया ...मुझे ऐसा लगा कि मेरी चूत में कोई ज्वालामुखी फूट पड़ा ... मेरी चूत उसके गर्म वीर्य से भर गई थी ।
आसिफ मेरे ऊपर पड़ा हुआ हांफ रहा था , में कुछ देर उसके बाल सहलाती रही .... फिर बोली चल बेटा तेरा लंड साफ़ कर दूं ... आसिफ और में टॉयलेट गये मेंने उसके लंड को अच्छे से धोया फिर प्यार से उसकी चुम्मी ली।
आसिफ को तीन दिन बाद मुम्बई के लिए निकलना था ,
में उसके जाने का बेताबी से इंतजार कर रही थी।