आसिफ को देखते ही मेरी तो जैसे जान निकल गई , में रमेश की पकड़ से छूट कर अपने कपड़ों तक जाना चाहती थी , मगर रमेश ने अपने दोनों हाथ से मेरी कमर को इतना कस कर पकड़ा हुआ था कि मैं हिल भी नहीं सकी ।
व्हाट द हैल आर यू डूइंग अम्मी। यूं यूं डोंट हैव एनी शेम , डूइंग चुदाई विद अ वाय आफ योर सनस एज । आसिफ का चेहरा गुस्से में एक दम लाल था उसने दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ रखा था , तथा कमरे में बैचेनी से इधर उधर घूम रहा था।
मेरे आगे तो पूरी दुनिया ही घूम रही थी, मेरे होश पूरी तरह उड़े हुए थे , मुझे समझ ही नहीं आ रहा था कि क्या करूं।
नहीं बेटा.... में.....वो ... में .... ऐसी.... में , मेरे मुंह से बोल ही नहीं निकल रहै थे, मैंने महसूस किया कि डर के मारे मेरी चुद रही चूत से पैशाब निकलना शुरू हो गया था ।
ये क्या बकरी की तरह में... में लगा रखी क्या कहना चाहती हो और ये क्या कर दिया आपने , सारा बिस्तर गीला कर दिया।
मेरे बेटे .... में... में कह रही....थी कि ...... में ऐसी..... नहीं.... हूं। वो....तो.. तेरे इस दोस्त ....ने.....पकड़.... लिया। मेंने हकलाते हुए अपनी सफाई देनी चाही ।
अम्मी अब तुम फालतू में झूठ तो बोलो मत , में पिछले पांच मिनट से पर्दे के पीछे से सब देख रहा हूं। पहले तुम रमेश के चेहरे पर बैठ कर अपनी चूत चटवा रही थी । फिर घोड़ी बन कर चूत चुदवा रही थी । हर धक्के पर छिनालो की तरह चिल्ला रही थी । और जोर से और जोर से। अब कह रही हो कि रमेश ने जबरदस्ती पकड़ लिया । आसिफ गुस्से में बोला।
अब मेरे पास झूठ बोलने या बहाने बनाने के लिए कुछ नहीं था । अतः में फफक फफक कर रोने लगी , रमेश का लंड अभी भी मेरी चूत मे था , मगर उसने धक्के लगाने बन्द कर दिये थे।
बेटा, देख मेरे भी कुछ अरमान है , मेरे शरीर की भी कुछ जरुरतें है , तेरे पिता का कुछ पता नहीं , उन्होंने दो साल से शक्ल नहीं दिखाई, खाली पेट भरने के लिए पैसे भेज देते हैं इससे क्या होता है , मगर मैंने कभी कोई शिकवा शिकायत नहीं करी , कभी किसी गैर मर्द की तरफ आंख उठाकर नहीं देखा । आज पहली बार रमेश ने मुझे प्यार से छूआ तो मेरे भी अरमान भड़क गए और मैं उसके साथ अपने जिस्म की आग बुझाने लगी । मगर मेरी बदकिस्मती देखो कि आज में पहली बार किसी गैर मर्द के साथ हमबिस्तर हुई और आज ही पकड़ी गई। ये कह कर में जोर जोर से रोने लगी।
मेंने देखा आसिफ के चेहरे के भाव एक दम बदल गये , अब उसके चेहरे पर गुस्से की जगह मेरे लिए संवेदना थी।
आसिफ भी बेड पर मेरे पास आकर बैठ गया और प्यार से मेरे सिर पर हाथ फैरते हुए बोला ....आप बिल्कुल ठीक कह रही हो मेरी प्यारी अम्मी, कसूर आप का नहीं डैडी का है जिन्होंने आप को कभी तब्बजो ही नहीं दी , खुद तो सिंगापुर में ऐश करते होंगे और आपको यही छोड़ दिया । में भी यह नहीं समझ पाया कि आप इतनी उदास क्यों रहती है, मेंने आपको कभी हंसते नहीं देखा , आप अपने आपको दिन भर किसी ना किसी काम में मशगूल रखती है । आसिफ प्यार से मेरे बाल और चेहरा सहला रहा था ।
अब मेरी जान में जान आई कि आखिरकार मेरे बेटे को मेरी तकलीफ़ समझ में आ गई थी । पीछे से रमेश ने फिर से मेरी चूत में धक्के लगाने शुरू कर दिये थे।
खुदा का शुक्र है बेटा... ईईई....कि तूने मेरी मजबूरी को समझा ...आईईईई रे.... नहीं तो मैं तो मर ही जाती।
आसिफ ने मेरा चेहरा अपने दोनों हाथों से पकड़ा और मेरी आंखों में झांकते हुए कहा..... ऐसे नहीं बोलते मेरी प्यारी अम्मी, तू मर जाएगी तो हमारा क्या होगा , तू ही तो हमारी खुशी, हमारी दुनिया है। में और रमेश तुझे वो खुशी देंगे जो डैडी भी नहीं दे सकते , हम तेरी तथा तेरे शरीर की हर जरूरत पूरी करेंगे, तुझे कभी भी किसी तरह की परेशानी नहीं आने देंगे, मेरे डैडी की जगह आज से मैं खुद लेता हूं।
इससे पहले मैं कुछ कह पाती आसिफ ने अपने होंठों से मेरे होंठ दबा लिए और मेरे मुंह में अपनी जीभ डाल दी।
अब मुझे दुबारा होश आया कि मेरी तो चुदाई हो रही है।
मेंने दुबारा से रमेश के धक्कों के साथ अपने चूतड़ों की ताल मिलाना शुरू कर दी,औहहहह औहहहह ऐसे ही चोद मेरे बेटे ... ऊईईईईईईई ..... पूरे दो साल बाद मेरी चूत में लंड घुसा है। आहहह आहहहहह .....में हर धक्के का जबाब धक्के से दें रही थी । तथा आगे आसिफ की जीभ के साथ अपनी जीभ लडा रही थी । पूरे कमरे चुदाई की आवाज धप धप तेज आवाज गूंज रही थीं ।
तड़ाक अपने नितम्बों पर पड़े जबरदस्त थप्पड़ से में उछल सी पड़ी ऊईईईईईई मां ... हरामजादे मार क्यों रहा । अपनी अम्मा को मारना ऐसे ।
आहहहह आंटी तू तो किसी ब्लू फिल्म की हीरोइन से भी मस्त लग रही है आहहह हू हू हू मजा आ रहा है मेरी जान तेरी चूत बहुत मस्त है ऊंह ऊंह ऊंह , रमेश पूरी जान लगा कर ताबड़तोड़ धक्के मारे जा रहा था जबकि घोड़ी बने बने मेरी कमर और पैरों में दर्द होने लगा था, बूहहहहह छोड़ दें बेटा मेरी कमर और पैरों में दर्द हो रहा है....आईईईई रे में लेट जाती हूं फिर चोद लेना।
आगे से आसिफ़ मेरे मम्मों को पकड़ बुरी तरह मसल रहा था , मुझे इन सब की आदत नहीं थी और हालात मेरे वश से बाहर होते जा रहे थे, मेरी हालत ऐसी थी जैसे कोई बछिया दो सांडों के बीच फंस गयी हो में बुरी तरह से बिलबिला रही थी। हायययय अम्मी तेरी चूचियां कितनी मस्त है , बहनचोदी मन कर रहा है निचोड़ दूं इनको कहते हुए उसने पूरी ताकत से मेरी चूचियां मसल डालीं।
आईईईईईईई रे मर गई.... मैं अपना मुंह आसिफ के मुंह से हटा कर जोर से चीखीं , मादरचोद इन्हीं से दूध पीकर तू बड़ा हुआ है , इन पर कुछ तो रहम कर , मुझे मार डालेगा क्या। या याआआआ रब्बा मुझे बचा ले।
ला अम्मा मुझे अपना दूध पिला दे कह कर आसिफ ने अपना सर मुझ घोड़ी के नीचे घुसा दिया और मेरी एक चूची मुंह में ले जोर जोर से चूसने लगा पुच पुच पुच।
अब उत्तेजना मेरी बरदाश्त से बाहर हो रही थी ...... हायययययय ऊईईईईईईई हां हां ऐसे ही चूस मेरे बच्चे , निचोड़ लें मेरी चूचियों को हाययययय री अम्मा आज तो में बुरी तरह चुद गई।
मेरे राजा और तेज धक्के मार देखूं तेरे लंड में कितना दम है ..... हां ऐसे ही ऊईईईईईई और तेज झडने वाली हूं रे। मेरा शरीर कांपने लगा था ।......और तेज ...और तेज ....आईईईईई हरामजादे ताकत नहीं है क्या । ऊईईईईईई मां मेरा निकल रहा है , में झड़ रही हूं , मुझे सम्हलो ।आहहहहहहहह मेरी अम्मा, मुझे बचा ले रे। ईईईईईईईईई में गई रे । इसके साथ ही में भरभरा कर झड़ गई।
मेंने निढाल होकर अपने बेटे के मुंह पर पड़ गयी, मेरे चूतड अभी भी उठे हुए थे और रमेश दनादन मेरी चूत पेले जा रहा था , बहन चोदी अभी तो तू बहुत बार झड़ेगी, ... हूं हूं हूं...
तू क्या सोच के चुदने को नंगी हुईं थीं कि सिर्फ़ 10 मिनट तुझे छुटकारा मिल जाएगा।
झडने के बाद मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि किसी ने मेरे शरीर से सारी ताकत निचोड़ ली हो । हाययययय रे मां मर गई.....ईईईउईई प्लीज प्लीज मुझे छोड़ दे , बहुत दर्द हो रहा है ....ऊऊऊऊऊऊ....मेरी बच्चे दानी में दर्द हो रहा है। आईईईईई रे मर जाऊंगी। रमेश का हर एक धक्का मुझे मेरी चूत पर भारी आघात लगा रहा था, जो मेरे लिए असहनीय होता जा रहा था। में रमेश से गिड़गिड़ाने लगी...... बेटा थोड़ी देर रूक जा में झड़ चुकी हूं बहुत तकलीफ़ हो रही है । मेरी चूत और कमर अब दर्द करने लगें हैं प्लीज अपना लंड निकाल लें... आईईईईई रब्बा मुझे बचा ले ऊईईईईईई रे मेरी चूत बहुत दुख रही हैं, मान जा ना।
चटाक चटाक रमेश ने दो जबरदस्त थप्पड़ मेरे चूतड़ों पर मारे , में बिलबिला कर रह गई...... कुतिया अभी तो तू ऐसे दस बार झड़ेगी तब भी तेरी चूत से ये लंड नहीं निकलेंगे, आज पूरा दिन तूने ऐसे ही चुदना है, में टडालाफिल गोली खा कर आया हूं , हरामजादी, मेरा लंड जल्दी से नहीं बैठेगा।
अब आसिफ भी मेरी चूचियां छोड़ कर खड़ा हो गया और अपने कपड़े उतारने लगा । .. देख मेरी छिनाल अम्मा तेरे बेटे का लंड कैसे तेरी सेवा में सलामी दे रहा है।
मेंने तिरछी नजरों से आसिफ़ की तरह देखा , उसका बिकराल लंड बुरी तरह झटके खा रहा था । में समझ गयी कि आज ये दोनों मुझे अधमरा करके ही छोड़ेंगे।
कुतिया बहुत खुजली मची थी, तेरी चूत में अब भुगत , ये दोनों आज तेरी चूत का बम भोसड़ा बना कर छोड़ेंगे , हरामजादी। मेंने अपने आपको कोसते हुए कहा।
तकलीफ़ से मेने अपना चेहरा, मेरे ही पैशाब से भीगे गद्दे में गड़ा लिया , मैंने अपनी मुट्ठीयां में चादर को कस के दबा लिया और रमेश के लंड की चोट सहने लगी । निकाल लें बेटा में मर जाऊंगी आईईईई रे जितना मर्जी चोद लेना थोड़ा सा रुक जा औऔऔऔऔ अम्मा री में कहां फंस गई , आसिफ बेटा प्लीज इसको थोड़ी देर रुकवा दे ।
यार, रमेश जरा रूक जा अब पोजिशन चेंज करेंगे अम्मी थक गई होगी। मेरे प्रति आसिफ का प्यार जागा उठा।
जैसे ही रमेश ने मेरी कमर छोड़ी , जैसे शेर के चुंगल से छूट कर हिरनी भागती है , वैसे ही में भी नंगी ही टायलेट की तरह दौड़ी , मुझे इस तरह नंगा दौड़ते देख दोनों हंसने लगे। इससे पहले कि मैं टायलेट सीट पर बैठती, मेरी चूत ने भर-भराकर पेशाब की धार छोड़ दी। पेशाब करने से मुझे थोड़ी राहत मिली , मेंने अपनी चूत पर हाथ फेर कर देखा , रमेश ने मेरी चूत काफी फैला दी थी। में ये सोच कर कि थोड़ा आराम कर लूं वहीं टायलेट सीट पर बैठ गई।
क़रीब दो मिनट बाद ही टायलेट का दरवाजा खुला और आसिफ अंदर , उसका छ फीट का गोरा चिट्टा मांसल शरीर और 8.5 इंच का तोप की तरह तना हुआ मोटा लंड किसी को भी दीवाना बना सकता था।
क्या हुआ मेरी प्यारी अम्मी तू तो अंदर ही बैठ गई, बहुत थक गई क्या? ठीक बात है, अब तुझे चुदाई की आदत तो नहीं रही ना इसलिए। चल कोई बात नहीं, थोड़ी तकलीफ़ होगी पर धीरे धीरे आदत पड़ जाएगी।
कह कर उसने मुझे गोदी में उठाया और लाकर पलंग पर पटक दिया।
रमेश ने मुझे बाएं करवट लेटाया और दायीं टांग उठाकर पीछे से अपना आठ इंची लंड फिर से मेरी चूत में घुसेड़ दिया और धक्के लगाने लगा , उसका हाथ मेरी चूचियों से खेल रहा था।
आईईईईई अम्मा री थोड़ा धीरे कर बेटा मेरी चूत दुख रही है , ऊऊऊऊऊऊ। आहहहहह मर गयी रे। मेरे खुदा। आआआआआ मेरे मुंह से निकली सिसकारियां से पूरा घर गूंज रहा ।
तभी आसिफ मेरी मुंह के पास बैठा और मेरे गालों पर अपना सुपाड़ा रगड़ने लगा । ले अम्मा इसे अपने मुंह में लेकर थोड़ा चूस दे , फिर मैं तेरी गांड़ मारूंगा,
में अपनी जीभ से आसिफ का सुपाड़ा चाटने लगी , उसके लंड की खुशबू और उसके प्रीकम का स्वाद मुझे मदहोश किए दे रहा था ।... आहहहह औऔऔऔ ... मेरे बेटे तेरा लंड बहुत प्यारा है रे । ...ऊऊऊऊऊऊ ... बेटा कभी मुझे छोड़ना मत ....ऊऊऊऊऊऊ .... हमेशा ऐसे ही प्यार करते रहना।
आसिफ: नहीं मां छोड़ूंगा कैसे , तू तो मेरी जान है । तुझे तो मैं अपनी बेगम बनाऊंगा । बूहहहह... अम्मा लंड मुंह में ले मेंने तेरा मुंह चोदना है । आसिफ ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया और मेरा सिर पकड़ कर मुंह में धक्के लगाने लगा। ...गूं गूं गूं गूं गूं.....मेरे मुंह से इसके अलावा कोई आवाज नहीं निकल रही थी ।...उसके लंड के पानी स्वाद मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैं फिर से जोश में आने लगी थी ,
अच्छा अम्मी ये बताऔ तुमने पहले कभी गांड़ मराई है, आसिफ ने अपना लंड मेरे मुंह से निकाल कर पूछा।
हां बेटा तेरे वालिद को मेरी गांड़ मारना ही ज्यादा पसंद था , वो चूत से ज्यादा मेरी गान्ड चोदते थे।
हां तभी में कहुं कि मुझे गांड़ मारना क्यों पसंद है। मुझमें ये आदत अपने बाप से आईं हैं । आसिफ खुश होते हुए बोला।
आहहहहह मार ले ऊईईईईईई मेरे बेटे तू भी आआआआआ अपनी मां की गांड़ मार ले , मगर दो साल से मेरी गांड़ में कुछ भी नहीं गया है , इसलिए धीरे धीरे शुरुआत करना । आहहह...ऐसे लेट कर चूत मराने में मजा आ रहा है ...आहहह ... रमेश मेरे बच्चे औऔऔऔऔ ऐसे ही चोदता रह , आहहहहह..... एक लम्बे समय बाद ये मीठा दर्द मिला है। ऊऊऊऊऊऊ
रमेश ने मेरी चूत से लंड निकाला और सीधा लेट गया , उसका लंड सीधा मिसाइल की तरह तना हुआ था , में तुरंत उठी और उसके लंड पर बैठ गई । आईईईईईईई... मरी रे, इस आसन से रमेश का लंड सीधा बच्चेदानी से टकराया था , आहहहहहह ऊऊऊऊऊऊ ... ऐसे तो ये अंदर लग रहा है बेटा । रमेश ने मुझे आगे की तरफ झुकाया और अपने दोनों हाथ मेरी पीठ पर कस लिए, और नीचे से धक्के मारने लगा.... हूं हे..हूं .... कुतिया अब तो अंदर नहीं लग रहा ऊऊऊऊ।
हां। औऔऔऔऔ मेरी जान अब ठीक है आहहहह रे ऐसे ही धक्के मारता रहे ।
आसिफ देख पीछे से गांड़ खुल गई होगी... औऔऔ .. तू भी घुसेड़ दे , अपना लंड ,इसकी गांड़ में ..औऔऔऔ... जब दोनों भाई एक साथ इस रांड चोदेंगे तो बहुत मज़ा आयेगा। रमेश ने आसिफ को invite किया।
हाय... रब्बा तुम दोनों एक साथ..... ऊऊऊऊऊऊ .... चोदोगे, हाय रे में दो दो लंड एक साथ कैसे ले पाऊंगी,...आहहह... प्लीज ऐसा मत करो, ऐसे तो मैं मर जाऊंगी ।हायययय रे मां ये तेरी बेटी किन जालिमों के बीच फंस गयी.......ईईईईईई ... थोड़ा रहम करो ,। ऐसा मत करो । डर के मारे मेरे बुरे हाल थे , मेने ज़िन्दगी में ऐसा करने का कभी सोचा भी नहीं था।
चटाक.... रमेश ने फिर एक जोरदार थप्पड़ मेरी चूतड पर मारा । आईईईई ईईईईई हरामजादे मार क्यों रहा है में तड़प कर चिल्लाई।
रमेश: वो इसलिए कि बहनचोदी तुझे कुछ नहीं होगा तू मरेगी नहीं.... हूं हूं हुं .... मजे ले ले कर दोनों के लंड खाएंगी।
तभी आसिफ दराज से ऐलोवेरा जेल की ट्यूब ले आया और मेरी गांड़ के छेद पर मलने लगा। में एकअनजाने डर से सिहर उठी.....आहहहहहहहह .... बेटा देख आराम से करना ...ऊऊऊऊ मेंने दो लंड एक साथ कभी नहीं लिये।
आसिफ ने जेल की पूरी ट्यूब मेरी गान्ड में खाली कर दी , तथा अपनी दो उंगलियां मेरी गान्ड में चलाने लगा।
नीचे से चूत में लंड के धक्के और ऊपर तेजी से गांड़ खोदती उंगलियां । में तो जैसे जन्नत में आ गई थी .... आआआआआ यययं ईईईईईईईई और तेज हाय रे में मरी .... मेरे बच्चों ऐसे ही अपनी अम्मा को चोदते रहो .... ऊऊऊऊऊऊ...... आसिफ तू तो दो की जगह तीन उंगलियां कर दे बेटा छेद को और फैला दें..... हां ठीक है ऊईईईई पूरा हाथ ही घुसेड़ दे बेटा .......हाय रे में मर जाबां ।
चटाक जोर से मेरी गान्ड पर थप्पड़ मारते हुए आसिफ बोला.......चल मेरी रंडी अम्मा तैयार हो जा में भी अपना लंड तेरी गांड़ में डाल रहा हूं, थोड़ा दर्द होगा ज्यादा चिल्लाना मत , कहीं सारा मोहल्ला इकट्ठा कर लें।
औऔऔऔऔ ठीक है बेटा अपनी मां समझ कर थोड़ा आराम से डालना , मेंने दो लंड एक साथ कभी नहीं खाएं है , कहीं तू अपनी मां को मार ही डाले।
मेंने महसूस किया कि आसिफ का गर्म गर्म सुपाड़ा मेरी गान्ड के छल्ले को फ़ैलाने की कोशिश कर रहा है । मेरी गांड़ में दर्द की एक लहर सी उठी। बूहहहहहहह बेटा बेटा थोड़ा रुक रुक कर डाल आहहहहहहहह। दर्द होता है हां हहह आराम से , ऐसा कर एक बार में धीरे धीरे पूरा लंड अंदर घुसेड़ दे फिर थोड़ा रूक जाना । आईईईई ईईईईईई मां मरी रे.... मेरी गांड़ फट गई या रब्बा येएएएए कैसा मज़ा है जिसमें इतना दर्द भी है । में दोनों लंड को अपने अंदर महसूस कर बहुत उत्तेजित थी । दोनों के बीच एक झिल्ली सी ही थी , लगता था दोनों लंड आपस में टकराए हुए हैं । ऊईईई ऊईईई अम्मा रे ऊई अम्मा ..... अरे दोनों एक साथ धक्के मत मारो अंदर चोट लग जाएगी । आहहहहहह एक बार में ऊऊऊऊऊ एक बन्दा ही धक्के लगाएं औहहहहहह क्यों अपनी मां की, मां चोदने में लगे हो ।
दोनों ऊपर -नीचे से धक्के मार रहे थे , और मैं दोनों के बीच दबी हुई सिसकते हुए चुद रही थी..... आहहह आहहहह थोड़ा धीरे करो रे.... ऊऊऊऊह.... दर्द होता है.....ओह अम्मा में तो बुरी तरहां चुद गई रे । क़रीब पांच मिनट बाद दर्द का स्थान मजे ने ले लिया।
हां हां हां मेरे बच्चों अपनी मां को ऐसे ही चोदते , असली चुदाई क्या होती है , ये तो मेंने आज ही जाना है। ऊऊऊऊऊऊ ।
अचानक रमेश अपनी रफ़्तार बढ़ाते हुए बोला ..... आहहहहहह आंटी ...... मेरी प्यारी आंटी.... ऊऊऊऊऊ मेरी रंडी में झडने वाला हूं । आहहहहहहहह। उसने मेरी पीठ पर अपने नाखून गडा दिए थे ।
निकाल दे बेटा ...आआआआआ... तू झड़ जा ऊऊऊऊऊ.....अपना सारा माल मेरी चुत के अंदर ही छोड़ना ऊऊऊऊऊ एक बूंद भी बर्बाद नहीं होनी चाहिए।
आंटी। आंटी में आ रहा हूं ऊऊऊऊऊऊ मेरा निकल रहा है आंटी आआआआइआइइऊऊऊऊऊऊऊऊऊ गया रे गया।
मेंने अपनी चूत में गरम गरम लावा फैलता हुआ महसूस किया। झडने के बाद रमेश को मेरे ऊपर बहुत प्यार आ गया । आहहह .. आंटी आप बहुत अच्छी हो आंटी , में जिंदगी भर आपकी गुलामी करूंगा , आप तो देवी समान हो , आपने बहुत सुख दिया आंटी। रमेश प्यार से मेरे बाल सहला रहा था।
मेरी चूत उसके वीर्य से भरी हुई थी , मुझे भी उस पर बहुत प्यार आ रहा था... में उसके चेहरे को चूमती हुई बोली... आहहहहह मेरे बेटे तूने भी मुझे वो सुख दिया जो में भूल चुकी थी , कसम खा जिंदगी भर अपनी आंटी को ऐसे ही चोदता रहेगा।
आसिफ लगातार मेरी गान्ड में शाट लगा जा रहा था ...ऊंह ऊंह ऊंह ऊऊऊऊऊऊ अम्मी तेरी तेरी गांड़ बहुत टाइट है रेएए मजा आ गया।
मेरे बेटे ऊईईईईईईई तुझे मजा आना चाहिए , इस से बढ़ कर मेरे लिए और कुछ नहीं, ईईईईईईईई थोड़ा तो धीरे कर दर्द होता है..... तेरी मां हूं .... आहहहह कोई पेशेवर रंडी नहीं , थोड़ा धीमें , मेरे बच्चे ऊऊऊऊऊऊ मेरी मां देख तेरा नाती तेरी बेटी को किस बुरी तरह चोद रहा है। आईईईईईऊऊऊऊच.... चोदता रह मेरे बेटे।
रमेश का लंड झड़ने के बाद सिकुड़ कर चूत से बाहर आ गया था। मेरी चूत से उसका वीर्य बह कर उसके लंड पर फ़ैल रहा था। मेंने महसूस किया कि रमेश मेरे नीचे से निकलना चाहता है ।
आसिफ बेटा रूक जा आहहहह , में सीधे लेटती हूं फिर मेरी चूत में डालना। में उठ कर बिस्तर पर सीधी लेट गयी और टांगें फैला कर अपनी चूत आसिफ के सामने खोल दी। आहहहहहहह... आजा बेटा चढ़ जा अपनी मां पर , मेरा राजा बेटा डाल दें मेरी चूत में अपना लंड ....आज से तू मेरा बेटा नहीं शौहर है , डाल दें अपना बीज अपनी मां की कोख में , पैदा करदे अपना एक भाई।
हायययय रे अम्मी एक क्या देखना में तेरी चूत से कितने भाई बहन निकालता हूं , में जिंदगी भर तुझे चोदूंगा , तुझे अपनी रानी बना कर रखूंगा,...आहहहह..आहहहह... तू ही मेरी अम्मी और तू ही मेरी बेगम बन कर रहेगी। कहते हुए आसिफ मेरी जांघों के बीच बैठ गया और अपने सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ने लगा..... ब्हूऊऊऊऊऊऊऊ बेटा जल्दी कर आहहहहहह अब सहन नहीं हो रहा .......ऊऊऊऊऊऊ जल्दी से पेल दे रे.... आसिफ ने अपने लन्ड का सुपाड़ा मेरी चूत के छेद के मुहाने रख दिया
मेंने आनंद से अपनी आंखें बंद कर ली और अपने बेटे का लंड अपनी चूत में घुसने का इंतजार करने लगी।
तभी आसिफ ने एक तेज धक्का लगाया, उसका लंड एक ही बार में पूरा अंदर घुसता चला गया। आईईईईईईई ईईईई मेरे बच्चे तूने तो एक बार में ही पूरा अंदर डाल दिया । हायययय दैय्या री में कितनी खुशकिस्मत हूं कि मेरा बेटा मुझे चोद रहा है । ऊऊऊऊऊ ईईईईई हां बेटा मार जोर से धक्के , हहाआआआ ऐसे ही कूट दे अपनी मां की चूत ...... मेरे चीखने या रोने की चिंता मत करना , जैसे तेरी मर्जी हो तू चोद, डाल दें अपना बच्चा अपनी मां के पेट में , फुला दे अपनी मां का पेट , में भी तेरे बाप को दिखाना चाहती हूं कि अगर वो ...ऊईईई ...मेरे बिना ऐश कर सकता है , आहहहह तो मैं भी उसके बिना बच्चा पैदा कर सकती हूं।
हूं हूं हूं आसिफ हुंकारे मारता हुआ ताबड़तोड़ धक्के लगाए जा रहा था । ले मेरी अम्मी, तू भी क्या याद करेगी किसी मर्द से पाला पड़ा था.. हूं हूं हूं आसिफ जंगली की तरह हुंकारे मार रहा था।
मैंने अपनी दोनों टांगें आसिफ की कमर पर कस ली थी और उसकी पीठ पर नाखून गड़ाते हुए नीचे से चूत उछाल रही थी।
आहहहह और तेज मेरे बेटे शाबाश ऐसे ही ऊईईईईईई मरी रे । तूने तो मेरी फ़ाड़ दी रे.... ऊऊऊऊऊऊ मेरी मां .... मेरे बेटे में बहुत खुश हूं तूने अपने बाप को सही जबाब दिया है । हां बेटा तेज कर ऊछूऊऊऊछू में झडने वाली हूं बेटा हां ऐसे ही पेल दे अपनी कुतिया को रेररररररररर में गयी रे, में गयी , निकल रहा है ... आईईउउउउउच अम्मा री । जो जोर से आसिफ से चिपक गई , में झड़ कर पस्त हो गई थी।
आसिफ पूरी ताकत से अपने पिस्टन को मेरे छेद में चलाए जा रहा था , औहहहह मेरी रंडी तू तो झड़ गयी मेरा क्या होगा , मेरी जान तेरी चूत तो जन्नत है जन्नत , मेरा बाप तो बहनचोद चूतियां है जो इतनी मस्त चीज़ को छोड़कर पता नहीं कहां मुंह मार रहा है , मेरी रानी तेरे लिए तो मर्दों की लाइन लग जाए ।
बेटा अब तू भी जल्दी झड़ जा मुझे तकलीफ़ हो रही है आईईईईईईई सहन नहीं हो रहा रे थम जा थोड़ा ऊऊऊऊऊऊ मेरी जांघें दुख रही है थोड़ा रहम कर अपनी मां पर प्लीज निकाल ले ...... तेरे लंड को में मुंह से झाड दूंगी ... तुझे मेरी कसम अब जल्दी झड़ जा । में अपने दोनों हाथों से उसके चूतड सहला रही थी ताकि वो जल्दी झड़ जाएं।
ठीक है रानी, में कोशिश करता हूं जल्दी झडने की ,तू ऐसे ही मेरे चूतड सहलाती रही आआआआआ आहहहहह बहुत अच्छा लग रहा है मेरी अम्मा औऔऔऔ तू तो महान चुद्दकड है , तेरे को तो देख कर ही किसी का भी पानी निकल जाए । आइइइइइइइ मेरी रानी में झड़ रहा हू, मेरे चूतड पकड़ ले कसके हायययययय रे रूका नहीं जा रहा आआआइइगग गया रे गया मैं भी गया मेरी रानी आहहहहह ।
मेंने एक के बाद एक पांच गर्म लावे की धार अपनी चूत में महसूस की , फिर प्यार से अपने बेटे के बाल सहलाने लगी।
तभी मैंने बगल में लेटे रमेश की तरफ देखा, उसका तना हुआ लंड फिर से तैयार होकर झटके मार रहा था।
उस दिन उन्होंने मुझे कितनी बार चोदा मुझे ध्यान नहीं क्योंकि चार पांच बार की चुदाई के बाद , में अर्ध बेहोशी की हालत में आ गयी थी ।
पता नहीं मैं कितनी देर ऐसे ही पडी रही, जब मेरी आंखें खुली तो , मैं मेरे पेशाब से गीले हुए बिस्तर पर ही पड़ी हुई थी, मेरा अंग अंग किसी फोड़े की तरह दर्द कर रहा था , मेरी चूत और गांड़ में भयानक जलन हो रही थी , मेंने मेरी चूत और गांड़ पर हाथ फेर कर देखा दोनों वीर्य से बुरी तरह चिपचिपी हो रही थी, मेरी जांघों, पेट, चूचियां सब वीर्य में सने हुए थे ।
में बिस्तर से उठी और किसी तरह लड़खड़ाते हुए वाशरूम तक पहुंची, बड़ी मुश्किल से अपने शरीर को साफ किया, मुझ में इतनी भी ताकत नहीं बची थी कि खड़ी रह सकूं।
आसिफ..... मेंने अपने बेटे को आवाज लगाई, जो शायद अपने कमरे में काम कर रहा था।
हां अम्मी जान, आसिफ दौडता हुआ आया , आप उठ गये , आप काफी गहरी नींद में थे इसलिए मैंने उठाना ठीक नहीं समझा।
मेंने मुस्कराते हुए उसकी तरफ देखा , बेटा मुझे बहुत कमजोरी हो रही है, खड़ा भी नहीं रहा जा रहा, मुझे अपने बिस्तर पर ले चल क्योंकि ये बिस्तर तो गंदा हो गया, आज मैं तेरे साथ ही सोऊंगी।
अम्मी आज क्या अब आप हमेशा ही मेरे साथ सोना,आसिफ ने तुरंत से मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे सहारा दिया। ओह अम्मी आप का शरीर तो बुखार से तप रहा है, चलो आप बिस्तर पर लेटो में डाक्टर से दवाई लाता हूं।
नहीं उसकी जरूरत नहीं है , बस तू मेरे साथ सो जा .... मुझे इस बात की बिल्कुल चिंता नहीं थी कि मैं उसके साथ बिल्कुल नंगी खड़ी हूं।
आसिफ मुझे सम्भाल कर अपने बिस्तर तक लाया और मुझे लेटा दिया। अम्मी आप आराम करें , में थोड़ा सा काम करके आता हूं।
नहीं, तू अभी आजा काम बाद में कर लेना, मेंने जिद्द करी।
ठीक है मेरी जान , आसिफ ने अपने सारे कपड़े उतारे और मेरे लिहाफ में घुस गया। और में अपने नये शौहर से चिपक कर सो गई।
(दोस्तों सलाह दे कि कहानी को आगे बढ़ाया जाए या यही खत्म करें।)