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Fantasy दर्दे जिगर

anandsngh12

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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे शिवा पंडित के चारों पहवानो को मारने के बाद पंडित का भी बाजा बजाता है जिससे डर कर पंडित वहाँ से चला जाता है।
अब आगे
शिवा जब घर पे आता है तो उस वक़्त तक सोनिया जाग गयी थी और नास्ता कर रही थी। पंडित को देखकर वो बोलती है
सोनिया- क्या कह रहा था वो पंडित तुमसे।
शिवा ये सुनते ही एक दम से सिर ऊपर उठा के उसे देखता है।
सोनिया - ज्यादा हैरान होने की जरूरत नही है। में उसके बारे में सिर्फ इतना जानती हूं कि वो किसी बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद है और वहाँ अपने वैन में बैठ कर मुझे घूरता रहता है और अगर मेरे साथ किसी लड़के को देख भी लेता है तो उसके पहलवान उसकी हड्डी पसली तोड़ देते है। और उसने कल तुम्हें मेरे साथ देख लिया होगा और आज सुबह मौका मिलते ही उसके पहलवानों ने तुमसे झगड़ा किया होगा। मै तो सिर्फ इतना पूछ रही थी कि कही उसे भी तो कल के गुंडो की तरह तो नही समझ दिया। और ये कहते ही जोर से हस पड़ती है।
शिवा को भी जब पूरी बात समझ मे आती है तो वो भी सर झुका कर मुस्कुरा देता है।
अभी ये लोग बात कर ही रहे थे कि सोनिया की सहेलिया आ जाती है और वो सब घूमने निकल जाती है और शिवा भी उनके साथ ही था एक ड्राइवर की तरह।
जब तक ये लोग घूमते है हम जरा हम लोग खान असलम और कृष्णा को देख लेते है कि ये लोग कर क्या रहे है।
खान और असलम एक कमरे में बैठे थे और कुछ बहुत ही गंभीर मंत्रणा कर रहे थे।
खान - असलम अब तो उस बात को बहुत साल बीत गए है। उस लाला ने तो दुबारा पूछा भी नही हमे।
असलम - बाबा बोल तो सही राहे हो तुम। साला हम इधर से उधर भागते रहे और वो लाला और उसका वो अनजान मालिक वहाँ मजे ले रहे है।चलो अब वापस उसी गांव में जाने का टाइम आ गया है और वहाँ से अपना हिस्सा भी तो लाना है। वो लाला तो सब हड़प कर बैठ गया होगा अब तक।
खान - लेकिन क्या तेरे हथियार कृष्णा को वहाँ ले जाना सही होगा। कही उसे सब याद आ गया तो हमे लेने के देने पड़ जाएंगे।
असलम - क्या बाबा तुम इतना क्यों डर रहे हो। हथियार कभी खुद के मालिक पर चलता है क्या। और उसके कौन बताएगा कि हमने उसके माँ बाप को जिंदा जला कर मारा था।
खान - और उसका वो भाई जिसे हमसे बचा कर उसकी माँ ने खिड़की से बाहर भाग दिया था।
असलम - क्या भाई अगले दिन हमने उस घर के पीछे जाके देखा भी तो देखा था ना। वहां उस गहरी खाई के अलावा कुछ नही था। पक्का रात के अँधेरे में वो खाई में गिर गया होगा। बेचारी उसकी माँ ने तो सोचा होगा कि वो अपने एक बेटे को तो हम से बचा लिया है। पर उसे क्या पता था कि उस खिड़की के पीछे खाई थी।
खान - ओये लाले जरा धीरे बोल यार। तूने सुना नही की दीवारों के भी कान होते है।
असलम - पहली बात तो ये की अपने उस हथियार के होते हुए हमें किसी से डरने की जरूरत नही है। और वो हथियार अभी अपना हथियार किसी की गुफा में डाल के पड़ा होगा।
खान - हाँ यार तूने उसे शराब और शबाब का इतना आदि बना दिया है कि इन दोनों में से एक भी अगर उसे ना मिले तो जैसे उसे लकवा मार दिया हो ऐसा हो जाता है। ना कुछ बोलता है और न ही कुछ करता है।
असलम - ये सिर्फ शराब और शबाब का कमाल नही है बाबा। ये तो उस ड्रग्स का कमाल है जो में उसे शुरू से देता आ रहा हु शराब में मिला कर। पर अगर उसे कोई लगातार 2 हफ़्तों तक वो ड्रग न दे और वो सिर्फ शराब ही पिये तो उस ड्रग का असर खत्म हो जाएगा क्योंकि जहर ही जहर को मारता है।
खान - फिर तो हमे उसे रोज वो ड्रग मिली हुई शराब ही देनी चहिये।
अभी ये लोग ये बातें कर ही रहे थे कि बाहर से कुछ आहत हुई। असलम लपक कर दरवाजे की तरफ भागा लेकिन वहां उसे कोई नही दिखा तो वो उस कमरे की तरफ बढ़ गया जहाँ कृष्णा उस क्लब में काम करने वाली एक लड़की तानिया के साथ सो रहा था। असलम एकदम से उस कमरे में घुस जाता है क्योंकि सब को पता था कि कृष्णा कभी भी अपना कमरा बन्द नही करता।
कमरे में कृष्णा और तानिया बिल्कुल नंगे लेते हुए थे। जहाँ तानिया अपनी पीठ के बल लेती हुई थी वही कृष्णा उसके ऊपर अपना एक हाथ और टाँग रख कर उल्टा लेता हुआ था।
तानिया की तनी हुई चुचिया अपना सिर उठाये खड़ी हुई थी। असलम ये देख के अपने होंठों पर जीभ फिरता है। लेकिन फिर कृष्णा को देखकर अपने आप को रोकता है और उस कमरे से वापस बाहर आ जाता है। इतने में हिनक बिल्ली उसके सामने से गुजर जाती है। उस बिल्ली को देखकर असलम मुस्कुरा कर वापस अपने कमरे में खान के पास आ जाता है।
खान - कौन था बाहर।
असलम - कोई नही बाबा, बिल्ली थी।
खान - फिर इतनी देर कैसे लगा दी।
असलम - पहले तो अपने अदमियों की क्लास लगाई। साले सब के सब हरामखोर है। कोई भी कमरे से बाहर नही निकला इतनी तेज आवाज होनेके बावजूद। दूसरे में कृष्णा के कमरे में भी गया था कि कही वो कृष्णा या लड़की ही तो नही थी। लेकिन वो दोनो तो बिल्कुल नंगे एक दूसरे से लिपट कर पड़े हुए थे। लेकिन एक बात है कि साली ये तानिया भी एकदम पटाखा है। साली की चुचिया भी एक दम कड़क है।
खान - एक दम से असलम का मुंह बंद करते हुए - पागल हो गया है क्या तू जो उसके बारे में ऐसे बोल रहा है। याद नही की उस दिन क्लब में उस लड़के ने तानिया का हाथ पकड़ लिया था तो तेरे इस हथियार ने उसका क्या हाल किया था। साला डॉक्टरों को भी कई महिने लग गये थे उसे ठीक करने में।
इधर उस कमरे में असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है और कुछ देर पहले जो कुछ सुना था असलम की जुबानी उसके बारे में सोच रहे थे। तानिया ने आज पहली बार कृष्णा की आंखों में आंशू देखे थे। वो उन्हें साफ करते हुए अपनी गर्दन ना में हिलती है।
दोस्तों बाकी कल या फिर जब भी जिंदगी मोहलत देदे।
Behad shandar update amtul bhai
Aslam aur khan dubara gaon me jane ki planning kar rahe hain
Ye achcha hua ki krishna ko poori haqiqat malum chal gayi.
Ab aslam aur khan ka na jane ko kya haal karega
Agle update ka besabri se intazar
 

anandsngh12

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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा इंपेक्टर वर्मा और उसकी मंगेतर को मरवा देता है। उधर शिवा ठाकुर के साथ उसकी बेटी के कॉलेज के वार्षिक महोत्सव में जाता है जहाँ वो उसकी बेटी को और उसके नृत्य को देखकर अपना दिल हार जाता है।
अब आगे
ठाकुर मंच पर जाके पहले तो सबको अपने भाषण से पकाता है और फिर जब पुरस्कार वितरण की बारी आती है तो उसकी बेटी अपने कॉलेज में दूसरे स्थान पर थी लेकिन नृत्य में पहले स्थान पर रही। वो भी अपने पिता से पुरस्कृत हो कर बहुत खुश थी।
ठाकुर- बेटी आज तुमने हमारा सिर फक्र से ऊंचा कर दिया। अब तो तुम हमारे साथ हवेली चलोगी ना।
सोनिया- क्या पापा अभी तो हमारे पेपर खत्म हुई है और रिज़ल्ट आया है। अब हम घूमने जाएंगे अपनी सहेलियों के साथ। फिर 3 4 दिन के बाद आ जायँगे आपकी उस हवेली में।
ठाकुर - ठीक है ठीक है जैसी तेरी मर्जी। लेकिन अपना ध्यान रखना। तुझे पता है ना कि हमारी जान तुझ में बसती है।
सोनिया - अरे क्या होगा और आपकी बेटी इतनाI भी कमजोर नही है कि कोई भी उसे चलते फिरत छेड दे।
ठाकुर - शाबास
, तू हमारी बेटी नही बेटा है। अच्छा इससे मिल ये है शिवा, हमारा सबसे खास आदमी। जब तू गांव आएगी तो ये ही तुझे लेने आएगा।
सोनिया शिवा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए, क्या पापा इस लंगूर में आपको क्या खूबी दिख गयी कि इसे आपने अपना खास आदमी बना दिया। इसे देख कर तो लगता है कि ये मेरी नही बल्कि मुझे इसकी सुरक्षा करनी पड़ेगी।
असल मे शिवा को अपना जिस्म दिखाने ली आदत नही थी इसलिए वो हमेशा ढीले कपड़े ही पहनता था। दूसरा उसने हल्की दाढ़ी भी रखी हुई थी। तो वो सोनिया को एक गरीब और कमजोर बंदा लग रहा था।
ठाकुर - बेटी दिखावें पे मत जाओ। इसने अपने 2 मुक्कों में ही सुल्तान को पालतू कुते की तरह बना दिया था।
सुल्तान उसी घोड़े का नाम है जिसे शिवा ने काबू किया था। सोनिया भी उसके बारे में जानती थी।
सोनिया - हैरानी से , क्या बात कर रहे हो पापा इस सूखे हुए पेड़ ने अपने सुल्तान को पालतू कुत्ता बना दिया। मै नही मानती।
ठाकुर - तो एक काम कर में इसे यही तेरे पास छोड़ जाता हूँ। इसे तू भी आजमा ले और अगर तेरी नजर में ये जच जाए तो इसे अपने साथ हवेली ले आना नही तो इसे यही छोड़ देना। मुझे कोई दिक्कत नही है।
अब शिवा पहली बार कुछ परेशानी से ठाकुर की तरफ देखता है और बोलता है - मालिक में यहाँ कैसे रह सकता हु, आपको तो पता ही है कि मुझे रोज शाम को बाबा से मिलने जाना पड़ता है।
ठाकुर - पता है, तू उसकी चिंता न कर , में बाबा के पास खबर भिजवा दूंगा की तू यहाँ है और मेरी बेटी के साथ ही वापस आएगा अगर वो चाहेगी तो। चल अब में जाता हूं और तू मेरी जान का ख्याल रखना।
शिवा - आप बेफिक्र जाईये मालिक, इनकी सुरक्षा के लिए में किसी की भी जान लेलूँगा।
उसके बाद ठाकुर चला जाता है और सोनिया शिवा को अपनी गाड़ी के पास भेज कर अपनी सहेलियों के पास चली जाती है। वही शाम को जब शिवा बाबा के पास नही पहुँचता तो वो खुद हवेली की तरफ चल देते है। वहाँ जा कर उसे पता चलता है कि शिवा आज ठाकुर के साथ शहर गया है।
उधर लगभग 1 घंटे तक जब सोनिया बाहर नही आती तो शिवा उसे देखने के लिए कॉलेज के अंदर चल देता है। जहाँ सोनिया नौर उसकी सहेलियों ने उसके लिए एक जाल बिछाया था लेकिन वो ये भूल गयी थी कि जो दूसरों के लिए गढ़ा खोदते है वो खुद उसमे गिर जाते है। और ऐसा ही सोनिया के साथ हुआ। दरअसल हुआ कुछ यूं था कि शिव की ताकत को आजमाने के लिए सोनिया के कहने पर उसकी 1 सहेली ने किसी गैंग को फोन करके सोनिया की झूठी सुपारी दी थी और ये भी समझा दिया था कि सोनिया को कुछ न करे । उन्हें सिर्फ शिवा को मारना है। लेकिन सोनिया को देख कर उनके अंदर का शैतान जाग जाता है। और वो सोनिया को उठा के कॉलेज के अंदर ले जाते है। और उसकी इज़्ज़त लूटने की कोशिश करते है। तभी वहां शिवा पहुच जाता है।
शिवा - अरे भाई क्या कर रहे हो तुम लोग ये सब। तुम्हे पता नहीं क्या ये ठाकुर साहब की बेटी है। इनसे तो अच्छे 2 डरते है और तुम इनके साथ ऐसी घटीया हरकत कर रहे हो। देखो मेरा फर्ज था तुमको समझना आगे तुम खुद बहुत समझदार हो।
वो सभी एक दूसरे का मुँह देखने लगते है कि अब क्या करे अगर इसे कुछ भी करा तो ठाकुर हमारी ही नही बल्कि हमारी नश्ले तक मिटा देगा और अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया तो ये हमारी जान यही लेलेगी। तभी उनका लीडर बोलता है कि क्या सोच रहे हो सालो अगर इसे ऐसे ही छोड़ दिया तो पक्का ये हमारी जान लेलेगी। लेकिन अगर हम इसे अपने साथ ले जाएंगे तो ठाकुर भी हमारा कुछ नही बिगाड पायेगा जब तक ये हमारे पास रहेगी।
इतना सुनते ही सभी फिर से सोनिया को पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगते है कि शिवा फिर से उनके सामने आ जाता है।
शिवा - तुम्हे मेने एक बार समझाया तो तुम लोगो को समझ मे नही आया ने की इसे छोड़ दे और चुप चाप चले जाएं। लगता है कि तुम भी लातो के भूत हो जो बातो से नही मानते। और मै तो हमेशा कहता हूं कि मार से तो भूत भी डरते है।
तभी एक गुंडा आगे आकर शिवा को बेसबॉल के डंडे से उसके ऊपर मरता है लेकिन शिवा उसे अपनी कलाई से ऊपर रोक देता है जिससे वो डंडा वही टूट जाता है। तभी शिवा उस गुंडे का हाथ कलाई से पकड़ कर मरोड़ देता है और उसे अपने सामने ला कर दूसरे हाथ से उसके मुँह पर एक मुक्का मरता है जिसके बाद वो गुंडा शिवा के कंधे पर झूल जाता है। अपने कंधे पर उठाये 2 वो आगे बढ़ता है। तब दूसरा गुंडा आगे आकर अपने हाथ मे पकड़े हुए चाकू से उस पर हमला करता है लेकिन इससे पहले की वो चाकू शिवा को छू पाता शिवा की 2 उंगलियां उस गुंडे की गर्दन की हड्डी को तोड़ चुकी थी और वो वही लहर कर गिर जाता है। इस बार लीडर 2 गुंडो को एक साथ भेजता है तो शिवा अपने कंधे पर लटके हुए गुंडे को नीचे गिरा कर उसके दोनों पैर पकड़ कर उन दोनों गुंडो पर किसी डंडे की तरह मरता है। जिससे उन दोनों का सिर फट जाता है। तब लीडर खुद आगे आता है और शिव को एक किक मरता है लेकिन शिवा उसकी टांग को पकड़ नीचे गिरा देता है और दूसरे पैर पर अपना पैर रख कर दूसरे पैर को उपर की तरफ उठता रहता है और उसके घटने पर एक मुक्का मार देता है जिससे लीडर की चीख वहाँ चारो तरफ गूंज जाती है क्योंकि उसका घुटना उल्टा मुडा हुआ था। शिवा की इस हैवानियत को देखकर सोनिया तो बेहोश हो जाती है और जिन गुंडो ने उसे पकड़ रखा था वो उसे छोड़ कर घुटनो के बल बैठ कर शिवा से माफी मांगने लगते है। लेकिन शिवा तो कुछ और ही मूड में था, वो उनमे से एक का हाथ पकड़ कर ऊपर उठाता है और उसकी कलाई में अपनी उंगली डालने लगता है उस गुंडे की कलाई से खून बहने लगता है। तभी शिवा अपनी उंगली को मोड़ कर उसकी एक नस को बाहर की तरफ खिंचने लगता है, शिवा उस नस को खिंच कर उसकी कोहनी तक बाहर ले आता है और अपने पंजे में किसी रस्सी की तरह लपेट कर और खीचने लगता है और उसके कंधे तक खींच देता है और दूसरे गुंडे को मुस्करा कर देखता है यह सब देखकर दूसरा गुंडा अपने आप को चाकू मार लेता है।
अगला अपडेट कल दूंगा।
Marvellous update
Jabardast action dikhaya hai shiva ne
Shayad iss ghatna ke baad soniya apna dil haar baithe shiva par
Dekhte hain aage kya hota hai
 

anandsngh12

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अब तक आपने पढा की कैसे शिवा सोनिया के बुलाये हुए गुंडो को दर्दनाक मौत देता है जिसे देख कर तो एक गुंडा खुद को चाक़ू मार लेता है।
अब आगे
जब वो आखिरी गुंडा अपने आप को चाकू मार देता है तो शिवा उसे ऐसे नाराजगी से देखता है जैसे एक बच्चे से किसी ने उसका खेलने वाले खिलौना छीन कर तोड़ दिया हो। फिर वो सोनिया के पास जाकर उसे उठाता है और जब वो होश में आती है और शिव को देखती है तो डर कर दूर भाग जाती है क्योंकि शिवा पूरा खून से नहाया हुआ था। शिवा ये समझ जाता है और वही पास में जेट पंप को चालू कर के अपने आप को साफ करता है और उसके बाद सोनिया के पास जाकर कहता है कि मालकिन आपको डरने की कोई जरूरत नही है। मैंने इन्हें समझ दिया है, अब ये दरिन्दे कभी भी किसी लड़की को नही छेड़ेंगे। शिवा की ये बात सुन सोनिया गर्दन साइड में करके जब उसके पीछे पड़े हुए उन गुंडो के बेजान जिस्म देखती है तो मन ही मन हँसने लगती है और सोचती है - जब जिंदा रहेंगे तब ही न किसी लड़की को छेड़ेंगे और जो बेहोस है वो जब होश में आएंगे तो दूसरी तो दूर की बात है अपनी बीवी को भी न छुएंगे। हीहीहीही।
लेकिन अपने चेहरे पर झूठी नाराजगी दिखाते हुए - ये क्या तरीका है किसी को समझाने का, इनमे से कुछ तो जिंदगी भर के लिए बेकार हो गए है और कुछ भगवान को प्यारे।
शिवा अपना सर खुजाते हुए - वो थोडा सा हाथ जोर से पड़ गया और फिर जब मैने आपकी कलाई पर उन दोनों की उंगलियों के निशान देखे तो मुझे गुस्सा आ गया और ये सब हो गया।
सोनिया का ध्यान अब अपनी कलाई की तरफ जाता है और उसे वह दर्द होने लगता है। तब शिवा उसका हाथ पकड़ कर उसकी कलाई पर हल्के हाथों से मसाज करता है जिससे उसे आराम मिलता है। वो एकटक शिवा को देखती रहती है और उसके चेहरे में ही खो जाती है। उसे पता भी नही चला कि कब शिवा ने उसे अपने को ऐसे घुरतें हुए देख लिया और उसकी कलाई को ठीक कर अपना सिर झुका कर पीछे हट गया है। फिर शिवा के बुलाने पर उसे होश आता है तो वो शरमा के अपनी नजरे झुका लेती है। शिवा - मालकिन चले बहुत देर हो गयी है और रात भी होने वाली है।
सोनिया हड़बड़ा कर - है तो चलो न रोका किसने है। तुम्ही देर कर रहे हो।
शिवा मुस्कुरा कर अपनी गर्दन कुक लेता है और चल पड़ता है सोनिया की गाड़ी की तरफ।
दोनो के दिल मे एक चिंगारी जन्म ले चुकी थी जो आगे क्या 2 गुल खिलाएगी ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।
लेकिन इतना तय है कि सोनिया शिवा के प्यार में पड़ चुकी है पूरी तरह से जबकि शिवा को पहले अपना लक्ष्य पूरा करना है जो कि अपने माँ, बाप और भाई के हत्यारों को ढूंढ कर मौत के घाट उतारने का है और उसके इस लक्ष्य के बीच मे किसी और कि कोई जगह नही है। प्यार की भी नही।
दोनो सोनिया के शहर वाले घर मे बाजार से ही खाना खा कर आ जाते है और सोनिया शिवा को उसका कमरा बता कर खुद अपने कमरे में सोने चली जाती है।
अगले दिन सुबह उठ कर शिवा अपना रोज का काम करता है जैसे योग और कसरतें करता है। फिर तैयार हो के नाश्ते के लिए आता है तो वह कोई नही होता। वो घर के बाकी नौकरो से जब पूछता है तो वो बताते है कि मेम साहब खुद 10 बजे से पहले नही उठती और अगर कोई उन्हें उठाने जाता है तो उसकी समझो शामत ही आ जाती है। इसलिए नास्ता भी देरी से बनता है।
जिस पर शिव है देता है और अपने लिए नास्ता बनाने को बोलता है। फिर नास्ता खाने के बाद वो उस घर से बाहर आता है तो उसे उस घर से कुछ दूरी पर एक गाड़ी खड़ी दिखती है जिस पे काले शीशे लगे हुए थे। शिवा की छठी इंद्री उसे किसी खतरे का आभास करती है। जिसके चलते वो उस घड़ी तरफ बढ़ने लगता है तभी वो गाड़ी भी आगे को चलने लगती है। जैसे 2 शिवा आगे बढ़ रहा था वैसे 2 वो गाड़ी भी चल रही थी। तभी शिवा कुछ सोच कर रुक जाता है और वापस घर मे आ जाता है। जिसे देख वो गाड़ी का ड्राइवर भी गाड़ी को पहले वाली जगह पर ले आता है।
शिवा घर मे घुसते ही सभी नौकरो को सचेत कर देता है और बोलता है कि कुछ भी हो जाये घर का दरवाजा मत खोलना और ना ही मालकिन की बाहर आने देना।
फिर वो फुर्ती से पीछे के दरवाजे से बाहर आके चुप चाप उस गाड़ी के दूसरी तरफ पहुँच जाता है और चुपके से उस गाड़ी के चारो टायरों के नीचे किले बिछा देता है।
फिर वो उठ कर एक दम से गाड़ी के सामने खड़ा हो जाता है और उसके शीशे पर एक मुक्का मरता है। गाड़ी के अंदर बैठे सभी लोग एकदम से घबरा कर उस तरफ देखते है तो शिव को वहाँ पाते हैं। तभी गाड़ी का ड्राइवर गाड़ी को स्टार्ट कर के भागने लगता है लेकिन उन किलो की वजह से गाड़ी के टायर फट जाते है और ड्राइवर संतुलन खो देता है और गाड़ी पलट जाती है।
शिवा दूर खड़ा ये देखता रहता है और धीरे 2 चलते हुए गाड़ी की तरफ बढ़ता है। गाड़ी के पास पहुँच कर वो जैसे ही दरवाजा खोलने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाता है कि तभी गाड़ी का दरवाजा खुलता है और उसमें से 4 हटे कट्टे पहलवान बाहर निकलते है और शिव को उठा कर दूर फेक देते है और हँसने लगते है। शिवा एकदम से हुए इस हमले से थोड़ा सा विचलित हो जाता है लेकिन फौरन ही संभल कर अपने हाथ झाड़ता हुआ खड़ा हो जाता है।
शिवा - बहुत खूब भाई लोगो। लेकिन यार मारने से पहले बाता तो दो की मार क्यों रहे हो। और यहाँ क्यों आये हो।
तभी उन चारों के पीछे से आवाज आती है - मौत कभी किसी को बताके या पूछ कर नही आती। जब शिवा थोड़ा सा झुक के उन पहवानो के पीछे देखता है तो पाता है कि वह एक सामान्य सी कठ काठी का नौजवान लड़का था। और वो इन चारो के होते हुए खुद को बहुत बड़ा डॉन समझ रहा था।
शिवा - बिल्कुल सही कहा बरखुर्दार लेकिन गलत टाइम पर गलत बन्दे से। वैसे तु है कौन ये तो बता दे।
लड़का - बिल्कुल अकड़ के साथ बन्दे की लोग पंडित बोलते है और कुछ लोग डर से मायावी पंडित भी बोलते है।
शिवा - सही है, लेकिन मुझसे क्या दुश्मनी है ये तो बता दे।
(मै इसे पंडित ही कहूंगा क्योंकि मै इससे डरता नही हु।)
पंडित - क्योंकि तू अपनी जाने जिगर सोनिया के पास फटका है इसलिए ये चारों सिर्फ तेरे हाथ पैर तोड़ेंगे।
शिवा - ऐसा क्या और अगर मेने उन्हें छू लिया होता तो ।
पंडित - तो ये तेरे हाथ काट दिए जाते।
शिवा मुस्कुराते हुए - तो देरी किस बात की। भेज तेरे इन किराये के गधो को, देखते है कि कौन किसकी मौत है।
पंडित अपने पहलवानो को इशारा करता है और वो चारो शिवा की तरफ बढ़ जाते है।
इसके बाद क्या हुआ वो कल बताऊंगा, अगर जिंदा रहा तो
Bahut hi khubsurat update
Akhir vahi hua..ishq ki aag lag hi gayi soniya ko aur shiva ko bhi
Jab ye ishq parwan chadhega tab kya hoga...?
Kya thakur dono ke pyar ko swikar karega...?
 

Vikram singh rana

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Hello bro....
I'm here for the first time......

First of all.....
:congrats: for the new thread.....belated....

Now let's talk about the story....

Different theme......different genre....
So good.....

The charactor or both hero and 2 lead...was awesome....
And good plot....
Keep other up....keep rocking...
Entertain us...
Thanks....
 

aka3829

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अब तक आने पढ़ा कि कैसे शिवा के घर आते ही सोनिया उसे पंडित के बारे में सब सच बता देती है जिसे जान कर उसे पंडित पर और भी गुस्सा आता है लेकिन सोनिया की सहेलियों के आने से वो लोग घूमने निकल जाते है। और दूसरी तरफ असलम और बाबा शराब के नशे में अपने पुराने और कृष्णा के राज़ खोल देते है जिसे कोई सुन लेता है और असलम उसे देखने बाहर आता है तो उसे वहाँ कोई नही दिखता।
अब आगे

असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है। तानिया आज पहली बार कृष्णा की आँखों मे आँशु देखती है और उनको पोछते हुए ना में अपना सिर हिलाती है। कृष्णा तब मुस्कुराता है और तानिया की अपने सीने से लगा लेता है और बोलता है
कृष्णा - आज तूने भी वो देख लिया जिसे आज तक सिर्फ एक ही बन्दे ने देखा है और वो मैं खुद हु जब भी अकेला होता हु तो उन पुराने दिनों को याद करते हुए ये आँखे धोखा दे ही जाती है। और जब तू असलम और खान के कमरे के बाहर खड़ी उनका सच सुन रही थी तो मैंने तुझे इसलिए ही उठा कर यहाँ ले आया क्योंकि तू वहाँ खतरे में खड़ी थी। और जो तूने आज सुना है वो तो में दो साल पहले से जनता हु। बस सालो ने कभी भी मेरे गाँव का नाम नही लिया।
तानिया - आज लिया था उन्होंने, लेकिन असलम तुझे एक ड्रग भी देता आ रहा है।
इतना सुनते ही कृष्णा जोर से हस देता है।
कृष्णा - जिस ड्रग की तू बात कर रही है उसका असर मेने पिछले साल ही खत्म कर दिया था। वो तो असलम बीच 2 मे ये चेक करने के लिए की वो ड्रग सही काम कर रहा है या नही मुझे बिना ड्रग की दारू भी दे देता है तो मुझे जिंदा लाश होने का नाटक करना पड़ता है। क्योंकि मुझे इनके जरिए ही अपने परिवार को बर्बाद करने वाले तक पहुँचना है। उसके बाद ये लोग देखेंगे कि कृष्णा नाम के इस हथियार में कितना बारूद भरा हुआ है। और तूने उस गांव का नाम नही बताया अभी तक।
तानिया - ये गांव वही है जहाँ वो ठाकुर का सिक्का चलता है। और ये लोग जल्दी ही वहाँ किसी लाला से मिलने जा रहे है।
कृष्णा - तो फिर तो मुझे भी इनके साथ जाना होगा किसी भी तरह।
तानिया - मैं भी चलूंगी तेरे साथ।
कृष्णा - कोई घूमने नहीं जा रहा कि मै भी चलूंगी। नई जगह है पता नही कौन दोस्त है और कौन दुश्मन। मै तुझे अपनी कमजोरी बना कर नही लेजा सकता समझी।
तानिया - उदास से चेहरे के साथ ठीक है जैसा तुम कहो लेकिन खतरा तो यहाँ भी है ना मुझे।
कृष्णा - नहीं क्योंकि यहाँ सब को पता है कि तू मेरी आइटम है और तुझ पर हाथ लगाने का मतलब अपनी मौत को गले लगाना।
तानिया - चल फिर सोते है कल जागना भी है आगे के प्लान को बनाने के लिए।
फिर वो दोनों सो जाते है।
ऐसे ही कुछ और दिन बीत जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी को फोन करके हवेली आने का बोल देता है। और शिवा को उसकी रक्षा करने का बोल फोन काट देता है। सोनिया और कृष्णा वापस गांव की तरफ चल देते है। जब वो लोग गांव के बाहर ठाकुर के बगीचों के बीच से गुजरते है तो सोनिया गाड़ी रोक कर बगीचे को देखने के लिए उतर जाती है। ये देख शिवा जल्दी से उतर कर उसे बोलता है कि
शिवा - मालकिन यहाँ क्यों रोक दी गाड़ी जल्दी से बैठो और चलो यहाँ से।
सोनिया - तुम होते कौन हो मुझे ऐसे आदेश देने वाले। मै चाहे जहाँ गाड़ी रोकू या फिर घूमूं। तुन्हें सिर्फ मेरी हिफाजत के लिए रखा है तो तुम सिर्फ अपना काम करो।
शिवा - सिर झुका कर - जी मालकिन जैसा आपका आदेश।
फिर सोनिया बगीचे में घूमने लगती है। वहाँ से कुछ दूरी पर पांच लोगों का गिरोह भी था जो दिन में इस घने बगीचे में छुप जाते थे और आधी रात में बाहर निकल कर लूटपाट करते या फिर हत्या करते थे किसी के कहने पर।। और वो शख्स लाला ही था जिसके ये पालतू कुत्ते थे।
उनमे से एक दारू पीते पीते मूतने का इशारा कर अपने गिरोह के पास से उठ कर एक पेड़ के पास जाता है। अपने काम से फ्री होकर जैसे ही वो मुड़ता है तो उसे किसी के कदमो की आवाज आती है। वो सतर्कता पूर्वक उस आवाज की तरफ बढ़ता है और जब उस आवाज तक पहुँचता है तो सोनिया के जिस्म को देख कर एकदम पागल हो उठता है क्योंकि सोनिया ने अभी एक टाइट टीशर्ट और चुस्त जीन्स पहन रखी थी जिसमे से उसके बदन का हर कटाव और हर उभार और भी उभर कर दिख रहा था। वो जल्दी से अपने गिरोह के पास पहुचता है और उन्हें सोनिया के बारे में नमक मिर्च लगा कर सुनाता है, जिसे सुन वो चारो एक से उठ कर उस तरफ चल देते है। लेकिन ये क्या वहाँ तो लड़की क्या उसकी खुशब तक नही थी। वो पांचो मुड़ के अपने साथी को घूरते है तो वो भी अपना सिर खुजा रहा होता है। तभी उन्हें किसी लड़की के हँसने की आवाज आती है तो समझ जाते है कि वो आवाज कहा से आ रही है और उस तरफ दौड़ पड़ते है इस बात से अनजान की वहाँ उनकी मौत उनसे पहले ही खड़ी हुई थी।
वो लोग भाग कर जैसे ही सोनिया की तरफ जाते है कि एक पत्थर उड़ता हुआ सबसे पीछे वाले के सिर पर लगता है और वो गिर जाता है। उसके गिरते ही सब लोग पिछे मुड़ कर देखते है तो वहाँ शिवा की खडा पाते है जिसे देखते ही वो लोग डर से काँपने लगते है क्योंकि उन्हें शिवा के गुस्से का पता था।
तभी सोनिया शिवा को आवाज देती है कि
सोनिया - अरे क्या नाम है तुम्हारा, याद आया शिवा। सुनो शिवा गाड़ी यही ले आओ में चलते 2 बहुत थक गई हूं।
शिवा- जी मलकीन कहता है और गाड़ी लेने चल देता है।
शिवा के जाते ही उन पाँचों में से एक बाँदा सोनिया के सामने जाकर खड़ा हो जाता है और उससे छेड़छाड़ करता है। पहले तो सोनिया डर जाने का नाटक करती है लेकिन फिर कुछ देर बाद वो गुंडा अपने पैरों के बीच में हाथ डाले जमीन में पड़ा दर्द से तड़प रहा था। ये सब इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ समझ मे न आया कि हुआ क्या है। इतने में शिवा गाड़ी लेकर आ जाता है और उस गुंडे को तड़पता हुआ देखता है फिर सोनिया की तरफ देखता है तो वो बड़ी स्टाइल से अपने हाथ साफ करते हुए कहती है मुझे भी लड़ना आता है इसलिए कहा था कि मुझे हाथ लगाने से पहले 100 बार सोचना पड़ता है।
शिवा ये सुन कर अपना सिर नीचे कर मुस्कुरा देता है।
और अब आपकी प्रतिक्रिया के बाद ही अगला अपडेट मिलेगा।
 

Naughtyrishabh

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दमदार अपडेट भाई

कृष्णा को पता था सारी बातें और आज तानिया को भी पता चल गया ।
सोनिया की खूब रही।
मज़ा आ गया भाई वाह ।

और अब ,
आगे का इंतजार


अब तक आने पढ़ा कि कैसे शिवा के घर आते ही सोनिया उसे पंडित के बारे में सब सच बता देती है जिसे जान कर उसे पंडित पर और भी गुस्सा आता है लेकिन सोनिया की सहेलियों के आने से वो लोग घूमने निकल जाते है। और दूसरी तरफ असलम और बाबा शराब के नशे में अपने पुराने और कृष्णा के राज़ खोल देते है जिसे कोई सुन लेता है और असलम उसे देखने बाहर आता है तो उसे वहाँ कोई नही दिखता।
अब आगे

असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है। तानिया आज पहली बार कृष्णा की आँखों मे आँशु देखती है और उनको पोछते हुए ना में अपना सिर हिलाती है। कृष्णा तब मुस्कुराता है और तानिया की अपने सीने से लगा लेता है और बोलता है
कृष्णा - आज तूने भी वो देख लिया जिसे आज तक सिर्फ एक ही बन्दे ने देखा है और वो मैं खुद हु जब भी अकेला होता हु तो उन पुराने दिनों को याद करते हुए ये आँखे धोखा दे ही जाती है। और जब तू असलम और खान के कमरे के बाहर खड़ी उनका सच सुन रही थी तो मैंने तुझे इसलिए ही उठा कर यहाँ ले आया क्योंकि तू वहाँ खतरे में खड़ी थी। और जो तूने आज सुना है वो तो में दो साल पहले से जनता हु। बस सालो ने कभी भी मेरे गाँव का नाम नही लिया।
तानिया - आज लिया था उन्होंने, लेकिन असलम तुझे एक ड्रग भी देता आ रहा है।
इतना सुनते ही कृष्णा जोर से हस देता है।
कृष्णा - जिस ड्रग की तू बात कर रही है उसका असर मेने पिछले साल ही खत्म कर दिया था। वो तो असलम बीच 2 मे ये चेक करने के लिए की वो ड्रग सही काम कर रहा है या नही मुझे बिना ड्रग की दारू भी दे देता है तो मुझे जिंदा लाश होने का नाटक करना पड़ता है। क्योंकि मुझे इनके जरिए ही अपने परिवार को बर्बाद करने वाले तक पहुँचना है। उसके बाद ये लोग देखेंगे कि कृष्णा नाम के इस हथियार में कितना बारूद भरा हुआ है। और तूने उस गांव का नाम नही बताया अभी तक।
तानिया - ये गांव वही है जहाँ वो ठाकुर का सिक्का चलता है। और ये लोग जल्दी ही वहाँ किसी लाला से मिलने जा रहे है।
कृष्णा - तो फिर तो मुझे भी इनके साथ जाना होगा किसी भी तरह।
तानिया - मैं भी चलूंगी तेरे साथ।
कृष्णा - कोई घूमने नहीं जा रहा कि मै भी चलूंगी। नई जगह है पता नही कौन दोस्त है और कौन दुश्मन। मै तुझे अपनी कमजोरी बना कर नही लेजा सकता समझी।
तानिया - उदास से चेहरे के साथ ठीक है जैसा तुम कहो लेकिन खतरा तो यहाँ भी है ना मुझे।
कृष्णा - नहीं क्योंकि यहाँ सब को पता है कि तू मेरी आइटम है और तुझ पर हाथ लगाने का मतलब अपनी मौत को गले लगाना।
तानिया - चल फिर सोते है कल जागना भी है आगे के प्लान को बनाने के लिए।
फिर वो दोनों सो जाते है।
ऐसे ही कुछ और दिन बीत जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी को फोन करके हवेली आने का बोल देता है। और शिवा को उसकी रक्षा करने का बोल फोन काट देता है। सोनिया और कृष्णा वापस गांव की तरफ चल देते है। जब वो लोग गांव के बाहर ठाकुर के बगीचों के बीच से गुजरते है तो सोनिया गाड़ी रोक कर बगीचे को देखने के लिए उतर जाती है। ये देख शिवा जल्दी से उतर कर उसे बोलता है कि
शिवा - मालकिन यहाँ क्यों रोक दी गाड़ी जल्दी से बैठो और चलो यहाँ से।
सोनिया - तुम होते कौन हो मुझे ऐसे आदेश देने वाले। मै चाहे जहाँ गाड़ी रोकू या फिर घूमूं। तुन्हें सिर्फ मेरी हिफाजत के लिए रखा है तो तुम सिर्फ अपना काम करो।
शिवा - सिर झुका कर - जी मालकिन जैसा आपका आदेश।
फिर सोनिया बगीचे में घूमने लगती है। वहाँ से कुछ दूरी पर पांच लोगों का गिरोह भी था जो दिन में इस घने बगीचे में छुप जाते थे और आधी रात में बाहर निकल कर लूटपाट करते या फिर हत्या करते थे किसी के कहने पर।। और वो शख्स लाला ही था जिसके ये पालतू कुत्ते थे।
उनमे से एक दारू पीते पीते मूतने का इशारा कर अपने गिरोह के पास से उठ कर एक पेड़ के पास जाता है। अपने काम से फ्री होकर जैसे ही वो मुड़ता है तो उसे किसी के कदमो की आवाज आती है। वो सतर्कता पूर्वक उस आवाज की तरफ बढ़ता है और जब उस आवाज तक पहुँचता है तो सोनिया के जिस्म को देख कर एकदम पागल हो उठता है क्योंकि सोनिया ने अभी एक टाइट टीशर्ट और चुस्त जीन्स पहन रखी थी जिसमे से उसके बदन का हर कटाव और हर उभार और भी उभर कर दिख रहा था। वो जल्दी से अपने गिरोह के पास पहुचता है और उन्हें सोनिया के बारे में नमक मिर्च लगा कर सुनाता है, जिसे सुन वो चारो एक से उठ कर उस तरफ चल देते है। लेकिन ये क्या वहाँ तो लड़की क्या उसकी खुशब तक नही थी। वो पांचो मुड़ के अपने साथी को घूरते है तो वो भी अपना सिर खुजा रहा होता है। तभी उन्हें किसी लड़की के हँसने की आवाज आती है तो समझ जाते है कि वो आवाज कहा से आ रही है और उस तरफ दौड़ पड़ते है इस बात से अनजान की वहाँ उनकी मौत उनसे पहले ही खड़ी हुई थी।
वो लोग भाग कर जैसे ही सोनिया की तरफ जाते है कि एक पत्थर उड़ता हुआ सबसे पीछे वाले के सिर पर लगता है और वो गिर जाता है। उसके गिरते ही सब लोग पिछे मुड़ कर देखते है तो वहाँ शिवा की खडा पाते है जिसे देखते ही वो लोग डर से काँपने लगते है क्योंकि उन्हें शिवा के गुस्से का पता था।
तभी सोनिया शिवा को आवाज देती है कि
सोनिया - अरे क्या नाम है तुम्हारा, याद आया शिवा। सुनो शिवा गाड़ी यही ले आओ में चलते 2 बहुत थक गई हूं।
शिवा- जी मलकीन कहता है और गाड़ी लेने चल देता है।
शिवा के जाते ही उन पाँचों में से एक बाँदा सोनिया के सामने जाकर खड़ा हो जाता है और उससे छेड़छाड़ करता है। पहले तो सोनिया डर जाने का नाटक करती है लेकिन फिर कुछ देर बाद वो गुंडा अपने पैरों के बीच में हाथ डाले जमीन में पड़ा दर्द से तड़प रहा था। ये सब इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ समझ मे न आया कि हुआ क्या है। इतने में शिवा गाड़ी लेकर आ जाता है और उस गुंडे को तड़पता हुआ देखता है फिर सोनिया की तरफ देखता है तो वो बड़ी स्टाइल से अपने हाथ साफ करते हुए कहती है मुझे भी लड़ना आता है इसलिए कहा था कि मुझे हाथ लगाने से पहले 100 बार सोचना पड़ता है।
शिवा ये सुन कर अपना सिर नीचे कर मुस्कुरा देता है।
और अब आपकी प्रतिक्रिया के बाद ही अगला अपडेट मिलेगा।
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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अब तक आने पढ़ा कि कैसे शिवा के घर आते ही सोनिया उसे पंडित के बारे में सब सच बता देती है जिसे जान कर उसे पंडित पर और भी गुस्सा आता है लेकिन सोनिया की सहेलियों के आने से वो लोग घूमने निकल जाते है। और दूसरी तरफ असलम और बाबा शराब के नशे में अपने पुराने और कृष्णा के राज़ खोल देते है जिसे कोई सुन लेता है और असलम उसे देखने बाहर आता है तो उसे वहाँ कोई नही दिखता।
अब आगे

असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है। तानिया आज पहली बार कृष्णा की आँखों मे आँशु देखती है और उनको पोछते हुए ना में अपना सिर हिलाती है। कृष्णा तब मुस्कुराता है और तानिया की अपने सीने से लगा लेता है और बोलता है
कृष्णा - आज तूने भी वो देख लिया जिसे आज तक सिर्फ एक ही बन्दे ने देखा है और वो मैं खुद हु जब भी अकेला होता हु तो उन पुराने दिनों को याद करते हुए ये आँखे धोखा दे ही जाती है। और जब तू असलम और खान के कमरे के बाहर खड़ी उनका सच सुन रही थी तो मैंने तुझे इसलिए ही उठा कर यहाँ ले आया क्योंकि तू वहाँ खतरे में खड़ी थी। और जो तूने आज सुना है वो तो में दो साल पहले से जनता हु। बस सालो ने कभी भी मेरे गाँव का नाम नही लिया।
तानिया - आज लिया था उन्होंने, लेकिन असलम तुझे एक ड्रग भी देता आ रहा है।
इतना सुनते ही कृष्णा जोर से हस देता है।
कृष्णा - जिस ड्रग की तू बात कर रही है उसका असर मेने पिछले साल ही खत्म कर दिया था। वो तो असलम बीच 2 मे ये चेक करने के लिए की वो ड्रग सही काम कर रहा है या नही मुझे बिना ड्रग की दारू भी दे देता है तो मुझे जिंदा लाश होने का नाटक करना पड़ता है। क्योंकि मुझे इनके जरिए ही अपने परिवार को बर्बाद करने वाले तक पहुँचना है। उसके बाद ये लोग देखेंगे कि कृष्णा नाम के इस हथियार में कितना बारूद भरा हुआ है। और तूने उस गांव का नाम नही बताया अभी तक।
तानिया - ये गांव वही है जहाँ वो ठाकुर का सिक्का चलता है। और ये लोग जल्दी ही वहाँ किसी लाला से मिलने जा रहे है।
कृष्णा - तो फिर तो मुझे भी इनके साथ जाना होगा किसी भी तरह।
तानिया - मैं भी चलूंगी तेरे साथ।
कृष्णा - कोई घूमने नहीं जा रहा कि मै भी चलूंगी। नई जगह है पता नही कौन दोस्त है और कौन दुश्मन। मै तुझे अपनी कमजोरी बना कर नही लेजा सकता समझी।
तानिया - उदास से चेहरे के साथ ठीक है जैसा तुम कहो लेकिन खतरा तो यहाँ भी है ना मुझे।
कृष्णा - नहीं क्योंकि यहाँ सब को पता है कि तू मेरी आइटम है और तुझ पर हाथ लगाने का मतलब अपनी मौत को गले लगाना।
तानिया - चल फिर सोते है कल जागना भी है आगे के प्लान को बनाने के लिए।
फिर वो दोनों सो जाते है।
ऐसे ही कुछ और दिन बीत जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी को फोन करके हवेली आने का बोल देता है। और शिवा को उसकी रक्षा करने का बोल फोन काट देता है। सोनिया और कृष्णा वापस गांव की तरफ चल देते है। जब वो लोग गांव के बाहर ठाकुर के बगीचों के बीच से गुजरते है तो सोनिया गाड़ी रोक कर बगीचे को देखने के लिए उतर जाती है। ये देख शिवा जल्दी से उतर कर उसे बोलता है कि
शिवा - मालकिन यहाँ क्यों रोक दी गाड़ी जल्दी से बैठो और चलो यहाँ से।
सोनिया - तुम होते कौन हो मुझे ऐसे आदेश देने वाले। मै चाहे जहाँ गाड़ी रोकू या फिर घूमूं। तुन्हें सिर्फ मेरी हिफाजत के लिए रखा है तो तुम सिर्फ अपना काम करो।
शिवा - सिर झुका कर - जी मालकिन जैसा आपका आदेश।
फिर सोनिया बगीचे में घूमने लगती है। वहाँ से कुछ दूरी पर पांच लोगों का गिरोह भी था जो दिन में इस घने बगीचे में छुप जाते थे और आधी रात में बाहर निकल कर लूटपाट करते या फिर हत्या करते थे किसी के कहने पर।। और वो शख्स लाला ही था जिसके ये पालतू कुत्ते थे।
उनमे से एक दारू पीते पीते मूतने का इशारा कर अपने गिरोह के पास से उठ कर एक पेड़ के पास जाता है। अपने काम से फ्री होकर जैसे ही वो मुड़ता है तो उसे किसी के कदमो की आवाज आती है। वो सतर्कता पूर्वक उस आवाज की तरफ बढ़ता है और जब उस आवाज तक पहुँचता है तो सोनिया के जिस्म को देख कर एकदम पागल हो उठता है क्योंकि सोनिया ने अभी एक टाइट टीशर्ट और चुस्त जीन्स पहन रखी थी जिसमे से उसके बदन का हर कटाव और हर उभार और भी उभर कर दिख रहा था। वो जल्दी से अपने गिरोह के पास पहुचता है और उन्हें सोनिया के बारे में नमक मिर्च लगा कर सुनाता है, जिसे सुन वो चारो एक से उठ कर उस तरफ चल देते है। लेकिन ये क्या वहाँ तो लड़की क्या उसकी खुशब तक नही थी। वो पांचो मुड़ के अपने साथी को घूरते है तो वो भी अपना सिर खुजा रहा होता है। तभी उन्हें किसी लड़की के हँसने की आवाज आती है तो समझ जाते है कि वो आवाज कहा से आ रही है और उस तरफ दौड़ पड़ते है इस बात से अनजान की वहाँ उनकी मौत उनसे पहले ही खड़ी हुई थी।
वो लोग भाग कर जैसे ही सोनिया की तरफ जाते है कि एक पत्थर उड़ता हुआ सबसे पीछे वाले के सिर पर लगता है और वो गिर जाता है। उसके गिरते ही सब लोग पिछे मुड़ कर देखते है तो वहाँ शिवा की खडा पाते है जिसे देखते ही वो लोग डर से काँपने लगते है क्योंकि उन्हें शिवा के गुस्से का पता था।
तभी सोनिया शिवा को आवाज देती है कि
सोनिया - अरे क्या नाम है तुम्हारा, याद आया शिवा। सुनो शिवा गाड़ी यही ले आओ में चलते 2 बहुत थक गई हूं।
शिवा- जी मलकीन कहता है और गाड़ी लेने चल देता है।
शिवा के जाते ही उन पाँचों में से एक बाँदा सोनिया के सामने जाकर खड़ा हो जाता है और उससे छेड़छाड़ करता है। पहले तो सोनिया डर जाने का नाटक करती है लेकिन फिर कुछ देर बाद वो गुंडा अपने पैरों के बीच में हाथ डाले जमीन में पड़ा दर्द से तड़प रहा था। ये सब इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ समझ मे न आया कि हुआ क्या है। इतने में शिवा गाड़ी लेकर आ जाता है और उस गुंडे को तड़पता हुआ देखता है फिर सोनिया की तरफ देखता है तो वो बड़ी स्टाइल से अपने हाथ साफ करते हुए कहती है मुझे भी लड़ना आता है इसलिए कहा था कि मुझे हाथ लगाने से पहले 100 बार सोचना पड़ता है।
शिवा ये सुन कर अपना सिर नीचे कर मुस्कुरा देता है।
और अब आपकी प्रतिक्रिया के बाद ही अगला अपडेट मिलेगा।
Awesome update.
Gazab ki planning kar rakhi hai krishna ne aur uske sayam ki tarif karni padegi .
Soniya me bhi dum hai .
 

anandsngh12

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Bahut hi khubsurat update amtul bhai.
Krishna ko ye raaz kafi pahle se hi malum tha, ab taniya bhi jaan gayi.
krishna ko abhi apne gaon ka naam pata nahi hai
Soniya aur shiva ki chemistry badhiya hai
Aage chal kar kahi aisa na ho ki shiva aur krishna ki aapas me takkar ho jaye
Aage dekhte hain ki kya hota hai
 

Vikram singh rana

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अब तक आने पढ़ा कि कैसे शिवा के घर आते ही सोनिया उसे पंडित के बारे में सब सच बता देती है जिसे जान कर उसे पंडित पर और भी गुस्सा आता है लेकिन सोनिया की सहेलियों के आने से वो लोग घूमने निकल जाते है। और दूसरी तरफ असलम और बाबा शराब के नशे में अपने पुराने और कृष्णा के राज़ खोल देते है जिसे कोई सुन लेता है और असलम उसे देखने बाहर आता है तो उसे वहाँ कोई नही दिखता।
अब आगे

असलम के जाते ही कृष्णा और तानिया उठ कर बैठ जाते है। तानिया आज पहली बार कृष्णा की आँखों मे आँशु देखती है और उनको पोछते हुए ना में अपना सिर हिलाती है। कृष्णा तब मुस्कुराता है और तानिया की अपने सीने से लगा लेता है और बोलता है
कृष्णा - आज तूने भी वो देख लिया जिसे आज तक सिर्फ एक ही बन्दे ने देखा है और वो मैं खुद हु जब भी अकेला होता हु तो उन पुराने दिनों को याद करते हुए ये आँखे धोखा दे ही जाती है। और जब तू असलम और खान के कमरे के बाहर खड़ी उनका सच सुन रही थी तो मैंने तुझे इसलिए ही उठा कर यहाँ ले आया क्योंकि तू वहाँ खतरे में खड़ी थी। और जो तूने आज सुना है वो तो में दो साल पहले से जनता हु। बस सालो ने कभी भी मेरे गाँव का नाम नही लिया।
तानिया - आज लिया था उन्होंने, लेकिन असलम तुझे एक ड्रग भी देता आ रहा है।
इतना सुनते ही कृष्णा जोर से हस देता है।
कृष्णा - जिस ड्रग की तू बात कर रही है उसका असर मेने पिछले साल ही खत्म कर दिया था। वो तो असलम बीच 2 मे ये चेक करने के लिए की वो ड्रग सही काम कर रहा है या नही मुझे बिना ड्रग की दारू भी दे देता है तो मुझे जिंदा लाश होने का नाटक करना पड़ता है। क्योंकि मुझे इनके जरिए ही अपने परिवार को बर्बाद करने वाले तक पहुँचना है। उसके बाद ये लोग देखेंगे कि कृष्णा नाम के इस हथियार में कितना बारूद भरा हुआ है। और तूने उस गांव का नाम नही बताया अभी तक।
तानिया - ये गांव वही है जहाँ वो ठाकुर का सिक्का चलता है। और ये लोग जल्दी ही वहाँ किसी लाला से मिलने जा रहे है।
कृष्णा - तो फिर तो मुझे भी इनके साथ जाना होगा किसी भी तरह।
तानिया - मैं भी चलूंगी तेरे साथ।
कृष्णा - कोई घूमने नहीं जा रहा कि मै भी चलूंगी। नई जगह है पता नही कौन दोस्त है और कौन दुश्मन। मै तुझे अपनी कमजोरी बना कर नही लेजा सकता समझी।
तानिया - उदास से चेहरे के साथ ठीक है जैसा तुम कहो लेकिन खतरा तो यहाँ भी है ना मुझे।
कृष्णा - नहीं क्योंकि यहाँ सब को पता है कि तू मेरी आइटम है और तुझ पर हाथ लगाने का मतलब अपनी मौत को गले लगाना।
तानिया - चल फिर सोते है कल जागना भी है आगे के प्लान को बनाने के लिए।
फिर वो दोनों सो जाते है।
ऐसे ही कुछ और दिन बीत जाते है तो ठाकुर अपनी बेटी को फोन करके हवेली आने का बोल देता है। और शिवा को उसकी रक्षा करने का बोल फोन काट देता है। सोनिया और कृष्णा वापस गांव की तरफ चल देते है। जब वो लोग गांव के बाहर ठाकुर के बगीचों के बीच से गुजरते है तो सोनिया गाड़ी रोक कर बगीचे को देखने के लिए उतर जाती है। ये देख शिवा जल्दी से उतर कर उसे बोलता है कि
शिवा - मालकिन यहाँ क्यों रोक दी गाड़ी जल्दी से बैठो और चलो यहाँ से।
सोनिया - तुम होते कौन हो मुझे ऐसे आदेश देने वाले। मै चाहे जहाँ गाड़ी रोकू या फिर घूमूं। तुन्हें सिर्फ मेरी हिफाजत के लिए रखा है तो तुम सिर्फ अपना काम करो।
शिवा - सिर झुका कर - जी मालकिन जैसा आपका आदेश।
फिर सोनिया बगीचे में घूमने लगती है। वहाँ से कुछ दूरी पर पांच लोगों का गिरोह भी था जो दिन में इस घने बगीचे में छुप जाते थे और आधी रात में बाहर निकल कर लूटपाट करते या फिर हत्या करते थे किसी के कहने पर।। और वो शख्स लाला ही था जिसके ये पालतू कुत्ते थे।
उनमे से एक दारू पीते पीते मूतने का इशारा कर अपने गिरोह के पास से उठ कर एक पेड़ के पास जाता है। अपने काम से फ्री होकर जैसे ही वो मुड़ता है तो उसे किसी के कदमो की आवाज आती है। वो सतर्कता पूर्वक उस आवाज की तरफ बढ़ता है और जब उस आवाज तक पहुँचता है तो सोनिया के जिस्म को देख कर एकदम पागल हो उठता है क्योंकि सोनिया ने अभी एक टाइट टीशर्ट और चुस्त जीन्स पहन रखी थी जिसमे से उसके बदन का हर कटाव और हर उभार और भी उभर कर दिख रहा था। वो जल्दी से अपने गिरोह के पास पहुचता है और उन्हें सोनिया के बारे में नमक मिर्च लगा कर सुनाता है, जिसे सुन वो चारो एक से उठ कर उस तरफ चल देते है। लेकिन ये क्या वहाँ तो लड़की क्या उसकी खुशब तक नही थी। वो पांचो मुड़ के अपने साथी को घूरते है तो वो भी अपना सिर खुजा रहा होता है। तभी उन्हें किसी लड़की के हँसने की आवाज आती है तो समझ जाते है कि वो आवाज कहा से आ रही है और उस तरफ दौड़ पड़ते है इस बात से अनजान की वहाँ उनकी मौत उनसे पहले ही खड़ी हुई थी।
वो लोग भाग कर जैसे ही सोनिया की तरफ जाते है कि एक पत्थर उड़ता हुआ सबसे पीछे वाले के सिर पर लगता है और वो गिर जाता है। उसके गिरते ही सब लोग पिछे मुड़ कर देखते है तो वहाँ शिवा की खडा पाते है जिसे देखते ही वो लोग डर से काँपने लगते है क्योंकि उन्हें शिवा के गुस्से का पता था।
तभी सोनिया शिवा को आवाज देती है कि
सोनिया - अरे क्या नाम है तुम्हारा, याद आया शिवा। सुनो शिवा गाड़ी यही ले आओ में चलते 2 बहुत थक गई हूं।
शिवा- जी मलकीन कहता है और गाड़ी लेने चल देता है।
शिवा के जाते ही उन पाँचों में से एक बाँदा सोनिया के सामने जाकर खड़ा हो जाता है और उससे छेड़छाड़ करता है। पहले तो सोनिया डर जाने का नाटक करती है लेकिन फिर कुछ देर बाद वो गुंडा अपने पैरों के बीच में हाथ डाले जमीन में पड़ा दर्द से तड़प रहा था। ये सब इतनी जल्दी में हुआ कि किसी को कुछ समझ मे न आया कि हुआ क्या है। इतने में शिवा गाड़ी लेकर आ जाता है और उस गुंडे को तड़पता हुआ देखता है फिर सोनिया की तरफ देखता है तो वो बड़ी स्टाइल से अपने हाथ साफ करते हुए कहती है मुझे भी लड़ना आता है इसलिए कहा था कि मुझे हाथ लगाने से पहले 100 बार सोचना पड़ता है।
शिवा ये सुन कर अपना सिर नीचे कर मुस्कुरा देता है।
और अब आपकी प्रतिक्रिया के बाद ही अगला अपडेट मिलेगा।
Good update.....
Keep it up....
Thanks
 
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