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Fantasy दर्दे जिगर

aka3829

Prime
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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा तानिया को बताता है कि जो उसने आज सुना है वो उसे बहुत पहले से पता है। और ई होने खुद अपनी मौत को पाला है आज तक। उधर गांव वापसी पर सोनिया एक जगह गाड़ी रोक देती है और घूमने निकल जाती है।
अब आगे
जब उस पर एक गुंडा हमला करता है तो वो उसके पैरों के बीच मे एक लात मार देती है जिससे वो जमीन पर पड़ा तड़फने लगता है। अपने साथी की ऐसी हालत देझ जैसे ही वो गुंडे आगे बढ़ते है वैसे ही शिवा वहाँ गाड़ी लेकर आ जाता है और उसे देख वो गुंडे अपने साथी को उठा भाग जाते है।
एक दम से इतने गुंडो को देख कर सोनिया हड़बड़ा जाती है लेकिन फिर संभाल कर शिवा को देखते हुए
सोनिया - देखा मेने सिर्फ़ एक को मार और सारे भाग गए।
शिवा - जी मालकिन अब जल्दी बैठिये कही वो अपने और साथियों को लेकर न आजाये।
सोनिया ये सुन कर डर जाती है कि वो और गुंडो को ले सकते है। फिर भी अपनी ही अकड़ में बोलती है
सोनिया - तो आने दो में क्या डरती हु किसी से और पाप ने तुन्हें मेरी हिफाजत के लिए रख हुआ है समझे।
शिवा- जी मालकिन
उधर असलम लाला को फोन करता है।
लाला - हेलो कौन बोल रहा है।
असलम - हेलो लाला क्या हाल है। क्या बात है अपने पुराने साथियों को भूल गया है क्या। ले अपने बाप से भी बात कर ले।
असलम ने फोन बाबा को दिया - क्या रे लाला अपुन की आवाज तो पहचान गया या फिर साले फोन में घुस कर तेरे पेट मे 8 का आंकड़ा बनाऊ।
लाला - अरे यार बाबा तुम्हारी आवाज तो में नींद में भी पहचान लू। और ये असलम को बोलो की अपने बाप को न सिखाये की उसका बाप कौन है। पता है ना कि हम तीनों का बाप एक ही है। और उसका दहिना हाथ मै हु न कि वो।
फोन लाउड स्पीकर पर था तो असलम ने जब सब के बाप के बारे में सुना तो उसके हँसते हुए चेहरे पर गंभीरता छा गयी।
असलम - अरे यार लाला तू तो बुरा मान गया मेरे मजाक का। अब क्या हम तुझसे मजाक भी नही कर सकते।
लाला- तो मै कौन सा सीरियस हु साले। मै भी तो मजाक कर रिया हु। चलो अब ये मजाक मजाक खेलना छोड़ और ये बता की इतने सालों बाद कैसे याद आ गयी अपने इस यार की।
असलम - क्या यार तुझे भूले ही कब थे कि तेरी याद न आये। पर तुमने ही वो मास्टर वाले कांड के बाद बोला था कि हम दोनों गायब हो जाये। तो मै और बाबा वहाँ से गायब हो कर यहाँ अपना धंधा जमा लिया और तुझे बताते भी तो आये थे कि कहाँ जा रहे है।
लाला - हाँ हाँ , सब याद है और साला उस मास्टर के नाम से याद आया कि रात को आग लगाने के बाद तुम लोग तो निकल लिए थे और तुम्हारे जाने के लगभग 2 घंटे बाद पता नही कैसे किसी ने मास्टर के घर मे आग लगी देख ली और हल्ला मचा दिया। फिर तो लगभग पूरा गांव उसके घर की तरफ भाग लिया पर साला मुझे एक बात आज तक समझ मे न आई कि अगले दिन बड़े मालिक के साथ जब मै मास्टर के घर शोक मनाने पहुंचा तो वहाँ लोगो में ये बात चल रही थी कि मास्टर के परिवार में से उसके दोनों बेटों की लाश की राख नही मिली थी किसी को। मैने वहाँ कई लोगो से जानने की कोशिश करी की साला ये चल क्या रहा है तो पता चला कि गांव वालो ने मास्टर के घर को पूरा जलने से तो बचा लिया था लेकिन वो उस कमरे को राख होने से नही बचा पाए जिसमे मास्टर और उसका परिवार था। हर किसी के चेहरे पर मास्टर और उसकी बीवी की मौत का दुख तो था लेकिन सभी दबी हुई आवाज में मास्टर के दोनों बेटों की बातें भी कर रहे थे कि उन दोनों की लाश या राख नही मिली है।
अब तुम दोनों कुछ बताओ मुझे की ये सारा मामला क्या है।
असलम - रुक जा लाला रुक जा। अब सुन जो तू सुन्ना चाहता है।
और फिर असलम लाला को अब तक जो कुछ भी हुआ था वो सब बता देता है जिसे सुन कर लाला बुरी तरह से भडक जाता है असलम पर।
लाला - तू पागल हो गया है क्या असलम, साले दुश्मन की औलाद को पाल रहा है। सपोले को पालोगे तो वो सांप बन कर डसेगा ही।
असलम - तू अपना भाषण अपने पास ही रख हमे पता है कि हमने क्या किया है। और सुन हमने तुझसे भाषण सुनने के लिए फोन नही किया बल्कि तुझे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग वहाँ आ रहे है कुछ दिनो में।
लाला - आ जाओ इस बार तुम्हे बड़े मालिक ही समझायेंगे।
और लाला फोन रख देता है।
और अब में भी अपनी कलम रखता हूं और मिलता हु कल या परसो
 

Naughtyrishabh

Well-Known Member
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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा तानिया को बताता है कि जो उसने आज सुना है वो उसे बहुत पहले से पता है। और ई होने खुद अपनी मौत को पाला है आज तक। उधर गांव वापसी पर सोनिया एक जगह गाड़ी रोक देती है और घूमने निकल जाती है।
अब आगे
जब उस पर एक गुंडा हमला करता है तो वो उसके पैरों के बीच मे एक लात मार देती है जिससे वो जमीन पर पड़ा तड़फने लगता है। अपने साथी की ऐसी हालत देझ जैसे ही वो गुंडे आगे बढ़ते है वैसे ही शिवा वहाँ गाड़ी लेकर आ जाता है और उसे देख वो गुंडे अपने साथी को उठा भाग जाते है।
एक दम से इतने गुंडो को देख कर सोनिया हड़बड़ा जाती है लेकिन फिर संभाल कर शिवा को देखते हुए
सोनिया - देखा मेने सिर्फ़ एक को मार और सारे भाग गए।
शिवा - जी मालकिन अब जल्दी बैठिये कही वो अपने और साथियों को लेकर न आजाये।
सोनिया ये सुन कर डर जाती है कि वो और गुंडो को ले सकते है। फिर भी अपनी ही अकड़ में बोलती है
सोनिया - तो आने दो में क्या डरती हु किसी से और पाप ने तुन्हें मेरी हिफाजत के लिए रख हुआ है समझे।
शिवा- जी मालकिन
उधर असलम लाला को फोन करता है।
लाला - हेलो कौन बोल रहा है।
असलम - हेलो लाला क्या हाल है। क्या बात है अपने पुराने साथियों को भूल गया है क्या। ले अपने बाप से भी बात कर ले।
असलम ने फोन बाबा को दिया - क्या रे लाला अपुन की आवाज तो पहचान गया या फिर साले फोन में घुस कर तेरे पेट मे 8 का आंकड़ा बनाऊ।
लाला - अरे यार बाबा तुम्हारी आवाज तो में नींद में भी पहचान लू। और ये असलम को बोलो की अपने बाप को न सिखाये की उसका बाप कौन है। पता है ना कि हम तीनों का बाप एक ही है। और उसका दहिना हाथ मै हु न कि वो।
फोन लाउड स्पीकर पर था तो असलम ने जब सब के बाप के बारे में सुना तो उसके हँसते हुए चेहरे पर गंभीरता छा गयी।
असलम - अरे यार लाला तू तो बुरा मान गया मेरे मजाक का। अब क्या हम तुझसे मजाक भी नही कर सकते।
लाला- तो मै कौन सा सीरियस हु साले। मै भी तो मजाक कर रिया हु। चलो अब ये मजाक मजाक खेलना छोड़ और ये बता की इतने सालों बाद कैसे याद आ गयी अपने इस यार की।
असलम - क्या यार तुझे भूले ही कब थे कि तेरी याद न आये। पर तुमने ही वो मास्टर वाले कांड के बाद बोला था कि हम दोनों गायब हो जाये। तो मै और बाबा वहाँ से गायब हो कर यहाँ अपना धंधा जमा लिया और तुझे बताते भी तो आये थे कि कहाँ जा रहे है।
लाला - हाँ हाँ , सब याद है और साला उस मास्टर के नाम से याद आया कि रात को आग लगाने के बाद तुम लोग तो निकल लिए थे और तुम्हारे जाने के लगभग 2 घंटे बाद पता नही कैसे किसी ने मास्टर के घर मे आग लगी देख ली और हल्ला मचा दिया। फिर तो लगभग पूरा गांव उसके घर की तरफ भाग लिया पर साला मुझे एक बात आज तक समझ मे न आई कि अगले दिन बड़े मालिक के साथ जब मै मास्टर के घर शोक मनाने पहुंचा तो वहाँ लोगो में ये बात चल रही थी कि मास्टर के परिवार में से उसके दोनों बेटों की लाश की राख नही मिली थी किसी को। मैने वहाँ कई लोगो से जानने की कोशिश करी की साला ये चल क्या रहा है तो पता चला कि गांव वालो ने मास्टर के घर को पूरा जलने से तो बचा लिया था लेकिन वो उस कमरे को राख होने से नही बचा पाए जिसमे मास्टर और उसका परिवार था। हर किसी के चेहरे पर मास्टर और उसकी बीवी की मौत का दुख तो था लेकिन सभी दबी हुई आवाज में मास्टर के दोनों बेटों की बातें भी कर रहे थे कि उन दोनों की लाश या राख नही मिली है।
अब तुम दोनों कुछ बताओ मुझे की ये सारा मामला क्या है।
असलम - रुक जा लाला रुक जा। अब सुन जो तू सुन्ना चाहता है।
और फिर असलम लाला को अब तक जो कुछ भी हुआ था वो सब बता देता है जिसे सुन कर लाला बुरी तरह से भडक जाता है असलम पर।
लाला - तू पागल हो गया है क्या असलम, साले दुश्मन की औलाद को पाल रहा है। सपोले को पालोगे तो वो सांप बन कर डसेगा ही।
असलम - तू अपना भाषण अपने पास ही रख हमे पता है कि हमने क्या किया है। और सुन हमने तुझसे भाषण सुनने के लिए फोन नही किया बल्कि तुझे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग वहाँ आ रहे है कुछ दिनो में।
लाला - आ जाओ इस बार तुम्हे बड़े मालिक ही समझायेंगे।
और लाला फोन रख देता है।
और अब में भी अपनी कलम रखता हूं और मिलता हु कल या परसो

बड़ा ही दिलचस्प अपडेट भाई ।
बहुत अच्छे भई वाह ।

आगे का इंतजार
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा तानिया को बताता है कि जो उसने आज सुना है वो उसे बहुत पहले से पता है। और ई होने खुद अपनी मौत को पाला है आज तक। उधर गांव वापसी पर सोनिया एक जगह गाड़ी रोक देती है और घूमने निकल जाती है।
अब आगे
जब उस पर एक गुंडा हमला करता है तो वो उसके पैरों के बीच मे एक लात मार देती है जिससे वो जमीन पर पड़ा तड़फने लगता है। अपने साथी की ऐसी हालत देझ जैसे ही वो गुंडे आगे बढ़ते है वैसे ही शिवा वहाँ गाड़ी लेकर आ जाता है और उसे देख वो गुंडे अपने साथी को उठा भाग जाते है।
एक दम से इतने गुंडो को देख कर सोनिया हड़बड़ा जाती है लेकिन फिर संभाल कर शिवा को देखते हुए
सोनिया - देखा मेने सिर्फ़ एक को मार और सारे भाग गए।
शिवा - जी मालकिन अब जल्दी बैठिये कही वो अपने और साथियों को लेकर न आजाये।
सोनिया ये सुन कर डर जाती है कि वो और गुंडो को ले सकते है। फिर भी अपनी ही अकड़ में बोलती है
सोनिया - तो आने दो में क्या डरती हु किसी से और पाप ने तुन्हें मेरी हिफाजत के लिए रख हुआ है समझे।
शिवा- जी मालकिन
उधर असलम लाला को फोन करता है।
लाला - हेलो कौन बोल रहा है।
असलम - हेलो लाला क्या हाल है। क्या बात है अपने पुराने साथियों को भूल गया है क्या। ले अपने बाप से भी बात कर ले।
असलम ने फोन बाबा को दिया - क्या रे लाला अपुन की आवाज तो पहचान गया या फिर साले फोन में घुस कर तेरे पेट मे 8 का आंकड़ा बनाऊ।
लाला - अरे यार बाबा तुम्हारी आवाज तो में नींद में भी पहचान लू। और ये असलम को बोलो की अपने बाप को न सिखाये की उसका बाप कौन है। पता है ना कि हम तीनों का बाप एक ही है। और उसका दहिना हाथ मै हु न कि वो।
फोन लाउड स्पीकर पर था तो असलम ने जब सब के बाप के बारे में सुना तो उसके हँसते हुए चेहरे पर गंभीरता छा गयी।
असलम - अरे यार लाला तू तो बुरा मान गया मेरे मजाक का। अब क्या हम तुझसे मजाक भी नही कर सकते।
लाला- तो मै कौन सा सीरियस हु साले। मै भी तो मजाक कर रिया हु। चलो अब ये मजाक मजाक खेलना छोड़ और ये बता की इतने सालों बाद कैसे याद आ गयी अपने इस यार की।
असलम - क्या यार तुझे भूले ही कब थे कि तेरी याद न आये। पर तुमने ही वो मास्टर वाले कांड के बाद बोला था कि हम दोनों गायब हो जाये। तो मै और बाबा वहाँ से गायब हो कर यहाँ अपना धंधा जमा लिया और तुझे बताते भी तो आये थे कि कहाँ जा रहे है।
लाला - हाँ हाँ , सब याद है और साला उस मास्टर के नाम से याद आया कि रात को आग लगाने के बाद तुम लोग तो निकल लिए थे और तुम्हारे जाने के लगभग 2 घंटे बाद पता नही कैसे किसी ने मास्टर के घर मे आग लगी देख ली और हल्ला मचा दिया। फिर तो लगभग पूरा गांव उसके घर की तरफ भाग लिया पर साला मुझे एक बात आज तक समझ मे न आई कि अगले दिन बड़े मालिक के साथ जब मै मास्टर के घर शोक मनाने पहुंचा तो वहाँ लोगो में ये बात चल रही थी कि मास्टर के परिवार में से उसके दोनों बेटों की लाश की राख नही मिली थी किसी को। मैने वहाँ कई लोगो से जानने की कोशिश करी की साला ये चल क्या रहा है तो पता चला कि गांव वालो ने मास्टर के घर को पूरा जलने से तो बचा लिया था लेकिन वो उस कमरे को राख होने से नही बचा पाए जिसमे मास्टर और उसका परिवार था। हर किसी के चेहरे पर मास्टर और उसकी बीवी की मौत का दुख तो था लेकिन सभी दबी हुई आवाज में मास्टर के दोनों बेटों की बातें भी कर रहे थे कि उन दोनों की लाश या राख नही मिली है।
अब तुम दोनों कुछ बताओ मुझे की ये सारा मामला क्या है।
असलम - रुक जा लाला रुक जा। अब सुन जो तू सुन्ना चाहता है।
और फिर असलम लाला को अब तक जो कुछ भी हुआ था वो सब बता देता है जिसे सुन कर लाला बुरी तरह से भडक जाता है असलम पर।
लाला - तू पागल हो गया है क्या असलम, साले दुश्मन की औलाद को पाल रहा है। सपोले को पालोगे तो वो सांप बन कर डसेगा ही।
असलम - तू अपना भाषण अपने पास ही रख हमे पता है कि हमने क्या किया है। और सुन हमने तुझसे भाषण सुनने के लिए फोन नही किया बल्कि तुझे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग वहाँ आ रहे है कुछ दिनो में।
लाला - आ जाओ इस बार तुम्हे बड़े मालिक ही समझायेंगे।
और लाला फोन रख देता है।
और अब में भी अपनी कलम रखता हूं और मिलता हु कल या परसो
Awesome update.
Ab ye bade malik kon hai
 

anandsngh12

Well-Known Member
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Ati Uttam Update Amtul bhai.
Har shabd apni jagah bilkul sateek aur Yathochit
Soniya ke mann me darr to hai lekin phir bhi akad dikha rahi hai..Bilkul uss kahawat ke jaisi ki..Gaand phate to pahte lekin power na ghate.
Aslam aur baba ne lala ko gaon aane ki jankari de di
Kahi ye bade malik thakur to nahi...?
Agle update ka besabri se intazar..
 

Vikram singh rana

Active Member
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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा तानिया को बताता है कि जो उसने आज सुना है वो उसे बहुत पहले से पता है। और ई होने खुद अपनी मौत को पाला है आज तक। उधर गांव वापसी पर सोनिया एक जगह गाड़ी रोक देती है और घूमने निकल जाती है।
अब आगे
जब उस पर एक गुंडा हमला करता है तो वो उसके पैरों के बीच मे एक लात मार देती है जिससे वो जमीन पर पड़ा तड़फने लगता है। अपने साथी की ऐसी हालत देझ जैसे ही वो गुंडे आगे बढ़ते है वैसे ही शिवा वहाँ गाड़ी लेकर आ जाता है और उसे देख वो गुंडे अपने साथी को उठा भाग जाते है।
एक दम से इतने गुंडो को देख कर सोनिया हड़बड़ा जाती है लेकिन फिर संभाल कर शिवा को देखते हुए
सोनिया - देखा मेने सिर्फ़ एक को मार और सारे भाग गए।
शिवा - जी मालकिन अब जल्दी बैठिये कही वो अपने और साथियों को लेकर न आजाये।
सोनिया ये सुन कर डर जाती है कि वो और गुंडो को ले सकते है। फिर भी अपनी ही अकड़ में बोलती है
सोनिया - तो आने दो में क्या डरती हु किसी से और पाप ने तुन्हें मेरी हिफाजत के लिए रख हुआ है समझे।
शिवा- जी मालकिन
उधर असलम लाला को फोन करता है।
लाला - हेलो कौन बोल रहा है।
असलम - हेलो लाला क्या हाल है। क्या बात है अपने पुराने साथियों को भूल गया है क्या। ले अपने बाप से भी बात कर ले।
असलम ने फोन बाबा को दिया - क्या रे लाला अपुन की आवाज तो पहचान गया या फिर साले फोन में घुस कर तेरे पेट मे 8 का आंकड़ा बनाऊ।
लाला - अरे यार बाबा तुम्हारी आवाज तो में नींद में भी पहचान लू। और ये असलम को बोलो की अपने बाप को न सिखाये की उसका बाप कौन है। पता है ना कि हम तीनों का बाप एक ही है। और उसका दहिना हाथ मै हु न कि वो।
फोन लाउड स्पीकर पर था तो असलम ने जब सब के बाप के बारे में सुना तो उसके हँसते हुए चेहरे पर गंभीरता छा गयी।
असलम - अरे यार लाला तू तो बुरा मान गया मेरे मजाक का। अब क्या हम तुझसे मजाक भी नही कर सकते।
लाला- तो मै कौन सा सीरियस हु साले। मै भी तो मजाक कर रिया हु। चलो अब ये मजाक मजाक खेलना छोड़ और ये बता की इतने सालों बाद कैसे याद आ गयी अपने इस यार की।
असलम - क्या यार तुझे भूले ही कब थे कि तेरी याद न आये। पर तुमने ही वो मास्टर वाले कांड के बाद बोला था कि हम दोनों गायब हो जाये। तो मै और बाबा वहाँ से गायब हो कर यहाँ अपना धंधा जमा लिया और तुझे बताते भी तो आये थे कि कहाँ जा रहे है।
लाला - हाँ हाँ , सब याद है और साला उस मास्टर के नाम से याद आया कि रात को आग लगाने के बाद तुम लोग तो निकल लिए थे और तुम्हारे जाने के लगभग 2 घंटे बाद पता नही कैसे किसी ने मास्टर के घर मे आग लगी देख ली और हल्ला मचा दिया। फिर तो लगभग पूरा गांव उसके घर की तरफ भाग लिया पर साला मुझे एक बात आज तक समझ मे न आई कि अगले दिन बड़े मालिक के साथ जब मै मास्टर के घर शोक मनाने पहुंचा तो वहाँ लोगो में ये बात चल रही थी कि मास्टर के परिवार में से उसके दोनों बेटों की लाश की राख नही मिली थी किसी को। मैने वहाँ कई लोगो से जानने की कोशिश करी की साला ये चल क्या रहा है तो पता चला कि गांव वालो ने मास्टर के घर को पूरा जलने से तो बचा लिया था लेकिन वो उस कमरे को राख होने से नही बचा पाए जिसमे मास्टर और उसका परिवार था। हर किसी के चेहरे पर मास्टर और उसकी बीवी की मौत का दुख तो था लेकिन सभी दबी हुई आवाज में मास्टर के दोनों बेटों की बातें भी कर रहे थे कि उन दोनों की लाश या राख नही मिली है।
अब तुम दोनों कुछ बताओ मुझे की ये सारा मामला क्या है।
असलम - रुक जा लाला रुक जा। अब सुन जो तू सुन्ना चाहता है।
और फिर असलम लाला को अब तक जो कुछ भी हुआ था वो सब बता देता है जिसे सुन कर लाला बुरी तरह से भडक जाता है असलम पर।
लाला - तू पागल हो गया है क्या असलम, साले दुश्मन की औलाद को पाल रहा है। सपोले को पालोगे तो वो सांप बन कर डसेगा ही।
असलम - तू अपना भाषण अपने पास ही रख हमे पता है कि हमने क्या किया है। और सुन हमने तुझसे भाषण सुनने के लिए फोन नही किया बल्कि तुझे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग वहाँ आ रहे है कुछ दिनो में।
लाला - आ जाओ इस बार तुम्हे बड़े मालिक ही समझायेंगे।
और लाला फोन रख देता है।
और अब में भी अपनी कलम रखता हूं और मिलता हु कल या परसो
Short but good and intresting update......
Keep it up....
Thanks....
 

zopion

Happiness of life : to love & be loved
7,611
19,670
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दोस्तों मैं कोई लेखक नहीं हूं लेकिन फिर भी आज हिम्मत करके आप सबके सामने एक कहानी लिखने जा रहा हूं । मेरी पूरी कोशिश होगी कि मैं इसे पूरा करूं यह ज्यादा लंबी भी नहीं है लेकिन जितनी भी है शायद आप लोगों को पसंद आए। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि मैं अपना नाम उन लेखक को की सूची में ना लाऊं जो अपनी कहानी शुरू तो करते हैं लेकिन उसे पूरा करने की हिम्मत नहीं दिखा सकते। अब इस कहानी को मैं कितना लंबा खींच सकता हूं वह मुझे देखना है और यकीन मानिए जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं अब इससे अंजाम तक नहीं पहुंचा सकता उसी दिन इसे मैं बंद कर दूंगा। तो अब अपने चाहने वालों की दुआओं के साथ इस कहानी का पहला अपडेट कल दूंगा। अगर जिंदा रहा तो।
Dost aj hi apka thread dekha bahut khushi huyi ye jaan kar ki bhi story start ki hai so :congrats: for coming to the world of writers
bhai koi bhi born writer nahi hota aur yaha ke tamam writers to bas apna man bahlane ko likhte hain bina kisi swarth ke

दोस्तों मेरे वादे के मुताबिक पहला अपडेट दे रहा हूं और यह आशा करता हूं कि आपको यह सब पसंद आएगा।
यह कहानी पहाड़ियों के बीच बसे 1 गांव जिसका नाम सुंदरपुर है और उस गांव के बीचोबीच बने एक प्राइमरी स्कूल में 15 अगस्त की शाम को लहराते तिरंगे के साथ शुरू होती है। कहानी का नायक एक छोर पर बैठा हुआ तिरंगे को उतरते हुए देखता है और फिर वहां से उठकर गांव की अंधेरी गलियों से होता हुआ अपने जले हुए घर में जाकर अपनी मां और बाप की फोटो को देखता है। और फिर कुछ देर उसे निहारने के बाद वहां से दौड़ता हुआ चला जाता है। कुछ दूर दौड़ने के बाद सामने कुछ रोशनी सी दिखाई देती है। नायक उसी दिशा की ओर दौड़ता हुआ जाकर रुकता है और अपने आप को शमशान की उस जलती हुई लाश की आग की लपटों में तपाने लगता है।
तभी वहां पर उस शमशान में रहने वाले एक बाबा आकर उसे कहता है की बेटे कब तक अपने आप को इस तरह श्मशान में आकर इन लाशों की आग से तपाते रहोगे। मैंने आज तक तुमसे कुछ नहीं पूछा लेकिन मैं आज तुमसे अपने आप को इस तरह तपाने का कारण जानना चाहुँगा। तब इस कहानी का नायक बाबा को अपनी जिंदगी की पिछली कहानी बताना शुरू करता है
apka first update bahut shandar tha aur apne isse hi jata diya hai ki apme kabiliyat ki koi kami nahi hai aur bas ek flow me likhte chale jao
keep rocking :dost:
 

wicked vicky

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Kahani kaafi interesting lag rahi hai 2 heros aatankwadi yani apne pariwaar ke dushmano se badla lene wale hain kyunki un bhadwo ne unke poore pariwar ke sadasyo ko maar dala.. aur dusri taraf 2 heroines bhi hain... aur us raat hua kya ?? Ye abhi explain nhi kiya hai.. May be koi zinda bach gya ho shiva ke alawa... ?? Krishna ko toh vo gandu utha le gye
 
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