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अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्णा तानिया को बताता है कि जो उसने आज सुना है वो उसे बहुत पहले से पता है। और ई होने खुद अपनी मौत को पाला है आज तक। उधर गांव वापसी पर सोनिया एक जगह गाड़ी रोक देती है और घूमने निकल जाती है।
अब आगे
जब उस पर एक गुंडा हमला करता है तो वो उसके पैरों के बीच मे एक लात मार देती है जिससे वो जमीन पर पड़ा तड़फने लगता है। अपने साथी की ऐसी हालत देझ जैसे ही वो गुंडे आगे बढ़ते है वैसे ही शिवा वहाँ गाड़ी लेकर आ जाता है और उसे देख वो गुंडे अपने साथी को उठा भाग जाते है।
एक दम से इतने गुंडो को देख कर सोनिया हड़बड़ा जाती है लेकिन फिर संभाल कर शिवा को देखते हुए
सोनिया - देखा मेने सिर्फ़ एक को मार और सारे भाग गए।
शिवा - जी मालकिन अब जल्दी बैठिये कही वो अपने और साथियों को लेकर न आजाये।
सोनिया ये सुन कर डर जाती है कि वो और गुंडो को ले सकते है। फिर भी अपनी ही अकड़ में बोलती है
सोनिया - तो आने दो में क्या डरती हु किसी से और पाप ने तुन्हें मेरी हिफाजत के लिए रख हुआ है समझे।
शिवा- जी मालकिन
उधर असलम लाला को फोन करता है।
लाला - हेलो कौन बोल रहा है।
असलम - हेलो लाला क्या हाल है। क्या बात है अपने पुराने साथियों को भूल गया है क्या। ले अपने बाप से भी बात कर ले।
असलम ने फोन बाबा को दिया - क्या रे लाला अपुन की आवाज तो पहचान गया या फिर साले फोन में घुस कर तेरे पेट मे 8 का आंकड़ा बनाऊ।
लाला - अरे यार बाबा तुम्हारी आवाज तो में नींद में भी पहचान लू। और ये असलम को बोलो की अपने बाप को न सिखाये की उसका बाप कौन है। पता है ना कि हम तीनों का बाप एक ही है। और उसका दहिना हाथ मै हु न कि वो।
फोन लाउड स्पीकर पर था तो असलम ने जब सब के बाप के बारे में सुना तो उसके हँसते हुए चेहरे पर गंभीरता छा गयी।
असलम - अरे यार लाला तू तो बुरा मान गया मेरे मजाक का। अब क्या हम तुझसे मजाक भी नही कर सकते।
लाला- तो मै कौन सा सीरियस हु साले। मै भी तो मजाक कर रिया हु। चलो अब ये मजाक मजाक खेलना छोड़ और ये बता की इतने सालों बाद कैसे याद आ गयी अपने इस यार की।
असलम - क्या यार तुझे भूले ही कब थे कि तेरी याद न आये। पर तुमने ही वो मास्टर वाले कांड के बाद बोला था कि हम दोनों गायब हो जाये। तो मै और बाबा वहाँ से गायब हो कर यहाँ अपना धंधा जमा लिया और तुझे बताते भी तो आये थे कि कहाँ जा रहे है।
लाला - हाँ हाँ , सब याद है और साला उस मास्टर के नाम से याद आया कि रात को आग लगाने के बाद तुम लोग तो निकल लिए थे और तुम्हारे जाने के लगभग 2 घंटे बाद पता नही कैसे किसी ने मास्टर के घर मे आग लगी देख ली और हल्ला मचा दिया। फिर तो लगभग पूरा गांव उसके घर की तरफ भाग लिया पर साला मुझे एक बात आज तक समझ मे न आई कि अगले दिन बड़े मालिक के साथ जब मै मास्टर के घर शोक मनाने पहुंचा तो वहाँ लोगो में ये बात चल रही थी कि मास्टर के परिवार में से उसके दोनों बेटों की लाश की राख नही मिली थी किसी को। मैने वहाँ कई लोगो से जानने की कोशिश करी की साला ये चल क्या रहा है तो पता चला कि गांव वालो ने मास्टर के घर को पूरा जलने से तो बचा लिया था लेकिन वो उस कमरे को राख होने से नही बचा पाए जिसमे मास्टर और उसका परिवार था। हर किसी के चेहरे पर मास्टर और उसकी बीवी की मौत का दुख तो था लेकिन सभी दबी हुई आवाज में मास्टर के दोनों बेटों की बातें भी कर रहे थे कि उन दोनों की लाश या राख नही मिली है।
अब तुम दोनों कुछ बताओ मुझे की ये सारा मामला क्या है।
असलम - रुक जा लाला रुक जा। अब सुन जो तू सुन्ना चाहता है।
और फिर असलम लाला को अब तक जो कुछ भी हुआ था वो सब बता देता है जिसे सुन कर लाला बुरी तरह से भडक जाता है असलम पर।
लाला - तू पागल हो गया है क्या असलम, साले दुश्मन की औलाद को पाल रहा है। सपोले को पालोगे तो वो सांप बन कर डसेगा ही।
असलम - तू अपना भाषण अपने पास ही रख हमे पता है कि हमने क्या किया है। और सुन हमने तुझसे भाषण सुनने के लिए फोन नही किया बल्कि तुझे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग वहाँ आ रहे है कुछ दिनो में।
लाला - आ जाओ इस बार तुम्हे बड़े मालिक ही समझायेंगे।
और लाला फोन रख देता है।
और अब में भी अपनी कलम रखता हूं और मिलता हु कल या परसो
अब आगे
जब उस पर एक गुंडा हमला करता है तो वो उसके पैरों के बीच मे एक लात मार देती है जिससे वो जमीन पर पड़ा तड़फने लगता है। अपने साथी की ऐसी हालत देझ जैसे ही वो गुंडे आगे बढ़ते है वैसे ही शिवा वहाँ गाड़ी लेकर आ जाता है और उसे देख वो गुंडे अपने साथी को उठा भाग जाते है।
एक दम से इतने गुंडो को देख कर सोनिया हड़बड़ा जाती है लेकिन फिर संभाल कर शिवा को देखते हुए
सोनिया - देखा मेने सिर्फ़ एक को मार और सारे भाग गए।
शिवा - जी मालकिन अब जल्दी बैठिये कही वो अपने और साथियों को लेकर न आजाये।
सोनिया ये सुन कर डर जाती है कि वो और गुंडो को ले सकते है। फिर भी अपनी ही अकड़ में बोलती है
सोनिया - तो आने दो में क्या डरती हु किसी से और पाप ने तुन्हें मेरी हिफाजत के लिए रख हुआ है समझे।
शिवा- जी मालकिन
उधर असलम लाला को फोन करता है।
लाला - हेलो कौन बोल रहा है।
असलम - हेलो लाला क्या हाल है। क्या बात है अपने पुराने साथियों को भूल गया है क्या। ले अपने बाप से भी बात कर ले।
असलम ने फोन बाबा को दिया - क्या रे लाला अपुन की आवाज तो पहचान गया या फिर साले फोन में घुस कर तेरे पेट मे 8 का आंकड़ा बनाऊ।
लाला - अरे यार बाबा तुम्हारी आवाज तो में नींद में भी पहचान लू। और ये असलम को बोलो की अपने बाप को न सिखाये की उसका बाप कौन है। पता है ना कि हम तीनों का बाप एक ही है। और उसका दहिना हाथ मै हु न कि वो।
फोन लाउड स्पीकर पर था तो असलम ने जब सब के बाप के बारे में सुना तो उसके हँसते हुए चेहरे पर गंभीरता छा गयी।
असलम - अरे यार लाला तू तो बुरा मान गया मेरे मजाक का। अब क्या हम तुझसे मजाक भी नही कर सकते।
लाला- तो मै कौन सा सीरियस हु साले। मै भी तो मजाक कर रिया हु। चलो अब ये मजाक मजाक खेलना छोड़ और ये बता की इतने सालों बाद कैसे याद आ गयी अपने इस यार की।
असलम - क्या यार तुझे भूले ही कब थे कि तेरी याद न आये। पर तुमने ही वो मास्टर वाले कांड के बाद बोला था कि हम दोनों गायब हो जाये। तो मै और बाबा वहाँ से गायब हो कर यहाँ अपना धंधा जमा लिया और तुझे बताते भी तो आये थे कि कहाँ जा रहे है।
लाला - हाँ हाँ , सब याद है और साला उस मास्टर के नाम से याद आया कि रात को आग लगाने के बाद तुम लोग तो निकल लिए थे और तुम्हारे जाने के लगभग 2 घंटे बाद पता नही कैसे किसी ने मास्टर के घर मे आग लगी देख ली और हल्ला मचा दिया। फिर तो लगभग पूरा गांव उसके घर की तरफ भाग लिया पर साला मुझे एक बात आज तक समझ मे न आई कि अगले दिन बड़े मालिक के साथ जब मै मास्टर के घर शोक मनाने पहुंचा तो वहाँ लोगो में ये बात चल रही थी कि मास्टर के परिवार में से उसके दोनों बेटों की लाश की राख नही मिली थी किसी को। मैने वहाँ कई लोगो से जानने की कोशिश करी की साला ये चल क्या रहा है तो पता चला कि गांव वालो ने मास्टर के घर को पूरा जलने से तो बचा लिया था लेकिन वो उस कमरे को राख होने से नही बचा पाए जिसमे मास्टर और उसका परिवार था। हर किसी के चेहरे पर मास्टर और उसकी बीवी की मौत का दुख तो था लेकिन सभी दबी हुई आवाज में मास्टर के दोनों बेटों की बातें भी कर रहे थे कि उन दोनों की लाश या राख नही मिली है।
अब तुम दोनों कुछ बताओ मुझे की ये सारा मामला क्या है।
असलम - रुक जा लाला रुक जा। अब सुन जो तू सुन्ना चाहता है।
और फिर असलम लाला को अब तक जो कुछ भी हुआ था वो सब बता देता है जिसे सुन कर लाला बुरी तरह से भडक जाता है असलम पर।
लाला - तू पागल हो गया है क्या असलम, साले दुश्मन की औलाद को पाल रहा है। सपोले को पालोगे तो वो सांप बन कर डसेगा ही।
असलम - तू अपना भाषण अपने पास ही रख हमे पता है कि हमने क्या किया है। और सुन हमने तुझसे भाषण सुनने के लिए फोन नही किया बल्कि तुझे ये बताने के लिए फोन किया था कि हम लोग वहाँ आ रहे है कुछ दिनो में।
लाला - आ जाओ इस बार तुम्हे बड़े मालिक ही समझायेंगे।
और लाला फोन रख देता है।
और अब में भी अपनी कलम रखता हूं और मिलता हु कल या परसो