अब तक आपने पढ़ा की लाला से बात करते हुए असलम उससे उस रात के बाद क्या हुआ पूछता है तो लाला उसे सब बात बताने के बाद अपना शक जाहिर करता है कि मास्टर के दोनो बेटे कहा गायब हो गए। तब असलम उसे सब सच बता देता है जिसे सुनकर लाला भडक जाता है और उन्हें बड़े मालिक के पास आने को बोलता है।
अब आगे
लाला की बात सुनके की अब बड़े मालिक ही तुम्हे समझायेंगे दोनो असलम और बाबा डर जाते है और लाला को समझाने वाले ही होते है कि लाला फोन रख देता है। असलम दुबारा फोन करता है तो लाला उठाता ही नही है। अब दोनों के चेहरे डर के मारे पिले पड़ जाते है क्योंकि दोनों को पता था कि बड़े मालिक के कहर के बारे में। उन्होंने देखा हुआ है कि बड़े मालिक कितना बेरहम है।
बात उन दिनो की है जब ये दोनों पहली बार बड़े साहब से मिले थे। ये लोग गांव के नजदीक ही रहते थे और लाला के कहने पर आसपास के गाओं में लूटपाट करते और उनकी बहू बेटीयों को उठा कर ले जाते और लाला को सौप देते। एक बार इनके एक साथी ने एक लड़की को देने से मना कर दिया क्योंकि वो उस लड़की की प्यार करने लग गया था। तब लाला उसे कहता है
लाला - रे छोरे क्यों मौत से खेल रिया है, ये सब बड़े मालिक की अमानत है। और उनका आदेश था कि इन सब को सही सलामत उनके अड्डे पर पहुँचा दो और तू उनके ही माल पर नजर गड़ाये बैठा है।
अनवर (जी हाँ यही नाम था उसका) - लाला यार तू तो अपना यार है ना तू ही कोई तिक्रम भिड़ा न और बात की कैसे में रुखसाना के साथ रह सकता हु। यार मेने उससे वादा किया है कि में ये बुरी दुनिया छोड़ दूंगा और हम कही दूर अपनी एक छोटी सी दुनिया बसा लेंगें।
लाला (कमीनी मुस्कान के साथ) - रे छोरे में क्या कहु । इब जब तुझे ये रोग लग ही गया है तो तुझे तो कौनो डाक्टर भी न बचा सके। तो एक काम कर मै तेरी बड़े साहब के साथ मीटिंग सेट करवा देता हूँ, तू उन्हें अपने प्यार का वास्ता देकर मना लियो। क्या पता उनका दिल तेरी सच्ची मोहब्बत देख कर पिघल जाए और वो तुझे और तेरी उस बुलबुल को आज़ाद कर दे इस बुरी दुनिया से।
अनवर - तो चल जल्दी लाला, मै बड़े साहब के पैर पकड़ कर उनसे अपने प्यार की भीख मांग लूंगा।
फिर वो चारो रुखसाना को साथ लेकर बड़े साहब के पास जाते है। वहाँ जाने से पहले रुखसाना की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है। बड़े साहब के अड्डे पर वो एक सोफे पर बैठा हुआ था और शराब और शबाब के मजे ले रहा था। तभी वहा लाला जाता है और उनके कान में कुछ बोलता है जिसे सुनते ही बड़े साहब की आँख में ऐसी चमक आती है जैसे एक शिकारी की आंखों में अपने शिकार की खुशबू सूंघ कर आती है। वो लाला को उन्हें लाने का इशारा करता है तो लाला उन्हें अपने साथ लेकर आता है। उनके अंदर आते ही उन्हें बांध दिया जाता है जिसे देखकर अनवर लाला को बोलता है कि ये क्या है। तो जवाब बड़े साहब देते है।
बड़े साहब - अरे कुछ नही है अनवर मियां बस एक छोटा सा टेस्ट है तेरे प्यार का अगर तू उसमे पास हो गया तो जो तू चाहता है वो मैं तुझे देदूँगा बल्कि तुझे आगे की जिंदगी के लिए पैसे भी दूंगा आखिर तू हमारा पुराना वफादार कुत्ता जो है। ये सुनते ही अनवर की गर्दन शर्म से झुक जाती है। लेकिन बाकी सब जोर से हस्ते है। फिर बड़े साहब असलम और बाबा की तरफ देखते हुए कहता है कि क्यों भाई तुमने भी इसे नही समझाया कि ये इस प्यार के रोग में न फसे।
असलम - बड़े साहब कसम पैदा करने वाले कि हम दोनों ने इस हरामी को बहुत समझाया लेकिन इसके सिर पर तो ये रुखसाना के हुस्न का जादू चढ़ा हुआ था न तो साले ने हमारी एक भी न सुनी।
बड़े साहब - बस बस अब तुम लोग ये बताओ कि आगे हमारे साथ रहोगे या फिर इस कुत्ते के साथ ही जाओगे।
बाबा - कैसी बात करते हो बड़े साहब हम इसके साथ जा कर क्या करेंगे। ये तो अपनी इस आइटम के साथ मौज करेगा हम क्या इसकी आरती उतारेंगे।
बड़े साहब - तो फिर ठीक है आज यह पर जो कुछ भी होगा वो तुम सबके लिए और आगे जो भी हमारे साथ जुड़ेगा उसके लिए एक नसीहत होगी कि बड़े साहब के साथ धोखा करने वालो के साथ हम क्या करते है। कसम से मजा आएगा खेलने में इनके साथ।
हाँ तो अनवर मियां बात ऐसी है कि इस दुनिया मे एक माँ भी अपने बच्चे को दूध तभी पिलाती है जब वो उसके पहलू में अपने आशुओ की भेंट चढ़ाता है। यानी जब तक बच्चा रोता नही टैब तक माँ भी उसे दूध नही पिलाती। तो मै कैसे तुझे अपने इस माल को बिना कुछ भेंट दिए ले जाने दु।
अनवर - बड़े साहब मेरे पास क्या है जो कुछ भी है सब आपका ही तो है। में क्या दे सकता हु आपको। लेकिन अपने प्यार के लिए में फिर भी कोशिश करूंगा कि आपको आपकी कही हुई भेट दे सकू। बोलिये क्या भेंट दे सकता हु में आपको।
बड़े साहब - सबसे पहले तो इस लड़की की आंखे खोलो भाई इसे भी तो पता चले कि आगे जो कुछ भी इसके और इसके आशिक़ के साथ होगा वो किसके कहने से और कौन करेगा।
रुखसाना की पट्टी हटा दी जाती है। और जब उसे सब ठीक से दिखाई देता है तो सामने खड़े बड़े साहब को देख कर उसकी चीख निकल जाती है और वो अनवर की तरफ देख के कहती है की क्या ये ही है तुम्हारे बड़े साहब।
अनवर हा में अपना सिर हिलाता है। तो वो दौड़ कर बड़े साहब के कदमो में गिर जाती है और फिर जब वो आगे बोलती है तो अनवर, असलम और बाबा अंदर तक हिल जाते है।
ऐसा क्या कहा रुखसाना ने की वो तीनो हिल गए। ये हम कल या फिर जब टाइम मिलेगा तब बताऊंगा।