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Fantasy दर्दे जिगर

aka3829

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अब तक आपने पढ़ा कि बड़े साहब का सुन कर असलम और बाबा दोनो डर जाते है और अपनी पहली मुलाकात बड़े साहब से याद करने लगते है जिसमे उन्हें याद आता है कि उनका एक और साथी था अनवर और वो एक लड़की किसे बड़े साहब ने उठवाया था उससे प्यार करने लगता है तो लाला को भेज कर कैसे वो धोखे से उन चारों को अपने सामने बुलवा लेते है। और जब रुखसाना की आंखों की पट्टी कहती है तो उसके पहले लफ्ज़ सुन कर ये सारे हैरान रह जाते है।
अब आगे
जैसे ही रुखसाना की पट्टी खुलती है और वो बड़े साहब को देखती है तो दौड़ कर उसके पैरों में गिर जाती है और बोलती है
रुखसाना - ठाकुर साहब ये सब कौन लोग है और आप यहाँ क्या कर रहे हो। देखो ना ठाकुर साहब ये लोग मेरे प्यार को बांध के रखे है और उसे मारने की बात कर रहे है। अब आप ही बचाये हमे।
ठाकुर/बड़े साहब - अरे तू मुझे कैसे जानती है रे छोरी। मेने तो तुझे आज तक कभी नही देखा।
रुखसाना - मालिक आप मुझे कैसे देखेंगे जबकि में तो आपके इतने बड़े साम्राज्य के एक छोटे से गाओं में रहती हूं। मै तो ***** गांव में अपने माँ बाप के साथ रहती थी। कुछ हफ्तों पहले जब में स्कूल से आ रही थी तब इन लोगो ने मुझे उठा लिया था। और आपकी तस्वीर तो हमारे स्कूल में लगी हुई है तो मैने आपको पहचान लिया।
रुखसाना की बातें सुनकर ठाकुर ने लाला को घूर कर देखा तो लाला की फट गयी और वो समझगया की ठाकुर क्या कहना चाहते है। वो एक दम से बोल उठा।
लाला- मालिक मै अपनी मरी हुई माँ की कसम खा के कहता हूँ कि इस बारे में मुझे भी कुछ नही पता कि आपकी तसवीर उस स्कूल में कैसे और किसने लगाई है।
लाला की बाते सुन कर रुखसाना बोलती है
रुखसाना - लाला जी आपको कैसे पता चलेगा उस तसवीर के बारे में जबकि वो तस्वीर पिछले महीने ही अखबार से काट कर मास्टर जी ने लगाई थी सबको ये बताने के लिए की ये हमारे मालिक है जो इस पूरे इलाके के भगवान है।
इन लोगो की बात सुन कर बाबा और असलम के तो होश ही उड़े हुए थे और अनवर को एक उम्मीद की किरण नजर आ रही थी कि अब जब रुखसाना ने ठाकुर को पहचान लिया है तो शायद अब वो हमें छोड़ देगा।
ठाकुर - रुखसाना उठो और हमारे कुछ सवालों के जवाब दो और फिर तुम खुद ही बताना की हमे क्या करना चाहिए।
रुखसाना - जी पूछिये
ठाकुर - तुम ये तो मानती हो कि हम इस पूरे इलाके के भगवान है।
रुखसाना - जी
ठाकुर - तो भगवान को अपने इलाके की हर जीवित और मृत चीजो पर पहला हक होता है।
रुखसाना - जी
ठाकुर - तो तुम पर भी मेरा हक पहले है।
रुखसाना - जी, लेकिन मालिक मैं और अनवर एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। और मैने तो सुना है कि आप बहुत नेक दिल और फरिस्ते है हम सब के लिए।
ठाकुर - वो सब तो ठीक है लेकिन जिस चीज पर मेरा हक पहले है अगर उसे कोई और लेले तो मुझे क्या करना चाहिए ये बताओ।
रुखसाना - आपको उसे दंड देने चाहिए।
ठाकुर - तो फिर जब तुम पर हमारा हक है और इस अनवर ने तुम्हे हमसे चुराने की कोशिश की है तो क्या हमें इसे सजा नही देनी चाहिए।
रुखसाना - लेकिन मालिक मै भी अनवर से प्यार करती हूं और आप तो भगवान है यहाँ के। आपसे नही मांगेंगे तो किससे मांगेंगे।
ठाकुर - हम्म्म्म ये भी ठीक कह रही हो लेकिन भगवान से कुछ मांगने से पहले उसको खुश करने के लिए कुछ चढ़ावा भी तो चढ़ाया जाता है ना।
रुखसाना - जी
ठाकुर - तो अब तुम बताओ कि अपने प्यार को पाने के लिए तुम या तुम्हारा ये आशिक़ क्या चढ़ावा दोगे मुझे।
रुखसाना - मालिक हम गरीबो के पास क्या है आपको देने के लिए। आप हमें जाने दे हम जिंदगी भर आपको और आपके परिवार को दुआ देते रहेंगे।
ठाकुर - देखो दुआएं तो हमे औरो से बहुत मिल जाती है। तो हमे तुम्हारी दुआएं नही चाहिए। चलो मै तुम्हारी कुछ मदद कर देता हूं। तुमने सुना तो होगा कि आंख के बदले आंख, सिर के बदले सिर और मांस के बदले मांस।
रुखसाना उसे हैरत से देखने लगती है और बोलती है
रुखसाना - इसका क्या मतलब हुआ मालिक में कुछ समझी नही।
ठाकुर अपनी आंखों में दुनिया भर की हैवानियत लाते हुए - जिसे तू इतनी देर से भगवान कहे जा री है ना तो सुन में कोई भगवान नही हु बल्कि एक हैवान हू। और मैंने तुझे उठवाया था कि तुझे विदेशी लोगो को बेच कर पैसे कमा सकू। अरे मेरा तो यही धंधा है कि मै लड़कियों और औरतों को उठवाता हु फिर उन्हें विदेशो के जिस्म के बाजार में बेच कर पैसा कमाता हु। लेकिन इस अनवर ने तुझे अपने प्यार के जाल में फंसा कर मेरा नुकसान कर दिया क्योंकि कुँवारी लड़कियों की विदेशी बाजार में बहुत कीमत मिलती है।
रुखसाना अपनी ही धुन में बोल पड़ती है - नही नही मालिक में अभी बिल्कुल पाक साफ हु। हमने प्यार किया है और हमारे प्यार में हवस की कोई जगह नही है।
इतना सुनते ही ठाकुर की आंखों में चमक आ जाती है। तो वो रुखसाना से बोलता है
ठाकुर - चल मान लिया कि तेरा प्यार पवित्र है। लेकिन मेरा भी तो नुकसान होगा न तुझे छोड़ देने के बाद। उसकी भरपाई कौन करेगा।
रुखसाना - आप बताओ कि आपका नुकसान कैसे पूरा होगा। मै पूरी कोशिश करूँगी उसे पूरा करने की। और कहते हुए वो खड़ी होकर ठाकुर के सामने आने कपड़े उतारने वाली होती है कि ठाकुर उसे रोक देता है और कहता है।
ठाकुर - ऐ छोरी ये क्या कर रही है। तुझे बताया न कि विदेशों में कुँवारी लड़कियों की कीमत बहुत ज्यादा मिलती है। अगर ये सब ही करना होता तो अब तक तो तेरा नंगा जिस्म मेरे आदमियों के बीच पड़ा होता। देख अगर तू चाहती है कि मै तुझे और तेरे इस आशिक को छोड़ दु तो तुझे मेरे लिए अपनी ही जैसी खूबसूरत कंवारी लड़की लानी पड़ेगी और वो भी आज शाम तक क्योंकि आज शाम को मेरा ट्रक माल लेकर निकलने वाला है। उससे पहले अगर तू एक अपनी जैसी खूबसूरत और कुँवारी लड़की ले आयी तो में तुझे और तेरे आशिक को इस बुरी दुनिया से आजाद कर दूंगा।
रुखसाना कुछ सोचते हुए - ठीक है मालिक मै ले आउंगी अपने जैसी एक खूबसूरत और कुँवारी लड़की।
ठाकुर - तेरे साथ लाला और मेरे कुछ आदमी भी जाएंगे, तू बस इशारा कर देना बाकी का काम इनका और सुन मुझसे गद्दारी करने की सोचना भी मत क्यों कि अगर तूने ऐसा कुछ सोच तो तेरा ये आशिक बे मौत मार जाएगा।
रुखसाना - नहीं नहीं मैं ऐसा सोचूंगी भी नही लेकिन तुम मेरे अनवर को छूना भी मत। ऐसा वादा करो मुझसे।
ठाकुर - ठाकुर की जुबान दी तुझे की मै या मेरे आदमी इसे छुएंगे भी नही, लेकिन ।
रुखसाना - हाँ हाँ पता है कि किसी को कुछ नही बताऊंगी और जैसी लड़की तुम चाहते हो उससे भी खूबसूरत और कुँवारी ले कर आउंगी।
और फिर रुखसाना लाला के साथ निकल जाती है।
तब ठाकुर अनवर को देखते हुए - तो अनवर मियाँ ये तो अपने लिए आजादी का सामान लेने चली गयी लेकिन तू मुझे ये बात की तुझे तेरी गुस्ताखी की क्या सज़ा दु। इतना सुन्ना था कि अनवर अन्दर तक कांप जाता है और बोलता है
अनवर - बड़े साहब रुखसाना गयी तो है हमारी आजादी की कीमत लेने। और आपने उससे वादा भी किया है कि आप और आपके आदमी मुझे हाथ भी नही लगाएंगे।
ठाकुर जोर जोर से हस्ता हुआ - अबे साले में कोई महात्मा या राजा हरिश्चन्द्र तो नही हू की अपने जाल में फसे तेरे जैसे शिकार को इतनी आसानी ही छोड़ दूंगा। रुखसाना को तो इसलिए भेज की मुझे तुम्हारे लाये जाने से पहले ही फोन आया था कि आज 2 कुँवारी लड़कियों की सख्त डिमाण्ड है और उनकी मुँह मांगी कीमत मिलेगी। तो एक तो रुखसाना हो गयी लेकिन इतनी जल्दी दूसरी लड़की कहा से लाता वो भी उसकी जैसी खूबसूरत और कुँवारी। इसलिए मैंने उसकी पट्टी खुलवा कर अपना राज़ उसके सामने बेपर्दा किया था। और वो मेरी इस चाल में फस गयी।
अनवर चिल्लाते हुए - ठाकुर तुम ऐसा नही कर सकते। तुमने अपनी ठाकुर वाली जबान दी थी कि तुम्हारा काम पूरा हो जाने के बाद तुम हम दोनों को आजाद कर दोगे।
ठाकुर - अच्छा मेने ऐसा कहा था फिर तो मुझे अपने ठाकुर वचन की लाज रखनी ही पड़ेगी। लेकिन अनवर मियां में ने ये भी तो कहा था न कि आंख के बदले आंख, सिर के बदले सिर और मांस के बदले मांस। शर्त ये है कि तूने मुुझसे मेरा मांस छिनने की कोशिश की थी तो तू मुझे अपना मांस देगा और मै तुुझे इस बुरी दुनिया से आजादी।
और इतना कहते ही अपने एक आदमी को इशारा करता है तो वो आदमी अनवर की तरफ एक लोहे की कंटिली तारो वाला हंटर फेंक देता है।
ठाकुर - अनवर जब तक रुखसाना अपनी आजादी की कीमत नही ले आती है तब तक ये हंटर तेरे शरीर से तेरी आजादी की कीमत वसूलता रहना चाहिए अगर ये रुका तो रुखसाना के आते ही ये हंटर उसके खूबसूरत जिस्म से उतनी ही देर तक उसका मांस उतरेगा। अब तू सोच ले कि ये हंटर तेरा मांस उतारे या तेरी महबूबा के कोमल जिस्म का।
ठाकुर की बात खत्म होते ही 2 आवाजे एक साथ उस गुफा में गूंज जाती है। पहली होती है उस हंटर के हवा को चीरने वाली साय की और दूसरी होती है अनवर की दर्द भरी क्योंकि उस कँटीले हंटर ने अनवर की पीठ से उस जगह से उसका मांस उतार दिया था जहाँ वो लगा था।
ये देखते ही ठाकुर के चेहरे पर हैवानियत छा गयी और वो अपनी सिंघासन जैसी कुर्सी पर बैठ जाता है और अनवर का मांस उतरते हुए देखता रहता है।
अभी आधा घंटा ही बीता था कि अनवर जमीन पर गिर जाता है क्योंकि उसकी पीठ से खून पानी की तरह बह रहा था और उसकी पीठ नीली पड़ चुकी थी। ये सब देखते हुए असलम और बाबा की तो रूह तक कांप गयी थी। वो सोचते है कि कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है। वो देखते है कि अनवर काँपते हुए हंटर को फिर से खुद को मारने के लिए उठता है लेकिन उठा नही पाता और फिर से गिर कर बेहोश हो जाता है।
ये देख कर ठाकुर बुरी तरह से हँसता हुआ खड़ा होता है और अपने आदमी को बोलता है
ठाकुर - अबे कितने बून्द गिराई थी हंटर पर जो ये आधा घंटा भी नही झेल पाया।
ये सुनके असलम और बाबा पहले तो एक दूसरे को आश्चर्य से देखते है फिर डरते हुए ठाकुर से पूछते है
बाबा - बड़े साहब क्या मतलब है आपका।
ठाकुर उनको देखते हुए - जिस हंटर से अनवर अपना मांस उधेड़ रहा था ना उसके काँटो में मैंने पहले ही जहर लगवा दिया था जो धीरे 2 अनवर की साँसों की डोर को तोड़ेगा लेकिन उसके पहले उसे इतना दर्द देगा कि वो दुबारा जन्म लेने से भी ये कहके मना कर देगा कि जब तक ठाकुर इस धरती पर है में नही जन्म लूंगा। और हैवानियत से भरी हँसी हँसने लगता है।
इतना सुनते ही असलम और बाबा जैसे खूंखार डाकुओं का दिल भी दहल जाता है।
ठाकुर अपने आदमी को इशारा करता है तो वो एक बाल्टी लाता है जिसमे नामक और मिर्च पाउडर मिला हुआ रखा था और वो उसे सीधा अनवर कि पीठ पर डाल देता है तो अनवर बेहोशी से भी चीखते हुए उठ जाता हैं। उसकी पूरी पीठ ऐसे जल उठी थी जैसे उस पर किसी ने तेजाब डाल दिया हो।
ठाकुर - अरे अनवर मियां बड़ी जल्दी हार मान ली तुमने तो।
ये तो तुम्हारी मोहब्ब्त की परीक्षा है जिसमे हारने का मतलब है कि तुम्हारे मेहबूब को भी इसी परीक्षा से गुजरना होगा। अब तुम सोच लो कि इसे तुम ही पर करना चाहते हो या फिर इस परीक्षा के कुछ सवाल अपने मेहबूब के लिए छोड़ के जाओगे।
इतना सुनते ही अनवर का हाथ हंटर पर कसता चला जाता है और फिर से फिजाओं में हंटर के हवा को चीरने की साय साय की आवाज और उस आवाज को टक्कर देती अनवर की दर्द भरी चीखो की आवाज गूंज जाती है। जो कुछ देर गूंजती है और फिर हमेशा के लिए शांत हो जाती है क्योंकि आज फिर इस बेरहम दुनिया में एक मोहब्बत अधूरी रह गयी थी।
अब आगे क्या होगा ये मैं आप लोगो को बाद में बताऊंगा।
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
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तो ये है मैं विल्लन............. हिन्दी फिल्मों की जैसी कहानी...... गाँव, डाकू और ठाकुर..................
 

anandsngh12

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Hamesha Ki Tarah Khubsurat Shabdo me tarasha Hua Haiwaniyat Ka Nanga Naach Darshata Update.
Matlab Kahani Ka Main Villain Thakur Hi Hai.
Ab Rukhsana Ka Kya Hoga...?
Kya Shiva Usko Bachayega Ya Phir Vah Bhi.....?
Lekin Ek Baat Samajh Me Nahi Aayi Ki Krishna Ko Bachpan Ka Kuch Yaad Na Hone Ki Vajah To Pata Chal Gayi Jiske Karan Vo Aslam Aur Khan Ko Nahi Pahchan Paya...Kintu Shiva Ko Kyo Yaad Nahi Hai Apne Bachpan Ki Vo Ghatna...?
 

aka3829

Prime
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Hamesha Ki Tarah Khubsurat Shabdo me tarasha Hua Haiwaniyat Ka Nanga Naach Darshata Update.
Matlab Kahani Ka Main Villain Thakur Hi Hai.
Ab Rukhsana Ka Kya Hoga...?
Kya Shiva Usko Bachayega Ya Phir Vah Bhi.....?
Lekin Ek Baat Samajh Me Nahi Aayi Ki Krishna Ko Bachpan Ka Kuch Yaad Na Hone Ki Vajah To Pata Chal Gayi Jiske Karan Vo Aslam Aur Khan Ko Nahi Pahchan Paya...Kintu Shiva Ko Kyo Yaad Nahi Hai Apne Bachpan Ki Vo Ghatna...?
Thanx bhai 4 ur valuable review. Bhai shiva ko jb usaki ma ne khidki se bahar feka tha to usake sir pr chot lagi thi jisase use sab dhundhla 2 yaad he
 

Naughtyrishabh

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बहुत ही बेहतरीन अपडेट ।
क्या खतरनाक ढंग से पेश किया है आपने विलेन को ।
विलेन , जिसकी हैवानियत की एक झलक भर देखने को मिली है ।

आगे का इंतजार
 

Chutiyadr

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अब तक आपने पढ़ा की लाला से बात करते हुए असलम उससे उस रात के बाद क्या हुआ पूछता है तो लाला उसे सब बात बताने के बाद अपना शक जाहिर करता है कि मास्टर के दोनो बेटे कहा गायब हो गए। तब असलम उसे सब सच बता देता है जिसे सुनकर लाला भडक जाता है और उन्हें बड़े मालिक के पास आने को बोलता है।
अब आगे
लाला की बात सुनके की अब बड़े मालिक ही तुम्हे समझायेंगे दोनो असलम और बाबा डर जाते है और लाला को समझाने वाले ही होते है कि लाला फोन रख देता है। असलम दुबारा फोन करता है तो लाला उठाता ही नही है। अब दोनों के चेहरे डर के मारे पिले पड़ जाते है क्योंकि दोनों को पता था कि बड़े मालिक के कहर के बारे में। उन्होंने देखा हुआ है कि बड़े मालिक कितना बेरहम है।
बात उन दिनो की है जब ये दोनों पहली बार बड़े साहब से मिले थे। ये लोग गांव के नजदीक ही रहते थे और लाला के कहने पर आसपास के गाओं में लूटपाट करते और उनकी बहू बेटीयों को उठा कर ले जाते और लाला को सौप देते। एक बार इनके एक साथी ने एक लड़की को देने से मना कर दिया क्योंकि वो उस लड़की की प्यार करने लग गया था। तब लाला उसे कहता है
लाला - रे छोरे क्यों मौत से खेल रिया है, ये सब बड़े मालिक की अमानत है। और उनका आदेश था कि इन सब को सही सलामत उनके अड्डे पर पहुँचा दो और तू उनके ही माल पर नजर गड़ाये बैठा है।
अनवर (जी हाँ यही नाम था उसका) - लाला यार तू तो अपना यार है ना तू ही कोई तिक्रम भिड़ा न और बात की कैसे में रुखसाना के साथ रह सकता हु। यार मेने उससे वादा किया है कि में ये बुरी दुनिया छोड़ दूंगा और हम कही दूर अपनी एक छोटी सी दुनिया बसा लेंगें।
लाला (कमीनी मुस्कान के साथ) - रे छोरे में क्या कहु । इब जब तुझे ये रोग लग ही गया है तो तुझे तो कौनो डाक्टर भी न बचा सके। तो एक काम कर मै तेरी बड़े साहब के साथ मीटिंग सेट करवा देता हूँ, तू उन्हें अपने प्यार का वास्ता देकर मना लियो। क्या पता उनका दिल तेरी सच्ची मोहब्बत देख कर पिघल जाए और वो तुझे और तेरी उस बुलबुल को आज़ाद कर दे इस बुरी दुनिया से।
अनवर - तो चल जल्दी लाला, मै बड़े साहब के पैर पकड़ कर उनसे अपने प्यार की भीख मांग लूंगा।
फिर वो चारो रुखसाना को साथ लेकर बड़े साहब के पास जाते है। वहाँ जाने से पहले रुखसाना की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है। बड़े साहब के अड्डे पर वो एक सोफे पर बैठा हुआ था और शराब और शबाब के मजे ले रहा था। तभी वहा लाला जाता है और उनके कान में कुछ बोलता है जिसे सुनते ही बड़े साहब की आँख में ऐसी चमक आती है जैसे एक शिकारी की आंखों में अपने शिकार की खुशबू सूंघ कर आती है। वो लाला को उन्हें लाने का इशारा करता है तो लाला उन्हें अपने साथ लेकर आता है। उनके अंदर आते ही उन्हें बांध दिया जाता है जिसे देखकर अनवर लाला को बोलता है कि ये क्या है। तो जवाब बड़े साहब देते है।
बड़े साहब - अरे कुछ नही है अनवर मियां बस एक छोटा सा टेस्ट है तेरे प्यार का अगर तू उसमे पास हो गया तो जो तू चाहता है वो मैं तुझे देदूँगा बल्कि तुझे आगे की जिंदगी के लिए पैसे भी दूंगा आखिर तू हमारा पुराना वफादार कुत्ता जो है। ये सुनते ही अनवर की गर्दन शर्म से झुक जाती है। लेकिन बाकी सब जोर से हस्ते है। फिर बड़े साहब असलम और बाबा की तरफ देखते हुए कहता है कि क्यों भाई तुमने भी इसे नही समझाया कि ये इस प्यार के रोग में न फसे।
असलम - बड़े साहब कसम पैदा करने वाले कि हम दोनों ने इस हरामी को बहुत समझाया लेकिन इसके सिर पर तो ये रुखसाना के हुस्न का जादू चढ़ा हुआ था न तो साले ने हमारी एक भी न सुनी।
बड़े साहब - बस बस अब तुम लोग ये बताओ कि आगे हमारे साथ रहोगे या फिर इस कुत्ते के साथ ही जाओगे।
बाबा - कैसी बात करते हो बड़े साहब हम इसके साथ जा कर क्या करेंगे। ये तो अपनी इस आइटम के साथ मौज करेगा हम क्या इसकी आरती उतारेंगे।
बड़े साहब - तो फिर ठीक है आज यह पर जो कुछ भी होगा वो तुम सबके लिए और आगे जो भी हमारे साथ जुड़ेगा उसके लिए एक नसीहत होगी कि बड़े साहब के साथ धोखा करने वालो के साथ हम क्या करते है। कसम से मजा आएगा खेलने में इनके साथ।
हाँ तो अनवर मियां बात ऐसी है कि इस दुनिया मे एक माँ भी अपने बच्चे को दूध तभी पिलाती है जब वो उसके पहलू में अपने आशुओ की भेंट चढ़ाता है। यानी जब तक बच्चा रोता नही टैब तक माँ भी उसे दूध नही पिलाती। तो मै कैसे तुझे अपने इस माल को बिना कुछ भेंट दिए ले जाने दु।
अनवर - बड़े साहब मेरे पास क्या है जो कुछ भी है सब आपका ही तो है। में क्या दे सकता हु आपको। लेकिन अपने प्यार के लिए में फिर भी कोशिश करूंगा कि आपको आपकी कही हुई भेट दे सकू। बोलिये क्या भेंट दे सकता हु में आपको।
बड़े साहब - सबसे पहले तो इस लड़की की आंखे खोलो भाई इसे भी तो पता चले कि आगे जो कुछ भी इसके और इसके आशिक़ के साथ होगा वो किसके कहने से और कौन करेगा।
रुखसाना की पट्टी हटा दी जाती है। और जब उसे सब ठीक से दिखाई देता है तो सामने खड़े बड़े साहब को देख कर उसकी चीख निकल जाती है और वो अनवर की तरफ देख के कहती है की क्या ये ही है तुम्हारे बड़े साहब।
अनवर हा में अपना सिर हिलाता है। तो वो दौड़ कर बड़े साहब के कदमो में गिर जाती है और फिर जब वो आगे बोलती है तो अनवर, असलम और बाबा अंदर तक हिल जाते है।
ऐसा क्या कहा रुखसाना ने की वो तीनो हिल गए। ये हम कल या फिर जब टाइम मिलेगा तब बताऊंगा।
Aka urf amtul miya update badiya tha par yar thoda lambai to bada do, suspense me la kar bhi chhod diye ho...
 

Chutiyadr

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अब तक आपने पढ़ा कि बड़े साहब का सुन कर असलम और बाबा दोनो डर जाते है और अपनी पहली मुलाकात बड़े साहब से याद करने लगते है जिसमे उन्हें याद आता है कि उनका एक और साथी था अनवर और वो एक लड़की किसे बड़े साहब ने उठवाया था उससे प्यार करने लगता है तो लाला को भेज कर कैसे वो धोखे से उन चारों को अपने सामने बुलवा लेते है। और जब रुखसाना की आंखों की पट्टी कहती है तो उसके पहले लफ्ज़ सुन कर ये सारे हैरान रह जाते है।
अब आगे
जैसे ही रुखसाना की पट्टी खुलती है और वो बड़े साहब को देखती है तो दौड़ कर उसके पैरों में गिर जाती है और बोलती है
रुखसाना - ठाकुर साहब ये सब कौन लोग है और आप यहाँ क्या कर रहे हो। देखो ना ठाकुर साहब ये लोग मेरे प्यार को बांध के रखे है और उसे मारने की बात कर रहे है। अब आप ही बचाये हमे।
ठाकुर/बड़े साहब - अरे तू मुझे कैसे जानती है रे छोरी। मेने तो तुझे आज तक कभी नही देखा।
रुखसाना - मालिक आप मुझे कैसे देखेंगे जबकि में तो आपके इतने बड़े साम्राज्य के एक छोटे से गाओं में रहती हूं। मै तो ***** गांव में अपने माँ बाप के साथ रहती थी। कुछ हफ्तों पहले जब में स्कूल से आ रही थी तब इन लोगो ने मुझे उठा लिया था। और आपकी तस्वीर तो हमारे स्कूल में लगी हुई है तो मैने आपको पहचान लिया।
रुखसाना की बातें सुनकर ठाकुर ने लाला को घूर कर देखा तो लाला की फट गयी और वो समझगया की ठाकुर क्या कहना चाहते है। वो एक दम से बोल उठा।
लाला- मालिक मै अपनी मरी हुई माँ की कसम खा के कहता हूँ कि इस बारे में मुझे भी कुछ नही पता कि आपकी तसवीर उस स्कूल में कैसे और किसने लगाई है।
लाला की बाते सुन कर रुखसाना बोलती है
रुखसाना - लाला जी आपको कैसे पता चलेगा उस तसवीर के बारे में जबकि वो तस्वीर पिछले महीने ही अखबार से काट कर मास्टर जी ने लगाई थी सबको ये बताने के लिए की ये हमारे मालिक है जो इस पूरे इलाके के भगवान है।
इन लोगो की बात सुन कर बाबा और असलम के तो होश ही उड़े हुए थे और अनवर को एक उम्मीद की किरण नजर आ रही थी कि अब जब रुखसाना ने ठाकुर को पहचान लिया है तो शायद अब वो हमें छोड़ देगा।
ठाकुर - रुखसाना उठो और हमारे कुछ सवालों के जवाब दो और फिर तुम खुद ही बताना की हमे क्या करना चाहिए।
रुखसाना - जी पूछिये
ठाकुर - तुम ये तो मानती हो कि हम इस पूरे इलाके के भगवान है।
रुखसाना - जी
ठाकुर - तो भगवान को अपने इलाके की हर जीवित और मृत चीजो पर पहला हक होता है।
रुखसाना - जी
ठाकुर - तो तुम पर भी मेरा हक पहले है।
रुखसाना - जी, लेकिन मालिक मैं और अनवर एक दूसरे से बहुत प्यार करते है। और मैने तो सुना है कि आप बहुत नेक दिल और फरिस्ते है हम सब के लिए।
ठाकुर - वो सब तो ठीक है लेकिन जिस चीज पर मेरा हक पहले है अगर उसे कोई और लेले तो मुझे क्या करना चाहिए ये बताओ।
रुखसाना - आपको उसे दंड देने चाहिए।
ठाकुर - तो फिर जब तुम पर हमारा हक है और इस अनवर ने तुम्हे हमसे चुराने की कोशिश की है तो क्या हमें इसे सजा नही देनी चाहिए।
रुखसाना - लेकिन मालिक मै भी अनवर से प्यार करती हूं और आप तो भगवान है यहाँ के। आपसे नही मांगेंगे तो किससे मांगेंगे।
ठाकुर - हम्म्म्म ये भी ठीक कह रही हो लेकिन भगवान से कुछ मांगने से पहले उसको खुश करने के लिए कुछ चढ़ावा भी तो चढ़ाया जाता है ना।
रुखसाना - जी
ठाकुर - तो अब तुम बताओ कि अपने प्यार को पाने के लिए तुम या तुम्हारा ये आशिक़ क्या चढ़ावा दोगे मुझे।
रुखसाना - मालिक हम गरीबो के पास क्या है आपको देने के लिए। आप हमें जाने दे हम जिंदगी भर आपको और आपके परिवार को दुआ देते रहेंगे।
ठाकुर - देखो दुआएं तो हमे औरो से बहुत मिल जाती है। तो हमे तुम्हारी दुआएं नही चाहिए। चलो मै तुम्हारी कुछ मदद कर देता हूं। तुमने सुना तो होगा कि आंख के बदले आंख, सिर के बदले सिर और मांस के बदले मांस।
रुखसाना उसे हैरत से देखने लगती है और बोलती है
रुखसाना - इसका क्या मतलब हुआ मालिक में कुछ समझी नही।
ठाकुर अपनी आंखों में दुनिया भर की हैवानियत लाते हुए - जिसे तू इतनी देर से भगवान कहे जा री है ना तो सुन में कोई भगवान नही हु बल्कि एक हैवान हू। और मैंने तुझे उठवाया था कि तुझे विदेशी लोगो को बेच कर पैसे कमा सकू। अरे मेरा तो यही धंधा है कि मै लड़कियों और औरतों को उठवाता हु फिर उन्हें विदेशो के जिस्म के बाजार में बेच कर पैसा कमाता हु। लेकिन इस अनवर ने तुझे अपने प्यार के जाल में फंसा कर मेरा नुकसान कर दिया क्योंकि कुँवारी लड़कियों की विदेशी बाजार में बहुत कीमत मिलती है।
रुखसाना अपनी ही धुन में बोल पड़ती है - नही नही मालिक में अभी बिल्कुल पाक साफ हु। हमने प्यार किया है और हमारे प्यार में हवस की कोई जगह नही है।
इतना सुनते ही ठाकुर की आंखों में चमक आ जाती है। तो वो रुखसाना से बोलता है
ठाकुर - चल मान लिया कि तेरा प्यार पवित्र है। लेकिन मेरा भी तो नुकसान होगा न तुझे छोड़ देने के बाद। उसकी भरपाई कौन करेगा।
रुखसाना - आप बताओ कि आपका नुकसान कैसे पूरा होगा। मै पूरी कोशिश करूँगी उसे पूरा करने की। और कहते हुए वो खड़ी होकर ठाकुर के सामने आने कपड़े उतारने वाली होती है कि ठाकुर उसे रोक देता है और कहता है।
ठाकुर - ऐ छोरी ये क्या कर रही है। तुझे बताया न कि विदेशों में कुँवारी लड़कियों की कीमत बहुत ज्यादा मिलती है। अगर ये सब ही करना होता तो अब तक तो तेरा नंगा जिस्म मेरे आदमियों के बीच पड़ा होता। देख अगर तू चाहती है कि मै तुझे और तेरे इस आशिक को छोड़ दु तो तुझे मेरे लिए अपनी ही जैसी खूबसूरत कंवारी लड़की लानी पड़ेगी और वो भी आज शाम तक क्योंकि आज शाम को मेरा ट्रक माल लेकर निकलने वाला है। उससे पहले अगर तू एक अपनी जैसी खूबसूरत और कुँवारी लड़की ले आयी तो में तुझे और तेरे आशिक को इस बुरी दुनिया से आजाद कर दूंगा।
रुखसाना कुछ सोचते हुए - ठीक है मालिक मै ले आउंगी अपने जैसी एक खूबसूरत और कुँवारी लड़की।
ठाकुर - तेरे साथ लाला और मेरे कुछ आदमी भी जाएंगे, तू बस इशारा कर देना बाकी का काम इनका और सुन मुझसे गद्दारी करने की सोचना भी मत क्यों कि अगर तूने ऐसा कुछ सोच तो तेरा ये आशिक बे मौत मार जाएगा।
रुखसाना - नहीं नहीं मैं ऐसा सोचूंगी भी नही लेकिन तुम मेरे अनवर को छूना भी मत। ऐसा वादा करो मुझसे।
ठाकुर - ठाकुर की जुबान दी तुझे की मै या मेरे आदमी इसे छुएंगे भी नही, लेकिन ।
रुखसाना - हाँ हाँ पता है कि किसी को कुछ नही बताऊंगी और जैसी लड़की तुम चाहते हो उससे भी खूबसूरत और कुँवारी ले कर आउंगी।
और फिर रुखसाना लाला के साथ निकल जाती है।
तब ठाकुर अनवर को देखते हुए - तो अनवर मियाँ ये तो अपने लिए आजादी का सामान लेने चली गयी लेकिन तू मुझे ये बात की तुझे तेरी गुस्ताखी की क्या सज़ा दु। इतना सुन्ना था कि अनवर अन्दर तक कांप जाता है और बोलता है
अनवर - बड़े साहब रुखसाना गयी तो है हमारी आजादी की कीमत लेने। और आपने उससे वादा भी किया है कि आप और आपके आदमी मुझे हाथ भी नही लगाएंगे।
ठाकुर जोर जोर से हस्ता हुआ - अबे साले में कोई महात्मा या राजा हरिश्चन्द्र तो नही हू की अपने जाल में फसे तेरे जैसे शिकार को इतनी आसानी ही छोड़ दूंगा। रुखसाना को तो इसलिए भेज की मुझे तुम्हारे लाये जाने से पहले ही फोन आया था कि आज 2 कुँवारी लड़कियों की सख्त डिमाण्ड है और उनकी मुँह मांगी कीमत मिलेगी। तो एक तो रुखसाना हो गयी लेकिन इतनी जल्दी दूसरी लड़की कहा से लाता वो भी उसकी जैसी खूबसूरत और कुँवारी। इसलिए मैंने उसकी पट्टी खुलवा कर अपना राज़ उसके सामने बेपर्दा किया था। और वो मेरी इस चाल में फस गयी।
अनवर चिल्लाते हुए - ठाकुर तुम ऐसा नही कर सकते। तुमने अपनी ठाकुर वाली जबान दी थी कि तुम्हारा काम पूरा हो जाने के बाद तुम हम दोनों को आजाद कर दोगे।
ठाकुर - अच्छा मेने ऐसा कहा था फिर तो मुझे अपने ठाकुर वचन की लाज रखनी ही पड़ेगी। लेकिन अनवर मियां में ने ये भी तो कहा था न कि आंख के बदले आंख, सिर के बदले सिर और मांस के बदले मांस। शर्त ये है कि तूने मुुझसे मेरा मांस छिनने की कोशिश की थी तो तू मुझे अपना मांस देगा और मै तुुझे इस बुरी दुनिया से आजादी।
और इतना कहते ही अपने एक आदमी को इशारा करता है तो वो आदमी अनवर की तरफ एक लोहे की कंटिली तारो वाला हंटर फेंक देता है।
ठाकुर - अनवर जब तक रुखसाना अपनी आजादी की कीमत नही ले आती है तब तक ये हंटर तेरे शरीर से तेरी आजादी की कीमत वसूलता रहना चाहिए अगर ये रुका तो रुखसाना के आते ही ये हंटर उसके खूबसूरत जिस्म से उतनी ही देर तक उसका मांस उतरेगा। अब तू सोच ले कि ये हंटर तेरा मांस उतारे या तेरी महबूबा के कोमल जिस्म का।
ठाकुर की बात खत्म होते ही 2 आवाजे एक साथ उस गुफा में गूंज जाती है। पहली होती है उस हंटर के हवा को चीरने वाली साय की और दूसरी होती है अनवर की दर्द भरी क्योंकि उस कँटीले हंटर ने अनवर की पीठ से उस जगह से उसका मांस उतार दिया था जहाँ वो लगा था।
ये देखते ही ठाकुर के चेहरे पर हैवानियत छा गयी और वो अपनी सिंघासन जैसी कुर्सी पर बैठ जाता है और अनवर का मांस उतरते हुए देखता रहता है।
अभी आधा घंटा ही बीता था कि अनवर जमीन पर गिर जाता है क्योंकि उसकी पीठ से खून पानी की तरह बह रहा था और उसकी पीठ नीली पड़ चुकी थी। ये सब देखते हुए असलम और बाबा की तो रूह तक कांप गयी थी। वो सोचते है कि कोई इतना बेरहम कैसे हो सकता है। वो देखते है कि अनवर काँपते हुए हंटर को फिर से खुद को मारने के लिए उठता है लेकिन उठा नही पाता और फिर से गिर कर बेहोश हो जाता है।
ये देख कर ठाकुर बुरी तरह से हँसता हुआ खड़ा होता है और अपने आदमी को बोलता है
ठाकुर - अबे कितने बून्द गिराई थी हंटर पर जो ये आधा घंटा भी नही झेल पाया।
ये सुनके असलम और बाबा पहले तो एक दूसरे को आश्चर्य से देखते है फिर डरते हुए ठाकुर से पूछते है
बाबा - बड़े साहब क्या मतलब है आपका।
ठाकुर उनको देखते हुए - जिस हंटर से अनवर अपना मांस उधेड़ रहा था ना उसके काँटो में मैंने पहले ही जहर लगवा दिया था जो धीरे 2 अनवर की साँसों की डोर को तोड़ेगा लेकिन उसके पहले उसे इतना दर्द देगा कि वो दुबारा जन्म लेने से भी ये कहके मना कर देगा कि जब तक ठाकुर इस धरती पर है में नही जन्म लूंगा। और हैवानियत से भरी हँसी हँसने लगता है।
इतना सुनते ही असलम और बाबा जैसे खूंखार डाकुओं का दिल भी दहल जाता है।
ठाकुर अपने आदमी को इशारा करता है तो वो एक बाल्टी लाता है जिसमे नामक और मिर्च पाउडर मिला हुआ रखा था और वो उसे सीधा अनवर कि पीठ पर डाल देता है तो अनवर बेहोशी से भी चीखते हुए उठ जाता हैं। उसकी पूरी पीठ ऐसे जल उठी थी जैसे उस पर किसी ने तेजाब डाल दिया हो।
ठाकुर - अरे अनवर मियां बड़ी जल्दी हार मान ली तुमने तो।
ये तो तुम्हारी मोहब्ब्त की परीक्षा है जिसमे हारने का मतलब है कि तुम्हारे मेहबूब को भी इसी परीक्षा से गुजरना होगा। अब तुम सोच लो कि इसे तुम ही पर करना चाहते हो या फिर इस परीक्षा के कुछ सवाल अपने मेहबूब के लिए छोड़ के जाओगे।
इतना सुनते ही अनवर का हाथ हंटर पर कसता चला जाता है और फिर से फिजाओं में हंटर के हवा को चीरने की साय साय की आवाज और उस आवाज को टक्कर देती अनवर की दर्द भरी चीखो की आवाज गूंज जाती है। जो कुछ देर गूंजती है और फिर हमेशा के लिए शांत हो जाती है क्योंकि आज फिर इस बेरहम दुनिया में एक मोहब्बत अधूरी रह गयी थी।
अब आगे क्या होगा ये मैं आप लोगो को बाद में बताऊंगा।
Haiwaniyat se bhara hua update..
Bahut badiya buildup hai thakur ke character ka ,aage dekhna hai ki iski saja use kis tarh se milegi..
:good:
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
31,619
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Itna khatarnak update........
Yeh tunda thakur pagal hain ya fir saitan...
(lagta hai gabbar ko lana hoga... joke chapat:D)
:superb: update aka ji...... extraordinary :rose:
 
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