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दीदी-मुझे लगा तू सो गया होगा इसलिए मेने कपड़े भी चेंज कर लिए लेकिन तू तो जाग रहा है अभी सोना नही है क्या?
मे- नींद नही आ रही है आपको सोना है क्या?
दीदी-नींद तो मुझे भी नही आ रही.
मे-तो बैठो ना बातें करते हैं.
दीदी-ठीक है.लेकिन में पहले कपड़े पहेन लेती हूँ कुछ.मुझे लगा में सोने चली जाउन्गी निकाल के इसलिए अपने कपड़े उतार दिए थे.लेकिन अब बातें करनी हैं तो में पहले कपड़े पहन लेती हूँ.
मे-अभी तो बड़ा मुझसे कह रही थी कि में बोल्ड नही हूँ अब खुद को क्या हुआ?रहने दो. कुछ पहनने की ज़रूरत नही है आप आराम से बैठो.
दीदी-ठीक है लेकिन हम बात क्या करेंगे.
मे-कुछ भी जो आप कहो.
दीदी-मुझे क्या पता तू बता
मे- अर्रे में कोई मीटिंग थोड़ी ना करने आया हूँ कि मुझे पता हो क्या बात करनी है बस बैठो मेरे साथ.
दीदी-ठीक है तू अपना सुना कुछ
मे-क्या सुनाऊ?
दीदी-ह्म्म बता तुझे हीरोइन कौन सी पसंद है?
मे-आएशा तकिया.
दीदी-क्यूँ?
मे-अच्छी हीरोइन है अच्छी आक्टिंग करती है.
दीदी-चल झूठा. मुझे पता है तुझे क्यूँ अच्छी लगती है वो.
मे- अच्छा? तो बताओ.
दीदी-उसके बड़े बड़े हैं इसलिए.
मे-नही नही. ऐसा नही है.
दीदी-किसी और को चलाना मुझे नही. में जानती हूँ मर्दों को सबको बड़े बड़े वाली ही अच्छी लगती है. जिनके छोटे होते हैं वो औरत नही होती क्या? तेरा जीजा मेरा मर्द उसका भी यही हाल था उसे में भी नही पसंद आती थी.
मे-लेकिन आपके तो
दीदी-हां मेरे बड़े हैं लेकिन उसके हिसाब से नही उसे तो और बड़े बड़े चाहिए थे साला हराम का जना मुझे ऐसे ताने मारता था कि में बता नही सकती.
मे-दीदी यह सब गालियाँ कहाँ से सीख ली?
दीदी- मुझे सब पता है रे मेने भी बड़ी जिंदगी देखी है.
मे-क्या इसीलिए आप दोनो का डाइवोर्स हो गया?
दीदी- नही रे उसकी तो कुछ और ही वजह थी लेकिन तू उसके बारे में मत पूछ में अभी उंगली कर के आई हूँ मेरा मूड ठीक है इसी मूड में मुझे सोने जाने दे वरना बेकार में मूड ऑफ हो गया तो फिर सारी रात रोती रहूंगी.
दीदी उठी में कुछ कह भी नही पाया मुझे लगा मेने ग़लत टॉपिक उठा दिया तो मुझे भी थोड़ा गिल्ट फील हो रहा था मेने उन्हें रोका नही वो सोने चली गयी नेक्स्ट डे में ठीक मूड में था. अब मुझे अपनी बीवी को ना चोद पाने की जलन कुछ कम हो गयी थी. तो मेने सोचा अपने साले की कुछ खातिरदारी कर दी जाए. उसे शहर दिखाया.
उसके लिए कुछ शॉपिंग की.उसे अच्छे होटल में खाना खिलाया में यह सोच रहा था कि आज रात की गाड़ी से वापिस चला जाएगा. तो शाम तक में उसे और स्वेता को लेकर मार्केट में रहा. राजीव बहुत खुश था उसे बहुत अच्छा लगा यहाँ आ के. स्वेता भी मुझसे बहुत खुश हो गयी कि में उसके भाई का इतना ख्याल रख रहा हूँ आँखों ही आँखों में हमने इशारे कर लिए कि आज रात तो हम अपना बेड तोड़ ही देंगे लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था.
शाम को जब हम मार्केट से वापिस लौटे तो स्वेता ने राजीव की जाने की तैयारी शुरू कर दी. राजीव थोड़ा उदास सा बैठा था फिर बोला कि दीदी मैं कुछ दिन और यहाँ रुक जाउ क्या? मुझे बहुत अच्छा लग रहा है प्लीज़ मुझे अभी घर जाने का मन नही कर रहा उसकी यह बात सुन के मेरे मन में आया कि उसे उठा के पटक दूं फर्श पर साला तो चिपक ही गया मुझे क्या पता था कि मेरी खातिरदारी उसे इतनी पसंद आ जाएगी और इस बार तो स्वेता ने भी थोड़ी प्राब्लम महसूस की.
उसकी भी चूत ने खलबली मचाई हुई थी और उसे भी यह उम्मीद नही थी कि उसका भाई और दिन रुक सकता है. तो उसे भी थोड़ा फ्रस्ट्रेशन हुआ लेकिन वो कुछ बोली नही इतने में माँ ने अंदर से आवाज़ दी राजीव को जब तक यहाँ रहना है वो रहेगा.और तुम दोनो मियाँ बीवी मिलके बहुत खातिरदारी करो उसकी. तेरा साला है वो उसका अच्छे से ख्याल रख उसे घुमाने ले जा उसे घर मत भेज इतनी जल्दी. समझ गये दोनो लोग?
अब तो कोई और रास्ता ही नही था अब तो राजीव को कोई निकाल सकता था माँ ने कह दिया माँ की बात फाइनल हो गयी. मुझे अपने साले से कोई दिक्कत नही थी. हम दोनो की अच्छी बनती थी लेकिन अगेर भूखे लंड को चूत ना मिले तो फिर रिश्तेदारी निभाना ज़रा मुश्किल हो जाता है. स्वेता भी अपने भाई से बहुत प्यार करती थी लेकिन उसे भी चुदाई का चस्का था वो तो कुछ नही बोली ना ही मेने कुछ कहा