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Incest दीवाना चुत का

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अमृता की बातों को सुनकर ठकुराइन बोलती है कि
ठकुराइन :सच कहु तो मुझे खुद भी नही पता कि अगली बार वह कब मिलेगा ।मैने जब उससे अगली बार मिलने को बोला तो उसने बोला कि जब उसकी मर्जी होगी तब वह खुद बुलाएगा।
अमृता :सच बोल रही है ना कहि ऐसा तो नही है ना कि तुझे लालच आ गई और मुझे तड़पाना चाहती है अगर तेरे मन मे ऐसा कुछ भी है तो सोच ले मुझसे बुरा और कोई नही होगा ।
ठकुराइन :साली माँ तेरी हु कुछ तो शर्म कर लिया कर।
अमृता :वाह माँ हो तो तेरी जैसी साली खुद तो मुझसे दिन रात गंदी बाते करती रहती है और यंहा तक कि खुद की बुर भी चुसवाती है और रौब मा होने का देती है ।
ठकुराइन :यार मैं तो मजाक कर रही थी तू तो सच मे नाराज हो गयी ।अगली बार जब मिलने को बुलाएगा तो दोनों चलेंगे मेरी वर्षो की खवाइश पूरी हो जाएगी तेरे साथ एक लड़के से चुदाई करवाने की ।
अमृता :चल यार तू भी क्या याद करेगी ।वैसे भाई वाला मामला कुछ समझ मे नही आ रहा है । मैंने रूबी को काल करके सोनिया के बारे में पता करने की कोशिश की तो पता चला कि वह किसी पर्सनल काम से शहर से बाहर गयी हुई है और उसे उस बारे में कोई जानकारी नही है।
ठकुराइन : यार मैं तो यह सोच कर डर रही हु की अगर सच मे तेरे भाई ने उसके साथ ऐसी हरकत की है तो मैं तो यही कहूंगी की जितनी जल्दी हो सके तू खुद उसे मिलकर सारा मामला क्लीयर कर ले कही ऐसा ना हो कि तेरे भाई की करनी की सजा हमको भी भुगतनी पड़े।
अमृता :नही यार तू चिंता मत कर मैं आज शाम को उसके घर पर जाकर सारी बाते साफ कर लुंगी।वह मेरी अच्छी दोस्त रही है एक समय मे मुझे पक्का यकीन है कि वह मेरी बात को जरूर समझेगी।
इधर पापा और बाकी के घर वालो ने फैशला कर लिया कि सभी सहर में जाकर रहेंगे और इस बात को पापा ने खुद ही सोनिया को बताई जिसे सुनकर सोनिया बहुत खुश हुई और बोली कि
सोनिया : आपने यह उचित फैशला लिया है मैं कुछ दिन में सारी कागजी करवाई करके आप लोगो को सूचित कर दूंगी और अगर आप लोगो को किसी भी तरह की कोई भी मदद की जरूरत हो तो मुझे बताइयेगा बिना किसी संकोच के ।
पापा : जरूर बेटी और एक बात है ।
सोनिया :बोलिये अंकल जी क्या बात है मैं तो अपकीं बेटी समान हु फिर मुझसे किसी भी बात को बोलने के लिये मुझसे पूछने की कोई जरूरत नही है।।
माँ :बेटी इनके कहने का मतलब यही है कि एक तरह से माना जाए तो तुम दोनों की शादी हो चुकी है चाहे जिस तरह से हुई लेकिन समाज मे रहना है तो उनके कुछ नियम है और हमे उसका पालन करना पड़ता है तो हम चाहते है कि तुम दोनों की शादी समाज के नियमो के हिशाब से हो।
सोनिया :जी आंटी जी जरूर और इस बारे में बात करने के लिए कल मा आयेगी यंहा पर पर मेरी आप लोगो से विनती है कि यह शादी एक सिंपल तरीके से हो क्यूंकि आप तो सब कुछ जानती है और इस हालत में मै ज्यादा हाई प्रोफाइल हु तो मेरी छोटी सी हरकत भी मीडिया में आ जाती है और अभी कुछ 2 सालो पहले ही मेरे पति की डेथ हुई है तो ऐसे में इतनी जल्दी दूसरी शादी करना कुछ लोगो को हजम नही होगा और बखेड़ा हो सकता है तो ऐसे में सिंपल शादी ही एक मात्र राश्ता है।
पापा :ठीक है बेटी जैसा तुम चाहो।

उसके बाद कुछ देर और सोनिया से बिजनेस करने के सम्बंध में बाते हो रही ।फिर घर के सामने कुछ गाड़िया आकर रुकी तो मैं बाहर जाकर देखा तो कुछ गार्ड्स बंदूक लेकर आये थे और उनके साथ एक और खूबसूरत लड़की थी जो कि बला की खूबसूरत थी

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वह आयी और बोली कि
लड़की :जी क्या यह मिस्टर जय का घर है।
मैं : जी हां यह घर जय का ही है और मैं ही जय हु लेकिन माफ किजियेगा मैंने आपको पहचाना नही।
अभी वह लड़की कुछ बोलती इससे पहले ही पीछे से आवाज आई कि
सोनिया :जय इसे मैंने बुलाया है और यह मेरी दोस्त है और साथ मेरी सेक्रेटरी है । बाकी परिचय बाद में दे दूँगी और रूबी तुम्हे मैने जो बोला था वह सब लेकर आई हो।
रूबी :हा मैम आपने जो बोला था वह सब लेकर आई हूं पर मेरी समझ मे एक बात नही आई कि इस सबकी क्या जरूरत है।
सोनिया : मुझे लगता है इस बारे में हम बाद में बात करे तो अच्छा होगा । तुम सबको रेडी रहने को बोलो मैं बस अभी आती हु।

इसके बाद सोनिया अंदर चली गयी और उसके पीछे मैं भी अंदर चला गया ।जब मैं अंदर पहुचा तो देखा कि सोनिया सबसे जाने के लिय इजाजत मांग रही थी और उसके बाद बोली कि
सोनिया :आप लोग ठाकुर की बिल्कुल भी चिंता ना करे आज के बाद वह आप लोगों को या गांव में किसी को भी परेशान करेगा ।
पापा :बेटी ठाकुर बहुत जलिम है वह इतनी जल्दी नही सुधर सकता और जब जय ने उसके बेटे की ऐसी हालत कर दी है तो वह पलटकर वार जरूर करेगा।
सोनिया :नही अंकल जी अब वह ऐसा कुछ भी नही करेगा क्यूंकि अभी मैं उससे मिलने जा रही हु और यकीन मानिए आज के बाद वह आप लोगो की तरफ आंख उठा कर भी नही देखेगा और अगर उसने ऐसा किया तो उसके लिए अच्छा नही होगा।
पापा :पर बेटी मुझे तुम्हारा इस तरह से उससे मिलने जाना मुझे ठीक नही लग रहा है ।अगर उसने तुम्हे कुछ कर दिया तो
सोनिया बीच में ही बात को काटती हुई बोलती है कि
सोनिया :आप चिंता न करे वैसे भी ठाकुर की बेटी मेरी बहुत अच्छी दोस्त है तो जब यंहा तक आ ही गयी हु तो उससे बिना मीले गयी तो उसे बुरा लग सकता है।
Awesome
 

rkv66

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सोनिया की बात सुनकर अमृता और ठकुराइन दोनों को समझ मे ही नही आया कि सोनिया क्या बोल रही है तो इस पर अमृता बोली कि
अमृता : सोनिया यह तू क्या बोल रही है मैं कुछ भी समझ नही पा रही हु ।तू जो कुछ भी बोलना चाहती है खुल कर बोल ।
सोनिया उसकी बात को सुनकर हस्ती हुई बोलती है
सोनिया : यार सच मे तुझे समझ मे नही आ रही है मेरी बात या ना समझने की नाटक कर रही है और अगर यह नाटक कर रही है तो एक बात मैं तुम्हे बता देती हूं तेरा अब कोई भी नाटक मेरे सामने नही चलने वाला ।
ठकुराइन :ओह सोनिया अब मैं समझी तुझे यह लग रहा है कि हमने पुरानी बातों का तुमसे बदला लेने के लिए पकंज से बोल कर यह घटिया हरकत की तेरे साथ तो एक बात बता दु की माना कि एक समय हम तुमसे नाराज थे लेकिन जब हम लोगो को अपनी गलती का एहसास हुआ तो हमने तुमसे माफी भी मांग ली थी और अगर तुमसे हमे बदला लेना ही चाहती तो हम इतनी भी गिरी हुई हरकत नही करती ।पंकज ने जो कुछ भी किया उसमे हम लोगो की कोई गलती नही है ।
अमृता :और एक बात मुझे समझ मे नही आई कि तू यह क्यों बोली कि मेरी गलतियों की वजह से जय तुझे मिल गया ।
ठकुराइन :हा इस बात को तो मैं भूल ही गयी थी बोलो सोनिया तेरी इस बात का क्या मतलब है
सोनिया :मतलब साफ है यार कल रात में तेरे भाई ने उसके ऊपर चाकू से हमला किया और इसी बीच बचाव के चक्कर मे उसके बाजू पर चाकू लग गयी और गलती से उसका खून मेरी मांग में चली गयी और तुम तो जानती हो माँ को कि वह कितनी धार्मिक प्रवित्ति की महिला है और जब उनकी नजर मेरी खून से भरी हुई मांग पर पड़ी तो इसे शादी मान बैठी मैं तो उसे रात में धो कर साफ कर देती लेकिन मा की जिद की वजह से मझे ना चाहते हुए भी इस रिश्ते को मानना पड़ा पहले तो मैं इस रिश्ते से खुश नही थी लेकिन जय की ईमानदारी और सच्चाई की वजह से मुझे यह रिश्ता मंजूर है और इसलिये तो मैं यंहा पर तुम्हे बधाई और गिफ्ट देने के लिए आई हुई थी पर यंहा पर पता चला कि इसमें तेरा कोई हाथ नही है चलो फिर भी कोई बात नही एक दोस्त को दे ही सकती हूं ।
अमृता :"तो इसका मतलब जय की शादी तेरे साथ हो चुकी है और अब तुम दोनों एक साथ रहोगे।
सोनिया :नही अभी शादी हुई नही है कल मा आएगी और वही सब कुछ तय करेंगी क्यूंकि जय के घर वाले चाहते है शादी पूरी रीति रिवाज के साथ हो और माँ की भी यही इच्छा है।
ठकुराइन :एक मिनट सोनिया जो तू बार बार माँ माँ बोल रही है वह तेरी माँ कंहा से आ गयी जंहा तक मैं जानती हूं तेरे बचपन में ही तेरी माँ बाप की एक एक्सीडेंट में मर गए थे तो फिर अब कंहा से माँ आ गयी।
सोनिया :तू जो बोल रही है बिल्कुल सच बोल रही है लेकिन भगवान किसी से एक चीज छिनता है तो उसके बदले दूसरी चीज दे देता है और यही मेरे साथ हुआ पहले मा बाप को छीना तो उसके बदले राहुलके मा बाप ने जो कि मेरे पिता जी के अच्छे दोस्त और बिजनेस पार्टनर भी थे उन्होंने मेरी सारी जिम्मेदारी उठाई बाद में अपने बेटे के साथ मेरी शादी करवा दी लेकिन भगवान को मेरी खुशिया तब भी देखी नही गयी और कुछ दिनों बाद एक और एक्सीडेंट हुआ और फिर मेरा सब कुछ खत्म हो गया ।उसके बाद मैंने सोचा लिया था कि राहुल की बहन जब सारी जिम्मेदारी उठाने लायक हो जाएगी तो उसे सब कुछ सौंप कर जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगी और फिर अपने लाइफ के बारे में कुछ सोचूंगी लेकिन किस्मत ने मुझे एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जंहा से मुझे कुछ अलग फैसले लेने पड़े इस तरह मेरी ना चाहते हुए भी इस रिश्ते को मान देने के लिये यंहा पर आ गयी।
अमृता : लेकिन एक बात बोलना सायद तू भूल गयी कि राहुल मुझसे प्यार करता था और शादी भी करना चाहता था अगर तू बीच मे नही आई होती तो
उसकी बात को काटते हुए सोनिया बोली कि
सोनिया :हा मैं मानती हूं कि राहुल तेरे से दिलो जान से प्यार करता था लेकिन उसके बदले तुमने उसे क्या दिया उसे धोखा दिया और उसके पीठ पीछे दुसरो लड़को के साथ भी तुम्हारे सम्बन्ध थे तुमने खुद अपनी गलती की बजह से उसे खुद से दूर किया और दोष सारा मुझपर लगाती हो कि मैंने तेरा प्यार तुझसे छीन लिया ।अरे तुझे क्या मालूम तेरी बेवफाई के बाद वह कितना टूट सा गया था और अगर उस वक्त मैं उसे सहारा नही देती तो वह टूट कर बिखर गया होता।
अमृता :तू चिंता मत कर भगवान ने तेरे कर्मो का फल तुझे जल्द ही देगा हसके घर मे देर है पर अंधेर नही।
सोनिया :मैं जानती हूं कि तू क्या बोलना चाहती है तूने मेरी बात पर गौर नही किया कि मैंने क्या बोला जय की ईमानदारी मुझे पसंद आयी तू यही बोलना चाहती है ना कि जय के दूसरी लड़कियों और औरतों के सम्बंध है ।उसने मुझे सब कुछ बता दिया है और उसका कारण भी ।
अमृता : तू इतना सब कुछ जानने के बाद भी
सोनिया :हा और अभी तो कुछ लोग बचे हुए उसके शिकार होने से जल्द ही तू भी सब कुछ जान जाएगी।
इसके बाद सोनिया ने रूबी को फोन करके गिफ्ट लाने को बोली और कुछ देर बाद रूबी ने उन दोनों का गिफ्ट लाकर उसे दिया उसके बाद सोनिया बोली
सोनिया :"जल्द ही शादी की कार्ड भी भेज दूँगी आना जरूर और अब मैं चलती हु मुझे कुछ और भी काम है इसलिए मेरा जाना जरूरी है ।बैसे तुम दोनों से मिल कर खुशी हुई
इतना बोल कर सोनिया उनके जवाब का इन्तजार किए बिना चली गयी और अमृता उसकी बात को सुनकर गुस्से में बैठ गई।
इधर हम लोग अपने बातो में इतना खो गए थे कि मधु कबसे हमारी बात सुन रही थी हम लोगो को पता भी नही चला ।जी हां दोस्तो छुप कर बाते सुनने वाली लड़की और कोई नही बल्कि मधु ही थी मेरी छोटी बहन वह हमारी बात को सुन कर उसे इस बात पर यकीन ही नही हो रहा था कि घर मे ऐसा भी सब हो रहा है और ज्योति जो उम्र में उसके ही बराबर है वह भैया की बच्चे की माँ बनने वाली थी ।ऐसा नही था कि उसे अपने भैया के बारे में पता नही था वह कितनी बार खुद की सहेलियों के मुह से सुन भी चुकी थी और डेख भी चुकी थी लेकिन भैया अपनी बहनों के साथ भी करने लगेंगे इस बात पर वह यकीन नही कर पा रहीं थी। उधर दोनों दीदी मिल कर यह बोला कि आज की रात मैं भाभी को लड़की से औरत बना दु ।मैने कभी भी यह नही सोचा था कि मेरी खुद की बहने भी ऐसा करने को बोलेंगी पर मैं जानता था कि अभी तो यह सुरुवात है आगे जाकर इन दोनों की भी चुदाई मुझसे ही होने वाली है। हम सब यह नही जानते कि आने वाले समय मे क्या लिखा है पर अभी जो कुछ भी हो रहा था वह तो मेरी समझ से भी परे था। तब मैंने कुछ सोच कर फिर बोला
मैं :सरिता दी आप एक बात भूल रही हैकि कल आप लोग क्या जवाब दोगी।
सरिता दी : तू क्या बोल रहा है मैं कुछ समझ नहीं पा रही हूं तू जो कुछ भी बोलना चाहता है खुल कर बोल।
मैं : मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि कल जब भाभी लंगड़ा कर चलेंगी तो आप लोग क्या जवाब दोगे कि उनको क्या हुआ है।
भाभी : देवर आप इस बारे में मत सोचिए मुझे क्या बोलना है वह मैं देख लूंगी लेकिन आप यह बताइए कि आज रात को पक्का होगा ना।
मैं : अरे मेरी भाभी जान आप क्या चिंता करती हो जब मेरी दीदी ने बोल ही दिया है कि आप की चुदाई कर दूं तो अब मैं पीछे नहीं हटने वाला लेकिन क्या आप मेरा साथ दोगी।

भाभी : अपनी भाभी को इतना कमजोर समझे हो क्या जोो मैं तुम्हारा साथ नहीं दे पाऊंगी मैं तो कब से इस दिन का इंतजार कर रही हूं आज जाकर मौका मिला है तो मैं इस मौके को कैसे छोड़ दूं ।
मैं: अब यह तो वक्त ही बताएगा कि आप कितना मजबूत हो मैंने अच्छे बच्चों को देखा है भागते हुए मेरे सामने।
Very hot update
 

rkv66

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अब भाभी मेरी बात को सुनकर हस्ती हुई बोलती है कि
भाभी :नाम तो हमने भी बहुत सुना है तुम्हारा पर दम है कि नही यह तो आज पता चल ही जाएगा ।देखते है वाकई में शेर हो या मिट्टी के शेर हो जो सिर्फ दिखाने के काम आता है ।
मैं :भाभी आप आज सम्भल कर रहना कहि ऐसा ना हो कि कल उठने के लायक भी न रहो।
भाभी (मन मे)सच कहु तो मैं भी यही चाहती हु की तू मुझे बुरी तरह से मसल दे और उसके लिए मर्द के मर्दानगी पर चोट करना जरूरी है मैं नही चाहती कि तू किसी तरह का रहम दिखाए मुझपर क्यूंकि मैंने कई बार छुप कर तेरा हथियार देखा है और सच कहूँ तो कोई भी कुँवारी लड़की तेरे हथियार को देख कर ही भाग जाएगी अब चाहे मैं कितनी भी हिम्मत दिखा लू तेरे सामने पर सच तो यही है कि डर तो मुझे भी लगता है।
मै : क्या हुआ अभी से डर के मारे आवाज आनी बन्द हो गयी बाद में क्या होगा आपका।
भाभी :नही देवर जी मैं तो यह सोच रही थी कि कहि आप भी अपने भैया की तरह फुसकी बम निकले तो मेरा क्या होगा फिर मैं किसके सहारे अपना जीवन काटूंगी।
सरिता :अब बकवास बन्द करो तुम दोनों लोग घर चलो काफी देर से हम लोग यंहा पर बैठे हुए है कहि ऐसा ना हो कि घर वाले हम लोगो को ढूढते हुए यंहा तक आ जाये।
मैं :हा दीदी आप सही बोल रही हो हम लोग तो इस बारे में भूल ही गए थे।
कविता दी :बहनचोद तू क्यों याद रखेगा तुझे तो बुर की खुश्बू मिल गयी है और तू तो उसी के आस पास मंडराएगा ना।
भाभी :क्यों तुझे जलन हो रही है अगर इतनी ही जल्दी है अपनी बुर फड़वाने की तो आज तू ही फड़वाले जैसे इतना दिन इन्तजार की एक दिन और सही।
सरिता दी :मैं बोली ना एक बार मे तुम सभी लोगों को बात समझ मे नही आती है और भाभी कम से कम आप तो समझो इस तरह खुले में ऐसी सब बातें करना ठीक नही है अगर किसी ने सुन लिया तो हम सबकी बहुत बदनामी होंगी।
सरिता दी बात सुनकर हम सब लोगो को उनकी बात ठीक लगी क्यूंकि यह सच ही था कि जंहा हम लोग बैठ कर बाते कर रहे थे वँहा से किसी की हम लोगो की बात सुनने में कोई भी दिक्कत नही आनी थी।
लेकिन हम लोगो को क्या पता था कि मधु हम लोगो की बात को सुन भी चुकी है और उस बात में कितनी सच्चाई है उसका पता लगाने के लिए वह ज्योति के पास जा रही थी।वही दूसरी तरफ सोनिया रूबी के साथ ठाकुर के हवेली से निकलने के बाद सीधे अपनी ऑफिस की तरफ चल दी थी ।दोनों एक ही गाड़ी में बैठी सफर कर रही थी लेकिन यंहा का माहौल एक दम शांत था ऐसा नही था कि दोनों बात नही करना चाहती थी लेकिन दोनों को समझ मे नही आ रहा था कि बात करे भी तो कैसे। फिर सोनिया ही उस चुप्पी को तोड़ते हुए बोलती है
सोनिया : रूबी अगर तुम एक दोस्त होने के नाते कुछ पूछना चाहती हो तो पूछ सकती हो ।इस तरह अपने मन मे कोई बात दबा कर नही रखनी चाहिए।
रूबी सोनिया की तरफ देखती है और फिर लम्बी सांस लेती हुई बोलती है
रूबी : मुझे एक बात समझ मे नही आई कि जब तुमको शादी करनी ही थी तो इतने दिनों से माँ के कहना को क्यों टाल रही थी और दूसरी बात जब शादी का फैसला लिया ही तो तुम्हारे लिए एक से बढ़कर एक लड़को का रिश्ता आया ऊन सबको छोड़के तुम एक गांव के देहाती लड़के से जिसके पास ना कोई डिग्री है और ना ही वह इस लायक की आगे जाकर कुछ बन सके फिर ऐसे लड़के से शादी करके क्या फायदा।
सोनिया जो शांति से उसकी बातें सुन रही थी और उसके शांत होने का इन्तजार कर रही जब वह शांत हुई तो सोनिया बोली
सोनिया : कुछ और भी है जो तुम अपने मन मे दबा कर बैठी है या बस यही सवाल है जो तुझे परेशान किये हुए है।
रूबी :नही और कुछ नही पूछना है मुझे लेकिन तू बातो में मत उलझा मुझे पहले जितना पूछी उसका जवाब दे मुझे अगर तू मुझे अपना दोस्त मानती है तो या फिर एक कर्मचारी मानती है तो कोई बात नही
सोनिया : यह बात तू भी जानती है कि अगर आज के समय मे मैं किसी के ऊपर आंख बंद करके भरोशा करती हूं तो वह सिर्फ तू है और रही बात तेरे प्रश्नों का तो सुन
यह बात सच है कि राहुल के जाने के बाद मैंने शादी के बारे में सोचना बंद कर दिया था लेकिन किस्मत से कल की हुई हादसे में जो हुआ तू तो सब जानती है अगर मैं मा के देखने से पहले मैंने अपनी मांग में उसके खून को देख लिया होता तो मैं उसे साफ कर दी होती तो सायद यह सब नही होता लेकिन किस्मत से यह सब होना लिखा था तो वह हुआ मैं आज उसके पास सुबह अपने मर्जी से नही बल्कि माँ की नाराजगी के वजह से गयी और जब उसकी बहन कविता ने खुद उसके बारे में सारी सच्चाई बताई तो एक बार मन किया कि शादी के लिए मना कर दु पर मा जी का चहेरा देख कर खुद को रोक ली और फिर जब कुछ देर बाद उसने खुद सारी बाते मुझे बताने के लिये लेकर गया बिना इस बात की चिंता किये की मैं यह सब जानकर शादी से मना भी कर सकती हूं तो मुझे उसमे सच्चाई दिखी जो कि आज कल बहुत कम लड़को में दिखाई देती है उसने मुझसे कुछ भी नही छिपाया यंहा तक कि जो बात हमे कविता ने नही बताई थी उसने वह सब बातें भी बता दी इसलिये मैंने उसकी सच्चाई को देखते हुए शादी का फैशला किया क्यूंकि मुझे उसके जैसा ईमानदार नही मिलता।
रूबी :चल ठीक है जय से तू शादी क्यों कर रही है इस बात को तो तूने बता दिया और अब यह भी बता दे कि तू इतने दिनों से मा जी के द्वारा लाये गए सभी रिश्तों को मना क्यों किया।।
सोनिया :वह इसलिये क्यूंकि उन्हें मुझसे नही बल्कि सोनिया सिंह से शादी करनी थी ।
रूबी :मैं तेरे कहने का मतलब नही समझी सोनिया सिंह तो तू ही तो तेरे से शादी करेंगे ना।
सोनिया : तू समझी नही मेरी बात उन्हें मुझसे नही बल्कि उस सोनिया से शादी करनी है जो कि उनके बिजनेस को ऊपर उठा सके यानी कि पैसे छापने वाली मशीन चाहिए थी कि ना कि एक लड़की इसलिए मैं शादी से मना कर दी नही तो तू ही सोच की मुझ जैसी विधवा से कोई आपमे कुँवारे लड़के की शादी क्यों कराएगा अगर आज मैं इस मुकाम पर नही होती तो मुझे कोई गली की कुतिया से ज्यादा इज्जत नही देता कड़वा है लेकिन सच यही है।
रूबी :तू ऐसा क्यों सोचती है सब बुरे नही होते है ।
सोनिया :तू नही जानती है यार राहुल के जाने के बाद लोगो के नजरो में अपने लिए सिर्फ और सिर्फ हवस की अंधी आंखों को देखी हु जो कि अगर उन सबका बस चले तो वह मुझे कच्चा खा जाए।
रूबी उसका मूड खराब होते देख कर बात को बदलती हुई बोलती है कि
रूबी :अच्छा वह सब छोड़ यह बोल की आज की शाम की पार्टी में चल रही है ना या मैं मना कर दु ।
सोनिया :नही यार शेट्टी बहुत काम का आदमी है उसके यंहा जाना ही पड़ेगा तू ऐसा कर ऑफिस चल वही चेंज करके फिर चलते है।
इधर सोनिया के जाने के बाद अमृता गुस्से में बैठी हुई थी उसे देख कर लग रहा था मानो वह अभी सोनिया का खून कर देगी। उसे इस तरह गुस्से में देख कर ठकुराइन बोली कि
ठकुराइन :क्या हुआ अमृता तू इतना गुस्सा क्यों है ।
अमृता :साली अपने आप को वह समझती क्या है रंडी मुझे बोल रही है कि मैं राहुल को धोखा दी अरे उस साले गांडू में दम ही नही था जो कि मुझे ठंडा कर पाता तो मैं उससे शादी करके क्या करती ।
ठकुराइन :जब तुझे उससे कोई मतलब नही था तो फिर इतना नाराज क्यों हो रही है
अमृता :नाराज नही गुस्सा हु की साली मेरे मुह से निवाला छीन कर ले गयी कंहा मैने सोचा था कि जय को अपने जिस्म के जाल में फशा कर उसे अपना गुलाम बना लुंगी उस साली कामिनी ने सब बर्बाद कर दी ।
ठकुराइन :ओह तो तू इस बात से नाराज है कि उसने एक मोटा तगड़ा लण्ड छीन लिया तुझसे या इसलिए कि उसकी मलाई नही खा पाई तू।
ठकुराइन:अरे हा मलाई से याद आया कि तू मुझे भाई का मलाई खिलाने वाली थी उसका क्या हुआ।
ठकुराइन :बस जल्द ही तुझे चखा दूँगी तुझे अपनी और तेरे भाई की मलाई जल्द ही अपनी बुर में बस कुछ दिन रुक जा।
वही दूसरी तरफ मेरे घर पर सभी लोग रात का खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे पर मुझे एक बात समझ मे नही आ रहा था कि आज सब लोग इतनी जल्दी कैसे सोने जा रहे थे।
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मैं तो यही सब सोचते हुए घर के बाहर बैठा खाट पर सबके सोने का इन्तजार कर रहा था और अपने बीते हुए पलो को याद कर रहा था कि तभी पीछे से किसी की आने की आहट हुई मैंने पलट कर देखा तो कविता दी मेरे पास आ रही थी तो मैंने उन्हें बैठने को बोला वह भी बिना किसी विरोध के आकर बैठ गयी काफी देर तक हमारे बीच शांति बनी रही ना तो वह कुछ बोल रही और ना ही मैं ।जब काफी देर तक वह मेरे बोलने का इन्तजार करती रही जब मैं कुछ नही बोला तो वह बोली कि
कविता दी :क्या बात है जय क्या सोच रहे हो ।
मैं :कुछ नही दी बस बैठा हुआ अपने अतीत के बारे में सोच रहा था कि क्या था और क्या हो गया हूं ।जिस चीज के बारे में मैंने कभी सपने में भी नही सोचा था वही सब हो रहा है।
कविता दी :ऐसा क्या सोच रहा है जो तुम इतने दुखी हो और ऐसा क्या हो गया जो तुमने नही सोचा था।
मैं :दी जाने दो आप सच जान कर क्या करोगी आप मुझे यह बताओ कि आज घर मे सभी लोग इतनी जल्दी सोने की तैयारी कैसे कर रहे है ।आज से पहले तो लोग देर रात तक जागते थे आज ऐसा क्या हुआ जो सब सोने की तैयारी कर रहे है।
कविता दी :तू यह सब मत सोच आज याद है ना तुझे की तूने भाभी से कुछ वादा किया है ।
मैं :याद है भाभी को आज मैंने क्या वादा किया है।
इतना बोल कर मैं वँहा से उठकर उनके कमरे की तरफ जाने लगा तो कविता दी रोकते हुए बोली कि
कविता दी : क्या बात है बड़ी जल्दी ही जा रहा है कुछ देर रुक कर जा अभी सभी लोग जागे हुए है।
कविता दी इससे पहले कुछ बोलती की सरिता दी कि आवाज ने हम दोनों को डरा दिया हमे लगा कि कही किसी और ने तो हमारी बाते नही सुन ली
सरिता दी :जाने दे अब कोई दिक्कत नही है सभी लोग सो चुके है।
दी कि बात सुनकर एक बार उनकी तरफ देखा और बोला कि
मैं :क्या बात है दी बहुत जल्दी सो गए सभी लोग।
सरिता दी :अब तू जा सारी रात यंहा पर बात करने में निकाल देगा क्या ।
मैं भी उनकी बात सुनकर मुस्कुराता हुआ चल दिया और सोचने लगा कि क्या दिन आ गए है की एक बहन भाई को दूसरी औरत से सम्बन्ध बनाने के लिए इतना कुछ कर रही ।

इधर मेरे जाने के बाद कविता दी ने सरिता दी से बोली कि
कविता दी :तो इसका मतलब सभी लोग सो गए और मैंने जो बोला था वह किया या भूल गयी।
सरिता दी : क्या तू जो सोच रही है वह ठीक है एक बार और सोच ले अगर हम लोगो को किसी ने देख लिया इसतरह चुपके से उस कमरे में इस तरह देखते हुए तो गड़बड़ हो जाएगी।
कविता दी :कुछ नही होगा यार तू इतना क्यों डर रही है आज जितना अच्छा मौका फिर कभी भी नही मिलेगा।
इधर मैं भाभी के कमरे में गया तो देखा कि भाभी भी एक नई साड़ी पहनी हुई मेरा इन्तजार कर रही थी ।आज तक मैने बहुत सी लड़की और औरतों के साथ सेक्स किया लेकिन इतना डरा हुआ मैं पहले कभी नही था ।दिल मे एक अजीब सा डर लग रहा था मानो कुछ गलत करने करने जा रहा हु। लेकिन जब मैंने भाभी को देखा तो देखता ही रह गया।

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ऐसा नही था कि आज भाभी ने कुछ अलग पहना हुआ था लेकिन आज उन्होंने हमेशा की तरह ना तो गले मे मंगलसूत्र पहना हुआ था और ना ही मांग में सिंदूर था ना ही उनके बाल बंधे हुए थे ।आज देख कर लग ही नही रहा था कि यह एक शादी सुदा महिला है।मै उनको देखने मे ऐसा खो गया कि मुझे पता भी नही चला कि कब वह मेरे पास आ गयी और मुझे अपनी तरफ इस तरह देखते हुए पाकर बोली कि
भाभी :क्या बात है देवर जी आज से पहले आपने मुझे देखा नही है क्या जो इस तरह घूर कर देख रहे है।
मैं तो जैसे उनकी रूप में इस तरह खो गया था कि मुझे उनकी आवाज सुनाई ही नही दी तो वह मुझे हिला कर बोली कि
भाभी :जय मैं कहि भागी नही जा रही हु मुझे तुम अच्छी तरह से देख लेना पहले अंदर तो आ जाओ।
और इतना बोल कर वह मेरा हाथ पकड़ कर अपने बिस्तर पर बिठा दिया ।मैं तब जाकर होश में आया और इधर उधर देखने लगा तब भाभी बोली
भाभी :क्या बात है जय आज बहुत खोए से लग रहे हो तबियत तो ठीक है ना तुम्हारी।
मैं :"हा भाभी तबियत तो ठीक है लेकिन लगता है आज आप अपने हुस्न से मुझे मार ही डालोगी ।मैंने तो सपने में नही सोचा था कि आप जितनी हसीन परी मुझे मिलेगी।
भाभी मेरी बात पर हस्ती हुई बोली कि

भाभी :अब तुम जो समझो दासी या परी अब तो तुम्हारी ही हु ।
इतना बोलकर वह सरमाते हुए नीचे की तरफ देखने लगी तो मैं आगे बढ़कर उनको अपनी बांहों में लेते हुवे बोला
मैं :भाभी आप दासी नही आप तो मेरी दिल की रानी बन कर रहोगी
यह बोलकर मैं उनके होंठो पर अपना होंठ रख कर उसे चुम।लिया जिसकी वजह से वह सिहर उठी और अपना चहेरा घुमा लिया तो मैं बोला
मैं :"क्या बात है भाभी जान आप इस तरह डर क्यों रही हो ।अगर आप अभी खुद को तैयार नही पा रही हो तो मैं आपसे जबरदस्ती यह सब नही कर सकता हु।
भाभी मेरी बात सुनकर कुछ देर तक मेरी तरफ देखती रही और फिर बोली
भाभी :ऐसी बात नही है जय मैं तो ना जाने कबसे इस दिन का इन्तजार किया है बस शर्म आ रही है और कोई बात नही है।
मैं :भाभी शर्म छोड़िए और आज के इस पल का भरपूर मजा लीजिये और आज की रात हसीन बनाये मेरे साथ मिलकर।
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rkv66

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इतना बोलकर मैंने भाभी को अपनी तरफ खिंचा और उनके होंठो को अपने होंठो से मिला लिया पहले कुछ समय तक तो उन्होंने मेरा साथ नही दिया लेकिन कुछ देर बाद वह भी मेरा साथ देने लगी और हमारा यह किस सॉफ्ट किस से होते होते वाइल्ड किस में बदल गया हमारा यह किस तब तक चलता रहा जब तक कि हम दोनों की सांस फूलने नही लगी। जब हमारी सांसे फूलने लगी तो हमने एक दूसरे को छोड़ा तब मैं बोला कि
मैं :"वाह भाभी मजा आ गया आज से पहले मुझे कभी भी किसी के साथ किस में इतना मजा नही आया आपने कंहा से सीख लिया है यह सब
भाभी : देवर जी अभी तक आपने जाना ही कंहा है अपनी भाभी को आगे आगे देखिये कितना मजा देती हूं मैं आपको।
इतना बोलकर भाभी फिर से मुझे अपनी बांहों में जकड़ लिया और इस बार तो वह पहले से भी ज्यादा भयानक तरह से किस करने लगी ऐसा लग रहा था मानो मेरे होंठो को खा जायँगी। इस बार उन्होंने मुझे बुरी तरह से चूस डाला। सच कहु तो आज तक खुद मैंने कभी भी नही किया था किसी के साथ ।अभी मैं यही सोच रहा था कि भाभी ने मुझे खड़ा किया और खुद ही मेरा लण्ड पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और साथ मे किस भी कर रही थी ।अब मैंने अपनी सोच को विराम देते हुए भाभी के साथ मस्ती करने का सोच लिया और उनके होंठो को चूसते हुए मैं उनके चुचियो को मसलना सुरु कर दिया कुछ देर ऐसे ही करने के बाद मैंने भाभी के एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए उन्हें पूरी तरह से नंगा कर दिया


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जैसा कि उनको पता था कि मुझे झांटो से भरी हुई बुर काफी पसंद है तो उन्होंने अपने बुर के बाल साफ नही किया था यह देख कर मुझसे रहा नही गया और मैंने तुरन्त ही उनकी बुर को अपनी हाथों से फैला कर उनके बुर के दाने को अपनी जीभ से छेड़ दिया और उनकी बुर में एक उंगली घुसाने की कोशिश की तो उनकी मुह से हल्का सा दर्द की चीख निकल गयी और मैं यह देख कर मुस्कुरा दिया और बोला कि
मैं :वाह भाभी लगता है आज तक आपने उंगली तक नही की है मजा आएगा खूब।
इतना सुनते ही भाभी बस हस दी लेकिन कुछ बोली नही मैंने भी बिना समय बिताए उनकी बुर को अच्छी तरह से चूसने लगा जिसकी वजह से उनके मुह से आवाजे निकलने लगी और वह किसी तरह से उनपर काबू पाने की नाकाम कोशिश कर रही थी लेकिन इसके बावजूद भी उनके मुह से सिसकिया निकल ही जाती थी करीब 5 मिंट में उनकी कमर ऊपर की तरफ उठने लगी और उन्होंने मेरे सर को अपनी बुर में दबा दिया और अपना पानी छोड़ दिया जिसे मैंने पी लिया और इसके बाद जब मैं खड़ा हुआ तो उन्होंने आगे बढ़कर मेरे पैंट को खोलते हुए बोली कि
भाभी :आज तक इसके बारे में कितना सोची हु आज मैं इसे जी भर कर प्यार करूँगी।
लेकिन जब उन्होंने मेरा पैंट खोला तो वह मेरे लण्ड को देखती ही रह गयी और बोली
भाभी :बाप रे यह आदमी का है किसी शैतान का मैं तो मर ही जाऊंगी इसे अपनी चुत में लेकर।
इधर बाहर खड़ी मेरी दोनों बहनें जो खिड़की से छुप कर सब देख रही थी वो दोनों भी मेरे लण्ड को देखकर अपनी आंखें चौड़ी कर ली ।जैसे उन्होंने कोई भूत देख लिया हो। कुछ देर बाद कविता दी बोली कि
कविता : यार सरिता इसका आदमी का है या गधे का भाभी कैसे लेंगी इसे अपनी बुर में उनकी तो फट जायेगी।
सरिता दी :उनकी छोड़ तू अपनी सोच तुझे भी बहुत गर्मी चढ़ी रहती है तू कैसे लेगी उसे।
कविता दी :मैं पागल थोड़ी ही हु जो इस गधे के नीचे आऊंगी बाप रे मैं तो इससे अब दूर ही रहूँगी ।
इधर हम दोनों की उत्तेजना अपने चरम पर थी भाभी पूरी कोशिश कर रही थी मेरे लण्ड को अपने मुह में लेने को लेकिन सिर्फ सुपाड़ा ही मुह में लेकर चूस पा रही थी और जीभ से पूरे लण्ड को अच्छी तरह से चाट कर गिला कर रही थी तो मैं बोला कि
मैं :भाभी अब बर्दाश्त नही हो रहा है अब तो छोड़ दो और लेट जाओ अब मैं अपकीं बुर का उदघाटन करूँगा।
भाभी मेरे लण्ड को अपने मुँह से निकाल कर एक बार मेरी तरफ देखी और हँसते हुए बोली
भाभी :देवर जी जो करना है करो लेकिन थोड़ा इसे चिकना तो कर लेने दो ताकि आराम से जा सके वरना आप तो मेरी बुर की धज्जियां उड़ा कर रख दोगे।
इतना बोल कर भाभी अपने बिस्तर से उठी और तले की शीशी लेकर मेरे लण्ड पर अच्छे से मालिश किया और उसे चिकना कर दिया और इसके बाद मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और उनके टांगो के बीच आकर उनके प्यारी बुर को एक बार देखा और उसे चुम लिया क्यूंकि आज के बाद इसपर मेरे नाम का मुहर लगने वाली थी और फिर अपना लण्ड उनके बुर में फिट करके एक हल्का सा धक्का मारा तो मेरा टोपा उनके बुर के फांको को फैलाता हुआ थोड़ा अंदर घुशा तो उनके मुह से एक हल्की चीख निकली तो मैं उनके होंठो को अपने कब्जे में लेते हुए उन्हें कशकर पकड़ा और सोचा कि थोड़ा थोड़ा घुसाने में ज्यादा दर्द होगा उससे अच्छा तो यही होगा कि दो बार में ही पुरा घुशा दु यही सोच कर एक करारा धक्का मारा तो मेरा लण्ड उनकी बुर की सील को तोड़ते हुए आधा घुस गया तो वह नीचे छटपटाने लगी और उनकी आंखों से आँशु बहने लगी और अगर मैंने उनके मुह को दबाए नही रहता तो अब तक आधा गांव को जुटा लिया होता और यह नजारा देख कर मेरी बहनों की हालत खराब हो गयी थी इधर मैं उनके दर्द को कम करने के लिये उनकी चुचियो को पीने लगा और इस तरह करीब 5 मिंट बाद जब उनका दर्द कम हुआ तो मैंने जब देखा कि उन्हें थोड़ा आराम हुआ है तो एक बार और तेज धक्का मारा और मेरा पूरा लण्ड उनकी बुर को फाड़ता हुआ पूरा घुस गया और भाभी दर्द के मारे मुझे नोचती और मार कर अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करती रही लेकिन कोई फायदा नही हुआ और इधर मैंने भी हल्का हल्का धक्का लगाना सुरु कर दिया करीब दस मिनट बाद जब उन्हें मेरे धक्कों से मजा आने लगा तो वह भी नीचे से अपनी गांड हिलाने लगी तो मैंने उनके मुह पर रखी हुई हाथ को हटा दिया तो वह बोली कि
भाभी :वाह मेरे राजा तू तो पूरा मर्द निकला रे मेरी तो जान ही निकाल कर रख दिया एक बार को तो लगा मैं मर ही जाऊंगी
मैं धक्के लगता हुआ उनके होंठो को एक बार चूमा और बोला
मैं :अरे भाभी जान अभी तो आपकी जवानी को पूरी तरह चखा भी नही और आप मरने की बात कर रही हो अभी तो आपको मेरे बच्चों की माँ बनना है ।
भाभी सिसकिया लेती हुई बोली कि
भाभी :वह सब तो बाद कि बात है मेरे राजा अभी तो तूफानी रफ्तार से धक्का मारो बाकी सब बाद में
उनके इतना बोलते ही मैं अपनी पूरी रफ्तार से उनकी बुर की धज्जियां उड़ाने में लग गया करीब 40 मिंट तक तरह तरह के पोज में उनकी बुर की धज्जियां उड़ाने के बाद जब मेरा गिरने वाला था तो मैं उनसे बोला कि
मैं :भाभी मेरा होने वाला है अंदर गिरा दु
भाभी :नही मेरे राजा आज तो मैं उसे चखना चाहूंगी
उनकी बात सुनकर मैं भी उनके बुर से अपना लण्ड निकाल के उनके मुँह में डाल के हिलाने लगा और कुछ ही धक्कों में मेरा सारा माल उनके मुंह मे छोड़ दिया जो कि उनके होंठो से होते हुए बाहर की तरफ बहने लगी थी


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इधर बाहर खड़ी मेरी बहने बिना बुर को हाथ लागये इस बीच दो बार झड़ चुकी थी । उधर जब मैं चुदाई के नशे से बाहर आया तो देखा कि उनकी बुर के होंठ बुरी तरह से सूज चुकी थी तो मैं जल्दी से जाकर रसोई में गैस पर गरम पानी करके लाया और उनके चुत की सिकाई करने के बाद शाम को बाजार से जाकर दर्द की गोली पहले ही लेकर आ गया था वह उन्हें खाने को दी और फिर बाहर आ गया । भाभी चुदाई के बाद कुछ देर ऐसी ही लेती रही फिर दर्द की दवा से दर्द कम।हुआ तो वह सो गई।इधर मेरी बहने भी अपने बिस्तर पर जाकर सोने की कोशिश करने लगी ।
वही दूसरी तरफ सोनिया और रूबी ऑफिस से तैयार होकर शाम की पार्टी के लिए निकल गयी ।वहा पार्टी में कुछ ऐसा नही हुआ जिसका जिक्र करना जरूरी हो वह एक बिजनेस पार्टी थी और अच्छे से निपट गयी ।पार्टी से घर आने के बाद जब वह फ्रेश होकर नीचे आयी तो उसकी माँ ने पूछा की आज वह जाकर बात की या नही उस लड़के से तो सोनिया ने वँहा पर जो कुछ भी हुआ सब बाते बता दिया तो उनके यंहा पर ना रुकने पर सोनिया की माँ थोड़ी दुखी जरूर हुई पर जब उन्हें पता चला कि वह लोग सहर में रहने वाले है तो उन्हें थोड़ी खुसी जरूर हुई लेकिन उन्हें इस बात का दुख भी था कि कुछ समय के बाद सोनिया को यंहा से जाना पड़ेगा।
Kamuk & hot
 
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Siraj Patel

The name is enough
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

Luckyloda

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मैं जय कुमार अपने पूरे परिवार के साथ गांव में रहता हूं ।हम लोग ना तो बहुत अमीर है और ना ही गरीब । अच्छा खासा खेत है जिसमे मैं और पिता जी दोनों मेहनत करके इतना कमा लेते है कि घर का खर्चा आराम से चल जाता है और बड़े भैया जो कि फ़ौज में में है और अभी जल्द ही उनकी शादी हुई है 2 महीना रहने के बाद वह वापस काम पर चले गए है।
पापा राजेश्वर कुमार
मा सुमन देवी
हम।2 भाई और 3 बहने
1 पूनम इनकी शादी हो चुकी है
कमलेश जीजा जी
दी के अभी बच्चे नही है।
2 बलवंत कुमार भैया
जूही भाभी
3 सरिता
4 मधु
5 जय कुमार यानी कि मैं

बड़े पापा की फैमली
संजय बड़े पापा
चन्दा बड़ी माँ
इनके दो लड़की है
1 कविता
2ज्योति

मेरे दोस्त
कालू
पवन
राजू
पूजा कालू की बहन
जया राजू की गर्लफ्रैंड
ठाकुर भानु प्रताप सिंह गांव का जमींदार
प्रीति देवी ठाकुर की तीसरी बीवी
पंकज ठाकुर ठाकुर की पहली बीवी का लड़का
अमृता सिंह ठाकुर की दूसरी बीवी की लड़की
भोला ठाकुर का चापलूस मुंशी

उपडेट 1
(कहानी जय की जुबानी चलेगी)
माँ : बहु जा कर जय को उठा दे उसके पापा कबसे इन्तजार कर रहे है खेत मे जाने के लिए यह है कि उठ ही नही रहा है।
भाभी : अच्छा मा जी अभी जाकर उठा देती हूं।
इतना बोल कर भाभी मेरे रूम में आती है तो देखती है कि जय अभी तक सोया हुआ है लेकिन उसका लण्ड रोज की तरह आज भी वैसा ही खड़ा है ।जूही अपने मन मे सोचती है कि हे भगवान यह कैसा लड़का है जब देखो तब खड़ा ही रहता है ।अब इसको मैं इस हालत में कैसे उठाऊ।अभी जूही यही सोच रही थी कि पीछे से उसकी ननद सरिता की आवाज आती है और बोलती है कि
सरिता : क्या भाभी आप रोज इस तरह छुप के छोटे देवर का देखती हो आपको शर्म नही आती है क्या ।
जूही उसकी बात सुनकर उसके पास जाती है और जोर से उसके चूची को दबा कर बोलती है कि
जूही : क्या करूँ ननद रानी इसके लौड़े को देखे बिना तो दिन नही होता कबसे सोच रही हु की इसे जन्नत के दर्शन करा दु लेकिन क्या करूँ इसे तो अपनी बहन की चूत ही पसन्द है। देखती नही कैसे चुचियो को घूरता रहता है।
सरिता : क्या भाभी आप भी कैसी बातें करती रहती हो । हमेशा आपके दिमाग में यही सब गंदगी चलती रहती है क्या। मेरा भाई ऐसा नहीं है आप उसे यूं ही बदनाम करती रहती हो और आप मुझसे ऐसी बातें नहीं किया करो मैं ऐसी बातें नहीं सुन सकती हूं।
जूही : अच्छा तेरा भाई ऐसा नही है ।एक दिन मैं खुद तेरे बुर में उसका लौड़ा नही डाली अपने हाथ से पकड़ कर तो मेरा नाम भी जूही नही समझी मेरी रंडी ननद रानी।
तब तक सुमन की आवाज आती है और बोलती हैकि क्या हुआ बहु जय नही उठ रहा है क्या मैं आउ उठाने।
जूही :मा जी भी ना हमेशा घोड़े पर सवार रहती है एक दिन इनको भी चुदवा दूँगी।
सरीता :क्या भाभी किसी को तो छोड़ दो वह मा है उनके बारे में सोचना भी पाप है।
जूही : पाप पुण्य छोड़ जय को उठा देती हूं फिर बाद में बात करती हूं।
इसके बाद जूही मेरे बिस्तर के पास आकर उठाती है और बोलती है कि
जूही : देवर जी अब उठ जाइए सुबह हो गई है माजी कब से आपका इंतजार कर रही है।
इतना बोल कर वह जाने लगती है तो मैं उनका हाथ पकड़ लेता हूं और बोलता हूं कि
मैं : ऐसे कैसे उठ जाऊं आप शायद भूल रही हैं लेकिन मैं नहीं भूला हु ।
जूही : मैं भूली नही हु देवर जी बस आपका हा का इन्तजार है ।आप हा बोल दे मैं तो कबसे तैयार हूं ।आप ही नही मान रहे है।
मैं :डरता हूँ अगर कोई जान गया तो क्या होगा ।
जूही :अरे यार मैं लड़की हो कर नही डरती हु और आप लड़के होकर डरते हो ।थोड़ी हिम्मत करो डरने से कुछ भी नही होगा ।बस मुठ मारते रहना और अपने भाई की तरह नामर्द बन जाना ।कहने को तो फ़ौज में है लेकिन अपनी बीवी की सील भी नही तोड़ पाये बुर में डालने से पहले ही झड़ जाते थे और ऊपर से गांडू ठहरे ।
मैं :लेकिन यह बात तो कोई नही जानता है ना और ऊपर से आप मुझसे बच्चा मांग रही हो मुझसे।
अभी मैं और कुछ बोलता इससे पहले ही पीछे से सरिता दी कि आवाज आई
सरिता दी :अरे बेशर्मो कुछ तो शर्म कर लो मैं भी यही खड़ी हु।
जूही :तो खड़ी क्यों हो आकर पकड़ लो ना अपने भाई का लण्ड देखो तुम्हे देख कर कैसे ठुमके लगा रहा है
अरे बहन चोद यहां तो सब पहले से ही शुरू है
 
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