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Incest दीवाना चुत का

Hunterrrr69

Well-Known Member
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मेरी बात को सुनकर वँहा पर जैसे सांप सूंघ लिया हो किसी के मुह से कोई आवाज निकल ही नही रही थी ।काफी देर तक वँहा पर सन्नाटा पसरा रहा फिर कुछ देर बाद सुमन आंटी बोली कि
सुमन :बेटी अगर यह मजाक है तो सच मे इससे बुरा मजाक और कुछ नही हो सकता है ।
मैं :नही आंटी जी आपको लगता है एक लड़की ऐसी बाते मजाक में बोल सकती है । आप मानो या ना मानो लेकिन सच्चाई तो यही है और आप लोग के मानने या न मानने से सच्चाई बदल तो सकती नही है।
राजेस्वर :बेटा अगर यह सच भी है तो सोचो आपके और हमारे बीच बहुत अन्तर है जिसे हम बदल नही सकते है और लोग क्या कहेंगे।उससे भी बड़ी बात यह है कि आपके घर वाले इस रिश्ते के लिए कभी भी तैयार नही होंगे।
मैं : आप लोग मेरे घर वालो की चिंता ना करे कमलेश मेरी ही कम्पनी में काम करता है तो वह मेरे बारे में सब कुछ जानता ही होगा अगर आप लोग चाहे तो उससे सब कुछ पता करने के बाद जो आप लोगो का फैशला हो मुझे बता दीजिए ।अब तो जय के साथ या उसके बिना मैं उसकी सुहागन तो हो ही गयी हु अब जीवन तो उसके नाम के साथ ही काटना है ।अब मेरी जिंदगी में खुसी देंगे आप लोग या गम इसका फैशला आप लोगो को ही करना है।
इतना बोल कर मैं वँहा से बाहर चली आयी उन लोगो को आपस मे बात करने के लिए। इधर मेरे बाहर जाते है सभी लोग कमलेश की तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगे तो कमलेश मेरे बारे में जो भी जानता था सब कुछ बता दिया और अंत मे कमलेश ने बोला कि
कमलेश :पापा जी मैं तो यही बोलूंगा की आप लोग बिना किसी संकोच के यह रिश्ता मंजूर कर लीजिए ।बस यह समझ लीजिए अगर वो चाहे तो बिना आप लोग के मर्जी के भी शादी कर सकती है और कोई उनका कुछ भी नही बिगाड़ सकता है ठाकुर जैसे तो ना जाने कितने लोग मिलने के लिए आते है और इनके पास समय ना होने के कारण नही मिल पाती है ।
सुमन: लेकिन बेटा फिर भी उसकी एक बार शादी हो चुकी है और वह विधवा भी है अगर हम लोग ऐसे लड़की से अपने बेटे की शादी करवाते है तो समाज मे कही मुह दिखाने के काबिल नही रह जाएंगे।
पूनम : माँ मैं जानती हूं इन्हें अच्छी तरह से केवल चेहरा नही देखी थी शहर में सभी इनको देवी की तरह पूजते है इनको मान देते है एक से बढ़कर एक लड़के इनसे शादी करने को तैयार खड़े थे लेकिन इन्होंने किसी को हा नही बोला अब जब वह खुद चल कर यंहा तक आयी है तो उन्हें मना करना अच्छी बात नही होगी।
राजेस्वर : ठीक है अगर तुम लोग बोलते हो तो हमें यह रिश्ता मंजूर करने में कोई समस्या नही है ।जय बेटा अगर तुम कुछ कहना चाहते हो तो अभी बोल सकते हो अगर तुम यह शादी नही करना चाहो तो हम कभी भी नही करेंगे।
अंकल जी ऐसा बोलने से सभी लोग जय की तरफ देखने लगे तो जय बोला कि
जय :पापा मैं उनसे अकेले में कुछ बाते करना चाहता हु अगर आप लोगो की इजाजत हो तो मैं बात करने के बाद ही कुछ भी बोल पाऊंगा।
सुमन :ठीक है बेटा जैसी तेरी मर्जी जा सरिता बुला ला उसको
सरिता आंटी की बात सुनकर मेरे पास चली आयी बाहर बुलाने के लिए इसके बाद हम दोनों लोग अंदर चले आये।अंदर आने केसमय मेरे दिल मे हजारो सवाल चल रहे थे कि इन लोगो का क्या फैशला होगा ।आज पहली बार मैं खुद को इतना नर्वस महसूस कर रही थी नही तो जो मुझे चाहिए होता था उसे मैं किसी भी कीमत पर पा ही लेती थी कुछ इसी तरह के खयालो में डूबी हम दोनों अंदर पहुची । अंदर गयी तो राजेस्वर जी बोले कि
राजेस्वर : बेटा हम लोगो को इस रिश्ते से कोई आपत्ति नही है बस जय तुमसे कुछ बाते करना चाहता है और उसके बाद ही अपना फैशला सुनाएगा ।
मैं :"ठीक है अंकल जी कोई बात नही है ।
इसके बाद मैं और जय बाहर चले आये तो मैं बोली कि
मैं :तो बोलिये आपको क्या बात करनी है मुझसे।
जय :हम लोग थोड़ा और आगे चलकर बाते करे अगर आपको बुरा ना लगे तो।
मैं :" हा क्यों नही इसमे बुरा मानने वाली कौन सी बात है ।
इसके बाद हम लोग घर से थोड़ी दूर पर एक बगीचे में चले आये और आज पहली बार गांव के माहौल है में इस तरह खुले में बैठने का मजा ही कुछ और था जय अपने साथ लाये एक गमछे को जमीन पर बिछाया और बोला कि
जय :अब आपके लायक तो यह नही है लेकिन फिर भी यंहा पर तो और कोई सुविधा उपलब्ध नही है अगर निचे बैठने में दिक्कत है तो मैं घर से कुर्शी ले कर आ जाऊ।
मैं :नही जय इतनी तकलीफ करने की कोई जरूरत नही है ।मैं यही पर ठीक हु मैं आराम से बैठ सकती हूं।
इतना बोल कर मैं भी नीचे बैठ गयी और बोली
मैं :अब बोलो जय क्या पूछना चाहते हो तुम मेरे बारे में
जय :नही आप गलत समझ रही है मैं आपसे कुछ पुछने के लिए नही बल्कि कुछ बताने के लिए बुलाया है ।आप जैसा मुझे समझ रही है मैं वैसा बिल्कुल भी नही हु।
मैं :"जय अगर तुम यह बताने के लिए बुलाये हो कि तुम्हारी कई लड़कियों और औरतों के साथ सम्बन्ध है तो जाने दो इस बारे में मैं सब कुछ पता कर चुकी हूं तुम्हारी कविता दी ने मुझे सब कुछ बता दिया है इसके बाद भी मैं यही कहूंगी की मुझे कोई समस्या नही है ।जो तुम्हारे साथ हुआ वह किसी के भी साथ होता तो वह भी यही करता और यकीन मानो मेरा इसमे मैं तुम्हे कभी भी नही रोकूंगी।
जय :नही इतना ही नही है मेरे बारे में कुछ और भी है जो आपको जान लेना बहुत जरूरी है ।मैं पहले एक लड़की से प्यार करता था।
मैं :"सायद तुमने मेरी बातों पर। ध्यान नही दिया मैने बोला न कि मुझे पता है और जिस लड़की से तुम प्यार करते थे उसका नाम काव्या है।
जय : अच्छी बात आप जब इतना सब कुछ जान ही चुकी है तो मुझे ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नही है लेकिन मुझे इस बात का यकीन है कि कबिता दी ने कुछ बाते और भी है जो मुझे लगता है तुमको पता होनी चाहिए क्यूंकि मैं नही चाहता कि आगे चल कर किसी भी बात को लेकर किसी तरह की परेशानी हो।
मैं :"बोलो क्या बोलना चाहते हो।
जय :यही की जिसने आपको मेरी सारी सच्चाई बताई वह भी मुझसे प्यार करती है और यंहा तक कि मेरी खुद की सगी बहन सरिता दी भी प्यार करती है और इतना ही नही मेरी भाभी भी मुझसे वह सब काम करना चाहती है जो एक पति के साथ करते है ।इसका कारण यह है कि मेरे भैया नामर्द है और अगर मैने ऐसा नही किया तो भाभी घर छोड़ कर चली जायेगी।
मैं कुछ देर तक उसकी बातों पर यकीन करने की कोशिश करती रही और इसके बाद कुछ सोच कर मैं बोली
मैं :देखो जय मुझे यह सब मंजूर है लेकिन तुम्हे एक वादा करना होगा कि तूम जो कुछ भी करोगे मेरी जानकारी में ही करोगे बिना मेरी जानकारी के अगर तुमने कुछ किया तो मुझसे बुरा और कोई नही होगा।
जय :ठीक है अगर सब कुछ जानने के बाद भी अगर तुम तैयार हो तो मुझे भी मंजूर है लेकिन एक बात मैं अभी साफ कर दु की मैं अपने परिवार को छोड़ नही सकता हु।
मैं :तो तुम्हे अपना परिवार छोड़ने को बोल भी कौन रहा है मैं इतनी भी मतलबी नही हु की अपने स्वार्थ के लिए तुम्हे तुम्हारे परिवार से दूर कर दु अगर तुम चाहो तो मैं सभी लोगो को सहर में शिफ्ट कर सकती हूं जंहा मेरा दूसरा परिवार रहता है क्यूंकि तुम जानते ही हो कि मैं रोज यंहा से नही आ जा सकती हूं और तुमको मैं यंहा पर छोड़ने का रिस्क नही ले सकती पता नही कब क्या गुल खिला दो।
जय :ठीक है तो इस बारे में हम घर चल कर बात करे और वैसे मुझे यकीन नही हो रहा है कि इतनी खूबसूरत और हसीन लड़की मेरी बीवी बन चुकी है।
मैं :तुम अभी से मत सुरु हो जाओ पहले घर पर चल कर सबसे बाते करो और उसके बाद जो फैसला होगा उसके बाद ही तुम कुछ बोल सकते हो।
जय :जैसा हुक्म महारानी का
इतना बोल कर जय उठ गया और उसके पीछे मैं भी मुस्कुराती हुई उठ कर उसके पीछे चल दी।घर पर सभी लोग हम दोनों का इन्तजार कर रहे थे। जैसे ही हम लोग घर पहचे इसके बाद सभी लोग हमारी तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगे। तो जय बोला कि
जय :"पापा मैं शादी करने के लिए तैयार हूं पर एक समस्या है ।
Nice but small update
 

Killerpanditji(pandit)

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मेरी बात को सुनकर वँहा पर जैसे सांप सूंघ लिया हो किसी के मुह से कोई आवाज निकल ही नही रही थी ।काफी देर तक वँहा पर सन्नाटा पसरा रहा फिर कुछ देर बाद सुमन आंटी बोली कि
सुमन :बेटी अगर यह मजाक है तो सच मे इससे बुरा मजाक और कुछ नही हो सकता है ।
मैं :नही आंटी जी आपको लगता है एक लड़की ऐसी बाते मजाक में बोल सकती है । आप मानो या ना मानो लेकिन सच्चाई तो यही है और आप लोग के मानने या न मानने से सच्चाई बदल तो सकती नही है।
राजेस्वर :बेटा अगर यह सच भी है तो सोचो आपके और हमारे बीच बहुत अन्तर है जिसे हम बदल नही सकते है और लोग क्या कहेंगे।उससे भी बड़ी बात यह है कि आपके घर वाले इस रिश्ते के लिए कभी भी तैयार नही होंगे।
मैं : आप लोग मेरे घर वालो की चिंता ना करे कमलेश मेरी ही कम्पनी में काम करता है तो वह मेरे बारे में सब कुछ जानता ही होगा अगर आप लोग चाहे तो उससे सब कुछ पता करने के बाद जो आप लोगो का फैशला हो मुझे बता दीजिए ।अब तो जय के साथ या उसके बिना मैं उसकी सुहागन तो हो ही गयी हु अब जीवन तो उसके नाम के साथ ही काटना है ।अब मेरी जिंदगी में खुसी देंगे आप लोग या गम इसका फैशला आप लोगो को ही करना है।
इतना बोल कर मैं वँहा से बाहर चली आयी उन लोगो को आपस मे बात करने के लिए। इधर मेरे बाहर जाते है सभी लोग कमलेश की तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगे तो कमलेश मेरे बारे में जो भी जानता था सब कुछ बता दिया और अंत मे कमलेश ने बोला कि
कमलेश :पापा जी मैं तो यही बोलूंगा की आप लोग बिना किसी संकोच के यह रिश्ता मंजूर कर लीजिए ।बस यह समझ लीजिए अगर वो चाहे तो बिना आप लोग के मर्जी के भी शादी कर सकती है और कोई उनका कुछ भी नही बिगाड़ सकता है ठाकुर जैसे तो ना जाने कितने लोग मिलने के लिए आते है और इनके पास समय ना होने के कारण नही मिल पाती है ।
सुमन: लेकिन बेटा फिर भी उसकी एक बार शादी हो चुकी है और वह विधवा भी है अगर हम लोग ऐसे लड़की से अपने बेटे की शादी करवाते है तो समाज मे कही मुह दिखाने के काबिल नही रह जाएंगे।
पूनम : माँ मैं जानती हूं इन्हें अच्छी तरह से केवल चेहरा नही देखी थी शहर में सभी इनको देवी की तरह पूजते है इनको मान देते है एक से बढ़कर एक लड़के इनसे शादी करने को तैयार खड़े थे लेकिन इन्होंने किसी को हा नही बोला अब जब वह खुद चल कर यंहा तक आयी है तो उन्हें मना करना अच्छी बात नही होगी।
राजेस्वर : ठीक है अगर तुम लोग बोलते हो तो हमें यह रिश्ता मंजूर करने में कोई समस्या नही है ।जय बेटा अगर तुम कुछ कहना चाहते हो तो अभी बोल सकते हो अगर तुम यह शादी नही करना चाहो तो हम कभी भी नही करेंगे।
अंकल जी ऐसा बोलने से सभी लोग जय की तरफ देखने लगे तो जय बोला कि
जय :पापा मैं उनसे अकेले में कुछ बाते करना चाहता हु अगर आप लोगो की इजाजत हो तो मैं बात करने के बाद ही कुछ भी बोल पाऊंगा।
सुमन :ठीक है बेटा जैसी तेरी मर्जी जा सरिता बुला ला उसको
सरिता आंटी की बात सुनकर मेरे पास चली आयी बाहर बुलाने के लिए इसके बाद हम दोनों लोग अंदर चले आये।अंदर आने केसमय मेरे दिल मे हजारो सवाल चल रहे थे कि इन लोगो का क्या फैशला होगा ।आज पहली बार मैं खुद को इतना नर्वस महसूस कर रही थी नही तो जो मुझे चाहिए होता था उसे मैं किसी भी कीमत पर पा ही लेती थी कुछ इसी तरह के खयालो में डूबी हम दोनों अंदर पहुची । अंदर गयी तो राजेस्वर जी बोले कि
राजेस्वर : बेटा हम लोगो को इस रिश्ते से कोई आपत्ति नही है बस जय तुमसे कुछ बाते करना चाहता है और उसके बाद ही अपना फैशला सुनाएगा ।
मैं :"ठीक है अंकल जी कोई बात नही है ।
इसके बाद मैं और जय बाहर चले आये तो मैं बोली कि
मैं :तो बोलिये आपको क्या बात करनी है मुझसे।
जय :हम लोग थोड़ा और आगे चलकर बाते करे अगर आपको बुरा ना लगे तो।
मैं :" हा क्यों नही इसमे बुरा मानने वाली कौन सी बात है ।
इसके बाद हम लोग घर से थोड़ी दूर पर एक बगीचे में चले आये और आज पहली बार गांव के माहौल है में इस तरह खुले में बैठने का मजा ही कुछ और था जय अपने साथ लाये एक गमछे को जमीन पर बिछाया और बोला कि
जय :अब आपके लायक तो यह नही है लेकिन फिर भी यंहा पर तो और कोई सुविधा उपलब्ध नही है अगर निचे बैठने में दिक्कत है तो मैं घर से कुर्शी ले कर आ जाऊ।
मैं :नही जय इतनी तकलीफ करने की कोई जरूरत नही है ।मैं यही पर ठीक हु मैं आराम से बैठ सकती हूं।
इतना बोल कर मैं भी नीचे बैठ गयी और बोली
मैं :अब बोलो जय क्या पूछना चाहते हो तुम मेरे बारे में
जय :नही आप गलत समझ रही है मैं आपसे कुछ पुछने के लिए नही बल्कि कुछ बताने के लिए बुलाया है ।आप जैसा मुझे समझ रही है मैं वैसा बिल्कुल भी नही हु।
मैं :"जय अगर तुम यह बताने के लिए बुलाये हो कि तुम्हारी कई लड़कियों और औरतों के साथ सम्बन्ध है तो जाने दो इस बारे में मैं सब कुछ पता कर चुकी हूं तुम्हारी कविता दी ने मुझे सब कुछ बता दिया है इसके बाद भी मैं यही कहूंगी की मुझे कोई समस्या नही है ।जो तुम्हारे साथ हुआ वह किसी के भी साथ होता तो वह भी यही करता और यकीन मानो मेरा इसमे मैं तुम्हे कभी भी नही रोकूंगी।
जय :नही इतना ही नही है मेरे बारे में कुछ और भी है जो आपको जान लेना बहुत जरूरी है ।मैं पहले एक लड़की से प्यार करता था।
मैं :"सायद तुमने मेरी बातों पर। ध्यान नही दिया मैने बोला न कि मुझे पता है और जिस लड़की से तुम प्यार करते थे उसका नाम काव्या है।
जय : अच्छी बात आप जब इतना सब कुछ जान ही चुकी है तो मुझे ज्यादा कुछ बताने की जरूरत नही है लेकिन मुझे इस बात का यकीन है कि कबिता दी ने कुछ बाते और भी है जो मुझे लगता है तुमको पता होनी चाहिए क्यूंकि मैं नही चाहता कि आगे चल कर किसी भी बात को लेकर किसी तरह की परेशानी हो।
मैं :"बोलो क्या बोलना चाहते हो।
जय :यही की जिसने आपको मेरी सारी सच्चाई बताई वह भी मुझसे प्यार करती है और यंहा तक कि मेरी खुद की सगी बहन सरिता दी भी प्यार करती है और इतना ही नही मेरी भाभी भी मुझसे वह सब काम करना चाहती है जो एक पति के साथ करते है ।इसका कारण यह है कि मेरे भैया नामर्द है और अगर मैने ऐसा नही किया तो भाभी घर छोड़ कर चली जायेगी।
मैं कुछ देर तक उसकी बातों पर यकीन करने की कोशिश करती रही और इसके बाद कुछ सोच कर मैं बोली
मैं :देखो जय मुझे यह सब मंजूर है लेकिन तुम्हे एक वादा करना होगा कि तूम जो कुछ भी करोगे मेरी जानकारी में ही करोगे बिना मेरी जानकारी के अगर तुमने कुछ किया तो मुझसे बुरा और कोई नही होगा।
जय :ठीक है अगर सब कुछ जानने के बाद भी अगर तुम तैयार हो तो मुझे भी मंजूर है लेकिन एक बात मैं अभी साफ कर दु की मैं अपने परिवार को छोड़ नही सकता हु।
मैं :तो तुम्हे अपना परिवार छोड़ने को बोल भी कौन रहा है मैं इतनी भी मतलबी नही हु की अपने स्वार्थ के लिए तुम्हे तुम्हारे परिवार से दूर कर दु अगर तुम चाहो तो मैं सभी लोगो को सहर में शिफ्ट कर सकती हूं जंहा मेरा दूसरा परिवार रहता है क्यूंकि तुम जानते ही हो कि मैं रोज यंहा से नही आ जा सकती हूं और तुमको मैं यंहा पर छोड़ने का रिस्क नही ले सकती पता नही कब क्या गुल खिला दो।
जय :ठीक है तो इस बारे में हम घर चल कर बात करे और वैसे मुझे यकीन नही हो रहा है कि इतनी खूबसूरत और हसीन लड़की मेरी बीवी बन चुकी है।
मैं :तुम अभी से मत सुरु हो जाओ पहले घर पर चल कर सबसे बाते करो और उसके बाद जो फैसला होगा उसके बाद ही तुम कुछ बोल सकते हो।
जय :जैसा हुक्म महारानी का
इतना बोल कर जय उठ गया और उसके पीछे मैं भी मुस्कुराती हुई उठ कर उसके पीछे चल दी।घर पर सभी लोग हम दोनों का इन्तजार कर रहे थे। जैसे ही हम लोग घर पहचे इसके बाद सभी लोग हमारी तरफ सवालिया निगाहों से देखने लगे। तो जय बोला कि
जय :"पापा मैं शादी करने के लिए तैयार हूं पर एक समस्या है ।
Mast update
 

jonny khan

Nawab hai hum .... Mumbaikar
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amazing update dear ..!!!!
 
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