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Incest दीवाना चुत का

Killerpanditji(pandit)

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(यहां से कहानी जय के जुबानी)
मेरी बात को सुनकर जंहा कुछ लोगो के चेहरे खुशी से खिल उठे वही कुछ ऐसे भी थे जिनके चेहरे लटक गए । अब मुझे नही लगता है यह आप लोगो को बताने की जरूरत नही है वह लोग कौन थे ।जी हां यह कोई और नही बल्कि मेरी दोनों बड़ी बहन यानी कि कविता दी और सरिता थी और उनके साथ भाभी भी थी । मेरी बात सुनकर पापा और माँ हम दोनों के तरफ देखने लगे । कुछ देर बाद पापा बोले कि
पापा :बेटा अगर तुम दोनों एक दूसरे से शादी करने को तैयार हो तो फिर क्या समस्या है ।
मैं :पापा आप जानते है कि इनकी कितनी बड़ी कंपनी है और यह कितनी बिजी रहती है तो ऐसी हालत में इनका यंहा पर रहना और रोज इतना लम्बा सफर करना मुश्किल होगा इसलिए यह चाहती है कि हम सब इनके साथ इनके घर पर रहे ।
माँ :बेटा इसका बोलना भी अपनी जगह पर ठीक है लेकिन हम लोगो का इस तरह इसके घर रहना ठीक नही है ।समाज मे लोग हमारे बारे में क्या बोलेंगे। हा अगर तुम चाहो तो इसके साथ सहर में रह सकते हो हमे इसमे कोई समस्या नही है।
मैं :नही माँ मैने पहले ही बोल दिया है इनसे की मैं अकेले इसके साथ सहर में नही रह सकता हु।
माँ : बेटा तुम बात को समझने की कोशिश करो हम लोग इस तरह से नही जा सकते है और अब वह तुम्हारी पत्नी है तुम्हे उसका ख्याल तो रखना ही होगा और वैसे भी तुम कितना दूर रहोगे हमसे जब तुम्हारा मन किया तो मिलने आ जाये करना।
सोनिया :मा जी अब जब मैं इस घर की बहू बन गयी हु तो अगर आप लोगो की इजाजत हो तो मैं भी कुछ बोलू।
पापा :हा बेटी बोलो हमारे घर मे बहु को बोलने के लिए इजाजत लेनी की जरूरत नही पड़ती ।
सोनिया : आप लोग मेरे साथ मेरे घर पर नही रहना चाहते लेकिन अगर मैं यह कहु की आप लोग मेरे भरोसे नही रहना चाहते है तो नही रहे लेकिन अगर मैं आप लोगो को खुद का कुछ बिजनेस करने में मदद कर दु और मैं यह नही कह रही कि मैं आप लोगो पर कोई अहसान कर रही हु कि सुरुवात में पैसे मैं लगा देती हूं और जब मुनाफा होने लगे तो मुझे वापस कर दीजियेगा ।इस तरह से आप लोग को यह भी नही लगेगा कि आप लोग किसी के यंहा रह रहे है और हमारी परेशानी भी दूर हो जाएगी ।
पापा :ठीक है बेटी हम अभी कुछ देर में बात करके तुमको इस बारे में जवाब देते है तब तक तुम घर की लड़कियों और बहुओ से मिल कर बाते कर लो ।
पापा के ऐसा बोलने पर सोनिया को भाभी और मेरी बहने कविता दी सरिता दी मधु और ज्योति लेकर घर के अंदर चली गयी तो बड़े पापा बोले कि
बड़े पापा: देखो राजेस्वर मुझे तो उसके प्रस्ताव में कोई बुराई नही दिख रही है ।मैं मानता हूं कि तूम लोगो का इस तरह से उसके घर जाकर रहना गलत होता लेकिन जैसा कि उसने बोला कि वह बिजनेस करने में मदद कर देगी और वह भी जब तुम्हारे पास पैसे होतो वापस कर देना इसमे मेरी समझ से कोई बुराई नही है ।तुमको क्या लगता है।
पापा : भैया मैं चाहता हु की आप जो बोल रहे वह बिल्कुल ठीक है इसलिए मैं यही चाहता हु की आप भी हमारे साथ सहर में चल कर हमारे काम मे मदद करे और वैसे भी मुझे आपको अकेले इस तरह छोड़ कर जाने का मन नही कर रहा है ।
बड़े पापा :"लेकिन इस तरह हम सभी का अपने गांव से चले जाना उचित होगा ।
मा :"नही जेठ जी मैं भी नही चाहती कि हम सब यंहा से सहर में जाकर रहे ।वैसे भी हम लोग यंहा पर खुश है ।सहर के माहौल में दम घुटेगा मेरा।
बड़ी माँ : नही छोटी यह गलत है समय के साथ बदलाव जरूरी है और जब भगवान इतना अच्छा मौका दे रहा है तो उसे जाने मत दो ।
पापा :" हा भैया भाभी सच बोल रही है और वैसे भी हम गांव से कितना दूर रहेंगे जब हमारा मन नही लगेगा तो हम लोग वापस आ जाएंगे लेकिन इस वक्त हम लोगो का चलना उचित होगा।
इसी तरह कुछ देर तक लोग आपस मे बाते करते रहे और मैं मात्र दर्शक बन कर उन लोगो की बाते सुनता रहा और लास्ट में यही फैशला हुआ कि सभी लोग सहर में जाकर रहेंगे वही दूसरी तरफ भाभी और बाकी सभी लडकिया सोनिया को लेकर घर के अंदर चली गयी जंहा पहुचते ही कविता दीबोली कि
कविता दी :क्या बात है यार रात में जब मिली तो बिना बोले ही चली गयी शरीफ बन कर और सुबह जबसे आयी हो तबसे धमाके पर धमाके किये जा रही हो भाभी जी।
सोनिया :आप तो हमारी उम्र की कम से कम आप तो भाभी नही बोलो ।
सरिता :अब भाभी को भाभी नही तो और क्या बोला जाय भाभी जी
सोनिया आगे बढ़कर धीरे से सरिता के कान में बोलती है कि
सोनिया:वही बोलिये जो एक सौतन दूसरे सौतन को बोलती है क्यों ननद रानी अपने ही भाई से प्यार कर लिया और मुझे भाभी बोल रही है यह तो गलत है ना ।
कविता दी :यह तुम दोनों आपस मे क्या बाते कर रही हो मुझे भी बताओ नही तो मुझसे बुरा और कोई नही होगा।
सरिता दी : चुप हो जा यार बाद में मैं तुम्हे सब कुछ बता दूँगी।
भाभी :तो इसका मतलब तो यह हुआ कि तुम दोनों मुझसे कोई बात छुपा रही हो सोच लो अब मैं अकेली नही हु बल्कि मेरे साथ अब मेरी बहन भी आ गयी इसलिये मुझसे चोरी करना बेकार है।
सोनिया :नही दीदी जी भला आपसे चोरी कोई कर सकेगी अगर करेंगी तो इनके लिये ही बुरा होगा।
सरिता दी :अच्छा वह सब छोड़ो यह बताओ आप की यह नया बखेड़ा क्या है ।आप सभी लोगो को शहर क्यों ले जाना चाहती हो आप चाहती तो केवल जय को ले जा सकती है।
सोनिया :,मैं सोच रही हु इस बारे में अगर बाद में बात करे तो ठीक होगा
वही दूसरी तरफ हवेली में अमृता नास्ता कर रही थी ठाकुर के साथ बैठकर यानी कि अपने बाप के साथ तो तभी ठकुराइन लगड़ाती हुई आती है तो अमृता हस्ते हुए पूछती है कि
अमृता :क्या बात है माँ आप इस तरह से क्यों चल रही हो ।
तो इस बात पर ठकुराइन उसे गुस्से से घुर कर देखती है तभी उसका बाप उसे बोलता है
ठाकुर :बेटी तेरी मा सुबह नहाते वक्त गीर गयी ही जिसकी वजह से इसे चोट लग गयी है तू इसे डॉक्टर के पास ले कर चली जाना मैने बात कर ली है।
अमृता :जी पिता जी
इसके बाद ठाकुर वँहा से चला जाता है तो ठकुराइन बोलती हैकि
ठकुराइन: साली रंडी सब कुछ जानते हुए कैसे अपने बाप के सामने मेरा मजाक उड़ा रही थी ।
अमृता :,वैसे सच मे यार जो चूदाई हुए बुर को लगडॉ कर चलने पर मजबूर कर दे वाकई उसमे दम तो है ।
ठकुराइन:सच मे यार इतना तो तभी भी नही सूज पाया था जब पहली बार चुदवाई थी।
Nice update bro
 
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जय100

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Bhai update to mast tha. Lekhin ek iltaza hai. Shikayat bhi. Ek to update ka lamba intezar upper se update shuru hone se pehle hee khatam. Bhai update ka size badha do.
Bhai bas kuchh din or is wakt new job pakda hai kerla me or din me duty na karake night me kara rahe kunki din me qwarntin kiye hue hai police ke dar se isliye puri night jagane ke baad bada update nhi likh paa raha hu isliye koshish yahi rahti hai daily ek update de saku jnha day duty suru hui us din se bada update dunga abhi ke liye sorry
 

Mr.AK

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Bhai story to bahut badiya chal rhi hai
Aur updates bhi regular aa rhe hai, uske lie DhanyAwaad...
But bs ek cheez hai ki aap updates ko koi numbering dedo to ek order me aa jaaenge.
Aise thoda confusion Hota hai bina koi numbering ke. And good luck for this amazing story.
 
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