[०६] २५.०२.२०२१
जब मेरा वीर्य निकलना थम गया तब भी भाभी मेरे लिंग को चूस रही थी, कुछ वीर्य की बूँदें भाभी के ओठो के कोने से निकली हुई थी. मैंने भाभी के मखमली बालोको सहलाया...
"ओह्हो भाभी, इतना पसंद है तुम्हे लिंगपान !?"
पच सी आवाज़ करते हुए भाभी ने मेरा लिंग मुख से निकला और मुस्कराते हुए बोली
"हां विश्वास, मुझे बोहोत पसंद है लिंगपान और वीर्य की .taste. तुम्हारे साहब मुझे काम से काम दिन में २ बार चुसवाते है, और पिछले चार दिन में मुझे एक बार भी चूसने और चखने नहीं मिला, तो सोचो मेरा क्या हाल हुआ होगा"
"फिर भाभी आपको चूसते हुए सई (बेटी) ने कभी देखा होगा न ?" मैंने कौतुहल वश पूंछा ...
"हां देखा है... पहले उसे समझने में परेशानी हुई लेकिन बाद में सई भी अब सहज हो गई. अब तो मै उसके सामने इनका चुस्ती हु." यह बात सुनके मै दांग रह गया, भला कोई इतना दीवाना भी हो सकता है...खैर
"भाभी अब मेरी बारी, आप अब मुझे स्तनपान कराओ .please."
"हां देवरजी, आओ मै तुम्हे अपना दूध पिलादु...वैसे तुम्हारे वीर्य का .taste. मेरे पति के वीर्य की .taste. से ज़्यादा अच्छा है, मुझे बेहद पसंद आया, तो आजसे तुम हस्तमैथुन नहीं करोगे, ठीक है !" भाभी उठते हुए बोली
"हां भाभी अभी जब तक साहब नहीं आते तब तक तो ठीक है लेकिन उनके आने के बाद तो ये सब नहीं हो पायेगा न?" मैंने अधीर होक पूछा ...
"ओफ्फो विश्वास, तुम बेफिक्र रहो, देखो अब मै क्या करती हु, कल तुम्हे खुद मेरे पति .phone. करेंगे और तुम्हे विनती करेंगे की तुम मुझे लिंगपान कराओ, पहले तुम आश्चर्य जताना और मना कर देना, फिर उनके और ज़िद करनेपे मान जाना ठीक है !" भाभी एक चातुर्य भरी मुस्कान के साथ बोली.
"वाओ भाभी आप तो कमाल हो, रमेश बाबू आपके मुट्ठी में है तो!, खैर भाभी आप मझे अपना दूध पिलाइये न"...
भाभी दीवार को लग के बैठ गई उसने दाया स्तन वापस फीडिंग ब्रा के अंदर दाल दिया और बाये स्तन के निप्पल को एक हात से हलके से खींचा और दूसरे हाथ से फीडिंग ब्रा के कप को पीछे पुश किया ताकि सम्पूर्ण बाया स्तन बहार आ जाए. सायली भाभी के स्तन इतने बड़े है ये अब ...पहली बार मुझे पता चला, ओहोहोह बोहोत ही सुन्दर और बड़े बड़े स्तन है भाभी के, दोनों हातों में भी एक स्तन पूरी तरह नहीं समां पायेगा, और ख़ास बात तो उनके निप्पल में है, काफी बड़ा .areola. है भाभी का और खुद निप्पल भी काफी लम्बा है, भले भले लोग बच्चे बन जायेंगे भाभी के निप्पल को देख के.
फिर भाभी ने हातो से इशारा किया की मै अपना सर उनकी गोद में रख लेट जाऊ. मै तुरंत उनकी गोद में लेट गया और भाभी ने पहली दो उंगलियों के बीच में अपना निप्पल पकड़ा और मेरे मुख में वह लम्बा निप्पल दिया, और अंगूठे से वह स्तन के ऊपरी हिस्से को हलके हलके दबाने लगी,
मैंने इधर उनका वह मुलायम लम्बा निप्पल आपने मुँह में feel. किया और जीभ से निप्पल के चारो और से घुमाने लगा. फिर मैंने पूरा निप्पल areola. सहित जितना ले सकताथा उतना मुँह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगा, अंदर खींचने लगा. पहले तो दूध नहीं आया फिर कुछ ही पलमें दूध की धार मेरे गले पे महसूस हुई. आहहह मुहहहह पिचिक चक चूक ससस ...कितना मीठा दूध था भाभी का.
"हम्म्म ...अब मेरे बच्चे को दूध मिल रहा है ... हैना ...
हम्म्म होओओओओओ पीलो बेटा दूदू पिलो मम्मी का दूदू पिलो, औओओ" ऐसा कहते हुए भाभी मुझे स्तनपान कराने लगी और मै स्वर्ग सा एहसास कर रहा था. भाभी की इस तरह की बातों से तो मै और ज़्यादा उत्तेजित हो उठा. मैंने निप्पल चूसते हुए स्तन को एक हाथ से हलके से नीचे दबाया ताकि मै भाभी का चेहरा देख सकू...हां क्यों के भाभी के स्तन है ही इतने बड़े की अगर आप उनको चूस रहे हो और आप को भाभी ने गोद में लिया हुआ है तो आपको भाभी का चेहरा नहीं दिख पायेगा. तो जैसे ही मुझे भाभी का चेहरा दिखा तो मैंने पाया की भाभी के चेहरे पे मातृप्रेम बरस रहा है, स्तनपान का भरपूर आनंद भाभी को मिल रहा था और एक बोहोत हे मोहक भाव उनके आंखोमें दिखाई दे रहा था. मैंने हलके से भाभी के निप्पल को दांत लगाया...कटा नहीं, बस दांत से हलके से रगड़ा तो देखा के भाभी की आँखे ज़रासी बारीक़ से कर उनके ओठो से ससस सी आवाज़ आई. और भाभी ने मेरी और देखा, बोली
"देवरजी ज़रा धीरे चुसो न, दांत काहे लगा रहे हो..उहुउउ ..." मैंने एक पल के लिए भाभी का निप्पल मुँह से निकला और मै बोलै ... "भाभी आपका दूध तो बोहोत मीठा है और आपका निप्पल बेहद मुलायम, सोनू तो बोहोत लकी है जो रोज़ आपका निप्पल मुँह में रख के सो जाता है." ये सुन भाभी थोड़ा शरमाते हुए मुस्कराकर बोली ...
"इष् तो मेरे देवरजी को मेरा दूध पसंद है ....हां ! पियो अच्छे से पियो, बोहोत दूध हो चला है मेरे स्तनोंमें, आराम से पियो और हां ...तुम भी अब लकी हो, तुम भी मेरा निप्पल चूसते चूसते सो सकते हो."
मै मुँह में भाभी का स्तन लिए मुस्कराया और आँखे बंद कर दूध पीने लगा, फिर जब बाये स्तन का दूध ख़तम हुआ तो मैंने भाभी का दूसरा स्तन बहार निकालना चाहा; तो मुझसे वो हो न पाया क्यों की ब्रा में वह काफी टाइट था. फिर भाभी बोली,
"विश्वास रात के १२ हो गए है तुम यही सो जाओ ठीक है, आओ अंदर बैडरूम में चलो मै वह तुम्हे पिलाते पिलाते सुला दू."
"पर भाभी वहा तो बच्चे सो ..."
अरे हमारे बैडरूम में चारपाई नहीं है, सरे रूम में गद्दे बिछाये हुए है काफी जगह है, बच्चे सो रहे है, हम वही बगल में सोएंगे, तुम चिंता मत करो."
हम धीरे से रूम में गए और देखा बच्चे एक साइड में सो रहे है और हमारे लिए काफी जगह थी. फिर मैंने भाभी के कान में कहा, मै पैंट में नहीं सो सकता, लुंगी पहन आता हु घर से, तो भाभी ने मना किया और रमेश बाबू की एक लुंगी मुझे दी. मैंने वही चेंज कर लिया, और underwear. भी उतर लुंगी को लपेट लिया. फिर मै भाभी के बगल में लेट गया. भाभी ने आपने आप ही मुझे अपना दाया स्तन मुँह में दिया और झुक के कान में कहा,
"धीरे धीरे पीना और आवाज़ मत करना, वैसे बच्चे जग जाए तो कोई दिक्कत नहीं पर फिर मुझे सोनू को पिलाना पड़ेगा इसलिए बोल रही हु, ठीक है ?!" मैंने हां में सर हिलाया और मज़े से भाभी का निप्पल मुँह में ले उसके साथ खेलता और चुस्त रहा. रात में कब नींद लग गई मुझे पता ही नहीं चला ...