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Fantasy दुग्धाअनुबंध

Kya रमेश बाबू की बेटी ko involve karna aap logo ko pasand aayega?

  • Yes

    Votes: 1 33.3%
  • No

    Votes: 2 66.7%

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    3
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mashish

BHARAT
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218
[०२] - १५.०२.२०२१

उस दिन से, मैंने यह सुनिश्चित किया कि एक दिन मैं निश्चित रूप से सायली भाभी के स्तनों को चूसूंगा। तब मैं ध्यान दे रहा था कि हर दिन महादिक के घर में क्या चल रहा है, सूक्ष्म स्तर पर आतंरिक परिक्षण कर रहा था । और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा था कि किसी तरह मैं सायली भाभी के खुले स्तन, या कम से कम उनके निपल्स, तो देख पाउ। साथ ही साथ, मैं ऑफिस में अच्छा काम करके रमेश बाबू को प्रभावित कर रहा था, अपनी छवि उनकी नज़रूँ में और मज़बूत और नेक बनाने की कोशिश में लगा था। इस तरह मेरा रमेश बाबू के घर आना जाना भी बढ़ गया था। लगभग डेढ़ महीने इस तरह के छोटे और बड़े दृश्यों पर बिताए ... फिर एक दिन मैंने एक स्वर्गीय दृश्य देखा ...

गर्मिया शुरू हो गई थी, और उन् दिनो, सभी क्वार्टर वाले लोग ऊपरी मंज़िल पर जाना पसंद नहीं करते, क्योंकि ऊपरी बेडरूम और बरामदे की छत ढलान वाली होनेके कारण गर्मी बोहोत होती थी। इसी लिए गर्मियों में, सभी क्वार्टर में रहनेवाले लोग हॉल और रसोई में ही वास्तव्य किया करते है।

वोह एक सुहाना रविवार था। और जब से मुझे वह अद्भुत छेद उस दीवार में मिल गया था, मैंने मेरा बिस्तर उसी दीवार को सटके लगा दिया था। दोपहर हो चली थी, खाना खाके और पान सुट्टा मारके मैं आराम से बिस्तर पे लेटाहुआ था तभी मैंने कुछ सुना ...
"आह ... हम्म ... दीजिये ना ..." ऐसा ही कुछ ... मैं तुरंत अपने घुटनों पर बैठ गया और अपनी आँखें छेद पर रख दी ... बाँदा खल्लास ... मुझे ...मैंने जो देखा, उसे देखकर मैं चौंक गया, मेरा लिंग ताबड़तोड़ सीधा खड़ा हो गया, और ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे कि अगर मैंने मेरे लिंग को नहीं मनाया, तो वह फ़ौरन अपनी जगह से चलना शुरू कर ...हमेशा के लिए निकल जायेगा ... :)

मैंने रमेश बाबू को बिस्तर पर बैठे देखा, सायली भाभी नीचे फर्श पर पालथी मारके बैठी थी और मजेसे रमेश बाबू का लिंग चूस रही थी। .. अति सुन्दर ... कमरे में रोशनी नहीं होने के बावजूद, दृश्य देखने के लिए खिड़कियों और दरवाजों की दरारों से रोशनी आ रही थी जो काफी कुछ दिखा रही थी ... रमेश बाबू का एक हाथ सायली भाभी के रेशमी बालोको सेहला रहा था और दूसरे हाथ से वे मोबाइल पकडे उसमें कुछ देख रहे थे ... फिर थोड़ी देर बाद रमेश बाबू ने कहा..

"बेबी जरा धीरे चुसो न, तुम्हारे दांत लग रहे है , माना की दो दिन मैंने तुम्हे चूसने से माना किया था ...पर इसका मतलब ये तो नहीं की तुम मुझे चोट पोहूचाओ ...हां बेबी ...हम्म ...हम्म ऐसे ...ाहः आराम से चुसो बेबी"
ये सुनते ही भाभीने लिंगपान रोक दिया और आगे बढ़ आपने husband के कानोंमें कुछ कहा ...

मैं वह नहीं सुन सका… फिर उसने रमेश बाबू को हाथ से पकड़ लिया और उन्हें बड़े प्यार बिस्तर से नीचे खींच लिया.
फिर मैंने देखा की रमेश बाबू एक बाज़ू पे सो गए और भाभी उनके लिंग के पास खिसक के लेटे लेटे फिर से लिंगपान करने लगी ... और अब मुझे बस उन्दोनो के सर ही दिखाई दे रहे थे ... मैंने नीचे देखा तो पाया की मेरा वीर्यपतन हो चूका है और अभी भी मेरा लिंग सख्त है ... मैं थोड़ी देर तक उस छेद में देखता रहा ... लेकिन दृश्य में कुछ खास तबदीली नहीं आई।

लेकिन एक बात जो मैंने इससे सीखी, वह यह है कि ... सायली भाभी को लिंग चूसने की आदत है। खल्लास ... यह मेरे सपनों की सेक्सी परी थी जो प्रत्यक्ष रूपसे मेरे सामने अपनी लीलाये बिखेर रही थी ... बिलकुल वैसी ही पारी जैसी ...जैसा मैं चाहता था, मैंने सायली भाभी के सपने देखना शुरू कर दिया। मैं उसके स्तनों को अभी भी पूरी तरह से खुल्ला नहीं देख पाया था, मैं उन स्वर्गीय सुंदर, सेक्सी आकारके, स्तनों को, उन लंबे-लंबे निपल्स को चूसना चाहता था। सायली भाभी का दूध पीना चाहता था। लेकिन यह सब कैसे संभव हो सकता है ये समझ में नहीं आ रहा था। फिर मैंने उसके नाम की कल्पना की और मुठ मारना शुरू कर दिया ... दिन ऐसे ही बीत रहे थे ... और फिर वो खास दिन आ गया ...
hot update
 

mashish

BHARAT
8,032
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218
[०३] - १६.०२.२०२१
corona टीकाकरण के लिए, सरकार ने पहले चरण में बड़े शहरों में टीकाकरण अभियान चलाने का निर्णय लिया और इसके लिए, कई जिलों और तालुकों से सरकारी कर्मचारियों को बुलावा भेजा गया, जिसमें मुलशी तालुका से रमेश बाबू महादिक और 3 अन्य कर्मचारी शामिल थे। गौर करनेवाली बात यह थी कि इसमें मेरा नाम नहीं था। यह बात मुझे राजेशबाबू ने शनिवार को तालुका कार्यालय में बताई। और यह खबर बताते समय साहब बहुत दुखी प्रतीत हो रहे थे। उनकी अनुपस्थिति में, मैं कार्यालय का प्रभारी रहने वाला था। सभी निर्देश देने के बाद, साहब ने मुझे बताया ...
"विश्वास ... वास्तव में, मैंने बड़े साहब को पुणे में कॉल लगाई थी और मुझे पुणे केंद्र मिलेगा तो बेहतर होगा ऐसी प्रार्थना भी की ... लेकिन"
... साहब ने विराम लिया और मैं बोला ...
"लेकिन सर पुणे दूसरे चरण में आता है, है ना ...?"
"हाँ, यह वही जवाब है ... जो मुझे बड़े साहब से मिला है,... अब अगर मई एक महीने के लिए मुंबई जैसी जगह में बच्चों को साथ ले जाऊ तो... लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह corona के समय में उचित है।"
"हाँ साहब, बस बच्चों को साथ मत लजाईऐ; और वैसे भी,15 दिनों में उनका स्कूल शुरू हो जाएगा" मैंने समझाया ...
"बात तो ठीक ही है विश्वास ...तो तुम्हे घर के साथ-साथ दफ्तर पर भी ध्यान रखना होगा। और हाँ, सायली तुम्हारे लिए खाना बनाएगी, तो तुम सब साथ ही खाना खाना... ठीक है ..." साहब ने मुझे तनिक चिंतित स्वर में कहा.
मैं तो मन ही मन खुश हुआ जा रहा था ...

रविवार शाम को, साहेब के बंगले के सामने अम्बेसडर कार रुकी।
"अरे सुजय, प्रसाद, इन दोनों सूटकेस को डिक्की में रख दो, बाकी मेरी ये शबनम बैग ऊपर गाड़ी में छोड़ दो, और ड्राइविंग कौन कर रहा है भिसे?" साहब ने उन दोनों की ओर देखा और कहा ...
"हां सर, भिसे ही चला रहा है ..."
"चलो सामान रखकर सभी आ जाना, सब चाय पिएंगे और फिर चलेंगे ... जल्दी करो ..."
चाय खत्म हो गई, और साहेब निकल गए। इधर, सायली भाभी थोड़ी उदास लग रही थी, और बच्चे भी रोने लगे।

फिर मैंने सायली भाभी के साथ काफी देर तक गुप् शप लगाई, जिसमें सोनू अपने बाबा को याद करते हुए रोते रोते अपनी माँ के पास आता था। फिर आखिरकार सायली भाभी ने उसे गोद में उठा लिया और मुझसे कहा ...
"इसे पीला देती हु बोहोत देर से रो रहा है। पीते ही सो जायेगा।" और आश्चर्य यह था कि सायली भाभी बिलकुल बेफिक्र होकर पल्लू को सरका दी और उन्होंने मेरे सामने ब्लाउज के निचले 3 हुक हटा दिए। anticipation में मेरी छाती जोरोसे धड़क रही थी और फिर सायली भाभी का बायाँ स्तन बाहर आ गया था, बड़ा, भरा हुआ और ऐसा स्तन जो देखते ही मुँह में लेनेका मन करे। भाभी ने पहले दो उंगलियों में अपने निपल्स को पकड़ लिया और अंगूठे से स्तनों पर हल्का दबाव डालना शुरू कर दिया।

जब यह सब चल रहा था, उसका ध्यान सोनू पर था और मेरा ध्यान उनके सेक्सी निप्पल पर था, तब भी जब सोनू ने चूसना शुरू किया, तब भी ज्यादातर areola खुला हुआ था। मैं इसे विस्मय से देख रहा था, तभी भाभी ने कहा
"विश्वास जी ... क्या देख रहे हो ... जब कोई बच्चा भोजन कर रहा है तो ऐसे देखना नहीं चाहिए ..."
"आ..नो नहीं नहीं , आई ऍम सॉरी भाभी ..."
"ठीक है, इसे पीला के फिर हम खाना खा लेंगे ठीक है ... जब तक आप tv देख लीजिये।" सायली भाभी ने कहा।

मैं उठा और हॉल में गया, और जब मई चलने लगा था तब भाभी ने मेरी पैंट में बना तम्बू देखलिया शायद ... लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। थोड़ी देर बाद हम सबने खाना खाया। सईं, साहेब की बेटी, उसे मैंने एक बच्चोंवाली कहानी सुनाई और फिर मैंने सायली भाभी को अलविदा कह दिया और रात को मैं अपने क्वार्टर में आ गया। सयाली का वह खूबसूरत निप्पल रात में मेरी आँखों के सामने आता रहा और मैं अपनी कल्पना में उस निप्पल को सहलाता, चुस्त रहा।
awesome update
 

mashish

BHARAT
8,032
25,909
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[०४] - १७.०२.२०२१

कुछ दिन ऐसे ही बीते, मैं ऑफिस के काम में बढ़ोत्तरी के कारण थोड़ा थका हुआ महसूस कर रहा था, ठीक चौथे दिन रात के खाने के बाद, सायली भाभी ने मुझे रुकने के लिए कहा ... भाभी ने कहा, "मैं सईं को सुला के आती हु, आप रुकिए, सोनू तो सो ही गया है।" बाद में जब भाभी हॉल में आई ... वह मेरे सामने कुर्सी पर बैठी और मुझसे बोली,
"विश्वासजी , मुझे तुमसे मदद चाहिए, क्या तुम मदद करोगे?"
"अरे भाभी आप सिर्फ ऑर्डर कीजिये"
"देखो, विश्वास, यह मेरे जीवन में कभी नहीं हुआ, मेरे पति हमेशा मेरे साथ रहे है, और कभी जाना भी पड़ा तो वे २ दिन से ज़्यादा समय कभी दूर नहीं रहे ... यह पहली बार है जब वह इतने दिनों से दूर है।"
"अरे भाभी इसमें क्या है, रात में आपको डर लगरहा हो तो बताइये... मै इधर सोने आजाऊंगा..." मैंने ज़रा चिंतित स्वर में भाभी से कहा.
"कोई डर नहीं लगता है ... आ...ओ ... अभी ... ऐसे देखो ..." भाभी बहुत संकोच के साथ बात कर रही थी
"भाभी कृपया मैं आपके लिए एक छोटे भाई की तरह हूं, मुझसे खुलकर बात करें"

"ठीक है बता ..बताती हु ... विश्वास ... मेरे पति की वजह से मुझे एक बुरी आदत ..या कहो ...लत लगी हुई है ... और अब , क्यों के मेरे पति मेरे साथ नहीं है, मेरे लिए ये समय बोहोत ज़्यादा कठिन हो गया है ..., मैं दो दिनों से अच्छी तरह से सो नहीं पायि हूँ "
"हाँ ... भला ऐसी क्या आदत है ये भाभी ?" मुझे अंदाज़ा था की भाभी किस आदत की बात कर रही है ...पर मुझे नहीं पता चलने देना था सायली भाभीको की मैंने छेद से देखा है, इसलिए मैंने बड़े ही भोले अंदाज़ से पूंछा.
"विश्वास... कृपया इस बात को आप और मेरे बीच ही रहने देना .please. ...?"
"भगवन कसम भाभी आपके और मेरे बीच ही रहेगी ...आप भरोसा रखे और मुझे बताये ..."

"मुझे रमेश बाबू का लिंग चूसने की आदत है ..." सयाली वाहिनी ने यह कहा और उसने अपना चेहरा जमीन की ओर कर दिया ... मैंने उसके होंठों को थोड़ा कांपते देखा ... फिर उसने मेरी तरफ देखा और मैंने उसके आंखोमें आँसू देखे. आँखें ... मैं ... खल्लास ... यह महिला गंभीर रूप से व्यसनी थी और बोहोत ज़्यादा .cute. और सेक्सी लग रही थी उस समय ...

"हां तो भाभी... इसमें कुछ भी गलत नहीं है ... आप क्यों रो रही हैं?" ऐसा कहते हुए मैं अपनी कुर्सी से उठ गया और भाभी के बगल में खड़ा हो गया जहाँ वह बैठी थी और मैं नीचे झुक गया और अपनी जेब में रखे रूमाल से भाभी की आँखें पोंछने लगा ...उसने पहले मुझे आंखें पोंछने दी और फिर मेरा हाथ पकड़ कर ऊपर देखा और मुझे बोली ...
"विश्वास ... जब तक रमेश बाबू नहीं आ जाते क्या तुम मुझे तुम्हारा ... ली ...लिंगपान कराओगे .please.?!।"

अब मेरा लिंग खड़ा होने लगा था ... और जैसे .position. में मैं खड़ा था और भाभी बैठी थी, वह स्थिति एकदम सही थी, भाभी की नज़रें मेरी पैंट में दिख रही उभरी पर लगी हुई थीं ... फिर उसने मुझे कुछ भोले , सवालिया नज़र से देखा
"हाँ, भाभी मैं तुम्हें मेरा लिंग जरूर चूसने दूंगा उतनी देर जितनी देर तुम चाहो ... लेकिन मेरा भी एक निवेदन है ... मैं भी तुम्हारा स्तनपान करना चाहता हूँ, अगर तुम बुरा न मानो तो ..."

"हम्मम .. ठीक है"
यह कहते हुए, सायली भाभी ने मेरी पैंट की चेन खींच कर मेरा लिंग बाहर निकाल दिया।
"वाह तुम्हारा लिंग कितना मस्त है ... मैंने अपनी ज़िंदगी में पहले कभी गोरा लिंग नहीं देखा था और उस पर तुम्हारा लिंग कितना गुलाबी चोंच वाला है ..." ऐसा कहते हुए सायली भाभीने मेरा लिंग अपने मुँह में ले लिया और मेरे लिंग को मुँह में लेकर चूसने लगी, ठीक उसी तरह जैसे दूध पीता बच्चा अपनी माँ के निप्पल को चूसता है ...

उसने अपना मुँह स्थिर रखा, केवल वह अपनी जीभ से लिंग के सिरे से खेल रही थी और बीच-बीच में चूस रही थी। ऐसा करते हुए, समय-समय पर, उसके चूसने से पुचुक sss पुच… पक्क्क पचू… जैसी आवाज आ रही थी।

"आह ... भाभी ... तुम कितनी अच्छी तरह चूस रही हो ... आआहह ... वाओ ..." मैंने कहा ... वह बहुत अच्छा चूस रही थी ... और वह जो पोर्न वीडियोस में blowjob करते है यह वैसा बिलकुल नहीं था ... यह चूसने की विधि से स्पष्ट था कि वह मेरी खुशी के लिए नहीं बल्कि अपनी खुशी के लिए चुसराहि है। बहुत प्यारा, बहुत अद्भुत । यह ऊपर से दिखाई दे रहा था ... लगभग 2-3 मिनट हुए होंगे ... सयाली ने मेरे लिंग को अपने मुँह से निकाला और मुझे कहा
"इधर नीचे बैठो... या दरी पर लेट जाओ ... मैं लेटे लेटे चूसना चाहती हु... और हाँ ... क्या तुम्हें मेरा चूसना पसंद आया?"
"मुझे यह बहुत पसंद आया है भाभी, मैं अब रमेश बाबू से ईर्ष्या करने लगा हूं" मैंने कहा और फर्श पर पड़े हुए दरी पर लेट गया।
very hot update
 

mashish

BHARAT
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[०५] २२.०२.२०२१

जैसे ही मई दरी पे लेट गया , भाभी ने मेरे सर के नीचे एक तकिया दिया और वह सामने ...मेरे बगल में बैठ गई. मेरा लिंग बोहोत ही खिला खिला लग रहा था, मेरी फोरस्किन ज़रा लम्बी है और रंग में वोह गुलाबी है ...भाभी के चुसनेसे मेरा लिंग काफी तन गया था और भाभी की लारसे वह पूरा गीला हो गया था. इससे पहले की भाभी मेरे लिंग को फिर चुस्ती मैंने कहा ...
"भाभी प्लीज मुझे आपके स्तन चूसने दीजिये न ..."
"अभी रुको विश्वास मुझे अभी और बेचैनी हो रही है , मेरा जी नहीं भरा ...मुझे लिंगपान करना ज़रूरी है तुम्हारा वीर्य पीलू फिर तुम्हे स्तनपान कराउंगी. धीरज रखो ...."
"ठीक है भाभी पर काम से काम आप स्तनों को बहार तो निकालो ...जी भर देख लूंगा जब तक के आप लिंगपान करोगी." मैंने आपने लिंग को ज़रा पीछे की और खींचते हुआ भाभी को कहा ...
" ओफ्फो विश्वास कितना सताते हो तुम ...क्या कभी स्तन देखे नहीं जो इस तरह पेश आरहे हो " ऐसा कहते हुए भाभी ने ब्लाउज उतर दी और उनकी फीडिंग ब्रा के दोनों कप्स की चैन खोल दोनों स्तनों के निप्पल बहार निकले ...बोहोत ही अद्भुत नज़ारा था ...फिर वह एक साइड में हो के लेट गई और मेरे लिंग को मुहमें ले चूसने लगी ...

मुझे तो बोहोत ही मज़ा आ रहा था, किन्तु मै बेचैन भी हो रहा था क्यों के भाभी के स्तन मै ठीक से देख नहीं पारहा था, फिर मैंने आपने हाथ बढ़के उन स्तनों को छूनेकी कोशिश भी की पर भाभी काफी नीचे की और सोई हुई थी सो मै नहीं छू पाया.
"ओफ्फो भाभी, मै तो आपके स्तनों को छू तक नहीं पा रहा ..." ये सुन भाभी ने मुझे ज़रा ग़ुस्से से देखा और बोली
"विश्वास ...अब मै जैसा बोलू वैसा करो ...उठो और इस दिवार तो अपनी पीठ लगाके, पैर लम्बे करके बैठ जाओ ..." मैंने वैसे ही किया , फिर भाभी मेरी गोद में आपने सर रख के मेरी तरफ फेस करते हुए लेट गई, उसने आपने स्तन ठीकसे खुल्ले किये और बोली,
"अब ठीक है न ...अब खेलो मेरे स्तनों से, और प्लीज अब मुझे बिना डिस्टर्ब किये चूसने दो ...ठीक है ...?"
मै तो उनके उन्नत स्तनों को देख के खो सा गया था , मेरी लार टपकने लगी थी ...इधर भाभी ने मेरा लिंग अब मुहमें ले लिया था और वह मजेसे चूस रही थी, बिलकुल हलके हलके. मैंने एक बार उनकी और देखा तो पाया की मेरे लिंग का सूपड़ा उन्होंने उनके एक गाल में रखा है ...एक तरफ और वह मुझे देख, मुँह में लिंग रखे हलके से मुस्करा रही थी. फिर उन्होंने हाथ बढ़ाके मेरे होटों के कोनोसे रिज़ति लार को ऊँगली से पोंछा. बेहद मोहक लग रही थी वोह.

अब भाभी ने काफी अच्छे से मेरे लिंग को चूसना शुरू किया, चुसनेकी आवाज़े भी तेज़ हो गयी थी.
"भाभी ... , मै झड़ने वाला हु, ...आह ...हम्म्म्म " तभी भाभी ने मेरे लिंग को मुँह से छोड़ दिया ...और मुस्कुराके बोली ...
"ओह हो देवरजी इतनी भी क्या जलधि ...मुझे मज़ा तो लेने दो इस हैंडसम लिंग का ...मुझे पता था के होगा इसीलिए मै आपने स्तन ढके हुए थी अब तक ...अब जब ये आपकी आँखों के सामने है, आप तो चुटकी में झड़ जाओगे ..."
"कोई नहीं भाभी मुझे प्लीज एक बार झड़ने दीजिये, अब नहीं रहा जाता , आपको मै उसके बाद फिर चूसने दूंगा "
"सच ...फिर तो बोहोत मज़ा आएगा देवरजी ...थैंक यू ...तो ठीक है ...अब मै चूसूंगी तो सारा वीर्य मेरे मुहमें दे देना, मुझे वीर्य पीना बोहोत भाता है..." ऐसा कहके भाभी ने फिर मेरा लिंग मुहमें ले लिया, मै मन में बोलै ...रमेश बाबू आप धन्य है ...आपने इस औरत को सेक्स की देवी बना दिया. भाभी ने आँखे बंद कर ली और वोह मुस्कुराते हुए मेरे लिंग को अंदर खींचने लगी, उसके ओंठो के कोने से लार की झाग सा बनने लगा , ओहोहोह ...वाओ ...क्या गज़ब का अहसास था वोह. लग रहा था, समय यही रुक जाये और भाभी इसीतरह मुझे चुस्ती रहे ...

मैंने भाभी के लम्बे चोकलइटी निप्पल को उंगलियों में पकड़ के हलके से खींचना शुरू किया , चौथी बार में ही दूध की धार निकल गई ...वोह देख के मै उत्तेजना के चरम पे बस पोहोच ही गया था और फिर भाभी ने पुचुक पच चच से आवाज़ की और बस मै उनके मुहमें झड़ने लगा ...भाभी ने आँखे खोली और वोह और जोरसे मेरे लिंग को पूरीतरह मुँह में लेके चूसने लगी ...मेरी आंखोमें देखते हुए भाभी ने मेरा सारा वीर्य पीलिया.

सबकुछ इतना स्वर्गीय था ...की मै लगभग ३ मिनट तक वीर्य की पिचकारियां भाभी के मुहमें मरता रहा , इतना तो कभी मेरा वीर्य नहीं निकला था , ओहोहोह लाजवाब
good update
 

mashish

BHARAT
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[०६] २५.०२.२०२१

जब मेरा वीर्य निकलना थम गया तब भी भाभी मेरे लिंग को चूस रही थी, कुछ वीर्य की बूँदें भाभी के ओठो के कोने से निकली हुई थी. मैंने भाभी के मखमली बालोको सहलाया...
"ओह्हो भाभी, इतना पसंद है तुम्हे लिंगपान !?"
पच सी आवाज़ करते हुए भाभी ने मेरा लिंग मुख से निकला और मुस्कराते हुए बोली
"हां विश्वास, मुझे बोहोत पसंद है लिंगपान और वीर्य की .taste. तुम्हारे साहब मुझे काम से काम दिन में २ बार चुसवाते है, और पिछले चार दिन में मुझे एक बार भी चूसने और चखने नहीं मिला, तो सोचो मेरा क्या हाल हुआ होगा"

"फिर भाभी आपको चूसते हुए सई (बेटी) ने कभी देखा होगा न ?" मैंने कौतुहल वश पूंछा ...
"हां देखा है... पहले उसे समझने में परेशानी हुई लेकिन बाद में सई भी अब सहज हो गई. अब तो मै उसके सामने इनका चुस्ती हु." यह बात सुनके मै दांग रह गया, भला कोई इतना दीवाना भी हो सकता है...खैर
"भाभी अब मेरी बारी, आप अब मुझे स्तनपान कराओ .please."
"हां देवरजी, आओ मै तुम्हे अपना दूध पिलादु...वैसे तुम्हारे वीर्य का .taste. मेरे पति के वीर्य की .taste. से ज़्यादा अच्छा है, मुझे बेहद पसंद आया, तो आजसे तुम हस्तमैथुन नहीं करोगे, ठीक है !" भाभी उठते हुए बोली
"हां भाभी अभी जब तक साहब नहीं आते तब तक तो ठीक है लेकिन उनके आने के बाद तो ये सब नहीं हो पायेगा न?" मैंने अधीर होक पूछा ...

"ओफ्फो विश्वास, तुम बेफिक्र रहो, देखो अब मै क्या करती हु, कल तुम्हे खुद मेरे पति .phone. करेंगे और तुम्हे विनती करेंगे की तुम मुझे लिंगपान कराओ, पहले तुम आश्चर्य जताना और मना कर देना, फिर उनके और ज़िद करनेपे मान जाना ठीक है !" भाभी एक चातुर्य भरी मुस्कान के साथ बोली.
"वाओ भाभी आप तो कमाल हो, रमेश बाबू आपके मुट्ठी में है तो!, खैर भाभी आप मझे अपना दूध पिलाइये न"...

भाभी दीवार को लग के बैठ गई उसने दाया स्तन वापस फीडिंग ब्रा के अंदर दाल दिया और बाये स्तन के निप्पल को एक हात से हलके से खींचा और दूसरे हाथ से फीडिंग ब्रा के कप को पीछे पुश किया ताकि सम्पूर्ण बाया स्तन बहार आ जाए. सायली भाभी के स्तन इतने बड़े है ये अब ...पहली बार मुझे पता चला, ओहोहोह बोहोत ही सुन्दर और बड़े बड़े स्तन है भाभी के, दोनों हातों में भी एक स्तन पूरी तरह नहीं समां पायेगा, और ख़ास बात तो उनके निप्पल में है, काफी बड़ा .areola. है भाभी का और खुद निप्पल भी काफी लम्बा है, भले भले लोग बच्चे बन जायेंगे भाभी के निप्पल को देख के.

फिर भाभी ने हातो से इशारा किया की मै अपना सर उनकी गोद में रख लेट जाऊ. मै तुरंत उनकी गोद में लेट गया और भाभी ने पहली दो उंगलियों के बीच में अपना निप्पल पकड़ा और मेरे मुख में वह लम्बा निप्पल दिया, और अंगूठे से वह स्तन के ऊपरी हिस्से को हलके हलके दबाने लगी,

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मैंने इधर उनका वह मुलायम लम्बा निप्पल आपने मुँह में feel. किया और जीभ से निप्पल के चारो और से घुमाने लगा. फिर मैंने पूरा निप्पल areola. सहित जितना ले सकताथा उतना मुँह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगा, अंदर खींचने लगा. पहले तो दूध नहीं आया फिर कुछ ही पलमें दूध की धार मेरे गले पे महसूस हुई. आहहह मुहहहह पिचिक चक चूक ससस ...कितना मीठा दूध था भाभी का.

"हम्म्म ...अब मेरे बच्चे को दूध मिल रहा है ... हैना ...:) हम्म्म होओओओओओ पीलो बेटा दूदू पिलो मम्मी का दूदू पिलो, औओओ" ऐसा कहते हुए भाभी मुझे स्तनपान कराने लगी और मै स्वर्ग सा एहसास कर रहा था. भाभी की इस तरह की बातों से तो मै और ज़्यादा उत्तेजित हो उठा. मैंने निप्पल चूसते हुए स्तन को एक हाथ से हलके से नीचे दबाया ताकि मै भाभी का चेहरा देख सकू...हां क्यों के भाभी के स्तन है ही इतने बड़े की अगर आप उनको चूस रहे हो और आप को भाभी ने गोद में लिया हुआ है तो आपको भाभी का चेहरा नहीं दिख पायेगा. तो जैसे ही मुझे भाभी का चेहरा दिखा तो मैंने पाया की भाभी के चेहरे पे मातृप्रेम बरस रहा है, स्तनपान का भरपूर आनंद भाभी को मिल रहा था और एक बोहोत हे मोहक भाव उनके आंखोमें दिखाई दे रहा था. मैंने हलके से भाभी के निप्पल को दांत लगाया...कटा नहीं, बस दांत से हलके से रगड़ा तो देखा के भाभी की आँखे ज़रासी बारीक़ से कर उनके ओठो से ससस सी आवाज़ आई. और भाभी ने मेरी और देखा, बोली

"देवरजी ज़रा धीरे चुसो न, दांत काहे लगा रहे हो..उहुउउ ..." मैंने एक पल के लिए भाभी का निप्पल मुँह से निकला और मै बोलै ... "भाभी आपका दूध तो बोहोत मीठा है और आपका निप्पल बेहद मुलायम, सोनू तो बोहोत लकी है जो रोज़ आपका निप्पल मुँह में रख के सो जाता है." ये सुन भाभी थोड़ा शरमाते हुए मुस्कराकर बोली ...
"इष् तो मेरे देवरजी को मेरा दूध पसंद है ....हां ! पियो अच्छे से पियो, बोहोत दूध हो चला है मेरे स्तनोंमें, आराम से पियो और हां ...तुम भी अब लकी हो, तुम भी मेरा निप्पल चूसते चूसते सो सकते हो."

मै मुँह में भाभी का स्तन लिए मुस्कराया और आँखे बंद कर दूध पीने लगा, फिर जब बाये स्तन का दूध ख़तम हुआ तो मैंने भाभी का दूसरा स्तन बहार निकालना चाहा; तो मुझसे वो हो न पाया क्यों की ब्रा में वह काफी टाइट था. फिर भाभी बोली,
"विश्वास रात के १२ हो गए है तुम यही सो जाओ ठीक है, आओ अंदर बैडरूम में चलो मै वह तुम्हे पिलाते पिलाते सुला दू."
"पर भाभी वहा तो बच्चे सो ..."
अरे हमारे बैडरूम में चारपाई नहीं है, सरे रूम में गद्दे बिछाये हुए है काफी जगह है, बच्चे सो रहे है, हम वही बगल में सोएंगे, तुम चिंता मत करो."

हम धीरे से रूम में गए और देखा बच्चे एक साइड में सो रहे है और हमारे लिए काफी जगह थी. फिर मैंने भाभी के कान में कहा, मै पैंट में नहीं सो सकता, लुंगी पहन आता हु घर से, तो भाभी ने मना किया और रमेश बाबू की एक लुंगी मुझे दी. मैंने वही चेंज कर लिया, और underwear. भी उतर लुंगी को लपेट लिया. फिर मै भाभी के बगल में लेट गया. भाभी ने आपने आप ही मुझे अपना दाया स्तन मुँह में दिया और झुक के कान में कहा,
"धीरे धीरे पीना और आवाज़ मत करना, वैसे बच्चे जग जाए तो कोई दिक्कत नहीं पर फिर मुझे सोनू को पिलाना पड़ेगा इसलिए बोल रही हु, ठीक है ?!" मैंने हां में सर हिलाया और मज़े से भाभी का निप्पल मुँह में ले उसके साथ खेलता और चुस्त रहा. रात में कब नींद लग गई मुझे पता ही नहीं चला ...
hot update
 

Killerpanditji(pandit)

Well-Known Member
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258
[०६] २५.०२.२०२१

जब मेरा वीर्य निकलना थम गया तब भी भाभी मेरे लिंग को चूस रही थी, कुछ वीर्य की बूँदें भाभी के ओठो के कोने से निकली हुई थी. मैंने भाभी के मखमली बालोको सहलाया...
"ओह्हो भाभी, इतना पसंद है तुम्हे लिंगपान !?"
पच सी आवाज़ करते हुए भाभी ने मेरा लिंग मुख से निकला और मुस्कराते हुए बोली
"हां विश्वास, मुझे बोहोत पसंद है लिंगपान और वीर्य की .taste. तुम्हारे साहब मुझे काम से काम दिन में २ बार चुसवाते है, और पिछले चार दिन में मुझे एक बार भी चूसने और चखने नहीं मिला, तो सोचो मेरा क्या हाल हुआ होगा"

"फिर भाभी आपको चूसते हुए सई (बेटी) ने कभी देखा होगा न ?" मैंने कौतुहल वश पूंछा ...
"हां देखा है... पहले उसे समझने में परेशानी हुई लेकिन बाद में सई भी अब सहज हो गई. अब तो मै उसके सामने इनका चुस्ती हु." यह बात सुनके मै दांग रह गया, भला कोई इतना दीवाना भी हो सकता है...खैर
"भाभी अब मेरी बारी, आप अब मुझे स्तनपान कराओ .please."
"हां देवरजी, आओ मै तुम्हे अपना दूध पिलादु...वैसे तुम्हारे वीर्य का .taste. मेरे पति के वीर्य की .taste. से ज़्यादा अच्छा है, मुझे बेहद पसंद आया, तो आजसे तुम हस्तमैथुन नहीं करोगे, ठीक है !" भाभी उठते हुए बोली
"हां भाभी अभी जब तक साहब नहीं आते तब तक तो ठीक है लेकिन उनके आने के बाद तो ये सब नहीं हो पायेगा न?" मैंने अधीर होक पूछा ...

"ओफ्फो विश्वास, तुम बेफिक्र रहो, देखो अब मै क्या करती हु, कल तुम्हे खुद मेरे पति .phone. करेंगे और तुम्हे विनती करेंगे की तुम मुझे लिंगपान कराओ, पहले तुम आश्चर्य जताना और मना कर देना, फिर उनके और ज़िद करनेपे मान जाना ठीक है !" भाभी एक चातुर्य भरी मुस्कान के साथ बोली.
"वाओ भाभी आप तो कमाल हो, रमेश बाबू आपके मुट्ठी में है तो!, खैर भाभी आप मझे अपना दूध पिलाइये न"...

भाभी दीवार को लग के बैठ गई उसने दाया स्तन वापस फीडिंग ब्रा के अंदर दाल दिया और बाये स्तन के निप्पल को एक हात से हलके से खींचा और दूसरे हाथ से फीडिंग ब्रा के कप को पीछे पुश किया ताकि सम्पूर्ण बाया स्तन बहार आ जाए. सायली भाभी के स्तन इतने बड़े है ये अब ...पहली बार मुझे पता चला, ओहोहोह बोहोत ही सुन्दर और बड़े बड़े स्तन है भाभी के, दोनों हातों में भी एक स्तन पूरी तरह नहीं समां पायेगा, और ख़ास बात तो उनके निप्पल में है, काफी बड़ा .areola. है भाभी का और खुद निप्पल भी काफी लम्बा है, भले भले लोग बच्चे बन जायेंगे भाभी के निप्पल को देख के.

फिर भाभी ने हातो से इशारा किया की मै अपना सर उनकी गोद में रख लेट जाऊ. मै तुरंत उनकी गोद में लेट गया और भाभी ने पहली दो उंगलियों के बीच में अपना निप्पल पकड़ा और मेरे मुख में वह लम्बा निप्पल दिया, और अंगूठे से वह स्तन के ऊपरी हिस्से को हलके हलके दबाने लगी,

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मैंने इधर उनका वह मुलायम लम्बा निप्पल आपने मुँह में feel. किया और जीभ से निप्पल के चारो और से घुमाने लगा. फिर मैंने पूरा निप्पल areola. सहित जितना ले सकताथा उतना मुँह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगा, अंदर खींचने लगा. पहले तो दूध नहीं आया फिर कुछ ही पलमें दूध की धार मेरे गले पे महसूस हुई. आहहह मुहहहह पिचिक चक चूक ससस ...कितना मीठा दूध था भाभी का.

"हम्म्म ...अब मेरे बच्चे को दूध मिल रहा है ... हैना ...:) हम्म्म होओओओओओ पीलो बेटा दूदू पिलो मम्मी का दूदू पिलो, औओओ" ऐसा कहते हुए भाभी मुझे स्तनपान कराने लगी और मै स्वर्ग सा एहसास कर रहा था. भाभी की इस तरह की बातों से तो मै और ज़्यादा उत्तेजित हो उठा. मैंने निप्पल चूसते हुए स्तन को एक हाथ से हलके से नीचे दबाया ताकि मै भाभी का चेहरा देख सकू...हां क्यों के भाभी के स्तन है ही इतने बड़े की अगर आप उनको चूस रहे हो और आप को भाभी ने गोद में लिया हुआ है तो आपको भाभी का चेहरा नहीं दिख पायेगा. तो जैसे ही मुझे भाभी का चेहरा दिखा तो मैंने पाया की भाभी के चेहरे पे मातृप्रेम बरस रहा है, स्तनपान का भरपूर आनंद भाभी को मिल रहा था और एक बोहोत हे मोहक भाव उनके आंखोमें दिखाई दे रहा था. मैंने हलके से भाभी के निप्पल को दांत लगाया...कटा नहीं, बस दांत से हलके से रगड़ा तो देखा के भाभी की आँखे ज़रासी बारीक़ से कर उनके ओठो से ससस सी आवाज़ आई. और भाभी ने मेरी और देखा, बोली

"देवरजी ज़रा धीरे चुसो न, दांत काहे लगा रहे हो..उहुउउ ..." मैंने एक पल के लिए भाभी का निप्पल मुँह से निकला और मै बोलै ... "भाभी आपका दूध तो बोहोत मीठा है और आपका निप्पल बेहद मुलायम, सोनू तो बोहोत लकी है जो रोज़ आपका निप्पल मुँह में रख के सो जाता है." ये सुन भाभी थोड़ा शरमाते हुए मुस्कराकर बोली ...
"इष् तो मेरे देवरजी को मेरा दूध पसंद है ....हां ! पियो अच्छे से पियो, बोहोत दूध हो चला है मेरे स्तनोंमें, आराम से पियो और हां ...तुम भी अब लकी हो, तुम भी मेरा निप्पल चूसते चूसते सो सकते हो."

मै मुँह में भाभी का स्तन लिए मुस्कराया और आँखे बंद कर दूध पीने लगा, फिर जब बाये स्तन का दूध ख़तम हुआ तो मैंने भाभी का दूसरा स्तन बहार निकालना चाहा; तो मुझसे वो हो न पाया क्यों की ब्रा में वह काफी टाइट था. फिर भाभी बोली,
"विश्वास रात के १२ हो गए है तुम यही सो जाओ ठीक है, आओ अंदर बैडरूम में चलो मै वह तुम्हे पिलाते पिलाते सुला दू."
"पर भाभी वहा तो बच्चे सो ..."
अरे हमारे बैडरूम में चारपाई नहीं है, सरे रूम में गद्दे बिछाये हुए है काफी जगह है, बच्चे सो रहे है, हम वही बगल में सोएंगे, तुम चिंता मत करो."

हम धीरे से रूम में गए और देखा बच्चे एक साइड में सो रहे है और हमारे लिए काफी जगह थी. फिर मैंने भाभी के कान में कहा, मै पैंट में नहीं सो सकता, लुंगी पहन आता हु घर से, तो भाभी ने मना किया और रमेश बाबू की एक लुंगी मुझे दी. मैंने वही चेंज कर लिया, और underwear. भी उतर लुंगी को लपेट लिया. फिर मै भाभी के बगल में लेट गया. भाभी ने आपने आप ही मुझे अपना दाया स्तन मुँह में दिया और झुक के कान में कहा,
"धीरे धीरे पीना और आवाज़ मत करना, वैसे बच्चे जग जाए तो कोई दिक्कत नहीं पर फिर मुझे सोनू को पिलाना पड़ेगा इसलिए बोल रही हु, ठीक है ?!" मैंने हां में सर हिलाया और मज़े से भाभी का निप्पल मुँह में ले उसके साथ खेलता और चुस्त रहा. रात में कब नींद लग गई मुझे पता ही नहीं चला ...
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Naik

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[०६] २५.०२.२०२१

जब मेरा वीर्य निकलना थम गया तब भी भाभी मेरे लिंग को चूस रही थी, कुछ वीर्य की बूँदें भाभी के ओठो के कोने से निकली हुई थी. मैंने भाभी के मखमली बालोको सहलाया...
"ओह्हो भाभी, इतना पसंद है तुम्हे लिंगपान !?"
पच सी आवाज़ करते हुए भाभी ने मेरा लिंग मुख से निकला और मुस्कराते हुए बोली
"हां विश्वास, मुझे बोहोत पसंद है लिंगपान और वीर्य की .taste. तुम्हारे साहब मुझे काम से काम दिन में २ बार चुसवाते है, और पिछले चार दिन में मुझे एक बार भी चूसने और चखने नहीं मिला, तो सोचो मेरा क्या हाल हुआ होगा"

"फिर भाभी आपको चूसते हुए सई (बेटी) ने कभी देखा होगा न ?" मैंने कौतुहल वश पूंछा ...
"हां देखा है... पहले उसे समझने में परेशानी हुई लेकिन बाद में सई भी अब सहज हो गई. अब तो मै उसके सामने इनका चुस्ती हु." यह बात सुनके मै दांग रह गया, भला कोई इतना दीवाना भी हो सकता है...खैर
"भाभी अब मेरी बारी, आप अब मुझे स्तनपान कराओ .please."
"हां देवरजी, आओ मै तुम्हे अपना दूध पिलादु...वैसे तुम्हारे वीर्य का .taste. मेरे पति के वीर्य की .taste. से ज़्यादा अच्छा है, मुझे बेहद पसंद आया, तो आजसे तुम हस्तमैथुन नहीं करोगे, ठीक है !" भाभी उठते हुए बोली
"हां भाभी अभी जब तक साहब नहीं आते तब तक तो ठीक है लेकिन उनके आने के बाद तो ये सब नहीं हो पायेगा न?" मैंने अधीर होक पूछा ...

"ओफ्फो विश्वास, तुम बेफिक्र रहो, देखो अब मै क्या करती हु, कल तुम्हे खुद मेरे पति .phone. करेंगे और तुम्हे विनती करेंगे की तुम मुझे लिंगपान कराओ, पहले तुम आश्चर्य जताना और मना कर देना, फिर उनके और ज़िद करनेपे मान जाना ठीक है !" भाभी एक चातुर्य भरी मुस्कान के साथ बोली.
"वाओ भाभी आप तो कमाल हो, रमेश बाबू आपके मुट्ठी में है तो!, खैर भाभी आप मझे अपना दूध पिलाइये न"...

भाभी दीवार को लग के बैठ गई उसने दाया स्तन वापस फीडिंग ब्रा के अंदर दाल दिया और बाये स्तन के निप्पल को एक हात से हलके से खींचा और दूसरे हाथ से फीडिंग ब्रा के कप को पीछे पुश किया ताकि सम्पूर्ण बाया स्तन बहार आ जाए. सायली भाभी के स्तन इतने बड़े है ये अब ...पहली बार मुझे पता चला, ओहोहोह बोहोत ही सुन्दर और बड़े बड़े स्तन है भाभी के, दोनों हातों में भी एक स्तन पूरी तरह नहीं समां पायेगा, और ख़ास बात तो उनके निप्पल में है, काफी बड़ा .areola. है भाभी का और खुद निप्पल भी काफी लम्बा है, भले भले लोग बच्चे बन जायेंगे भाभी के निप्पल को देख के.

फिर भाभी ने हातो से इशारा किया की मै अपना सर उनकी गोद में रख लेट जाऊ. मै तुरंत उनकी गोद में लेट गया और भाभी ने पहली दो उंगलियों के बीच में अपना निप्पल पकड़ा और मेरे मुख में वह लम्बा निप्पल दिया, और अंगूठे से वह स्तन के ऊपरी हिस्से को हलके हलके दबाने लगी,

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मैंने इधर उनका वह मुलायम लम्बा निप्पल आपने मुँह में feel. किया और जीभ से निप्पल के चारो और से घुमाने लगा. फिर मैंने पूरा निप्पल areola. सहित जितना ले सकताथा उतना मुँह में ले लिया और अच्छे से चूसने लगा, अंदर खींचने लगा. पहले तो दूध नहीं आया फिर कुछ ही पलमें दूध की धार मेरे गले पे महसूस हुई. आहहह मुहहहह पिचिक चक चूक ससस ...कितना मीठा दूध था भाभी का.

"हम्म्म ...अब मेरे बच्चे को दूध मिल रहा है ... हैना ...:) हम्म्म होओओओओओ पीलो बेटा दूदू पिलो मम्मी का दूदू पिलो, औओओ" ऐसा कहते हुए भाभी मुझे स्तनपान कराने लगी और मै स्वर्ग सा एहसास कर रहा था. भाभी की इस तरह की बातों से तो मै और ज़्यादा उत्तेजित हो उठा. मैंने निप्पल चूसते हुए स्तन को एक हाथ से हलके से नीचे दबाया ताकि मै भाभी का चेहरा देख सकू...हां क्यों के भाभी के स्तन है ही इतने बड़े की अगर आप उनको चूस रहे हो और आप को भाभी ने गोद में लिया हुआ है तो आपको भाभी का चेहरा नहीं दिख पायेगा. तो जैसे ही मुझे भाभी का चेहरा दिखा तो मैंने पाया की भाभी के चेहरे पे मातृप्रेम बरस रहा है, स्तनपान का भरपूर आनंद भाभी को मिल रहा था और एक बोहोत हे मोहक भाव उनके आंखोमें दिखाई दे रहा था. मैंने हलके से भाभी के निप्पल को दांत लगाया...कटा नहीं, बस दांत से हलके से रगड़ा तो देखा के भाभी की आँखे ज़रासी बारीक़ से कर उनके ओठो से ससस सी आवाज़ आई. और भाभी ने मेरी और देखा, बोली

"देवरजी ज़रा धीरे चुसो न, दांत काहे लगा रहे हो..उहुउउ ..." मैंने एक पल के लिए भाभी का निप्पल मुँह से निकला और मै बोलै ... "भाभी आपका दूध तो बोहोत मीठा है और आपका निप्पल बेहद मुलायम, सोनू तो बोहोत लकी है जो रोज़ आपका निप्पल मुँह में रख के सो जाता है." ये सुन भाभी थोड़ा शरमाते हुए मुस्कराकर बोली ...
"इष् तो मेरे देवरजी को मेरा दूध पसंद है ....हां ! पियो अच्छे से पियो, बोहोत दूध हो चला है मेरे स्तनोंमें, आराम से पियो और हां ...तुम भी अब लकी हो, तुम भी मेरा निप्पल चूसते चूसते सो सकते हो."

मै मुँह में भाभी का स्तन लिए मुस्कराया और आँखे बंद कर दूध पीने लगा, फिर जब बाये स्तन का दूध ख़तम हुआ तो मैंने भाभी का दूसरा स्तन बहार निकालना चाहा; तो मुझसे वो हो न पाया क्यों की ब्रा में वह काफी टाइट था. फिर भाभी बोली,
"विश्वास रात के १२ हो गए है तुम यही सो जाओ ठीक है, आओ अंदर बैडरूम में चलो मै वह तुम्हे पिलाते पिलाते सुला दू."
"पर भाभी वहा तो बच्चे सो ..."
अरे हमारे बैडरूम में चारपाई नहीं है, सरे रूम में गद्दे बिछाये हुए है काफी जगह है, बच्चे सो रहे है, हम वही बगल में सोएंगे, तुम चिंता मत करो."

हम धीरे से रूम में गए और देखा बच्चे एक साइड में सो रहे है और हमारे लिए काफी जगह थी. फिर मैंने भाभी के कान में कहा, मै पैंट में नहीं सो सकता, लुंगी पहन आता हु घर से, तो भाभी ने मना किया और रमेश बाबू की एक लुंगी मुझे दी. मैंने वही चेंज कर लिया, और underwear. भी उतर लुंगी को लपेट लिया. फिर मै भाभी के बगल में लेट गया. भाभी ने आपने आप ही मुझे अपना दाया स्तन मुँह में दिया और झुक के कान में कहा,
"धीरे धीरे पीना और आवाज़ मत करना, वैसे बच्चे जग जाए तो कोई दिक्कत नहीं पर फिर मुझे सोनू को पिलाना पड़ेगा इसलिए बोल रही हु, ठीक है ?!" मैंने हां में सर हिलाया और मज़े से भाभी का निप्पल मुँह में ले उसके साथ खेलता और चुस्त रहा. रात में कब नींद लग गई मुझे पता ही नहीं चला ...
Shaandaar update bhai bahot zaberdast
 
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