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Adultery दूधवाला और मेरी पत्नी

malikarman

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दुधवाला और मेरी पत्नी भाग-4

मै शर्म से दोहरी हुई थी प्रवीण ने पीछे से जकड लिया

प्रवीण हाये जानेमन तुमने तो पुरी बिजली गिरा दी, काका के रोम रोम खडे हो गये होगे, सच जब तेरी यह गांड मरेगा तु मस्त हो जायेगी

कोमल छी तुम भी
मगर प्रवीण के मुंह से काका से चुदने की बात सुनकर मेरे रोम- रोम खडे हो चुके थे

कोमल छी ऐसी बात ना करो तुम्हारी पत्नी हूँ मै, यह शरीर तुम्हारा है

प्रवीण और यह मस्त बडी गांड

कोमल वो भी तुम्हारी है केवल तुम्हारी, और तुम्ही ही इसके मालिक तुम्हारे अलावा इसे कोई कैसे छु सकता है

प्रवीण अच्छा तो यह बता इसका असली मालिक कौन तु या मै इतना कहते हुये प्रवीण ने अपनी बीच वाली उंगली मेरी गांड के छेद पर रखकर ढकेल दी
पहली बार किसी की उंगली मेरी गांड मे घुसी थी मेरी दर्द से कहार उठी


कोमल जी आप जी आप

प्रवीण क्या आप कुत्तिया पुरा बोल सही से

कोमल मै समझ गई प्रवीण क्या चहाता है वो चोदते वक्त भी गंदे-गंदे शब्दो से बाते करता है जी जी वो मेरी बुर गांड सबके मालिक आप हो

प्रवीण तो मालिक चाहे अपना समान किसी को दो या ना दे तु कौन होती है बोलने वाली

प्रवीण गांड से तेजी से अपनी उंगली अंदर बाहर कर रहा था

कोमल जी जी वो तो है मालिक आप ही है

प्रवीण तो तेरा मालिक चाहता है कि दो तीन महीने के लिए हम घर से बाहार आये तो थोडा लुप्त लिया जाये, और घर गभिन हो कर लौटे यह कुत्तिया

कोमल की बुर इतना सुनते ही पानी छोड चुकी थी, और प्रवीण का दूसरा हाथ बुर सहला रहा है, तभी दूसरे हाथ की ऊँगली बुर के अंदर समा गई खडे खडे ही प्रवीण के दोनो हाथ की उंगली कोमल के दोनो छेदो मे अपना काम कर रही थी कोमल गर्मा गई

प्रवीण चल तैयार हो जा, नास्ता कर आज बाजार चलते है पता चले आस पास के लोगो को उनके बीच एक गर्मायी कुक्तिया आ गई है

कोमल सिसकते हुये हाये जी आप मालिक है इस कुत्तिया के आप जहाँ कहोगे कुत्तिया मुजबुर है आपनी टांगे फैलाने को
इसी के साथ ढेर सारा पानी छोड दिया कोमल की बुर ने
20210321-191613
Bahut din ke baad update
Lekin shandar update ji
 
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Kakaji147

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दूधवाला और मेरी पत्नी भाग-1

कोमल की शादी को हुए एक साल हो गया था।
पति पत्नी ने अभी तक बच्चे के बारे में नहीं सोचा था।

कोमल रंग से गोरी और कामुक बदन की मालकिन थी।

उसकी उभरी हुई मोटे मुम्में 36डी के साइज की थीं। उसकी चूचियों को हर कोई प्यासी नजरों से घूरकर देखता था। मगर वो हर किसी पर इतना ध्यान नहीं देती थी।

कोमल शादी के बाद अपने पति के साथ बहुत खुश थी। उसके पति का बहुत अच्छा बिज़नेस था जिसकी वजह से उसको कभी कुछ कमी महसूस नहीं हुई।

शुरुआत में तो सब अच्छा था, उसका पति उसकी बहुत चुदाई करता था। पूरी रात पति का लण्ड कोमल की नाजुक चूत में किसी मोटे खीरे की तरह घुसा रहता था।

मगर शादी के कुछ समय बाद उसके ऊपर घर का काम देखने की जिम्मेदारी आ गयी थी और उसकी ननद अपने बच्चों के साथ वहाँ रहने आ गयी थी।
परिवार के सब लोग वहाँ रहने लगे थे जिसकी वजह से वो दोनों अब चुदाई का मज़ा नहीं ले पाते थे।

वह चुदने के लिए हमेशा प्यासी रहने लगी थी।
उसके पति रात को उसकी चूत में अपना पानी निकाल कर सो जाते थे मगर वो अपनी प्यासी चूत को अपनी नर्म चिकनी जांघों के बीच में दबाये गुस्से में लेटी रहती थी बिस्तर पर।

उसने कई बार अपने पति से शिकायत भी की लेकिन उनकी स्थिति भी वो समझ सकती थी।
उसकी हालत ऐसी थी कि सामने खाने की थाली रखी हुई है मगर वो उसको खा नहीं सकती।

एक बार डिनर करने के बाद रात को दोनों पति-पत्नी इसी बारे में बातें कर रहे थे।
पति ने कोमल को पीछे से बांहों में लेते हुए बोला- कैसी हो मेरी जानेमन?

कोमल- कैसी होऊंगी … और आप प्यार तो ऐसे जता रहे हो जैसे पता नहीं कितनी परवाह होगी आपको मेरी … हुँह!
प्रवीण- मेरी जान … क्यूँ इतना नाराज़ होती हो, तुझे पता है ना जब तुम मुंह फुला कर रहती हो तो मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता।

कोमल- अच्छा, आज समझ आया आपको कि मैं नाराज़ हूं? वाह वाह!
प्रवीण ने पीछे से कोमल को अपने सीने से चिपका लिया और प्यार से चुम्बन लेते हुए उसने मनाने लगा।

प्रवीण- मेरी जान … गुस्सा मत करो, मैंने कुछ नया प्लान किया है। कुछ दिन बाद हम खूब मस्ती और जी भरकर चुदाई कर सकेंगे।
कोमल- सच में?

प्रवीण- हां मेरी रानी सच में … अब हम दोनों पुणे से शिफ्ट होकर अहमदाबाद जाने वाले हैं, वहाँ नयी कम्पनी शुरू करनी है। वहाँ नया घर लेंगे और तब हमें कोई डिस्टर्ब करने वाला भी नहीं होगा।

इतना कहने के बाद प्रवीण ने अपने दोनों हाथ बीवी की मस्त उन्नत उठी हुई चूचियों पर रख दिए और आहिस्ता-आहिस्ता दोनों चूचियों को नाइटी के ऊपर से सहलाने लगा।

कोमल अपने हाथ भी अपने पति के हाथों पर रख कर मज़ा लेती हुई बोलने लगी- उम्म्म … सच में कितना मज़ा आयेगा ना जान … तब तो हम कभी भी मस्ती कर सकेंगे।

प्रवीण- हां मेरी जान … बस कुछ दिन की बात है, फिर तेरी ये गोल गोल गोरी चूचियां हमेशा मेरे हाथो में रहेंगी और जहाँ चाहे इनको मसलूंगा। हम बहुत तरह प्रयोग करेंगे चुदाई में!

कोमल- कैसे प्रयोग? मुझे तो बताओ कुछ!
बोलते हुए कोमल ने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर अपने पति का लण्ड लोअर के उपर से ही पकड़ लिया और सहलाने लगी।

प्रवीण भी एक हाथ पल्लवी की नाइटी में अंदर घुसाकर उसकी एक चूची को कसकर दबाने लगा।
फिर दूसरे हाथ को उसकी कमर वाले नाजुक हिस्से पर घुमाने लगा।

प्रवीण- मेरी जान .. तब तो बेडरूम, रसोई, बाथरूम, बालकनी और छत … सब जगह तुझे नंगी करके चोदने का मज़ा लिया जाएगा।
कोमल – उम्म्म्म … सब जगह चोदोगे … लेकिन बालकनी और छत पर तो कोई देख लगा ना हमें? ना बाबा ना … मुझे डर लगता है कोई ऐसे देखेगा तो!

फिर प्रवीण ने कहा- क्यों डर लगेगा मेरी जान … हम पति-पत्नी हैं। अपने घर में कैसे भी चुदाई कर सकते हैं ना! कोई देखेगा तो अच्छा है … उसका भी लण्ड खड़ा हो जायेगा।

कोमल- अच्छा और आपको बुरा नहीं लगेगा कोई जब आपकी पत्नी को ऐसे नंगी चुदाई करते हुए देखेगा तो?
प्रवीण- क्यों बुरा लगना इसमें? वहाँ हमें कोई जानने वाला नहीं होगा और मेरी पत्नी की मस्त चूचियाँ और गाण्ड देखने का अवसर उनको भी तो मिलना चाहिए।

कोमल शर्म से लाल होने लगी और पहली बार अपने पति के अलावा किसी अनजान मर्द के सामने नंगी होने की बात सोचकर ना चाहते हुए भी नीचे अपनी चूत में अजीब सी हलचल महसूस करने लगी।
Niccce
 
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दुधवाला और मेरी पत्नी भाग-5

कोमल प्रवीण के लाये कपडे पहन कर नीचे आई स्कर्ट टॉप मे कयामत लग रही थी शीशा इसकी गवाही दे रहा था वो चीख चीख कर कह रहा था इतना मस्त माल इस कॉलोनी मे होना मुश्किल है और इनका वश चला तो यह कॉलोनी वाले इस मस्त माल को चखेगे ही, वैसे मैने ऐसी ड्रेस कभी पहनी भी नही और ससुराल मे रहते मुझ पतिवत्रा नारी के लिए यह स्वप्न ही था मगर यह कोई ना जान पहचान वाला ना कोई रिश्तेदार नातेदार तो मुझे भी भय नही था ऊपर से पति आज्ञा तो जाहिर था मुझ जैसी को बल मिला कि यह ड्रेस मे पहन लू

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नीचे आई तो पति ने मुझे देखते हुये
प्रवीण क्या गजब माल लग रही हो

कोमल सब सही है मगर गला काफी खुला है ऐसे कैसे बाजार चलेंगे

प्रवीण रही ना तुम पिछड़ी के पिछड़ी यार आज कल का यह फैशन है तुम कब फैशन करना सीखोगी फिर कहा ना कितनी बार हम यहाँ कुछ दिनो के लिये आये है तो मजा करे फिर तुम्हे उसी बोर दुनिया मे लौटना है जहाँ चार साल से बच्चे ना होने के ताने सुन रही हो कितनी कोशिश की डॉक्टर भी परखनली विधि से लेकर मेरे शुक्राणु तक कितने बार कोशिश की सब हार, कितनी बार कहाँ है कि मेरे छे इंची लंड से बच्चा भूल जाओ तुम्हारी योनी बहुत गहरी है इसमे कई जुटेगे तब कुछ हो पायेगा



कोमल छी तुम कैसी गंदी बाते करने लगे हो और मुझे भी गंदा बना दिया है मै तुम्हारे अलावा किसी और के बारे मे सोच भी नही सकती

प्रवीण यार तुम्हे किसने कहा है कि मुझे भुल जाओ यार हम हमेशा एक थे एक है एक रहेंगे, तुम आज भी मेरी बीबी हो और कल रंडी की तरह चुदोगी तब भी मेरी बीबी रहोगी, हम यह सब बच्चे के लिए कर रहे है और यह नैतिक रूप से गलत नही यदि यह गलत है

तो मै यह गलती करूगा, यहाँ तुम्हे चुदना है जितने मिले उतनो से शाम तक तुम्हारे दोनों छेदो से पानी टमकता मिले

कोमल हाये छी इतना गंदा मत सोचे मुझे डर लगता है

प्रवीण अभी तुम्हारे ड्रेस मे एक कमी है

कोमल क्या

प्रवीण नीचे झुक जाता है मेरी ड्रेस इतनी छोटी थी कि मेरे छुटनो तक नही आ रही थी प्रवीण ने उसे उठाया और मेरी पेन्टी की खिसका कर नीचे कर दिया

कोमल अरे यह क्या कर रहे है हम ऐसे कैसे जायेंगे

प्रवीण ऐसे ही जायेगे

कोमल हाये जी यहाँ ना करे मै पुरे बाजार मे नंगी कैसे घुमुगी

प्रवीण क्यो ड्रेस तो तुम पहनी हो ही फिर हर कोई तुम्हारी ड्रेस तो उठा कर नही देखेगा

कोमल और यदि किसी ने उठा के देख लिया

प्रवीण तो उस साहसी को इनाम मिल जायेगा, चलो यार मजे लो चिता ना करो कोई नही जान पायेगा तुम नंगी हो

और प्रवीण मुझे लगभग घसीटता हुआ बाहर ले आया और बुलट पर बैठ गया मै उसके पीछे बैठ गई
जब हम हाईवे पर थे तो देखा मेरे पड़ोसी रमेश सुरेश ठीक मेरे पीछे आ रहे है वो बार बार मेरे तरफ देख मुस्का रहे है कारण यह था बुलट की तेजी मे हवा का झोका मेरी छोटी ड्रेस उठा देता मै कितना दबाती मगर पीछे से ऊठ जाता जिससे मेरी नंगी गांड उन्हे दिखाई दे जाती

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तभी मैंने प्रवीण

कोमल अजी थोडा गाड़ी धीरे कर ले मै ड्रेस सम्भाल नही पा रही

प्रवीण क्यो क्या हुआ

कोमल रमेश सुरेश जो अपने पड़ोसी है मुझे छत से रोज घुरते है वो पीछे है और हवा मे पीछे से मेरी ड्रेस ऊठ रही है वो शायद मेरे नंगे चुतड़ ताड रहे है

प्रवीण तुम हो रही इतनी सुंदर देखने की चीज है तो लोग देखेगे
तभी रमेश सुरेश स्पेलेडर पर थे वो पास आये

रमेश नमस्कार प्रवीण भैया कहाँ जा रहे है, आज भाभी बडी सुंदर लग रही है

प्रवीण बस आज इतवार था छुट्टी थी तो तुम्हारी भाभी को शॉपिंग कराने जा रहा हूँ बहुत दिनो से बोल रही है मौका ही नही मिलता, तुम लोग घर आकर कभी आपनी भाभी र्क मदद कर दिया करो बड़ा एहसान होगा

सरेश अरे भैया इसमें क्या जब भाभी को जरूरत हो बोल दे हम भाभी का काम कर देगे

यह कहते हुये सुरेश पैट के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा मै शर्म से दोहरी हो गई

तभी अचानक प्रवीण ने स्पीड बढा दी अचानक बड़ स्पीड से मेरे ड्रेस कमर तक नंगी हो गई मै हडाबड़ा कर ड्रेस नीचे की मगर जिसे देखना था उन्होने देख लिया

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मेरे गोरे चुतड़ो को पुर्ण नंगा देख उनकी आँखे चमक आई मैंने जब पीछे देखा तो रमेश सुरेश दोनी सीने पर हाथ रख दिये

मै मन ही मन सोचने लगी कैसा हरामी मर्द मिला है मुझे नंगा ही नही घुमा रहा बल्कि लोगो को बोल रहा है कि आओ उसकी बीबी को चोद लो ऐसी हरामी मर्द की औरते दिन रात दूसरे चोदेगे ही जब तुम खुद भंडारा खोल रहे है तो लोग खायेगे ही

रमेश भाभी जब चाहो जैसा चाहो काम बताना ये देवर दौडे दौडे सरा काम चुटकी मे निपटा देगे मगर इनाम भी लेगे भाभी इनाम मे क्या दोगी

तभी प्रवीण ने गाड़ी और तेज कर दी मैंने भी इस बार ड्रेस नही सम्भाला बल्कि चुतड उचका दिये
अबकि नाजारा देख दोनो का हलक सुख गया


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मेरी गांड के साथ बिना बाल वाली गोरी बुर उनके सामने जो थी
 

Deeply

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दूधवाला और मेरी पत्नी भाग-6

जल्दी ही हम बाईपास के सहारे हाईवे से नीचे उतर लीये जबकि रमेश सुरेश हाईवे की तरफ बढ गये मॅने राहत की सांस ली अब हम भीड़ मे थे तो प्रवीण ने रफ्तार कम कर ली तो मैंने भी ड्रेंस ढंग से चुतडो के नीचे दबा ली जिससे वो उठे ना
दोपहर का समय था मुझे स्डैल लेनी थी तो हमे प्रवीण एक दुकान मे गये तो पाया दुकान ने एक लड़का था पता चला सब खाने गये है एक घंटे बाद आयेंगे

प्रवीण भाई देखो हमारी मेमसाहब को स्डैल दिखाओ वो झट से दस पंद्रह डिब्बे ले आया और मुझे एक छोटे स्टूल पर बैठा दिया उसने पाच दस डब्बे खोल डाले जिसमे गुलाबी रंग की स्टोन लगी स्डैल मुझे अच्छी लगी मैने उससे स्डैल मांगी तो वो उसकी तारीफ कर मुझे पकड़ा दी दाम भी 1400 लगाया जो सही लगा ब्रांड सही था मैने कहा सही फिट आयेगी तो उसने तुंरत वो सडैल हाथ मे लेके मेरी एक टांग उठा कर पहनाने लगा मगर वो छोटी निकली और कसी थी

कोमल भैया यह बहुत कसी है

लड़का हॉ मैडम आपकी बहुत कसी है मतलब आपके पैर की स्डैल बहुत कसी आयेगी आपका पैर बहुत कोमल और छोटे जो है
फिर वो दूसरी स्डैल पहनाने लगा मगर उसकी आँखो मे होते लाल डोरे अजीब लगे जब मैंने उसकी आँखों का पीछा किया तो बाप रे वो मेरी ड्रेस के अंदर झांक रहा था साफ था उसे मेरी चुनमुनिया के दर्शन हो रहे थे

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मेरे लिए अजबी धक्का था पहली बार आज कोई गैर आदमी मेरे नंगे बदन का दर्शन कर रहा था वो भी एक दिन मे रमेश सुरेश के बाद यह तीसरा था लड़का लग रहा था आज जैसे भरे बाजार मे नंगी हो रही हूँ, प्रवीण यह सब जान वा देख रहे था मगर वो बुरा मानने के बजाये मजे ले रहा था

प्रवीण अच्छी लगी मेमसाहब

लड़का थूक गटकते हुये जी

प्रवीण तो हमारी मेमसाहब को सही से अच्छी अच्छी स्डैल दिखाओ

वो अब मेरे पैर जादा उठा के स्डैल पहनाने लगा जिससे मेरी बुर की पुत्तिया खुल गई वो मदहोश सा होने लगा अचानक उसने मेरे पैर पजामे के ऊपर जाघो के बीच रख दिया और झड़ने लगा उसके मोटे लम्बे लंड का एहसास से मेरी बुर ने भी पानी छोड दिया जब उसने पैर हटाया तो उसका पजामा भीग चुका था तो वही उसके वीर्य का गीलापन मेरे तलवो को भी भीग चुका था मेरे तलवो पर लगा चिपचिपा प्रदार्थ अजीब सा लगा तो मैने तलवो को वही कालीन पर रगड़ साफ किया

प्रवीण होता है भाई इस कम उम्र मे जब हसीन अप्सरा सी सामने बैठी हो जाओ पजामा बदल लो

वो उठ गया बगल वाले रूम मे चला गया

प्रवीण देखा तुम्हारा हुस्न कितना कातिल है बेचारा बैठे बैठे झड गया

कोमल छी यह तुम्हारी ही करतूत है यदि पैंटी ना निकालते तो आज मै सबके सामने नंगी ना होती

प्रवीण तो तुम्हारा क्या बिगड़ गया क्या तुम्हे अच्छा नही लगा देखों तुम्हारी बुर ने कैसे पानी छोडा है बेचारे की कुर्सी वाला कपड़ा कैसे भीग गया है और तुम्हारे ड्रेस भी

कोमल मगर गैर मर्द के सामने

प्रवीण कौन गैर मर्द गैर मर्द मेरे अलावा सब गैर मर्द है तो नारी क्या एक खुटे मे बंधे रहे क्या पुरुषो की तरह उसका जीवन नही है क्या दो बीत्ते अंग से किसी नारी के चरित्रवान की परिभाषा गढी जायेगी, क्या तुम किसी दूसरे के चुदने से चरित्रवान नही रहोगी या मेरी पत्नी नही रहोगी तुम मेरी पत्नी तब भी रहोगी, थूकता हूँ उस समाज पर जो नारी के दो बीत्ते अंग से उसके चरित्रवान होने का अनुमान लगाता है

कोमल सच मेरा पति कितना विचारवान है वो दोनों पहलू को भली भाँती तोलता है

प्रवीण कोमल विवाह कमजोर मर्दो के लिए बना है क्योकि हर स्त्री की इच्छा मोटे लंबे लंडो से चुदने की होती है कमजोर मर्द हमेशा सैक्स के लिए तरसता रहे तभी समाज ने यह नियम बनाया जिससे कमजोर मर्द भी इस संसार मे रह पाये तभी इसे पुरुष प्रधान समाज कहा गया, स्त्री समाज को इसने हमेशा दबाया जिससे वो कभी खुल कर ना जी पाये, जिस दिन समाज स्त्री प्रधान हो गया आधे मर्द केवल अपना लंड पकड़े मुठ्ठ मारेंगे

कोमल हाये जी मै आपकी यह बडी बडी बात नही समझती मुझे पेशाब लगी है जोरो की

तभी वो लड़का आ गया इस समय वो तहमद और बनियान मे था


प्रवीण अरे आ गये चलो सही रहा तुम आ गये
 

Deeply

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दूधवाला और मेरी पत्नी भाग -7


प्रवीण अरे आ गये चलो सही रहा तुम जल्दी आ गये

लड़का मुझे देख मुस्काते बोला जी

प्रवीण हमारी मेमसाहब को जोरो की पेशाब लगी है तो तुम मैडम को पेशाब वाला रास्ता दिखा दो

लड़का अचकाते हुये क्या साहब

प्रवीण मेरा मतलब कि मैडम को पेशाब करने वाला रास्ता दिखा दो उन्हे जोरो से पेशाब लगी

कोमल जल्दी करो मुझे तेजी से लगी है

लड़का वो बगल वाला कमरा है वही है

कोमल मै तेजी से उस ओर लपकी मगर यह क्या यह तो जैनटस अर्थात् मर्दो वाला पेशाब घर है मै तुरंत लौटी तो वो कुछ बतला रहे थे उस लड़के से

कोमल जी वो तो मर्दो वाला है मै कैसे करू

प्रवीण ने लड़के की तरफ देखा

लड़का साहब यहाँ तो सब मर्द है कभी जरूरत ही महसूस नही हुई मगर आप चाहे तो मैडम को उठा कर करवा सकते है

कोमल हॉ तब चलो प्रवीण मुझे बहुत जोरो की लगी है

प्रवीण अरे कोमल क्या बात करती हो मै तुम्हे ना उठा पाऊंगा इतनी ताकत नही यदि तु गिर गिरा जाओ तो और मुसीबत,

कोमल कहाँ कमजोर है आप इतनी ताकत तो है

प्रवीण अच्छा तो रात को क्यो कहती है तुम कमजोर हो बस दो धक्के मार पाते हो मै प्यासी रह जाती हूँ

कोमल हाये दईया कैसी बात करते हो सबके सामने

लड़का गर्म हो चुका था हमारी बाते सुनकर तभी तो उसका लंड तहमद मे एकदम खडा फुंकार मार रहा था इससे साफ पता चलता था हरामी तहमद के नीचे कुछ नही पहना है

लड़का साहब आप कहो तो मै मेमसाहब को पेशाब कर दूँ

प्रवीण ने मेरी तरफ देखा

कोमल जो करो जल्दी करो मुझे दर्द हो रहा है पेशाब रोकने से

लड़का तो ठीक है चलो मेमसाहब

मुझे वो जेन्टटस पेशाब घर मे ले गया मैने झट से कमर तक ड्रेस उठा ली

https://ibb.co/T1VnZwF
ANUJSINGH-COLLECTION04

लड़का मेरे हुस्न भारी गोल गांड को देखकर पुरा ताव मे था उसके तहमद के उठे हुये हिस्से पर गीलापन उभर आया था उसने गांड को किस करते हुये मेरे घुटनो को पकड़ हवा मे कर जाँघे को फैला दिया जिससे मेरी बुर सीधे पेशाब करने वाली जगह ठीक ऊपर उठी थी


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कोमल इस तरह से कही तुम्हारा तहमद गीला ना हो जाये

लड़का जी मेमसाहब आप सच कहती है

पीछे प्रवीण खड़ा था उसने झट से लड़के का तहमद खोल दिया

प्रवीण मेमसाहब को पेशाब कराने के बाद पहन लेना वरना गीला हो जायेगा

ऐसा करते है उसे लड़के का साढे सात इंच लंड और मेरे पति से दुगना मोटा लंड ठीक मेरी बुर के छेद पर ठोकर मारने लगा ठोकर पड़ते ही मै और वो लड़का दोनो सिसक उठे

लड़का मैडम करे पेशाब

कोमल झुझलाते हुये अपना मूसल बुर पर चाप रखा है और कहते हो कि पेशाब करो, बुर के मुंह पर लंड की खुशबु है तो बेचारी पेशाब कैसे करेगी

लड़का अब इसमे लंड का भी क्या दोष बुर मुंह चिआरे सामने हो तो लंड खडा ना होगा तो वो लंड क्या

प्रवीण सामने आकर नीचे बैठा

प्रवीण देख कितना बडा मोटा लंड है कोमल इसे कहते है असली मर्द और उसके चुतड़ो पर थपकी देने लगा
प्रवीण का लंड आगे की ओर किया और छोड दिया वो फिर से एक झटके से चोट मारते हुये फिर बुर के छेद पर आ डटा प्रवीण ने चार पाँच बार वही दोहराया जो लंड फिर अपने स्थान पर चोट मारते हुये आ जाता हर चोट के साथ मेरी सिसकी टॉयलेट मे गूँज उठती मॅ गर्मा चुकी थी बुर लासा छोड़ने लगी और पेशाब भी अब महसूस नही हो रही थी

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प्रवीण ने लंड जड से पकड़ दाये बांये किया मगर बेरहम बुर की पुक्तियो को रगड़ते हुये वापस छेद पर आ टिका

प्रवीण कोई रास्ता नही समझ आ रहा कोमल अब ये झडे तभी हटेगा रास्ते से वरना ठीका रहेगा

तभी आचनक मै लड़के की बाँह से फिसली और तेज चीख गूंज उठी टायलेट मे एक चौथाई लंड बुर मे था

तभी प्रवीण खुशी से चहक उठा
प्रवीण बिलकुल सही यही एक मात्र रास्ता बचा है कोमल

तभी लड़के ने एक और जोरदार धक्का दिया आधा लंड बुर मे समा गया
मै दर्द से तडप उठी

कोमल हाये छोड मुझे नही मूतना हाये प्रवीण उतार दो वरना मे मर जाऊंगी

तभी लड़के ने ढील छोड दी मे सरसराते हुये लड़ पर बैठती चली गई लड़के ने तब पकड़ा तब पुरा लंड बुर मे समा गया मॅ टॉयलेट की दीवार पकडे चीख उठी

उधर प्रवीण भी पैट उतारे लंड मुठिया रहा था


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प्रवीण देखा लंड ऐसा होता है मेरी देख ये नुनी कभी तेरा भला ना कर पाती, छोटी नुनी केवल मूतने के लिये होती है ये कभी चोद कर औरत को सुख नही दे पाती, यदि स्त्री प्रधान समाज होता तो छोटी नुनी वालो को विकलांग की श्रेणी मे दर्जा दिया जाता, असल मै लंड से विकलांग हुँ इसका खडा होना या ना होना बराबर है,

उधर लड़का खडे खडे मुझे थामे धक्के मार रहा था
जल्द दर्द सिसकियो मे बदल गई

लड़का सही कहा साहब तुम जैसो को भले इतनी सुदर बीबी मिल जाये मगर जादा दिन साथ ना देगी, वो दूसरो से चुदवायेगी ही चुदवायेगी या तुम उसे चुदवा दो तो सही कदम होगा

और ऐसी मस्त गर्म रांड को तो कईयो से चुदवाना पड़ेगा तब जाकर गर्भ ठहराती है साहब

और उसने रफ्तार बड़ा दी जल्द ही लड़का कोमल की बुर मे ढेर सारा वीर्य छोड दिया

जैसे ही लड़के ने लंड निकाला कोमल की बुर से वीर्य के साथ पेशाब की धार निकल पड़ी
 

Rekhaji

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दूधवाला और मेरी पत्नी भाग -7


प्रवीण अरे आ गये चलो सही रहा तुम जल्दी आ गये

लड़का मुझे देख मुस्काते बोला जी

प्रवीण हमारी मेमसाहब को जोरो की पेशाब लगी है तो तुम मैडम को पेशाब वाला रास्ता दिखा दो

लड़का अचकाते हुये क्या साहब

प्रवीण मेरा मतलब कि मैडम को पेशाब करने वाला रास्ता दिखा दो उन्हे जोरो से पेशाब लगी

कोमल जल्दी करो मुझे तेजी से लगी है

लड़का वो बगल वाला कमरा है वही है

कोमल मै तेजी से उस ओर लपकी मगर यह क्या यह तो जैनटस अर्थात् मर्दो वाला पेशाब घर है मै तुरंत लौटी तो वो कुछ बतला रहे थे उस लड़के से

कोमल जी वो तो मर्दो वाला है मै कैसे करू

प्रवीण ने लड़के की तरफ देखा

लड़का साहब यहाँ तो सब मर्द है कभी जरूरत ही महसूस नही हुई मगर आप चाहे तो मैडम को उठा कर करवा सकते है

कोमल हॉ तब चलो प्रवीण मुझे बहुत जोरो की लगी है

प्रवीण अरे कोमल क्या बात करती हो मै तुम्हे ना उठा पाऊंगा इतनी ताकत नही यदि तु गिर गिरा जाओ तो और मुसीबत,

कोमल कहाँ कमजोर है आप इतनी ताकत तो है

प्रवीण अच्छा तो रात को क्यो कहती है तुम कमजोर हो बस दो धक्के मार पाते हो मै प्यासी रह जाती हूँ

कोमल हाये दईया कैसी बात करते हो सबके सामने

लड़का गर्म हो चुका था हमारी बाते सुनकर तभी तो उसका लंड तहमद मे एकदम खडा फुंकार मार रहा था इससे साफ पता चलता था हरामी तहमद के नीचे कुछ नही पहना है

लड़का साहब आप कहो तो मै मेमसाहब को पेशाब कर दूँ

प्रवीण ने मेरी तरफ देखा

कोमल जो करो जल्दी करो मुझे दर्द हो रहा है पेशाब रोकने से

लड़का तो ठीक है चलो मेमसाहब

मुझे वो जेन्टटस पेशाब घर मे ले गया मैने झट से कमर तक ड्रेस उठा ली

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लड़का मेरे हुस्न भारी गोल गांड को देखकर पुरा ताव मे था उसके तहमद के उठे हुये हिस्से पर गीलापन उभर आया था उसने गांड को किस करते हुये मेरे घुटनो को पकड़ हवा मे कर जाँघे को फैला दिया जिससे मेरी बुर सीधे पेशाब करने वाली जगह ठीक ऊपर उठी थी


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कोमल इस तरह से कही तुम्हारा तहमद गीला ना हो जाये

लड़का जी मेमसाहब आप सच कहती है

पीछे प्रवीण खड़ा था उसने झट से लड़के का तहमद खोल दिया

प्रवीण मेमसाहब को पेशाब कराने के बाद पहन लेना वरना गीला हो जायेगा

ऐसा करते है उसे लड़के का साढे सात इंच लंड और मेरे पति से दुगना मोटा लंड ठीक मेरी बुर के छेद पर ठोकर मारने लगा ठोकर पड़ते ही मै और वो लड़का दोनो सिसक उठे

लड़का मैडम करे पेशाब

कोमल झुझलाते हुये अपना मूसल बुर पर चाप रखा है और कहते हो कि पेशाब करो, बुर के मुंह पर लंड की खुशबु है तो बेचारी पेशाब कैसे करेगी

लड़का अब इसमे लंड का भी क्या दोष बुर मुंह चिआरे सामने हो तो लंड खडा ना होगा तो वो लंड क्या

प्रवीण सामने आकर नीचे बैठा

प्रवीण देख कितना बडा मोटा लंड है कोमल इसे कहते है असली मर्द और उसके चुतड़ो पर थपकी देने लगा
प्रवीण का लंड आगे की ओर किया और छोड दिया वो फिर से एक झटके से चोट मारते हुये फिर बुर के छेद पर आ डटा प्रवीण ने चार पाँच बार वही दोहराया जो लंड फिर अपने स्थान पर चोट मारते हुये आ जाता हर चोट के साथ मेरी सिसकी टॉयलेट मे गूँज उठती मॅ गर्मा चुकी थी बुर लासा छोड़ने लगी और पेशाब भी अब महसूस नही हो रही थी

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प्रवीण ने लंड जड से पकड़ दाये बांये किया मगर बेरहम बुर की पुक्तियो को रगड़ते हुये वापस छेद पर आ टिका

प्रवीण कोई रास्ता नही समझ आ रहा कोमल अब ये झडे तभी हटेगा रास्ते से वरना ठीका रहेगा

तभी आचनक मै लड़के की बाँह से फिसली और तेज चीख गूंज उठी टायलेट मे एक चौथाई लंड बुर मे था

तभी प्रवीण खुशी से चहक उठा
प्रवीण बिलकुल सही यही एक मात्र रास्ता बचा है कोमल

तभी लड़के ने एक और जोरदार धक्का दिया आधा लंड बुर मे समा गया
मै दर्द से तडप उठी

कोमल हाये छोड मुझे नही मूतना हाये प्रवीण उतार दो वरना मे मर जाऊंगी

तभी लड़के ने ढील छोड दी मे सरसराते हुये लड़ पर बैठती चली गई लड़के ने तब पकड़ा तब पुरा लंड बुर मे समा गया मॅ टॉयलेट की दीवार पकडे चीख उठी

उधर प्रवीण भी पैट उतारे लंड मुठिया रहा था


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प्रवीण देखा लंड ऐसा होता है मेरी देख ये नुनी कभी तेरा भला ना कर पाती, छोटी नुनी केवल मूतने के लिये होती है ये कभी चोद कर औरत को सुख नही दे पाती, यदि स्त्री प्रधान समाज होता तो छोटी नुनी वालो को विकलांग की श्रेणी मे दर्जा दिया जाता, असल मै लंड से विकलांग हुँ इसका खडा होना या ना होना बराबर है,

उधर लड़का खडे खडे मुझे थामे धक्के मार रहा था
जल्द दर्द सिसकियो मे बदल गई

लड़का सही कहा साहब तुम जैसो को भले इतनी सुदर बीबी मिल जाये मगर जादा दिन साथ ना देगी, वो दूसरो से चुदवायेगी ही चुदवायेगी या तुम उसे चुदवा दो तो सही कदम होगा

और ऐसी मस्त गर्म रांड को तो कईयो से चुदवाना पड़ेगा तब जाकर गर्भ ठहराती है साहब

और उसने रफ्तार बड़ा दी जल्द ही लड़का कोमल की बुर मे ढेर सारा वीर्य छोड दिया

जैसे ही लड़के ने लंड निकाला कोमल की बुर से वीर्य के साथ पेशाब की धार निकल पड़ी
Aacha update maza aya
 
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