दूसरे दिन सुबह उठे समीर अपनी दोनों बहनो को उठा दिया वो समीर Good morning बोलती हुयी बाथरूम चली गयी समीर ने माँ की आरती की आज जब समीर सूरज के रूम मे उठाने के लिए गया तो सूरज नहाकर बाथरूम से बाहर आ रहा था, समीर सूरज को देखते हुए Good morning पापा आप इतनी जल्दी उठ गए, सूरज Good morning बेटा हा आज मुझे बाहर जाना है ,कुछ काम से इसलिए जल्दी उठा, सभी नाश्ता करते है सुबह सूरज और बच्चों की यादा बात नहीं होती ,बच्चों के स्कूल जाने के बाद सूरज भी घर से निकल जाता माधव के बताए पते पर, समीर की बहनो बस से उतर अपनी क्लास की ओर चल देती हैं यहा समीर अपनी क्लास मे समीर अपने बैंच पर बैठ जाता है, तभी पास वाले बेंच पर बैठी लड़की समीर को देखते हुए Good morning विष करती है समीर नीचे देखते हुए Good morning बोलता है , समीर की आदत थी वो अपनी बहनो के इलावा किसी और लड़की से यादा बात नहीं कर्ता था थोड़ा शर्मिला कह सकते है ,उसके कुछ लड़के दोस्त थे, उनसे अच्छा बात कर्ता था, तभी क्लास मे टीचर आयी और सभी पढ़ने लगे, सूरज office के बाहर पहुच कर सुरक्षा गार्ड को बोलता है मुझे हरीश सर से मिलना है , गार्ड पूछता है किस लिए समीर बता देता है, गार्ड सूरज को चेक कर अंदर जाने देता है , सूरज जाते ही सूरज अंदर जाता है ,सामने हरीश के रूम के बाहर बोर्ड देख पूछने की जरूरत नहीं समझ किसी से हरीश के office की तरफ चल देता है, सूरज अंदर देखते हुए आवाज देता है सर मैं अन्दर आ सकता हू ,हरीश अंदर आने की अगिया देता है, सूरज हरीश के सामने खड़ा हो बोलता है ,सर मैं माधव का दोस्त हू, मुझे माधव ने आपके पास नोकरी के लिए भेजा है,और माधव के बारे मे सब बता देता है,हरीश सूरज को ऑफिस जॉइन करने बारे मे बात कर्ता हैं, सूरज कल ऑफिस जॉइन करने का बोल ऑफिस से निकल जाता हैं घर की ओर, समीर को क्लास में बैठे तिरछी नजरों से देख रहीं होती है उसकी पास बैठी दोस्त आज भी उसी हरकतों को देख रही थी, जो तभी वो अपनी दोस्त का ध्यान भंग करने के लिए बोलती हैं, पयाल क्या बार बार समीर की तरफ देखती हो क्या फूल लगे हैं उसके चेहरे पर और मुस्कराते लगती है, तभी वो लड़की बोलती है, सीमा फूल तो नहीं लगे अगर लगे होते तो समीर मेरे घर मे होता मेरे रूम में रखे फूल दान में और हसने लगती है, य़ह जो लड़की समीर को देख रही थी वो पायल है और साथ में इसकी दोस्त सीमा य़ह दोनों काफी अच्छा दोस्त है, सीमा तू दो साल से समीर को देखती हो और उनसे बात भी नहीं करती ,अगर तुम्हें इतना अच्छा लगता है तो चलो समीर से बात करते है, पायल मुझे नहीं पता सीमा मुझे समीर अच्छा लगता है, क्यूँ लगता है कैसे मैं नहीं जानती, सभी स्टूडेंट कुछ ना कुछ हरकत करते है , टीचर के साथ बातचीत मे बदतमीजी करते है, लेकिन समीर कभी ऐसा नहीं कर्ता कितना शांत है ना हमेशा अपने आप मे मस्त ,अपनी बहनो से कितना प्यार कर्ता है, फला फला फला फला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, सीमा बस पयाल को ऐसे ही टिक टिकी लगा देख रही और सोच रही थी अब इसकी राम कथा छूटी होने पर ही समाप्त होगी पयाल बोलती ही जाती है और मुझे बस उसकी दोस्ती चाहिए मुझे उसका दोस्त बनना है, सीमा बस बस बस अब तारीफ हो गयी हो तो स्कूल बैल पर ध्यान दो मैडम छूटी हो गयी मुझे तुम्हारे तुम्हारे साथ क्लास मे रात नहीं काटनी और हसने लगती है ,पायल जब देखती है तो क्लास में एक दो स्टूडेंट ही रह गए थे बाकी सभी निकल गए, पयाल और सीमा क्लास से बाहर आते हैं, सामने पैड की छाओ में समीर खड़ा हुआ अपनी बहनो के आने का इंतजार कर रहा है, तभी पायल और सीमा समीर के पास से गुजरते हैं, सीमा आवाज देते हुए समीर और पयाल का हाथ पकड रोक लेती है, समीर सीमा को देखने लगता जैसे कोई सामने भूत हो क्यूँ की सीमा कभी समीर से बात नहीं की पहले , सीमा फिर से बोलती है समीर तो समीर होश में आते हुए थोड़ा घबराहट में क्या क्या है, सीमा इनसे मिलों य़ह मेरी दोस्त है पयाल और हम आपके साथ ही क्लास में पढ़ते है, समीर पता है मुझे ,सीमा हम दोनों अपकी बेंच के पास वाले हमारा है ,समीर सीमा को देखते रेहता है उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, अखिर सीमा क्यूँ उससे ऐसे सवाल कर रही समीर डरने लगता है,उस से कोई गलती तो नहीं हो गयी पयाल भी सीमा को घूर घूर देख रहीं होती है और सोचते पता नहीं य़ह सीमा क्या करने वाली है, सीमा को देख घूरने लगती है , और हाथ खीच कर चलने का कहती है, सीमा पायल को रोके हुए रखती है, तभी पीछे से समीर की दोनों बहने आ जाती है, समीर के पास दो लड़कियों को देख उनके पीछे रुक जाती है, सीमा समीर से बोलते हुए समीर य़ह पयाल तुमसे दोस्ती करना चाहती है और सूरज तो हिरानी से देख रहा था, सीमा समीर का हाथ पकड़ते हुए पयाल का हाथ समीर के हाथ मे रूखे हुए बोलती है आज से हम दोस्त पयाल और समीर अभी सीमा को ही घूर रहीं थीं लेकिन सीमा बस बोलते ही जा रही थी किसी को कुछ बोलने जा सोचने मोका ही नहीं दिया, सीमा बोलते हुए अब समीर तुम मना मत करना य़ह पयाल तो कुछ बोलती नहीं तुम्हें इस लिए मुझे तुमसे बात करनी पड़ी , समीर हाथ छुड़ाने किए अपना हाथ सीमा और पयाल के हाथ से पीछे खीच लेता है, पयाल अब समीर के बोलने का इंतजार करती है लेकिन समीर कुछ नहीं बोलता जिसे देख पयाल का चेहरा मुरझाने लगा, सीमा समीर को खामोश देख क्या हुआ समीर अब तो हम दोस्त बन गए क्या तुम्हें हमसे दोस्ती करना अच्छा नहीं लगा क्या हम बुरी है ,समीरा नहीं आप दोनों बहुत अच्छा हो लेकिन मैं आपसे दोस्ती नहीं कर सकता और अपनी बहनो को देख उनकी और जाने लगता है, पयाल समीर के आगे खड़ी होने के कारण समीर का रास्ता लेती है , पयाल समीर क्या मैं अपकी दोस्ती के काबिल नहीं क्या बदसूरत हू क्या मैं बदतमीज हू , ऐसे बोलते हुए पयाल की आवाज भारी होने लगी आँखों मे पानी भरने लगा ऐसा लगा जैसे अभी रोने वाली हो, समीर पयाल के मासूम चेहरे को देखते हुए समीर का दिल दिल पिघल जाता है ,समीर अपना हाथ बड़ादेताहै, समीर आज से हम दोस्त अब खुश जिसे सुन सीमा मुस्कान देती है, वही पयाल की खुसी का कोई टिकना ना था उसका दिल गले लगे ऐसा करने लगा लेकिन खुद को रोक लेती हैं और समीर को thanks बोल देती, समीर अपनी बहनो को देखते हुए जो समीर की तरफ ही देखे जा रही थी ,समीर पयाल सीमा य़ह मेरी बहनो है, तनु और पायल फिर समीर अपनी बहनो को दोनों से मिलवाया और सभी चलते हुए बस मे बैठ गए जहा पयाल के चेहरे पर एक अलग ही चमक थी, तभी बारिश सुरु होने लगती है और बस चलने लगती है सूरज बहुत खुश था घर आकार घर का काम किया ,लंच बनाया बच्चों का इंतजार करने लगा , समीर तनु कोमल बस से उतर भागने लगे बारिश अभी भी जोरों से हो रही थी , जब घर के दरवाजे के पास पहुँचे ,कोमल भाई वो देखो puppy वहां एक छोटा डॉगी का बच्चा था,जो काफी कमजोर लग रहा जिसे काफी दिन से भूखा हो बारिश मे भीगने की वजह से कंप रहा था समीर जल्दी से उठा लेता है, तब तक तनु बैल बजा कर घर घर दरवाजा खुलवाने पर अंदर चलती है पीछे कोमल और समीर ,अंदर आते ही सूरज समीर के हाथ मे डॉगी को देख समीर से कहता ,सूरज समीर बेटा य़ह तुम कहां से लाए एसे जल्दी से बाहर छोड़ य़ह तुम्हें बीमार कर देगा , समीर पापा को देखते हुए पापा य़ह बाहर हमारे घर के बाहर गैट पर था पानी के करन कंप रहा है शायद कोई दिन से भूखा है। बीच मे बोलते हुए पापा मुझे य़ह डॉगी रखना है देखो कितना प्यारा है, इसके साथ भी इसकी माँ नहीं , तनु भी बोलने लगती है पापा बाहर तो हमारा कोई दोस्त नहीं हम इसे अपने पास रखेगे पापा मान जाओ, सूरज अपने बचों को निराशा नहीं करना चाहता था अपने बचो को उदास होते नहीं देख सकता इस लिए सूरज मान जाता है, तीनों पापा से लिपट जाते , सूरज बच्चों अलग करते हुए बेटा पहले डॉगी को सूखे कपड़े से साफ करो और गर्म जगह रखो तब तक हम खाना खाएंगे फिर डॉगी को भी खिला देना, तीनों अपने पापा की बात मानते हुए अंदर चल देते है डॉगी को साफ कर गर्म बैड पर बैठा ऊपर कपड़ा डाल देते है, फिर तीनों फ्रेश हो पापा के साथ लांच करने लगते है , सूरज अपने बचो को देखते हुए बेटा कल से मैं ऑफिस जाने वाला हू अब मैं नोकरी करूगा, तीनों एक साथ क्या पापा, तनु बोलते हुए पापा आप नोकरी क्यूँ पापा आप बीमार हो आपको आराम की जरूरत है , समीर पापा आप घर मे रहो क्या जरूरत है काम करने की , सूरज बेटा मैं अब बिल्कुल ठीक हू मुझे काम तो करना ही होगा अब मुझे तुम लोगों के लिए बहुत कुछ करना है और बचो को समझाने लगा सभी समझ जाते हैं लांच खत्म होते ही तीनों रूम मे डॉगी के पास चले जाते डॉगी को खाना खिलाने लगते है तीनों आज बहुत खुश थे जिसे स्कुल मे नए दोस्त मिले और घर मे डॉगी जिसे परिवार का हिसा बन और भी बड़ा परिवार कर दिया