वक़्त कभी एक जगा नहीं रुकता पहले दर्द दिए ग़म दिए अब जब वक्त फिर से चाल चलने लगा तो अब पटेल परिवार झोली खुसी से भर रहा था लेकिन लेकिन वक़्त कभी ठहर नहीं सकता कभी खुसी तो कभी ग़म य़ह वक्त का चक्र घूमता ही रहता
समीर और पयाल की दोस्ती गहराई में जाने लगी अब इतनी समझ कहा जो किसी को पसंद करना किसी को देखने की तड़प दिल मे हर वक़्त मिलने की चाहत बन चुकी थी जिस से दोनों अनजान थे
सूरज अपने काम में मस्त हमेशा अपने बच्चों के प्यार में खोया हुया अपने बच्चों के कुछ करने की चाहत उसके दिल मैं उबाल मरने लगी
तनु और कोमल और समीर भले ही बच्चे थे लेकिन जवान होने का सफर लगातार बड रहा था इनको भले ही इनको किसी से कोई मतलब नहीं था भले ही य़ह प्यार के हसीन सफर से कोसों दूर थे पर जवां होने की वजह इनके जिस्म में बदलाव भी आने लगे , यहा समीर के पार्ट में तनाव आने लगा वही तनु और कोमल के नींबु जैसे छातियों संतरे का रूप लेने लगी
इनकी दुनिया में अब पयाल सीमा सलोनी और और इनके घर पर रह कर डॉगी भी था इनका परिवार बड़ा हुआ ,समीर अपना यादा वक़्त डॉगी के साथ बीतता डॉगी भी समीर के स्कूल आने के बाद समीर के साथ रहता समीर की नामौजूदगी में डॉगी हमेशा शांत होता लेकिन जैसे ही समीर की बस घर से एक kkm दूर होती डॉगी घर से बाहर चाला जाता समीर की बस की तरफ अगर घर का दरवाजा बंध भी होता तो घर में भौंकने लगता घर में डॉगी की चहल पहल और तेज होती जाती, समीर और उसकी बहनो ने डॉगी का चार्ल्स रखा था डॉगी और और समीर का एक अलग रिसता बना भले ही वो जानवर था लेकिन समीर से रिसता जिसे एक माँ का बेटे के साथ एक बाप का बेटी के एक बहन का भाई के साथ वैसे समीर और चार्ल्स का रिसता,
कोमल और तनु भी चार्ल्स से बहुत प्यार करती तीनों साथ में चार्ल्स के साथ वक़्त बिताया करते कभी कभी जब सूरज को छुट्टी होती तो सूरज अपने बच्चों के साथ चार्ल्स से खेलते सीमा और पयाल भी समीर के घर आते जाते जब वो आती सभी चार्ल्स के साथ मस्ती किए बिना नहीं रहते ,
एक sunday के दिन सूरज भी घर पर था समीर तनु कोमल आज पायल के घर गए हुए थे जब शाम के वक़्त लौट रहे तो जैसे चार्ल्स को समीर के आने का पता लगता चार्ल्स घर का दरवाजा खुला होने से बाहर निकल समीर की तरफ दोड़ लगा देता,
चार्ल्स समीर के पास जाकर समीर और तनु कोमल के आसपास चक्र काटते हुए घर की तरफ आने लगे जब सभी घर से कुछ दूरी पर थे तो एक बाईक समीर को टक्कर मार देती है जिससे समीर और और बाईक वाला दोनों जमीन पर गिर जाते है समीर के गिरने की वजह उसके घुटनों में दर्द होने लगा तनु और कोमल जल्दी से समीर को पकड़ उठाता हैं लेकिन समीर को थोड़ा दर्द होता ,
तनु समीर को पकड़े हुए भाई आप ठीक तो है ना आपको यादा चोट तो नहीं लगी
कोमल भी समीर से भाई सच मे आपको चोट नहीं लगी ,समीर मैं ठीक हू तनु से कहता फिर कोमल से गुड़िया मैं ठीक हू जब चलने लगता तो गुट्टा छील जाने से समीर की आ निकल जाती हैं,
तनु भाई आप ठीक नहीं चलो घर चलते है फिर पापा को लेकर डॉक्टर के पास,
समीर मैं ठीक थोड़ा घटने में दर्द है शायद शीला गया
चार्ल्स भी समीर के पास आता और बाईक वाले की तरफ देख भौंक ने लगा,
कोमल समीर से य़ह सुनते ही गुस्सा होते हुए बाईक वाले के तरफ जाने लगी, जिसे देख तनु समीर को पकड़े हुए कोमल को रोकने को कहती है लेकिन कोमल गुस्से मे नहीं रुकती, बाईक वाला अभी भी गिरा हुआ था थोड़ा खड़ा होने की कोशिश कर रहा था ऐसे लगा जैसे उसने कोई नशे में हो उसने शराब पी हुयी थी जिसकी बदबूदार सम्मेल कोमल को पास जाने पर महसूस हुयी , कोमल गुस्से मे चलाकर कुत्ते कमीने तेरी हिम्मत किसे हुयी अंधा है जो तुम्हें दिखाई नहीं देता कोमल उसे मारने के लिए हाथ उठा देती है , तब तक वो बाईक वाला लड़खड़ा कर खड़ा हो गया कोमल दो बार पांच उसके मारती है लेकिन उसे बच्चे की मार से क्या फर्क़ पढ़ने वाला था जब तीसरी बार कोमल उनको मारने को होती है तो कोमल का हाथ पकड लेता है, और जैसे ही कोमल के मुहै पर थापर मारने वाला होता हैं,
जिसे देख चार्ल्स भागता हुया उस आदमी के हाथ को काटने ने लगा, भले ही चार्ल्स बहुत छोटा था इतना भी बड़ा नहीं हुआ था लेकिन उसके छोटे दांत उस आदमी के हाथ को काट कुछ दर्द देने के लिए काफी थे , तब तक डर कर कोमल पीछे को भागते हुए अपनी भाई और बहन के पास चली जाती है, वो आदमी दर्द से चलाता हुआ हाथ को झटकने लगा जिस से चार्ल्स की पकड़ ढीली हो उसके दांत आदमी के हाथ को छोड़ देते हैं, चार्ल्स भोक्ता हुया समीर के पास आता हैं, फिर चारो घर जाते है सूरज समीर की लड़खड़ाते हुए देख पूछता क्या हुआ तो तनु बता देती है के बाईक ने टक्कर मार दी, सूरज चोट वाली जगह देखते हुए fast एड बॉक्स लेकर आता और समीर के घटने के ज़ख़्म को साफ कर पट्टी कर देता, कोमल सूरज जो उसके साथ हुआ वो बताने लगती हैं, जब की समीर तनु कोमल को घूर कर ना बताने के लिए मना कर रहे थे
कोमल सूरज को सब बता देती है कैसे चार्ल्स ने उसे बचाया उसे समीर और तनु का घूर कर देखना समझ नहीं आया था, बस कोमल उनको देखते सब बोलती गयी
सूरज कोमल से सुनकर बहुत नाराज होने लगा उनको आगे से घर से बाहर जाने के लिए मना करने लगा वही सूरज को आज चार्ल्स पर गौरव हो रहा था कैसे एक छोटे से पपी ने उनके बच्चों की रक्षा की जब वो खुद अभी छोटा था रक्षा की जरूरत तो उसे थी,
सूरज चार्ल्स को अपने पास बुला कर प्यार करते हुए उसके सिर पर हाथ फेरता आज वो खुस था के उसके बच्चों का चार्ल्स को साथ रखने का फेसला सही था अब उसके बच्चों को एक रक्षक मिल गया,
आज चार्ल्स ने पहली बार साबित कर दिया था वो कितना वफादार परिवार के लिए कितना अहमियत रखता हूं आज उसने परिवार से मिले परिवार का सबूत दे दिया था
ऐसे ही घर मे हर व्यक्त खुसी का माहौल छाया रहता चार्ल्स को घर आए अब 5 महीने हो गए थे वो भी अब काफी बड़ा हो गया था,
आज जब सूरज अपने केबिन मे बैठा हुआ था सूरज के तो उसके केबिन में लगे फोन की घंटी बाजने लगी सूरज फोन उठा यस बॉस जी मैं अभी आया फ़ोन अभी सूरज के बॉस हरीश का ही था जो किसी काम से सूरज को अपने ऑफिस में बुला रहा था,
सूरज अपने केबिन से निकल हरीश के केबिन में जाते अंदर आने की अगिया लेता हैं, सूरज बॉस के सामने खड़ा हो यस बॉस बोलिए क्या काम था आपको
हरीश सूरज को बैठने के लिए कहता है , s हरीश सूरज इनसे मिला य़ह है मिस रुबीना आज से य़ह तुम्हारे केबिन में तुम्हारे साथ काम करेगी,
सूरज रुबीना की ओर देखता तो पयाल एक बहुत खूबसूरत 30 साल औरत बैठी हुयी थी जिसके कपड़े काफी छोटे मिनी स्कर्ट पहन रखा रखा था जो दिखने में हॉट sxy जिसकी में नशा था जिस में हर किसी के डूब जाने का कर्ता सूरज रुबीना की खूबसूरती देख खोने लगा था
रुबीना सूरज को ख़यालों से बाहर लाते हुए अपना हाथ बड़ा सूरज से हाथ मिला लेती है जिस से सूरज को होश आता उसे पता चलता वो अभी बॉस के केबिन में है,
सूरज रुबीना से हाथ मिलाते हुए आपसे मिलकर अच्छा लगा फिर सूरज बॉस को देख बोलता बॉस क्या मुझ से काम ठीक तरह से नहीं हो रिहा तो हरीश सूरज से कहते है ऐसी बात नहीं है मुझे तुम पर पूरा विस्वास है तुम जितनी मेहनत से काम कर रहे मुझे शक नहीं मैं बहुत खुश हू जब से तुम मेरी कंपनी में आए हों मुझे और ज़्यादा फायदा हुआ मेरा प्रॉफिट बड़ रहा है अब मैं चाहता हू तुम्हारी कोई मदद करे काम में जो काम तुम अकेले कर रहे हों वो तुम दोनों मिलकर करो मैं चाहता हू रुबीना को तुम अपनी तरह ट्रेंड करो मैं next महीने तुम्हें प्रमोशन देने वाला हू जिसे सुनकर सूरज को बहुत खुसी होती हैं रुबीना भी सूरज बढ़ाई देती है, फिर हरीश रुबीना को सूरज के साथ काम करने सूरज के साथ जाने को कहता हैं, सूरज रुबीना को अपने केबिन में साथ लेकर आया सारा दिन सूरज रुबीना को काम कैसे कौनसा कैसे सब बिताने लगा शाम को दोनों साथ में office से निकल अपने अपने घर की ओर चल देते है, आज दोनों में एक दूसरे के बारे मे यादा बात नहीं की सूरज बीच बीच में रुबीना की खूबसूरती में खो जाता लेकिन काम यादा होने के कारण काम के बारे मे सोच काम करने लगता
दूसरे दिन जब सूरज office में पहुँचा तो रुबीना सूरज से पहले ही गयी थी , रुबीना सूरज को Good morning विष करती हैं ,सूरज भी रुबीना को Good morning बोलता है दोनों काम सुरु करते है आज पहली बार बहुत सालो के किसी औरत के साथ बैठ कर लंच किया आज किया था सूरज को आज सब कुछ अच्छा लगा आज सूरज के दिल मे हलचल होने लगी थी सूरज का ध्यान रुबीना की तरफ बार बार चाला जाता,
रुबीना ने आज साड़ी पहनी होने के कारण जब काम करते उसी साड़ी कंधों से सार्क जाती तो सूरज की आँख दो बड़े पहाड़ पर रुक जाती सूरज का दिमाग दिल सूरज को नयी दिशा की ओर लेकर जाने वाले थे,
दोनों में काफी अछि दोस्ती होने लगी दोनों साथ में लंच करते हसी मज़ाक चलता रहता जहा सूरज ने रुबीना को अपने बारे मे बताया जिसका रुबीना को बहुत दुख हुआ सूरज के पूछने पर पता चाला वो अपने पति के साथ यहा किराये के घर में रहती है उसका पति दिनेश एक सेल्समैन है सूरज और रुबीना में बहुत गहरी दोस्ती होने लगी सायद य़ह दोस्ती से बढ़कर एक निय रिसता जन्म लेने जा रहा था
दोनों काफी वक्त साथ बिताने लगे 2 महिने में सूरज और रुबीना बहुत करीब आए जब sunday छूटी होती सूरज घर बाहर रुबीना से मिलने जाता यही सूरज अपने बच्चों से झूठ बोल जाता वही रुबीना भी अपने पति को झूठ बोल सूरज से मिलने लगी
दोनों का movie जाना साथ में शौपिंग करना जब भी दिल कर्ता दोनों घंटों तक फोन पर बात करते जब रुबीना का पति रुबीना को फोन पर बात करते देखता तो रुबीना के साथ झगड़ा कर्ता
रुबीना कोई ना कोई बहाना बना सूरज से बात करती रहती
वही माधव और पूनम भी सूरज से मिलने आते रहते अब माधव और पूनम भी अपने बच्चों के पास इंग्लैड जाने की तैयारी करने लगे थे,
रुबीना ने कई बार सूरज को अपने पति से मिलवाया सूरज को दिनेश की आँखों में अपने लिए हमेशा गुस्सा ही दिखाई देता दिनेश की आँखों मे सूरज के लिए नफरत साफ दिखाई देती थी लेकिन दिनेश कुछ नहीं कर सकता क्युकी रुबीना दिनेश से यादा कमा रही वही दिनेश जितना पैसा कमा रहा था सब शराब में उड़ा देता
सूरज ने रुबीना को बहुत बार अपने बच्चों से मिलाया रुबीना भी सूरज के बचो से मिलाकर खुश होती जैसा प्यार सोनाली से मिलता वैसे बचो को रुबीना से प्यार मिलता ,
सूरज के दिल मे रुबीना के महब्बत जन्म ले चुकी थी वैसे ही रुबीना के दिल मे भी सूरज के लिए महब्बत ने जन्म लिय दोनों एक दूसरे के घर आने लगे थे,
आज जब रुबीना office आयी तो सूरज ने उसके बाजू पर चोट के निशान देखे थे सूरज ने पूछा रुबीना टाल दिया लेकिन सूरज ने बहुत बार पहले भी रुबीना के चेहरे पर सूजन जा मारने के निशान देखे थे
सूरज अपना काम रोक कर रुबीना का हाथ पकड़ लेता है रुबीना सूरज के ऐसा करने पर सूरज की तरह देखती है
सूरज रुबीना का हाथ पकड़े हुए रुबीना बताओं क्या बात हैं मैंने पहले भी बहुत बार ऐसे निशाना देखे हैं
लेकिन रुबीना सूरज को ना बताने के लिए मना कर रही होती है
सूरज रुबीना से बोलते हुए रुबीना मैंने तुम्हें अपना दोस्त माना है अगर तुम्हारे दिल मे अपने इस दोस्त के लिए जरा सा भी प्यार है जरा सी भी इज्जत है तो मुझे सब सच बताओं
रुबीना की आँखों मे अंशु बहने लगे और सिसक सिसक कर रोने लगी जिसे देख सूरज रुबीना को चुप कराने लगा अपने जेब से रुमाल निकाल रुबीना की आँख का पानी साफ कर्ता
सूरज रुबीना को पानी देता पीने के लिए रुबीना पानी पीने के बाद नजरे नीचे कर लेती है
सूरज रुबीना से फिर पूछ लेता है तो
रुबीना मेरा पति हमेशा मेरे साथ झगड़ा कर्ता हमेशा शराब के नशे में रहने लगा मेरे माँ बाप ने मेरी शादी दिनेश से की लेकिन दिनेश ऐसा निकलेगा उन्हें नहीं पता था मेरे माँ बाप के मरने के बाद दिनेश मुझ पर बहुत जुल्म कर्ता हर बात पर झगड़ा कर्ता रहता है,
रुबीना जब मैं तुमसे मिली थी सूरज मुझे बहुत अच्छा लगा तुम्हारा दुख भी मेरे जैसा ही है आपके बचों से मिलाकर बहुत खुसी होती हैं दिल को सकूँ मिलाता है, मेरी शादी को 8 साल हो गये अबी तक कोई बच्चा नहीं हुआ जब डॉक्टर से बात की तो पता चला कमी मुझ में नहीं दिनेश में
रुबीना सूरज को बोलते हुए बताये सूरज मैंने क्या गलत किया बच्चा नहीं हुया कमी मुझ में नहीं दिनेश है बच्चे के लिए तरस रहीं हू कभी दिनेश के इलावा किसी की तरफ देखा ना फिर भी मुझे दिनेश से नफरत मिली प्यार के बदले मेरे जिसम को नोचा गया मुझे दर्द दिया मुझे मार पडी क्या मैं प्यार की हकदार नहीं क्या औरत जिस्म से खेलने के लिए बनी है उनके अपने कोई अरमान नहीं कोई सपने नहीं ,
रुबीना बोलते हुए फिर से रोने लगती है इस बार सूरज रुबीना को अपने सीने से लगा लेता है और प्यार सिर पर हाथ फेरते हुए चुप कराने की कोशिश कर्ता
रुबीना सिसक कर रोती हुयी बोली जाम मैं तुमसे मिली तुम्हारे साथ अच्छा लगा तुमसे मिलकर दिल को सकूँ मिला जब तुमसे बात करती फोन तो दिनेश ने काफी बार मेरे साथ झगड़ा किया मुझे मारा
य़ह सब जान कर सूरज को बहुत दुख हुया आज उसकी वज़ह से एक मासूम पर जुल्म हो रहे है सूरज का दिल तड़पने लगा सूरज के हाथों की पकड रुबीना की कमर पर और तेज हो गयी सूरज रुबीना को को जाकड़ लेता है अपने सीने से लगाए हुए ,
कुछ देर बया रुबीना शांत होती दोनों अलग होते ही लेकिन आज दोनों का दिल अशांत था काम करते हुए काम करने का दिल नहीं किया दिनों ने लंच भी यादा नहीं किया आधा ही खाया
आज शाम जब सूरज घर आया तो बहुत उदास था जैसे ही सूरज अंदर आया तो सामने माधव और पूनम बैठे थे सूरज झूठी स्माइल देते हुए माधव के गले मिलता हैं , कुछ देर बाते करते है फिर सभी साथ में खाना खाया आज सूरज ने ठीक से खाना नहीं खाया उसका दिल तो रुबीना के दर्द में तड़प रहा था सूरज को बहुत धक्का-लगा था के उसी के कारण रुबीना को ज़ख्म मिले ,
खाने खाने के बाद बच्चे अपने रूम में चले जाते है तो माधव सूरज पूनम बाते करने लगते है सूरज का आज बिल्कुल भी दिल नहीं था बात करने का लेकिन वो मना भी नहीं कर सकता था माधव को,
वही माधव सूरज को इंग्लैड जाने के बारे बता देता हैं जिससे सूरज को झटका लगा यहा माधव और पूनम ही सूरज के लिए सब कुछ थे सूरज की की आँखों मे पानी आने लगा तो माधव सूरज को गले लगा लेता है,
माधव, सूरज से मेरे छोटे भाई मैं हमेशा तुम्हारे साथ हू तुम जब मुझे पुकारेंगे मैं तुम्हारे पास आ जाऊँगा मैं तुमसे कभी दूर नहीं तुम हमारे दिल मे हो पूनम भी सूरज को यही बोलती है ,
पूनम सूरज से बोलते हुए जहा से हमे बच्चों के पास जाना होगा जिसे समीर तनु और कोमल को तुम्हारी जरूरत हैं वैसे सी हमे भी हमारे बचो की जरूरत हैं,
पूनम, सूरज से तुम कभी अकेला मत समझना हम हमेशा तुम्हारी साथ हू लेकिन हम कुछ कहना चाहते है तुमसे
अब बच्चे भी बड़े हो रहे है उनका बचपन माँ के बिना ही गुजर गया तुमने अपनी बचों की परवरिश बहुत अच्छा की अपना पिता होने का फर्ज निभाया लेकिन माँ फर्ज सिर्फ माँ ही पूरा कर सकती है ,
माधव सूरज से बोलते हुए पूनम सही कह रही है सूरज आज भी बच्चों को माँ की जरूरत हैं हमे लगता है बच्चों को सच बता देना चाहिए तुम्हें,
य़ह सुनकर सूरज माधव और पूनम की तरफ देखने लगा ,
माधव अपनी बात पूरी करते हुए ह्य सूरज अब बहुत हुया अब बता दो के उसकी माँ जिंदा है गलती सब से होती हैं उस से भी हो गयी सायद अब बच्चों को देख वो बदल जाए तुम बच्चों को सच बता दो
माधव और पूनम सूरज को समझकर चले जाते है
वही सूरज कुछ सोच नहीं पाता एक तरह पत्नी जिसने उस से धोखा दिया झूठे आरोप लगाए एक तरफ रुबीना उससे बात करने के लिए मार खा जिस्म पर ज़ख़्म ले रही है सूरज को पता था उसकी पत्नी कभी वापिस नहीं आयेगी उसने सूरज को किसी और के लिए धोखा दिया बेवफ़ाई की थी सूरज ने कोशिश भी की लेकिन उसने सूरज से तलाक ले लिया था
सूरज की दिल और दिमाग दिनों अलग अलग सोच रहे थे एक तरफ का उसके लिए प्यार और मासूम चेहरे पर दर्द जिस्म पर ज़ख्मों के निशान थे
दूसरी तरफ उसकी पत्नी जो उस नफरत करती थी जिसने प्यार के बदले धोखा दिया था वो पत्नी जिसे उसने जितना चाहा बदले में बेवफ़ाई मिली आज की रात सूरज पर भारी पड रही थी नींद कोसों दूर थी