Chapter 5: गले का टानीक
राजधानी का स्वच्छंद वातावरण, भरपूर प्रसिद्धि और पैसा, स्वतंत्र बंगला और लाल बत्ती की गाड़ी, किसी भी नाजुक कली के बहकने के लिए काफी होती है, उसपर नेताजी का सॉफ्टकोर प्यार, श्रेया को नेताजी बड़ी शांति से उद्घघाटन के लिए तैयार कर रहे थे, बंगले पर नेताजी की एक बहुत अच्छी पोर्न लाइब्रेरी थी, रोज रात को अलग अलग जोनर की ब्लू फ़िल्म नेताजी श्रेया को अपनी गोदी में बिठा कर उसके मासूम शरीर से हल्के हल्के खेलते हुए शराब के कुछ सिप शेयर करते हुए श्रेया को रियाज करवाते थे, जीम, स्विमिंग पूल, सबकुछ था. नेताजी अपनी राजनीति अपने इसी बंगले से खेलते थे, श्रेया अब सब धीरे धीरे सीख समझ रही थी. देविका को जरूरत के हिसाब से ही आने दिया जाता था.
जी वीरेंद्र अंकल मैं तैयार ही हूँ आप आ जाइए, श्रेया ने फोन पर जवाब दिया, आज अनिरुद्ध अंकल के चैनल पर एक प्रोग्राम था, नेताजी के साथ जाना था, ट्रेडिशनल कुर्ते में श्रेया बहुत की सुन्दर दिख रही थी जैसे ही हॉर्न बजा, श्रेया भाग कर दरवाजे पर पहुंच गई, वीरेंद्र अंकल ड्राइव कर रहे थे, नेताजी पीछे बैठे थे, श्रेया उनके पास जा कर बैठ गई. नेताजी फोन पर बात कर रहे थे, बात करते करते ही उन्होंने श्रेया के निम्बुओ को टटोला, तड़ाक एक जोर का चांटा श्रेया के मेकअप किए चेहरे पर नेताजी ने जड़ा, मादरचोद कितनी बार बोलना पड़ेगा कि ब्रा नहीं पहननी है भेण की लोडी, नेताजी शायद आज किसी बात पर गुस्से थे, वीरेंद्र के लिए यह सब नोर्मल था वो अपनी मस्ती में गाड़ी चलाए जा रहा था, नेताजी ने कुर्ते के अंदर हाथ डाला और नन्ही सी ब्रा को खिंच कर फाड़ते हुए बाहर निकाला, श्रेया डर गई थी, आज पहली बार नेताजी का भारी हाथ उसपर पड़ा था, अंकल आगे से नहीं होगा प्लीज़ मारिये मत, श्रेया गिड़गिड़ाते हुए बोली, फटी हुई ब्रा उसके पैरों में पडी थी और वो डर के मारे थर थर कांप रही थी. नेताजी फिर से फोन पर बिजी हो गए, अचानक उन्होंने अपना लंड धोती से बाहर निकाला, चल चूस मादरचोद, श्रेया के लिए यह पहला मोका था जब वो नेताजी का यह रूप और लंड देख रही थी, और यह पहला लंड भी था जो वो चूसने जा रही थी.
जन आवाज चैनल के बाहर बहुत भीड़ लगी हुई थी, जैसे ही नेताजी की गाड़ी आ कर रुकी पत्रकारों की भीड़ उनकी तरफ दौड़ गई, श्रेया का मुँह अभी भी थोड़ा चिपचिपा था, एक गाल पर उँगलियों के निशान छपे हुए थे और बाल थोड़े अस्त व्यस्त थे. फोटोग्राफर खटाखट फोटो खिंचे जा रहे थे, कई लोग सेल्फी और ओटोग्राफ के लिए होड़ लगा रहे थे, श्रेया मुस्कराते हुए सबका ध्यान रख रही थी, जन आवाज चैनल की सालगिरह पर श्रेया ने मंच पर सारे भाषण ख़त्म होने के बाद शास्त्रीय संगीत का खूबसूरत समा बांध दिया, अनिरुद्ध नेताजी के कान में फूस फूसाया, बिस्तर में आलाप कब छेडेगी, सबर रखो पत्रकार बाबु थोड़ा नेताजी हंसते हुए बोले. श्रेया के महीन कुर्ते से कड़क निप्पलस साफ़ दिख रहे थे, कई लोग संगीत का आनंद ले रहे थे और कई उसके हिलते हुए छोटे छोटे निम्बुओ का. दोनों की खुसफुसाहट अभी चालू थी, कोई बड़ी डील थी जो अनिरुद्ध करवाने में नेताजी की हेल्प कर रहा था.
प्रोग्राम के बाद नेताजी अनिरुद्ध और कुछ बड़े इंडस्ट्रीयलीस्ट मीटिंग्स में थे, श्रेया को गाड़ी में इंतजार करने को बोला गया था सो वो वहां बैठे बैठे उनके आने का वेट कर रही थी. गाड़ी के कांच पर नोक हुई देखा तो वीरेंद्र अंकल थे, श्रेया ने दरवाजा खोल दिया, अंकल अंदर आ कर बैठ गए, श्रेया के गाल को सहलाते हुए बोले ज्यादा जोर से तो नहीं मारा ना, श्रेया ने आखें झुकाते हुए नहीं में सर हिलाया. क्यु बात नहीं मानती, सर की, और वो श्रेया के बालो पर हाथ फेरने लगा. थोड़ा कम्फरटेबल होते हुए वीरेंद्र के हाथ श्रेया के निम्बुओ पर आ गए, और धीरे धीरे वो उन्हें मसलने लगा, श्रेया डरी सहमी सी थी पर उसे थोड़ा थोड़ा मज़ा भी आ रहा था, लंड चूसेंगी, वीरेंद्र ने बड़े प्यार से पूछा और जवाब का इंतजार किए बिना अपना लंड श्रेया के खूबसूरत हाथो में दे दिया, गाड़ी में चूसने की आवाज गूंजने लगी, श्रेया ने जो भी पोर्न मूवीज में देखा था बिल्कुल उसी अंदाज में वीरेंद्र अंकल का लंड चूसने लगी, अंकल के हाथ उसके छोटे छोटे निम्बुओ को मस्ती के साथ निचोड़ रहे थे, थोड़ी देर में अंकल ने रस श्रेया के मुँह में छोड़ दिया, नहीं नहीं थुकते नहीं, यह तो प्रोटीन है और तुम्हारे गले के लिए अच्छा है, पी जाओ.
कुछ देर में नेताजी का फोन आया और वीरेंद्र ने गाड़ी स्टार्ट कर ऑफिस के सामने आया, अनिरुद्ध रॉय नेताजी के साथ था, और वो भी अंदर आ के बैठ गया, श्रेया दोनों के बीच में थी, नेताजी मूड में थे, अनिरुद्ध को थैंक्स बोल रहे थे, बहुत अच्छा गाई आज तुम श्रेया बेटी, अनिरुद्ध ने श्रेया के बालो में हाथ फेरते बोला, गायेगी ही ना अच्छा, आज टानिक जो पिया था, और जोर से हंस दिए, वीरेंद्र भी साथ में हंसता हुआ बोला डबल टानिक पिया है आज तो बिटिया ने, तो फिर आज तो अनिरुद्ध अंकल का लवडा भी चूस लो, नेताजी ने श्रेया के कुर्ते में हाथ डालते हुए दोनों बूब्स को बड़ी बेदर्दी से रगड़ने लगे, अनिरुद्ध ने अपना तना हुआ लंड बाहर निकाल लिया. राजधानी की सड़कों पर उस रात नेताजी की गाड़ी बड़ी देर तक घूमती रही, तीनों ने बारी बारी से मशहूर शास्त्रीय संगीत गायिका श्रेया ठाकुर से मुख मैथुन किया और नींबुओ की तो बात मत पूछो, अगले कई दिन तक निप्पल ऐसे सुजे हुए रहे कि जरा सा भी टच करने पर सुर और आलाप सब निकलने लगते थे.