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अपडेट पढ़ने के बाद केसा लगा बताना मत भूलना।
आपका सहयोग ही कहानी को रोमांचित ओर आगे बढ़ायेगा।
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Ufff mast bhabhi hain. Madhuri ko ekdam garam kar diya.जगदीप:- एक 48 साल का आदमी, जो बैंक में कैशियर है
राहुल:- मेरा नाम राहुल में अपने माँ बाप का इकलौता लड़का हूँ मेरी दो बहनें है। में खेती बाड़ी संभालता हूँ। गलत संगत के कारण में कहीं जॉब नही लग पाया तो मैने अपनी जमीन संभाल ली। मेरी माँ इस दुनियां में नही है वो हार्ट की मरीज थी जो 4 साल पहले इस दुनियां को छोड़ गई। पापा जॉब पर होते इसलिये मुझे ही खेत सम्भलने होते है। फसल के टाइम में ज्यादातर खेतो में ही होता जहां हमने एक कमरा बनवाया हुआ है जहाँ ट्यूबवेल भी है। मेरी शादी हो गयी है और एक बच्चा भी है।
सुमन:- मेरी पत्नी का नाम सुमन है जो एक बच्चे की माँ बन गयी है। सुमन बोल चाल में काफी अच्छी है और मेरा खूब ख्याल रखती है। एक 3 साल का बेटा है जिसका नाम सोनू है।
माधुरी :- ये मेरी बहन है जो 25 साल की है ओर मुझसे 2 साल छोटी है। इसकी शादी आकाश से हुई है जो सीमेंट का गोदाम चलाते हैं अम्बाला में।
रजनी:- ये सबसे छोटी बहन है जो 23 साल की है और मुझसे 4 साल छोटी है इसकी शादी हरिंदर से हुई है जो एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाते हैं।
रजनी बहन की शादी को एक साल हो गया है।
तो ये है मेरा परिवार जो खुशी खुशी अपना जीवन गुजार रहा था।
सब लोग खुश थे और सभी जिंदगी के मजे ले रहे थे
हमारे घर मे तीन कमरे थे दो नीचे जिनके बीच मे किचन था और एक ऊपर था जो मेहमान वगेरह के लिए खाली था। एक बाथरूम नीचे था जो घर के गेट के पास था दूर जिसको दोनों तरह इस्तेमाल करते थे उसमे लैटरिंग शीट भी थी बड़ा बाथरूम था तो दोनों चीजे एडजस्ट हो जाती थी ओर बाथरूम इसी तरह का ऊपर था कमरे के बराबर जिसका गेट कमरे में नही था कमरे से बाहर आकर उसमे घुसना होता था।
पत्नी की जुबानी:- ओह्ह आज तो थक गई अच्छा हुआ माधुरी ने सहारा लगा दिया। में सब काम से फारिग होकर अपने 4 साल के बेटे के लिए दूध गर्म करने लगी तभी माधुरी भी किचन में आ गयी
माधुरी:- क्या कर रही हो भाभी
मैं:- कुछ नही माधुरी सोनू के लिए दूध गर्म कर रही हूँ. भूख लगी होगी उसे
माधुरी:- सही है भय्या कब आएंगे, दिखाई नही दे रहे। मेने देखा भी नही उसे
मैं:- पता नही होंगे कहीं बाहर, तुम बताओ कैसे कट रही है जिंदगी, सब मजे में है ना। मैं मजाक करते हुए बोली
माधुरी:- हां सही है भाभी जैसी भी है
मैं माधुरी के चूतड़ों की तरफ देखते हुए हां देखने से भी लग रहा है मजे में ही होगी हीहीहीही
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना हरदम मजाक करती हो, अपने भी तो देखो कैसे फैला रखे हैं आपने
मैं:- ये आप आप क्या लगा रखा है सिर्फ भाभी या तुम कहो
तुम मेरी छोटी बहन जैसी हो इसलिए कोई आप नही ओकक
तभी दूध गर्म हो गया और मैं चल आजा मेरे कमरे में चलके बात करते हैं। मैं माधुरी को लेके कमरे में आ गयी और बेटे को निप्पल से दूध पकड़ा दिया जिसे वो लेटकर पीने लगा।
हां तो क्या कह रही थी तुम फैला रखे हैं।
अब जैसे भी हैं तेरे ही भाई की मेहनत हैं वैसे कम तेरे भी नही है लगता है आकाश ने अच्छी सवारी की है इसपर चढ़कर हहहहह
माधुरी:- अच्छा भाभी तुम्हे बड़ा पता है, उसे अपने काम से ही फुर्सत मिल जाये वही बड़ी बात है।
क्या बात है क्या टाइम नही देते वो तुम्हे?
ऐसी बात नही है भाभी पर कम ही टाइम मिल पाता है उसे हफ्ते में 3 दिन ही घर पर आते हैं बाकी दिन तो गोदाम पर ही सो जाते हैं। माधुरी के पति सीमेंट का गोदाम है अम्बाला में जहाँ काम की वजह से उसे कई बार वही रहना पड़ता है। काम ज्यादा होने की वजह से उन्हें देर हो जाती तो वो वहीं रह जाते।
मैं:- तो हमारी ननद का मन नही लगता क्या, कैसे कटती होंगी तुम्हारी रातें।
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना कुछ भी बोलती हो।
मैं:- वैसे माधुरी तुम्हे देखकर तो आकाश खूब प्यार लुटाता होगा ना, तुम कितनी खूबसूरत हो आकाश की तो मौज होती होगी
माधुरी:- हां तभी मेरी गोद सुनी पड़ी है, मेरा भी मन करता है भाभी की में भी अपने बच्चे को खिलाऊं लाड प्यार दु, ओर 3 साल से ये इच्छा अधूरी ही है, डॉक्टरों ने भी कोई कमी नही बताई दोनों में पर क्या करे ऊपर वाले ने जो लिखा है उसी पर सब्र करना पड़ रहा है और उसकी आंखें नम सी हो गयी।
मेने माधुरी को गले से लगाया और हिम्मत बढ़ाते हुए कोई नही माधुरी हो जाएगा यकीन रखो ऊपर वाले पर। देखना मेरी दुआ से तुम ढेर सारे बच्चे पैदा करोगी। फिर कहना मेने केसी दुआ दी थी तुझे।
माधुरी:- भाभी ऊपर वाला तुम्हारी दुआ सुन ले, वरना बहुत उदास होती हूँ जब बच्चे के बारे में सोचती हूं
चलो कोई बात नही माधुरी छोड़ो इन बातों को ओर बताओ सब बढ़िया है ना तुम्हारे ससुराल में
माधुरी:- हां सब ठीक है
तभी राहुल आ गए जो दीदी को देखजर चोंक गए, तभी माधुरी अपने छोटे भय्या से लग गयी। में साइड से देख रही थी के कितना प्यार है भाई बहनों में तभी मेरी निगाहें माधुरी की कठोर मोटी चुचियों ओर गयी जो राहुल के सीने से दबी हुई थी।
मेरे दिमाग मे गन्दा ख्याल आया पर मैने उसे झटक दिया और बोली, आप तो अब आये हैं माधुरी को आये काफी टाइम हो गया। आकाश ने कैब से भेजा है उसे काम था तो आये नही।
राहुल:- कितने दिनों के लिए आई हो दीदी
तभी में बीच मे बोलती हुई अब हम नही जाने देंगे इसे, इससे ही तो मन लगता है मेरा। आकाश को बोल देना आराम से आये फुर्सत में हीहीहीही
माधुरी:- 2-3 दिन के लिए आई हूं उसको भी काम है तो में यहां आ गयी।
राहुल:- जब तक मन करे तब तक रहो दीदी ये तुम्हारा भी घर है
तुम्हारी वजह से इसका भी मन लगा रहेगा
तुम दोनों बातें करो में खाना लगाती हूँ आपके लिए
में किचन में खाना लगाने लगी तभी मेरे दिमाग मे वो सीन आ गया जब माधुरी की बड़ी चुचियाँ राहुल के सीने से दबी हुई थी।
पता नही मुझे सोचने से मजा सा आने लगा कि क्या राहुल को माधुरी की चुचियाँ फील नही हो रही होंगी, हो सकता है राहुल ने इग्नोर किया हो। जो भी हो है तो उसकी बहन ही।
" क्या मैने जो सोचा है ये उसकी एक झलक है, हो सकता है मेरा सपना पूरा होने का टाइम आ गया हो। आह्दह मेरा सपना कब पूरा होगा पता नही "
मैं खाना तैयार करके कमरे में गईई जहां सोनू को गोद मे खिलाती हुई माधुरी अपने भाई से बात कर रही थी।
हाथ धोकर खाना खा लो आप
राहुल:- दीदी तुमने खा लिया खाना
तुम्हारी दीदी ने कब का खा लिया अब आप भी खा लो, मैं माधुरी को ऊपर ले जाती हूँ वहीं सो जाएंगे हम दोनों।
राहुल:- चलो ठीक है आज माधुरी से बातें करो मैं सो जाऊंगा
मैं सोनू को गोद मे लेकर माधुरी के साथ ऊपर चल दी।
ऊपर जाकर मेने कमरे का बेड सही किया। कमरे का बेड इस तरह था कि लेटे हुए इंसान का मुँह दरवाजे की तरफ होता था।
मैंने माधुरी के लिए बिस्तर लगाया और दोनों बैठ गए। सोनू को मैने बेड पर लेटा दिया।
माधुरी:- भाभी तुम नीचे ही लेट जाती, भय्या का नींद भी नही आएंगी आज तो तुम्हारे बिना
मैं:- आज नही आएगी त क्या हुआ, मुझे तुम्हारे साथ अच्छा लगेगा सोना, तुम आई हो तो मन लगा दु अपनी ननद का
माधुरी:- भाभी तुम कितनी अच्छी हो यार भय्या तो काफी लकी है जो उन्हें तुम मिल गयी।
मैं:- ओह्ह ये बात है तो आकाश भी बहुत लकी है जो उसे मेरी ननद का प्यार मिल रहा है।
माधुरी शर्मा गईई और उसके गाल लाल हो गए जो बहुत कातिल लग रहे थे। में माधुरी के गालों को लाल होता देख
माधुरी तुम्हारे गाल होते हुए कितने अच्छे लगते हैं
माधुरी:- अच्छा जी भाभी तुम भी तो कम नही हो, देखो अपने शरीर को क्या गजब लगती हो तुम
मैं:- चलो माधुरी लेट कर बातें करेंगे थक गए है काफी
तो मैं माधुरी के साथ बेड पर लेट गयी मेरा बेटा साइड में सो गया था।
मेने माधुरी की तरफ करवट ले रखी थी और माधुरी सीधी लेटी हुई थी जिससे उसकी चुचियाँ उठी हुई थी। इतनी मोटी तो नही थी फिर भी ठीक थी
मैं:- माधुरी एक बात बोलू बुरा ना मानो तो
माधुरी:- हां बोलो भाभी क्या बात है में क्यों बुरा मानूँगी आप मेरी माँ समान हो
मैं:- क्या आकाश तुमने खुश रख पाता है
माधुरी:- हां भाभी वो मुझे बहुत प्यार करते हैं में भी खुश हूं उसके साथ
में माधुरी को गौर से देखते हुए मेरा मतलब है वो तुम्हे बेड पर खुश कर पाते हैं
माधुरी थोड़ा चोंक गईई ओर शर्मा कर नजरें घुमा ली।
माधुरी मुझसे कुछ छुपा रही थी तो मैने बोला
सच सच बताओ माधुरी मुझे ऐसे लगता है तुम सेटिस्फाइड नही हो आकाश से
माधुरी:- नही भाभी कोई बात नही है मैं खुश हूँ
मैं:- तुम कुछ छुपा रही हो माधुरी सच बताओ में तुम्हारी सहेली हूँ ना मुझे भी नही बताओगी
माधुरी इतना सुनकर मेरे गले लग गयी और रोने लगी क्या बताऊँ भाभी वो बहुत अच्छे हैं पर कुछ चीजें ऐसी होती है जिनको पूरा नही कर पाते
मैं:- बताओ मुझे कोनसी चीजे, सब कुछ बताओ अगर सहेली मानती हो तो
माधुरी:- वैसे तो कोई कमी नही है सोनम पर वो जल्दी ही डिस्चार्ज हो जाते हैं तभी मेरी कोख सुनी है ओर रोने लगी
मुझसे चिपककर रोती हुई माधुरी पर मुझे बहुत तरस आ रहा था कि वो कितनी अधूरी जिंदगी जी रही है पर क्या कर सकते थे जो नसीब में लिखा वही हो रहा था
मैं:- चुप हो जाओ माधुरी क्या हुआ बच्चा भी हो जाएगा सब्र रखो आकाश को बोलो की इलाज कराए अपना
माधुरी:- डॉक्टरों ने तो बोला है कोई कमी नही है पर सोनम वो ज्यादा देर तक नही कर पाते मुझे लगता है यहीं दिक्कत आ रही है।
मैं:- क्या करे माधुरी जब किस्मत में यही लिखा है, मेने माधुरी के माथे को चूम लिया। उसकी आंख के आंसू गालों पर आ गए तो मैने उन्हें जीभ से चाट कर साफ कर दिया
माधुरी:- भाभी तुम कितनी अच्छी हो जो इंसान का दर्द समझती हो,
में इसी में खुश हूं कि तुम मेरी भाभी हो जो मेरी फिक्र करती हो
मैं:- क्या करूँ माधुरी मुझसे तेरा दर्द सहा नही जाता, तुम्हे अपनी बहन मानती हूं पर क्या करूँ इस समस्या का
तभी माधुरी ने भी मेरे माथे को चूम लिया और मेरी तरफ देखते हुए भाभी तुम कितनी प्यारी हो बिल्कुल मेरी बहनों की तरह ओर मेरे गाल को चूम लिया।
में माधुरी के चूमने से थोड़ी आश्चर्यचकित हुई की माधुरी ने मुझे चूमा, हो सकता है उसको ज्यादा प्यार आ रहा हो।
मैं:- माधुरी में भी चुम लू तेरे गालों को बुरा ना मानो तो
माधुरी मेरी तरफ देखकर चुम लो भाभी जब मैने ही चुम लिए तो
मेने माधुरी के गालों को धीरे से चूमा ओर जीभ निकाल कर उसके गालों पर फिरा दी।
जिससे माधुरी झरझरा गईई ओर मुझसे चिपक गयी।
मैं:- माधुरी मेरे कुछ सवाल है अगर तुम बुरा ना मानो तो पूछ लू तुमसे
माधुरी:- हां पूछो भाभी
में:- पहले ये बताओ तुम मुझे सहेली मानती हो ना, में कुछ भी बोलू तुम्हे बुरा तो नही लगेगा ना इसलिए इजाजत ले रही हूं।
माधुरी:- तुम भी ना भाभी, मुझे अपनी ही दोस्त समझो। में किसी भी बात का बुरा नही मानूँगी
मैं:- किसी भी बात का बुरा नही मानोगी ना
माधुरी:- हाँ भाभी बोलो तो सही
ये बताओ माधुरी की आकाश कितनी देर लगाता है मतलब कितनी देर तक मेरी सहेली की सवारी करता है
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना बहुत मज़ाकिया हो, मुझे नही पता। शर्म आती है मुझे इस तरह की बातों से
मैं:-मुझसे भी शर्माना, क्यों सहेली को दिल की बात नही बताते।
चलो छोड़ो कोई बात नही मत बताओ में तो भले के लिए ही पूछ रही थी।
माधुरी:- भाभी ऐसे उदास मत हो चलो बताती हूँ, भाभी तुम मेरी सहेली हो तो कोई दिक्कत नही बताने में दरअसल वो चाहते तो है कि मुझे खुश कर पाए पर उसका तन साथ नही देता
मैं:- मतलब , खुल के बताओ माधुरी तुम, बेझिझक बोल दो मुझे अपनी बड़ी बहन ही समझो
माधुरी:- भाभी वो बस 5-6 मिनट ही आगे पीछे करते फिर उनका हो जाता है, मुझे अच्छा लगने ही लगता है कि उसका हो जाता है
मैं:- ओह्ह बस5-6 मिनट ही ये तो सच मे आश्चर्य की बात है वरना मेरी ननद को कोई 1-1 घण्टा भी नही छोड़े।
माधुरी आश्चर्य से क्या भाभी एक घण्टा भी कोई करता होगा
एक घण्टा तो बहुत ज्यादा होता है भाभी
मैं:- तुम बहुत भोली हो एक एक घण्टा करने वाले भी लोग है इस दुनियां, अब तुम्हारा पाला आकाश से पड़ा तो क्या करें।
माधुरी:- कहाँ सुना है भाभी तुमने ऐसा की एक एक घण्टा भी ये काम होता है
मैं:- मैं बता तो दुं माधुरी पर तुम यकीन नही करोगी ओर वैसे भी तुम्हे तो बिल्कुल नही बतानी चाहिए
माधुरी:- बताओ ना भाभी अब तुम भी मुझसे कुछ छिपा रही हो
अभी तो तुम सहेली सहेली कर रही थी अब खुद ही नही बता रही
मैं :- यार कैसे बताऊं तुम यकीन नही करोगी।
माधुरी:- बताओ तो यार
मैं माधुरी के कान के पास मुँह ले जाकर उसके कान की लौ चुम ली और फुसफुसाते हुए "तेरे भय्या मुझे एक एक घण्टा नही छोड़ते कभी कभी तो डेढ़ घण्टा भी लगा देते हैं
इतना सुनकर माधुरी शर्मा गयी। अहह भाभी शर्म करो मुझे मत बताओ ये सब।
माधुरी सच बताऊ तो तेरे भय्या बेड पर बहुत ताकतवर है छोड़ते नही है घण्टा घण्टा करते है मुझे सोने भी नही देते रात भर।
माधुरी:- भाभी तुम्हारी तो मौज है भय्या तुम्हे इतना प्यार देते हैं हमारी ही किस्मत खराब है जो ऐसा इंसान मिला
माधुरी थोड़ी उदास हो गयी और आंखे बंद कर ली।
मैं:- माधुरी यार अब क्या कर सकते हैं आकाश से कहो कि इलाज कराए अपना वरना तुम्हारी जवानी तो बर्बाद हो जाएगी
माधुरी:- अब किस्मत में यही लिखा है भाभी, ना बच्चा होगा ना में बच्चे का सुख देख सकूंगी उदास होते हुए माधुरी ने कहा
मैं:- उदास मत माधुरी तुम्हारा भी समय आएगा जब तुम भी बच्चे पैदा करोगी बहुत सारे हीहीहीही
माधुरी:- छीईईई भाभी ऐसे मत बोलो इतने भी नही चाहिए।
मैं:- माधुरी तुम्हारे गाल ओर होंठ कितने प्यारे हैं। सच मे तुम जन्नत की परी हो। क्या में तुम्हारे होंठ पर हल्का सा चुंबन ले सकती हूं मेरा मन कर रहा है इन हसीन होंठो को चूमने को
माधुरी:- नहीईई भाभी मुझे शर्म आती है इतने भी अच्छे नही है जितनी तुम तारीफ कर रही हो, भाभी तुम्हारे होंठ भी कम नही है
मैं:- अपनी आंखें बंद कर लो फिर नही आएगी शर्म, ऐसा करना में तुम्हारे चुम लुंगी तुम मेरे चुम लेना।
माधुरी:- अहह भाभी तुम्हे कबसे लड़कियां पसन्द आने लगी, में ही मिली थी आपको चूमने के लिए
मैं माधुरी को मनाते हुए तुम कितनी खूबसूरत हो माधुरी प्लीज एक बार चूमने दे ना, मेरी छोटी बहन नही हो तुम
माधुरी:- अच्छा ठीक है पर ज्यादा जोर से मत करना भाभी कहीं मेरे होंट ही खा जाओ
मैं:- ठीक है जैसा तुम कहो चलो अब आंखे बंद करो।
माधुरी ने आंखे बंद की ओर मेने उसे बाहों में लेते हुए उसकी तरफ मुँह बढ़ाया ओर निचले होंठ को जीभ फिराई ओर मुँह में भर लिया। ऐसा करने से माधुरी कसमसा गयी। तभी मेने माधुरी के मुँह में जाबां घुसा दी और चारों तरफ घुमा कर उसकी जीभ होंठो से पकड़ ली और चूसने लगी।
माधुरी अभी भी साथ नही दे रही थी तो मैने उसके सीने पर हाथ रख दिया और सहलाने लगी। अभी भी मेने माधुरी की चुचियाँ मसली नही थी बस ऊपर ऊपर से सहला रही थी।
माधुरी को खुमारी आने लगी और वो मेरे होंठो को चूसने लगी।
मेने माधुरी की जीभ को चूसना चालू रखा और उसकी एक चूची को पकड़ कर हल्का हल्का भींचने लगी। जिससे माधुरी ने मेरी जीभ को भी पकड़ लिया और चूसने लगी।
माधुरी एक मस्त बदन की लड़की थी उसके होंठ एक दम लाल सुर्ख मुलायम थे। गालों पर लाली छाई हुई थी।
चुचियाँ मीडियम साइज की थी पर बहुत सख्त मालूम पड़ रही थी।
हमारे बीच जीभ का आदान प्रदान होने लगा और एक दूसरे से स्मूच किश करते रहे। मुझे माधुरी की नाक से आती हुई गर्म गर्म खुशबूदार महक ने ओर उत्तेजित कर दिया
में उसकी चूची को थोड़ा जोर देकर भींचने लगी। तभी माधुरी का हाथ सीने पर आया और उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। मेने तेज तेज किसिंग करते हुए उसके हाथ को छुडाया ओर दोबारा से चुचियाँ मसलने लगी। माधुरी अब गर्म होने लगी थी उसने मेरे मुँह को दोनों हाथों से पकड़ा और ऊपर नीचे के दोनों होंठो को पीने लगी। में उसे सब करने दे रही थी और में उसकी चुचियाँ मसलती हुई उसके निप्पल को ढूंढ कर पकड़ लिया और मसलकर उसे छोड़ दिया।
तभी माधुरी ने सिसकी के लिए मुँह खोला तो मैने उसकी जीभ को पकड़ कर चूस दिया।
माधुरी का मीठा थूक भी मेरे मुँह में आ रहा था जो उत्तेजना को भड़का रहा था
मुझे माधुरी के मीठे थूक से ओर ज्यादा उत्तेजना उठने लगी और में होंठ चूसते चुसवाते हुए अपना नीचे ले गयी और धीरे से माधुरी के साड़ी को अलग करके लगी। ये सब मे बहुत धीरे कर रही थी कहीं माधुरी की खुमारी कम ना हो और वो होश में आकर मना कर दे। मेने साड़ी को साइड किया तो माधुरी का मुलायम पेट पर हाथ रख दिया
में माधुरी से अपने होंठ ज्यादा चुस्वा रही थी ताकि इनमें खेल लगकर माधुरी नीचे होने वाले गतिविधियों और ध्यान ना दे पाए।
माधुरी का पेट नंगा हो गया और में आहिस्ता से उसके कोमल मुलायम पेट पर हाथ फिराती हुई उसे अपनी जीभ चुस्वाति रही।
मेने माधुरी के एक हाथ को पकड़ा और अपने सीने पर रख दिया जिससे माधुरी मेरे सीने को दबाने लगी। मेरिई चुचियाँ का साइज अच्छा खासा था जो सूट में भी बाहर निकलने को आतुर रहती थी। मेने माधुरी को अपनी चूची ओर होंठो से खेल लगा देख उसकी नाभि ओर उंगली रख दी ओर अंदर धकेल दी। अहह कितना मादक अहसास था नाभि की गहराई भी अच्छी खासी थी तो में उसमे उंगली घुमाती रही और माधुरी से किस करती रही।
आग दोनों तरफ भड़क चुकी थी, माधुरी की सेक्सी नाक से आती गर्म खुशबूदार सांसे बता रही थी कि वो फुल गर्म हो चुकी थी।
मुझे 5 मिनट हो गए थे माधुरी को किस करते हुए तभी मेने आगे बढ़ने के लिए माधुरी से होंठ अलग किये और बोली
मैं:- माधुरी कैसा लगा फिर ये होंठो का स्वाद, तुम तो कह रही थी कि हल्का सा करना, अब खुद ही चिपकी हुई हो मेरे होंठो से।
माधुरी होश में आई और शर्माते हुए भाभी .....मैं...कहाँ...लगी....हुई थी..तुम ही मेरे साथ लगी हुई थी।
मैं:- चलो छोड़ो ये बताओ कैसा लगा तुम्हे ये किस, सच सच बताना
माधुरी:- अच्छा था, ओर मुझे शर्म भी आ रही थी में अपनी भाभी को चूम रही हूं।
मैं:- तुम्हे अच्छ लगा ना बस यही चीज इम्पोर्टेन्ट है बाकी शर्म को मारो गोली हीहीहीही
वैसे माधुरी तुम्हारे होंठ तो काफी मीठे है मजा आ गया पीकर, एक बात और तुम्हारा तो थूक भी कितना मीठा है टेस्टी सा हीहीहीही
माधुरी:- छीईईई भाभी मेने कब पिलाया तुम्हे थूक
मैं:- तुमने पिलाया नही बल्कि किश करते टाइम जीभ से लग लग कर मेरे मुँह में आ रहा था। जरा जीभ दिखाना अपनी माधुरी
माधुरी ने अज्ञातवश अपनी जीभ निकाली तो उसकी जीभ को अपने होठों से पकड़ लिया और एक दो बार चूस कर छोड़ दिया।
माधुरी:- अहह भाभी तुम भी ना, अब क्या मेरी जीभ को खा जाओगी।
मैं:- मेरी सहेली माधुरी मन तो करता है तुम्हारी हर चीज को चाट चाट कर खा जाऊं, बहुत नशीली मीठी चीज हो तुम आज पता चला है मुझे तो।
माधुरी:- ओह्ह भाभी तुम भी ना, तुम भी कम मीठी नही हो
ये भोलेपन से कही बात पर मुझे हंसी आ गयी।
मैं:- माधुरी ओर मजा किया जाए क्या कहती हो, मुझे तो बहुत मजा आ रहा था। तुम बताओ
माधुरी:- भाभी तुम्हे ये काम अजीब नही लगता, तुम मेरी बड़ी भाभी हो में तुम्हारी ननद हूँ
मैं:- देखो माधुरी ना में तेरी भाभी हूँ और ना तुम मेरी ननद। हम बस दोस्त है और दोस्त के बीच कोई शर्म नही सुना नही क्या तुमने "जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म" हीहीहीही
माधुरी:- भाभी मुझे अजीब सा लग रहा था तब
मैं:- अजीब या मजा एक चीज डिसाइड करो
माधुरी कुछ सोचते हुए भाभी मजा ज्यादा था और अजीब भी लग रहा था।
मैं:- बस यही चीज तो चाहिए तुम्हे भी ओर मुझे भी। में कोनसा किसी को बताऊंगी की मेने फला के होंठ चूमे हैं में तो बस तुम्हे खुश देखना चाहती हूं इसके लिए चाहें मुझे कुछ भी करना पड़ा।
में तेरी खुशी में खुश हूं ये याद रखना मेरिई ननद साहिबा
माधुरी हंस पड़ी ओर बोली सच मे भाभी तुम बहुत अच्छी हो जो इतना प्यार रखती हो सबके लिए
मैं:-माधुरी बताओ फिर लेना चाहोगी मजा अपनी भाभी से।
माधुरी:- अहह भाभी अब क्या मजा रह गया जो मुझे देना चाहती हो। अब क्या करने वाली हो मेरे साथ
मैं:- घबराओ मत मेरी ननद तुम्हारा रैप नही करूंगी, हां अगर में लड़का होती तो जरूर रैप कर देती तुम्हारा हीहीहीही
माधुरी:- फिर तो मुझे शुक्र करना चाहिए कि तुम लड़की हो भाभी, वरना में तो लूट जाती बर्बाद हो जाती हीहीहीही
भाभी तुमने मेरे सीने को क्यों दबाया कितनी बेरहम हो भाभी तुम दर्द हुआ था मुझे
मैं:- क्या करूँ माधुरी तुम्हारे नशे में पता ही नही चला, ज्यादा जोर से भींच दिया क्या
माधुरी:- इतना भी नही ओर थोड़ा दर्द हुआ,
मैं:- चलो लाओ तुम्हारा दर्द दूर कर दु ओर मेने माधुरी की एक चूची को पकड़ लिया जिससे माधुरी ने मेरा हाथ पकड़ कर
छोड़ो ना भाभी अब सही है सब
वैसे माधुरी तुम्हारा सीना अभी उतना बड़ा नही है क्या बात है आकाश ध्य्यन नही देता क्या इनपर हीहीहीही
माधुरी:- भाभिईईई इनपर ध्यान देने से बड़ी हो जाती हैं क्या
मैं:- ओर नही तो देखो मेरे सीने को तुम्हारे भाई ने मसल मसल कर इतना बड़ा कर दिया है जब देखो इनपर ही टूट पड़ते हैं।
माधुरी:- हां दिख रहा है असर पकड़ने का, पर वो तो कम ही ध्यान देता है उसे काम से फुर्सत मिले तब ध्यान दे ना अपनी पत्नी पर।
मैं:- माधुरी मुझे लगता है तुम्हारे सीने की ऐंठन भी नही गईई हो
दिखाना जरा, में बातों लेती हुई बोली जिसपर माधुरी
भाभी अब कुछ ज्यादा नही हो रहा है कहाँ तुम एक बार चूमने की कब रही थी और अब ये भी कह दिया
मैं:- सॉरी तुम्हे बुरा लगा तो ओककक गुड़ नाईट ओर मेने मुँह फुलाते हुए साइड की करवट ले ली।
कुछ देर माधुरी चुप रही फिर मेरी पीठ को थपथपाते हुए भाभी ऐसा मत करो प्लीज
मेने फिर भी कोई जवाब नही दिया में चुप लेटी रही और अपने बच्चे पर हाथ फेरने हुए नाटक करने लगी रूठने का।
माधुरी:- भाभी सॉरी मेरा वो मतलब नही था, चलो देख लो तुम, मैं तैयार हूं दिखाने को।
में फिर भी चुप रही में देखना चाहती थी कि माधुरी किस हद तक मनाती है मुझे।
भाभी प्लीज मान जाओ ना, सॉरी अब कभी मना नही करूंगी भाभी।
मैं:- सॉरी की कोई बात नही है माधुरी मेरी हर बात पर तुम सवाल जवाब कर रही हो मुझे बुरा महसूस करा रही हो। कोई बात नही में ही गलत थी जो तुम्हे अपनी खास बहन मानती हूं। मेरिई कोई बहन नही है ना इसलिए तुम्हे ही बहन माना पर आज तुम गैर जैसा बिहैव कर रही हो। मेने चाल लगाते हुए कहा।
कोई 5 मिनट तक जवाब नही मिला उसके बाद माधुरी की आवाज आई
माधुरी:- भाभी इधर देखो सब गुस्सा शांत हो जाएगा देखो तो
में फिर भी पलट कर लेटी रही
भाभी देखो तो सही, में कभी मना नही करूंगी, कभी अपनी प्यारी सी भाभी को रूठने नही दूंगी प्रॉमिस भाभी
मैं:- पक्का वाला प्रॉमिस या बाद में मुकर जाओगी।
माधुरी:- पक्का सच्चा प्रॉमिस भाभी अब पलट भी जाओ और देखो कुछ सरप्राइज है तुम्हारे लिए।
मेने करवट माधुरी की तरफ की तो देखकर हैरान रह गई
मेरी 25 साल की जवान ननद माधुरी साड़ी का पल्लू गिरा कर ब्लाउज को ऊपर करके नंगी चुचियों ओर पेट के साथ नंगी लेटी हुई थी। उसका ऊपरी जिस्म एकदम कोमल और सफेद था। पेट एक दम सपाट नीचे नाभि पर पेड़ू( सुना है जिसके पेट पर पेड़ू होता है उसकी चुत अंदर से गहरी होती है) पेड़ू को देखकर मुझे मुस्कुराहट आ गयी। मेने देखा कि माधुरी की चुचियाँ कठोर ही थी एकदम ऊपर को तनी हुई उनमें ढीलापन नाममात्र का था।
दो मोटे मोटे निप्पल ब्राऊन कलर के चार चांद लगा रहे थे।
मेरी चुचियों की तुलना में माधुरी की चुचियाँ हल्की कम थी अगर मेहनत होती तो मेरी जैसी हो जानी थी।
बहरहाल अच्छी तरह मुआयना करने के बाद मेने माधुरी की तरफ देखा तो उसने आंखे बंद कर रखी थी जो शर्म आने की वजह से कर रखी थी
मेने उसको देखकर एक विजय मुस्कान के साथ देखा और बोली
माधुरी आज तुमने साबित कर दिया कि तुम मेरी सच्ची पक्की सहेली हो। अहह क्या हुस्न दिया है माधुरी तुम्हे तो देखो तो कितनी जंच रही हो हीहीहीही
माधुरी:- भाभी बोलो मत बस जो देखना है देख लो। में मना नही करूंगी। पर बातों से शर्मिन्दा मत करो।
मैं:- ओह्ह मेरी लाडो को शर्म आ रही है अभी दूर कर देती हूं तुम्हारी शर्म को। मैने मुँह में थूक इकट्ठा किया और नजदीक जाकर माधुरी के ब्राउन निप्पल पर धीरे से गिरा दिया ओर माधुरी के सर पर हाथ रख दिया ताकि उठ ना पाय
मेरा थूक माधुरी के निप्पल पर जाकर बहुत कामुक लग रहा था, थूक देखते देखते पानी हो गया ये इस बात का सबूत था कि मेरी ननद का जिस्म कितना गर्म है। मेने धीरे मुँह से जीभ निकाली और खड़े निप्पल पर जीभ रखकर घुमा दी। जैसे ही माधुरी को पता चला कि कोई चीज उसके निप्पल पर कहर ढा रही है उसने आंखे खोली तो मैने उसके निप्पल को मुझ में हवा बनाकर पूरा निप्पल मुँह में ठूस लिया जिसे माधुरी बर्दास्त नही कर सकी और उठकर बैठ गयी। बैठने से मेरे मुँह से माधुरी का निप्पल खिंचते हुए धीरे धीरे निकल गया और माधुरी के मुँह से कामुक आवाज आई "अहहहह भाभीईईईई मररररर गईईईईई "
लम्बी लम्बी सांस लेते हुए माधुरी मेरी तरफ हेरत से देखती हुई
भाभी ये क्या था ?
मैं:- माधुरी मुझसे रहा नही गया तो मैने मुँह लगा दिया, तुम्हे अच्छा नही लगा क्या ?
माधुरी हाथों से चुचियाँ ढकती हुई भाभी इतनी अजीब हरकत क्यों कि आपने, सिर्फ देखने के लिए बोला था ने आपने, में सिर्फ पूछ रही हूं नाराज नही होना भाभी
मैं:- माधुरी सच बताऊ तो मैने इतनी मादक सीना कभी नही देखा तो मैने चुम लिया। तुम्हे अजीब लगा क्या माधुरी
माधुरी:- भाभी अजीब भी था और गुदगुदी सी उठ गई थी। मुझे यकीन नही था आप ऐसा करेंगी बस ओर कुछ नही।
मैं:- माधुरी तुम गुस्सा हो मुझसे तो कोई बात नही रहने देते हैं चलो सो जाओ अब
में माधुरी को आगे बढ़ने के लिए बातों में लेने लगी।
माधुरी:- नही ऐसी बात नही है भाभी दरअसल मुझे आपके सामने इस तरह नग्न होने से ज्यादा अजीब फील हो रहा है
मैं:- अच्छा ये बात है तो ये लो और मैने अपनी टीशर्ट निकाली जिससे मेरी भारी चुचियाँ ब्रा में कसी हुई माधुरी के सामने थी।
माधुरी मेरी तरह टकटकी लगाए देख रही थी तो मुस्कुराते हुए अपनी ब्रा भी निकाल फेंकी ओर मेरे मोटे चुचे हवा में आजाद हो गए।
मैं:- अब ठीक है ना बराबर हो गया, चलो तुम भी ये ब्लाउज निकाल दो। ओर मेने माधुरी का ब्लाउज निकाल कर साइड में रख दिया।
माधुरी अपनी चुचियाँ हाथों से ढकती हुई मेरे सीने को देखने लगी
में मुस्कुराती हुई "क्या हुआ माधुरी कहाँ खो गयी"
माधुरी थूक निगलती कुछ नही भाभी
बताओ भी क्या देख रही हो इतनी गौर से
भाभी आपका सीना कितना अच्छा है यही देख रही हूं
मैं:- माधुरी ये सीना क्या होता है इन्हें चुचियाँ कहते हैं मेरिई प्यारी ननद।
माधुरी:- हिहहहहह भाभी तुम बड़ी बेशर्म हो कैसे कैसे नाम लेती हो इन चीजों का
जान सीना तो मर्दो का होता है हमारी तो चुचियाँ होती है जो मर्दो को पिलाने ओर दूध निकालने के लिए दी है
ये सुनकर माधुरी शर्मा गईई
मेने माधुरी का मुँह पकड़ा और दोबारा से उसके लाल सुर्ख होंठो का रसपान करने लगी
जिसमे माधुरी भी थोड़ा थोड़ा साथ देने लगी अभी भी माधुरी पूरी तरह से खुली नही थी जिसको खोलना बाकी था। में माधुरी के होंठ चूसते हुए उसे लेटा दिया और उसके शरीर के अगले बगल दोनों पैर करके उसके ऊपर आ गयी लेकिन मेरा ऊपरी जिस्म उससे टच नही हुआ था।
में माधुरी का मादक जाम पीते हुए नीचे आई और उसकी सुराही गर्दन पर जीभ से चाटने लगी। माधुरी को अब सुरूर चढ़ना लगा और वो मेरी हरकतों को देखती हुई सिसक रही थी।
उसकी गर्दन पर जीभ से चाटते हुए मैं उसके वाइट चुचियों पर आ गयी दोनों हाथों से पकड़ कर पहले उन्हें मसला ओर मुट्ठी से भींच कर उन्हें खड़ा कर दिया। माधुरी मेरी तरफ देखती रही मेने उसकी दाई चूची को गप्प से मुँह में समा लिया और हवा बनाती हुई पूरी चूची को मुँह में भरने लगी। इस दौरान मेरी आँखों का कनेक्शन माधुरी से बना रहा और मैने थूक इकट्ठा करके उसके निप्पल पर गिराया ओर कामुक एक्सप्रेशन देते हुए उसे निप्पल के ऊपर से चाट लिया।
माधुरी:- अहहहहहह भाभिईईई क्या करोगी आज तुम केसी केसी हरकते कर रही हो।
माधुरी मुझे तुम्हारे जिस्म ने पागल कर दिया है कितना सफेद जिस्म है तेरा, ये तुम्हारी चुचियाँ हायययययय बड़ी जानलेवा है
दूसरी चूची को भी इसी तरह चूस कर मेने लाल कर दिया। दोनों चुचियाँ अब अकड़ी हुई थी और उनके निप्पल बिल्कुल सीधा खड़े हो गए जो काफी दिलकश नजारा था।
माधुरी:- बताओ फिर केसी लगी ये चुसाई, क्या तुम भी लेना चाहोगी ये मजा।
माधुरी कुछ ना बोली तो मैने दोबारा पूछा बताओ ना मेरी ननद क्या चुसोगी मेरी चुचियाँ
माधुरी:- अगर आप को बुरा ना लगे तो भाभी,
मेरी ननद मुझे क्यों बुरा लगेगा शौक़ से पियो अपना ही माल समझो हीहीहीही
मेने माधुरी के मुँह के ऊपर अपनी नंगी चुचियाँ ले आई जिसे माधुरी ने ऊपर मुँह उठा कर लपक लिया और निप्पल को होंठो में भींच लिया अहहहह माधुरी आराम से कोई जल्दबाजी ना करो।
माधुरी ने कोई जवाब नही दिया और मेरी मोटी चूची को खींच खींच कर चूसने लगी।
मजा आ रहा है ना माधुरी, कैसा लगा इनका टेस्ट बता ना
चूची से मुँह हटा कर माधुरी बोली अच्छा है भभीईईईई
माधुरी छोटे बच्चे जैसी मेरी चुचियाँ पीने लगी कोई 5 मिनट तक
पीने के बाद उसने मुँह हटाया तो में बोली भर गया पेट माधुरी
"हां भाभी भर गया"
Mdhuri is simple but sexy.अपडेट 2
मैं माधुरी के बगल में लेट गयी और उसकी चुचियाँ पीने लगी तभी माधुरी ने अपना हाथ साड़ी के ऊपर से अपनी चुत पर रखा और सहलाने लगी जिसे में चोर आंखों से देख रही थी
मैं:- माधुरी ज्यादा खुजली है क्या वहां जो सहला रही हो
मेरी बात सुनकर माधुरी को झटका लगा जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो। माधुरी ने अपना हाथ हटा लिया और बगलें झांकने लगी।
मैं:- ऐसा होता है इसमें शर्माने की कोई बात नही है तुम बेफिक्र रहो सब सही कर दूंगी में, मुझपर यकीन है ना तुम्हे
माधुरी:- में बस ऐसे ही, भाभी आप तो बड़ी चालू चीज हो अहह कितना पियोगी इनको भाभिईईई
मैं:- जब तक दूध नही आ जाता हीहीहीही
माधुरी:- भाभी दूध कैसे आएगा इनमें ये तो खाली है अभी
मैं:- कोई नही माधुरी इनमें दूध भी आ जायेगा फिर तो पिला दोगी ना अपना दूध अपनी भाभी को
माधुरी:- अहह भाभी दूध तो बच्चे के लिए होता है ना, तुम क्यों पीना चाहती हो
मैं:- माधुरी तुम्हारा गर्म गर्म दूध भी कितना टेस्टी आएगा ना, तुम बड़ी मीठी चीज है माधुरी, पिलाओगी ना अपना दूध और मैने उसके निप्पल को दांतों के बीच दबा दिया जिससे माधुरी ऊपर मुँह करके सिसकते हुए लंबी लम्बी सांसे लेने लगी अहह भाभी दर्द होता है छोड़ो मुझे
"नही छोडूंगी बताओ मुझे दूध पिलाओगी ना अपना जब इनमें दूध आएगा"
माधुरी दर्द से सिसकती हुई अहह पी लेना भाभिईईई
"ये हुई ना बात माधुरी"
में:- अहहहह माधुरी तुम्हारे पेट पर तो पेड़ू है, क्या बात मेरिई ननद
माधुरी उत्सुकता से भाभी क्या मतलब पेड़ू, ये क्या होता
मैं:-मैं नही बता रही फिर तुम मुँह फुला लोगी, पेट फूलाने की उम्र में तुम मुँह फुला लेती हो
माधुरी ने मुक्का मारते हुए अहह भाभी तुम भी ना, बताओ ये पेड़ू क्या होता है
"मेरी लाडली ननद जिसका पेट नाभि पर उठा हुआ होता है उसकी चुत ज्यादा गहरी होती है" और मैने माधुरी की चुत को कपड़े के ऊपर से ही मुट्ठी में भर लिया
माधुरी ने झट से मेरा हाथ झटक दिया "भाभी इतनी बेशर्म मत बनो क्या क्या कर रही हो तुम
झूंटी बाते मत बनाओ मेने तो नही सुना ऐसा।
मैं:- तुम सुनोगी कहाँ से तुम्हारा पाला जब किसी से पड़ा ही नही
सच मे माधुरी मुझे पता चल गया तुम्हारी कोख ना भरने का राज
माधुरी उत्सुकता से "कैसा राज भाभी"
मैं:- ये बताओ आकाश का वो कितना बड़ा है
माधुरी:- क्या भभीईईईई
"उसका लन्ड" तुम भी ना बुध्धु हो पूरा
उससे क्या लेना है भाभी ठीक ठाक है
मैं:- फिर भी बताओ तो चलो हाथ से बताओ
तभी माधुरी ने कुछ सोचते हुए हाथ पर बताया कि इतना होगा
जो उसने बताया वो कोई 6 इंच के बराबर होगा
तभी तो दिक्कत आ रही है तुम्हे माधुरी।
तुम्हारी चुत गहरी है तो आकाश का पानी बच्चेदानी तक नही पहुंच पाता गहरी चुत के लिए बड़ा मोटा लन्ड चाहिए होता है जो बच्चेदानी का मुँह खोल कर उसमें पानी डाल सके समझी तुम
माधुरी सोचती हुई भाभी मुझे नही पता ऐसा भी है, इसमें अब क्या कर सकते हैं।
में:- हां अब कर भी क्या सकते हैं जो किस्मत है वही होगा
रुको माधुरी तुझे एक फोटो दिखाती हूँ
मेने अपने फ़ोन में लॉक गैलरी से एक फोटो निकाला और माधुरी को दिखाते हुए ये देखो और बताओ इससे कितना छोटा बड़ा है आकाश का
फ़ोटो देखकर माधुरी में नजर घुमा ली भाभी मुझे क्यों दिखा रही हो ये सब,
"बताओ तो यार तुम शर्माती बहुत हो"
भाभी इससे 3-4 इंच छोटा होगा ये तो कोई फेक फ़ोटो है
"ओर मोटा कितना होगा माधुरी"
भाभी मोटा भी कम है इससे पर भाभी ये तो फेक फ़ोटो है इंसान का इतना बड़ा कहाँ होता है तुम भी ना भाभी कुछ भी दिखाती हो
मैं:- माधुरी वैसे ऐसा लन्ड ही तुम्हारी चुत की गहराई नाप सकता है, इसके माल से पूरे पूरे चांस है तुम मां बन सको।
"भाभी ऐसा किसी का नही होता सब बकवास है ये बातें
मैं:- अगर में साबित कर दु की ये लन्ड असलियत में है और तुम्हारी जान पहचान वाले का है तो तुम क्या इनाम दोगी बताओ
माधुरी:- में नही मानती, अगर है तो बताओ मुझे
मैं:- इनाम क्या दोगी पहले वो बताओ माधुरी
"भाभी क्या इनाम चाहिए तुम्हे बताओ एक तो आपने नकली फ़ोटो दिखा दिया अब इनाम भी चाहिए
में:- चलो इनाम में ऐसा करते है जो जीतेगा वो उसकी हर बात मानेगा, तुम जितने दिन भी यहां हो तब तक मेरी बात मानोगी ओर अगर फ़ोटो झूंट हुआ तो में तुम्हारी बात मानूँगी बोलो मंजूर है।
माधुरी:- पूरे कॉन्फिडेंस के साथ ठीक है भाभी मंजूर है
मैं:- सोच लो एक बार फिर मुकरने नही दूंगी सब बातें मनवाऊंगी तुमसे अभी कह देती हूँ।
माधुरी:- ठीक है भाभी सब मंजूर है।
मेने उठकर फ़ोन से अपनी ओर आकाश की बढ़िया वाली 2 इमेज लॉक गैलरी से निकाली और गैलरी में सेव की।
माधुरी:- भाभी चुपके से क्या कर रही हो फोन में, मुझे भी दिखाओ ना
"ननद महारानी कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो प्राइवेट होती है। समय आने पर सब दिखाउंगी फिलहाल तुम ये देखो ओर अपने कपड़े सही करो।
तुम्हे शर्म आएगी मेरे सामने देखने मे इसलिए में पेशाब करने जा रही हूं आराम से देख लेना
मेने माधुरी को फ़ोन दिया और कमरे से बाहर आ गयी, दरवाजा मेने इतना बन्द किया कि एक आंख से अंदर माधुरी का रिएक्शन देख सकू
फ़ोटो की बात करू तो एक फोटो में राहुल वीडियो कॉल पर मुठ मार रहा था तब में गाँव मे थी जिसमे उसके लन्ड से वीर्या निकल रहा था
दूसरी फ़ोटो में राहुल लेटा हुआ था जिसमे मैं उसका लन्ड चूस रही थी और उसने मेरे मुँह में पानी छोड़ा था।
सबूत के लिए इस वाले फ़ोटो में मेरा चेहरा दिखाई दे रहा था लन्ड चूसते हुए।
मैं बाहर आकर धीरे से साइड हो गयी और आराम से दरवाजे के पास गई जहां दोनों जोड़ इकट्ठा होते हैं दो पलड़ों वाला दरवाजा था। में बड़ी सावधानी से दरवाजे के बीच से अंदर झांका जहां माधुरी दरवाजे की तरफ देखकर मेरे जाने का कन्फर्म कर रही थी। तभी उसने फोन की तरफ झांका ओर फोटोज को देखने लगी। उसके चेहरे पर अब आश्चर्य वाले भाव आने लगे और वो गौर से अपने भाई के 10 इंच लंबे 4 इंच मोटे बलशाली लौड़े को देखने लगी जिसमे उसका सगा भाई अपने लन्ड की पर्दाशनी दिखा रहा था। इतने दिनों के इंतज़ार के बाद आज मेरी सोची गयी बात धीरे धीरे आगे बढ़ रही थी। अहह माधुरी देख ले गोर से अपने सगे बड़े भाई का लम्बा मोटा लोडा मेरी लाडो, देख केसी मोटी मोटी धार है वीर्ये कि, देख कितना वीर्या निकालता है तेरे बड़े भाई का बड़ा लन्ड, में खुदसे बाते करती हुई अंदर झांक रही थी जहां माधुरी का चहेरा लाल सुर्ख हो गया जैसे अभी खून निकल आएगा, एक तो वो इतनी लाल है टमाटर जैसी
अहह माधुरी है ना तगड़ा लन्ड जो चुत को भोसड़ा बना दे। माधुरी तेरे भाई का लन्ड जब घुसता है ना जन्नत के मजे करा देता है जो तूने कभी महसूस नही किया होगा। तभी माधुरी ने फ़ोटो को बड़ा किया ओर गोर से अपना भाई का वीर्या छोड़ता लोडा देखने लगी। उसे यकीन नही हो रहाथा कि उसके भाई का इतना बलशाली मोटा लम्बा लन्ड होगा पर यकीन तो करना ही था जब उसने अपनी आंखों से मुझे लौड़ा चुसते हुए देखा है तो।
माधुरी के माथे पर अब पसीना आने लगा वो लम्बी लम्बी सांसे लेती हुई अपने बड़े भाई का उल्टी करते हुए लोडा देख रही थी
में दरवाजे से पीछे हटी ओर थोड़ा दूर जाकर वापिस आने लगी और दरवाजा खोल कर अंदर घुस गई जहां माधुरी लेटकर लगी हुई थी फोटोज देखने मे
"बस भी कर नजर लगाओगी क्या इस लौड़े को"
ओह्ह माधुरी तुम्हे तो पसीना आया हुआ है क्या बात है बताओ तो ओर मैं उसके पैरों की साइड बैठ गयी।
माधुरी:- कुछ नही भाभी गर्मी की वजह से आ रहे होंगे
"चलो कोई बात नही अब तो यकीन हो गया ना कि ऐसे ऐसे मोटे ताजे लन्ड भी होते हैं, अब तो देख लिया ना अपने भाई का मट्ठा निकालते हुए लौड़ा
माधुरी:- छीईईई भाभी तुमने उसे मुँह में ले रखा था और पानी भी आआआआ थुऊऊऊ भाभी कितना गन्दे हो तुम लोग
मैं:- शुरू शुरू में तो मुझे भी गन्दा लगता था पर अब अच्छा लगता है नमकीन सा टेस्टी मट्ठा हीहीहीही क्या करूँ माधुरी तेरे भाई को खुश करने के लिए करना पड़ता है वरना वो मुझसे रूठ जाते हैं
"अहह कितना गन्दा लग रहा है मुझे देखकर भी भाभी"
में:- तुम्हे नही पिलाया क्या आकाश ने अपना मट्ठा
माधुरी:- छीईईई में तो सोच भी नही सकती करना तो बहुत दूर
"अपनी अपनी सोच है माधुरी"
तो कैसा लगा अपने भय्या का लोडा है ना मस्त मोटा लम्बा
माधुरी:- मुझे नही पता, शर्म करो भाभी मेरे भाई की बाते मुझसे ही पूछ रही हो।
मैं:- चलो नही पूछती अब बताओ में शर्त जीत गईई अब तो मानोगी ना मेरी हर बात
माधुरी:- हां क्या करूँ माननी पड़ेगी शर्त जो हार गई हूं
मैं:- माधुरी तुम्हे कैसा फील हुआ जब तुमने अपने भाई का लौड़ा देखा कैसा लगा कुछ बताओ ना
माधुरी:- भाभी ये गन्दे गन्दे शब्द मत बोलो कुछ और नाम ले लो
"माधुरी अब लौड़े को लौड़ा ना कहु तो क्या कहूं, बड़े लन्ड को लौड़ा ही बोलते हैं"
छीईईई कैसा अजीब नाम है
मैं:- बताओ ने कैसा फील हुआ तुम्हे जब फ़ोटो में लौड़ा देखा था
माधुरी:- कुछ नही भाभी अजीब सा लगा कि इतना बड़ा भी होता है किसी का वो भी अपने ही भाई का
"सही कहा माधुरी अजीब सी झुरझुरी हुई होगी तुम्हे आखिर तुम्हारे ही भाई का लौड़ा है"
में अब माधुरी के बगल में लेट गयी उसकी तरफ करवट लेकर उसको अपने से चिपका लिया
"मेरी लाडो को पसन्द आ गया तो अपने भाई का लन्ड हां ?
माधुरी:- चुप हो जाओ भाभी क्यों शर्मिंदा कर रही हो।
"माधुरी तुम्हारा भाई बहुत सेक्सी है अजीब अजीब सी हरकते करता है मेरे साथ।
माधुरी:- ह्म्म्म, तुम भी कम नही हो भाभी
मैं:- माधुरी तुम्हारा भाई का लन्ड ओर उसका पानी बहुत ताकतवर है इसलिए में सावधानी बरतती हूँ अभी मुझे दूसरा बच्चा नही चाहिए। नही तो तेरा भाई जब पानी छोड़ते है तो पूरी चुत लबालब भर देते हैं इतने से तो 3-4 बच्चे हो जाये बांझ औरत से। पर अभी उन्हें कंट्रोल में रखा है कि अंदर मत डालना अपना पानी
माधुरी:- क्यों भाभी दूसरे बच्चे में क्या बुराई है
मैं:- अभी यार मजे लेने है सोचेंगे थोड़ा रुककर
तुम्हे एक बात बताऊ माधुरी ?
"बताओ भाभी क्या बात हैं"
मैं:- जब में दुल्हन बनकर आई थी उस रात तेरे भाई ने जोश में आकर तेज़ झटके से पूरा अंदर डाल दिया था जिससे में बेहोश हो गयी थी
माधुरी:- क्यों भाभी बेहोश क्यों हो गयी थी
"बुध्धु तेरे भाई का लन्ड मुझसे सहन नही हुआ तो बेहोश हो गयी थी। फिर भी तेरे भाई को रहम नही आया उसने मुझे बेहोशी में भी चोदा कहीं में दोबारा डालने के लिए मना करदु इसलिए बेहोशी में चोदने से उसने मेरी चुत फाड़ दी सच मे बड़ा दर्द हुआ उस रात तो माधुरी।
माधुरी:- समझाना तो भाई को आपने, आपसी सहमति से होता है सब कुछ।
मैं:- माधुरी तुम भी बेहोश हुई थी क्या पहली रात ?
माधुरी:- नही तो भाभी ऐसे तो नही हुआ मेरे साथ, बस थोड़े से खून जरूर आये थे।
मैं:- ह्म्म्म सच मे माधुरी वो तो में हट्टी कट्टी थी फिर भी बेहोश हो गयी अगर मेरी जगह तुम होती तो लौड़े से मर जाती
माधुरी:- में होती मतलबब..ब.ब
में बात को संभालते हुए "मतलब अगर तुम इतने बड़े लड़ से चुदती तो मर ही जाती"
माधुरी:- मुझे लगा क्या बकवास कर रही हो भाभी तुम
में:-तुम्हे क्या लगा कि राहुल के नीचे तुम होती तो मर जाती यही लगा क्या ?
माधुरी ने मेरा मुँह भींच दिया और मुक्के बरसाने लगी और मेरे से कसकर चिपक कर भाभी तुम बहुत गन्दी हो
मुझे माधुरी की बचकानी हरकत बहुत पसंद आई, वो सच मे बेहद शरीफ थी उसमे बच्चों जैसी नासमझी थी जो मेरे दिल मे उतर गई। उन्हें इन सब चीजों ज्ञान नही था ऐसा मुझे उसकी बातों में लग रहा था
में:- माधुरी तुम कितनी प्यारी हो, जैसे तुम मेरी ही औलाद हो ऐसा महसूस कर रही हूं अब में, कितनी मासूम है मेरी ननद देखो कैसे चिपकी हुई हो जैसे में तुम्हारी माँ हूँ
माधुरी:- बड़ी भाभी मां समान ही होती है ना भाभी
"तो तुम मुझे माँ मानती हो पर मेरी बातें नही मानती हो"
माधुरी:- भाभी अब मेने क्या बात नही मानी आपकी
में:- देखते हैं कितना मानोगी,
फिर हम दोनों चिपक कर लेटे रहे। माधुरी सोच में शांत लेटी हुई थी जैसे कुछ चीजो को विश्लेषण कर रही हो की वो कितनी अधूरी हैं इन चीजों से कहाँ उसके भय्या भाभी मजे की सेक्स लाइफ गुजार रहे थे।
मेने प्लान हो आगे बढ़ाते हुए "माधुरी बेबी मुझे तलब हो रही है तुम्हारे भाई के माल की"
माधुरी ने सोच से उभर कर ऊपर मुँह किया और गर्म सांस छोड़ती हुई " किस चीज की तलब भाभी"
मैं:- तुम्हारे भय्या के लन्ड का पानी पीने की तलब, बहुत मन कर रहा है उसका गर्म मट्ठा पीने को
माधुरी:- आज की रात तो पता नही क्या ही बन गयी हो आप, हर चीज में बेशर्मी छाई है बड़ी चालक चीज हो तुम
मैं:- क्या करूँ यार तेरे भाई का मट्ठा है ही इतना गाढ़ा प्यास बुझ जाती है जिस्म की
माधुरी:- छीईईई गन्दी भाभिईईई, मुझसे क्यों पूछ रही हो आप जाओ जो करना है
मैं:- तुम्हारी इजाजत लेनी है फिर कहो कि में तुम्हे छोड़कर चली गयी इसलिए तुम इजाजत दो जाने की
माधुरी:- जाओ भाभी में कुछ नही कहूंगी
"ऐसे नही माधुरी खुल के कहो"
कैसे कहना है भाभी अब कह तो दिया जाओ आप
मैं:- ऐसे कहो कि जाओ भाभी मेरे भाई के बड़े लन्ड का गर्म मट्ठा पीने, तब जाऊंगी में लाडो
माधुरी:- क्या मजा आता है भाभी तुमको बार बार गन्दी बात करके, मुझे भी बेशर्म बना रही हो अपनी तरह
मैं:- अलग ही मजा आता है तुम नही समझोगी अब बोलना है तो बोल दो, तुमने वादा किया था हर बात मानोगी, अब बोल दो ताकि में जा सकू
माधुरी थोड़ा उलझन में आ गयी उसकी हिम्मत नही हो रही थी ऐसी बात कहने की तो में उसको हिम्मत दिलाते हुए बोलो भी लाडो, देर हो रही है।
माधुरी:- जा..ओ भाभी में.रे भाई के ब.डे ल..ल..लन्ड का मट्ठा पीने।
इतना सुनकर मेरी चुत को चींटियों ने काट दिया अहह मेरी लाडो तुमने ओर भड़का दिया जाऊंगी लाडो निचोड़ निचोड़ कर तुम्हारे बड़े भाई का लन्ड का मट्ठा पीऊंगी। तुम्हे पीना है तो बताओ चख लेना अपने भाई के गर्म मीठे वीर्ये को लाडो। मैं माधुरी के सामने बेशर्म बनके बोली
माधुरी:- नहीईई भाभिईईई शर्म करो मुझे नही पीना ये सब तुम्हे ही मुबारक हो अब जाओ भी भाभी
में:- चलो में जाती हूँ पर एक काम करो अपने मुँह में थूक इकट्ठा करो ढेर सारा
माधुरी:- क्यों भाभिईईई क्या करोगी फिर
"सवाल नही सिर्फ वो करो जो बोला है में थोड़ा सीरियस होते बोली"
माधुरी ने थूक इकट्ठा किया तो मैने बोला इसको मेरी हथेली पर डाल दो
थूक की वजह से माधुरी कुछ बोल नही पाई पर उसने आंखों से हेरत वाला रिएक्शन दिया पर मैने फोर्सफुल्ली उसको मना लिया और उल्टा हाथ आगे करके माधुरी का गर्म मीठा थूक हथेली पर लिया जो काफी मात्रा में था।
थूक डालकर माधुरी "भाभी क्या करने वाली हो आप, ऐसा क्या करोगी इसका
मैं बेड से नीचे उतरकर खड़ी हो गयी और बैठी हुई माधुरी से मुखातिब हुई
"इस थूक को तुम्हारे भाई के गर्म लौड़े पर चिपड दूंगी ताकि गीला लन्ड मुँह में आगे पीछे हो सके ओर देखूंगी की बहन के मीठे गर्म थूक से भाई का लोडा कितना पानी निकालता है
माधुरी अचरज से आंखे फाड़कर मुझे देखने लगी और हतप्रभ भाव से बोली "भाभी तुम कितनी कामिनी हो मेने सोचा भी नही था। तुम्हारा थूक कम था जो मेरा थूक इस्तेमाल करोगी तुम
मैं:- लाडो इसका अलग ही मजा है बताऊंगी फिर कभी अभी तुम्हे दोनों फ़ोटो व्हाट्सएप कर रही हूं देख लेना और मन करे तो
फ़ोटो को अपने मुँह के ऊपर करना ओर महसूस करना कि फ़ोटो में निकलता तुम्हारे भाईईई का गाढ़ा नमकीन वीर्या तुम्हारे मुँह में गिर रहा हो
सोचना की राहुल का माल तेरे मुँह के जा रहा है।
"भाभिईईईई..ईई.ई कहते हुए माधुरी मेरी तरफ मारने के लिए बढ़ी ओर मैं जल्दी से कमरे से निकलकर बाहर आ गयी।
मेने माधुरी को दोनों फ़ोटो व्हाट्सएप पर भेजे ओर हथेली पर रखा उसका थूक देखकर नीले आसमान की तरह मुँह किया और विजय मुस्कान के साथ नीचे अपने कमरे में आ गयी।
माधुरी
माधुरी केसी लगी आपको कमेंट करके बताओ
Bhabhi nanad ki jodi badi mast hai.अपडेट 3
कमरे में पहुंचकर देखा तो राहुल सो गया था क्योंकि टाइम भी 1 बज गया था वहां राहुल बेड पर सोया था
यहां मैं उसकी शादीशुदा छोटी बहन के मुँह का गर्म मीठा थूक हाथ मे लिए खड़ी थी। मेने बेड के पास से राहुल को आवाज दी तो राहुल तस से मस नही हुआ दो तीन बार आवाज दी पर राहुल गहरी नींद की वजह से कोई जवान नही दिया
में शैतानी सोच के साथ धीरे से बोलती हुई "राहुल मेरे बालम तुम सोए हुए हो देखो में तुम्हारी बहन माधुरी का मादक मीठा थूक लाई हूँ ताकि तेरे हलब्बी लन्ड को गीला कर सकू, मुझे उम्मीद है तुम्हारी बहन का थूक तुम्हारे लौड़े को पसंद आएगा और ज्यादा पानी निकालेगा"
मेने राहुल को पास जाकर जगाया लेकिन वो गहरी नींद में था मेने उसको सोने दिया और उसके पेंट की चेन खोली ओर सोया हुआ लन्ड भी बड़ा कातिल लग रहा था उसको बाहर निकालकर हाथ से पकड़ा और लौड़े से बतियाते हुए "राहुल के लौड़े महाराज आज तुम्हारी दीदी का गर्म थूक लगा रही हूं उम्मीद है तुम ज्यादा पानी निकालोगे ये सोचकर कि वो तुम्हारी छोटी मादक गर्म बहन है समझे" और मैने माधुरी का पूरा थूक मुँह में लिया और हथेली साफ कर दी और मुँह में थूक इकट्ठा करके लन्ड पर थूक गिरा दिया और राहुल का आलू जैसा टोपा पूरा गिला हो गया
टोपे से रिसता हुआ थूक नीचे आने लगा जिसे मेने हाथ से पूरे लन्ड पर चिपड दिया जिससे राहुल ने अंगड़ाई ली और आंखे खोल कर मुझे हेरत से देखते हुए "सुमन तुम इस वक़्त"
हां राहुल मन कर रहा था तुम्हारे लन्ड के पानी को पीने के लिए इसलिए आ गयी तुम जगे नही तो में खुद ही करने लगी
राहुल:- माधुरी कहाँ है ?
मैं:- वो ऊपर सोई हुई है तभी आई हूं तुम्हारे पास " में अपने मन से सोचती हुई-उसने ही इजाजत देकर भेजा है कि लो मेरा थूक ले जाओ और मेरे बड़े भय्या के बड़े लन्ड पर लगाकर पानी निकालना"
राहुल:- सुमन तुम पागल हो ये कोई वक़्त है , माधुरी कभी भी जग सकती है फिर कभी कर लेना जाओ ऊपर
मैं:- राहुल बस पानी ही पिला दो जल्दी हो जाएगा देखना, फिर में आराम से नींद ले पाऊंगी जान
राहुल झुंझलाते हुए यार ठीक है तुम ही कर लो मुझसे नही उठा जाएगा
"कोई नही तुम लेटो में खुद कर लुंगी ओर में राहुल के लन्ड को मसल मसल कर खड़ा करने लगी थोड़ी देर की मेहनत के बाद खड़ा हो गया जिससे मेने मुँह में भर लिया।
राहुल का लोडा पूरा मुँह में नही आता था तो मैने आधे लन्ड को ही मुँह में आगे पीछे करने लगी
मन मे ख्याल आ रहा था कि काश माधुरी मेरी जगह होती तो ये लोडा महाराज अभी जहर उगल देता पर इसको पुराना टेस्ट कहाँ अच्छा लगेगा। चलो करते हैं कोशिश ओर मेने 5-6 मिनट मुँह से चुसाई करके राहुल को गर्म कर दिया और राहुल ने मेरा सर पकड़ कर लन्ड पर दबा दिया जिससे में समझ गयी कि उसका होने वाला है
(मन मे शैतानी ख्याल लाते हुए " हां राहुल डाल दो अपनी शादीशुदा बहन के मुँह में पूरा पानी, प्लीज राहुल निकालो तुम्हारी बहन प्यासी है इस गर्म मठ्ठे के लिए, ओह्ह मेरे बड़े लन्ड के भाई पिला दो इसको भाईईई तुम्हारी बहन माधुरी मुँह खोले भीख मांगती है पिला दो अपना अमृत अपनी गर्म जवान बहन को राहुल, क्यों मेरी किस्मत में ऐसा लोडा नही है भाईई ऐसे लौड़े से उछल उछल कर चुदने का मन करता है, मन करता है चुत में घुसा कर पूरी जिंगदी गुजार दु, मौत भी आये तो भाई तब भी ये लौड़ा तुम्हारी लाडली बहन माधुरी की चुत में हो राहुल भय्यायययययय..."
तभी राहुल के लौड़े ने बारिश शुरू कर दी और मोटी मोटी तेज़ धार के साथ उसका पानी मुँह में इकट्ठा करने लगी। पूरा पानी मुँह में इकट्ठा करके लास्ट ड्राप भी निकाल ली और खड़ी होकर राहुल को इशारों से अलविदा कहा और उसकी चैन ऊपर करके बाहर आ गयी दरवाजा ढाल कर।
बाहर आकर में किचन की तरफ बढ़ गयी जहां मेने चाय का एक कप उठाया और उस कप में राहुल का वीर्या डाल दिया।
राहुल के माल से आधा कप भर गया जो दिखने में भी गाढ़ा था।
मेने उसको नाक के पास लगाया और सूंघ लिया अहह गर्म सी महक मेरे नथुनों में घुल गयी।
में उस वीर्ये भरे कप को लेकर ऊपर चल दी और दरवाजे पर पहुंच कर कप को बाहर ही एक कुर्सी पर रख दिया और दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुला नही,
में सोचने लगी कि ये बन्द क्यों कर दिया माधुरी ने, मेने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से आवाज आई "रुको भाभी"
माधुरी ने दरवाजा खोला और मुस्कुराती शर्माती मेरी तरफ देखती हुई वापस बेड की तरफ चल दी
"माधुरी ये दरवाजा की कुंदी क्यों लगाई तुनमे"
भाभी मेने समझा तुम अब वापस नही आओगी इसलिए बन्द कर दिया
मैं:- लाडो में लन्ड का पानी पीने गईई थी चुदवाने नही, चुदवाने जाती तो एक दो घण्टे लग जाते तुम्हारा भय्या का जल्दी निकलता भी कहाँ है बस रुक रुक कर चोदते है
माधुरी:- अहह भाभी फिर से शुरू हो गयी, अब तो तसल्ली मिल गयी अब क्यों ऐसी बात कर रही हो
मैं:- मेरी तो तसल्ली हो गयी पर तुम्हारा क्या तुम तो बेचैन हो ना,
भाभी में क्यों बेचैन होती
मैं:- तभी तो कुंदी लगा दी ताकि अपने भाई के मोटे लौड़े को आराम से देख सको महसूस कर सको हीहीहीही
"भाभी तुम आज मानोगी नही था अपनी हरकतों से
मैं:- में पक्के यकीन के साथ कह सकती हूं तुमने अपने भाई के लौड़े को देखकर तरह तरह की बातें सोची होगी है ना?
"नही भाभी ऐसा कुछ नही है में क्यों ऐसी बाते सोचने लगी"
माधुरी की हालत बता रही थी के वो इस समय कितनी गर्म थी उसकी सांसे भी ढंग से नही आ रही थी माथे पर पसीना ओर चेहरे के हाव भाव बेतरतीब बनाए हुए थे
मैं:- माधुरी तुम्हे मेरी कसम है बताओ तुमने क्या क्या सोचा ओर क्या किया है
भाभी मेने कुछ नही किया में तो लेटी हुई थी बस
मैं:- झूट मत बोलो माधुरी कब तक अपने आप को झुठलाती रहोगी मुझे पता है तुमने अपने भाई के बारे में सोचा है
में माधुरी के पास जाकर खड़ी हो गयी जो अभी बेड के बराबर खड़ी थी।
भाभी क्या सोचती यही सोचा कि आप भाई का पानी पी रही होगी और क्या सोचती
में:- तो तुम भी पीलो ना मना किसने किया है हीहीहीही
माधुरी शर्मा गईई और बेड पर लेट गयी
मेने उसके शरमाने को हां समझा और बाहर आकर वीर्ये का ग्लास ले आई।
माधुरी ने मेरे हाथ मे गिलास देखा तो पूछा "इसमें क्या है भाभी"
कुछ नही इसमें जूस है बहुत ताकतवर, मैं जाकर माधुरी के पैरों में जाकर बैठ गयी
माधुरी उठकर बैठ गयी और गिलास में देखती हुई अहह बाजी ये क्या इसमे क्यों डाला है
माधुरी में तुम्हारे लिए लाई थी तुम्हारा गला भी सूखा होगा ना
छीईईई भाभी ये पिलाओगी मुझे
में:-पीना हो तो बताओ वरना मेंने पी जाना है फिर मत कहना भाभी अकेले अकेले पी गईईईईई
"ये काम आप ही करो मुझे माफ़ करें"
ज्यादा दबाव ना डालते हुए मेने कप को मुँह से लगाया और पूरा पानी पी गयी इस दौरान माधुरी अजीब सा मुँह बनाती हुई मुझे देखती रही।
कप खाली करके मेने चटकारे लेते हुए पानी मुँह में ले लिया और बेड पर लेट गयी अपने बेटे की साइड।
मैं:- माधुरी अब सू जाते हैं बहुत रात हो गयी है
माधुरी को सब समझने सोचने का वक़्त देने के लिए मेने ऐसा कहा।
माधुरी:- ठीक है भाभी सो जाते हैं
लाइट ऑफ कर के 2-4 बात की ओर हम सो गए ।
सुबह टाइम पर मेरी आँखें खुली ओर में अंगड़ाई लेती हुई उठकर बैठ गयी
माधुरी अभी भी सोई हुई थी उसका हसीन चेहरा पर बेशुमार नूर आया हुआ था। सोती ही वो बेहत शांत और जहाँ भर की टेंशन से मुक्त नींद ले रही थी। मैं झुककर उसके मुँह के पास आई और गौर से उसके चेहरे को देखने लगी उसकी गाल उसके होंठ उसकी नाक से आती बेहद कामुक सांसे,
में नाक के पास अपनी नाक लेकर गयी और उसकी गर्म सांसे को सूंघने लगी पता नही एक अजीब सी मादकता थी उसकी नाक में। मन तो कर रहा था कि उसकी नाक को चाट लू अंदर जीभ डालकर पर कहीं माधुरी नींद खराब हो जाये इसलिए रहने दिया और माथे पर किस करती हुई
बेड से उतर गई। सोनू भी सोया हुआ था तो उसको सोता छोड़ के ऊपर बाथरूम में जाकर फ्रेश हुई और नीचे आकर किचन में साफ सफाई और नास्ते की तैयारी करने लगी।
कोई आधे घण्टे के बाद माधुरी सोनू को गोद मे लिए हुए नीचे किचन में आई "भाभी सोनू के लिए कुछ खाने को दे दो इसे भूख लगी होगी।
मैं:- ठीक है इसको बाहर पलंग पर लेटा दो मैं अभी दूध बनाती हूँ इसके लिए। मेने सोनू के लिए दूध बनाया और माधुरी के साथ छत ओर सूखने के लिए लटकाए हुए कपड़े लेने छत पर चली गई
अभी हम दोनों कपड़े उतार रहे थे कि बापू(ससुर)आ गए जो कसरत करने के लिए आते थे।
बापू छत पर आकर दंड पेलने लगे, बापू ने ढीला सा लोअर पहन रखा था। में बापू को दंड पेलते हुए देखने लगी। माधुरी अभी भी कपड़े उतार रही थी।
मेरे दिमाग मे खुराफाती सोच आने लगी तो मैं माधुरी के पास गई और बोली "माधुरी देखो तो तुम्हारे पापा अभी भी कितने फिट हैं किस तरह दंड पेल रहे हैं
माधुरी:- क्या हुआ भाभी पापा फिट रहने के लिए करते हैं ताकि शरीर फिट रहे।
मैं:- माधुरी बापू अभी भी कितने गबरू जवान लगते हैं देखो तो किस तरह दंड पेल रहे हैं जैसे कि चुत मार रहे हो हीहीहीही
माधुरी शर्माती हुई भाभी आप हमेशा ऐसी ही बकवास करती हो
मैं:- अहह देख ना माधुरी मेरा मन कर रहा है बापू के नीचे लेट जाऊं टांगे खोलकर,40-50 दंड तो मेरे ऊपर भी पेल देंगे बापू
माधुरी गुस्से में " भाभी हो क्या गया है आपको अब बापू पर भी नियत बिगड़ गयी आपकी"
मैं:- माधुरी मम्मी के जाने के बाद बापू अकेले पड़ गए हैं, बेचारे कैसे अपनी तड़प मिटाते होंगे,
माधुरी:- तुम्हे बड़ा पता है भाभी पापा की तड़प का,
"क्यों तुम्हारे पापा के पास औजार नही है जो खड़ा नही होता होगा
माधुरी:- नही मेरे पापा ऐसे नही होंगे, वो बहुत सिंपल आदमी है
में माधुरी की उठी हुई गांण्ड पर हाथ रखकर "अपनी गांण्ड का छेद दिखा दो अभी चढ़ जाएंगे बापू लन्ड लेकर तुम्हारी गांण्ड पर, फिर यही सिंपल पापा कैसे तुम्हारी सवारी करेंगे सोच भी नही सकते" इतना कहकर मेने माधुरी की गांण्ड के छेद पर उंगली घुमा दी
माधुरी:- भाभिईईई बन्द करो ये बकवास ओर मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया
में माधुरी को गांण्ड पर फिराई हुई उंगली दिखाती हुई उसे नाक के पास लेकर गयी और सुंघा जिसे माधुरी हेरत से देख रही थी
फिर मेने उस उंगली को मुँह में भर लिया और चाटने लगी
माधुरी गुस्से में मुझसे दूर जाकर कपड़े उतारने लगी ओर सब कपड़े उतार कर हम नीचे आ गए।
हमने नास्ता बनाया जिसमे अंडे की ऑमलेट ओर कुछ परांठे अचार भी था।
में अपने कमरे में गईई ओर राहुल बेड ओर बेठकर फ़ोन चला रहा था
राहुल:- नास्ता तैयार हो गया क्या, मुझे खेतो पर जाना है आज गेंहू में पानी चलना है।
मैं:- हां नास्ता तैयार है तुम नहा धोकर नास्ता कर लो।
राहुल नहाने के लिए बाहर वाले बाथरूम चला गया और में किचन के काम करने लगी।
तभी बापू भी आ गए और नास्ता का पूछा तो मैने बोल दिया कि तैयार है।
नास्ता करके दोनों बाप बेटे अपने अपने काम चले गए और मेंने माधुरी के साथ मिलकर नास्ता किया और बर्तन साफ किये।
साफ सफाई करके हम आराम करने कमरे में चले गए।
सोनू को मैने एक खिलौना पकड़ा दिया और उसे पलंग पर बैठा दिया।
मैं माधुरी बेड पर बैठकर बातें करने लगे।
माधुरी:- भय्या खेत पर क्या करने गए हैं भाभी
मैं:- आज फसल को पानी लगना है वही देने गए हैं, तुम्हे क्यों इतनी फिक्र हो रही है
माधुरी:- बस वैसे ही पूछ रही थी भाभी, तुम भी हर बात में मजाक ढूंढ लेती हो।
"मुझे लगा कभी भय्या को मिस कर रही हो"
माधुरी तुम सूट सलवार में तो एक दम अफ्सरा लगती हो तुम्हारी छाती देखो केसी कसी हुई है सूट में
माधुरी:- तुम भी कम नही हो भाभी देखो तो आपके कबूतर कैसे घुटे हुए हैं हीहीहीही
"अच्छा ऐसा है तो तुम भी बड़े करवा लो किसी से"
माधुरी:- मेरे जैसे भी हैं ठीक है भाभी, मुझे नही करने ज्यादा बड़े। भाभी में जब से आई आप मुझसे औंधी सीधी बात कर रही हो क्या वजह से इसकी
मैं:- माधुरी तुम मेरी छोटी बहन जैसी हो, अब में तुमसे मजाक कर लूं तो बुरा क्या है बताओ
माधुरी:- भाभी मुझे शर्म आती है आपसे इस तरह की बातें सुनते
ओह्ह मतलब तुम मुझे अपना दोस्त नही मानती इसका मतलब
भाभी ऐसी बात नही है पर अजीब सा लगता है आपके सामने
देखो माधुरी जिंदगी बहुत छोटी है इसके मजे लो समझी, चाहे वो मजा कहीं से मिले
माधुरी:- हम्म
मैं:- चल अब नहा लो फिर खाना बना कर खेतो पर चलना है, तुम्हारे भय्या को रोटी देने।
माधुरी:- ठीक है भाभी
ओर हां रगड़ रगड़ कर नहाना जो तुम्हारे भय्या देखे तो खुश हो जाये कि उसकी शादीशुदा बहन कितनी कातिल है हीहीहीही
"भाभी तुम भी ना"
चल में नहा लेती हूं भाभी।
मैं:- जाने से पहले एक किस तो दे दे यार बड़ा मन कर रहा तेरे होंठो को पीने का
माधुरी:- अहह भाभी ऐसा क्या है मेरे होंठो में जो आप बार बार इनपर ही आ जाती हो
मैं:- मुझे बहुत खूबसूरत लगते हैं यार रात का स्वाद नही जा रहा जुबान से, प्लीज माधुरी। में शरारत भरी आवाज से बोली
अहह ठीक है पर हल्का सा करना आप बहुत बदमाश हो छोड़ती ही नही हो।
मैं:- प्रॉमिस हल्का सा ही करूंगी खड़ी हो जाओ और मेरे पास आओ। हम बेड के पास खड़े हो गए।
मेने माधुरी को अपनी बाहों में खींच लिया और दोनों हाथ उसकी पीठ पर कस लिए
मेरी मोटी छाती माधुरी के बूब्स से चिपक गए।
मुझे माधुरी के जिस्म से अजीब सा नशा आने लग गया था बस मन करता कि माधुरी को चूमती रहूं। सायद इसको लेस्बियन भी बोल सकती हूं। बस माधुरी के हर अंग का जाम पीने का मन करता है।
मैं:- चलो होंठो आगे करो अपने
माधुरी ने शर्माते हुए अपना मुँह मेरे मुँह के पास ले और मैने उसके ऊपर के होंठ को मुँह में भर लिया और चूसने लगी।
कभी ऊपर का होंठ चूसती तो कभी नीचे का।
अब माधुरी भी काफ़िर हद तक खुल गयी थी तो वो भी जवाब देने लगी।
मेने उसके सीने को दबाना शुरू कर दिया धीरे धीरे से।
पुच्च्च्च्च पुच्च्च्च्च की आवाज हम दोनों से आने लगी।
मैं:- माधुरी अपनी जीभ निकालना बाहर
माधुरी लाल आंखों से देखती हुई अपनी जीभ बाहर निकाली जिसे मेने होंठों से पकड़ लिया और चुसने लगी।
माधुरी के लाल सुर्ख जीभ सलाइवा के साथ उसको पीने लगी।
सच पूछो तो माधुरी का हर एक अंग में एक नशा था। अलग ही सुरूर चढ़ जाते है उसको चुम कर
माधुरी मजा आ रहा है ना
हां भाभी अच्छा लग रहा है
किस छोड़कर में माधुरी के गालों को चाटने लगी जीभ से पूरे गाल पर थूक लगा दिया और फिर चाट लेती। फिर उसके काम की लौ को चूमने लगी।
माधुरी भी अब गर्म होने लगी उसने में एक चुचे को हाथ से पकड़ लिया ओर भींचने लगी, जवाब में मैने भी उसके एक बूब्स को मसलना शुरू कर दिया।
में कान में फुसफुसाते हुए माधुरी रात तुम्हारा थूक जब मैने तुम्हारे भय्या के लन्ड पर लगाया तो एक अजीब सा मजा आया
माधुरी गर्म होती हुई कैसे भभीईईईई
"ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी जगह तुम हो और तुमने अपने भय्या के लन्ड पर थूक गिरा रही हो और तुम ही उसको मुँह में भरके चूस रही हो"
माधुरी ने इतना सुनकर पहली बार विरोध के तौर पर कुछ नही कहा और मेरी चूची को तेज दबाव से मसल दिया।
में उसकी गर्दन गाल होंठ सब जगह जीभ फिराती हुई उसे गर्म कर रही थी।
"पता है माधुरी"
क्याआआआआ भभीईईईई
"ऐसा लग रहा था जैसे तुम मेरी जगह हो अपने भय्या का लोडा मुँह से चूस रही हो, तुम राहुल की आंखों में देख रही हो प्यासी निगाहों से जैसे कह रही हो भय्या पिला दो अपना मट्ठा अपनी बहन को
माधुरी सिसकी लेती हुई फिरररर भाभिईईई
"फिर क्या माधुरी ऐसा लग रहा था कि तुम्हारे भय्या फूल जोश में है उसने तुम्हारा मुँह पकड़ रखा है दोनों हाथों से ओर तुम्हारे मुँह में लन्ड गले मे फंसाया हुआ है तुम सब दर्द बर्दास्त कर रही हो, तुम्हारी आँखों मे आंसू बह रहे हैं अपने भय्या के लिए,
फिर राहुल ने तुम्हारा मुँह लन्ड से हटा कर दूर किया और तुम्हारी आँखों मे झांक रहे हैं जैसे कह रहे हो "माधुरी बहन मुँह खोलो" तुमने मुँह खोला हुआ है, जीभ निकाली हुई है जैसे कुतिया निकालती है।
तुम्हारे भय्या ने तुम्हारे मुँह में बहुत सारा थूक डाला और तुम जोश में उसे चाट गयी ओर गप्प से दोबारा लन्ड मुँह में भर लिया
फिर तुम्हारे भय्या का माल निकला जिसे तुम पी रही थी पूरा मुँह माल से भरा था माधुरी तुम अपने भाई का लन्ड मुँह से लगाये सारा माल पी गयी
इतना सुनकर माधुरी ने जोश में आकर मेरी गर्दन पर काट लिया अहह माधुरीईईईई
मैं माधुरी से दूर हुई और गर्दन को सहलाने लगी
अहह ये क्या किया माधुरी तुमने काटा क्यों
माधुरी:- बेहाल साँसों के साथ भाभी मुझे पता ही नही चला सॉरी
मैं:- किस बात से तुम इतना वाइल्ड हो गयी बताओ मुझे, जो मुझे काट लिया माधुरी, क्या तुम्हें इस बात से जोश आया कि तुम अपने भय्या का लन्ड मुँह से चूस रही थी
माधुरी:- अहह भाभी सॉरी गलती से हो गया
मैं:- बताओ यही बात है ना जो में कह रही हूं। तुम राहुल के बारे में सोचकर इतना जोश चढ़ा था
माधुरी:- ह.ह.हा.हॉं भभीईईईई
मैं:- माधुरी से दोबारा चिपक गयी और उसके होटों पर टूट पड़ी और बीच मे बोलती हुई
माधुरी सच मे बहुत मजे का पानी है तुम्हारे भाई का, बहुत टेस्टी है माधुरीईईईई पीना है क्या तुम्हेंहहहहहहहह
माधुरी:- ये कैसे सम्भव होगा भभीईईईई वो मेरे बड़े भय्या है
मैं:- माधुरी ये सम्भव है मेरी जान बस तुम हां तो बोलो फिर देखना मैं कितना आसान बना दूंगी इसे
माधुरी:- भाभी ये कैसे संभव है भय्या मुझे देखेंगे नही जब ये काम होगा
मैं:- तुम हां तो बोलो फिर में बताऊंगी कैसे होगा बोलो
मैं उसे बाहों में भरके उसकी आँखों मे देखती हुई बोली
माधुरी कुछ देर खामोश रही फिर झुकी आंखों से हां भाभी
ऐसे नही माधुरी "पूरा बोलो की मुझे बड़े भय्या है बड़ा लन्ड का पानी पीना है"
माधुरी थोड़ा चिढ़कर "बोल तो दिया भाभी हां"
मेरी लाडो जब बोल ही दिया तो इतना बोलने में क्या जा रहा है
माधुरी फिर मेरे गले लग गयी और कंधे पर सर रख कर बोली
"हां मुझे भय्या के बड़े लन्ड का पानी पीना है"
मैं:- माधुरी के कान की लो को चूसते हुए "अहह माधुरी पिलाऊंगी तुझे तुम्हारे भय्या के लौड़े का पानी, खून मुँह भर भरकर पीना मेरी ननद, निचोड़ निचोड़ कर पिलाऊंगी जान"
ओर हम दोनों बुरी तरह से एक दूसरे को चुसने लगे
करीब 5 मिनट चूसने के बाद हम अलग हुए और सांस सम्भाल कर
माधुरी:- भाभी आप मेरे चरित्र पर तरह तरह की बाते तो नही सोच रही, मैं बर्दास्त नही कर पाऊंगी भाभी कोई मेरे बारे में गलत सोच रखे।
मैं:- माधुरी ऐसा कभी नही होगा, तुम मेरी छोटी बहन हो जो भी होगा उसमे हम दोनों ही राजदार होंगे
तुम मुझपर पूरा भरोसा कर सकती हो।
माधुरी निश्चित होकर "ठीक है भाभी"
मैं:- तो अब ज़ोर ज़ोर से बोलो हां मैं अपने भाई का लन्ड पियउँगी, उसका पानी चाट जाऊंगी
माधुरी:- अहह भाभी मुझे शर्म आ रही है।
मैं:- अब क्या शर्माना यार अब शर्म को बिल्कुल खत्म करो और बिंदास रहो, ओर मेरे साथ जिंदगी के मजे लो समझी
माधुरी:- ठीक है भाभी अब नही शरमाउंगी
तो बोलो जोर जोर से की तुम क्या करोगी भय्या के साथ
माधुरी जोश में आती हुई "अपने भय्या का लंड चुसुंगी उसका पानी निकाल कर पियउँगी भाभी"
हम दोनों गले लग गए और एक दूसरे की पी सहलाने लगे।
अलग होकर मेने माधुरी से कहा कि ये काम कैसे होगा वो में रात में बताऊंगी फिलहाल तुम जाकर नहा लो फिर रोटी बना कर खेतो पर चलना है
माधुरी "ठीक है भाभी" कहकर नहाने चली गयी और मैं बेड पर बैठकर सोचने लगी कि
कितना मादक कामुक नजारा होगा जब एक बड़ा भाई अपनी प्यासी शादीशुदा बहन को अपना ढेर सारा पानी उसके मुँह में डाल देगा
अहहहह सोचकर ही फुरफुरी आ गयी। उठकर में किचन की तैयारी करने लगी।
Suman bahut hi sexy bhabhi hai jo apni nana ko bhai ka pani pila rahi hai.अपडेट 4
कुछ देर बाद माधुरी नहा कर कमरे में आई जहां में वो बला की खूबसूरत लग रही थी। गीले लम्बे बाल जिनसे पानी टपक रहा था
गीले होंठ ओर चेहरे से आती फेसवाश की महक। माधुरी ने जिस तरह की ड्रेस पहनी हुई थी वो किसी को भी बहका सकती थी
पर माधुरी ने अभी ड्रेस पर दुपट्टा भी लेना था क्योंकि इस तरह तो नही जा सकती थी राहुल के सामने
मैं:- माधुरी एक किस दे दे यार बड़ी हॉट लग रही है।
माधुरी:- अहह भाभी आपका भी कभी मन नही भरता ना, मुझे बाल सँवारने हैं फिर कभी कर लेना
मैं:- अपनी भाभी को मना करोगी अब तुम, कोई नही कर लो अपने मन की
माधुरी:- अहह भाभी तुम भी ना लो कर लो जल्दी से।
मै माधुरी के पास गई और उसके गीले होंठो को मुँह में भरकर चुसने लगी, गीले होंठो को चुसने में जो मजा है वो बयान नही कर सकती। एक तो पता नही क्या नशा था माधुरी की साँसों जिससे में हमेशा बहक सी जाती थी।
उसकी गर्म सांसे मुझे वाइल्ड होने पर मजबूर कर देती थी।
माधुरी खड़े होकर बिना साथ दिए अपने होठ चुसाने लगी तो मैने कुछ देर चूसकर उसको छोड़ दिया ओर उसके नंगे सीने को मतलब बूब्स के ऊपर जो खुला भाग था उसपर चूमने लगी बड़ी मुलायम त्वचा थी माधुरी की "शुक्रिया माधुरी" बहुत मीठी चीज है तू। तुझे तो आराम आराम से इस्तेमाल करूंगी ।
माधुरी:- पता नही क्या मजा आता है आपको मेरे जिस्म से, जबकि आपके पास भी वो ही चीजे है जो मुझमे हैं भाभी
मैं:- हाँ बात तो सही है पर तेरे बदन में कशिश है खिंचाव है मादकता है जो मुझे बार बार मदहोश कर देती है माधुरी।
माधुरी:- छोड़ो भाभी अब मुझे तैयार होने दो
"खाना देने जाना है कोई सुहागरात नही है राहुल के साथ तुम्हारी जो इतना बन ठन के जाना है हीहीहीही
माधुरी:- भाभिईईई अब बस बहुत हुआ, बन्द करो अपनी बकवास ओर मुझे अकेला छोड़ दो प्लीज
मैं उसे कमरे में छोड़कर बाहर आ गयी सच मे माधुरी बहुत सेक्सी लग रही थी आज पता नही इसका भाई केसी राल टपकायेगा इस पर।
बहरहाल में बाहर आ गयी और रसोई में जाकर आटा गुथने की तैयारी करने लगी।
कुछ देर माधुरी भी आ गयी सब्जी वगेरह का काम उसे बता दिया और फाइनली 1 बजे तक खाना रेडी हो गया।
मेने माधुरी के साथ खाना खाया और राहुल के लिए खाना पैक किया।
मैं:- चले माधुरी सब हो गया, अंदर से ताले की चाबी ले आओ बेड पर रखी होगी।
घर लॉक करके हम खेतों की तरफ निकल लिए जो घर से 200 मीटर की दूरी पर थे।
मैं सोनू को गोद मे उठाए चल रही थी और माधुरी मुझसे आगे थी
माधुरी सम्भल सम्भक कर खेतो की पगडंडी पर चल रही थी।
मैं उसको छेड़ते हुए "माधुरी ध्यान से चलना कहीं फिसलक कमर में चोट लगवा बैठो"
माधुरी:- ठीक है में ध्य्यन लगा कर ही चल रही हूं
मैं:- हां मुझसे मालिश भी नही आती फिर तुम्हारे बड़े भय्या को मालिश करनी पड़ेगी तुम्हारी कमर की हीहीहीही
माधुरी:- उसकी कोई जरूरत नही पड़ेगी, मैं सम्भल कर ही चल रही हूं भाभी
अपने खेतों के करीब पहुंचे तो राहुल खेत मे खड़े होकर पानी का जायजा ले रहा था कि कहाँ कहाँ पानी आ चुका है।
मैं:- माधुरी वो रहा तुम्हारा भय्या जिसके लिए तुम सज संवर कर आई हो, कहीं नियत ही ना फिसल जाए राहुल की तुम पर
माधुरी:- सब आपकी तरह नही है भाभी, भय्या इतने बेशर्म कभी नही हो सकते कि वो ऐसे करे।
मैं:- इसका जवाब भी मिल जाएगा सब्र करो महारानी
हम ट्यूबवेल पर पहुंचे जहां एक कमरा बना था जिसमे एक पँखा ओर दो पलंग बिछे रहते हैं जब कभी राहुल को आराम करना होता तो इनपर लेट जाता।
वहां पहुंचकर मेने दोनों पलंग खुली हवा में निकाल लिये और पेड़ के नीचे बिछा दिये
राहुल हमे देखकर खेत से ट्यूबवेल की तरफ आने लगा।
हम पलंग पर बैठ गए और सोनू को लेटा दिया।
राहुल चलकर हमारे पास आ गया और हाथ पांव धोने ट्यूबवेल की तरफ बढ़ गया। उसने एक लुंगी ओर शर्ट पहनी हुई जो पसीने से थोड़ी बहुत गीली थी।
हाथ पांव धोकर राहुल दूसरे पलंग पर बैठ गया मेने उसे खाना देने लगी।
राहुल:-कहा क्या आइटम बनाये है आज खाने में कुछ स्पेशल भी है या आज भी वही पुराना खाना
मैं:- खुद ही देख लो। खाने के रोटियां के पानीर की सब्जी और राजमा थी और सलाद के लिए खीरा ओर गाजर थी।
हजम करने के लिए थोड़ा सा गुड़ भी था।
हम अच्छे खाते पीते थे, राहुल ने हमेशा अच्छा पहना ओर अच्छा खाया है घर मे कोई कमी नही थी हसीं खुशी जिंदगी गुजर रही थी।
राहुल:- ओह्ह पानीर ये तो मेरी पसंदीदा सब्जी है
मैं:- टेस्ट करके बताओ ना केसी है।
राहुल ने एक टुकड़ा पानीर से लगाकर खाया और हाथ से इशारा करते हुए बहुत टेस्टी है यार
मैं:- माधुरी ने बनाया है कह रही थी आज में बनाउंगी भय्या के लिए टेस्टी सब्जी
इतना सुनकर माधुरी ने मुझे कमर पर मुक्का मारा और शर्मा कर दूसरी तरफ देखने लगी।
राहुल:- दीदी तुमने बनाई है आज सब्जी, सच मे बहुत टेस्टी है
मैं:- अगर ये बात है तो कुछ इनाम तो बनता है माधुरी के लिए है ना माधुरी ? माधुरी आंखे दिखाते हुए मुझसे मना करने लगी
उसे मेरी बातें समझ आ रही थी कि मैं कहाँ बात ले जा रही हूं
(दोनों बहनें राहुल से इतना ओपन नही थी बस काम के लिए ही बोलती थी। राहुल बड़ा था तो उसकी इज्जत करती थी)
राहुल:- बताओ माधुरी क्या इनाम चाहिए तुम्हे
माधुरी:- कुछ नही भय्या भाभी तो मजाक कर रही है
मैं बीच मे बोलती हुई "इसका क्या है तुम कोई ऐसी चीज दो जो लंबी तगड़ी हो है ना माधुरी"
माधुरी बात को समझती हुई बुरी तरह से शर्मा गईई।
राहुल:- ऐसी क्या चीज है बताओ तुम लोग मैं कोशिश करूंगा देने की।
मैं:- फिलहाल तो कुछ नही पर समय आने पर आप मना नही करोगे ये वादा करो आप
माधुरी हमारी बाते शर्माती हुई सुन रही थी उसे पता था मैं कहाँ बोल रही हूं।
राहुल:- ठीक है वादा रहा मुझे बता देना जब चाहिए।
मैं:- हां समय आने दो।
फिर राहुल खाना खाने लगे और में माधुरी को लेकर थोड़ा खेतो को देखने लगे। जहां गेंहू की फसल में हरियाली छाई हुई थी।
कुछ देर इधर उधर घूमने के बाद राहुल भी उठकर खड़ा हो गया और मैने बर्तन समेटे ओर ट्यूबवेल के पानी से धो लिए।
मैं:- हम जा रहे हैं आप जल्दी आ जाना
राहुल:- ठीक है में शाम तक आ जाऊंगा तुम लोग जाओ
मैं माधुरी के कान में तुम भी बोल दो "की भय्या जल्दी आना मेरे मन नही लगेगा"
माधुरी:- में क्यों बोलू ऐसा मेरा तो खूब मन लगेगा। तुम्हारा ही मन नही लगे तो ओर बात है।
हम वापिस घर की तरफ मुड़ गए और घर पहुंच कर आराम करने कमरे में पहुंच गए।
हम बेठकर आपस मे बातें करने लगे घूम फिर कर बात माधुरी के ससुराल पर आ गयी
मैं:- माधुरी तुम्हारी एक ननद है ना क्या नाम है उसका हाँ "अंजू"
उसका क्या हाल है
माधुरी:- कुछ नही अपने ससुराल में है
मैं:- यार वैसे काफी हॉट है वो भी, तुम्हारे साथ कैसा है उसका बर्ताव
अंजू:- आकाश की बहन, माधुरी की ननद
क्या बताऊँ भाभी शुरू शुरू में तो ठीक था पर अब वो भी मुझसे चिढ़ने लगी है बात बात पर सुनाती रहती है।
मैं थोड़ा उत्सुकता से माधुरी को देखते हुए "क्या कहती है वो"
यही भाभी की तुम केसी हो इतने दिन हो गए कोई बच्चा नही हो रहा, बाँझ तो नही हो पता नही केसी किस्मत में लिखी है।
भाई को काबू में कर रखा है वगेरह वगेरह बकवास करती है।
मैं भी कुछ नही बोल पाती क्यों घर खराब करना अब किस्मत ही ऐसी है तो क्या करूँ।
मैं:- यार ये तो गलत बात है उनकी तुम्हारे हाथ मे थोड़ी है बच्चा पैदा करना, उसके भाई में ही कमी होगी।
तुम्हारी सास कुछ नही कहती क्या उससे
भाभी वो कुछ नही बोलती कहीं ना कहीं उसे भी चिढ़ है मुझसे की अब तक बच्चा क्यों नही हो रहा।
मैं राहुल से भी कुछ नही बोलती कहीं वो मुझे घरवालों की बातों में आकर छोड़ ना दे। इतना कहते ही माधुरी मायूस हो गयी उसकी पलकों पर आंसूं आ गए जिससे मेरा भी दिल भर आया
मैं:- ओह्ह मेरी माधुरी तुम इतनी टेंशन में जीती हो मुझे आज पता चला, कोई नही सब सही हो जाएगा ऊपर वाले पर सब्र रखो। तुम्हारे आंसू मुझसे देखे नही जाते माधुरी तुम मेरी बहन जैसी हो।
माधुरी सुबकती हुई मुझसे चिपकी रही
मैं:- चलो अब आंसू पोंछो अब तुम्हारे आंसू नही आने चाहिए माधुरी वरना मुझे बुरा लगेगा
माधुरी मेरी तरफ हसरत भरी निगाहों से देखती रही जैसे कहना चाहती हो कि भाभी मुझे जो चोट हैं उनका मरहम बस आप हो।
मे माधुरी के साथ लेट गयी और सो गए।
शाम को उठाकर हमने घर का काम किया और खाना बनाने लगे।
मैं:- क्या सब्जी बनाए माधुरी, कुछ ऐसा बनाओ जो तुम्हारे भय्या खुश हो जाये
माधुरी:- क्या बनाऊ भाभी मुझे क्या पता क्या पसन्द है भय्या को
"अहहहह जब तुम भय्या कहती हो ना माधुरी दिल छलनी छलनी हो जाता है बस तुम्हारी जबाँ से भय्या सुनती ही रहूं"
माधुरी:- बताओ ना भाभी क्या बनाऊ
मैं:- ऐसा करो तुम राजमा बना लो, ताकि खुश होकर तुम्हारे भय्या एक बढ़िया सा इनाम दे सके।
माधुरी:- मुझे नही जरूरत किसी इनाम की,
मैं माधुरी के पास गई और उसके सीने को दबाती हुई "क्या नही पीना अपने भय्या का पानी"
माधुरी:- ओह्ह भाभी वो अलग बात है ये अलग बात है।
मैं:- पगली इनाम के तौर पर में तुम्हे लन्ड का पानी ही तो पिलाने वाली हूँ। गर्म गर्म सा जो मेरी ननद की प्यास बुझा दे।
माधुरी:- अहह भाभी मेरे छाती को छोड़े ये बताए आपको बुरा नही लगेगा उस समय, आखिर आप उसकी वाइफ हो
मैं:- बिल्कुल भी नही मैं चाहती तुम भी मजा लो इस जिंदगी का कब तक शर्म का नाटक करोगी माधुरी, राहुल पर जितना मेरा हक है उतना तुम्हे भी है आज कह रही हूं। माधुरी सच मे मुझे कोई अप्पति नही है बस तुम शर्माना छोड़ दो। मैं तुम्हे हर चीज का सुख दूंगी बस मेरा साथ दो।
माधुरी:- कोशिश करूंगी भाभी
ठीक है आज बिल्कुल नही शर्माना खुलकर मजा करो मेरिई जान ओर मेने उसका माथा चुम लिया।
चलो बोलके बताओ कि जो बात तुमने सुबह बोला था।
माधुरी:- क्या बोला था भाभी
मैं याद करो पानी जैसा कुछ बोला था
माधुरी शर्मा गईई फिर कुछ हिम्मत जुटा कर बोली मुझे भय्या..का..बड़ा..लन्डड़ड़ड़ड़ड़ड़..का पानी पीना हैं
"तो उसके लिए अच्छी सी सब्जी बना ताकि तुम्हारे लिए ढेर सारा पानी निकाल सके। बनाओगी ना अपने भय्या के लिए
माधुरी :- हाँ भाभी।
हमने खाना बनाया उस दौरान बापू भी आ गए।
रात होते होते हमने खाना वगेरह फिनिश किया और राहुल को भी लगा दिया।
राहुल:- क्या बात है आजकल बहुत टेस्टी चीजे बनाई जा रही हैं
मैं:- माधुरी ने ही बनाई है कह रही थी मैरी चीजे खाकर देखो चाटते रह जाओगे, अब तुम भी कुछ चीज खिला दो माधुरी को जो वो चाटती रहे और स्वाद ना भूले।
माधुरी जो सोनू को खिला रही थी मुझे आंखे दिखाने लगी
राहुल:- चलो कल देखता हूँ कुछ के आऊंगा खाने पीने की चीज
मैं:- माधुरी को ऐसी चीज दो जो पी सके, पीने वाली चीज पसन्द है आजकल माधुरी को
राहुल:- ठीक मैं कल ले आऊंगा पीने वाली चीज ठीक है माधुरी
जब से तुम आई हो कुछ बाहर का खिलाया नही है।
माधुरी:- भय्या कोई बात नही है मैं ऐसे ही ठीक हूँ भाभी का तो काम है मजाक करना।
इसी सब के बीच राहुल ने खाना खत्म किया और बाहर निकल गए टहलने।
मैं बर्तन किचन में रखकर माधुरी को बोली कि कपड़े चेंज कर ले रात में सोने के काम आएंगे। माधुरी ने अपने बैग से एक टीशर्ट ओर लोअर निकाल लिया। माधुरी ने नीचे वाले बाथरूम में कपड़े चेंज किये और मैं उसको ऊपर छत पर ले गयी टहलने के लिए
बापू ओर राहुल खाना खाकर बाहर चले गए गप्पा मारने
8 बजे का टाइम था गाँव मे जल्दी ही डिनर हो जाता है
हम मोहाली के खरर तहसील के खेड़ी माजरा गाँव मे रहते हैं।
छत पर पहुंच कर खूब हंसी मजाक चलता रहा फिर मैं नीचे आ गई जहाँ राहुल कमरे में थे।
मैं:- आप अकेले सो जाएंगे ना मैं ऊपर सो जाती हूँ माधुरी का भी मन लग जायेगा।
राहुल:- अहह मेरी जान आज तुझे चोदने को मन कर रहा है,
मैं:- परसो ही तो आपने बंड बजाया है मन नही भरा।
राहुल उठकर मेरे पास आये और सोनू को बेड को बिठा कर मुझे बाहों में कस लिया "जब ऐसी मोटी ताजा पत्नी हो तो मन साला क्यों नही करेगा।
राहुल में होठों पर टूट पड़ा और में भी माधुरी की वजह से गर्म थी तो उसका साथ देने लगी।
राहुल ने मुझे बेदर्दी से चूसा ओर बोले "मेरी रंडी आज तो अपने ग्राहक को खुश कर दे।
(शादी के इन 4-5 सालों में मैने राहुल के हर वो काम किया जो सेक्स की दुनियां में होता है मैं बहुत सेक्सी हूँ और राहुल भी मेरी संगत में रहकर सब सिख गया है वो आमतौर ओर सरीफ बनकर रहते पर जब में उसके साथ रोमांटिक हो जाऊं तो शमाँ ही बांध देती हूं तभी राहुल ने मुझे चोद चोदकर एक साल में ही बच्चा दे दिया। हम काफी सेक्स में इन्वॉल्व है और खुलकर मजा करते हैं
ये रंडी कहकर बुलाना भी हमारी सेक्स दुनियां का हिस्सा था हम कई सारे रोलप्ले करते जैसे वो मुझे रंडी बना देते और खुद कोई कस्टमर बन जाते और इन सभी चीजो के दौरान आजतक कोई गेर सख्स का ख्याल ना मुझे आया ना राहुल को)
मैं:- नही साहब आपने परसो भी मुझे बुरी तरह चोदा ओर पैसे भी कम दिए।
राहुल:- आज खुश कर दे मेरिई रांड डबल ले लेना।
मैं:- राहुल माधुरी का क्या करूँ वो सोचेगी की भाभी को चुदने की पड़ी हैं।
राहुल:- क्या करे यार अब मुझसे तो रहा नही जाता, तुम ही कोई हल बताओ।
मैं:- मैं छुपके से आई रात में तुम लौड़ा तैयार रखना साहब
राहुल:- मेरिई छिनाल लोडा तो अभी भी तैयार है बस तुम चुत दिखाओ तो सही और राहुल ने लोअर नीचे करके अपना लौड़ा निकाल लिया जो ऐसा दिख रहा था।
मैं:- साहब इसे अंदर करो कहीं अपनी बहन माधुरी ने देख लिया तो डर जाएगी मेने एक तीर फेंकते हुए कहा
राहुल:- वो अभी ऊपर है तुम बताओ ना कितने पैसा लेगी रांड, नाटक बहुत करती है सुमन रंडी
इन सभी बातों के दौरान राहुल ने मुझे अपने से चिपकाया हुआ था और मेरी बड़ी चुचियाँ राहुल के सीने में धंसी थी ओर नीचे देखती हुई उसका लोडा देख रही थी
मैं:-साहब नाटक करना पड़ता है आपकी बहन माधुरी ने देख लिया तो में बदनाम हो जाऊंगी
दो बार माधुरी ना नाम आने से राहुल चुप हो गए और ख्याली दुनियां में पहुंच ओर उसके लन्ड से प्रिकम निकलने लगा।
मैं:- राहुल में अभी जाती हूं रात में आऊंगी अपने यार से चुदने, अभी मुझे माधुरी को सुलाना है कहीं वो यही ना आ जाये।
ऐसे अच्छा नही है ना कि माधुरी हमे रंगे हाथों पकड़ ले समझो आप।
राहुल ने मुझे छोड़ा और दूर खड़े हो गए कुछ सोचते हुए ठीक है जल्दी आना।
मैं उसकी प्रिकम को उंगली पर लेकर " ठीक है मालिक माधुरी को सुलाते ही वापिस आ जाऊंगी ओर मेने सोनू को एक हाथ से गोद मे लिया और कमरे से बाहर आ गयी एक भाई के मन मे उसकी बहन की छवि डालकर।
मेने प्रिकम को देखा जो बहुत मादक महक बिखेर रहा था
मैं ऊपर वाले केमरे में पहुंची जहां माधुरी अपने फ़ोन में हंसी वाली वीडियो देख रही थी
(माधुरी के पास एंड्राइड फ़ोन था क्योंकि आकाश बाहर रहता तो इससे बात हो जाती वीडियो कॉल पर भी)
मुझे देखकर माधुरी ने फ़ोन साइड में रखा और बेड पर सहारा लगा कर बैठ गयी
मैं:- क्या देख रही थी कहीं भय्या का औजार तो नही देख रही माधुरी
"नही भाभी में तो हंसी वाली वीडियो देख रही थी"
मैंने सोनू को लेटाया ओर खुद भी माधुरी के बगल में बैठ गयी।
मैं:- ये देखो माधुरी में क्या लायी हूँ स्पेशल तुम्हारे लिए उंगली दिखाती में बोली
माधुरी:- ये क्या है भाभी पानी सा
मैं:- ये पानी को आम पानी नही माधुरी ये तुम्हारे भाई का जोशीला पानी है जो उसके लन्ड से निकला है
माधुरी:- मुझे क्यों दिखा रही हो फिर भाभी
मैं:- ये खट्टा पानी तुम्हारे ओर तुम्हारे भाई के मिलन का एक मुहर्त जैसा है। इसको चाट कर तुम ऐलान कर दो माधुरी की तुम राहुल भय्या से कितनी मोहब्बत करती हो।
माधुरी:- भाभी आप कितनी कमीनी हो शर्म नही आती क्या आपको ऐसी ऐसी हरकते करते हुए।
मैं:- तुम ही तो मरी जा रही हो भय्या का पानी पीने के लिए, अब नखरा मत करो चलो मुँह खोलो अपना
माधुरी:- अहह भाभी पता नही क्या क्या करवाओगी मुझसे ओर माधुरी ने हल्का सा मुँह खोला।
मैं:- बोलो माधुरी "राहुल भय्या चटा दो अपने लन्ड से निकले हुए इस चटपटे पानी को
माधुरी:- भाभिईईई मुझसे नही बोला जाएगा, मैं अब मना नही कर रही हूं।
मैं:- माधुरी तुम्हारी शर्म खोलने के लिए कहना होगा तभी तो तुम आगे बढ़ पाओगी मेरी जाननननन
माधुरी:- भय्या चटा दो अपने लन्ड के चटपटे पानी को
"लो चाट लो और मैने उंगली को माधुरी के खुशबूदार मुँह में घुसा दिया और उसके बूब्स को मसलती हुई उसे अपने भाई का प्रिकम चटाने लगी। माधुरी ने चाट चाटकर मेरी उंगली को साफ किया और अंदर उतार लिया सारे पानी को।
मैं:- कैसा लगा फिर मेरी ननद को अपने भाई का पानी
माधुरी :- अहह ठीक ही था भाभिईईई
"माधुरी तो फिर रेडी हो ना राहुल का पानी पीने के लिए"
भाभी मुझे तो बहुत रिस्की लग रहा है ये सब होगा कैसे भय्या तो मुझे देख लेंगे ना
अरे मेने सब सोच रखा है तुम बेफिक्र रहो, आज तो में अपनी ननद को उसके भय्या का पानी पिला कर रहूंगी
पियोगी ना माधुरी?
हां भाभी पीऊंगी बस भय्या को पता ना लगे।
मैं:- कुछ नही होगा जान अब सुनो कैसे क्या करना है।
"बताओ भाभी"
देखो माधुरी में जाऊंगी नीचे ओर हम चुदाई करेंगे उस दौरान में तुम्हे मेसेज करूंगी तुम झुक कर कमरे में आ जाना बाकी सब वहीं बता दूंगी क्या करना है
माधुरी:- पर भाभी दरवाजा तो बन्द होगा ना फिर कैसे आऊंगी में
मैं:- अरे में दरवाजा तो बन्द करूंगी पर कुंदी नही लगाउंगी समझी।
पर भाभी भय्या तो देखेंगे ना जब दरवाजा खुलेगा।
मैं:- तुम इस बात से बेफिक्र रहो मेरी जान आज कोई नही रोक सकता तुझे अपने भय्या का पानी पीने से हीहीहीही
माधुरी:- भाभी तुम कितनी कमीनी हो।
इन्ही सब बातों के बीच 11 बज गए और में जाने की तैयारी करने लगी राहुल के पास
माधुरी में जा रही हूं अब नीचे तुम तैयार हो ना इस काम के लिए
माधुरी:- डर लग रहा है भाभी पर आप पे विश्वास है तो अच्छा ही होगा।
मैं:- चलो फिर ठीक है में जा रही हूं सोनू को देख लेना जग जाए तो इसे खेल लगा लेना तुम
माधुरी :- ठीक है भाभी।
मैं कमरे से बाहर आकर नीचे चल दी और राहुल के पास पहुंच गई जो बेठकर मूवी देख रहा था। मेने दरवाजा बंद किया और राहुल की तरफ देखा जो फ़ोन में बिजी था तो मैने कुंदी को रहने दिया ताकि माधुरी को आने में दिक्कत ना हो
राहुल:- आ गयी मेरिई रांड, बड़ी देर लगा दी।
मैं:- क्या करूँ मालिक आपकी बहन सोए तब ना। उसे सोता देखकर ही आयी हूँ।
राहुल ने फ़ोन साइड में रखा और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गए। मुझे किस करने लगे, हम दोनों एक दूसरे को चूमते चुसते हुए मजा लेने लगे।
राहुल:- चल कपड़े निकाल लो मेरी जान अब रहा नही जाता।
राहुल ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले ओर आखिर में अपना कच्छा भी निकाल लिया। राहुल का मोटा लन्ड मेरी आँखों के सामने था
एक दम सफेद लन्ड जिसका रूप राहुल जैसा ही था
मैं:- राहुल बड़ा भूखा लग रहा है तुम्हारा सेर तो आज, पता नही क्या बनेगा मेरा। मैं कपड़े निकालती हुई बोली।
राहुल:- आज तुझे नही छोड़ेगा ये जान, इसको इसका खाना खिला दो तुम प्यार से
मैं मादरजात नंगी हो गयी और राहुल मैरी तरफ बढ़ा तो में बोली
"राहुल आज कुछ अलग करते हैं ना ऐसा जिसमे हम दोनों बेहद मजा आये क्या कहते हो
राहुल:- ऐसी कोनसी चीज है जिससे मजा आएगा बताओ।
मैं शैतानी भरे दिमाग से "राहुल आज तुम महसूस करोगे मुझे पर देखोगे नही
राहुल:- मतलब ??
मैं:- आज में तुम्हारी आँखों पर कोई कपड़ा बांध दूंगी फिर मजा करेंगे, आज बहुत मजा आने वाला है पक्का।
राहुल:- बिना आंखे बंद करे भी हो सकता है, क्या बेतुके आईडिया लेकर आई हो
मैं:- प्लीज राहुल बहुत मजा आएगा जब तुम्हारी आंखे पर कपड़ा हो तुम फील कर सकोगे हर मूवमेंट को, हर चीज में तुम एक अलग मजा पाओगे, आज में हैंडल करूंगी तुम्हे। प्लीज राहुल मान जाओ ना। अगर मजा ना आये तो कहना।
राहुल कुछ सोचते हुए ठीक है यार आज देखते हैं इस आईडिया को भी, बताओ क्या करना है।
मैं:- ऐसा करो तुम लेट जाओ बेड पर, राहुल बेड पर लेट गया जिससे उसकी टांगे दरवाजे की तरह हो गयी जो सोची समझी प्लानिंग के तहत थी।
में अपने 2-3 दुप्पटे लिए जिनको देखकर राहुल बोला "एक ही काफी है इतनो का क्या करोगी तुम
मैं:- राहुल आंखों के साथ मैं तुम्हारे हाथ भी बांध रही हूं ताकि तुम मुझे छू ना सको। क्योंकि तुम्हे बस फील करना है मुझे छूना नही है।
राहुल:-कुतिया पता नही क्या क्या करोगी आज, कहाँ से आया ये ख्याल तुम्हे।
मैं:- देखते जाओ आज तुम्हारी रात रंगीन कर दूंगी सब्र रखो
मेने राहुल की आंखों पर दुपट्टा को दो तीन बार लपेट कर बांध दिया जिससे राहुल की आंखे देख नही सकती थी। फिर उसके पैरों को बांध दिया बेड के दोनों साइड जिससे टांगे खुल गयी।
फिर उसके हाथों को बांधकर बेड के दोनों साइड कर दिया
राहुल:- अहह क्या सीयप्पा है ये, अंधेरा छाया हुआ ऐसे लगता है
मैं:-अभी रोशनी कर देती हूं जान, ऐसी रोशन कर दूंगी तुम्हारी जिंदगी को मुझे दुआएं देते रहोगे।
राहुल:- इसी बात के लिए आई लव यू जान
मैं:- आई लव यू राहुल मेरिई जान
मेने अपना फ़ोन अपने पास बेड पर रख दिया और
राहुल के लन्ड को थामा ओर उसे हिलाती हुई राहुल के मुँह के पास अपनी चुचियाँ लेकर गयी राहुल मेरिई जान मुँह खोलो तुम्हे दूध पिलाना है
उसके मुँह में अपनी सुडौल चुचियाँ देकर में उसके लन्ड को मुठियाने लगी।
राहुल मेरिई चुचियाँ पीने लगे मैं माधुरी के बारे में सोचने लगी क्यों आज उसे लाइव चुदाई दिखाई जाए, वैसे भी वो शर्माती बहुत है आज उसकी सारी शर्म निकाल देती हूं।
आज तो मजा ही आ जाएगा माधुरी के सामने चुदकर।
मेने फ़ोन उठाया और राहुल के लन्ड को मुठियाती हुई माधुरी को मैसेज लिख दिया "आ जाओ माधुरी तुम्हारे भय्या का लोडा बुला रहा है मुझस तो सम्भल नही रहा तुम ही संभालो"
कोई 2 मिनट के बाद "भाभी कोई खतरा तो नही है, अगर कोई उल्टी बात हो गयी तो बहुत बुरा हो जाएगा।
मेने दोबारा से मैसेज किया "कोई खतरा नही है आराम से आ जाओ और दरवाजा आराम से खोलना
कोई 5 मिनट के बाद मुझे दरवाजा खुलता नजर आया और माधुरी ने अंदर निगाहें डाली तो शर्मशार हो गयी की उसका बड़ा भाई बेड से बंधा नंगा लेटा हुआ है
वो अभी दरवाजे पर ही खड़ी अपने बड़े भाई को नंगा चूची पीते हुए हेरत से देख रही थी।
मेने उसे अंदर आने का इशारा किया ओर कमरे में रखे सोफे पर बैठने को कहा तो माधुरी अंदर आ गयी ओर सोफे पर बैठ गयी।
बहुत ही कामुक नजारा जिसको शब्दो मे बयाँ करना मेरा लिए बहुत ज्यादा मुश्किल था। एक शादीशुदा बहन सामने बैठी हो उसका भाई जो अच्छे खासे लन्ड का मालिक हो उसको देखती हुई बहन यही सोच ही होगी कि जिस भय्या के सामने हमेशा संस्कारी ओर सरीफ बनकर रही, कभी इतना ओपन आपस मे बातें भी नही आज उसको अपनी आंखों से नंगा देख रही थी
माधुरी सोफे पर बैठी आंखे चुरा रही थी तो मेने राहुल को बोला "जान अभी रुको मैं पानी पीकर आती हु।
राहुल:- अभी तो चुड़वाया भी नही है अभी से प्यासी हो गयी जान
मैं:- तुम हो ना हमारी प्यास बुझाने के लिए बस थोड़ा सा रुक जाओ ये बाते में माधुरी को सुनाती हुई बोली
ओर उठकर माधुरी के पास आ गयी
उसके कान में जाकर "ऐसे शर्माओगी तो कुछ नही होने वाला माधुरी सारी शर्म उतारो ओर आज की रात एन्जॉय करो समझी
माधुरी इशारे से हामी भरते हुए गर्दन हिलाई।
मैं उसे पकड़ कर बेड के पास लाई ओर राहुल के पैरों के पास खड़ा कर दिया ओर कान में फुसफुसाते हुए बोली
"धीरे से बेड पर चढ़ जाओ और अपने भाई का लन्ड हिलाओ अपने हाथों से"
माधुरी बेड पर चढ़ गई और उसके साथ मे भी ओर राहुल को बोली
"हां तो राहुल बोलो क्या करना है आज तो तुम्हारा लन्ड महाराज कुछ ज्यादा ही अकड़ा हुआ है आज तो मेरी खैर नही।
माधुरी बेड पर बैठी अपने भाई के लन्ड को हिला हिला कर उसकी लम्बाई चौड़ाई नापने में लगी थी।
राहुल:- तो मेरी रंडी मुँह में भरके चुसो ना अब हिलाती ही रहोगी इसे। राहुल को क्या पता की जिसको वो रंडी बोल रहा है दरअसल वो उसकी लाडली छोटी बहन है जो उसका लन्ड थामे हुई थी और हिला रही थी।
में माधुरी के पास आई और उसके कान में इसे मुँह में लेकर चुसो, जैसे आइसक्रीम को चुसाते है आगे पीछे करो
माधुरी डरते डरते अपना प्यारा सा सरीफ मुँह राहुल के लन्ड के पास लेकर गयी और हल्का सा मुँह खोलकर अपने भाई का लन्ड अपने सुर्ख होटों पर रख लिया। मैं झुक कर लन्ड के पास मुँह कर लिया जिससे राहुल को लगे कि मैं ही उसका लन्ड चूस रही हूं।
राहुल:- मेरिई जान इसे पूरा मुँह में लो ना टोपा ही चुस्ती रहोगी अब।
मैं माधुरी को इशारे से मुँह में लेने को बोली तो माधुरी में हिम्मत करके आधा लन्ड मुँह में भर लिया
राहुल:- अहह मेरी रंडी ये हुई ना बात चूस ऐसे ही मेरी जाननन
राहुल के मुँह से अपने लिए रंडी सुनकर माधुरी चोंक गईई ओर लन्ड मुँह से निकाल दिया।
मैं उसके कान में बेहद धीरे से फिक्र मत करो तुम्हारा भाई मुझे समझकर ऐसा बोल रहा है। ऐसा क्यों बोल रहे हैं, में बताऊंगी फिलहाल ध्यान मत लो इसकी बातों पर
माधुरी दोबारा से अपने भाई का लन्ड मुँह में भर लिया ओर चुसते हुए आगे पीछे करने लगी।
राहुल:- अहह मेरी जान चूस मेरे लन्ड को दिखा कमाल अपने मुँह का, बहुत मजा आ रहा है मेरी रांड
मेने माधुरी के मुँह से लन्ड निकाला और बोली
"राहुल लन्ड चुसने वाली अब रंडी हो गयी, एक तो तुम्हे मजा दिला रही हूं ऊपर से रंडी बोल रहे हो। मैं माधुरी की तरफ देखती हुई बोली ओर फिर से लन्ड माधुरी के मुँह में डाल दिया।
राहुक सिसकियों के साथ, अहहहह सरीफ औरते लन्ड नही चूसती जान रंडियों का काम होता है ये।
माधुरी के लिए रंडी बोलना मेरी चुत में आग पैदा कर रहा था कि आज देखो कैसे एक बड़ा भाई अनजाने में सही अपनी सरीफ बहन को रंडियों का दर्जा दे रहा था। माधुरी भी राहुल की बातों से हैरान परेशान थी पर में उनको बराबर लन्ड चूसने के लिए उकसा रही थी। आधे लन्ड को मुँह में ले लेकर माधुरी ने उसे गीला कर दिया था। जो उसके थूक से चमक रहा था।
Suman bahut hi sexy bhabhi hai jo apni nana ko bhai ka pani pila rahi hai.अपडेट 4
कुछ देर बाद माधुरी नहा कर कमरे में आई जहां में वो बला की खूबसूरत लग रही थी। गीले लम्बे बाल जिनसे पानी टपक रहा था
गीले होंठ ओर चेहरे से आती फेसवाश की महक। माधुरी ने जिस तरह की ड्रेस पहनी हुई थी वो किसी को भी बहका सकती थी
पर माधुरी ने अभी ड्रेस पर दुपट्टा भी लेना था क्योंकि इस तरह तो नही जा सकती थी राहुल के सामने
मैं:- माधुरी एक किस दे दे यार बड़ी हॉट लग रही है।
माधुरी:- अहह भाभी आपका भी कभी मन नही भरता ना, मुझे बाल सँवारने हैं फिर कभी कर लेना
मैं:- अपनी भाभी को मना करोगी अब तुम, कोई नही कर लो अपने मन की
माधुरी:- अहह भाभी तुम भी ना लो कर लो जल्दी से।
मै माधुरी के पास गई और उसके गीले होंठो को मुँह में भरकर चुसने लगी, गीले होंठो को चुसने में जो मजा है वो बयान नही कर सकती। एक तो पता नही क्या नशा था माधुरी की साँसों जिससे में हमेशा बहक सी जाती थी।
उसकी गर्म सांसे मुझे वाइल्ड होने पर मजबूर कर देती थी।
माधुरी खड़े होकर बिना साथ दिए अपने होठ चुसाने लगी तो मैने कुछ देर चूसकर उसको छोड़ दिया ओर उसके नंगे सीने को मतलब बूब्स के ऊपर जो खुला भाग था उसपर चूमने लगी बड़ी मुलायम त्वचा थी माधुरी की "शुक्रिया माधुरी" बहुत मीठी चीज है तू। तुझे तो आराम आराम से इस्तेमाल करूंगी ।
माधुरी:- पता नही क्या मजा आता है आपको मेरे जिस्म से, जबकि आपके पास भी वो ही चीजे है जो मुझमे हैं भाभी
मैं:- हाँ बात तो सही है पर तेरे बदन में कशिश है खिंचाव है मादकता है जो मुझे बार बार मदहोश कर देती है माधुरी।
माधुरी:- छोड़ो भाभी अब मुझे तैयार होने दो
"खाना देने जाना है कोई सुहागरात नही है राहुल के साथ तुम्हारी जो इतना बन ठन के जाना है हीहीहीही
माधुरी:- भाभिईईई अब बस बहुत हुआ, बन्द करो अपनी बकवास ओर मुझे अकेला छोड़ दो प्लीज
मैं उसे कमरे में छोड़कर बाहर आ गयी सच मे माधुरी बहुत सेक्सी लग रही थी आज पता नही इसका भाई केसी राल टपकायेगा इस पर।
बहरहाल में बाहर आ गयी और रसोई में जाकर आटा गुथने की तैयारी करने लगी।
कुछ देर माधुरी भी आ गयी सब्जी वगेरह का काम उसे बता दिया और फाइनली 1 बजे तक खाना रेडी हो गया।
मेने माधुरी के साथ खाना खाया और राहुल के लिए खाना पैक किया।
मैं:- चले माधुरी सब हो गया, अंदर से ताले की चाबी ले आओ बेड पर रखी होगी।
घर लॉक करके हम खेतों की तरफ निकल लिए जो घर से 200 मीटर की दूरी पर थे।
मैं सोनू को गोद मे उठाए चल रही थी और माधुरी मुझसे आगे थी
माधुरी सम्भल सम्भक कर खेतो की पगडंडी पर चल रही थी।
मैं उसको छेड़ते हुए "माधुरी ध्यान से चलना कहीं फिसलक कमर में चोट लगवा बैठो"
माधुरी:- ठीक है में ध्य्यन लगा कर ही चल रही हूं
मैं:- हां मुझसे मालिश भी नही आती फिर तुम्हारे बड़े भय्या को मालिश करनी पड़ेगी तुम्हारी कमर की हीहीहीही
माधुरी:- उसकी कोई जरूरत नही पड़ेगी, मैं सम्भल कर ही चल रही हूं भाभी
अपने खेतों के करीब पहुंचे तो राहुल खेत मे खड़े होकर पानी का जायजा ले रहा था कि कहाँ कहाँ पानी आ चुका है।
मैं:- माधुरी वो रहा तुम्हारा भय्या जिसके लिए तुम सज संवर कर आई हो, कहीं नियत ही ना फिसल जाए राहुल की तुम पर
माधुरी:- सब आपकी तरह नही है भाभी, भय्या इतने बेशर्म कभी नही हो सकते कि वो ऐसे करे।
मैं:- इसका जवाब भी मिल जाएगा सब्र करो महारानी
हम ट्यूबवेल पर पहुंचे जहां एक कमरा बना था जिसमे एक पँखा ओर दो पलंग बिछे रहते हैं जब कभी राहुल को आराम करना होता तो इनपर लेट जाता।
वहां पहुंचकर मेने दोनों पलंग खुली हवा में निकाल लिये और पेड़ के नीचे बिछा दिये
राहुल हमे देखकर खेत से ट्यूबवेल की तरफ आने लगा।
हम पलंग पर बैठ गए और सोनू को लेटा दिया।
राहुल चलकर हमारे पास आ गया और हाथ पांव धोने ट्यूबवेल की तरफ बढ़ गया। उसने एक लुंगी ओर शर्ट पहनी हुई जो पसीने से थोड़ी बहुत गीली थी।
हाथ पांव धोकर राहुल दूसरे पलंग पर बैठ गया मेने उसे खाना देने लगी।
राहुल:-कहा क्या आइटम बनाये है आज खाने में कुछ स्पेशल भी है या आज भी वही पुराना खाना
मैं:- खुद ही देख लो। खाने के रोटियां के पानीर की सब्जी और राजमा थी और सलाद के लिए खीरा ओर गाजर थी।
हजम करने के लिए थोड़ा सा गुड़ भी था।
हम अच्छे खाते पीते थे, राहुल ने हमेशा अच्छा पहना ओर अच्छा खाया है घर मे कोई कमी नही थी हसीं खुशी जिंदगी गुजर रही थी।
राहुल:- ओह्ह पानीर ये तो मेरी पसंदीदा सब्जी है
मैं:- टेस्ट करके बताओ ना केसी है।
राहुल ने एक टुकड़ा पानीर से लगाकर खाया और हाथ से इशारा करते हुए बहुत टेस्टी है यार
मैं:- माधुरी ने बनाया है कह रही थी आज में बनाउंगी भय्या के लिए टेस्टी सब्जी
इतना सुनकर माधुरी ने मुझे कमर पर मुक्का मारा और शर्मा कर दूसरी तरफ देखने लगी।
राहुल:- दीदी तुमने बनाई है आज सब्जी, सच मे बहुत टेस्टी है
मैं:- अगर ये बात है तो कुछ इनाम तो बनता है माधुरी के लिए है ना माधुरी ? माधुरी आंखे दिखाते हुए मुझसे मना करने लगी
उसे मेरी बातें समझ आ रही थी कि मैं कहाँ बात ले जा रही हूं
(दोनों बहनें राहुल से इतना ओपन नही थी बस काम के लिए ही बोलती थी। राहुल बड़ा था तो उसकी इज्जत करती थी)
राहुल:- बताओ माधुरी क्या इनाम चाहिए तुम्हे
माधुरी:- कुछ नही भय्या भाभी तो मजाक कर रही है
मैं बीच मे बोलती हुई "इसका क्या है तुम कोई ऐसी चीज दो जो लंबी तगड़ी हो है ना माधुरी"
माधुरी बात को समझती हुई बुरी तरह से शर्मा गईई।
राहुल:- ऐसी क्या चीज है बताओ तुम लोग मैं कोशिश करूंगा देने की।
मैं:- फिलहाल तो कुछ नही पर समय आने पर आप मना नही करोगे ये वादा करो आप
माधुरी हमारी बाते शर्माती हुई सुन रही थी उसे पता था मैं कहाँ बोल रही हूं।
राहुल:- ठीक है वादा रहा मुझे बता देना जब चाहिए।
मैं:- हां समय आने दो।
फिर राहुल खाना खाने लगे और में माधुरी को लेकर थोड़ा खेतो को देखने लगे। जहां गेंहू की फसल में हरियाली छाई हुई थी।
कुछ देर इधर उधर घूमने के बाद राहुल भी उठकर खड़ा हो गया और मैने बर्तन समेटे ओर ट्यूबवेल के पानी से धो लिए।
मैं:- हम जा रहे हैं आप जल्दी आ जाना
राहुल:- ठीक है में शाम तक आ जाऊंगा तुम लोग जाओ
मैं माधुरी के कान में तुम भी बोल दो "की भय्या जल्दी आना मेरे मन नही लगेगा"
माधुरी:- में क्यों बोलू ऐसा मेरा तो खूब मन लगेगा। तुम्हारा ही मन नही लगे तो ओर बात है।
हम वापिस घर की तरफ मुड़ गए और घर पहुंच कर आराम करने कमरे में पहुंच गए।
हम बेठकर आपस मे बातें करने लगे घूम फिर कर बात माधुरी के ससुराल पर आ गयी
मैं:- माधुरी तुम्हारी एक ननद है ना क्या नाम है उसका हाँ "अंजू"
उसका क्या हाल है
माधुरी:- कुछ नही अपने ससुराल में है
मैं:- यार वैसे काफी हॉट है वो भी, तुम्हारे साथ कैसा है उसका बर्ताव
अंजू:- आकाश की बहन, माधुरी की ननद
क्या बताऊँ भाभी शुरू शुरू में तो ठीक था पर अब वो भी मुझसे चिढ़ने लगी है बात बात पर सुनाती रहती है।
मैं थोड़ा उत्सुकता से माधुरी को देखते हुए "क्या कहती है वो"
यही भाभी की तुम केसी हो इतने दिन हो गए कोई बच्चा नही हो रहा, बाँझ तो नही हो पता नही केसी किस्मत में लिखी है।
भाई को काबू में कर रखा है वगेरह वगेरह बकवास करती है।
मैं भी कुछ नही बोल पाती क्यों घर खराब करना अब किस्मत ही ऐसी है तो क्या करूँ।
मैं:- यार ये तो गलत बात है उनकी तुम्हारे हाथ मे थोड़ी है बच्चा पैदा करना, उसके भाई में ही कमी होगी।
तुम्हारी सास कुछ नही कहती क्या उससे
भाभी वो कुछ नही बोलती कहीं ना कहीं उसे भी चिढ़ है मुझसे की अब तक बच्चा क्यों नही हो रहा।
मैं राहुल से भी कुछ नही बोलती कहीं वो मुझे घरवालों की बातों में आकर छोड़ ना दे। इतना कहते ही माधुरी मायूस हो गयी उसकी पलकों पर आंसूं आ गए जिससे मेरा भी दिल भर आया
मैं:- ओह्ह मेरी माधुरी तुम इतनी टेंशन में जीती हो मुझे आज पता चला, कोई नही सब सही हो जाएगा ऊपर वाले पर सब्र रखो। तुम्हारे आंसू मुझसे देखे नही जाते माधुरी तुम मेरी बहन जैसी हो।
माधुरी सुबकती हुई मुझसे चिपकी रही
मैं:- चलो अब आंसू पोंछो अब तुम्हारे आंसू नही आने चाहिए माधुरी वरना मुझे बुरा लगेगा
माधुरी मेरी तरफ हसरत भरी निगाहों से देखती रही जैसे कहना चाहती हो कि भाभी मुझे जो चोट हैं उनका मरहम बस आप हो।
मे माधुरी के साथ लेट गयी और सो गए।
शाम को उठाकर हमने घर का काम किया और खाना बनाने लगे।
मैं:- क्या सब्जी बनाए माधुरी, कुछ ऐसा बनाओ जो तुम्हारे भय्या खुश हो जाये
माधुरी:- क्या बनाऊ भाभी मुझे क्या पता क्या पसन्द है भय्या को
"अहहहह जब तुम भय्या कहती हो ना माधुरी दिल छलनी छलनी हो जाता है बस तुम्हारी जबाँ से भय्या सुनती ही रहूं"
माधुरी:- बताओ ना भाभी क्या बनाऊ
मैं:- ऐसा करो तुम राजमा बना लो, ताकि खुश होकर तुम्हारे भय्या एक बढ़िया सा इनाम दे सके।
माधुरी:- मुझे नही जरूरत किसी इनाम की,
मैं माधुरी के पास गई और उसके सीने को दबाती हुई "क्या नही पीना अपने भय्या का पानी"
माधुरी:- ओह्ह भाभी वो अलग बात है ये अलग बात है।
मैं:- पगली इनाम के तौर पर में तुम्हे लन्ड का पानी ही तो पिलाने वाली हूँ। गर्म गर्म सा जो मेरी ननद की प्यास बुझा दे।
माधुरी:- अहह भाभी मेरे छाती को छोड़े ये बताए आपको बुरा नही लगेगा उस समय, आखिर आप उसकी वाइफ हो
मैं:- बिल्कुल भी नही मैं चाहती तुम भी मजा लो इस जिंदगी का कब तक शर्म का नाटक करोगी माधुरी, राहुल पर जितना मेरा हक है उतना तुम्हे भी है आज कह रही हूं। माधुरी सच मे मुझे कोई अप्पति नही है बस तुम शर्माना छोड़ दो। मैं तुम्हे हर चीज का सुख दूंगी बस मेरा साथ दो।
माधुरी:- कोशिश करूंगी भाभी
ठीक है आज बिल्कुल नही शर्माना खुलकर मजा करो मेरिई जान ओर मेने उसका माथा चुम लिया।
चलो बोलके बताओ कि जो बात तुमने सुबह बोला था।
माधुरी:- क्या बोला था भाभी
मैं याद करो पानी जैसा कुछ बोला था
माधुरी शर्मा गईई फिर कुछ हिम्मत जुटा कर बोली मुझे भय्या..का..बड़ा..लन्डड़ड़ड़ड़ड़ड़..का पानी पीना हैं
"तो उसके लिए अच्छी सी सब्जी बना ताकि तुम्हारे लिए ढेर सारा पानी निकाल सके। बनाओगी ना अपने भय्या के लिए
माधुरी :- हाँ भाभी।
हमने खाना बनाया उस दौरान बापू भी आ गए।
रात होते होते हमने खाना वगेरह फिनिश किया और राहुल को भी लगा दिया।
राहुल:- क्या बात है आजकल बहुत टेस्टी चीजे बनाई जा रही हैं
मैं:- माधुरी ने ही बनाई है कह रही थी मैरी चीजे खाकर देखो चाटते रह जाओगे, अब तुम भी कुछ चीज खिला दो माधुरी को जो वो चाटती रहे और स्वाद ना भूले।
माधुरी जो सोनू को खिला रही थी मुझे आंखे दिखाने लगी
राहुल:- चलो कल देखता हूँ कुछ के आऊंगा खाने पीने की चीज
मैं:- माधुरी को ऐसी चीज दो जो पी सके, पीने वाली चीज पसन्द है आजकल माधुरी को
राहुल:- ठीक मैं कल ले आऊंगा पीने वाली चीज ठीक है माधुरी
जब से तुम आई हो कुछ बाहर का खिलाया नही है।
माधुरी:- भय्या कोई बात नही है मैं ऐसे ही ठीक हूँ भाभी का तो काम है मजाक करना।
इसी सब के बीच राहुल ने खाना खत्म किया और बाहर निकल गए टहलने।
मैं बर्तन किचन में रखकर माधुरी को बोली कि कपड़े चेंज कर ले रात में सोने के काम आएंगे। माधुरी ने अपने बैग से एक टीशर्ट ओर लोअर निकाल लिया। माधुरी ने नीचे वाले बाथरूम में कपड़े चेंज किये और मैं उसको ऊपर छत पर ले गयी टहलने के लिए
बापू ओर राहुल खाना खाकर बाहर चले गए गप्पा मारने
8 बजे का टाइम था गाँव मे जल्दी ही डिनर हो जाता है
हम मोहाली के खरर तहसील के खेड़ी माजरा गाँव मे रहते हैं।
छत पर पहुंच कर खूब हंसी मजाक चलता रहा फिर मैं नीचे आ गई जहाँ राहुल कमरे में थे।
मैं:- आप अकेले सो जाएंगे ना मैं ऊपर सो जाती हूँ माधुरी का भी मन लग जायेगा।
राहुल:- अहह मेरी जान आज तुझे चोदने को मन कर रहा है,
मैं:- परसो ही तो आपने बंड बजाया है मन नही भरा।
राहुल उठकर मेरे पास आये और सोनू को बेड को बिठा कर मुझे बाहों में कस लिया "जब ऐसी मोटी ताजा पत्नी हो तो मन साला क्यों नही करेगा।
राहुल में होठों पर टूट पड़ा और में भी माधुरी की वजह से गर्म थी तो उसका साथ देने लगी।
राहुल ने मुझे बेदर्दी से चूसा ओर बोले "मेरी रंडी आज तो अपने ग्राहक को खुश कर दे।
(शादी के इन 4-5 सालों में मैने राहुल के हर वो काम किया जो सेक्स की दुनियां में होता है मैं बहुत सेक्सी हूँ और राहुल भी मेरी संगत में रहकर सब सिख गया है वो आमतौर ओर सरीफ बनकर रहते पर जब में उसके साथ रोमांटिक हो जाऊं तो शमाँ ही बांध देती हूं तभी राहुल ने मुझे चोद चोदकर एक साल में ही बच्चा दे दिया। हम काफी सेक्स में इन्वॉल्व है और खुलकर मजा करते हैं
ये रंडी कहकर बुलाना भी हमारी सेक्स दुनियां का हिस्सा था हम कई सारे रोलप्ले करते जैसे वो मुझे रंडी बना देते और खुद कोई कस्टमर बन जाते और इन सभी चीजो के दौरान आजतक कोई गेर सख्स का ख्याल ना मुझे आया ना राहुल को)
मैं:- नही साहब आपने परसो भी मुझे बुरी तरह चोदा ओर पैसे भी कम दिए।
राहुल:- आज खुश कर दे मेरिई रांड डबल ले लेना।
मैं:- राहुल माधुरी का क्या करूँ वो सोचेगी की भाभी को चुदने की पड़ी हैं।
राहुल:- क्या करे यार अब मुझसे तो रहा नही जाता, तुम ही कोई हल बताओ।
मैं:- मैं छुपके से आई रात में तुम लौड़ा तैयार रखना साहब
राहुल:- मेरिई छिनाल लोडा तो अभी भी तैयार है बस तुम चुत दिखाओ तो सही और राहुल ने लोअर नीचे करके अपना लौड़ा निकाल लिया जो ऐसा दिख रहा था।
मैं:- साहब इसे अंदर करो कहीं अपनी बहन माधुरी ने देख लिया तो डर जाएगी मेने एक तीर फेंकते हुए कहा
राहुल:- वो अभी ऊपर है तुम बताओ ना कितने पैसा लेगी रांड, नाटक बहुत करती है सुमन रंडी
इन सभी बातों के दौरान राहुल ने मुझे अपने से चिपकाया हुआ था और मेरी बड़ी चुचियाँ राहुल के सीने में धंसी थी ओर नीचे देखती हुई उसका लोडा देख रही थी
मैं:-साहब नाटक करना पड़ता है आपकी बहन माधुरी ने देख लिया तो में बदनाम हो जाऊंगी
दो बार माधुरी ना नाम आने से राहुल चुप हो गए और ख्याली दुनियां में पहुंच ओर उसके लन्ड से प्रिकम निकलने लगा।
मैं:- राहुल में अभी जाती हूं रात में आऊंगी अपने यार से चुदने, अभी मुझे माधुरी को सुलाना है कहीं वो यही ना आ जाये।
ऐसे अच्छा नही है ना कि माधुरी हमे रंगे हाथों पकड़ ले समझो आप।
राहुल ने मुझे छोड़ा और दूर खड़े हो गए कुछ सोचते हुए ठीक है जल्दी आना।
मैं उसकी प्रिकम को उंगली पर लेकर " ठीक है मालिक माधुरी को सुलाते ही वापिस आ जाऊंगी ओर मेने सोनू को एक हाथ से गोद मे लिया और कमरे से बाहर आ गयी एक भाई के मन मे उसकी बहन की छवि डालकर।
मेने प्रिकम को देखा जो बहुत मादक महक बिखेर रहा था
मैं ऊपर वाले केमरे में पहुंची जहां माधुरी अपने फ़ोन में हंसी वाली वीडियो देख रही थी
(माधुरी के पास एंड्राइड फ़ोन था क्योंकि आकाश बाहर रहता तो इससे बात हो जाती वीडियो कॉल पर भी)
मुझे देखकर माधुरी ने फ़ोन साइड में रखा और बेड पर सहारा लगा कर बैठ गयी
मैं:- क्या देख रही थी कहीं भय्या का औजार तो नही देख रही माधुरी
"नही भाभी में तो हंसी वाली वीडियो देख रही थी"
मैंने सोनू को लेटाया ओर खुद भी माधुरी के बगल में बैठ गयी।
मैं:- ये देखो माधुरी में क्या लायी हूँ स्पेशल तुम्हारे लिए उंगली दिखाती में बोली
माधुरी:- ये क्या है भाभी पानी सा
मैं:- ये पानी को आम पानी नही माधुरी ये तुम्हारे भाई का जोशीला पानी है जो उसके लन्ड से निकला है
माधुरी:- मुझे क्यों दिखा रही हो फिर भाभी
मैं:- ये खट्टा पानी तुम्हारे ओर तुम्हारे भाई के मिलन का एक मुहर्त जैसा है। इसको चाट कर तुम ऐलान कर दो माधुरी की तुम राहुल भय्या से कितनी मोहब्बत करती हो।
माधुरी:- भाभी आप कितनी कमीनी हो शर्म नही आती क्या आपको ऐसी ऐसी हरकते करते हुए।
मैं:- तुम ही तो मरी जा रही हो भय्या का पानी पीने के लिए, अब नखरा मत करो चलो मुँह खोलो अपना
माधुरी:- अहह भाभी पता नही क्या क्या करवाओगी मुझसे ओर माधुरी ने हल्का सा मुँह खोला।
मैं:- बोलो माधुरी "राहुल भय्या चटा दो अपने लन्ड से निकले हुए इस चटपटे पानी को
माधुरी:- भाभिईईई मुझसे नही बोला जाएगा, मैं अब मना नही कर रही हूं।
मैं:- माधुरी तुम्हारी शर्म खोलने के लिए कहना होगा तभी तो तुम आगे बढ़ पाओगी मेरी जाननननन
माधुरी:- भय्या चटा दो अपने लन्ड के चटपटे पानी को
"लो चाट लो और मैने उंगली को माधुरी के खुशबूदार मुँह में घुसा दिया और उसके बूब्स को मसलती हुई उसे अपने भाई का प्रिकम चटाने लगी। माधुरी ने चाट चाटकर मेरी उंगली को साफ किया और अंदर उतार लिया सारे पानी को।
मैं:- कैसा लगा फिर मेरी ननद को अपने भाई का पानी
माधुरी :- अहह ठीक ही था भाभिईईई
"माधुरी तो फिर रेडी हो ना राहुल का पानी पीने के लिए"
भाभी मुझे तो बहुत रिस्की लग रहा है ये सब होगा कैसे भय्या तो मुझे देख लेंगे ना
अरे मेने सब सोच रखा है तुम बेफिक्र रहो, आज तो में अपनी ननद को उसके भय्या का पानी पिला कर रहूंगी
पियोगी ना माधुरी?
हां भाभी पीऊंगी बस भय्या को पता ना लगे।
मैं:- कुछ नही होगा जान अब सुनो कैसे क्या करना है।
"बताओ भाभी"
देखो माधुरी में जाऊंगी नीचे ओर हम चुदाई करेंगे उस दौरान में तुम्हे मेसेज करूंगी तुम झुक कर कमरे में आ जाना बाकी सब वहीं बता दूंगी क्या करना है
माधुरी:- पर भाभी दरवाजा तो बन्द होगा ना फिर कैसे आऊंगी में
मैं:- अरे में दरवाजा तो बन्द करूंगी पर कुंदी नही लगाउंगी समझी।
पर भाभी भय्या तो देखेंगे ना जब दरवाजा खुलेगा।
मैं:- तुम इस बात से बेफिक्र रहो मेरी जान आज कोई नही रोक सकता तुझे अपने भय्या का पानी पीने से हीहीहीही
माधुरी:- भाभी तुम कितनी कमीनी हो।
इन्ही सब बातों के बीच 11 बज गए और में जाने की तैयारी करने लगी राहुल के पास
माधुरी में जा रही हूं अब नीचे तुम तैयार हो ना इस काम के लिए
माधुरी:- डर लग रहा है भाभी पर आप पे विश्वास है तो अच्छा ही होगा।
मैं:- चलो फिर ठीक है में जा रही हूं सोनू को देख लेना जग जाए तो इसे खेल लगा लेना तुम
माधुरी :- ठीक है भाभी।
मैं कमरे से बाहर आकर नीचे चल दी और राहुल के पास पहुंच गई जो बेठकर मूवी देख रहा था। मेने दरवाजा बंद किया और राहुल की तरफ देखा जो फ़ोन में बिजी था तो मैने कुंदी को रहने दिया ताकि माधुरी को आने में दिक्कत ना हो
राहुल:- आ गयी मेरिई रांड, बड़ी देर लगा दी।
मैं:- क्या करूँ मालिक आपकी बहन सोए तब ना। उसे सोता देखकर ही आयी हूँ।
राहुल ने फ़ोन साइड में रखा और मुझे बेड पर लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ गए। मुझे किस करने लगे, हम दोनों एक दूसरे को चूमते चुसते हुए मजा लेने लगे।
राहुल:- चल कपड़े निकाल लो मेरी जान अब रहा नही जाता।
राहुल ने जल्दी से अपने कपड़े निकाले ओर आखिर में अपना कच्छा भी निकाल लिया। राहुल का मोटा लन्ड मेरी आँखों के सामने था
एक दम सफेद लन्ड जिसका रूप राहुल जैसा ही था
मैं:- राहुल बड़ा भूखा लग रहा है तुम्हारा सेर तो आज, पता नही क्या बनेगा मेरा। मैं कपड़े निकालती हुई बोली।
राहुल:- आज तुझे नही छोड़ेगा ये जान, इसको इसका खाना खिला दो तुम प्यार से
मैं मादरजात नंगी हो गयी और राहुल मैरी तरफ बढ़ा तो में बोली
"राहुल आज कुछ अलग करते हैं ना ऐसा जिसमे हम दोनों बेहद मजा आये क्या कहते हो
राहुल:- ऐसी कोनसी चीज है जिससे मजा आएगा बताओ।
मैं शैतानी भरे दिमाग से "राहुल आज तुम महसूस करोगे मुझे पर देखोगे नही
राहुल:- मतलब ??
मैं:- आज में तुम्हारी आँखों पर कोई कपड़ा बांध दूंगी फिर मजा करेंगे, आज बहुत मजा आने वाला है पक्का।
राहुल:- बिना आंखे बंद करे भी हो सकता है, क्या बेतुके आईडिया लेकर आई हो
मैं:- प्लीज राहुल बहुत मजा आएगा जब तुम्हारी आंखे पर कपड़ा हो तुम फील कर सकोगे हर मूवमेंट को, हर चीज में तुम एक अलग मजा पाओगे, आज में हैंडल करूंगी तुम्हे। प्लीज राहुल मान जाओ ना। अगर मजा ना आये तो कहना।
राहुल कुछ सोचते हुए ठीक है यार आज देखते हैं इस आईडिया को भी, बताओ क्या करना है।
मैं:- ऐसा करो तुम लेट जाओ बेड पर, राहुल बेड पर लेट गया जिससे उसकी टांगे दरवाजे की तरह हो गयी जो सोची समझी प्लानिंग के तहत थी।
में अपने 2-3 दुप्पटे लिए जिनको देखकर राहुल बोला "एक ही काफी है इतनो का क्या करोगी तुम
मैं:- राहुल आंखों के साथ मैं तुम्हारे हाथ भी बांध रही हूं ताकि तुम मुझे छू ना सको। क्योंकि तुम्हे बस फील करना है मुझे छूना नही है।
राहुल:-कुतिया पता नही क्या क्या करोगी आज, कहाँ से आया ये ख्याल तुम्हे।
मैं:- देखते जाओ आज तुम्हारी रात रंगीन कर दूंगी सब्र रखो
मेने राहुल की आंखों पर दुपट्टा को दो तीन बार लपेट कर बांध दिया जिससे राहुल की आंखे देख नही सकती थी। फिर उसके पैरों को बांध दिया बेड के दोनों साइड जिससे टांगे खुल गयी।
फिर उसके हाथों को बांधकर बेड के दोनों साइड कर दिया
राहुल:- अहह क्या सीयप्पा है ये, अंधेरा छाया हुआ ऐसे लगता है
मैं:-अभी रोशनी कर देती हूं जान, ऐसी रोशन कर दूंगी तुम्हारी जिंदगी को मुझे दुआएं देते रहोगे।
राहुल:- इसी बात के लिए आई लव यू जान
मैं:- आई लव यू राहुल मेरिई जान
मेने अपना फ़ोन अपने पास बेड पर रख दिया और
राहुल के लन्ड को थामा ओर उसे हिलाती हुई राहुल के मुँह के पास अपनी चुचियाँ लेकर गयी राहुल मेरिई जान मुँह खोलो तुम्हे दूध पिलाना है
उसके मुँह में अपनी सुडौल चुचियाँ देकर में उसके लन्ड को मुठियाने लगी।
राहुल मेरिई चुचियाँ पीने लगे मैं माधुरी के बारे में सोचने लगी क्यों आज उसे लाइव चुदाई दिखाई जाए, वैसे भी वो शर्माती बहुत है आज उसकी सारी शर्म निकाल देती हूं।
आज तो मजा ही आ जाएगा माधुरी के सामने चुदकर।
मेने फ़ोन उठाया और राहुल के लन्ड को मुठियाती हुई माधुरी को मैसेज लिख दिया "आ जाओ माधुरी तुम्हारे भय्या का लोडा बुला रहा है मुझस तो सम्भल नही रहा तुम ही संभालो"
कोई 2 मिनट के बाद "भाभी कोई खतरा तो नही है, अगर कोई उल्टी बात हो गयी तो बहुत बुरा हो जाएगा।
मेने दोबारा से मैसेज किया "कोई खतरा नही है आराम से आ जाओ और दरवाजा आराम से खोलना
कोई 5 मिनट के बाद मुझे दरवाजा खुलता नजर आया और माधुरी ने अंदर निगाहें डाली तो शर्मशार हो गयी की उसका बड़ा भाई बेड से बंधा नंगा लेटा हुआ है
वो अभी दरवाजे पर ही खड़ी अपने बड़े भाई को नंगा चूची पीते हुए हेरत से देख रही थी।
मेने उसे अंदर आने का इशारा किया ओर कमरे में रखे सोफे पर बैठने को कहा तो माधुरी अंदर आ गयी ओर सोफे पर बैठ गयी।
बहुत ही कामुक नजारा जिसको शब्दो मे बयाँ करना मेरा लिए बहुत ज्यादा मुश्किल था। एक शादीशुदा बहन सामने बैठी हो उसका भाई जो अच्छे खासे लन्ड का मालिक हो उसको देखती हुई बहन यही सोच ही होगी कि जिस भय्या के सामने हमेशा संस्कारी ओर सरीफ बनकर रही, कभी इतना ओपन आपस मे बातें भी नही आज उसको अपनी आंखों से नंगा देख रही थी
माधुरी सोफे पर बैठी आंखे चुरा रही थी तो मेने राहुल को बोला "जान अभी रुको मैं पानी पीकर आती हु।
राहुल:- अभी तो चुड़वाया भी नही है अभी से प्यासी हो गयी जान
मैं:- तुम हो ना हमारी प्यास बुझाने के लिए बस थोड़ा सा रुक जाओ ये बाते में माधुरी को सुनाती हुई बोली
ओर उठकर माधुरी के पास आ गयी
उसके कान में जाकर "ऐसे शर्माओगी तो कुछ नही होने वाला माधुरी सारी शर्म उतारो ओर आज की रात एन्जॉय करो समझी
माधुरी इशारे से हामी भरते हुए गर्दन हिलाई।
मैं उसे पकड़ कर बेड के पास लाई ओर राहुल के पैरों के पास खड़ा कर दिया ओर कान में फुसफुसाते हुए बोली
"धीरे से बेड पर चढ़ जाओ और अपने भाई का लन्ड हिलाओ अपने हाथों से"
माधुरी बेड पर चढ़ गई और उसके साथ मे भी ओर राहुल को बोली
"हां तो राहुल बोलो क्या करना है आज तो तुम्हारा लन्ड महाराज कुछ ज्यादा ही अकड़ा हुआ है आज तो मेरी खैर नही।
माधुरी बेड पर बैठी अपने भाई के लन्ड को हिला हिला कर उसकी लम्बाई चौड़ाई नापने में लगी थी।
राहुल:- तो मेरी रंडी मुँह में भरके चुसो ना अब हिलाती ही रहोगी इसे। राहुल को क्या पता की जिसको वो रंडी बोल रहा है दरअसल वो उसकी लाडली छोटी बहन है जो उसका लन्ड थामे हुई थी और हिला रही थी।
में माधुरी के पास आई और उसके कान में इसे मुँह में लेकर चुसो, जैसे आइसक्रीम को चुसाते है आगे पीछे करो
माधुरी डरते डरते अपना प्यारा सा सरीफ मुँह राहुल के लन्ड के पास लेकर गयी और हल्का सा मुँह खोलकर अपने भाई का लन्ड अपने सुर्ख होटों पर रख लिया। मैं झुक कर लन्ड के पास मुँह कर लिया जिससे राहुल को लगे कि मैं ही उसका लन्ड चूस रही हूं।
राहुल:- मेरिई जान इसे पूरा मुँह में लो ना टोपा ही चुस्ती रहोगी अब।
मैं माधुरी को इशारे से मुँह में लेने को बोली तो माधुरी में हिम्मत करके आधा लन्ड मुँह में भर लिया
राहुल:- अहह मेरी रंडी ये हुई ना बात चूस ऐसे ही मेरी जाननन
राहुल के मुँह से अपने लिए रंडी सुनकर माधुरी चोंक गईई ओर लन्ड मुँह से निकाल दिया।
मैं उसके कान में बेहद धीरे से फिक्र मत करो तुम्हारा भाई मुझे समझकर ऐसा बोल रहा है। ऐसा क्यों बोल रहे हैं, में बताऊंगी फिलहाल ध्यान मत लो इसकी बातों पर
माधुरी दोबारा से अपने भाई का लन्ड मुँह में भर लिया ओर चुसते हुए आगे पीछे करने लगी।
राहुल:- अहह मेरी जान चूस मेरे लन्ड को दिखा कमाल अपने मुँह का, बहुत मजा आ रहा है मेरी रांड
मेने माधुरी के मुँह से लन्ड निकाला और बोली
"राहुल लन्ड चुसने वाली अब रंडी हो गयी, एक तो तुम्हे मजा दिला रही हूं ऊपर से रंडी बोल रहे हो। मैं माधुरी की तरफ देखती हुई बोली ओर फिर से लन्ड माधुरी के मुँह में डाल दिया।
राहुक सिसकियों के साथ, अहहहह सरीफ औरते लन्ड नही चूसती जान रंडियों का काम होता है ये।
माधुरी के लिए रंडी बोलना मेरी चुत में आग पैदा कर रहा था कि आज देखो कैसे एक बड़ा भाई अनजाने में सही अपनी सरीफ बहन को रंडियों का दर्जा दे रहा था। माधुरी भी राहुल की बातों से हैरान परेशान थी पर में उनको बराबर लन्ड चूसने के लिए उकसा रही थी। आधे लन्ड को मुँह में ले लेकर माधुरी ने उसे गीला कर दिया था। जो उसके थूक से चमक रहा था।
Suman bhabhi to pura randi bana de rahi hain Madhuri ko.मेने माधुरी को लन्ड पर थूक डालने को कहा तो माधुरी ने लन्ड के टोपे पर अपना गर्म गर्म मीठा थूक डाल दिया
मेने राहुल के हाथ पाओं खोल दिये और उसे आजाद कर दिया
मेने माधुरी को लन्ड से दूर करके अपने पैरों का वजन डालकर राहुल के लन्ड के ऊपर हो गयी और माधुरी से कहा कि, डाल दे अपने भाई के बड़े लन्ड जो मेरी चुत में अहहहह
माधुरी ने शर्माते हुए अपने भाई का सख्त लन्ड पकड़ा और मेरी चुत के छेद पर सेट किया और में धीरे धीरे बैठती हुई दर्द भरी सिसकियों के साथ पूरा लोडा अपनी चुत में उतार लिया और माधुरी की तरफ देखा
जो इतने बड़े लन्ड को मेरी चुत में जड़ तक घुसता देख अपने मुँह पर हाथ रखे बड़ी बड़ी आंखों से मेरी चुत की तरफ देख रही थी।
अहहहह राहुल मर गईईईईई बहुत मोटा लन्ड है तुम्हाराहहहहहहहह अंदर तक फाड़ दी मेरिईईई चुत
राहुल:- तुम जैसी रंडियों के लिए तो ऐसे ही लन्ड मजा दे सकते हैं मेरिई सुमन रांड, अहह क्या चुत है तुम्हारी जान
साइड में बैठी हुई माधुरी हमारे कामुक मिलन का नजारा ले रही थी उसे यकीन नही हो रहा था कि उसका सरीफ दिखने वाला भाई चोदते हुए इस तरह की बातें करता है और लन्ड की मार से बेहाल कर देता है
मैं माधुरी के तरफ देखती हुई ऊपर नीचे झटके देने लगी जिससे चुत टोपे तक आती और फिर राहुल की झांटो को चूम लेती।
इसी तरह चुदाई चलती रही और में थक कर लन्ड से उतर गई और साइड में बैठकर लन्ड को देखा तो उसपर मेरी चुत का पानी लगा हुआ था
मेने माधुरी को इशारा किया और उसके कान में बेहद धीरे से फुसफुसाई "माधुरी चाट ले अपनी भाभी के पानी को अपने भाई के लन्ड से"
माधुरी ने बुरा सा मुँह बनाया पर मैने उसको फ़ोर्स करते हुए मना लिया और उसके मुँह को खुलवा कर लोडा उसके मुँह में दे दिया
माधुरी टोपे पर ही जीभ गुमाने लगी तो मैने उसके सर पर हाथ रखकर धीरे धीरे प्रेसर देने लगी लगी और आधा लन्ड माधुरी के मुँह में समा गया। माधुरी आगे पीछे मुँह करती हूं लोडा चुसने लगी उसने आंखे बंद कर रखी थी सायद उसको मेरे सामने मेरा ही चुत का पानी लन्ड से चाटना शर्म का अहसास करा रहा था।
थोड़ी देर चाटने के बाद मेने उसको साइड में बैठने को कहा और खुद भी राहुल का लौड़ा चुसने लगी।
मैं माधुरी की तरफ देखकर लन्ड चुसने लगी ताकि माधुरी कुछ सीख पाए।
मेने माधुरी को सोफे पर बैठने को कहा ओर माधुरी धीरे से सोफे पर बैठ गयी और में खुद बेड पर लेट गयी जिससे मेरी गांण्ड माधुरी की तरफ हो गयी।
और राहुल को ऊपर आने को बोला।
राहुल मेरे ऊपर आ गया और मेरी टांगे फोल्ड कर के मेरे सीने से मिला दी।
राहुल ने अपना बड़ा लन्ड मेरी चुत पर सेट किया और एक ही झटके में अपना समूचा लन्ड मेरी चुत में उतार दिया।
अहहहह मरररर गईईईईई ओह्ह राहुललल्ल फाड़ दी मेरिई चुतत
राहुल:- अहह कितना गर्म चुत है सुमन तेरी तो मजा ही आ गया
मैं:- अहहहह राहुल तेरा भी लन्ड बहुत गर्म है मेरी बच्चेदानी में घुस रहा है, चोद मुझको राहुल चोद अहह राहुल।
मेने थोड़ा मुँह उठाकर देखा तो माधुरी हमारी कमर की तरफ देख रही थी जहां उसे मेरी चुत में घुसा हुआ अपने भाई का लोडा दिख रहा होगा और टांगे मोड़ने की वजह से उसे मेरी गांण्ड का छेद भी भी दिख रहा होगा जो झटकों से खुलता ओर बन्द हो रहा था
तेज़ तेज़ चोदते हुए राहुल मेरे होटों पर टूट पड़ा और मुझे किस करते हुए चोदने लगा
लंबे लंबे झटके मारते हुए राहुल मेरी चुत की ठुकाई करने लगे जिससे मेरी सुडौल मोटी चुचियाँ हिलती हुई शमाँ बांध रही थी
राहुल:- अहहहह मेरी जान कितनी भभकती हुई चुत है देखो कैसे मेरे लन्ड को गर्म कर दिया है अहह सुमन मजा आ रहा है ना
मैं:- हाँ मेरे सरताज ऐसे ही चोदो मुझे बहुत मजा आ रहा है राहुल, मेरी बच्चेदानी पर वार कर रहा है तुम्हारा लोडा
अहह मररररर गईईईईई राहुल और तेज चोदो मुझे
राहुल:- ले मेरिईईई रांड ओर ले, घुसा ले इसे अपनी प्यासी चुत में सुमन रंडी
"अहहहह राहुल थोड़ा धीरे अहह मरररर गईईईईई ओह राहुल फाड़ दी मेरिई चुत
राहुल तेज़ तेज़ चोदते हुए मेरी चुत मारने लगा और मैं ज्यादा दर्द का नाटक करते हुए सर उठा कर माधुरी की तरफ देखा और बोली
"अहह राहुल धीरे कहीं माधुरी ना सुन ले, अहह माधुरी बचाओ अपने भाई के लन्ड से मुझे माधुरी।
माधुरी मेरी तरफ चुप रहने का इशारा करने लगी
राहुल:- अहह आज तुझे कोई नही बचायेगा मेरी जाननन, आज तुझे लन्ड से चोद चोद कर बेहाल कर दूंगा।
"अहह राहुल मैं भी चुदना चाहती हूं पर तुम्हारा लन्ड जब बच्चेदानी पर ठोकर मारता है तो दर्द होता है अहह
राहुल:- अहह आज तेरी बच्चेदानी भर दूंगा सुमन रांड,
मैं:- अहह राहुल मैं तो निहाल हो गयी तुम्हारे लन्ड पर, अहह क्या ठुकाई करता है अंदर तक
सबको ऐसा ही लन्ड मिले जो अंदर तक चोदे अहह मैं थक गई हूं राहुल थोड़ा रुको
राहुल मेरे ऊपर से उतरा और मैं लम्बी लम्बी सांसे लेती हुई उठकर बैठ गयी और माधुरी की तरफ देखा जो एक हाथ को लोअर के अंदर डालकर चुत सहला रही थी।
उसका चेहरा लाल सुर्ख ओर होंठ सूखे हुए थे, आंखे बंद करके माधुरी धीरे धीरे अपनी चुत सहला रही थी। हो भी क्यों ना जब चुदाई ही इस कामुक तरीके से देख रही थी।
मेने राहुल को लेटने को कहा और राहुल को बेड के आखरी छोर पर लिटा दिया
मैं उसका लन्ड हाथ से पकड़ लिया और हिलाने लगी
मे माधुरी की तरफ देखती हुई लन्ड चुसने लगी जिसपर मेरी ही गर्म चुत का पानी लगा था उसको चाटती हुई मैं
सामने आंखे बंद करके चुत सहलाती हुई अपनी ननद को देखने लगी
तभी माधुरी ने आंखे खोली ओर मुझे देखता पाकर शर्मा गईई तो मैने उसे अपने पास आने का इशारे किया
माधुरी चलती हुई मेरे पास आई और खड़ी हो गयी।
मेने उसको बेड के साइड आने को कहा और वो राहुल के बगल में खड़ी हो गयी।
मैं:- राहुल मुँह खोलो अपना एक चटपटी चीज चखाती हूँ तुम्हे
राहुल:- क्या चीज है वो
मैं:- तुम मुँह तो खोलो जान फिर पता लग जायेगा तुम्हे
राहुल ने मुँह खोल दिया तो मैने माधुरी के हाथ को पकड़ा और गीली उंगली को राहुल के मुँह में दे दिया।
माधुरी हाथ खींचने की कोशिश करने लगी और मैने जोर से पकड़ा हुआ था।
राहुल उंगली पर लगे अपनी बहन के नमकीन चूतरस को चाटने लगे और पूरी उंगली साफ कर दी।
राहुल:- अहह क्या स्वाद है सुमन पहले कभी नही चखा
मैं:- बहुत कीमती पानी है बताओ कैसा लगा चुत का पानी
राहुल:- बहुत टेस्टी है जान ओर चखाओ ना मेरे मुँह पर चुत रख दो मैं खुद चख लूंगा प्यास भी बुझ जाएगी मेरिईईई
मैं:- अभी इतना ही है फिर कभी चख लेना, फिक्र मत करो चुत में मुँह लगा कर चाट लेना ठीक है जान, चलो तुम्हारी प्यास कम करती हूं
मैं माधुरी के कान में "देख लो माधुरी तुम्हारे भय्या तो तुम्हारी चुत के आशिक हो गए देखो कैसे चाटने को बोल रहे हैं"
माधुरी ने शर्म से मुँह गड़ा दिया तो मैने दोबारा उसके कान में " थूक इकट्ठा करो अपने मुँह में तुम्हारा भाई प्यासा है माधुरी"
माधुरी मना करने लगी तो मैने उसको हिम्मत दिलाई ओर माधुरी मुँह में थूक इकट्ठा करने लगी
मैं:- राहुल मेरी मुँह खोलो तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ थोड़ा बहुत। उम्मीद है तुम्हे पसन्द आएगा
राहुल ने मुँह खोला तो मैने माधुरी को उसके मुँह के ऊपर झुका दिया। और राहुल के हाथ पकड़ लिए कहीं वो जोश में माधुरी को ना पकड़ ले।
माधुरी ने मेरी तरफ देखा तो मैने उसे थूक डालने को कहा माधुरी ने अपना मीठा थूक एक कतारबद्ध पीक के रूप में अपने भाई के मुँह में डाल दिया 2-3 बार थूक डालकर वो सीधी खड़ी हो गयी।
राहुल में थूक को टेस्ट किया और फिर अपनी छोटी लाडली बहन का थूक अपने पेट मे ले लिया।
राहुल:- अहह क्या टेस्ट है मेरी रंडी का अहह कितना मादक है, सच मे तुम जानलेवा रंडी हो जो हर हुनर रखती हो। वैसे क्या था ये मेरी रांड
मैं:- ये थूक था राहुल, कैसा लगा तुम्हे पसन्द आया या नही
राहुल:- मेरिई रांड की कोई चीज पसन्द ना आये ऐसा हो सकता है भला।
माधुरी अपने भाई के मुँह से रांड सुनकर हैरतजदा हो गयी और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी
मैं:- राहुल अब तुम्हे प्यास लगी तो बुझा दी, अब रंडी तो मत बोलो यार।
राहुल:- क्या करूँ जान में जोश में कुछ कह दु तो बुरा मत माना करो। चलो अब चोदने दो मुझे बड़ी हवस चढ़ गयी है मुझे।
राहुल ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो मैं घोड़ी बन गयी
मेने अपनी गांण्ड को हवा में उठा लिया और मुँह बेड पर रख दिया।
राहुल मेरे पीछे आए और लन्ड को चुत पर सेट करने लगे और चुत की फांको को हाथ से टटोल कर लन्ड रखा और एक जबरदस्त झटका लगाते हुए पुरा लन्ड मेरी चुत में उतार दिया। अहहह राहुल मार दिया आईईईईई इतना बेदर्दी मत बनो
10 मिनट तक राहुल ने मुझे बुरी तरह से रगड़ा ओर वो सिसकते हुए मुझे चोद रहे थे। मेरा 3 बार पानी निकल चुका था
माधुरी अपने भाई की चुदाई को अपनी आंखों में कैद कर रही थी।
मैं:- राहुल जब झड़ने लगो तो बता देना, मुझे तुम्हारा पानी पीना है जान।
राहुल ने थोड़ी देर तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए आखरी स्टेज पर आ गए तो मैं जल्दी से खड़ी होकर राहुल को बेड से नीचे खड़े होने को बोला।
राहुल बेड से नीचे खड़े हो गए और अपना लन्ड हिला रहे थे मेने माधुरी को पकड़ कर उसके भाई के पैरों में बैठाया ओर राहुल का लन्ड खुद आगे पीछे करने लगी।
माधुरी के चेहरे और असमंज की स्थिति थी वो अपने बड़े भाई के पैरों में भिखारी की तरह बैठी लन्ड के पानी वैट कर रही थी।
राहुल:- अहह मेरा आने वाला है जान, ओर तेज़ हिलाओ
मैंने लन्ड को आगे पीछे करती हुई माधुरी का सर पकड़ा ओर उसके भाई का लन्ड उसके मुँह में डाल दिया।
तभी राहुल ने माधुरी का सर पकड़ा और उसके मुँह को लन्ड से चोदने लगा,
मैं पास में बैठी इस कामुक स्थिति का मजा ले रही थी
ओर सोचने लगी कि
"जो बहन अपने बड़े भाई के सामने खुलकर बोल भी नही सकती वो बहन अपने सगे भाई का बड़ा सा लन्ड जिसपर उसकी भाभी की गर्म चुत का पानी लगा हो उसे अपने भाई के पैरों में बैठकर कनीज की तरह मुँह में भरकर चूस रही थी, दूसरी ओर उसका बड़ा भाई सिसकते हुए अपनी बहन के प्यारे से मुँह को पकड़ ऐसे झटके मार रहा था जैसे मुँह नही वो अपनी बहन की गहरी चुत में गढ्ढा कर रहा हो। वो बहन भी सारी शर्म हया, रिश्ते नाते भुला कर सारा दर्द बर्दाश्त करके इस उम्मीद में लौड़ा समाए बैठी थी कि उसका भाई उसे लन्ड का पानी पिलायेगा ओर उसकी अनचाही प्यास को बुझा देगा।
राहुल अब बहुत करीब आ चुका था उसका आग उगलता लन्ड कभी भी फटने वाला था
राहुल:- अहह मेरी रंडी बहुत गर्म मुँह है तुम्हारा, तुम्हारी चुत की तरह मेरी रांड, तभी तुम्हारा थूक इतना गर्म था अहह मेरी पालतू रंडी आने वाला है मेरा पानी अहहहहहहहहहह मेरिईईई छिनाललललल्ल मुँहहहहह में भर ले मेरे वीर्ये को ओर राहुल ने जहर उगला दिया
जो माधुरी के मुँह में गिरता रहा ओर में राहुल की बॉल्स को पकड़ कर सारा पानी निकालने लगी जो उसकी बहन के मुँह में जमा होता रहा।
माधुरी की आंखे बाहर को निकली हुई थी और आंखों में नमी लिए वो माल जमा कर रही थी
तभी एक आखरी कतरा जो लन्ड के छेद में बचा था वो बाहर निकल आया तो मैने लन्ड की माधुरी की मांग के सिंदूर के उपर किया और लन्ड दबाते हुए वो गाढ़ी वीर्ये की बूंद सिंदूर के ऊपर डाल दी। बड़ा उत्तेजक माहौल था कि एक सरीफ बहन अपने भाई के वीर्ये से मांग भरवा कर बैठी थी।
लन्ड खाली करके मेने आकाश को बेड पर बैठा दिया तो
वो वहीं बेड पर लेट गया।
मैं माधुरी के कान में " ऐसा करो बाहर जाओ और इस पानी को किचन से एक ग्लास लेकर उसमे डाल देना में अभी आ रही हूं। इस कीमती पानी को पीना मत जब तक मे ना कहु।
माधुरी को मैने बाहर भेजा और राहुल की आंखों से दुपट्टा हटाया ओर राहुल से पूछा
"हाँ जी बताओ कैसा लगा ये एक्सपीरिएंस आपको"
राहुल:- बड़ा कामुक था जान वो उंगली पर लगा पानी चखना, वो थूक पीना बड़ा उत्तेजित था शुक्रिया इस सबके लिए मेरी जाननन
मैं राहुल को वहीं छोड़ ऊपर छत वाले कमरे में पहुंच गई।
दरवाजा को साइड किया तो माधुरी बेड के किनारे पैर लटकाए बैठी थी।
मैं उसके पास गई और उसके हाथ से वीर्या भरा ग्लास जो आधा भर गया था उसको माधुरी से लिया और टेबल पर रख दिया।
मैं:- हाँ तो माधुरी कैसा लगा ये मधुर संगम हमारा ओर कुछ कुछ तुम्हारा भी।
माधुरी कुछ सोच में डूबी हुई थी मेने दोबारा बात दोहराई तो उसने मेरी तरफ देखा "भाभी सच मे आप बहुत बेशर्म हो मुझे क्या क्या करवाया आपने"
मैं:-तुम्हे मजा नही आया क्या, तूने देखा ना कैसे तुम्हारा भाई उत्तेजित हो गया था तुम्हारे थूक ओर चुतरस से"
माधुरी:- भाभी फिर भी अच्छा नही है ना कि मुझे ऐसा करना पड़ा। भाई तो जोश में थे उसे क्या पता वो मैं हूँ।
मैं:- माधुरी सच मे तुम बहुत लाजवाब हो, ओर फिर तुम्हारे भय्या को इसमें मजा आया तो कोई बुराई नही है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारे भय्या खुश रहें।
माधुरी:- चाहती हूं भाभी पर मुझे अजीब सा लगा कि मैं भय्या के मुँह में थूक डाला।
मैं:- माधुरी ऐसा मत सोचो बस ये समझ लो तुमने अपने भय्या को खुशी दी है। ये बहुत बड़ी बात है तुम्हारे लिए की तुम्हारे भय्या की ये सब अच्छा लगा।
माधुरी:- हम्म,
मैं:-तो बताओ ना मेरी ननद को कैसा लगा अपनी भाभी भय्या की चुदाई?
माधुरी:- अहह भाभी ठीक ही थी।
मैं:- ऐसे कभी आकाश ने चोदा है तुम्हे इतनी देर तक या इतना जोश में।
माधुरी:- नही भाभी वो तो बस 5-10 मिनट में ही करते हैं भला मेरी फिक्र क्या रहेगी
मैं:- अहह तो मेरी ननद को उसके भाई जैसा लन्ड चाहिए है ना माधुरी, जो तुझे ठंडा कर दे।
माधुरी शर्मा गईई अपने भय्या के नाम से।
मैं:- माधुरी तुम्हारी मांग के सिंदूर पर पानी डाल रखा है तुम्हारे भय्या ने समझी कुछ
माधुरी:- गलती से लग गया होगा, भय्या का कहाँ होश था कि कौन है।
(माधुरी को ये नही पता था कि उसकी वीर्ये से मांग मेने ही जानबूझ कर भरी है)
मैं:- जो भी हो पर लग तो ऐसा रहा है जैसे तुम अपने भाई की सुहागिन बन गयी हो माधुरी, देखो कैसे मांग भर दी है तुम्हारी राहुल ने।
मैं माधुरी को उकसाते हुए बोली।
माधुरी उठकर सिंगारदानी (ड्रेसिंग टेबल) के पास गई और अपनी मांग देखने लगी मैं भी उसके पास चली गयी और उसके पीछे खड़ी होकर
"आज तो तुम सच मे अपने भाई की सुहागिन बन गयी हो देखो तो कैसे मांग भरी है अपनी बहन की राहुल ने
माधुरी मांग पर हाथ फिराने लगी और उंगली पर उस वीर्ये को लिया और देखने लगी अहह भय्या भी ना
मैं धीरे से माधुरी के कान ने " चाट जाओ माधुरी अपने भय्या का लन्ड का पानी, ये सिर्फ तुम्हारे लिए निकाला है राहुल ने"
माधुरी ने उंगली को नाक के पास लगाया और उस वीर्ये को सुंघा ओर फिर अपने मुँह में उंगली डालकर चुसने लगी। मेने माधुरी की चुचियाँ पकड़ ली और सहलाते हुए
"माधुरी चाट जाओ अपने भाई के पानी को, तुम्हारा भाई ही तुम्हारी प्यास बुझा सकता है माधुरी
माधुरी उंगली पर लगे वीर्ये को चाट गयी और मेरी तरफ घूम कर "भाभी भाई ने मुझे रंडी क्यों बोला"
मैं सकते में आ गयी कि माधुरी अब ये बात बोल रही है कहीं उसे बुरा तो नही लगा इसलिए बात संभालते हुए
"नही माधुरी तुम्हारे भाई ने मुझे बोला क्योंकि हम ज्यादा जोश में अनाप शनाप बकते रहते हैं, अब राहुल को क्या पता कि उसकी बहन उसका वीर्या मुँह में ले रही है। वो तो यही समझ रहा था कि मैं हूँ।
माधुरी:- भाभी तुम्हे बुरा नही लगता जब भय्या आपको रंडी बुला रहे थे।
मैं:- सच कहूं तो माधुरी पहले बुरा लगता था पर अब मजा आता है क्योंकि तुम्हारे भाई जब रंडी बनाते हैं तो ज्यादा तबियत से चुदाई करते हैं।
माधुरी:- ह्म्म्म
मैं माधुरी के साथ बेड पर बैठ गयी और वीर्या का ग्लास उठा कर "माधुरी तुमने पिया तो नही अपने भाई का माल"
माधुरी:- नही भाभी जैसा आपने बोला ऐसा ही किया।
Ohhhhh what a lovely conversation between suman bhabhi and Madhuri. Superb description of sexual activities.
मैं:- चल अब मुँह फाड़ ओर मुझे अपना भय्या समझकर माल पी मेरा
माधुरी:- मैं क्यों समझू जब भय्या है ही नही यहां पर
मैं:- कमीनी कमरे में तो खूब मुँह फाड़ फाड़ कर लोडा चूस रही थी और अब सती सावित्री बन रही हो,
माधुरी मुस्कुराने लगी तो मै उसके ऊपर जांघ पर बैठ गयी और उसके सीने से अपना सीना मिला कर उसके ऊपर लेट गयी
"अहह भाभी कितना वजन है आपमे"
मैं:- हाँ मेरा वजन तो लगेगा ही जब भय्या ने मोटा लन्ड रखा तुम्हारे मुँह पर तब नही लगा, तब गप्प गप्प चुसने में लगी थी।
माधुरी:- छीईईई भाभिईईई
"माधुरी यार तुम इस टीशर्ट को निकाल दो ताकि मैं तेरी चुचियों को पी सकू फिर माल भी पिलाऊंगी भय्या का गर्म गर्म
माधुरी:- भाभिईईई मुझे पूरा ही बिगाड़ दो कोई कसर रह ना जाये
माधुरी नटखटी गुस्से में बोली
मैं:- माधुरी तुम मेरी जान हो, मैं बस तुम्हे हर सुख से अवगत कराना चाहती हूं जिससे तुम बहुत दूर हो। मुझपर भरोसा रखो जान मैं कुछ गलत नही होने दूंगी बस मेरी बात मान लिया करो
मैं माधुरी के ऊपर से हल्का सा साइड हुई और उसे बैठने दिया जिससे वो टीशर्ट निकाल दे।
उसने टीशर्ट पकड़कर निकालना चाहा तो मैने उसे रोक दिया
"रुको माधुरी मैं अपने हाथों से नंगी करूंगी अपनी ननद को"
मेने उसकी टीशर्ट निकाल कर साइड रखी और उसकी ब्रा में कैद चुची की लकीर दिखने लगी तो मेने माधुरी की पीठ से ब्रा के हुक खोले ओर निकाल दिया।
माधुरी:- भाभी तुम भी निकालो ना मुझे तो नंगा कर दिया। हिसाब बराबर करो खुद भी कपड़े निकालकर
मैं:- अच्छा जी ! ये लो फिर ओर मेने भी ऊपर के कपड़े निकाल दिए। मेने सोनू को गोद मे उठाकर सोफे पर लिटा दिया कहीं हमारी रासलीला में उसकी नींद टूट जाए। सोनू को लिटा कर में बेड पर आई।
अब हम दोनों इस तरह बैठ गए
मेने माधुरी का मुँह पकड़ कर एक दूसरे को किस करने लगे
मैं माधुरी के खुशबूदार मुँह में जीभ घुसाकर उसका जाम पीने लगी मैं माधुरी के होंटो खींच खींच कर पीने लगी।
उसकी खुरदरी जीभ को पीने उसके सलाइवा को शर्बत समझकर अपना गला तर करने लगी। कुछ देर वाइल्ड किसिंग के बाद मेने उसके होंठो को छोड़ा और सांस संभालने लगे।
मेरी मोटी चुचियाँ उसकी एवरेज चुचियों से आपस मे अलग से चिपकने का खेल खेल रही थी।।
मैं माधुरी के चेहरे को देखने लगी जो लाल सुर्ख हो गया था
मेने वीर्ये का ग्लास उठाया और इसी तरह बैठे हुए माधुरी को ग्लास दिखाते हुए "मेरी जान रेडी हो ये मादक जाम पीने हो"
माधुरी ने शर्मीली हंसी के साथ "हम्म"
मैं:-आंखे बंद करो अपनी माधुरी ओर महसूस करो जब तुम अपने भय्या के पैरों में बैठी उसके मोटे लन्ड का पानी पीने के लिए भीख मांग रही थी। सोचो जान तुम्हारे बड़े भय्या अपनी शादीशुदा सरीफ संस्कारी बहन को कैसे अनजाने में रंडी बोल रहे थे मधुरिईईई
ओर मेने दो तीन बून्द वीर्या माधुरी के ऊपरी होंट पर डाल दिया जो धीरे धीरे रिसता हुआ उसके मुँह में गिरने लगा
"जान टेस्ट करके बताओ ना अपने भाई का गर्म वीर्या"
मेने एक हाथ से माधुरी की बाएं चुची को पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया और उसकी गर्दन चाटने लगी।
"अहह भाभी गर्म नमकीन का स्वाद है भाभिईईई..अहह..धीरे"
मैं उसके चेहरे पर निगाह डालती हुई "जान जीभ निकाल कर होंटो पर लगा वीर्या भी चाट लो ना, कितना मस्त लग रहा है माधुरी तुम्हारे भय्या का वीर्या तुम्हारे होंटो पर
अब चाटो इसे ओर निगल जाओ राहुल के माल को जाननन
माधुरी ने जीभ निकाली और ऊपरी होंठ पर फिरा कर वीर्या समेटा ओर जीभ पर रखा अपने सगे भाई का वीर्या चाट लिया।
मेने दोबारा से उसका मुँह ऊपर की तरफ किया कप का सारा वीर्या उसके मुँह में उड़ेल दिया
"माधुरी रुको पीना मत अभी जब तक मैं ना कहु, अंदर जमा करके रखो माल को
मेने कप बेड पर रखा ओर माधुरी को लेटा कर उसके ऊपर लेट गयी और दोनों हाथों से उसकी चुचियाँ दबाने लगी
"माधुरी जान भय्या का वीर्या पिला कर मैं गलती तो नही कर रही, कल को ये ना हो कि तुम मुझसे मेरा राहुल छीन लो और मेरी सौतन बन जाओ। बहन की गर्म टाइट चुत के आगे राहुल मुझे भाव ही ना दे। कहीं ऐसा तो देखना नही मिलेगा
"कि राहुल अपनी शादीशुदा बहन को गोद मे उठाये रंडियों की तरह चोद रहा हो और तुम कह रही हो "अहह बड़े भय्या पूरा घुस जाओ अपनी संस्कारी बहन की चुत में ओर भोसड़ा बना दो मेरी चुत का अहह राहुल भय्या माधुरी की चुत के मालिक... मेरे ....सैयां... और चोद जोर जोर से मेरे भय्या...
इतना कहकर मेने माधुरी की चुची को पूरा गप्प करके काट लिया जिससे माधुरी ने दर्द से चीखने के लिए मुँह में भरा माल पिया ओर हल्की तेज आवाज में चीख पड़ी। भभीईईईई...मेरी..चुची...मर...गयी।
मेने उसकी चुचियों को पकड़ पकड़कर पीने लगी मैं अब जोश में आ चुकी थी ओर माधुरी को भी गर्म करने का इरादा लेकर अब पेट को चूमने लगी और नीचे जाने लगी।
उसका मुलायम पेट चूमते चाटते हुए मेने बराबर उसकी चुचियाँ मसल रही थी ।
माधुरी अब सिसकने लगी और मेरे बालों को झझोड़ने लगी।
आह्दह..भाभिईईई..क्या..कर..रही..हो...अहहहह अम्मिईईई.....
उसकी नाभि पर पहुंची और माधुरी की आंखों में देखती हुई अपनी जीभ उसकी गोल गहरी नाभि में घुसा दी और इधर उधर घुमाने लगी।
भभीईईईई...गुदगुदी..हो..रही..आआहहहहहहहहह...हटो..ना.....यार..क्या..कर रही हो सिहहहहहहहहहहह
मेने थोड़ी देर उसकी नाभि में जीभ डालकर चाटा ओर उसके पेड़ू को दबाया जो बहुत नर्म था उसको हल्का सा दांतों में दबाया ओर छोड़ दिया।
मैं अब नीचे बढ़ी जहां उसकी लोअर दिखी मेने उसको पकड़ा और हल्का सा नीचे किया तो माधुरी ने मेरे हाथ पकड़ लिया
"भाभिईईई नही ऐसा मत करो"
उसकी बात सुनकर मेने अभी के लिए इरादा बदला और पेट से चूमती हुई ऊपर बढ़ने लगी और एक चुची को पीने लगी जबकि चुची को सहलाने लगी।
माधुरी मुझे लाल सुर्ख मुँह से देखती हुई हल्की हल्की मोअनिंग कर रही थी।
"माधुरी जवाब नही दिया तुमने मेरी बात का जान
माधुरी:- ओह्ह...सिहहहहहहहहहहह किस...बात......का........भाभिईईई....
मैं:- जो अभी बताई मेने तुमने
माधुरी:- मुझे सुना ही नही भभीईईईई अहह..धीरे...धीरे...दबाओ
मैं:- फिर दोबारा बता रही हूँ ध्यान से सुन लेना।
माधुरी:- चुप भाभिईईई मेने सुन लिया सब कुछ। तुम भी यही चाहती हो ना कि मैं भय्या के नीचे आ जाऊं भाभिईईई।
मैं:- बिल्कुल सही समझा माधुरी, मैं तुम्हे असली सुख का मजा देना चाहती हूं जो सिर्फ भय्या भाभी ही दे सकते हैं।
तुम सोच भी नही सकती सगे भाई से चुदकर तुम्हे कितना मजा आएगा जान, अहह सोच कर फुरफुरी आ रही है।
माधुरी:- अच्छा भभीईईईई तुम्हे बड़ा पता है सीहहहह...हहहह
भाभिईईई इतनी गर्म बातें
मैं:- जान मेरा मन है कि तुम भी औलाद पैदा करो, आकाश से तो होने से रहा अपने भय्या को ट्राय करो, देखना कैसे बहन की बच्चेदानी भर देगा मधुरिईईई चोद चोद कर
माधुरी:- अहह भाभिईईई तुम ओर तुम्हारे ये हसीन ख्वाब
मैं:- बिल्कुल जान पूरा करोगी ना जान अपनी भाभी के ख्वाब को
माधुरी:- क्या ख्वाब है भाभिईईई तुम्हारा।
मैं:- तुम्हारे भय्या के बीज से तुम्हे गर्भवती देखना मधुरिईईई।
ओर में माधुरी ने सुनकर मेरे होंटो पर कब्जा जमा लिया और बेहताशा चूमने चुसने लगी। में भी समझ गयी कि माधुरी बिल्कुल तैयार है अपने बड़े का भाई का बिस्तर गर्म करने के लिए।
अहह राहुल तो पागल ही हो जाएगा अपनी शादीशुदा बहन की जवानी चख कर।
थोड़ी देर चूमने के बाद माधुरी ने मुझे छोड़ा और शर्माती हुई साइड में देखने लगी
"ओह्ह देखो तो भय्या के नाम से केसी गर्म हो गयी जो खुद ही मुझे चूमने लगी और अब शर्मा रही हो।
मैं माधुरी के साइड में लेट गयी और करवट लेकर उसकी तरफ देखती हुई
"माधुरी सच बताना तुम भय्या के नाम से गर्म हुई थी ना
माधुरी:- छोड़ो भाभी मुझे शर्म आ रही है
"बताओ ने जान अब खुल के बात करो, मुझे अपनी राजदार सहेली समझो।
माधुरी:- हम्म भाभी एक अलग सी ठीस उठी जब आपने कहा कि में भय्या से गर्भवती हो जाऊं।
मैं:-माधुरी जब तुम सोच कर ही इतनी गर्म हो गयी उस वक़्त कितना मजा आएगा जब तुम्हारा बड़ा भाई अपने बड़े लन्ड से तुम्हे गोद मे उठाये हचक हचक कर चोदेगा। तुम चुदती हुई कहोगी ओहहहहहहहहहहह.......भय्यायययययय.....घुस...जाओ..
अपनी लाडली बहन की चुत में...ओहहह..भय्या...मार..अपने लन्ड से अपनी बहन..को
...उठा..उठा...कर चोद
माधुरी..की..चुत..के..मालिक अहहहह इतना कहते हुए मेने माधुरी के चुत को मुठ्ठी में भर लिया।
"अहहहह..........भाभिईईई........में..री......चुतततत्त्त
"माधुरी चुदवाओगी ना भय्या से अपनी ये गर्म चुत हचक हचक कर मेरी जान ....मैं अब उसकी चुत को कपड़े के ऊपर से ही सहलाती हुई बोली
माधुरी:- हम्म....आह्दह...भाभिईईई
मैं:- क्या कहा दुबारा कहो ना जान...
"हां भाभिईईई"
मैं:- पूरा बोलो ना जान "भय्या से चुदवा कर बच्चा पैदा करना है
माधुरी:- हां करना है बच्चा भाभिईईई मजा आ रहा है करती रहो
भाभी सहलाओ
मैं:- माधुरी तुम्हारी लोअर से हाथ अच्छे से नही घूम रहा क्या में तुम्हारी लोअर निकाल दु
माधुरी:- निकाल दो भाभिईईई पर देखना मत वहाँ, मुझे बहुत शर्म आएगी।
मैं:- ओह्ह मेडम ने मेरी चुत का पानी भी पिया ओर अपनी बारी पर देखने भी ना दो।
मैं उठकर बैठ गयी और माधुरी की लोअर को पकड़ा "माधुरी अपनी कमर उठाओ जरा"
माधुरी ने कमर उठाई और उसकी लोअर को निकाल दिया।
लाल रंग की कच्ची में माधुरी अब मेरे सामने नंगी लेटी थी।
क्या मस्त चिकनी चिकनी जांघ अहह एक दम मख्खन जैसी ओर कच्ची में छिपी हुई उसकी अनमोल चीज जिसको नंगा करना बाकी था। कच्ची पर बड़ा दाग गीला था जो सबूत था कि माधुरी मेरी बातों से पानी बहा रही थी।
मेने माधुरी की टांगों को फैलाया ओर उसके सीने की तरफ मोड़ दिया। टांगो के बीच से माधुरी मेरी तरफ ही देख रही थी।
मेने माधुरी की आंखों में देखते हुए "जान ये भी निकाल दु"
माधुरी:- ओह्ह नो भाभिईईई, मर जाऊंगी शर्म से। तुमने क्या देखना है वहाँ।
मैं:- अपनी जान की चुत देखनी है माधुरी, तुमने मेरी तो देख ली अब मुझे भी तो दिखाओ केसी है माधुरी।
माधुरी:- भाभिईईई शर्म आ रही है आपके सामने।
मैं:- प्लीज माधुरी मेरा दिल मत तोड़ो यार
माधुरी थोड़ा उलझन में " ठीक है भाभी तुम कोनसा मानोगी।
मैं:- देख लू तुम्हारे भय्या की अमानत को माधुरी।
"तुम्हारी बातें तौबह कहाँ कहाँ से निकलती है अब देख लो कह तो दिया।
"माधुरी थोड़ा जोश में बोलो ना कि देख को मेरे भय्या की अमानत को।
माधुरी:- देख लो भाभी भय्या की अमानत को,
मैंने उसकी कच्छी को धीरे धीरे निकाल दिया और कच्छी पानी से चिपकती हुई मुश्किल से निकली।
जिसपर पानी लगा हुआ था।
माधुरी ने आंखे बंद कर ली और मैं उसकी चुत की तरफ निगाहें गाड़ दी जहां फूली फूली चुत जिसकी फांके मोटी मोटी आपस मे चिपकी हुई ओर ढेर सारा पानी।
मेने माधुरी की टांगो को अच्छी तरह पकड़ कर मोड़े रखा माधुरी ने आंखे बंद की हुई थी इस ख्याल से की मैं बस देखूंगी ओर सहलाऊंगी पर मैं ओर मेरा गन्दा दिमाग।
मेने अपना मुँह उसकी चुत की फांको के करीब किया और एक जोरदार सांस अंदर खींची अहहहह....क्या.....गजब......की भीनी भीनी खुशबू मेरे अंदर समा गई। माधुरी की फड़फड़ाती चुत की गर्म खुसबू से मेरी आत्मा तृप्त हो गयी। उसकी चुत के पानी से पूरी चुत भरी हुई थी।
मेने अपनी जीभ को निकाल कर सख्त किया और चुत के निचले सिरे से ऊपर भग्नासे तक के सारे पानी को एक बार मे ही समेटने का इरादा किया। ये काम पल भर में अंजाम देना था कहीं माधुरी हिल जाए।
अच्छी तरह टांगे जकड़ कर मेने अपनी जीभ उसकी चुत के निचले हिस्से पर लगा दी और प्रेसरर डालकर जीभ को फांको में घुसा दिया और ऊपर की तरफ बढ़ गयी।
मैं सारे पानी को समेटती हुई ऊपर जाने लगी ओर भग्नासे तक पहुंच माधुरी की गर्म चुत के पानी को जीभ पर इकट्ठा कर लिया
माधुरी इस चुसाई से कांप गयी और मेरे बालों को पकड़ कर
"आह्दह.....भाभिईईई.....ये क्याययययययायय...बेड से अपना सर एक फुट तक उछाल कर दोबारा गिर गयी।
मेने उसकी टांगो को पकड़े रखा और माधुरी ने मेरे बाल पकड़े हुए थे। वो अभी भी यकीन नही कर पा रही थी के मैं उसकी चुत/चुत का पानी ऐसे चाट जाऊंगी। मुँह में जमा माधुरी की गर्म चुत के नमकीन पानी को में चाट गयी आह्दहहहहह खट्टा सा स्वाद मेरे जेहन में घूम गया। माधुरी की तरफ मुस्कुरा देखा तो वो मुझे मुँह बना कर देख रही थी।
"मस्त नमकीन चुत है माधुरी अहह टेस्टी मजा आ गया"
छीईईई गन्दी कहीं की कहाँ मुँह लगा दिया तुमने, अब हो गया तुम्हारा अब तो सहला दो यार इसको।
मैं:- किसको मेरी बच्ची ?
माधुरी:- जिसको चाट रही हो भाभिईईई
मैं:- सहला कर उतना मजा नही आएगा तू सब्र रख देख कितना मजा देती हूं तुम्हे बस टांगे ऐसे ही रखना फैला कर।
वैसे माधुरी कितनी मस्त चुत है यार इसकी फांके देखो पाव रोटी की तरह
अहहहह तुम्हारे भय्या तो पागल ही हो जाएंगे देखकर
मेने उसकी चुत पर दोबारा जीभ रखकर उसको चाटना शुरू कर दिया और जुबान को चुत के चारो तरफ घुमाती हुई चुत का पानी समेटने लगी।
अहह......भाभिईईई.....आह्दह........ऐसे......हिईईई.......भाभिईईई
मैं उसकी फांको को मुँह में भरकर खींच खींच कर चुसने लगी।
माधुरी मेरे सर पकड़ कर अपनी चुत पर दबाने लगी उसके अति उत्तेजना का अहसास हो रहा था जिससे उसकी सिसकियों तेज हो चली।
में पूरी ईमानदारी से अपनी ननद की कामुक चुत को चूस रही थी।
वास्तव में माधुरी में वो कशिश वो रस था जो किसी को भी पागल बना सकता था। बेशक वो सती सावित्री ओर भोली भाली शादीशुदा लड़की थी पर उसका शरीर मादकता के सारे गुण लिए हुए था
उसके जिस्म तप रहा था और चुत आग के शोले फेंक रही थी।
भाभिईईई......ऐसे....ही....सिहहहहहहहहहहह...चाटो.......अहहहहहहहहहहहह....भाभिईईई
मैं माधुरी की टांगों को छोड़ कर उसकी फांको को फैला कर नुकीली जीभ से चोदने लगी।
मेरी जीभ माधुरी की नमकीन चुत में घुसकर माधुरी की उत्तेजना बढ़ा रही थी। मेने अपने बचे हुए कपड़े निकाले ओर मदरजात नंगी होकर चुत पर मुँह मारती रही।
कुछ देर चुसने के बाद माधुरी का जिस्म कांपने लगा तो मेने उसकी चुत से मुँह हटा लिया और माधुरी में मेरे बाल पकड़ कर अपनी चुत मेरे मुँह से लगा दी।
माधुरी झड़ना चाहती पर मेरे दिमाग मे कुछ और था और मैं अपने बाल छुड़ाकर उठ गई
"भभीईईईई.....क्या....हुआ....चाटो.....ना प्लीज...मेरा कुछ निकलने वाला है भभीईईईई प्लीज......
में माधुरी के बगल में लेट गयी और उसकी चुचियों को सहलानी लगी, माधुरी ने भी मेरी एक चुची को पकड़ लिया ओर जोर से मसलने लगी।
मैं:- मेरी जान मजा आया अपनी गर्म चुत चटवा कर भाभिईईई से
माधुरी:- अहह भाभिईईई बहुत मजा आ रहा था प्लीज करो ना, मेरे अंदर से कुछ निकलने वाला था भाभिईईई
माधुरी का चेहरा अधूरा छोड़ देने की वजह से लाल सुर्ख हो गया था
"इतनी भी क्या जल्दी है मेरी रानी" जरा अपनी मदमस्त चुची तो पिला दे जालिम।
"अहह...पीलो.........भाभिईईई.....पर.....मेरी चुत तो ठंडी करदो बहुत मचल रही है भाभिईईई
"चल अपनी टांगों मोड़ मैं अभी सहला देती हूं।
माधुरी अपनी चुची पर थूक डालो निप्पल के ऊपर।
मेने माधुरी की बाएं चुची को पकड़ कर उसके मुँह के पास कर दिया और माधुरी ने उसपर थूक इकट्ठा करके डाल दिया जो निप्पल पर गिरा।
"ये हुए ना बात मेरिईईई रंडी ननद, मैं तुम्हे रंडी कह सकती हूं ना जान, जब भाई की रंडी हो तो मेरी भी होगी।
मैं उसकी चुत के भग्नासे को मरोड़ कर बोली
"आह्दह भाभिईईई जो बोलो बोल लो पर मेरी तड़प कम कर दो, अहह इतना मजा आ रहा है भाभिईईई बस पूछो मत
"राहुल भय्या की रंडी बनोगी ना माधुरी, उसके मोटे लन्ड से चुदोगी ना रांड, तुझे भय्या की रंडी बनना है ना माधुरी।
"हां.......आँ........भाभिईईई.........बनूंगी.......मैं.......भय्या......की......रंडी.......
मेने माधुरी की थूक से सनी चुची को गप्प से मुँह में भर लिया और उंगली पहली बार उसकी चुत में दाखिल कर दी।
"ओह्ह भभीईईईई..........हां......ऐसे......ही.......ऐसे......ही.....प्यार.....करो......मुझे
"अहह....कितना.....मजा आएगा राहुल को अपनी बहन को रंडी बनाकर चोदने में, माधुरी खूब गालियां देंगे तुझे राहुल.....तुझे रखैल बनाएगा तुम्हारी शादीशुदा चुत में वीर्या डालेगा
माधुरी:- हां भाभिईईई बहुत मजा आएगा आह्दह चोदो मेरी चुत को भाभिईईई
"माधुरिईईई रंडी खा जाएगी मेरे पति को, छीन लेगी मुझसे मेरा पति हरामजादी रंडी। भय्या से चुदवाने का शोक है हां, रंडी तुझे पता है वो तुम जैसी संस्कारी रंडियों को जलील करके चोदता है।
मार मार कर चोदेगा माधुरी तुझे, लौड़े से मारेगा फिर भी चुदोगी भय्या से हां, बता कितना रुपया लेगी भय्या का बिस्तर गर्म करने का रंडी। मुझे राहुल के लिए एक रंडी की चुत दिलानी है बोल ना रंडी छिनाल कितना लेती है बिस्तर गर्म करने का
माधुरी:- भाभिईईई.......इतना......मजा.......कभी......महसूस.......नही किया अहह भभीईईईई उंगली तेज चलाओ मेरी चुत में भाभिईईई
मैं:- बता ना संस्कारी रंडी कितना लेगी भय्या का बिस्तर गर्म करने का, छिनाल एक रात का कितना लेगी बोल ना अपना रेट
माधुरी:- अहह भाभिईईई जो देना है दे देना पर मुझे ठंडा कर दो
मैं:- छिनाल तुझे तो फ्री में चुदना होगा, तुझे सुबह का नास्ता दूंगी रात भर चुदने के बाद।
माधुरी मेरी जान मजा आ रहा है ना गन्दी बातें सुनकर
"हां......भाभिईईई......बहुत.......मजा....आ....रहा......तुम....बहुत ........अच्छी.....हो.......भाभिईईई.......ऐसे......ही......
मजा.......देना......मुझे।
मैं:- रंडी छिनाल अपने भय्या की रखैल बन जाना, कुतिया की तरह नाजायज बच्चे करना। रंडी तुझे तो रात दिन चुदवाऊंगी मेरी माधुरी रंडी