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कमरे में पहुंचकर देखा तो राहुल सो गया था क्योंकि टाइम भी 1 बज गया था वहां राहुल बेड पर सोया था
यहां मैं उसकी शादीशुदा छोटी बहन के मुँह का गर्म मीठा थूक हाथ मे लिए खड़ी थी। मेने बेड के पास से राहुल को आवाज दी तो राहुल तस से मस नही हुआ दो तीन बार आवाज दी पर राहुल गहरी नींद की वजह से कोई जवान नही दिया
में शैतानी सोच के साथ धीरे से बोलती हुई "राहुल मेरे बालम तुम सोए हुए हो देखो में तुम्हारी बहन माधुरी का मादक मीठा थूक लाई हूँ ताकि तेरे हलब्बी लन्ड को गीला कर सकू, मुझे उम्मीद है तुम्हारी बहन का थूक तुम्हारे लौड़े को पसंद आएगा और ज्यादा पानी निकालेगा"
मेने राहुल को पास जाकर जगाया लेकिन वो गहरी नींद में था मेने उसको सोने दिया और उसके पेंट की चेन खोली ओर सोया हुआ लन्ड भी बड़ा कातिल लग रहा था उसको बाहर निकालकर हाथ से पकड़ा और लौड़े से बतियाते हुए "राहुल के लौड़े महाराज आज तुम्हारी दीदी का गर्म थूक लगा रही हूं उम्मीद है तुम ज्यादा पानी निकालोगे ये सोचकर कि वो तुम्हारी छोटी मादक गर्म बहन है समझे" और मैने माधुरी का पूरा थूक मुँह में लिया और हथेली साफ कर दी और मुँह में थूक इकट्ठा करके लन्ड पर थूक गिरा दिया और राहुल का आलू जैसा टोपा पूरा गिला हो गया
टोपे से रिसता हुआ थूक नीचे आने लगा जिसे मेने हाथ से पूरे लन्ड पर चिपड दिया जिससे राहुल ने अंगड़ाई ली और आंखे खोल कर मुझे हेरत से देखते हुए "सुमन तुम इस वक़्त"
हां राहुल मन कर रहा था तुम्हारे लन्ड के पानी को पीने के लिए इसलिए आ गयी तुम जगे नही तो में खुद ही करने लगी
राहुल:- माधुरी कहाँ है ?
मैं:- वो ऊपर सोई हुई है तभी आई हूं तुम्हारे पास " में अपने मन से सोचती हुई-उसने ही इजाजत देकर भेजा है कि लो मेरा थूक ले जाओ और मेरे बड़े भय्या के बड़े लन्ड पर लगाकर पानी निकालना"
राहुल:- सुमन तुम पागल हो ये कोई वक़्त है , माधुरी कभी भी जग सकती है फिर कभी कर लेना जाओ ऊपर
मैं:- राहुल बस पानी ही पिला दो जल्दी हो जाएगा देखना, फिर में आराम से नींद ले पाऊंगी जान
राहुल झुंझलाते हुए यार ठीक है तुम ही कर लो मुझसे नही उठा जाएगा
"कोई नही तुम लेटो में खुद कर लुंगी ओर में राहुल के लन्ड को मसल मसल कर खड़ा करने लगी थोड़ी देर की मेहनत के बाद खड़ा हो गया जिससे मेने मुँह में भर लिया।
राहुल का लोडा पूरा मुँह में नही आता था तो मैने आधे लन्ड को ही मुँह में आगे पीछे करने लगी
मन मे ख्याल आ रहा था कि काश माधुरी मेरी जगह होती तो ये लोडा महाराज अभी जहर उगल देता पर इसको पुराना टेस्ट कहाँ अच्छा लगेगा। चलो करते हैं कोशिश ओर मेने 5-6 मिनट मुँह से चुसाई करके राहुल को गर्म कर दिया और राहुल ने मेरा सर पकड़ कर लन्ड पर दबा दिया जिससे में समझ गयी कि उसका होने वाला है
(मन मे शैतानी ख्याल लाते हुए " हां राहुल डाल दो अपनी शादीशुदा बहन के मुँह में पूरा पानी, प्लीज राहुल निकालो तुम्हारी बहन प्यासी है इस गर्म मठ्ठे के लिए, ओह्ह मेरे बड़े लन्ड के भाई पिला दो इसको भाईईई तुम्हारी बहन माधुरी मुँह खोले भीख मांगती है पिला दो अपना अमृत अपनी गर्म जवान बहन को राहुल, क्यों मेरी किस्मत में ऐसा लोडा नही है भाईई ऐसे लौड़े से उछल उछल कर चुदने का मन करता है, मन करता है चुत में घुसा कर पूरी जिंगदी गुजार दु, मौत भी आये तो भाई तब भी ये लौड़ा तुम्हारी लाडली बहन माधुरी की चुत में हो राहुल भय्यायययययय..."
तभी राहुल के लौड़े ने बारिश शुरू कर दी और मोटी मोटी तेज़ धार के साथ उसका पानी मुँह में इकट्ठा करने लगी। पूरा पानी मुँह में इकट्ठा करके लास्ट ड्राप भी निकाल ली और खड़ी होकर राहुल को इशारों से अलविदा कहा और उसकी चैन ऊपर करके बाहर आ गयी दरवाजा ढाल कर।
बाहर आकर में किचन की तरफ बढ़ गयी जहां मेने चाय का एक कप उठाया और उस कप में राहुल का वीर्या डाल दिया।
राहुल के माल से आधा कप भर गया जो दिखने में भी गाढ़ा था।
मेने उसको नाक के पास लगाया और सूंघ लिया अहह गर्म सी महक मेरे नथुनों में घुल गयी।
में उस वीर्ये भरे कप को लेकर ऊपर चल दी और दरवाजे पर पहुंच कर कप को बाहर ही एक कुर्सी पर रख दिया और दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुला नही,
में सोचने लगी कि ये बन्द क्यों कर दिया माधुरी ने, मेने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से आवाज आई "रुको भाभी"
माधुरी ने दरवाजा खोला और मुस्कुराती शर्माती मेरी तरफ देखती हुई वापस बेड की तरफ चल दी
"माधुरी ये दरवाजा की कुंदी क्यों लगाई तुनमे"
भाभी मेने समझा तुम अब वापस नही आओगी इसलिए बन्द कर दिया
मैं:- लाडो में लन्ड का पानी पीने गईई थी चुदवाने नही, चुदवाने जाती तो एक दो घण्टे लग जाते तुम्हारा भय्या का जल्दी निकलता भी कहाँ है बस रुक रुक कर चोदते है
माधुरी:- अहह भाभी फिर से शुरू हो गयी, अब तो तसल्ली मिल गयी अब क्यों ऐसी बात कर रही हो
मैं:- मेरी तो तसल्ली हो गयी पर तुम्हारा क्या तुम तो बेचैन हो ना,
भाभी में क्यों बेचैन होती
मैं:- तभी तो कुंदी लगा दी ताकि अपने भाई के मोटे लौड़े को आराम से देख सको महसूस कर सको हीहीहीही
"भाभी तुम आज मानोगी नही था अपनी हरकतों से
मैं:- में पक्के यकीन के साथ कह सकती हूं तुमने अपने भाई के लौड़े को देखकर तरह तरह की बातें सोची होगी है ना?
"नही भाभी ऐसा कुछ नही है में क्यों ऐसी बाते सोचने लगी"
माधुरी की हालत बता रही थी के वो इस समय कितनी गर्म थी उसकी सांसे भी ढंग से नही आ रही थी माथे पर पसीना ओर चेहरे के हाव भाव बेतरतीब बनाए हुए थे
मैं:- माधुरी तुम्हे मेरी कसम है बताओ तुमने क्या क्या सोचा ओर क्या किया है
भाभी मेने कुछ नही किया में तो लेटी हुई थी बस
मैं:- झूट मत बोलो माधुरी कब तक अपने आप को झुठलाती रहोगी मुझे पता है तुमने अपने भाई के बारे में सोचा है
में माधुरी के पास जाकर खड़ी हो गयी जो अभी बेड के बराबर खड़ी थी।
भाभी क्या सोचती यही सोचा कि आप भाई का पानी पी रही होगी और क्या सोचती
में:- तो तुम भी पीलो ना मना किसने किया है हीहीहीही
माधुरी शर्मा गईई और बेड पर लेट गयी
मेने उसके शरमाने को हां समझा और बाहर आकर वीर्ये का ग्लास ले आई।
माधुरी ने मेरे हाथ मे गिलास देखा तो पूछा "इसमें क्या है भाभी"
कुछ नही इसमें जूस है बहुत ताकतवर, मैं जाकर माधुरी के पैरों में जाकर बैठ गयी
माधुरी उठकर बैठ गयी और गिलास में देखती हुई अहह बाजी ये क्या इसमे क्यों डाला है
माधुरी में तुम्हारे लिए लाई थी तुम्हारा गला भी सूखा होगा ना
छीईईई भाभी ये पिलाओगी मुझे
में:-पीना हो तो बताओ वरना मेंने पी जाना है फिर मत कहना भाभी अकेले अकेले पी गईईईईई
"ये काम आप ही करो मुझे माफ़ करें"
ज्यादा दबाव ना डालते हुए मेने कप को मुँह से लगाया और पूरा पानी पी गयी इस दौरान माधुरी अजीब सा मुँह बनाती हुई मुझे देखती रही।
कप खाली करके मेने चटकारे लेते हुए पानी मुँह में ले लिया और बेड पर लेट गयी अपने बेटे की साइड।
मैं:- माधुरी अब सू जाते हैं बहुत रात हो गयी है
माधुरी को सब समझने सोचने का वक़्त देने के लिए मेने ऐसा कहा।
माधुरी:- ठीक है भाभी सो जाते हैं
लाइट ऑफ कर के 2-4 बात की ओर हम सो गए ।
सुबह टाइम पर मेरी आँखें खुली ओर में अंगड़ाई लेती हुई उठकर बैठ गयी
माधुरी अभी भी सोई हुई थी उसका हसीन चेहरा पर बेशुमार नूर आया हुआ था। सोती ही वो बेहत शांत और जहाँ भर की टेंशन से मुक्त नींद ले रही थी। मैं झुककर उसके मुँह के पास आई और गौर से उसके चेहरे को देखने लगी उसकी गाल उसके होंठ उसकी नाक से आती बेहद कामुक सांसे,
में नाक के पास अपनी नाक लेकर गयी और उसकी गर्म सांसे को सूंघने लगी पता नही एक अजीब सी मादकता थी उसकी नाक में। मन तो कर रहा था कि उसकी नाक को चाट लू अंदर जीभ डालकर पर कहीं माधुरी नींद खराब हो जाये इसलिए रहने दिया और माथे पर किस करती हुई
बेड से उतर गई। सोनू भी सोया हुआ था तो उसको सोता छोड़ के ऊपर बाथरूम में जाकर फ्रेश हुई और नीचे आकर किचन में साफ सफाई और नास्ते की तैयारी करने लगी।
कोई आधे घण्टे के बाद माधुरी सोनू को गोद मे लिए हुए नीचे किचन में आई "भाभी सोनू के लिए कुछ खाने को दे दो इसे भूख लगी होगी।
मैं:- ठीक है इसको बाहर पलंग पर लेटा दो मैं अभी दूध बनाती हूँ इसके लिए। मेने सोनू के लिए दूध बनाया और माधुरी के साथ छत ओर सूखने के लिए लटकाए हुए कपड़े लेने छत पर चली गई
अभी हम दोनों कपड़े उतार रहे थे कि बापू(ससुर)आ गए जो कसरत करने के लिए आते थे।
बापू छत पर आकर दंड पेलने लगे, बापू ने ढीला सा लोअर पहन रखा था। में बापू को दंड पेलते हुए देखने लगी। माधुरी अभी भी कपड़े उतार रही थी।
मेरे दिमाग मे खुराफाती सोच आने लगी तो मैं माधुरी के पास गई और बोली "माधुरी देखो तो तुम्हारे पापा अभी भी कितने फिट हैं किस तरह दंड पेल रहे हैं
माधुरी:- क्या हुआ भाभी पापा फिट रहने के लिए करते हैं ताकि शरीर फिट रहे।
मैं:- माधुरी बापू अभी भी कितने गबरू जवान लगते हैं देखो तो किस तरह दंड पेल रहे हैं जैसे कि चुत मार रहे हो हीहीहीही
माधुरी शर्माती हुई भाभी आप हमेशा ऐसी ही बकवास करती हो
मैं:- अहह देख ना माधुरी मेरा मन कर रहा है बापू के नीचे लेट जाऊं टांगे खोलकर,40-50 दंड तो मेरे ऊपर भी पेल देंगे बापू
माधुरी गुस्से में " भाभी हो क्या गया है आपको अब बापू पर भी नियत बिगड़ गयी आपकी"
मैं:- माधुरी मम्मी के जाने के बाद बापू अकेले पड़ गए हैं, बेचारे कैसे अपनी तड़प मिटाते होंगे,
माधुरी:- तुम्हे बड़ा पता है भाभी पापा की तड़प का,
"क्यों तुम्हारे पापा के पास औजार नही है जो खड़ा नही होता होगा
माधुरी:- नही मेरे पापा ऐसे नही होंगे, वो बहुत सिंपल आदमी है
में माधुरी की उठी हुई गांण्ड पर हाथ रखकर "अपनी गांण्ड का छेद दिखा दो अभी चढ़ जाएंगे बापू लन्ड लेकर तुम्हारी गांण्ड पर, फिर यही सिंपल पापा कैसे तुम्हारी सवारी करेंगे सोच भी नही सकते" इतना कहकर मेने माधुरी की गांण्ड के छेद पर उंगली घुमा दी
माधुरी:- भाभिईईई बन्द करो ये बकवास ओर मेरा हाथ पकड़ कर हटा दिया
में माधुरी को गांण्ड पर फिराई हुई उंगली दिखाती हुई उसे नाक के पास लेकर गयी और सुंघा जिसे माधुरी हेरत से देख रही थी
फिर मेने उस उंगली को मुँह में भर लिया और चाटने लगी
माधुरी गुस्से में मुझसे दूर जाकर कपड़े उतारने लगी ओर सब कपड़े उतार कर हम नीचे आ गए।
हमने नास्ता बनाया जिसमे अंडे की ऑमलेट ओर कुछ परांठे अचार भी था।
में अपने कमरे में गईई ओर राहुल बेड ओर बेठकर फ़ोन चला रहा था
राहुल:- नास्ता तैयार हो गया क्या, मुझे खेतो पर जाना है आज गेंहू में पानी चलना है।
मैं:- हां नास्ता तैयार है तुम नहा धोकर नास्ता कर लो।
राहुल नहाने के लिए बाहर वाले बाथरूम चला गया और में किचन के काम करने लगी।
तभी बापू भी आ गए और नास्ता का पूछा तो मैने बोल दिया कि तैयार है।
नास्ता करके दोनों बाप बेटे अपने अपने काम चले गए और मेंने माधुरी के साथ मिलकर नास्ता किया और बर्तन साफ किये।
साफ सफाई करके हम आराम करने कमरे में चले गए।
सोनू को मैने एक खिलौना पकड़ा दिया और उसे पलंग पर बैठा दिया।
मैं माधुरी बेड पर बैठकर बातें करने लगे।
माधुरी:- भय्या खेत पर क्या करने गए हैं भाभी
मैं:- आज फसल को पानी लगना है वही देने गए हैं, तुम्हे क्यों इतनी फिक्र हो रही है
माधुरी:- बस वैसे ही पूछ रही थी भाभी, तुम भी हर बात में मजाक ढूंढ लेती हो।
"मुझे लगा कभी भय्या को मिस कर रही हो"
माधुरी तुम सूट सलवार में तो एक दम अफ्सरा लगती हो तुम्हारी छाती देखो केसी कसी हुई है सूट में
माधुरी:- तुम भी कम नही हो भाभी देखो तो आपके कबूतर कैसे घुटे हुए हैं हीहीहीही
"अच्छा ऐसा है तो तुम भी बड़े करवा लो किसी से"
माधुरी:- मेरे जैसे भी हैं ठीक है भाभी, मुझे नही करने ज्यादा बड़े। भाभी में जब से आई आप मुझसे औंधी सीधी बात कर रही हो क्या वजह से इसकी
मैं:- माधुरी तुम मेरी छोटी बहन जैसी हो, अब में तुमसे मजाक कर लूं तो बुरा क्या है बताओ
माधुरी:- भाभी मुझे शर्म आती है आपसे इस तरह की बातें सुनते
ओह्ह मतलब तुम मुझे अपना दोस्त नही मानती इसका मतलब
भाभी ऐसी बात नही है पर अजीब सा लगता है आपके सामने
देखो माधुरी जिंदगी बहुत छोटी है इसके मजे लो समझी, चाहे वो मजा कहीं से मिले
माधुरी:- हम्म
मैं:- चल अब नहा लो फिर खाना बना कर खेतो पर चलना है, तुम्हारे भय्या को रोटी देने।
माधुरी:- ठीक है भाभी
ओर हां रगड़ रगड़ कर नहाना जो तुम्हारे भय्या देखे तो खुश हो जाये कि उसकी शादीशुदा बहन कितनी कातिल है हीहीहीही
"भाभी तुम भी ना"
चल में नहा लेती हूं भाभी।
मैं:- जाने से पहले एक किस तो दे दे यार बड़ा मन कर रहा तेरे होंठो को पीने का
माधुरी:- अहह भाभी ऐसा क्या है मेरे होंठो में जो आप बार बार इनपर ही आ जाती हो
मैं:- मुझे बहुत खूबसूरत लगते हैं यार रात का स्वाद नही जा रहा जुबान से, प्लीज माधुरी। में शरारत भरी आवाज से बोली
अहह ठीक है पर हल्का सा करना आप बहुत बदमाश हो छोड़ती ही नही हो।
मैं:- प्रॉमिस हल्का सा ही करूंगी खड़ी हो जाओ और मेरे पास आओ। हम बेड के पास खड़े हो गए।
मेने माधुरी को अपनी बाहों में खींच लिया और दोनों हाथ उसकी पीठ पर कस लिए
मेरी मोटी छाती माधुरी के बूब्स से चिपक गए।
मुझे माधुरी के जिस्म से अजीब सा नशा आने लग गया था बस मन करता कि माधुरी को चूमती रहूं। सायद इसको लेस्बियन भी बोल सकती हूं। बस माधुरी के हर अंग का जाम पीने का मन करता है।
मैं:- चलो होंठो आगे करो अपने
माधुरी ने शर्माते हुए अपना मुँह मेरे मुँह के पास ले और मैने उसके ऊपर के होंठ को मुँह में भर लिया और चूसने लगी।
कभी ऊपर का होंठ चूसती तो कभी नीचे का।
अब माधुरी भी काफ़िर हद तक खुल गयी थी तो वो भी जवाब देने लगी।
मेने उसके सीने को दबाना शुरू कर दिया धीरे धीरे से।
पुच्च्च्च्च पुच्च्च्च्च की आवाज हम दोनों से आने लगी।
मैं:- माधुरी अपनी जीभ निकालना बाहर
माधुरी लाल आंखों से देखती हुई अपनी जीभ बाहर निकाली जिसे मेने होंठों से पकड़ लिया और चुसने लगी।
माधुरी के लाल सुर्ख जीभ सलाइवा के साथ उसको पीने लगी।
सच पूछो तो माधुरी का हर एक अंग में एक नशा था। अलग ही सुरूर चढ़ जाते है उसको चुम कर
माधुरी मजा आ रहा है ना
हां भाभी अच्छा लग रहा है
किस छोड़कर में माधुरी के गालों को चाटने लगी जीभ से पूरे गाल पर थूक लगा दिया और फिर चाट लेती। फिर उसके काम की लौ को चूमने लगी।
माधुरी भी अब गर्म होने लगी उसने में एक चुचे को हाथ से पकड़ लिया ओर भींचने लगी, जवाब में मैने भी उसके एक बूब्स को मसलना शुरू कर दिया।
में कान में फुसफुसाते हुए माधुरी रात तुम्हारा थूक जब मैने तुम्हारे भय्या के लन्ड पर लगाया तो एक अजीब सा मजा आया
माधुरी गर्म होती हुई कैसे भभीईईईई
"ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी जगह तुम हो और तुमने अपने भय्या के लन्ड पर थूक गिरा रही हो और तुम ही उसको मुँह में भरके चूस रही हो"
माधुरी ने इतना सुनकर पहली बार विरोध के तौर पर कुछ नही कहा और मेरी चूची को तेज दबाव से मसल दिया।
में उसकी गर्दन गाल होंठ सब जगह जीभ फिराती हुई उसे गर्म कर रही थी।
"पता है माधुरी"
क्याआआआआ भभीईईईई
"ऐसा लग रहा था जैसे तुम मेरी जगह हो अपने भय्या का लोडा मुँह से चूस रही हो, तुम राहुल की आंखों में देख रही हो प्यासी निगाहों से जैसे कह रही हो भय्या पिला दो अपना मट्ठा अपनी बहन को
माधुरी सिसकी लेती हुई फिरररर भाभिईईई
"फिर क्या माधुरी ऐसा लग रहा था कि तुम्हारे भय्या फूल जोश में है उसने तुम्हारा मुँह पकड़ रखा है दोनों हाथों से ओर तुम्हारे मुँह में लन्ड गले मे फंसाया हुआ है तुम सब दर्द बर्दास्त कर रही हो, तुम्हारी आँखों मे आंसू बह रहे हैं अपने भय्या के लिए,
फिर राहुल ने तुम्हारा मुँह लन्ड से हटा कर दूर किया और तुम्हारी आँखों मे झांक रहे हैं जैसे कह रहे हो "माधुरी बहन मुँह खोलो" तुमने मुँह खोला हुआ है, जीभ निकाली हुई है जैसे कुतिया निकालती है।
तुम्हारे भय्या ने तुम्हारे मुँह में बहुत सारा थूक डाला और तुम जोश में उसे चाट गयी ओर गप्प से दोबारा लन्ड मुँह में भर लिया
फिर तुम्हारे भय्या का माल निकला जिसे तुम पी रही थी पूरा मुँह माल से भरा था माधुरी तुम अपने भाई का लन्ड मुँह से लगाये सारा माल पी गयी
इतना सुनकर माधुरी ने जोश में आकर मेरी गर्दन पर काट लिया अहह माधुरीईईईई
मैं माधुरी से दूर हुई और गर्दन को सहलाने लगी
अहह ये क्या किया माधुरी तुमने काटा क्यों
माधुरी:- बेहाल साँसों के साथ भाभी मुझे पता ही नही चला सॉरी
मैं:- किस बात से तुम इतना वाइल्ड हो गयी बताओ मुझे, जो मुझे काट लिया माधुरी, क्या तुम्हें इस बात से जोश आया कि तुम अपने भय्या का लन्ड मुँह से चूस रही थी
माधुरी:- अहह भाभी सॉरी गलती से हो गया
मैं:- बताओ यही बात है ना जो में कह रही हूं। तुम राहुल के बारे में सोचकर इतना जोश चढ़ा था
माधुरी:- ह.ह.हा.हॉं भभीईईईई
मैं:- माधुरी से दोबारा चिपक गयी और उसके होटों पर टूट पड़ी और बीच मे बोलती हुई
माधुरी सच मे बहुत मजे का पानी है तुम्हारे भाई का, बहुत टेस्टी है माधुरीईईईई पीना है क्या तुम्हेंहहहहहहहह
माधुरी:- ये कैसे सम्भव होगा भभीईईईई वो मेरे बड़े भय्या है
मैं:- माधुरी ये सम्भव है मेरी जान बस तुम हां तो बोलो फिर देखना मैं कितना आसान बना दूंगी इसे
माधुरी:- भाभी ये कैसे संभव है भय्या मुझे देखेंगे नही जब ये काम होगा
मैं:- तुम हां तो बोलो फिर में बताऊंगी कैसे होगा बोलो
मैं उसे बाहों में भरके उसकी आँखों मे देखती हुई बोली
माधुरी कुछ देर खामोश रही फिर झुकी आंखों से हां भाभी
ऐसे नही माधुरी "पूरा बोलो की मुझे बड़े भय्या है बड़ा लन्ड का पानी पीना है"
माधुरी थोड़ा चिढ़कर "बोल तो दिया भाभी हां"
मेरी लाडो जब बोल ही दिया तो इतना बोलने में क्या जा रहा है
माधुरी फिर मेरे गले लग गयी और कंधे पर सर रख कर बोली
"हां मुझे भय्या के बड़े लन्ड का पानी पीना है"
मैं:- माधुरी के कान की लो को चूसते हुए "अहह माधुरी पिलाऊंगी तुझे तुम्हारे भय्या के लौड़े का पानी, खून मुँह भर भरकर पीना मेरी ननद, निचोड़ निचोड़ कर पिलाऊंगी जान"
ओर हम दोनों बुरी तरह से एक दूसरे को चुसने लगे
करीब 5 मिनट चूसने के बाद हम अलग हुए और सांस सम्भाल कर
माधुरी:- भाभी आप मेरे चरित्र पर तरह तरह की बाते तो नही सोच रही, मैं बर्दास्त नही कर पाऊंगी भाभी कोई मेरे बारे में गलत सोच रखे।
मैं:- माधुरी ऐसा कभी नही होगा, तुम मेरी छोटी बहन हो जो भी होगा उसमे हम दोनों ही राजदार होंगे
तुम मुझपर पूरा भरोसा कर सकती हो।
माधुरी निश्चित होकर "ठीक है भाभी"
मैं:- तो अब ज़ोर ज़ोर से बोलो हां मैं अपने भाई का लन्ड पियउँगी, उसका पानी चाट जाऊंगी
माधुरी:- अहह भाभी मुझे शर्म आ रही है।
मैं:- अब क्या शर्माना यार अब शर्म को बिल्कुल खत्म करो और बिंदास रहो, ओर मेरे साथ जिंदगी के मजे लो समझी
माधुरी:- ठीक है भाभी अब नही शरमाउंगी
तो बोलो जोर जोर से की तुम क्या करोगी भय्या के साथ
माधुरी जोश में आती हुई "अपने भय्या का लंड चुसुंगी उसका पानी निकाल कर पियउँगी भाभी"
हम दोनों गले लग गए और एक दूसरे की पी सहलाने लगे।
अलग होकर मेने माधुरी से कहा कि ये काम कैसे होगा वो में रात में बताऊंगी फिलहाल तुम जाकर नहा लो फिर रोटी बना कर खेतो पर चलना है
माधुरी "ठीक है भाभी" कहकर नहाने चली गयी और मैं बेड पर बैठकर सोचने लगी कि
कितना मादक कामुक नजारा होगा जब एक बड़ा भाई अपनी प्यासी शादीशुदा बहन को अपना ढेर सारा पानी उसके मुँह में डाल देगा
अहहहह सोचकर ही फुरफुरी आ गयी। उठकर में किचन की तैयारी करने लगी।
Very nice updateमेने माधुरी को लन्ड पर थूक डालने को कहा तो माधुरी ने लन्ड के टोपे पर अपना गर्म गर्म मीठा थूक डाल दिया
मेने राहुल के हाथ पाओं खोल दिये और उसे आजाद कर दिया
मेने माधुरी को लन्ड से दूर करके अपने पैरों का वजन डालकर राहुल के लन्ड के ऊपर हो गयी और माधुरी से कहा कि, डाल दे अपने भाई के बड़े लन्ड जो मेरी चुत में अहहहह
माधुरी ने शर्माते हुए अपने भाई का सख्त लन्ड पकड़ा और मेरी चुत के छेद पर सेट किया और में धीरे धीरे बैठती हुई दर्द भरी सिसकियों के साथ पूरा लोडा अपनी चुत में उतार लिया और माधुरी की तरफ देखा
जो इतने बड़े लन्ड को मेरी चुत में जड़ तक घुसता देख अपने मुँह पर हाथ रखे बड़ी बड़ी आंखों से मेरी चुत की तरफ देख रही थी।
अहहहह राहुल मर गईईईईई बहुत मोटा लन्ड है तुम्हाराहहहहहहहह अंदर तक फाड़ दी मेरिईईई चुत
राहुल:- तुम जैसी रंडियों के लिए तो ऐसे ही लन्ड मजा दे सकते हैं मेरिई सुमन रांड, अहह क्या चुत है तुम्हारी जान
साइड में बैठी हुई माधुरी हमारे कामुक मिलन का नजारा ले रही थी उसे यकीन नही हो रहा था कि उसका सरीफ दिखने वाला भाई चोदते हुए इस तरह की बातें करता है और लन्ड की मार से बेहाल कर देता है
मैं माधुरी के तरफ देखती हुई ऊपर नीचे झटके देने लगी जिससे चुत टोपे तक आती और फिर राहुल की झांटो को चूम लेती।
इसी तरह चुदाई चलती रही और में थक कर लन्ड से उतर गई और साइड में बैठकर लन्ड को देखा तो उसपर मेरी चुत का पानी लगा हुआ था
मेने माधुरी को इशारा किया और उसके कान में बेहद धीरे से फुसफुसाई "माधुरी चाट ले अपनी भाभी के पानी को अपने भाई के लन्ड से"
माधुरी ने बुरा सा मुँह बनाया पर मैने उसको फ़ोर्स करते हुए मना लिया और उसके मुँह को खुलवा कर लोडा उसके मुँह में दे दिया
माधुरी टोपे पर ही जीभ गुमाने लगी तो मैने उसके सर पर हाथ रखकर धीरे धीरे प्रेसर देने लगी लगी और आधा लन्ड माधुरी के मुँह में समा गया। माधुरी आगे पीछे मुँह करती हूं लोडा चुसने लगी उसने आंखे बंद कर रखी थी सायद उसको मेरे सामने मेरा ही चुत का पानी लन्ड से चाटना शर्म का अहसास करा रहा था।
थोड़ी देर चाटने के बाद मेने उसको साइड में बैठने को कहा और खुद भी राहुल का लौड़ा चुसने लगी।
मैं माधुरी की तरफ देखकर लन्ड चुसने लगी ताकि माधुरी कुछ सीख पाए।
मेने माधुरी को सोफे पर बैठने को कहा ओर माधुरी धीरे से सोफे पर बैठ गयी और में खुद बेड पर लेट गयी जिससे मेरी गांण्ड माधुरी की तरफ हो गयी।
और राहुल को ऊपर आने को बोला।
राहुल मेरे ऊपर आ गया और मेरी टांगे फोल्ड कर के मेरे सीने से मिला दी।
राहुल ने अपना बड़ा लन्ड मेरी चुत पर सेट किया और एक ही झटके में अपना समूचा लन्ड मेरी चुत में उतार दिया।
अहहहह मरररर गईईईईई ओह्ह राहुललल्ल फाड़ दी मेरिई चुतत
राहुल:- अहह कितना गर्म चुत है सुमन तेरी तो मजा ही आ गया
मैं:- अहहहह राहुल तेरा भी लन्ड बहुत गर्म है मेरी बच्चेदानी में घुस रहा है, चोद मुझको राहुल चोद अहह राहुल।
मेने थोड़ा मुँह उठाकर देखा तो माधुरी हमारी कमर की तरफ देख रही थी जहां उसे मेरी चुत में घुसा हुआ अपने भाई का लोडा दिख रहा होगा और टांगे मोड़ने की वजह से उसे मेरी गांण्ड का छेद भी भी दिख रहा होगा जो झटकों से खुलता ओर बन्द हो रहा था
तेज़ तेज़ चोदते हुए राहुल मेरे होटों पर टूट पड़ा और मुझे किस करते हुए चोदने लगा
लंबे लंबे झटके मारते हुए राहुल मेरी चुत की ठुकाई करने लगे जिससे मेरी सुडौल मोटी चुचियाँ हिलती हुई शमाँ बांध रही थी
राहुल:- अहहहह मेरी जान कितनी भभकती हुई चुत है देखो कैसे मेरे लन्ड को गर्म कर दिया है अहह सुमन मजा आ रहा है ना
मैं:- हाँ मेरे सरताज ऐसे ही चोदो मुझे बहुत मजा आ रहा है राहुल, मेरी बच्चेदानी पर वार कर रहा है तुम्हारा लोडा
अहह मररररर गईईईईई राहुल और तेज चोदो मुझे
राहुल:- ले मेरिईईई रांड ओर ले, घुसा ले इसे अपनी प्यासी चुत में सुमन रंडी
"अहहहह राहुल थोड़ा धीरे अहह मरररर गईईईईई ओह राहुल फाड़ दी मेरिई चुत
राहुल तेज़ तेज़ चोदते हुए मेरी चुत मारने लगा और मैं ज्यादा दर्द का नाटक करते हुए सर उठा कर माधुरी की तरफ देखा और बोली
"अहह राहुल धीरे कहीं माधुरी ना सुन ले, अहह माधुरी बचाओ अपने भाई के लन्ड से मुझे माधुरी।
माधुरी मेरी तरफ चुप रहने का इशारा करने लगी
राहुल:- अहह आज तुझे कोई नही बचायेगा मेरी जाननन, आज तुझे लन्ड से चोद चोद कर बेहाल कर दूंगा।
"अहह राहुल मैं भी चुदना चाहती हूं पर तुम्हारा लन्ड जब बच्चेदानी पर ठोकर मारता है तो दर्द होता है अहह
राहुल:- अहह आज तेरी बच्चेदानी भर दूंगा सुमन रांड,
मैं:- अहह राहुल मैं तो निहाल हो गयी तुम्हारे लन्ड पर, अहह क्या ठुकाई करता है अंदर तक
सबको ऐसा ही लन्ड मिले जो अंदर तक चोदे अहह मैं थक गई हूं राहुल थोड़ा रुको
राहुल मेरे ऊपर से उतरा और मैं लम्बी लम्बी सांसे लेती हुई उठकर बैठ गयी और माधुरी की तरफ देखा जो एक हाथ को लोअर के अंदर डालकर चुत सहला रही थी।
उसका चेहरा लाल सुर्ख ओर होंठ सूखे हुए थे, आंखे बंद करके माधुरी धीरे धीरे अपनी चुत सहला रही थी। हो भी क्यों ना जब चुदाई ही इस कामुक तरीके से देख रही थी।
मेने राहुल को लेटने को कहा और राहुल को बेड के आखरी छोर पर लिटा दिया
मैं उसका लन्ड हाथ से पकड़ लिया और हिलाने लगी
मे माधुरी की तरफ देखती हुई लन्ड चुसने लगी जिसपर मेरी ही गर्म चुत का पानी लगा था उसको चाटती हुई मैं
सामने आंखे बंद करके चुत सहलाती हुई अपनी ननद को देखने लगी
तभी माधुरी ने आंखे खोली ओर मुझे देखता पाकर शर्मा गईई तो मैने उसे अपने पास आने का इशारे किया
माधुरी चलती हुई मेरे पास आई और खड़ी हो गयी।
मेने उसको बेड के साइड आने को कहा और वो राहुल के बगल में खड़ी हो गयी।
मैं:- राहुल मुँह खोलो अपना एक चटपटी चीज चखाती हूँ तुम्हे
राहुल:- क्या चीज है वो
मैं:- तुम मुँह तो खोलो जान फिर पता लग जायेगा तुम्हे
राहुल ने मुँह खोल दिया तो मैने माधुरी के हाथ को पकड़ा और गीली उंगली को राहुल के मुँह में दे दिया।
माधुरी हाथ खींचने की कोशिश करने लगी और मैने जोर से पकड़ा हुआ था।
राहुल उंगली पर लगे अपनी बहन के नमकीन चूतरस को चाटने लगे और पूरी उंगली साफ कर दी।
राहुल:- अहह क्या स्वाद है सुमन पहले कभी नही चखा
मैं:- बहुत कीमती पानी है बताओ कैसा लगा चुत का पानी
राहुल:- बहुत टेस्टी है जान ओर चखाओ ना मेरे मुँह पर चुत रख दो मैं खुद चख लूंगा प्यास भी बुझ जाएगी मेरिईईई
मैं:- अभी इतना ही है फिर कभी चख लेना, फिक्र मत करो चुत में मुँह लगा कर चाट लेना ठीक है जान, चलो तुम्हारी प्यास कम करती हूं
मैं माधुरी के कान में "देख लो माधुरी तुम्हारे भय्या तो तुम्हारी चुत के आशिक हो गए देखो कैसे चाटने को बोल रहे हैं"
माधुरी ने शर्म से मुँह गड़ा दिया तो मैने दोबारा उसके कान में " थूक इकट्ठा करो अपने मुँह में तुम्हारा भाई प्यासा है माधुरी"
माधुरी मना करने लगी तो मैने उसको हिम्मत दिलाई ओर माधुरी मुँह में थूक इकट्ठा करने लगी
मैं:- राहुल मेरी मुँह खोलो तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ थोड़ा बहुत। उम्मीद है तुम्हे पसन्द आएगा
राहुल ने मुँह खोला तो मैने माधुरी को उसके मुँह के ऊपर झुका दिया। और राहुल के हाथ पकड़ लिए कहीं वो जोश में माधुरी को ना पकड़ ले।
माधुरी ने मेरी तरफ देखा तो मैने उसे थूक डालने को कहा माधुरी ने अपना मीठा थूक एक कतारबद्ध पीक के रूप में अपने भाई के मुँह में डाल दिया 2-3 बार थूक डालकर वो सीधी खड़ी हो गयी।
राहुल में थूक को टेस्ट किया और फिर अपनी छोटी लाडली बहन का थूक अपने पेट मे ले लिया।
राहुल:- अहह क्या टेस्ट है मेरी रंडी का अहह कितना मादक है, सच मे तुम जानलेवा रंडी हो जो हर हुनर रखती हो। वैसे क्या था ये मेरी रांड
मैं:- ये थूक था राहुल, कैसा लगा तुम्हे पसन्द आया या नही
राहुल:- मेरिई रांड की कोई चीज पसन्द ना आये ऐसा हो सकता है भला।
माधुरी अपने भाई के मुँह से रांड सुनकर हैरतजदा हो गयी और मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी
मैं:- राहुल अब तुम्हे प्यास लगी तो बुझा दी, अब रंडी तो मत बोलो यार।
राहुल:- क्या करूँ जान में जोश में कुछ कह दु तो बुरा मत माना करो। चलो अब चोदने दो मुझे बड़ी हवस चढ़ गयी है मुझे।
राहुल ने मुझे घोड़ी बनने को कहा तो मैं घोड़ी बन गयी
मेने अपनी गांण्ड को हवा में उठा लिया और मुँह बेड पर रख दिया।
राहुल मेरे पीछे आए और लन्ड को चुत पर सेट करने लगे और चुत की फांको को हाथ से टटोल कर लन्ड रखा और एक जबरदस्त झटका लगाते हुए पुरा लन्ड मेरी चुत में उतार दिया। अहहह राहुल मार दिया आईईईईई इतना बेदर्दी मत बनो
10 मिनट तक राहुल ने मुझे बुरी तरह से रगड़ा ओर वो सिसकते हुए मुझे चोद रहे थे। मेरा 3 बार पानी निकल चुका था
माधुरी अपने भाई की चुदाई को अपनी आंखों में कैद कर रही थी।
मैं:- राहुल जब झड़ने लगो तो बता देना, मुझे तुम्हारा पानी पीना है जान।
राहुल ने थोड़ी देर तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए आखरी स्टेज पर आ गए तो मैं जल्दी से खड़ी होकर राहुल को बेड से नीचे खड़े होने को बोला।
राहुल बेड से नीचे खड़े हो गए और अपना लन्ड हिला रहे थे मेने माधुरी को पकड़ कर उसके भाई के पैरों में बैठाया ओर राहुल का लन्ड खुद आगे पीछे करने लगी।
माधुरी के चेहरे और असमंज की स्थिति थी वो अपने बड़े भाई के पैरों में भिखारी की तरह बैठी लन्ड के पानी वैट कर रही थी।
राहुल:- अहह मेरा आने वाला है जान, ओर तेज़ हिलाओ
मैंने लन्ड को आगे पीछे करती हुई माधुरी का सर पकड़ा ओर उसके भाई का लन्ड उसके मुँह में डाल दिया।
तभी राहुल ने माधुरी का सर पकड़ा और उसके मुँह को लन्ड से चोदने लगा,
मैं पास में बैठी इस कामुक स्थिति का मजा ले रही थी
ओर सोचने लगी कि
"जो बहन अपने बड़े भाई के सामने खुलकर बोल भी नही सकती वो बहन अपने सगे भाई का बड़ा सा लन्ड जिसपर उसकी भाभी की गर्म चुत का पानी लगा हो उसे अपने भाई के पैरों में बैठकर कनीज की तरह मुँह में भरकर चूस रही थी, दूसरी ओर उसका बड़ा भाई सिसकते हुए अपनी बहन के प्यारे से मुँह को पकड़ ऐसे झटके मार रहा था जैसे मुँह नही वो अपनी बहन की गहरी चुत में गढ्ढा कर रहा हो। वो बहन भी सारी शर्म हया, रिश्ते नाते भुला कर सारा दर्द बर्दाश्त करके इस उम्मीद में लौड़ा समाए बैठी थी कि उसका भाई उसे लन्ड का पानी पिलायेगा ओर उसकी अनचाही प्यास को बुझा देगा।
राहुल अब बहुत करीब आ चुका था उसका आग उगलता लन्ड कभी भी फटने वाला था
राहुल:- अहह मेरी रंडी बहुत गर्म मुँह है तुम्हारा, तुम्हारी चुत की तरह मेरी रांड, तभी तुम्हारा थूक इतना गर्म था अहह मेरी पालतू रंडी आने वाला है मेरा पानी अहहहहहहहहहह मेरिईईई छिनाललललल्ल मुँहहहहह में भर ले मेरे वीर्ये को ओर राहुल ने जहर उगला दिया
जो माधुरी के मुँह में गिरता रहा ओर में राहुल की बॉल्स को पकड़ कर सारा पानी निकालने लगी जो उसकी बहन के मुँह में जमा होता रहा।
माधुरी की आंखे बाहर को निकली हुई थी और आंखों में नमी लिए वो माल जमा कर रही थी
तभी एक आखरी कतरा जो लन्ड के छेद में बचा था वो बाहर निकल आया तो मैने लन्ड की माधुरी की मांग के सिंदूर के उपर किया और लन्ड दबाते हुए वो गाढ़ी वीर्ये की बूंद सिंदूर के ऊपर डाल दी। बड़ा उत्तेजक माहौल था कि एक सरीफ बहन अपने भाई के वीर्ये से मांग भरवा कर बैठी थी।
लन्ड खाली करके मेने आकाश को बेड पर बैठा दिया तो
वो वहीं बेड पर लेट गया।
मैं माधुरी के कान में " ऐसा करो बाहर जाओ और इस पानी को किचन से एक ग्लास लेकर उसमे डाल देना में अभी आ रही हूं। इस कीमती पानी को पीना मत जब तक मे ना कहु।
माधुरी को मैने बाहर भेजा और राहुल की आंखों से दुपट्टा हटाया ओर राहुल से पूछा
"हाँ जी बताओ कैसा लगा ये एक्सपीरिएंस आपको"
राहुल:- बड़ा कामुक था जान वो उंगली पर लगा पानी चखना, वो थूक पीना बड़ा उत्तेजित था शुक्रिया इस सबके लिए मेरी जाननन
मैं राहुल को वहीं छोड़ ऊपर छत वाले कमरे में पहुंच गई।
दरवाजा को साइड किया तो माधुरी बेड के किनारे पैर लटकाए बैठी थी।
मैं उसके पास गई और उसके हाथ से वीर्या भरा ग्लास जो आधा भर गया था उसको माधुरी से लिया और टेबल पर रख दिया।
मैं:- हाँ तो माधुरी कैसा लगा ये मधुर संगम हमारा ओर कुछ कुछ तुम्हारा भी।
माधुरी कुछ सोच में डूबी हुई थी मेने दोबारा बात दोहराई तो उसने मेरी तरफ देखा "भाभी सच मे आप बहुत बेशर्म हो मुझे क्या क्या करवाया आपने"
मैं:-तुम्हे मजा नही आया क्या, तूने देखा ना कैसे तुम्हारा भाई उत्तेजित हो गया था तुम्हारे थूक ओर चुतरस से"
माधुरी:- भाभी फिर भी अच्छा नही है ना कि मुझे ऐसा करना पड़ा। भाई तो जोश में थे उसे क्या पता वो मैं हूँ।
मैं:- माधुरी सच मे तुम बहुत लाजवाब हो, ओर फिर तुम्हारे भय्या को इसमें मजा आया तो कोई बुराई नही है, क्या तुम नही चाहती कि तुम्हारे भय्या खुश रहें।
माधुरी:- चाहती हूं भाभी पर मुझे अजीब सा लगा कि मैं भय्या के मुँह में थूक डाला।
मैं:- माधुरी ऐसा मत सोचो बस ये समझ लो तुमने अपने भय्या को खुशी दी है। ये बहुत बड़ी बात है तुम्हारे लिए की तुम्हारे भय्या की ये सब अच्छा लगा।
माधुरी:- हम्म,
मैं:-तो बताओ ना मेरी ननद को कैसा लगा अपनी भाभी भय्या की चुदाई?
माधुरी:- अहह भाभी ठीक ही थी।
मैं:- ऐसे कभी आकाश ने चोदा है तुम्हे इतनी देर तक या इतना जोश में।
माधुरी:- नही भाभी वो तो बस 5-10 मिनट में ही करते हैं भला मेरी फिक्र क्या रहेगी
मैं:- अहह तो मेरी ननद को उसके भाई जैसा लन्ड चाहिए है ना माधुरी, जो तुझे ठंडा कर दे।
माधुरी शर्मा गईई अपने भय्या के नाम से।
मैं:- माधुरी तुम्हारी मांग के सिंदूर पर पानी डाल रखा है तुम्हारे भय्या ने समझी कुछ
माधुरी:- गलती से लग गया होगा, भय्या का कहाँ होश था कि कौन है।
(माधुरी को ये नही पता था कि उसकी वीर्ये से मांग मेने ही जानबूझ कर भरी है)
मैं:- जो भी हो पर लग तो ऐसा रहा है जैसे तुम अपने भाई की सुहागिन बन गयी हो माधुरी, देखो कैसे मांग भर दी है तुम्हारी राहुल ने।
मैं माधुरी को उकसाते हुए बोली।
माधुरी उठकर सिंगारदानी (ड्रेसिंग टेबल) के पास गई और अपनी मांग देखने लगी मैं भी उसके पास चली गयी और उसके पीछे खड़ी होकर
"आज तो तुम सच मे अपने भाई की सुहागिन बन गयी हो देखो तो कैसे मांग भरी है अपनी बहन की राहुल ने
माधुरी मांग पर हाथ फिराने लगी और उंगली पर उस वीर्ये को लिया और देखने लगी अहह भय्या भी ना
मैं धीरे से माधुरी के कान ने " चाट जाओ माधुरी अपने भय्या का लन्ड का पानी, ये सिर्फ तुम्हारे लिए निकाला है राहुल ने"
माधुरी ने उंगली को नाक के पास लगाया और उस वीर्ये को सुंघा ओर फिर अपने मुँह में उंगली डालकर चुसने लगी। मेने माधुरी की चुचियाँ पकड़ ली और सहलाते हुए
"माधुरी चाट जाओ अपने भाई के पानी को, तुम्हारा भाई ही तुम्हारी प्यास बुझा सकता है माधुरी
माधुरी उंगली पर लगे वीर्ये को चाट गयी और मेरी तरफ घूम कर "भाभी भाई ने मुझे रंडी क्यों बोला"
मैं सकते में आ गयी कि माधुरी अब ये बात बोल रही है कहीं उसे बुरा तो नही लगा इसलिए बात संभालते हुए
"नही माधुरी तुम्हारे भाई ने मुझे बोला क्योंकि हम ज्यादा जोश में अनाप शनाप बकते रहते हैं, अब राहुल को क्या पता कि उसकी बहन उसका वीर्या मुँह में ले रही है। वो तो यही समझ रहा था कि मैं हूँ।
माधुरी:- भाभी तुम्हे बुरा नही लगता जब भय्या आपको रंडी बुला रहे थे।
मैं:- सच कहूं तो माधुरी पहले बुरा लगता था पर अब मजा आता है क्योंकि तुम्हारे भाई जब रंडी बनाते हैं तो ज्यादा तबियत से चुदाई करते हैं।
माधुरी:- ह्म्म्म
मैं माधुरी के साथ बेड पर बैठ गयी और वीर्या का ग्लास उठा कर "माधुरी तुमने पिया तो नही अपने भाई का माल"
माधुरी:- नही भाभी जैसा आपने बोला ऐसा ही किया।