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“भाभी तू बेकार डरती है, किसी को कुछ मालुम नहीं पड़नेवाला है, ना तुम बोलोगी, ना मैं, ना ही सेठजी।”



परम ने चूत को सहलाया और कहा, “सोच ले सेठजी से क्या माँगना है, मैं उन्हें बुला कर लाता हूँ, तू नंगी ही बैठी रहना।” वैसे लीला अपने ससुरजी से चुदवाने को तैयार थी पर जताना नहीं चाहती थी।

अब आआगे....................


बहुने चूत को अपनी जांघों पर दबाया और हाथों से चेहरे को ढक लिया। परम ने कपड़े पहने और धीरे से दरवाज़ा खोला और बाहर चला गया। वह वहां अपने पिता से मिला और बोला कि वह सेठजी से मिलना चाहता है। परम सेठजी के पास गया। उसके पास एक ग्राहक थे। सेठ ने उसे और मुनीम को बाहर भेज दिया कहा, परम से कुछ जरुरी बात करनी है।


'सेठजी, सुंदरी को तो आपने चोद ही लिया, आज आपकी दूसरी माल लेकर आया हु।' परम ने बिना कोई वक़्त बरबाद किये बताया।

“कौन,छोटी बहू?” सेठजी चिल्लाये।

परम ने हकार में अपना सिर हिलाया और बोला: “मैंने उसे पटा लिया है, वो आपके लंड का इंतजार कर रही है, मैंने उसे आपसे चुदवाने के लिए तैयार किया है…लेकिन कुतिया जो मांगेगी देना होगा।”

“मैं अपना सब कुछ उसको दे दूंगा।”

सेठ उठा और परम के साथ अंदर आ गया। वह अपनी छोटी बहु को पूरी तरह नग्न अवस्था में देखकर आश्चर्यजनक रूप से प्रसन्न हुआ।

बहू बिस्तर पर नंगी बैठी थी और उसके हाथ फेस को ढक रहे थे।

“परम दरवाजा बंद कर दे।” कहकर सेठजी अपनी बहू के बगल में बैठ गए। ससुर ने बिना कोई झिझक के नंगी बैठी बहू को अपनी गोद में उठाकर बैठा लिया और चेहरे से बहू का हाथ हटा कर बहू को किस किया। बहू और ससुर की आंखों से आंखे मिली।

"यार बहू, मैं बहुत भाग्यशाली हूं। मुझे सिर्फ दो औरत पसंद आई, एक तुम और सुंदरी।" सेठजी ने बहू के गालों को सहलाते हुए कहा।

बहु क्या करती! दो ही तो हाथ थे, बोबले छुपाती की अपनी चूत को ढकती! बहु अपने दोनों झांगो को कास के क्रोस कर के बैठी थी और हाथों को चुची के ऊपर क्रॉस कर कर के रखा था। सेठजी को जल्दी नहीं था। सेठजी को मालूम था कि नंगी बैठी लड़की अब बिना चुदवायेगी जायेगी नहीं। सेठजी ने कहा,

"बहु,सुंदरी को तो कई बार चोद चुका हूं और आज मैं मेरी प्यारी बहू को चोदूंगा। मैं बहोत भाग्यशाली हूँ, बहु।" सेठजी ने बहू के गालों को चूमा और उसकी झांगो को सहलाने लगे।
नीता और मैत्री की प्रस्तुति।

“परम, देख क्या चिकनी जांघें हैं, ऐसा लगता है कि पुरे शरीर पर मक्खन (बटर) का पोलिश किया हुआ है।” सेठजी ने जांघों को सहलाते हुए अपना हाथ जांघों के बीच घुसाया।

“बाबूजी, छोड़िए ना!” बहू फुसफुसा कर बोली “मैं आपकी बेटी जैसी हूं। आपके छोटे बेटे की पत्नी…मुझे जाने दीजिए। यह सब अच्छा नहीं है।”

"नहीं रानी, अब मत तड़पाओ!" सेठजी ने जांघों के बीच हाथ घुसा कर बहु की चूत को दबाया।

“बोलो रानी क्या चाहिए, जो बोलोगी…”

सेठजी ने क्लिट को मसला तो बहू ने जांघों को खोल दिया और चूची पर हाथ हटा दिया। सेठजी क्लिट को मसलते हुए कहा, "सुंदरी को 50000/- देकर पहली बार चोदा था। अब तू जो बोल दूंगा। जल्दी से भाव बोल, तेरा पूरा माल खरीदूंगा आज।"

सेठजी बहू की चूची (निपल) को मसलने लगे। और बहु छटपटाती रही।

बहुने ससुर के हाथ को अपनी चूत पर दबाते हुए कहा, "कोलकाता बाली कोठी मेरे नाम कर जिजीए और मुझे दो लाख चाहिए।" बहु ने चूत को उजागर करते हुए कहा।

"ठीक है बहू, कोठी तुम्हारी हुइ और तुम्हारी चूत मेरी हुई। जब भी चोदना चाहूंगा चुदवाओगी, सौदा मंजूर!"

“लेकिन मुफ्त में नहीं…जब तक आप हैं, मुझे चोदिये या नहीं, हर महीने मुझे एक लाख नगद चाहिए।” बहू ने मचाते हुए कहा।

“दिया बेटी, मंजूर है। सेठजी ने सौदा पर मंजूरी की महोर ठोकते हुए कहा।

“बाबूजी एक बात और!”

“हाँ बोलो बहु, तुम्हारी चूत और पीछे के माल के लिए सब सौदा मंजूर है मुझे, परम साक्षी है बस!”

बाबूजी मुझे खूब चुदना है, आप के सिवा मैं दुसरे मर्दों का लंड भी लुंगी, आप को मेरे साथ ही रहना पड़ेगा, खास कर मुझे परम का लंड पसंद है और मैं उसके साथ नंगी ही रहना पसंद करुँगी, लेकिन कुछ समस्या आगे आये या तुम्हारा बेटा कुछ विरोध करे तो आपको मेरा पक्ष लेना होगा और मुझे खुली आज़ादी से अपने पैर फैलाने की मंजूरी सब के सामने देना होगा।”
नीता और मैत्री की रचना।

“ओह्ह उसमे कौनसी बड़ी बात है बहु! जब चाहो तुम किसी से भी अपने पैर फैलाओ, अपनी चूत चुदवाओ मैं कभी विरोध नहीं करूँगा। पर मेरा लंड भी तुम्हे शांत रखना ही पड़ेगा। रही बात बेटे की तो मैं उसे शांत कर दूंगा, मुझे पता है वह सुंदरी को चोदना चाहता है और मैं सुंदरी के बदले में तुम्हे और तुम्हारी आज़ादी दोनों का सौदा कर लूँगा। आखिर मैं भी तो व्यापारी हूँ।“

“जी पिताजी, मैं आपके ऊपर भरोसा कर के अपनी चूत आपको गिफ्ट करती हु। और मुझे अपनी आजादी और चूत का भोसड़ा बनाने की आज़ादी। हम दोनों का काम हो जाएगा। वडा करती हूँ की आप के लंड को कभी ज्यादा समय मेरी चूत का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा। जब चाहो मेरी चूत में अपने लंड को सैर करने भेज दिया करो, और हाँ साथ में परम का लंड तो कभी भी और कही भी...आप समज गए न।”

“बहु विश्वास पर दुनिया चलती है, तुम किसी भी प्रकार की चिंता ना कर तुम्हे घर की रानी बना के रखूँगा, तुम्हारी सांस भी तुम्हे कुछ नहीं कहेगी,उसके सामने तुम परम का लंड अपनी चूत और गांड को दे सकती हो। जितना मन आये मरवाओ।“ सेठजी ने सौदा पक्का किया।

और बहु के कान में आके बहोत धीरे से बोला: ”अपना मुनीमजी का लंड भी बहोत अच्छा है, उस लंड से भी चुदवाना बेटा, मुनीम से भी मेरा एक सौदा है सुंदरी के बदले में वह और उसका बेटा मेरे घर की सब औरतो को चोदने के लिए फ्री है, ठीक है न, लेकिन एक बात याद रहे ना बाप को पता है ना बेटे को, और नाही सुंदरी को। इसलिए यह ध्यान रहे की कही भी तुम्हे यह नहीं कहना है की तुम मुनीम से चुदी हो या चुदवाती हो, जब मन करे यहाँ आके मुनीम का लंड लेके जा सकती हो। और एक बात बेटी, यह मुनीम का लंड काफी तगड़ा है उस से कम ही चुदवाना वरना कोई भी लंड तुम्हे शांत नहीं कर पायेगा। बहोत राक्षसी लंड है उसका।“

बहु ने भी ससुरजी के कान में कहा; “पिताजी हमें लंड से मतलब है कौन चोदेगा और किस को पता है उस में हमें क्या। चूत शांत रहेगी तो सब शांत रहेगा।“ शायद एक प्रकार की धमकी ही थी।

“अब जल्दी चोदो, घर भी जाना है, माँजी इंतज़ार कर रही होगी।” इतना कह कर बहू दोनों पैरो को फैला कर बिस्तर पर लेट गई और चूत के होठों को खोल कर ससुर से कहा "आइये मेरा माल आपके लंड का स्वागत करेगा,बाबूजी चोदो।"

सेठजीने नहीं सोचा था कि वो कभी भी अपनी बहू को चोद पायेगा लेकिन वही अपनी चूत को चोदने के लिए बोल रही थी। सेठजी नंगे हो गए। बहू ने देखा कि सेठजी का भारी पेट नीचे 6” का लंड टाइट होकर बहू को चोदने के लिए तैयार है।

“बाबूजी, आपका पेट इतना मोटा है, लंड मेरी चूत में कैसे घुसेगा!”

“फिकर नोट! लंड चला जायेगा।” सेठजी अब फुल मूड में थे।
नीता और मैत्री की प्रस्तुति।

सेठजीने बहू के पैरों के बीच बैठकर बहू के चूत को मसलने लगे। बहू की चूत छोटी थी, छोटी सी दरार और छोटी सी योनि। सेठजी ने फिंगर चुत में घुसेड़ कर चूत की गहराई को नापा और 2-3 मिनट तक फिंगर्स को चुत के अंदर डाल कर कसी हुई चुत का मजा लिया।

“सेठजी, चूत को चाटिये, बहुत टेस्टी है।” परम ने कहा। परम बहू के सिर पर हाथ रखकर बैठ गया और बहू की चुची को चूसने लगा और दूसरे हाथ से दूसरी बोबले को मसलता रहा।

“बेटा,चूत चाटुंगा तो फिर बहू की तगड़ी चूत को चोद नहीं पाऊंगा…बाद में तुम चाट लेना।” कहते हुए सेठजी ने बहू के चूत में लंड पेल कर धक्का मारा।

“आह्ह्ह्ह……बाबूजी…धीर…रे... बहु को चोद रहे हो, किसी रंडी को नहीं।”

लेकिन सेठजी ने बहू का कंधा पकड़ कर अपनी छाती पर दबाया और धीरे धीरे चुत्तर उठा कर बहू की चुदाई करने लगे। बहू ने तो सोचा था कि ससुरजी मोटा पेट लेकर चूत में लंड नहीं घुसा पाएंगे लेकिन यहां तो ससुरजी जम कर चुदाई कर रहे हैं।

बहु ने ससुर को बाहों में लेकर चुदाई की मजा लेने लगी। करीब 7-8 मिनट के बाद ससुरजी ने बहू के चूत रूपी जमीन में अपना पानी से चूत को सींच दिया और 4-5 बार जोर से धक्का लगा कर बहू के ऊपर से उतर गए।

बहु को लगा कि इतने देर में वो किसी ट्रक के नीचे थी।''बाबूजी और थोड़ी ज्यादा देर आप धक्का मारते तो मैं मर जाती।"

बहु के कहते हुए परम का ट्राउज़र खोल दिया और शर्ट उतार कर परम पूरा नंगा हो गया। बहू परम के लंड को मुठ मारती हुई बोली,

“बाबूजी, अब तो चोद लिया, मुझे कोठी का पेपर और दो लाख रुपये दो।” आख़िरकार वह एक टॉप रैंक वाले स्टॉक ब्रोकर की बेटी थी। वह जानती थी कि हर चीज़ का अपना मूल्य और उस पर कमीशन होता है।

अब परम बहु के नंगे बोब्लो से खेल रहा था और बहु परम के लंड से, लगता था की की बहु परम के लंड को दुहा रही थी अपनी मलाई के लिये। सेठजी ने धोती बांधा और दरवाजा खोल कर मुनीम को आवाज दी। सेठजी ने दरवाजे पर ही मुनीम को कुछ निर्देश दिया और फिर बहू के पास बैठ कर उसकी जांघें और चूत को सहलाने लगा। परम खूब आराम से बहू की टाइट छोटे बोब्लो का मजा ले रहा था और सेठ बहू की जांघें और चूत को मसल रहा था।
फनलव और मैत्री की प्रस्तुति।

“भाभी, एक बार लंड चूसो।”

“नहीं, लंड नहीं चुसुंगी!”

“अरे बेटी चूसो, बहुत मजा आएगा। वह लंड तुम्हे अच्छी मलाई देगा।” ससुरजी ने चूत को निचोड़ते हुए कहा।”

बहु ना-ना करती रही आखिर परम के जिद्द करने पर उल्टा टर्न हो गइ। चुत्तर को पूरा ऊपर उठा कर परम के जांघों के बीच में सिर डाल कर लंड को मुँह के अंदर ले कर चूसने लगी। तभी मुनीम कुछ कागजात और एक बैग लेकर अंदर आया।

मुनीम को अंदर आता देख परम डर गया और बहू ने अपना चेहरा परम के जंघो के बीच छिपा लिया।

मुनीम ने सारे पेपर्स सेठ को दिया और बिल्कुल बहू से सैट कर खड़ा हो गया और बहू की नंगी गोल-गोल कुलहो को सहलाने लगा। मुनीम दंग रह गया कि जवान नंगी लड़की उसके बेटे परम का लंड चूस रही है और सेठ देख रहा है। ऐसा ही सीन है उसने इस बिस्तर पर कुछ दिन पहले देखा था जब सुंदरी एक अजनबी का लंड चूस रही थी और सेठ देख रहा था।

यहाँ सेठजी की बहु है।

******



आज के लिए यहाँ तक।

कल फिर से एक नए एपिसोड के साथ मुलाक़ात होगी।
.

।। जय भारत ।।
फिर एक शानदार लाजवाब और जबरदस्त मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
तो आखिर छोटी बहु और सेठजी के बीच सौदा पक्का हो गया और सेठ ने बहु की कुछ शर्तों पर चुदाई कर के अपना एक और सपना पुर्ण कर लिया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
 

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मुनीम ने सारे पेपर्स सेठ को दिया और बिल्कुल बहू से सैट कर खड़ा हो गया और बहू की नंगी गोल-गोल कुलहो को सहलाने लगा। मुनीम दंग रह गया कि जवान नंगी लड़की उसके बेटे परम का लंड चूस रही है और सेठ देख रहा है। ऐसा ही सीन है उसने इस बिस्तर पर कुछ दिन पहले देखा था जब सुंदरी एक अजनबी का लंड चूस रही थी और सेठ देख रहा था।

यहाँ सेठजी की बहु है।
अब आगे..............

******



उस दिन मुनीम को हिम्मत नहीं हुई थी, कि सेठ से उस औरत को चोदने के लिए कहे लेकिन अब 3-3 जवान लड़कियों को चोद के का आत्मविश्वास बहुत बढ़ गया था। मुनीम का लंड टाइट होने लगा था। वह सोच रहा था की सेठजी ने मेरी पत्नी के बदले में काफी कुछ दे दिया है, लेकिन उसे यह बात बिलकुल भी पसंद नहीं आई थी जब सुंदरी की वह साब छोड़ रहा था और सेठजी ने उसे कागजाद लेके बुलाया और वह हसाब ने सुंदरी की गांड पर कागजाद रख के साइन किये थे। वह बिलकुल नहीं चाहता था की ऐसा हो पर उसके हाथ में कुछ नहीं था और नाही परम के हाथ में था, स्थिति को संभालना ही था।

लेकिन आज वह जानता था की परम कौनसी माल को लेके आया है और वह उसी पर नजर गढ़ाए बैठा था की बस एक मौक़ा मिल जाए। जब सेठजी अन्दर जा रहे थे तब मुनीम ने उसको अपनी प्रोमिस याद दिलाई थी की जो भी माल हो आज साथ ही खायेंगे। और अब वह उस कमरे में था जहा एक दिन सुंदरी थ इऔर वह कुछ न कर सका था। वह खुश था की परम ने छोटी बहु पर अपना सिक्का डाल दिया था।

“क्यो मुनिमजी, माल कैसा है?”

“सेठजी बहुत मस्त माल है, लगता है एकदम सोलाआनी माल है।” मुनीम ने कहा और बहू के चूत में पीछे से उंगलियां घुसा कर मजा लेने लगा।

मुनीम उसको चोदना चाहता था।

“सेठजी आप जब बोलिए सुंदरी को लाकर आपके लंड पर डाल दूंगा लेकिन मुझे इस कड़क माल को चोदने दीजिए।”

“परम तो चोद ही चुका है बहु को, तुम भी बहु चोद डालो, लेकिन मैं जब भी सुंदरी को लाऊंगा, जिस से भी चुदवाने बोलूंगा…” सेठजी ने कहा। “देखो मुनीम बहु तुम्हारी हुई लेकिन मुझे सुंदरी चाहिए जब बुलाऊ उसे भेजना पड़ेगा और हां अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए मुझे सुन्दर के माल का उपयोग करना पड़ेगा, और उसके लिए तुम, सुंदरी और परम सब खुश रहोगे ऐसा मैं कुछ करूँगा।“ मुनीम के कान में जाके कहा। उस दिन देखा और अब आगे तुम्हारे सामने ठीक है? और हम दोनों की बात किसी से नहीं।”
फनलव और मैत्री की पेशकाश

मुनीम सहमत हो गया।

मुनीम ने पूरे कपड़े उतार दिए। परम और सेठ ने उसके बड़े लम्बे लंड को आलू के आकार के सुपारे के साथ देखा। मुनीम को अपने बेटे के सामने नग्न होने में कोई शर्म नहीं थी। उसे क्यों होना चाहिए जब वह पहले ही अपनी बेटी को चोद चुका है। मुनीम ने बहू के चूतर को फैलाया और सुपारे को चूत के छेद पर रख कर लगातार 4-5 धक्का मारा। बहू को लगेगा कि उसकी प्यारी चूत फट जाएगी। बहू को लंड, अपनी चूत के अंदर बहुत टाइट लग रहा था, उसे ऐसा लगा की पहली बार चुदवा रही हो।

परम जानता था की बाबूजी अब कमाल करेंगे, उसने बहु को आगे पकड़ के रखा ताकि पीछे से उसकी चुदाई शुरू हो तो वह आगे जाके छटक ना जाये। आखिर वह भी बेटा ही था अपने बाप के लिए कुछ भी कर सकता था।

और सच यह था की मुनीम ने सुपारे ने बहु की चूत फाड़ ही डाली, उसकी छुट से खून बह आया, ससुरजी और परम उस खून को सिर्फ देखते ही रहे, ससुरजी ने अपनी गांड का पहला कचुम्बर हुआ याद आ गया। जब की परम को अपनी बहन की चूत और ठीक से नहीं चल पाने की वजह मालुम हो गई। बहनछोड़ बेटी चोदी है तो बहु क्या चीज़ है। फटेगी आज, उसे डर लग रहा थी की कही बहु फिर से इस लंड पे या मेरे लंड पर आएगी की नहीं।

मुनीम बहू की कमर पकड़ कर खूब मस्ती से बहू को पेल रहा था और बहू को लग रहा था कि उसकी चूत में कोई लंड नहीं बल्कि गरम लोहे की रॉड घुसा है। परम ने भी चोदा था तो लगा था कि चूत फट जाएगी लेकिन अब तो लग रहा है कि चूत के साथ-साथ गांड भी फट जाएगी। 20-25 धक्का लगाने के बाद लंड आराम से चूत के अंदर-बाहर होते दिखा।

मुनीम बिस्तर पर आराम से हाथ बढ़ा कर पीछे दोनों चुचियो को मसलते हुए चुदाई करने लगा। मुनीम को चोदने में बहुत मजा आ रहा था। उसने पूनम, महक और सुधा की कुंवारी चूत पर अपना झंडा गाड चुका था, जब की लीला अपने पति से एक साल से चुद रही थी। और सुंदरी की गांड पर रखे कागजाद की स्याही उसे याद थी। वह बहु की गांड की गोलाई अपने हाथ और लंड से नाप रहा था, उसकी भूगोल अब खराब हो रही थी।

“सेठजी माल पका है आज हमारी भाषा में कहे तो मैं मेरी इस कलम से इस माल के सभी कागज़ पर सफ़ेद स्याही से साइन करता हूँ।“ मुनीम के उस द्रश्य से और चनक चढ़ गई थी और वह अब लगातार धक्के मारे जा रहा था।

“हाँ...हाँ क्यों नहीं अब यह कागज़ भी आप का ही समजो मुनीमजी” सेठजी ने मुनीम के पिछवाड़े पर हाथ फेराते हुए कहा।

उधर बहु की हालत खाराब थी, उनकी आँखे चौड़ी हो गई थी और वह सिर्फ धक्के का मजा ले रही थी, उसे बस अब यही पर स्वर्ग मिल गया था। उसे कोई परवाह नहीं थी, की उसकी चूत सूज के कैसी हो जायेगी।

वह परम और सेठजी मुनीम के धक्क्के देख कर अपने आप को कोस रहे थे।

उधर बहु...

परम उसकी चूत में घुसने वाला दूसरा लंड था, सेठजी तीसरे और अब मुनीम चौथा। लीला अभी-अभी परम के मोटे, लंबे लंड से चुदी थी और फिर सेठजी ने बहुत देर तक दबाए रख्खा था, लेकिन मुनीम को लग रहा था कि वो किसी अनचुदी चूत को चोदे जा रहा था। चूत बहुत टाइट थी। या फिर उसका सुपारा बहोत बड़ा था वह तो लीला ही बता सकती है या फिर खून से पड़ी उसकी चूत।

लेकिन अब वो देखना चाहता था कि किस कच्ची कली को चोद रहा है। मुनीम झटके से लंड को चूत के बाहर निकला और बिना किसी को मौका दिए बहुत ज्यादा दबाव पर सीधा पलट दिया और दोनों जांघों को धक्का देकर फिर से लंड को धक्का मारने लगा। अब चुदाई का असली मजा आ रहा था। बहू भी अपना चूत्तर हिला कर धक्के का जवाब दे रही थी। लेकिन लीला ने झूठ से अपने लंबे घने बालो से चेहरे को कवर कर लिया। मुनीम ने देखा कि जिस लड़की को वो चोद रहा है उसके चेहरे के बाल से ढका हुआ है। मुनीम ने बालों को हटाना चाहा तो बहू ने मुनिम का हाथ हटा दिया और कहा,

'बस, रज्जा जम कर चोदो। चुदक्कड का चेहरा देख कर क्या करोगे। मैंने सेठजी से पूरे 2 लाख ले लिए हैं। परम और सेठजी चोद ही चुके हैं..अब तुम भी पूरा मजा लो....मेरा चेहरा मत देखो...चूची क्यों नहीं दबाते हो, छोटी है इस लिए!'
मैत्री द्वारा लिखित

हाला की यह जानते हुए भी अनजान बन जाना मुनासिब समज के, मुनीम ने भी चेहरा देखने का जिद्द नहीं किया और लगतार चोदता रहा तब तक वो पुरा डिस्चार्ज नहीं हो गया। परम और सेठजी की तरह मुनीम ने भी चूत में वीर्य भर दिया।

“हाँ सेठजी, मेरे इस कलम की सफ़ेद स्याही पूरी खाली कर दी है यह कागजाद पर।“ उसके चहरे आर एक विजयी मुस्कान थी।

मुनीम ने चूची को चूमा और चूसा और फिर बहू के बदन पर पर से उठ गया। सब ने देखा कि चुदवाने के बाद बहू का पूरा शरीर चाँदी की तरह चमकने लगा। उसकी चूत से मानो वीर्य का बहाव निकल आया।

“सेठजी, साली बहुत जबरदस्त माल है…सुंदरिके साथ भी इतना मजा नहीं आया।” दोनों सेठजी और मुनीम ने एक दुसरे को आँख मारी।

मुनीम कपड़े पहन कर बाहर चला गया। मुनीम के बाहर जाते ही बहू उठी और दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। बहु ने चूत को सहलाते हुए कहा “आज तो मेरी माँ ही चुद गई! इस चूत का बाजा बज गया। लेकिन मजा आया एक के बाद एक तीन लंड से चुदवाने में।“ उसने परम को चूमा…और कहा, “परम, ये चूत अब तेरी और तेरे सेठजी की है। लेकिन बाहर का भी लंड कभी-कभी खाने देना, सब से ज्यादा मजा दे के गया है।“ उसका इशारा मुनीमजी के लिए था।

परमने देखा कि सेठजी ने बहू को कुछ पेपर दिए और कहा कि यह कोठी का पेपर है ठीक से रखना। कुछ नोटो का बंडल भी दिया। सेठजी ने परम और बहु को घर जाने को कहा और बोला कि वो एक घंटे में आएंगे। परम और बहू भीतर हो कर कमरे से बाहर निकले। परम आगे के दरवाजे और बहू पीछे के दरवाजे। दोनो रिक्शा पर बैठ कर वापस घर आये। बहू के मन में कोई अपराध बोध नहीं था। वह खुश थी कि मुनीम यह नहीं देख सका कि वह कैसी थी और उसे यकीन था कि सेठजी या परम, कोई भी किसी से चुदाई की बात नहीं करेगा।

अब उसकी चूत के फांके सूजने शुरू हो चुके थे। उसे अब अंदरूनी दर्द हो रहा था। उसने खुन्वाला पेपर नेपकिन अपने पर्स में रखा। उठने की नाकाम कोशिश की लेकिन परम ने उसे मदद की।

“परम, मैं घर जा सकुंगी!”

“भाभी, बाबूजी के निचे से गुजरी हुई हो तो थोडा आराम कर लेना चाहिए, वरना बहोत तकलीफ होती है तभी तो लडकिया बाबूजी से दूर ही रहना पसंद करती है। अभी आपकी चूत सुजेगी, बाद में मूत ने में भी तकलीफ हो सकती है, लेकिन सब ठीक हो जाएगा। अब मैं ही आपको चोद दिया करूँगा।“ उसने अपना मौके को पकड़ कर रखा।
मैत्री और नीता की रचना


*****

आजके लिए इतना ही ....कल फिर मिलेंगे ।


।। जय भारत ।।
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है मजा आ गया
छोटी बहु की चुद पर मुनिम ने भी अपने तगडे लंड से झंडा गाड दिया और तो और चुदी चुदाई चुद से खुन भी निकाल दिया और उसे संतुष्टी प्रदान कर दी
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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Shethji ko uski machahi murad mil gayi aur Param ko hamesha ke liye chut. Munim to khush ho gaya. Leela ne apna kam nikal liya. Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki
Ji bilkul
Is saude me kaun hara kaun jita wo to pata nahi.
Is sab me param aur munim ki jeet dikhai deta hai.
Shukriya dost
 

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फिर एक शानदार लाजवाब और जबरदस्त मदमस्त अपडेट है मजा आ गया
तो आखिर छोटी बहु और सेठजी के बीच सौदा पक्का हो गया और सेठ ने बहु की कुछ शर्तों पर चुदाई कर के अपना एक और सपना पुर्ण कर लिया
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
Ji sauda to ho gaya. Dono is saude se khush hai. Par muje to lagta hai ki do billio ke jhagade me bandar ke maje ho gaye......
 
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