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"भइया बस और अंदर मत घुसाओ मेरी चूत फट जाएगी, मेरे पति का इतना ही लम्बा था" ज्योति ने बुहत तेज़ी से साँसें लेते हुए कहा ।
समीर अपनी बहन को अब उतना लंड ही डाले चोदने लगा, १५-२० धक्कों के बाद ही ज्योति बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपना चूतड़ उछालने लगी । समीर अपनी बहन के चूतड़ उछालने से समझ गया के वह झरने वाली है इसीलिए वह अपनी बहन की चूत में बुहत तेज़ी के साथ धक्के लगाने लगा ।
ज्योति अपनी चूत में ८ साल बाद अपने भाई के लंड की रगड से पागल हो रही थी और उसका सारा बदन मज़े के मारे काम्प रहा था । ज्योति का पूरा बदन पसीने से भीग गया और उसका पूरा बदन अकडने लगा ।
ज्योति की चूत अचानक झटके खाते हुए झरने लगी और ज्योति अपने बड़े भाई के लंड पर बुहत तेज़ी के साथ अपने चूतड़ उछालते हुए मज़े से अपनी ऑंखें बंद करके "उह आह्ह्ह्ह ईह" करते हुए झरने लगी । समीर अपनी बहन की चूत से पानी निकलता हुआ देखकर उसे बुहत ज़ोर के धक्के लगाते हुए पेलने लगा।
ज्योति की चूत एक बार झरने से अंदर से बिलकुल गीली हो चुकी थी। जिस वजह से अब समीर का लंड बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था । समीर ने अपनी बहन के पूरा झरने के बाद उसकी टांगों को ज़ोर से पकडते हुए ३-४ ज़ोर के धक्के लगाते हुए अपना पूरा लंड अपनी छोटी बहन की चूत में घुसा दिया ।
"उईई माँ मार ड़ाला ओहहहह मेरी चूत फट गई" ज्योति अपने भाई का पूरा लंड अपनी चूत में घुसते ही ज़ोर से चिल्लाते हुए तडपने लगी ।
समीर अपनी बहन को ऐसे चिल्लाते हुए देखकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाले ही उसके ऊपर झुक गया और अपनी बहन की एक चूचि को सहलाते हुए उसकी दूसरी चूचि के दाने को अपने मूह में भरकर चूसने लगा ।
ज्योति कुछ देर में ही कुछ शांत हो गई और अपने बड़े भाई के बालों में हाथ ड़ालते हुए अपनी चूचि पर दबाने लगी।
"दीदी बुहत दर्द हो रहा है क्या?" समीर ने अपनी दीदी की चूचि को अपने मूह से निकालते हुए कहा।
"नही भैया अब ठीक है, आपका लंड इतना बड़ा है की वह मुझे अपने पेट तक महसूस हो रहा है" ज्योति ने सिसक कर अपने चुतडो को अपने भाई के लंड पर उछालते हुए कहा।
समीर अपनी बहन को अब उतना लंड ही डाले चोदने लगा, १५-२० धक्कों के बाद ही ज्योति बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपना चूतड़ उछालने लगी । समीर अपनी बहन के चूतड़ उछालने से समझ गया के वह झरने वाली है इसीलिए वह अपनी बहन की चूत में बुहत तेज़ी के साथ धक्के लगाने लगा ।
ज्योति अपनी चूत में ८ साल बाद अपने भाई के लंड की रगड से पागल हो रही थी और उसका सारा बदन मज़े के मारे काम्प रहा था । ज्योति का पूरा बदन पसीने से भीग गया और उसका पूरा बदन अकडने लगा ।
ज्योति की चूत अचानक झटके खाते हुए झरने लगी और ज्योति अपने बड़े भाई के लंड पर बुहत तेज़ी के साथ अपने चूतड़ उछालते हुए मज़े से अपनी ऑंखें बंद करके "उह आह्ह्ह्ह ईह" करते हुए झरने लगी । समीर अपनी बहन की चूत से पानी निकलता हुआ देखकर उसे बुहत ज़ोर के धक्के लगाते हुए पेलने लगा।
ज्योति की चूत एक बार झरने से अंदर से बिलकुल गीली हो चुकी थी। जिस वजह से अब समीर का लंड बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था । समीर ने अपनी बहन के पूरा झरने के बाद उसकी टांगों को ज़ोर से पकडते हुए ३-४ ज़ोर के धक्के लगाते हुए अपना पूरा लंड अपनी छोटी बहन की चूत में घुसा दिया ।
"उईई माँ मार ड़ाला ओहहहह मेरी चूत फट गई" ज्योति अपने भाई का पूरा लंड अपनी चूत में घुसते ही ज़ोर से चिल्लाते हुए तडपने लगी ।
समीर अपनी बहन को ऐसे चिल्लाते हुए देखकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाले ही उसके ऊपर झुक गया और अपनी बहन की एक चूचि को सहलाते हुए उसकी दूसरी चूचि के दाने को अपने मूह में भरकर चूसने लगा ।
ज्योति कुछ देर में ही कुछ शांत हो गई और अपने बड़े भाई के बालों में हाथ ड़ालते हुए अपनी चूचि पर दबाने लगी।
"दीदी बुहत दर्द हो रहा है क्या?" समीर ने अपनी दीदी की चूचि को अपने मूह से निकालते हुए कहा।
"नही भैया अब ठीक है, आपका लंड इतना बड़ा है की वह मुझे अपने पेट तक महसूस हो रहा है" ज्योति ने सिसक कर अपने चुतडो को अपने भाई के लंड पर उछालते हुए कहा।