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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Rakesh1999

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रेखा का बदन अकडने लगा और उसकी चूत झटके खाते हुए अपने ससुर के लंड पर ख़ुशी के ऑंसू गिराने लगी।
"आजहहह ईश ओह्ह्ह बाबूजी में झड़ रही हू" रेखा झरते हुए ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसकने लगी ।
अनिल भी अपनी बहु के झरते ही उसकी चूत में अपने लंड से निकलता वीर्य भरने लगा।
"आजहहह बेटी तुम्हारी चूत ३ बच्चे पैदा करने के बाद भी बुहत कसी हुई है, में भी झड रहा हू" अनिल भी झडते हुए चिल्लाकर बोला । अनिल अपने लंड का सारा वीर्य निकलने के बाद अपनी बहु के ऊपर ढेर हो गया।

अनिल का लंड सिकुड़ कर रेखा की चूत से निकल गया । रेखा की चूत से लंड के निकलते ही उसके ससुर का वीर्य और उसकी अपनी चूत का पानी मिलकर बेड की चादर पर गिरने लगा, अनिल अपनी बहु के ऊपर से उठकर उसकी साइड में लेट गया ।
रेखा बेड से उठकर बाथरूम में चलि गयी। जब वह लौटकर आई तो अनिल अपनी बेटी का खत पढ रहा था ।
"क्या लिखा है हमारी देवरानी ने" रेखा बेड पर चढते हुए बोली।
"वो कल आ रही है यहां" अनिल ने ख़ुशी से कहा ।

"उसका पति और बच्चे भी आ रहे हैं क्या?" रेखा ने अपने ससुर से सवाल किया।
"उसका पति काम के सिलसिले में एक महीने तक किसी दुसरे शहर जा रहा है, वह अपने बच्चों के साथ आ रही है" अनिल ने अपनी बहु को जवाब दिया ।
"बाबूजी फिर तो उनके सामने हम कुछ नहीं कर सकेंगे" रेखा ने मूह बनाते हुए कहा।
"बेटी तुम परेशान क्यों होती हो कोई न कोई तो रास्ता निकाल लेंगे" अनिल ने अपनी बहु को अपनी तरफ खीचते हुए कहा । रेखा अपने ससुर को सीधा लेटाते हुए उसके वीर्य से भीगे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी।

अनिल ने अपनी बहु को एक बार और चोदा। इस बार उसने अपनी बहु को अपने लंड पर चढाकर चोदा और उसे कुतिया बना कर अपना वीर्य उसकी चूत में ड़ाला। रेखा इस बार अपने ससुर के अलग अलग तरीके से चोदने की वजह से दो बार झडी ।
रेखा को उल्टा करके चोदते हुए अनिल की नज़र अपनी बहु की गोरी गांड के भूरे छेद पर टीक गयी थी । अनिल को अपनी बहु की गांड का छेद बुहत पसंद आया था और उसने फैसला कर लिया की अगली बार रेखा की गांड ज़रूर चोदेगा।
 

Rakesh1999

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अनिल अपनी बहु को दो बार चोदकर थक चूका था इसीलिए अपनी बहु को बोलकर अपने कमरे में सोने चला गया । रेखा भी आज बुहत खुश थी उसकी सारी गर्मी उसके ससुर ने उतार दी थी। रेखा फ्रेश होकर साड़ी पहनते हुए घर के काम में लग गयी ।
अनिल के टोटल ४ बेटे और एक लाड़ली बेटी थी। सबसे बड़ा मुकेश उसके एक साल छोटी मनीषा जिस की शादी १८ साल की उम्र में ही उसकी पसंद से कर दी गयी थी । रमेश नाम था उसके पति का जिससे वह प्यार करती थी, मनीषा को दो बेटी और एक बेटा था।

२१ साल का नरेश, २० साल की शीला और १८ साल की पिंकी, मनीषा ने जब रमेश से शादी की , वह एक जगह पर जॉब करता था और उसकी तनखाह भी ज़्यादा नहीं थी । मगर एक बार उसके बॉस ने मनीषा को देख लिया तो वह उस पर फ़िदा हो गया ।
रमेश के बॉस जिसका नाम सूरज था उसने रमेश का प्रमोशन कर दिया और रमेश से भी बुहत दोस्ती कर ली । सूरज अब रमेश के घर आता जाता था, सूरज ने रमेश को 5 दिनों के लिए काम के सीलसिले में किसी दुसरे शहर भेज दिया ।

सुरज की उम्र ४० बरस थी उसने अब तक शादी नहीं की थी, सूरज जिस दिन रमेश को दुसरे शहर भेजा था उसी रात को सूरज के घर पुहंच गया ।
"सुरज तुम इतनी रात को यहाँ कैसे?" मनीषा अपनी पति के बॉस को रात के वक्त अपने घर पर देखते हुए हैरत से पुछा ।
सुरज दरवाज़ा खुलते ही अंदर दाखिल हो गया, मनीषा सिर्फ एक नाइटी में थी क्योंके वह सोने वाली थी । मनीषा ने सूरज के अंदर दाखिल होते ही दरवाज़ा बंद करते हुए फिर से वही सवाल दुहराया।

सुरज ने मनीषा की तरफ गौर से देखते हुए कहा " तुम जानती हो की मैंने तुम्हारे पति का प्रमोशन क्यों किया ?", मनीषा सूरज की बातों और उसकी नज़र को अपनी तरफ घूरने से इतना तो जानती थी की सूरज उस में इंट्रेस्ट रखता है।
"उसके काम की वजह से दिया होगा" मनीषा ने सोचते हुए जवाब दिया ।
"मानिषा सिर्फ तुम्हारी वजह से उसका प्रमोशन हुआ है और अब भी तुम्हारे हाथ में है की उसे और ज़्यादा ऊपर ले जाती हो या फिर से वही, जहाँ पर वह पहले था" सूरज ने मनीषा की तरफ देखते हुए कहा ।
 

Rakesh1999

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अपडेट 16





"क्या मतलब है तुम्हारा?" मनीषा ने हैंरान होते हुए सूरज से पूछा।
"अब तुम इतनी भोली भी नहीं हो जो जानकर भी अन्जान बन रही हो" सूरज ने सोफ़े पर बैठते हुए अपना जूता अपने पाँव से निकालते हुए कहा ।
"सुरज तुम क्या कह रहे हो मैं कुछ समझ नहीं पा रही हू" मनीषा ने परेशान होते हुए कहा।
"तो सुन लड़की मैंने तुम्हारे पति को इसीलिए प्रमोशन दिया था क्योंकी मुझे तुम अच्छी लगने लगी थी और अब वक्त आगया है की तुम मेरे सारे अहसानों का क़र्ज़ चुकाओ" सूरज ने अपने जूते निकालने के बाद अपनी शर्ट भी उतारते हुए कहा।

"मगर मैं क्या कर सकती हूँ। तुम्हारे अहसानों को चुकाने के लिये" मनीषा ने सूरज को शर्ट उतारते हुए देखकर ड़रते हुए कहा।
"अब यह भी बताना पड़ेगा, मुझे तुम्हारा जिस्म चाहिए जिसका मैं दीवाना हू" सूरज ने अपनी शर्ट उतारने के बाद अपनी पेण्ट को भी उतारते हुए कहा ।
"सुरज तुम क्या कह रहे हो, तुम जानते हो। मैं शादीशुदा औरत हूँ और अपने पति को मैं धोखा नहीं दे सकती" मनीषा ने मना करते हुए कहा ।

"मैं तुमसे कोई ज़बर्दस्ती नहीं करूंगा, तुमने अगर अपनी मर्ज़ी से अपने आपको मेरे हवाले नहीं किया तो आगे तुम समझदार हो" सूरज ने अपने पाँव से अपनी पेण्ट को खीँच कर निकाल दिया ।
"सुरज में ऐसी वेसी औरत नहीं हूं, प्लीज मेरे घर को बर्बाद मत करो" मनीषा ने सूरज को मिंन्नत करते हुए कहा ।
"मानिषा मैंने तो तुम्हारा घर आबाद किया है, बर्बाद तो तुम कर रही हो मुझे इंकार करके। हमारे बारे में कभी किसी को कुछ पता नहीं चलेगा" सूरज यह कहता हुआ उठ गया और बाथरूम में चला गया।

मानिषा सूरज के जाते ही सोच में पड गयी, अगर उसने सूरज को जवाब दे दिया तो वह उसके पति को कंपनी से निकाल देंगे और वह रास्ते पर आ जायेंगे और अगर उसने सूरज के साथ सम्बन्ध बना लिए तो वह उसके पति के साथ बेवाफ़ाई होगी ।
मानिषा सोफ़े पर बैठकर रोने लगी की आखिर वह क्या करे।
"मानिषा ज़रा टॉवल तो लाना" सूरज की आवाज़ सुनते ही मनीषा ख्यालों से वापस आई और टॉवल उठाकर सूरज को देने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी ।
 

Rakesh1999

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मानिषा जैसे ही बाथरूम के क़रीब पुहंची सामने का नज़ारा देखकर उसका गला ख़ुश्क होने लगा । सूरज नहाकर शावर बंद किये हुए सीधा खडा था और उसका लंड बिलकुल तना हुआ था। सूरज का लंड 9 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा था और उसके लंड के आसपास बुहत बड़े बाल उगे हुए थे ।
"पसन्द आया मेरा खिलोना" मनीषा को अपने लंड की तरफ निहारता हुआ देखकर सूरज मुस्कुराते हुए बोला। मनीषा सूरज के लंड को देखकर इतना खो गयी थी की उसको अहसास ही नहीं हुआ की उसके सामने एक गैर मरद नंगा खडा है।

सुरज की आवाज़ सुनकर मनीषा होश में आ गयी और उसने अपना कन्धा झुकाते हुए टॉवल सूरज की तरफ बढा दिया । सूरज ने टॉवल लेने के बदले खुद नंगा ही बाहर आते हुए मनीषा को गोद में उठा लिया ।
"बेड़रूम कहाँ है?" सूरज ने मनीषा को उठाये हुए पुछा।
"अपना जिस्म तो पोंछ लो" मनीषा ने सूरज की बाँहों में ही रहते हुए कहा।
"इसे पोछकर क्या फ़ायदा वेसे भी तुम्हारी गर्मी से यह पिघलने वाला है" सूरज ने हँसते हुए कहा ।

"सुरज सामने वाले कमरे में चलो, तुम बुहत बुरे हो हमें अपने जाल में फँसा ही दिया" मनीषा ने अपने बैडरूम की तरफ इशारा करते हुए कहा।
"हमारा लंड देखकर तुम राज़ी हुयी हो, हमें क्यों दोष दे रही हो । मनीषा वेसे तुम्हारे पति का लंड कितना बड़ा है?" सूरज ने मनीषा को बेड के पास उतारकर खडा करते हुए कहा ।
"सुरज मेरे पति का लंड 6 इंच लम्बा है और तुम्हारे से थोडा पतला है" मनीषा ने सूरज के लंड को गौर से देखते हुए कहा।
"इसीलिए तो तुम्हारी चूत मेरा लंड देखते ही खुजली करने लगी" सूरज ने मनीषा की नाइटी को उसके जिस्म से अलग करते हुए कहा।

सुरज मनीषा का गोरा जिस्म देखकर पगला गया । सूरज ने मनीषा की ब्रा और पेंटी को भी उतार दिया, मनीषा की 36 की गोरी चुचियां और उसके हलके बालों वाली भूरी चूत देखकर सूरज का लंड झटके खाने लगा।
मानिषा ने बेड पर बैठते हुए सूरज के काले लंड को अपने हाथ में पकड लिया । सूरज का खडा गरम लंड अपने हाथ में लेते ही मनीषा का जिस्म सिहर उठा ।

मानिषा का हाथ सूरज के लंड पर पडते ही अपने आप ऊपर नीचे होने लगा, सूरज का लंड बुहत गरम था। जिस पर हाथ पड़ते ही मनीषा का जिस्म भी उतेजना के मारे तपने लगा । सूरज भी अपने लंड पर नरम हाथ पड़ते ही मज़े से सिसक उठा ।
 

Rakesh1999

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सुरज ने मनीषा का हाथ अपने लंड से हटाते हुए उसे सीधा लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ गया । सूरज उसके गुलाबी होंठो को चूमते हुए नीचे होते हुए मनीषा की गोरी चुचियों के हलके गुलाबी दानों को मूह में भरकर चूसने लगा।

सुरज अब और नीचे होते हुए मनीषा की टांगों को फ़ैलाते हुए उसकी हलके बालों वाली गोरी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा । मनीषा ने सूरज से कहा "हमे भी आपके लंड से प्यार करना है", सूरज मनीषा की बात सुनते ही उसको छोडकर सीधा लेट गया ।
मानिषा सूरज के ऊपर ६९ पोजीशन में आ गयी और सूरज के लंड अपने हाथ में लेते हुए उसकी झाँटों को सहलाने लगी । सूरज ने जैसे ही अपनी जीभ को मनीषा की चूत के छेद पर रखा वह सिसकते हुए सूरज के लंड के टोपे को चूमने लगी ।

सुरज ने मनीषा की चूत पर अपनी जीभ को फिराते हुए अचानक उसके छेद में घुसा दिया । आअह्ह्ह्ह मनीषा के मूह से सिसकी निकली और उसने मज़े से सूरज के लंड का टोपा अपने मूह में भर लिया, सूरज थोडी देर तक मनीषा की चूत को चाटने के बाद उसे सीधा लेटा दिया।
सुरज ने मनीषा की टांगों को घुटनों तक मोडते हुए उसके नीचे एक तकिया रख दिया । सूरज मनीषा की टांगों के नीचे आते हुए अपना लंड उसकी खुली हुयी चूत पर रगडने लगा।
"हाहहह आराम से डालना तुम्हारा बुहत बड़ा और मोटा है" मनीषा ने सिसकते हुए कहा।

सुरज ने अपने लंड को मनीषा की चूत के छेद पर सेट करते हुए एक ज़ोरदार धक्का मार दिया ।
"उहह आअह्ह्ह तुम्हारा बुहत मोटा है बुहत दर्द हो रहा है" सूरज का लंड एक झटके में ही आधा अपनी चूत में घूसने से वह दर्द से चिल्लाते हुए बोली ।
सुरज अपने आधे लंड को ही मनीषा की चूत में अंदर बाहर करने लाग, कुछ ही देर में मनीषा को बुहत मजा आने लगा और वह अपने गाँड उछाल उछाल कर सूरज का लंड अपनी चूत में लेने लगी ।

सुरज ने मनीषा का दरद ख़तम होते ही अपने लंड से उसकी चूत में धक्के देते हुए अचानक एक बुहत ज़ोर का धक्का मार दिया । सूरज का लंड मनीषा की कसी हुयी छूट को चीरता हुआ उस में जड़ तक घुस गया ।

"आईईए माँ सीईई मर गयी ओहहहह फट गई" सूरज का पूरा लंड घूसने से मनीषा दरद के मारे तड़पते हुए चीख़ने लगी । मनीषा की शादी को 6 महिने हुए थे और उसने अपने पति के 6 इंच के लंड के अलावा किसी से नहीं चुदवाया था, इसी लिए उसकी चूत अब तक पूरी खुली नहीं थी।
 

Rakesh1999

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सुरज का 9 इंच लम्बा और मोटा मुसल घूसने से मनीषा को अपनी चूत में बुहत दरद और जलन महसूस हो रही थी । सूरज मनीषा को तडपता हुआ देखकर उसके ऊपर झुक गया और मनीषा की चुचियों से खेलने लगा।

सुरज का चुचियों से खेलने से मनीषा की चूत से थोडी देर में ही दरद कम हो गया । मनीषा को सूरज का लंड अपनी चूत में बच्चेदानी तक महसूस हो रहा था, उसके पति का लंड कभी भी उसकी चूत को इतना फ़ैलाकर उसकी गहराइयों तक नहीं पुहंचा था ।

सुरज ने देखा की मनीषा का दरद कम हो गया तो वह उसके ऊपर से उठकर अपने लंड को उसकी चूत से बाहर खीचने लगा। सूरज का लंड मनीषा की टाइट चूत को बुरी तरह फैलाये हुआ था ।
सुरज ने जैसे ही अपने लंड को बाहर खीचना शुरू किया मनीषा को ऐसा महसूस हुआ की सूरज का लंड उसकी चूत से निकलते हुए अपने साथ उसकी चूत में से किसी और चीज़ को भी बाहर खीँच रहा है । मनीषा का सारा जिस्म अकड़ कर काम्प रहा था, उसकी सारी ताक़त जमा होकर उसकी चूत की तरफ जाने लगी।

सुरज जैसे जैसे अपना लंड पीछे खीचता उसकी जोर की रगड से मनीषा का अंग अंग मज़े से झूम उठता और वह ज़ोर से हाँफने लगी । मनीषा की चूत से सूरज ने जैसे ही अपना लंड टोपे तक बाहर खींचा मनीषा की चूत से उसके लंड के साथ मनीषा की चूत का पानी भी निकल गया ।
"हाहहह श ऊफफ" मनीषा ज़ोर से सिसक कर हाँफते हुए झर रही थी । सूरज ने मनीषा को इतनी जल्दी झरता देखकर अपना लंड वापस उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया ।

सुरज का लंड फिर से अपनी चूत में जाते हुए उसकी रगड से मनीषा की चूत और ज़्यादा पानी बहाने लगी और वह मज़े से हवा में उडते हुए अपने चूतड़ उछालते हुए सिसकार कर सूरज से बोली "इश आअह्ह्ह सूरज हमें जाने क्या हो गया है, हमें कभी ऐसा मजा नहीं आया अपना लंड बुहत ज़ोर से मेरी चूत में अंदर बाहर करो । तुम्हारे लंड की रगड हमें पागल बना रही है"। सूरज मनीषा के मूह से ऐसी बात सुनकर अपने लंड को बुहत तेज़ी और ज़ोर के साथ उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा।

ओहह सीई ऐसे ही आह्ह्ह्ह तुम्हारा लंड हमारी चूत की गहराइयों में महसूस हो रहा है । हमारे पति ने आज तक इतना मजा कभी नहीं दिया ओह्ह सूरज तुम्हारे लंड की मैं दीवानी हो गई हूँ ।
सुरज की चुदाई से वह दो दफ़ा और झडी और उस दिन से मनीषा और सूरज जब भी मोका मिलता अपनी प्यास ज़रूर बुझाते थे । सूरज जब भी मनीषा अकेली होती उसके घर आ जाता और जी भरकर मनिषा को चोदता था।मनिषा भी बहुत गरम थी वह भी सूरज से खुलकर रंडियों की तरह चुदवाती थी।सूरज को मनिषा की गांड बहुत पसंद थी।वह मनिषा की गांड भी मार चूका था।
 

Rakesh1999

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मनीषा सूरज से चुदवाने के बाद चुदासी बन गयी थी और उसने सूरज के कई और दोस्तोँ से भी अपने सम्बन्ध बना दिए थे ।

मानिषा के पति को पता चल चूका था की उसकी पत्नी उसके बॉस से चुदवा चुकी है, मगर उसने भी अपने कैरियर के लिए यह समझोता कर लिया । मनीषा को इस बीच तीन औलादें हो चुकी थी । लड़का अपने पति से और दोनों लड़कियाँ सूरज से और यह बात सूरज को भी पता थी ।
सुरज आज भी मनीषा के घर पर उसके साथ बैडरूम में नंगा सोया हुआ था । वह दोनों दो बार की चुदाई कर चुके थे।
"अचानक तुम्हें अपने भाई और पिता की याद आ गयी ?" सूरज ने मनीषा की चूचि जो अब ३८ की हो गई थी उससे खेलते हुए कहा।

"मुझे याद नहीं आई मगर बच्चे ज़िद कर रहे है। वैसे भी उनके स्कूल की छुट्टी है" मनीषा ने जवाब दिया।
"हमारा क्या होगा इतने दिन तक" सूरज ने परेशान होते हुए कहा ।
"बुढे होगये हो फिर भी इसी काम के पीछे लगे रहते हो, शादी क्यों नहीं कर लेते" मनीषा ने सूरज को चिढाते हुए कहा।
"बुढा मत कहो हमें हमारे लंड में अब भी इतनी जान है की हम किसी भी लौंडिया को खुश कर सकते हैं । हमारी बेटियाँ भी जवान हो चुकी है" सूरज ने गुस्से से कहा ।

"क्या मतलब है तुम्हारा?" मनीषा ने हैंरान होते हुए कहा।
"तुम्हारी दोनों बेटियाँ मेरी मेंहनत का नतीजा है, फिर हम अपनी महनत का फल तो उन्ही से वसूल करेंगे" सूरज ने हँसते हुए कहा।
"तुम अपनी बेटियों के बारे में ऐसा सोच रहे हो" मनीषा ने ज़्यादा हैंरान होते हुए कहा।
"आजकल की लौंडियों को तुम जानती नहीं। स्कूल कॉलेज में ही अपनी चूत फडवा लेती है, अगर हम ने उनकी चूत का उदद्घाटन कर दिया तो इसमें बुरा ही क्या है" सूरज ने मनिषा का जवाब देते हुए कहा ।

"तुम अपने बाप और भाई से मिलकर आओ । मैं अब चलता हूं, जब लौट आओ तो फ़ोन कर देना और तुम अपनी बेटियों की चिंता मत करो उनके साथ मैं कोई ज़बर्दस्ती नहीं करूँगा । वह खुद अपनी चूत मेरे से फडवाएँगी" सूरज ने कपडे पहन कर जाते हुए कहा ।
 

Rakesh1999

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कहानी जारी रहेगी।अगला अपडेट जल्दी ही।कहानी के बारें में अपनी राय अवश्य दें।thanks
 

Rakesh1999

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अपडेट 17




कंचन का आज कॉलेज में बिलकुल मन नहीं लग रहा था, फ्री पीरियड होते ही वह पार्क में जा बैठी । कंचन जो रोज़ नीलम के न आने की दुआएँ करती थी आज उसका दिल कह रहा था की भगवान करे की नीलम आज आ जाये और वह उससे कुछ पूछ सके ।
"क्या सोच रही हो मेरी रानी" नीलम ने आते ही कंचन को गुमशूम देखकर कहा।
"नीलम तुम आ गई" कंचन ने उसे देखते ही खुश होते हुए कहा ।
"क्यों कोई काम था" नीलम ने कंचन के साथ बैठते हुए कहा।
"नही ऐसे ही कह रही थी" कंचन ने अपनी चोरी पकरे जाने पर घबराते हुए कहा।

"यार शर्मा मत जो पूछना है जल्दी पूछ, आज मुझे जल्दी घर जाना है" नीलम ने कंचन की तरफ देखते हुए कहा।
"नीलम तुम ने कल कहा था । " इतना कहकर कंचन चुप हो गई ।
"कंचन बोल न, हाँ तो क्या तुमने भी अपनी जवानी का मजा लेने का सोच लिया है" नीलम को जैसे ही कल वाली बात याद आई। उसने उछलते हुए कहा ।
"मगर नीलम मैं किसी के साथ रिस्क नहीं ले सकती" कंचन ने अपनी मजबूरी नीलम को बताते हुए कहा ।

"मैंने कहा था न की तुम अपने भाई पर ट्राई करो" नीलम ने जल्दी से कहा।
"नीलम तुम मुझे अपने सगे भाई के साथ गलत काम करने को कह रही हो, तुम्हारा भाई होता तो ऐसा करती"
कंचन ने नीलम को गुस्से से कहा ।
"कंचन अगर मेरा कोई भाई होता और वह जवान होता तो मुझे बदनाम होने की क्या ज़रूरत थी" नीलम ने कंचन को समझाते हुए कहा।
"मगर यह पाप नहीं है" कंचन ने नीलम से कहा।
"पाप पुण्य की सोचेगी तो भूखी मर जाएगी" नीलम ने कंचन से कहा।

नीलम ने कंचन को खमोश देखकर कहा "एक राज़ की बात बताउं, किसी को बताना मत ?",
"हा बताओ नीलम, मैं किसी को नहीं बताऊँगी" कंचन ने जल्दी से उतावली होते हुए कहा।
"तुम्हेँ पता है मुझे चुदाई का चस्का किसने ड़ाला था ?"
"नीलम बताओ न मुझे क्या पता" कंचन ने नीलम की बात का जल्दी से जवाब देते हुए कहा।
तुम्हेँ पता है की जब मैं १८ साल की थी तो मेरी माँ का इंतक़ाल हो गया और मेरा कोई भाई बहन भी नहीं है ।माँ के मरने के बाद मेरे बापु गुमसुम रहने लगे ।
 
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