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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Nevil singh

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रेखा ने शादी के २२ सालों के बाद अपने जिस्म को गौर से देखा था, रेखा अपने जिस्म को देखकर फ़ख़र महसूस कर रही थी की ३ बच्चों की माँ होते हुए भी वह बिलकुल बदली नहीं थी बल्कि उसका बदन निखर कर और ज़्यादा आक्रर्षक हो गया था ।
रेखा को अचानक कुछ याद आया और वह जल्दी से अपने कपड़े पहन कर बाथरूम से बाहर आ गयी, रेखा ने अपने पति को जगाते हुए कहा "उठो 7:30 हो गये है, ऑफिस नहीं जाना क्या ।

मुकेश रेखा की आवाज़ सुनते ही जल्द से उठकर बाथरूम में घुस गया, रेखा को अभी अपनी दोनों बेटियों और इकलौते बेटे को उठाना था । रेखा पहले अपनी बड़ी बेटी कंचन के कमरे में आ गयी ।
कंचन बेखबर सो रही थी, रेखा जैसे ही उसे उठाने के लिए उसके बेड तक पुहंची उसकी नज़र कंचन के साँसों के साथ ऊपर नीचे होती हुयी उसकी दोनों चुचियों पर पडी ।

कंचन की चुचियाँ बुहत ज़्यादा तो बड़ी नहीं थी मगर रेखा अपनी बेटी की चुचियों को देखकर समझ गयी की उसकी बेटी अब जवान हो चुकी है।

रेखा ने कंचन को उठाते हुए कहा "बेटी उठो कॉलेज नहीं जाना क्या?", कंचन अपनी माँ की आवाज़ सुनकर उठने लगी ।।।। कंचन ने कोमल को भी उसके कमरे में जाकर उठा लिया ।
रेखा कोमल को देखकर मन ही मन में सोचने लगी, उसकी बेटी का जिस्म नाम की तरह कोमल ही है ।।।। और रेखा वहां से जाते हुए अपने बेटे के कमरे में आ गयी, विजय को सिर्फ एक अंडरवियर में सोने की आदत थी । रेखा ने अपने बेटे को पुकारते हुए कहा "उठो बेटा कॉलेज नहीं जाना क्या ।

विजय करवट लेता हुआ सीधा हो गया और अपना कम्बल अपने मुँह पर ड़ालते हुए कहा "सोने दो न माँ इतना सवेरे क्यों उठा रही हो"।
रेखा ने कहा "तुम ऐसे नहीं मानोगे और विजय के ऊपर से उसका कम्बल खीँच कर हटा दिया" विजय के ऊपर से कम्बल के हटत्ते ही रेखा की साँसें अटकने लगी । विजय के अंडरवियर में बुहत बड़ा तम्बू बना हुआ था जिसे देखकर उसकी माँ की साँसें ऊपर नीचे होने लगी ।
विजय बडबडाता हुआ उठ गया और अपने बाथरूम में चला गया, रेखा को तो जैसे होश ही नहीं रहा हो वह किसी बूत की तरह वहां से जाते हुए किचन में चली गयी । रेखा के दिमाग में तो उसके बेटे का लंड घूम रहा था।
bemishaal mitr
 

Nevil singh

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रेखा ने जैसे तैसे अपने पति और बच्चों के लिए नाश्ता बनाया और उनके साथ बैठकर नाश्ता करने लगी, "बापु जी नहीं उठे क्या ?", मुकेश ने रेखा से सवाल किया,
"आपको तो पता है वह देर से उठते है, बेचारे को सारा दिन कोई काम तो है नहीं फिर सवेरे उठ कर क्या करे", रेखा ने जवाब दिया !
मुकेश नाश्ता ख़तम करके ऑफिस चला गया और तीनों बच्चे भी कॉलेज के लिए निकल गये, रेखा को अभी बाजार से सब्ज़ि भी खरीदनी थी । रेखा ने सारे बर्तन धोकर किचन में रख दिए और सब्ज़ि ख़रीदने के लिए घर से निकल पडी।

रेखा जब सब्ज़ि खरीद कर वापस आ रही थी उस ने देखा की गली में सामने से एक गदहा और गदही भागते हुए आ रहे हैं, गदहा का लंड फुल आकार में किसी मोटे डण्डे की तरह उछल रहा था । रेखा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था तभी ठीक उसके सामने गदहा गदही के ऊपर चढ़ गया और अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल कर उसे चोदने लगा, थोडी ही देर में उस गदहे ने गदही की चूत में वीर्य भर दिया !

गधे का लंड सिकोड़ कर गदही की चूत से निकल गया । रेखा की हालत बिगड चुकी थी उसका पूरा जिस्म पसीने में भीग चूका था और उसका गला ख़ुश्क हो चुका था, रेखा ने अपनी साड़ी के पल्लु से अपना चेहरा साफ़ किया और इधर उधर देखकर आगे बढ़ने लगी ।
nice mitr
 

Nevil singh

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रेखा ने गली में किसी और को न देखकर चैन की साँस ली, वह चलते हुए अपने घर में आ गयी । रेखा ने सब्ज़ि को किचन में रखा और अपने ससुर अनिल वर्मा को उठाने के लिए उसके कमरे में जाने लगी।

रेखा जैसे ही अपने ससुर के कमरे में पुहंची वह हैंरान रह गयी, उसका ससुर नींद में ही एक तकिये को अपनी बाहों में भर कर चूमते हुए बडबड़ा रहा था और उसका कम्बल उससे दूर पडा था । रेखा ने देखा उसके सुसुर की धोती आगे से थोडा खुल चुकी थी जिस वजह से रेखा को उसके ससुर का लंड उसे साफ़ दिखाई देने लगा !
रेखा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था के आज क्या हो रहा है, उसके कदम अपने आप आगे चलने लगे और वह अपने ससुर के लंड को क़रीब से देखने लगी !

रेखा के ससुर की उम्र 60 बरस थी फिर भी उसका लंड पूरा आकार में 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा दिख रहा था, रेखा की सास को मरे हुए १० साल बीत चुके थे ।रेखा का दिल कर रहा था के अभी अपना हाथ बढा कर अपने ससुर के लंड को पकड ले !
रेखा अपनी तम्मनाओं को दिल में ही रखे हुए अपने ससुर को आवाज़ देकर उठाने लगी, रेखा की आवाज़ सुनकर अनिल हड़बड़ाता हुआ उठ गया । रेखा वहां से जाते हुए सीधा अपने कमरे में पुहंच गई।

रेखा की हालत बुहत बिगड चुकी थी, उसकी पेंटी बिलकुल गीली हो चुकी थी । रेखा ने अपने कमरे में आते ही अपने कपडे उतारते हुए अपनी गीली चूत में दो उँगलियाँ डाल दी और बुहत तेज़ी के साथ अपनी उँगलियों को चूत में अंदर बाहर करने लगी !
"रेखा कुछ ही देर में आह्ह ओह करते हुए झरने लगी", झरते हुए रेखा ने अपनी ऑंखें बंद कर ली । कुछ देर बाद रेखा ने अपनी ऑंखें खोलि और अलमारी से दूसरी पेंटी निकाल कर पहन ली, रेखा अपने ससुर की चाय बनाने के लिए किचन में आ गयी !
beautiful mitr
 

Nevil singh

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रेखा चाय बनाकर उसे अपने ससुर के कमरे में ले जाने लगी, रेखा जैसे ही अपने ससुर के कमरे में पुहंची उसका ससुर फ्रेश होकर कुर्सी पर बैठ कर पेपर पढ रहा था । रेखा ने नीचे झुकते हुए चाय का कप अपने ससुर के सामने पडी हुयी टेबल पर रख दिया !
अनिल ने अपनी बहु को देखकर पेपर को टेबल पर रख दिया, रेखा के झुकते ही उसका पल्लु नीचे गिर गया और उसकी भारी भरकम चुचियां आधी नंगी होकर उसके ससुर के ऑंखों के सामने आ गई । अनिल की नज़र अपनी बहु की चुचीयों को देखकर वहीँ अटक गई।

रेखा ने अपने ससुर को यो घूरता हुआ देखकर जल्दी से सीधा होते हुए अपना पल्लु ठीक कर दिया, अनिल ने भी जल्दी से अपनी नज़र नीचे करते हुए चाय का कप उठा लिया ।रेखा अनिल के चाय पीने के बाद कप उठाकर वहां से चलि गयी !
रेखा और उसका ससुर दोनों आपस में बात करने से हिचकिचा रहे थे, रेखा ने बाहर आते हुए सोचा की उसका ससुर १० साल से प्यासा है अगर उसे अपने जिस्म की प्यास बुझानी है तो उसे अपने ससुर को जलवा दिखाना ही पडेगा !

रेखा यह सोचते हुए अपने कमरे में आ गयी और अपने कपडे उतारते हुए उसने पुराने कपडे पहन लिए जो बुहत ढीले थे, रेखा वह कपडे पहन कर झाडू उठा कर अपने ससुर के कमरे में पुहंच गयी !
रेखा ने जान बूझ कर झाडू देते हुए अपना चेहरा ससुर की तरफ रखा और झाडू देते हुए अपने ससुर से बातें करने लगी । अनिल की नज़र जैसे ही अपनी बहु पर पड़ी उसका लंड धोती में फडकने लगा, रेखा के नीचे झुके होने के सबब उसकी चुचियां उसके बड़े गले वाले ब्लाउज में से ७०% अनिल के ऑंखों के सामने थी।

अनिल के तो जैसे होसले ही खट्टा हो गये, वह अपनी ऑंखों को अपनी बहु की चुचीयों पर ही टिकाये हुए था ।रेखा अपने ससुर की ऑंखों को अपनी चुचियों की तरफ घूरता हुआ देखकर खुश होते हुए और नीचे होते हुए अपनी बड़ी बड़ी चूचियों का जलवा अपने ससुर को दिखाने लगी !
रेखा को अचानक एक आइडिया आया और वह अपने घुटनों के बल फर्श पर बैठते हुए उलटी हो गई । रेखा झाडू को बेड के नीचे घुमाने लगी, अनिल के तो होश ही उड़ गये !





अनिल की ऑंखों के सामने अपनी बहु के भारी चूतड़ नज़र आ रहे थे, रेखा ऐसे झुके हुए थी की उसकी साड़ी में से उसकी पेंटी साफ़ दिखाई दे रही थी ।अनिल अपनी बहु के भारी चूतडों को छोटी सी पेंटी में देखकर पागल होने लगा !
रेखा अब वहां से उठते हुए अपने ससुर के सामने आ गयी और वहां पर नीचे बेठते हुए झाडू को टेबल के नीचे घूमाने लगी, अनिल का लंड अपनी बहु की चुचियों को इतना नज़दीक से देखकर फुल तनकर झटके मारने लगा । रेखा ने नीचे झुके हुए ही अपने ससुर की धोती में उसके तने हुए लंड को देख लिया।

रेखा का काम हो चूका था वह अब वहां से जाने लगी, अनिल आज १० सालों बाद फिर से इतना गरम हुआ था ।अनिल को वैसे महिने में एक दो दफ़ा नाईट फॉल आता था मगर वह इतना एक्साइटेड नहीं होता था जितना आज हुआ था !
अनिल आज अपनी बहु की जवानी को देखकर बुहत ज़्यादा एक्साइटेड हो गया था, वह बहु के जाते ही बाथरूम में घुस गया और अपनी धोती निकाल कर अपने लंड को अपने हाथों से आगे पीछे करने लगा ।
rashili mitr
 

Nevil singh

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अपडेट 3





रेखा को यकीन नहीं आ रहा था की उसके ससुर के लंड से निकलता हुआ वीर्य उसके हाथों और कपड़ों को गन्दा कर चूका था, अनिल के लंड से जब वीर्य की पिचकारियां निकलना बंद हुयी तो उसने अपनी आँखें खोली । ऑंखें खोलते ही अनिल के पैरों के नीचे से ज़मीन निकल गयी ।
अनिल ने जल्दी में अपने बाथरूम का दरवाज़ा बंद न करने की जो गलती की थी उसका नुकसान तो हो चूका था।" बाबूजी आपको शर्म नहीं आती इस उम्र में भी यह काम करते हो और अपने बाथरूम का दरवाज़ा भी बंद नहीं करते" अनिल कुछ कहता इससे पहले रेखा ने गुस्से से उसे डाँटते हुए कहा और वहां से जाते हुए अपने कमरे में आ गयी।

रेखा ने अपने कमरे में पुहंच कर दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया, रेखा का प्लान सफल हो चूका था । वह अपने बेड पर बैठते हुए अपने ससुर के वीर्य से भरे हुए हाथ को देखने लगी ।
रेखा ने अपने हाथ को देखते हुए ऊपर उठाया और उसे अपने नाक के पास ले जाकर सूँघने लगी, अपने हाथ को सूँघते हुए रेखा की आँखें बंद होने लगी ।

रेखा ने अपनी जीभ निकाली और अपने हाथ पर लगे हुए अपने ससुर के वीर्य को चाटने लगी, रेखा ने अपनी जीभ से अपने दोनों हाथों को चाट कर साफ़ कर दिया ।और वह कपडे उतारकर दूसरे पहन लिए । रेखा कपडे बदलकर जैसे ही बाहर निकली उसका ससुर बाहर बैठा था ।
रेखा को देखते ही उसका ससुर कुर्सी से उठते हुए उसके क़रीब आ गया, रेखा के दिल की धडकनें अपने ससुर को अपनी तरफ आते हुए देखकर तेज़ चलने लगी । रेखा इससे पहले कुछ समझ पाती उसका ससुर रेखा के पैरों में गिर गया।

"बहु मुझे माफ़ कर दो में बहक गया था, तुमने अगर इस बारे में किसी को बताया तो मैं किसी को मुँह दिखाने के लायक नहीं रहुँगा" ।अनिल रेखा के पैरों को पकडकर गिडगिडा रहा था ।
रेखा को मन ही मन में हंसी आ रही थी, उसने नीचे झुकते हुए अपने ससुर के हाथों को अपने पैरों से हटाते हुए उसे ऊपर उठाने लगी ।अनिल ने जैसे ही अपना मूह ऊपर किया उसको रेखा की बड़ी बड़ी चुचियां ठीक अपने मूह के सामने नज़र आने लगी ।

अनिल ने फ़ौरन अपनी नज़रें वहां से हटा ली और उठकर सीधा खडा हो गया, रेखा ने अपने ससुर के सीधा होते ही उससे कहा "आप हमारे पाँव पकड़कर हमें पापी क्यों बना रहे हो ?" ।अनिल ने अपना सर झुकाते हुए कहा "बहु हम तुम्हारे गुनहगार हैं" ।
रेखा ने मुस्कुराते हुए कहा "बाबू जी इस में आप का कोई दोष नहीं है", अनिल ने हैंरान होते हुए कहा।

"मगर बहु हम गन्दा काम कर रहे थे "बाबू जी आप की बीवी को गुज़रे हुए १० साल हो चुके है, आपकी भी कुछ ज़रूरतें होंगी । हमें आपके बाथरूम की तरफ नहीं जाना चाहिए था"।

रेखा की बात सुनकर अनिल को कुछ सुकून महसूस हुआ, रेखा ने आगे बोलते हुए कहा "वैसे भी आपको गरम करने में मेरा ही क़सूर है" । अनिल अपनी बहु की ऐसी खुली हुयी बात को सुनकर हैरान रह गया ।
अनिल ने रेखा को देखते हुए कहा "नही बेटी तुम अपने ऊपर क्यों दोष डाल रही हो", रेखा ने अपनी साड़ी को ठीक करते हुए कहा "सही तो कह रही हूँ बाबजी, सारा दिन तो आप घर में ही रहते हो और मुझे ही देखते रहते हो" ।
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Nevil singh

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आपको गरम करने में मेरा ही तो दोष हुया", अनिल अपनी बहु की बातें सुनकर फिर से गरम होने लगा । उसने रेखा से कहा "तुम बुहत अच्छी हो, मेरी इतनी बड़ी गलती को तुमने इतनी जल्दी माफ़ कर दिया" ।
रेखा ने अपने ससुर के सामने से अपनी गांड को मटकाते हुए सोफ़े की तरफ जाते हुए कहा "बापु जी मैंने कहा न आपकी गलती नहीं है, अब आप सुबह सुबह अपनी बहु के बड़े बड़े ताज़े आम देख लोगे तो गरम तो होंगे ही" ।।।। अनिल मन ही मन में सोचने लगा साली दिखने में बुहत सीधी है मगर लगता है बुहत बड़ी छिनाल है।

रेखा ने अपने ससुर को चुप देखकर कहा "बाबूजी एक बात पूछुं?", अनिल ने जल्दी से कहा "हा पूछो" । "आपको मैं केसी लगती हुँ?" रेखा ने सोफ़े पर बैठते हुए कहा ।
अनिल अपनी बहु का सवाल सुनकर हड़बड़ा गया और हकलाते हुए कहा "कैसी मतलब क्या, तुम बुहत ख़ूबसूरत हो तो हमें भी ख़ूबसूरत लगती हो" । रेखा ने अपने ससुर की बात सुनकर कहा "वो तो हमें भी पता है की हम ख़ूबसूरत हैं, मेरा मतलब है हमारा जिस्म कैसा लगता है"।

अनिल अपनी बहु के सीधे सवाल पर हैरान रह गया, उसने रेखा से कहा "बेटी तुम कैसी बातें कर रही हो, तुम मेरी बहु हो" । रेखा ने मुसकुराकर कहा "बाबूजी हमें पता है आप हमारे ससुर है, मगर क्या हम दोनों आपस में दोस्त नहीं बन सकते ?"
अनिल ने कहा "हा क्यों नही", रेखा ने खुश होते हुए कहा "जब हम आपस में दोस्त बन चुके हैं तो फिर एक दुसरे से क्या शरमाना, हम एक दुसरे से कोई भी बात नहीं छुपायेंगे । अब आप बताओ हमारा जिस्म आपको कैसा लगता है ?"

अनिल ने अपनी बहु की बात सुनकर कहा "बेटी सच में तुम्हारा जिस्म बहुत अच्छा है", रेखा अपने ने ससुर की बात सुनकर खुश होते हुए कहा " बाबूजी सच बताओ आप को मेरे जिस्म में सब से ज़्यादा क्या अच्छा लगता है?" । अनिल ने रेखा की चुचियों की तरफ देखते हुए कहा "बेटी तुम्हारे वह बड़े बड़े आम के फल हमें बुहत अच्छे लगते हैं" ।
रेखा ने हँसते हुए अपनी चूचियों को अपने हाथों से पकडते हुए कहा "इसलिए तो आप हमें झाडू लगाते हुए हमारे इन आम के फ़लों को देखकर गरम हो गये थे"।

अनिल ने कहा "हाँ तुम्हारे यह आम झाडू लगाते हुए आधे से ज़्यादा नंगे नज़र आ रहे थे।

"ह्म्मम इसीलिए आप इतने उतावले हो रहे थे की अपने बाथरूम का दरवाज़ा भी बंद नहीं किया" रेखा ने हँसते हुए कहा।

हम खाना बनाने जारहे हैं आप बताओ आज क्या खाओगे आज आपकी पसंद की डिश बनाते हैं ।
"बहु मुझे तो खीर बुहत पसंद है" अनिल ने अपनी बहु की चुचियों की तरफ देखते हुए कहा।
"बाबू जी पहले क्यों नहीं बताया आपने ।
अच्छा मैं अभी आपके लिए खीर बनाती हूँ", रेखा ने अपने चुचियों को हिलाते हुए कहा और किचन में जाकर अपने ससुर के लिए खीर बनाने लगी।
ramniye mitr
 

Nevil singh

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अनिल वहां से उठते हुए अपने कमरे में आ गया और अपने कमरे में एक कुर्सी पर बैठते हुए सोचने लगा "अगर बहु उससे चुदवाने के लिए राज़ी हो जाये तो मजा ही आ जायेगा"।
रेखा खीर बनाकर अपने ससुर के कमरे में ले जाने लगी और खीर को वहां पर झुकते हुए रखने लगी ।
रेखा ने खीर टेबल पर रखते हुए कहा "बाबू जी आप गरम खीर पीयेंगे या ठण्डा करके ले आऊँ।
"बेटी हमें तो गरम दूध ही पसंद है" अनिल ने अपनी बहु की बड़ी चुचियों को देखते हुए कहा।

"आप खुद उठाकर पीयेंगे या मैं आप के मूह में डाल दूँ", रेखा ने वैसे ही झुके हुए कहा।
रेखा की इस डबल मीनिंग वाली बात को सुनकर अनिल का लंड उसकी धोती में फडकने लगा । अनिल ने हाथ आगे बढाते हुए खीर को टेबल से उठा लिया और उसे पीने लगा।

रेखा अपने ससुर को खीर पिलाने ले बाद वहां से जाते हुए किचन में चलि गयी और अपने बच्चों के लिए खाना बनाने लगी ।

इधर कॉलेज की छुट्टी होते ही विजय अपनी दोनों बहनों के साथ घर आने के लिए एक रिक्शा को रोका, रिक्शा के रुकते ही तीनों उसमें पीछे बैठ गए ।

विजय और उनकी बहनों के बैठते ही रिक्शा चलने लगा, यह उनका डेली का रूटीन था की वह अपने कॉलेज में आते जाते रिक्शा में ही थे । विजय के साथ उसकी बड़ी बहन कंचन बैठी थी अचानक रिक्शा एक खड्डे से गुज़रा और कंचन उछल कर आगे की तरफ गिरने लगी, विजय ने अपने दोनों हाथों को आगे बढाते हुए अपनी बहन को गिरने से बचाया।

कंचन की बॉडी विजय के हाथ में आकर वहीँ रुक गयी मगर विजय के हाथ अपनी बहन के चुचियों को पकडे हुए थे, कंचन अपनी चुचियों पर विजय के सख्त हाथ पाते ही सिहर उठी और जल्दी से पीछे होते हुए बैठ गयी ।
विजय भी अपने हाथों पर अपनी बड़ी बहन की नरम नरम चुचियों को महसूस करके हैंरान रह गया था। विजय ने कभी किसी लड़की की चुचियों को छुआ नहीं था । उसे मालूम नहीं था की चूचियाँ इतनी नरम होती है।

विजय का लंड उसकी पेंट में हलचल मचा रहा था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था, अचानक रिक्शा रुक गया और उसकी दोनों बहने रिक्शा में में उतर गयी । कंचन ने अपने भाई को कहा "वीजू घर आ गया है उतरो क्या हुआ तुम्हें", विजय चौकते हुए जैसे खवाब से वापस आया और रिक्शा से उतर कर घर में दाखिल हो गया।
rochak mitr
 

Siraj Patel

The name is enough
Staff member
Sr. Moderator
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113,056
354
Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 
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