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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

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समीर ने अपनी बहन के मुँह से अपने लंड को निकालते हुए उसे सीधा कर दिया और उसे अपनी बाँहों में भरते हुए उसके होंठ चूसने लगा । समीर ने अपनी बहन के होंठ चूस्ते हुए अपनी जीभ को उसके मूह में डाल दिया ।

ज्योति मज़े से अपने बड़े भाई की जीभ को अपने होंठो से चूसने लगी, समीर अपने हाथों से अपनी छोटी बहन के पीठ को सहलाते हुए उसकी ब्रा को पीछे से खोल दिया । ज्योति बुहत गरम हो चुकी थी उसने अपने भइया की जीभ को चूसना छोडकर अपनी जीभ को उसके मूह में डाल दिया।

समीर अपनी बहन की जीभ को चूस्ते हुए उसकी ब्रा को उतारने लगा, ज्योति ने अपने मूह अपने भैया के मूह से हटाते हुए अपनी बाहें ऊपर करते हुए अपनी ब्रा उतरवा दी । समीर अपनी छोटी बहन की ब्रा के उतरते ही उसकी चुचियों को देखकर पागल हो गया ।ज्योति की चुचियाँ बुहत गोरी थी और उसकी चूचि के दाने मोटे और हल्के गुलाबी थे । समीर ने अपने दोनों हाथों से अपनी छोटी बहन की दोनों चुचियों को पकड लिया और अपना मूह खोलते हुए उसकी एक चूचि को अपने मूह में ले लिया ।

"आह्ह्ह्ह अपनी चूचि को अपने बड़े भाई के मूह में महसूस करते ही ज्योति सिसक उठी" । समीर तो जैसे अपनी दीदी की चुचियों का दीवाना हो गया, वह बुहत ज़ोर से अपनी छोटी बहन की दोनों चुचियों को बारी बारी चूसने और काटने लगा ।
ज्योति बुहत गरम हो चुकी थी उसकी चूत से पानी निकल कर उसकी कच्छी को भिगो रहा था । समीर अपनी दीदी की चुचियों को जी भरकर चाटने और काटने के बाद नीचे होते हुए उसके पेट को चूमने लगा। समीर अपनी दीदी के पेट को चाटते हुए उसकी कच्छी तक आ गया।

"आह्ह्ह्ह अपनी कच्छी पर अपने भइया के होंठ पड़ते ही ज्योति के मूह से सिसकि निकल गई", समीर ने अपने हाथों से अपनी छोटी बहन की कच्छी को उतार दिया । ज्योति अब बिलकुल नंगी अपने बड़े भाई के सामने खड़ी थी ।
समीर अपनी बहन की कच्छी को उतारने के बाद खडा होकर बड़े गौर से उसे देखने लगा, ज्योति अपने बड़े भाई को अपना जिस्म ऐसे घूरता हुआ देखकर शर्म के मारे उसके गले से जा लगी । समीर ने अपनी नंगी छोटी बहन को गोद में उठाते हुए सोफ़े पे ले जाकर लेटा दिया।

समीर अपनी बहन की टांगों के पास बैठते हुए उसकी दोनों टांगों को आपस में से अलग कर दिया और बड़े गौर से अपनी छोटी बहन की चूत को देखने लगा । ज्योति की चूत पर घने बाल उगे हुए थे ।
समीर नीचे झुकते हुए अपने हाथों से अपनी छोटी बहना की चूत के बालों को साइड में करते हुए हुए उसकी रस टपकाती चूत को घूरने लगा ।
"दीदी आप चूत के बाल साफ़ नहीं करती क्या ?" समीर ने अपनी बहन की चूत की बड़ी झाँटों को सहलाते हुए कहा।
"भइया मुझे यहाँ बुहत शर्म आ रही है, मेरे कमरे में चलो ना" ज्योति ने अपनी ऑंखें बंद करते हुए कहा।

समीर अपनी बहन की बात सुनकर उसे फिर से अपनी गोद में उठा लिया और अपनी छोटी बहन को चोदने के लिए उसे उसके कमरे में ले जाने लगा । समीर ने अपनी बहन को उसके कमरे के बेड पर लेटाते हुए कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया ।
"भइया मैं अपनी चूत को किस के लिए साफ़ करती" ज्योति ने दरवाज़ा बंद करने के बाद अपने भाई से कहा।
"अब तुम अपने भैया के लिए अपनी चूत को साफ़ करना" ।।।।समीर ने बेड की तरफ आते हुए कहा।
"आप ही मेरी झाँटों को साफ़ कर दो ना" ज्योति ने अपने भाई से कहा।
"नही यार अभी छोड़ फिर कभी कर लेना" समीर ने अपनी बहन की टांगों को फ़ैलाते हुए कहा ।
Gr8 work ❤❤
 

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ज्योति की चूत गोरी थी क्योंके झाँटों को दूर करने से उसकी चूत और उसके गुलाबी होंठ नज़र आ रहे थे।समीर ने अपनी छोटी बहन की चूत के झाँटों को दूर करते हुए उसके गुलाबी लबों को छु लिया।
"आह्ह शी अपनी चूत पर अपने बड़े भाई के होंठ पड़ते ही ज्योति मज़े से तड़प उठी।

समीर से अब रहा नहीं जा रहा था उसने अपनी बहन की टांगों को घुटनों तक मोडते हुए उसके चुतडो के नीचे एक तकिया रख दिया । ज्योति की चूत अब बिलकुल खुल कर ऊपर उठ गयी थी और उसकी चूत का छेद खुला हुआ था जिस में से पानी निकल रहा था।
समीर अपनी छोटी बहन की टां के नीचे बैठते हुए अपने लंड को ज्योति की चूत पर रगडने लगा।
"आह्ह भैया आराम से डालना 8 बरसों से यह बंजर है" ज्योति ने सिसकते हुए कहा।
समीर ने अपने लंड को पकड कर अपने बहन की चूत के छेद पर रख दिया ।

समीर अपने लंड को अपनी छोटी बहन की चूत के छेद पर रखकर थोडा ऊपर नीचे करने लगा।
"भइया डाल दो अब बर्दाशत नहीं होता" ज्योति ने अपने चुतडों को उछालते हुए ज़ोर से सिसकते हुए कहा ।
ज्योति की चूत में से उत्तेजना के मारे बुहत ज़्यादा पानी निकल रहा था। जिस से समीर का लंड पूरा भीग चूका था । समीर ने इस बार अपना लंड अपनी बहन की चूत के छेद पर रखते हुए एक हल्का धक्का लगा दिया।
"उह आह्हः ज्योति के मूह से हलकी चीख़ निकल गई" समीर के लंड का मोटा सुपाडा उसकी छोटी बहन की चूत में फँस गया।

समीर ने अपनी बहन की टांगों को पकडते हुए एक और धक्का मार दिया।
"उई माँ मर गयी ज्योति दर्द के मारे झटपटाने लगी" समीर का लंड अपनी बहन की चूत को चीरता हुआ ३ इंच तक अंदर घुस गया ।
"दीदी क्या हुआ आप शादिशुदा होकर भी इतना चीख़ रही हो?" समीर ने अपनी दीदी से पूछा।
"भइया आपका बुहत मोटा और लम्बा है और मेरी चूत ८ साल से चूदी नहीं है इसीलिए वह बंद हो चुकी है। प्लीज आराम से करना" ज्योति ने दर्द के मारे सिसकते हुए कहा ।

समीर अपनी छोटी बहन को जितना लंड अंदर गया था उसी से हलके धक्के लगाते हुए चोदने लगा, कुछ ही धक्कों के बाद ज्योति की चूत में लंड ने अपनी जगह बना ली और वह मज़े से सिसकते हुए अपने बड़े भाई से चूदवाने लगी ।
ज्योति की चूत से मज़े से रस निकल रहा था जिस वजह से समीर का लंड आराम से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था । समीर ने अब अपनी बहन की टांगों को पकडते हुए ज़ोर से अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। बुहत ज़ोर लगा कर चोदने की वजह से समीर का लंड सरकता हुआ ६ इंच तक उसकी बहन की चूत में घुस चूका था।
Nice update👍👍
 

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"भइया बस और अंदर मत घुसाओ मेरी चूत फट जाएगी, मेरे पति का इतना ही लम्बा था" ज्योति ने बुहत तेज़ी से साँसें लेते हुए कहा ।
समीर अपनी बहन को अब उतना लंड ही डाले चोदने लगा, १५-२० धक्कों के बाद ही ज्योति बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपना चूतड़ उछालने लगी । समीर अपनी बहन के चूतड़ उछालने से समझ गया के वह झरने वाली है इसीलिए वह अपनी बहन की चूत में बुहत तेज़ी के साथ धक्के लगाने लगा ।

ज्योति अपनी चूत में ८ साल बाद अपने भाई के लंड की रगड से पागल हो रही थी और उसका सारा बदन मज़े के मारे काम्प रहा था । ज्योति का पूरा बदन पसीने से भीग गया और उसका पूरा बदन अकडने लगा ।
ज्योति की चूत अचानक झटके खाते हुए झरने लगी और ज्योति अपने बड़े भाई के लंड पर बुहत तेज़ी के साथ अपने चूतड़ उछालते हुए मज़े से अपनी ऑंखें बंद करके "उह आह्ह्ह्ह ईह" करते हुए झरने लगी । समीर अपनी बहन की चूत से पानी निकलता हुआ देखकर उसे बुहत ज़ोर के धक्के लगाते हुए पेलने लगा।

ज्योति की चूत एक बार झरने से अंदर से बिलकुल गीली हो चुकी थी। जिस वजह से अब समीर का लंड बड़े आराम से अंदर बाहर हो रहा था । समीर ने अपनी बहन के पूरा झरने के बाद उसकी टांगों को ज़ोर से पकडते हुए ३-४ ज़ोर के धक्के लगाते हुए अपना पूरा लंड अपनी छोटी बहन की चूत में घुसा दिया ।

"उईई माँ मार ड़ाला ओहहहह मेरी चूत फट गई" ज्योति अपने भाई का पूरा लंड अपनी चूत में घुसते ही ज़ोर से चिल्लाते हुए तडपने लगी ।

समीर अपनी बहन को ऐसे चिल्लाते हुए देखकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाले ही उसके ऊपर झुक गया और अपनी बहन की एक चूचि को सहलाते हुए उसकी दूसरी चूचि के दाने को अपने मूह में भरकर चूसने लगा ।

ज्योति कुछ देर में ही कुछ शांत हो गई और अपने बड़े भाई के बालों में हाथ ड़ालते हुए अपनी चूचि पर दबाने लगी।
"दीदी बुहत दर्द हो रहा है क्या?" समीर ने अपनी दीदी की चूचि को अपने मूह से निकालते हुए कहा।
"नही भैया अब ठीक है, आपका लंड इतना बड़ा है की वह मुझे अपने पेट तक महसूस हो रहा है" ज्योति ने सिसक कर अपने चुतडो को अपने भाई के लंड पर उछालते हुए कहा।
Mast update
 

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समीर अपनी बहन को एक चुम्बन होंठो पर देते हुए उसकी चुचियों को अपने हाथों से पकडते हुए उसकी चूत में हलके धक्के लगाने लगा । ज्योति अपने भाई के लंड को अपनी चूत में जड़ तक महसूस करके मज़े से बुहत ज़ोर से सिसकते हुए अपने भाई के होंठो को चूमने लगी, समीर अपनी बहन को गरम होता हुआ देखकर उसके ऊपर से उठते हुय उसकी टांगों को पकड लिया ।

समीर अपनी बहन की टांगों को पकडते हुए अपने लंड को पूरा बाहर निकालकर फिर से घूसाने लगा । ज्योति अपने बड़े भाई के हर धक्के के साथ मज़े से काम्प उठती । ज्योति को इतना मजा आ रहा था की वह अपने भाई के हर धक्के के साथ अपने मांसल चूतड़ उछाल उछाल कर उसके लंड को अपनी चूत में लेते हुए सिसक रही थी ।
ज्योति का बदन अकडने लगा और उसकी चूत अपने भाई के मोटे और लम्बे लंड से हारकर फिर से काँपते हुए आंसू बहाने लगी । ज्योति ज़िंदगी में पहली बार एक चुदाई से दो बार झरी थी।

समीर अभी तक झडा नहीं था, अब वह अपनी बहन की चूत में बुहत तेज़ और भयानक धक्के लगाने लगा । ज्योति की चूत दो बार झरने की वजह से बुहत गीली थी और समीर के हर धक्के के साथ उसकी चूत से फ़च फच की आवाज़ निकल रही थी ।
ज्योति की चूत आधे घन्टे से अपने बड़े भाई से चुद्वाते हुए लाल हो चुकी थी, अचानक समीर हाँफते हुए ज़ोर जोर से धक्के लगाने लगा ।

"दीदी मैं झरने वाला हूं, जल्दी बताओ अंदर झडुं या बाहर?" समीर ने तेज़ साँसें लेते हुए कहा।
"भइया अंदर झरना मेरी चूत कब से प्यासी है, आज इसे अपने भाई के लंड का वीर्य पीने दो" ज्योति ने अपने भाई को जल्दी से जवाब देते हुए कहा ।

"आह्हः दीदी मैं गया" समीर अपना लंड बुहत तेज़ी के साथ अपनी बहन की चूत में अंदर बाहर करता हुआ झरने लगा।
"ओहहह शहहह भैया आप बुहत अच्छे हो, आह्ह्ह्ह मैं भी आई" अपने बड़े भाई के लंड का वीर्य अपनी सालों से प्यासी चूत में गिरते ही ज्योति भी अपनी चूत को अपने भाई के लंड पर ज़ोर से पटकते हुए झरने लगी।
समीर के लंड से जाने कितनी देर तक पिचकारियां निकल कर अपनी सगी बहन की चूत को भरने लगी। समीर झरने के बाद निढाल होकर अपनी बहन के ऊपर गिर पडा । ज्योति भी अपने भाई के मुसल लंड से चुदते हुए तीन बार झडी थी और वह भी अपनी आँखें बंद किये हुए हांफ रही थी ।
Mast garmagaram update👍👍
 

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विजय अपने लंड के ज़ोर से दबने से हड़बड़ा कर उठ गया और अपनी माँ को सामने देखकर जल्दी से चादर उठाकर अपना नंगा जिस्म छूपाने लगा । रेखा अपने बेटे के उठने से होश में आते हुए अपने बेटे से हँसते हुए कहा "विजय इतनी देर से तुम्हें उठा रही हूँ और तुम हो की सुन ही नहीं रहे हो किसका सपना देख रहे थे ?"
"किसी का भी नही " विजय ने हकलाते हुए कहा।
"रात को इतनी गर्मी थी क्या जो बिलकुल नंगे होकर सो गये?" रेखा ने वैसे ही मुस्कुराते हुए अपने बेटे को टोकते हुए कहा।

"हा माँ रात को बुहत गर्मी थी" विजय ने थूक गटकते हुए कहा।
"लगता है तुम्हारी शादी जल्दी करनी पड़ेगी इतनी गर्मी जो है तुम में" रेखा यह कहते हुए वहां से चलि गयी । विजय सुबह सुबह अपनी माँ की ऐसी बातें सुनकर बुहत गरम हो गया ।
विजय ने बाथरूम में जाकर अपने लंड को हिलाकर झाड़ दिया और फ्रेश होकर अपने कमरे से बाहर आ गया । विजय नाशता करने के बाद अपनी बहनों के साथ कॉलेज के लिए निकल गया, कॉलेज जाने के लिए आज भी वह एक रिक्शा में बैठ गए ।

आज रिक्शा में बैठने के बाद विजय बार बार अपनी बहन के जिस्म से अपने जिस्म को टच करने की कोशिश कर रहा था । कंचन समझ गयी की उसका भाई उसके लिए तड़प रहा था, इसीलिए उसने अपने बाज़ू को ऊपर करते हुए अपने भाई के दूसरी तरफ वाले काँधे पर रख दिया ।
विजय ने जैसे ही अपनी बड़ी बहन की तरफ अपना मूह किया उसको अपनी बहन की चूचि अपनी आँखों के बिलकुल सामने दिखाई दी । विजय का दिल तो कर रहा था की अपनी बड़ी बहन की चूचि को अपने हाथ से मसल दे मगर वह ऐसा नहीं कर सकत था।

विजय को अपनी बहन के जिस्म की ख़ुश्बू पागल बना रही थी, कंचन ने अपने जिस्म पर बुहत खुसबू वाला बॉडी स्प्रे लगाया हुआ था । विजय की तम्मना भगवान ने सुन ली और रिक्शा एक खड्डे में से गुज़रने लगा ।
कंचन ने अपने भाई को ज़ोर से पकड लिया और विजय ने मौका देखकर अपना मूह अपनी बड़ी बहन की चूचि पर रगडने लगा । ऐसे ही कब उनका कॉलेज आया उन्हें पता ही नहीं चला और वह तीनों रिक्शा से उतरकर अपने कॉलेज में जाने लगे ।
Mast safar hota hai rickshaw ka.
 

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रेखा सब के जाने के बाद अपने प्यारे ससुर के लिए चाय बनाकर उनके कमरे में चलि गयी । रेखा ने आज सलवार और कमीज पहनी थी क्योंकी वह अपने बूढ़े ससुर को तडपाना चाहती थी, रेखा ने बुहत पतली कमीज पहनी थी जिस में से उसका सारा जिस्म दिख रहा था ।
रेखा अपने ससुर के कमरे में पुहंचते ही चाय को टेबल पर रखते हुए अपने ससुर को उठाने लगी । अनिल अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही अपनी ऑंखें मलते हुए उठकर बैठ गया, अनिल ने जैसे ही अपनी बहु को देखा उसका लंड बुहत ज़ोर से उछलने लगा।

"बाबूजी आप चाय पी लो मैं अभी आती हू" रेखा अपने ससुर को अपनी तरफ घूरता हुआ देखकर उसकी धोती की तरफ देखते हुए मुस्कुराते हुय कहा । रेखा यह कहते हुए वहां से चलि गयी ।
अनिल चाय पीने के बाद अपने बाथरूम में घुस गया और अपनी धोती उतारते हुए फ्रेश होने की तैयारी करने लगा । रेखा थोडी देर बाद अपने ससुर के कमरे में पुहंची, अनिल के बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था और वह बिलकुल नंगा होकर नहा रहा था ।

"बाबूजी कुछ तो शर्म करो, नंगे होकर नहा रहे हो दरवाज़ा तो बंद कर लो" रेखा ने अपने ससुर को डाँटते हुए कहा।
"बेटी अब तुम से क्या छुपाना, वैसे भी हम दोनों ने एक दुसरे की हर चीज़ देख ली है" अनिल ने अपनी बहु की आवाज़ सुनते ही सीधा होते हुए कहा ।
"बाबूजी आप का यह तो हर वक़त खडा ही रहता है " रेखा ने अनिल के सीधे होते ही उसका तना हुआ लंड देखकर उसकी तरफ इशारा करते हुए कहा।
"अपनी बहु के गठीले जिस्म को देख कर बेचारा खुश होकर उछलने लगता है और कुछ कर तो नहीं सकता" अनिल ने बड़ी बेशरमी से यों ही अपनी बहु के सामने खडे कहा।

"बाबूजी लगता है आप की तरह यह भी बेशरम है जो अपनी बेटी जैसी बहु को देखकर इतना उछलने लगता है" रेखा ने अपने ससुर के लंड को देखते हुए कहा।
"बेटी वह टॉवल तो उठा कर देना मैं भूल गया था" अनिल ने अपनी बहु से कहा ।
रेखा बेड से टॉवल उठाकर अपने ससुर को देने के लिए बाथरूम की तरफ जाने लगी ।
"बाबूजी टॉवेल" रेखा ने बाथरूम के दरवाज़े तक पुहंचकर कहा ।

अनिल ने सीधा होते हुए अपनी बहु को बाज़ू से पकड कर अंदर खीँच लिया । रेखा लडखडाते हुए अपने ससुर के सीने से जा टकराई, शावर खुला होने के कारण रेखा के पूरे कपडे पानी से भीग गयी।
"बाबूजी यह क्या कर दिया आपने। मेरे पूरे कपडे भीग गये" रेखा ने अपने आप को अपने ससुर से छुडाते हुए कहा । अनिल ने रेखा के हाथ से टॉवल लेते हुए दरवाज़े पर रख दिया और अपनी बहु को अपनी बाहों में ज़ोर से भर लिया।
Mast sasur hai bhai
 

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अपडेट 15




साला कौन है इस वक्त दरवाज़े पर , अपनी किस्मत ही खोटी है" अनिल अपनी बहु के ऊपर से हटते हुए अपनी धोती पहनते हुए बोला।
"बाबूजी आपने तो हमारे सारे कपड़े फाड़ दिए, मैं अपने कमरे में जाकर कपड़े पहनती हूँ । आप जाकर दरवाज़ा खोलो" रेखा भी मन ही मन में दरवाज़ा खटकाने वाले को गाली देते हुए अपने ससुर को बोली।

रेखा वहां से जाते हुए अपने कमरे में आ गई और जल्दी से अलमारी में से एक दूसरी सलवार कमीज निकाल कर पहन ली । अनिल ने जैसे ही दरवाज़ा खोला सामने एक डाक वाला खडा था, उसने अनिल को देखते ही एक लेटर देते हुए एक कागज़ पर सिग्नेचर ले लिया।

अनिल दरवाज़ा अंदर से बंद करते हुए लेटर भेजने वाले का नाम पढ़ने लगा । नाम पढते ही अनिल खुश होते हुए अपनी बहु के कमरे में चला गया।
"बेटी देखो किस ने लेटर भेजा है" अनिल अपनी बहु के कमरे में पुहंचकर खुश होते हुए बोला ।
"क्या हुआ बाबूजी कौन था और आप इतने खुश क्यों हें ?" रेखा ने अपने ससुर को खुश होता देखकर सवाल किया ।

"बेटी हमारी बेटी और तुम्हारी देवरानी का लेटर है" अनिल ने खुश होते हुए कहा।
"अपनी बेटी का खत देखकर इतना क्यों खुश हो रहे हो " रेखा अपने ससुर के हाथ से खत को छीनते हुए टेबल पर रखते हुए बोली ।
रेखा ने अपने ससुर की धोती को खींचकर उतार दिया, अनिल अपनी बहु के सामने बिलकुल नंगा खडा था और उसका लंड सिकुड़ चूका था । रेखा ने जल्दी से ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठते हुए अपने ससुर के लंड को पकड लिया और उसे सहलाती हुयी अपनी जीभ निकाल कर चाटने लगी।

"आह्ह बेटी इतनी जल्दी है क्या" अनिल ने अपनी बहु की जीभ अपने लंड पर लगते ही सिसकते हुए कहा।
"हा बाबूजी अब हम बर्दाशत नहीं कर सकते" रेखा ने अपने ससुर के लंड से जीभ को हटाते हुए कहा और अपना मूह खोलकर अपने ससुर के लंड को जितना हो सकता था अपने मूह में भर लिया ।
रेखा अपने ससुर के लंड को ज़ोर से चूसने लगी । रेखा का मूह अपने ससुर के लंड के तनने से पूरा भरकर दुखने लगा इसीलिए रेखा ने अपने ससुर के लंड को अपने मूह से निकाल दिया ।
Sasur ji bhout khush hai kya baat hai
 

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रेखा अपने ससुर के लंड को अपने हाथों से सहलाने लगी, अनिल ने अपनी बहु को काँधे से पकडते हुए सीधा खडा कर दिया । अनिल ने अपनी बहु की कमीज को पकडकर उतार दिया, रेखा ने अपनी बाहें ऊपर करते हुए अपने ससुर को अपनी कमीज उतारने में मदद की ।
अनिल ने अपनी बहु की कमीज के उतरते ही उसे अपनी बाहों में भरते हुए उसके होंठ चूमने लगा । रेखा ने अपने ससुर के चुम्बनों का जवाब देते हुए अपनी जीभ को अनिल के मूह में डाल दिया और अपना हाथ नीचे करते हुए अपनी सलवार का नाडा खोल दिया।

अनिल अपनी बहु के बिलकुल नंगा होते ही उसके जीभ को थोडी देर चूसने के बाद अपने होंठो को अपनी बहु के होंठो से अलग करते हुए उसकी चुचियों से खेलने लगा । रेखा अपने ससुर के बालों में हाथ ड़ालते हुए उससे अपनी चुचियों को चुसवाने लगी ।
अनिल अब अपनी बहु की चुचियों से अलग होता हुआ उसे अपने बेटे के बेड पर लाकर लेटा दिया । अनिल ने फिर से अपनी बहु की टांगों को घुटनों तक मोड़ दिया और नीचे झुकते हुए अपनी जीभ से अपनी बहु की चूत के छेद को चाटने लगा ।

"आह्ह अपने ससुर की जीभ को अपनी चूत के छेद पर लगते ही रेखा मज़े से कांपते हुए सिसकने लगी" अनिल ने अपनी बहु की चूत को अपनी जीभ से बिलकुल गीला कर दिया और अपने लंड को पकडकर अपनी बहु की चूत के मोटे दाने से लेकर उसके छेद तक रगडने लगा ।
"आह्ह इस्सस बाबूजी डाल दो हमें और मत तडपाओ" रेखा अपने ससुर के लंड को अपनी चूत के दाने पर लगने से बुहत ज़्यादा गरम होते हुए ज़ोर की आहें भरते हुए कहा । रेखा इतनी ज़्यादा गरम हो चुकी थी की उसकी चूत से पानी की कुछ बूँदे निकलने लगी।

अनिल ने अपनी बहु को पूरा गरम देखकर अपने लंड के टोपे को उसकी चूत के निकलते हुए पानी से गीला करते हुए रेखा की चूत के छेद में फँसा दिया । अनिल ने अपनी बहु की टांगों को पकडते हुए एक जोर का धक्का मार दिया ।
"हाहहह बाबजी " रेखा अपने ससुर के लंड को अपनी चूत में जाते ही मज़े से सिसक उठी । अनिल का लंड आधा अपनी बहु की गीली चूत में घुस गया था, अनिल ने अपने लंड को पीछे खीचते हुए एक और जोर का धक्का मार दिया ।
Mast update👍👍
 

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रेखा का बदन अकडने लगा और उसकी चूत झटके खाते हुए अपने ससुर के लंड पर ख़ुशी के ऑंसू गिराने लगी।
"आजहहह ईश ओह्ह्ह बाबूजी में झड़ रही हू" रेखा झरते हुए ज़ोर से चिल्लाते हुए सिसकने लगी ।
अनिल भी अपनी बहु के झरते ही उसकी चूत में अपने लंड से निकलता वीर्य भरने लगा।
"आजहहह बेटी तुम्हारी चूत ३ बच्चे पैदा करने के बाद भी बुहत कसी हुई है, में भी झड रहा हू" अनिल भी झडते हुए चिल्लाकर बोला । अनिल अपने लंड का सारा वीर्य निकलने के बाद अपनी बहु के ऊपर ढेर हो गया।

अनिल का लंड सिकुड़ कर रेखा की चूत से निकल गया । रेखा की चूत से लंड के निकलते ही उसके ससुर का वीर्य और उसकी अपनी चूत का पानी मिलकर बेड की चादर पर गिरने लगा, अनिल अपनी बहु के ऊपर से उठकर उसकी साइड में लेट गया ।
रेखा बेड से उठकर बाथरूम में चलि गयी। जब वह लौटकर आई तो अनिल अपनी बेटी का खत पढ रहा था ।
"क्या लिखा है हमारी देवरानी ने" रेखा बेड पर चढते हुए बोली।
"वो कल आ रही है यहां" अनिल ने ख़ुशी से कहा ।

"उसका पति और बच्चे भी आ रहे हैं क्या?" रेखा ने अपने ससुर से सवाल किया।
"उसका पति काम के सिलसिले में एक महीने तक किसी दुसरे शहर जा रहा है, वह अपने बच्चों के साथ आ रही है" अनिल ने अपनी बहु को जवाब दिया ।
"बाबूजी फिर तो उनके सामने हम कुछ नहीं कर सकेंगे" रेखा ने मूह बनाते हुए कहा।
"बेटी तुम परेशान क्यों होती हो कोई न कोई तो रास्ता निकाल लेंगे" अनिल ने अपनी बहु को अपनी तरफ खीचते हुए कहा । रेखा अपने ससुर को सीधा लेटाते हुए उसके वीर्य से भीगे लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी।

अनिल ने अपनी बहु को एक बार और चोदा। इस बार उसने अपनी बहु को अपने लंड पर चढाकर चोदा और उसे कुतिया बना कर अपना वीर्य उसकी चूत में ड़ाला। रेखा इस बार अपने ससुर के अलग अलग तरीके से चोदने की वजह से दो बार झडी ।
रेखा को उल्टा करके चोदते हुए अनिल की नज़र अपनी बहु की गोरी गांड के भूरे छेद पर टीक गयी थी । अनिल को अपनी बहु की गांड का छेद बुहत पसंद आया था और उसने फैसला कर लिया की अगली बार रेखा की गांड ज़रूर चोदेगा।
Nice update👍👍
 
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