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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

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माँ को मरे हुए ३ महिने बीत चुके थे सर्दि के दिन चल रहे थे, एक रात जब खाना खाने के बाद मैं सोने के लिए खटिया पर गयी तो बापुजी को खोया हुआ देखकर मुझसे रहा नहीं गया । "मैंने बापू जी से पुछा की आप मम्मी के गुज़रने के बाद बुहत उदास रहते हो क्या बात है?" ।
बापु जी मेरा सवाल सुनकर चौंकते हुए मेरी तरफ गौर से देखते हुए बोले "बेटी तुम अब जवान हो चुकी हो इसीलिए तुम्हें मालूम होना चाहिए की औरत और मरद का आपस में क्या रिश्ता होता है, जब मरद और औरत शादी करते हैं तो वो आपस में क्या करते हैं"।

मैं उस वक्त बापु जी की बात बड़े गौर से सुन रही थी, क्योंकी उस वक्त मुझे मालूम नहीं था की मरद के पास लंड और औरत के पास चूत होती है जिसका उपयोग वह शादी के बाद करते हैं ।
बापु जी ने आगे कहा "बेटी जब कोई मरद किसी औरत से शादी करता है तो वह अपना लंड जो यहाँ होता है (अपनी धोती की तरफ इशारा करते हुए) उस औरत की चूत जहाँ से तुम पेशाब करती हो वहां डालता है, जिससे मरद और औरत दोनों को बुहत मजा आता है" बापू ने मुझे समझाते हुए कहा ।

मैं बड़े गौर से बापू की तरफ देख रही थी, उनकी धोती में मुझसे बात करते हुए बुहत बड़ा उभार बन चूका था । मुझे उस वक्त पता नहीं था की वह मेरे बापु का लंड था जो अपनी बेटी को गन्दी बातें बताते हुए खडा हो चुका था ।
"बेटी जब मरद औरत की चूत में इसे डालता है तो मज़े की चरम सीमा तक पहचने के बाद इसमें से वीर्य निकलता है जिस से औरत गारभवती होती है और मरद को बुहत मजा आता है । अब जब तुम्हारी मम्मी मर चुकी है तो हमारा लंड हमें बुहत तँग करता है, इसी लिए हम उदास है"।

बापु जी की बात सुनने से मुझे अपने जिस्म में अजीब गुदगुदी महसूस हो रही थी, मुझे उस वक्त पता नहीं था की मैं एक जवान लड़की हूँ जिसको अपने बाप के मूह से लंड और चूत के शब्द सुनने से उसकी चूत से पानी बह रहा है ।
"बापु जी जो सुख आप को माँ देती थी क्या मैं दे सकती हूँ?" मैंने बापू जी की बात सुनने के बाद मासूमियत से कहा।
"हा बेटी तुम वह हर सुख दे सकती हो, पर तुम मेरी बेटी हो" बापू जी ने मुझे समझाते हुए कहा ।

"तो क्या हुआ बापू हम आपको ऐसे उदास नहीं देख सकते" मैंने बापु जी से कहा । कंचन उस वक्त मुझे सेक्स का कोई ज्ञान नहीं था, हम गाँव में ही रहते थे और १० तक वहीँ पढे थे । हमें पता नहीं था की हम कितना बड़ा पाप कर रहे हैं ।
"मगर बेटी यह सब गलत है" बापु जी फिर से कहा।
"हम कुछ नहीं जानते, हमें अपने बापू जी को खुश देखना है" हम ने ज़िद करते हुए कहा।
"ठीक है बेटी मगर यह कभी किसी को नहीं बताना" बापू जी ने मेरी तरफ एक मरद की नज़र से देखते हुए कहा।
Chalo baap ki setting ho gai
 

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"ठीक है बापु जी हम किसी को नहीं बताएंगे" मैंने खुश होते हुए कहा ।।।। मुझे क्या पता था की मैं अपने पाँव पर खुद कुल्हाड़ी मार रही हूं, बापू मेरी बात सुनकर अपनी चारपाई से उठते हुए मेरी चारपाई पर आकर बेठ गये ।
बापु जी सिर्फ एक धोती में थे, वह क़रीब बैठते ही मेरी तरफ गौर से देखते हुए मेरा सर अपने हाथों में पकड लिये और अपने गरम होंठ मेरे होंठो पर रख दिये, बापू जी के होंठ अपने होठो पर महसूस होते ही मेरे सारे शरीर में चींटियाँ रेंगने लगी ।

बापु हमारे होंठो को कई मिनटों तक चूसते रहे, पहले तो मुझे अजीब लगा मगर थोडी देर में मुझे बुहत अच्छा लगने लगा । बापू जी जैसे जैसे मेरे होंठो को चूसते जा रहे थे। मुझे सारे शरीर में अजीब किस्म के मज़े का अहसास हो रहा था ।
बापु जी ने अचानक अपने होंठ हमारे होंठो से हटा दिये और मुझसे कहा "बेटी अगर पेशाब लगी है तो करके आजा" । मैं हैंरान थी के बापू जी को कैसे पता लगा की मुझे पेशाब आई है, मैं बाथरूम में जाकर मूतने लगी।

मुझे ऐसा महसूस हो रहा था की मुझे बुहत ज़ोर की पेशाब लगी है । मगर जब मैं अपनी कच्छी को नीचे करते हुए मूतने बैठी तो मेरी छूट से थोडा ही पेशाब निकला, मैंने बुहत ज़ोर लगाये मगर कोई फ़ायदा नहीं हुआ ।
मुझे अपनी चूत में बुहत ज़ोर की सिहरन हो रही थी । मैंने अपने हाथ से जैसे ही अपनी चूत को छुआ। मैं हैंरान रह गयी मेरी चुत बुहत गीली थी, मैं वहां से उठते हुए अपनी खटिया की तरफ जाने लगी । बापू जी ने मुझे देखकर खटिया से उठते हुए मुझे खटिया के पास ही रोक लिया ।

बापु ने मेरी साड़ी को पकड कर उतार दिया । मैं अब सिर्फ पेटिकोट और पेंटी में बापू जी के सामने खडी थी, बापू मेरे आधे नंगे गोरे जिस्म को देखते हुए खटिया पर बैठ गए और मुझे कमर में हाथ ड़ालते हुए अपने क़रीब कर लिया ।
मैं खडी थी इसीलिए मेरा नंगा पेट बापू के मुँह के सामने आ गया । बापू ने अपने होंठ मेरे नंगे पेट पर रख दिया और मेरे सारे पेट को बेतहाशा चूमने लगे, मेरा नंगे पेट पर बापू के होंठ पड़ते ही मेरे सारे शरीर में झुरझुरी होने लगी।

बापु ने मेरे पेट को जी भरकर चूमने के बाद मुझे कमर से पकड कर उल्टा कर दिया । बापू मेरे उलटे होते ही मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से दबाने लगे, बापू के हाथ अपने चुतड़ों पर लगते ही मुझे अपनी चूत में ज़ोर की सनसनाहट होने लगी ।
बापु ने मेरे चुतडो को थोडी देर दबाने के बाद मुझे उल्टा ही अपनी गोद में बिठा दिया । बापु की गोद पर बैठते ही मुझे अपने चूतडों में कोई मोटी चीज़ चुभने लगी, मैं उस चीज़ के चुभने से सही से बैठ नहीं पा रही थी ।
Nice update👍👍
 

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विजय को अह्सास हो गया की उसके काम्पने से उसकी माँ डर गयी है, वह अपनी आँखें बंद करके नार्मल हो गया । रेखा थोडी देर तक अपने बेटे को देखती रही जब उसे यकीन हो गया की वह नींद में ही है तो वह अपने बेटे के लंड को फिर से पकड कर सहलाते लगी ।
रेखा ने इस बार अपने बेटे के लंड को सहलाते हुए अपनी चूत में एक ऊँगली डालकर अंदर बाहर करने लगी । रेखा जब अपने बेटे का लंड देखती थी तो उसे अपने जिस्म में अजीब किस्म की सिहरन का अह्सास होता था, इसीलिए वह अपने बेटे के कमरे में आई थी।

रेखा अपनी चूत का पानी अपने बेटे के लम्बे और मोटे लंड को अपने हाथ में पकडकर निकालना चाहती थी ।रेखा अपने बेटे के लंड को सहलाते हुए ज़ोर से अपनी दो उँगलियाँ अपनी चूत में अंदर बाहर करने लगी ।
रेखा बेड पर अपनी टाँगें फैलाकर बैठी थी और उसकी चूत सीधे अपने बेटे के मुँह की तरफ थी, विजय ने इस बार जैसे ही अपनी आँखें खोली उसे अपनी माँ की दोनों टांगों के बीच फ़ैली हुयी बड़ी चूत नज़र आई। जिसमें वह अपनी उँगलियाँ अंदर बाहर कर रही थी ।

विजय आज की रात में दूसरी चूत देख रहा था। पहले वह अपनी बड़ी बहन की छोटी सी गुलाबी चूत देख चूका था । मगर इस बार उसके सामने अपनी माँ की बड़ी मोटे दाने वाली चूत थी जिस चूत से वह खुद निकलकर इस दुनिया में आया था ।
रेखा झरने के बिलकुल क़रीब थी क्योंकी वह अपने चूत में दोनों उँगलियाँ बुहत ज़ोर से अंदर बाहर कर रही थी और वह अपनी ऑंखें बंद करके सिसक रही थी । विजय को अपनी माँ की चूत और चुचियां अपनी बड़ी दीदी से ज़्यादा अच्छी लग रही थी।

विजय बड़े गौर से देख रहा था की उसकी माँ की चूत में उसकी उँगलियाँ अंदर बाहर हो रही थी । रेखा का हाथ अब अपने बेटे के लंड पर एक जगह पडा था, विजय को अपनी माँ की बड़ी बड़ी चुचियां बुहत ज़्यादा रोमान्चक कर रही थी ।
रेखा के मूह से अचानक एक ज़ोर की सिसकी निकली । विजय ने देखा के उसकी माँ की चूत से सफेद सफेद पानी निकल कर उसकी उँगलियों से होता हुआ नीचे गिर रहा है । विजय समझ गया की उसकी माँ झर चुकी है।
Mast update👍👍
 
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