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एक औरत: अभी से आंसू मत निकाल इन्हे सुहाग रात के लिए बचा कर रख।
दूसरी औरत: कमाल करती हैं तू भी । सुहाग रात को इसके आंसू नीचे से निकलेंगे ।
और वो दोनो जोर जोर से हंसने लगती हैं।
माही और जोर जोर से रोने लगती हैं , उसे समर की बहुत याद आ रही थी।उसे पूरा यकीन था कि वो उसे जरूर बचा लेगा ।इसलिए वो सब डर छोड़कर स्माइल करती हैं और बोलती हैं: देखना तुम दोनो, समर आएगा और मुझे इस दलदल से निकाल कर ले जाएगा।
ये सब सुनकर वो दोनो हंसने लगती है , उनकी हंसी देख कर माही भी जोर जोर से हंसने लगती हैं।
तभी एक बूढ़ी औरत अंदर आती हैं और वो साथ में खाना लाई थी ।माही को समर का इंतजार करना था इसलिए वो खाना खा लेती हैं और और सो जाती हैं।
अगली सुबह उसे चंदन और गुलाब के फूलों के जल से नहलाया गया , हल्दी का लेप उसके सारे शरीर पर लगाया गया , एक से बढ़कर एक जंगली पत्ते इस्तेमाल किए गए । उसके बदन को मल मल कर साफ़ किया गया , उसे ऐसे सजाया गया मानो उसकी सुहागरात हो।
माही का रोम रोम खिल रहा था मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतार अाई हो।
उधर करण, काम्या और राम्या का घर पर बुरा हाल था । काम्या जानती थी कि ये सब उसकी वजह से हुआ है इसलिए वो सदमे में चली जाती हैं। और किसी से कुछ भी बोलने या सुनने की हालत में नहीं होती । करण तो ऐसी पागल सा हो गया था , और ऐसे में पूरे घर का सहारा बनी राम्या । उसने ना केवल अपनी मा का ध्यान रखा बल्कि अपन बाप को भी बिखरने से बचा रही थी। और धीरे धीरे राम्या और करण नजदीक आते जा रहे थे । दोनो एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते , और पूरे दिन घर में ही रहते , करण ने ऑफिस जाना बंद कर दिया था ।
उधर रोज माही को उसकी सार्वजनिक सुहागरात के लिए रोज दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं जिससे उसका रूप निखरता जा रहा था और जंगली खान पान का असर उस पर आता जा रहा था जिस कारण उसका जिस्म अपने पहले से और ज्यादा आकर्षक लगने लगा था।
उधर समर भी कुश्ती के नए दांव पेंच सीख रहा था । और जल्दी ही वो एक। तगड़ा पहलवान बन चुका था उसका जिस्म किसी लोहे की तरह से ठोस हो चुका था , पहले से ही चोड़ी छाती अब और ज्यादा चोड़ी हो गई थी ।और लगातार योग और कसरत के कारण उसके जिस्म पर कट पड़ गए थे और माथे पर सुन्दर रेखाएं।
दूसरी औरत: कमाल करती हैं तू भी । सुहाग रात को इसके आंसू नीचे से निकलेंगे ।
और वो दोनो जोर जोर से हंसने लगती हैं।
माही और जोर जोर से रोने लगती हैं , उसे समर की बहुत याद आ रही थी।उसे पूरा यकीन था कि वो उसे जरूर बचा लेगा ।इसलिए वो सब डर छोड़कर स्माइल करती हैं और बोलती हैं: देखना तुम दोनो, समर आएगा और मुझे इस दलदल से निकाल कर ले जाएगा।
ये सब सुनकर वो दोनो हंसने लगती है , उनकी हंसी देख कर माही भी जोर जोर से हंसने लगती हैं।
तभी एक बूढ़ी औरत अंदर आती हैं और वो साथ में खाना लाई थी ।माही को समर का इंतजार करना था इसलिए वो खाना खा लेती हैं और और सो जाती हैं।
अगली सुबह उसे चंदन और गुलाब के फूलों के जल से नहलाया गया , हल्दी का लेप उसके सारे शरीर पर लगाया गया , एक से बढ़कर एक जंगली पत्ते इस्तेमाल किए गए । उसके बदन को मल मल कर साफ़ किया गया , उसे ऐसे सजाया गया मानो उसकी सुहागरात हो।
माही का रोम रोम खिल रहा था मानो स्वर्ग से कोई अप्सरा उतार अाई हो।
उधर करण, काम्या और राम्या का घर पर बुरा हाल था । काम्या जानती थी कि ये सब उसकी वजह से हुआ है इसलिए वो सदमे में चली जाती हैं। और किसी से कुछ भी बोलने या सुनने की हालत में नहीं होती । करण तो ऐसी पागल सा हो गया था , और ऐसे में पूरे घर का सहारा बनी राम्या । उसने ना केवल अपनी मा का ध्यान रखा बल्कि अपन बाप को भी बिखरने से बचा रही थी। और धीरे धीरे राम्या और करण नजदीक आते जा रहे थे । दोनो एक दूसरे का पूरा ख्याल रखते , और पूरे दिन घर में ही रहते , करण ने ऑफिस जाना बंद कर दिया था ।
उधर रोज माही को उसकी सार्वजनिक सुहागरात के लिए रोज दुल्हन की तरह सजाया जाता हैं जिससे उसका रूप निखरता जा रहा था और जंगली खान पान का असर उस पर आता जा रहा था जिस कारण उसका जिस्म अपने पहले से और ज्यादा आकर्षक लगने लगा था।
उधर समर भी कुश्ती के नए दांव पेंच सीख रहा था । और जल्दी ही वो एक। तगड़ा पहलवान बन चुका था उसका जिस्म किसी लोहे की तरह से ठोस हो चुका था , पहले से ही चोड़ी छाती अब और ज्यादा चोड़ी हो गई थी ।और लगातार योग और कसरत के कारण उसके जिस्म पर कट पड़ गए थे और माथे पर सुन्दर रेखाएं।