• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest परिवार में चूदाई का सुख (एडल्टरी, थ्रिलर, क्राइम, सस्पेंस)

Status
Not open for further replies.

Ghanshyam markande

ACTION HAVE CONSEQUENCES
294
1,322
123
Nahi Bhai, story incest hai toh uske according hi likhunga par story me kuch part adultery bhi hai lekin mai koshish karunga ki balwan ki maa ke sath incest samabandh hi banega jaise balwan ke saath ya iske dono bhai aur baap ke saath aur balwan ki badi behen Madhuri aur choti behen Shilpa ka bhi ye hi scene rahega lekin agar Madhuri ya Shilpa ki shaadi hoti hai toh woh apne sasural ke mardon ke saath bhi maze karengi ya koi boyfriend introduce hota hai toh uske saath bhi scene ban sakta hai but balwan ki maa gayatri ka incest relation hi rahega aur waise bhi is story me thriller aur suspense wala part aane wala hai toh adultery toh rahegi hi, mai spoiler de hi deta hoon, kahani me adultery wale part ke liye rupali bua aur kanchan mousi ka role hai baaki aapko jaise acchha lage waise read kijiye, koi part pasand nahi aa raha hai toh skip kar dijiye.
1 hi hero rakh lo bro
 

Sanju@

Well-Known Member
4,708
18,911
158
अपडेट 12

कुछ देर के बाद मैं खाने के लिए कमरे से बाहर आकर चटाई पर बैठ गया और खाने के बाद मैं कमरे में वापस चला गया क्योंकि आज बापू खेत में सोने के लिए जाने वाले थे तो मैं कमरे में जाकर आराम से बिस्तर पर लेट गया और मुझे पता तक नहीं चला कि कब मुझे नींद आ गई।

अगले दिन सुबह मेरी नींद 6 बजे खुली तो मैं कसरत करने के लिए घर के पिछवाड़े में चला गया, आज शरीर में अलग तरह की ऊर्जा को महसूस कर रहा था ऐसा लग रहा था जैसे शरीर में कितनी जान आ गई हो, कसरत करने के बाद मैं नहाकर खेत जाने के लिए तैयार हो गया।

मां रसोई में खाना बना रही थी मैंने नोटिस किया कि आज मां बहुत खुश लग रही हैं।

"मां, अब आपकी तबियत कैसी है?"
"कल से काफी ठीक है बेटा, तू चटाई पर बैठ मैं तेरे लिए खाना लेकर आती हूं"
"मां, मुझे भूख नहीं है पता नहीं मेरा पेट बहुत भरा हुआ सा लग रहा है"
"कोई बात नहीं रे, मैं तेरे लिए टिफिन में खाना रख देती हूं जब भूख लगे तो खा लेना"
"हां ये ठीक रहेगा"

फिर मां ने मुझे टिफिन दिया और उसके बाद मैं सुबह 7 बजे ही खेत पर चला गया, आज खेत में बहुत काम था इसलिए मैं शाम तक मैं खेत में ही था , शाम को 7 बजे मुझे खेत के काम से फुर्सत मिली तो मैं घर आ गया, आज मैं बहुत थक गया था तो मैं खाने के लिए रसोई में चला गया, मां रसोई में रोटियां बना रही थी और बहुत परेशान भी लग रही थी।

"मां, मुझे बहुत भूख लग रही है"
"बस रोटियां बना लूं, तू बैठ मैं खाना लेकर आती हूं"

मैं कमरे में चला गया , कुछ देर बाद मां मुझे खाना देने के लिए कमरे में आई।

"ले बेटा"
मैं खाने की थाली लेते हुए मां से पूछा "मां, तू बहुत परेशान लग रही है"
"हां रे फिर से तबियत थोड़ी बिगड़ गई है , तू चिंता मत कर सुबह तक मैं ठीक हो जाऊंगी" कहकर मां कमरे से बाहर चली गई, खाने के बाद मुझे नींद आने लगी और मैं सो गया।

अगले दिन सुबह मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था, कसरत करने के बाद मैं नहाकर खेत पर जाने के लिए तैयार हो गया, आज सुबह फिर से मेरा पेट बहुत भरा हुआ सा लग रहा था, मां कल सुबह की तरह आज बिलकुल खुश लग रही थी। मैं टिफिन लेकर खेत पर आ गया और आज का दिन भी खेत में काम करते हुए बीत गया, शाम को मैं घर चला गया तो देखा कि कल शाम की तरह मां बहुत परेशान लग रही थी, मैंने मां से पूछा तो उन्होंने कल के जैसे ही उत्तर दिया और मुझे कमरे में खाना देकर चली गई, खाने के बाद मैं फिर से मुझे नींद आने लगी।

फिर मेरी आंखें अगले दिन खुली, आज फिर से मुझे मेरा पेट बहुत भरा हुआ सा लगा रहा था, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है सुबह तो मां की तबियत बिलकुल ठीक रहती है और अचानक शाम को मां की तबियत बिगड़ जाती है।

कुछ दिन ऐसे ही गुजरते चले गए, धीरे धीरे मां की तबियत ठीक होने लगी थी लेकिन मुझे बड़ा अजीब लग रहा था कुछ तो ऐसा था जो मुझे पता नहीं था, रात में बापू खेत में ही सोते थे और मुझे तो बिस्तर पर लेटते ही नींद आ जाती थी।

एक दिन शाम को मैं घर पर था, उस दिन मैं खेत पर नहीं गया था, मैं आंगन में टीवी देख रहा था।

"बलवान, तेरे लिए खाना लगा दूं"
"हां मां लगा दे" कहकर मैं हाथ मुंह धोने के लिए जब रसोई के पास से गुजर रहा था तो मेरी नजर रसोई में चली गई, मैंने देखा कि मां मेरे दूध में ग्लास में नींद की गोली डाल रही थी, नींद की गोली मुझे ऐसे पता चली कि बापू को माइग्रेन की प्रोब्लम है तो वह कभी–कभी नींद की गोली लेते हैं यह गोली वही थी गुलाबी रंग की।

मुझे कुछ समझ में नहीं आया कि मां ऐसा क्यों कर रही हैं, मेरे दूध के ग्लास में नींद की गोली क्यों डाल रही हैं????

कुछ देर के बाद मां ने मुझे खाना दिया और मैं खाने के बाद दूध भी पीता था तो मां ने दूध का ग्लास साथ में ही रख दिया था, खाने के बाद मैंने मौका देखकर दूध को बाहर गमले में उड़ेलकर दूध के ग्लास को रसोई में रख दिया और फिर मैं कमरे में जाकर बिस्तर पर लेट गया।

मेरे मन में बहुत से सवाल चल रहे थे जिनका उत्तर मेरे पास नहीं था इतने दिन से मां मुझे नींद की गोलियां दे रही हैं लेकिन किसलिए? कोई बात नहीं आज तो पता चल ही जाएगा।
Aswome update
 

Sanju@

Well-Known Member
4,708
18,911
158
अपडेट 13

अब मुझे मां के कमरे में आने का इंतजार था, रात के १० बज चुके थे, मैं आंख बंद करके बिस्तर पर लेटा हुआ था, तभी मुझे मां के पायल और चूड़ियों की आवाज सुनाई दी, मैं समझ गया कि मां आ रही हैं, उन्होंने कमरे के अंदर घुसते ही किवाड़ बंद कर दिया और फिर दवाई खाने के बाद ऐसे ही बिस्तर पर आकर लेट गई और मेरे गाल सहला कर बालों में उंगलियां फेरने लगीं।

तभी अचानक से मां ने साड़ी का पल्लू अपनी छाती पर से सरका दिया और अपने ब्लाउज के बटन खोलने लगी जिसे देखकर मैं बिलकुल स्तब्ध रह गया, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मां ऐसा क्यों कर रही हैं? मां ने अपनी ब्लाउज खोलकर अपनी चुचियों को आजाद कर दिया, मां के स्तन बिलकुल किसी गाय के थन के जैसे लग रहे थे बड़े–बड़े, उसके बाद मां खुद से अपने स्तन को हल्के–हल्के दबाने लगी, ऐसा लग रहा था जैसे एक–एक करके अपने दोनों चूचे को अपने दोनों हथेलियों से दबाकर मालिश कर रही थीं।

कुछ देर बाद मां करवट लेकर मेरे पास आ गई और अपने स्तन को मेरे चहरे से भिड़ाने लगीं जैसे ही मां की बड़ी बड़ी थन जैसे चूचियां मेरे गालों और होंठों से लगी तो पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मैंने हवा में ही मां की चूचे को अपने होंठों में पकड़ कर मुंह में भर लिया और अपनी जीभ से निप्पल पर कोड़े मारते हुए उसे चूसने लगा, ऐसा मैंने जानबूझ कर नहीं किया था बस मुझसे खुद हो गया, मैं निप्पल के साथ–साथ पूरे घेरे को मुंह के अंदर तक लेकर चूस रहा था तभी मैंने अपनी जीभ पर कुछ मीठा सा महसूस किया।

मैं समझ गया की यह मिठास मां के दूध की है मेरे मुंह में दूध आना शुरू हो गया था और ऐसे ही मैं मां का दूध चूस–चूसकर पीता रहा, 10 से 12 मिनट में मैंने मां के स्तन का दूध पीकर खाली कर दिया था लेकिन फिर भी चूसे जा रहा था, तभी मां को महसूस हुआ कि एक चूचे में से दूध बिलकुल खत्म हो गया है तो उन्होंने दूसरे चूचे को मेरे होंठों से भिड़ा दिया और मैंने उसे मुंह में लेकर अपनी जीभ से कोड़े मारते हुए चूसने लगा और तबतक चूसता रहा जबतक उसमें का पूरा दूध खत्म नहीं हो गया, फिर मां ने अपने चूचे को मेरे मुंह से बाहर किया और अपनी ब्लाउज पहनकर उठने लगी।

मेरे दिल में मां को लेकर बहुत सवाल उठ रहे थे और मुझे पता था कि आज हिम्मत करके नहीं पूछूंगा तो शायद मुझे अपने सवालों के उत्तर कभी नहीं मिलेंगे, जैसे ही मां बिस्तर से उठने लगी तो मैं अपनी आंखें खोलकर मां को देखने लगा, मां ने मुझे देखा और बोली "बलवान तू उठ गया?"
"मां, मैं जाग रहा था आज मैंने रसोई में तुम्हें अपने दूध में नींद की गोली डालते हुए देख लिया था"
"क्या?" और फिर मां रोने लगी।
"मां चुप हो जाओ, मैं समझ सकता हूं तुम्हारी कोई मजबूरी है, तुम मुझे सब कुछ बताओगी तो मैं तुम्हारी मदद करूंगा"
"बेटा, मैं कहां से शुरू करूं मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है"
"मां, अब मुझे कुछ छुपाने का कोई फायदा नहीं है, प्लीज बताओ ताकि मैं तुम्हारी मदद कर सकूं"
"बलवान, तुझे याद है कि उस दिन मैं तेरे साथ गांव के सरकारी अस्पताल गई थी, मेरी तबियत कुछ दिन से बहुत खराब थी तो सविता जी ने मुझे कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहा था, उस दिन जब रिपोर्ट आई तो सविता जी ने बताया कि मेरी छाती में दूध आने लगा है जिसकी वजह से मेरी छाती में दर्द रहता है और अगर दूध को छाती से बाहर नहीं निकाला गया तो मुझे कैंसर तक हो सकता है"
"क्या ???? लेकिन मां तुम्हारी छाती में दूध कैसे बनने लगा, तुम गर्भवती तो हो नहीं और न ही तुम्हारा कोई बच्चा हुआ है तो ऐसे कैसे हो सकता है क्योंकि औरत की छाती में दूध तो बच्चे पैदा करने के बाद आता है"
"हां बेटा लेकिन मेरे साथ कुछ अजीब हुआ है जिसकी वजह से मेरी छाती में दूध बनने लगा"
"क्या हुआ है?"
"बेटा, मैं तुम्हारी मां हूं यह सब मुझे तुम्हें बताने में शर्म आ रही है"
"मां, तुम मुझे कुछ बताओगी नहीं तो मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर पाऊंगा"
"ठीक है तो सुन बेटा, मैं संभोग के बाद गर्भनिरोधक गोलियो का सेवन लगातार कर रही थी क्योंकि तेरे बापू हमेशा मेरे साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते थे और उन्होंने ही मुझे इन गर्भनिरोधक गोलिया का सेवन करने के लिए कहा था लेकिन मुझे क्या पता था कि ये गोलियां मेरे लिए हानिकारक साबित होंगी, इन गर्भनिरोधक गोलियों के एलर्जी की वजह से ही मेरी छाती में दूध बनने लगा" कहकर मां रोने लगी

मुझे मेरे सवालों के जवाब अब पता चल गए थे कि क्यों मेरा पेट सुबह भरा–भरा सा रहता है और क्यों मां की तबियत सुबह ठीक रहती है और क्यों शाम को उनकी तबियत बिगड़ जाती है, सुबह मां के छाती में दूध नही रहता है इसलिए उनकी छाती में दर्द नहीं होता और वह खुश रहती हैं जबकि शाम को मां की छाती दूध की वजह से भारी हो जाती है इसलिए छाती में दर्द रहता है और वह उदास रहती हैं।
बेहतरीन अपडेट
 
  • Like
Reactions: Raj_sharma

Lust_King

Member
138
510
93
अपडेट 1

"आह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही चूस उह्ह्ह्ह्ह"
"बलवान क्या बड़बड़ा रहा है रे?"
तभी मेरी नींद टूट गई, मैंने देखा कि मां मुझे उठा रही थी।
"क्या रे कितना सोएगा सुबह के १० बज चुके हैं और तू घोड़े बेचकर सो रहा है"
"मां सोने दो ना" कहकर तकिए से अपना मुंह ढक लेता हूं
"क्यों रे नहाएगा धोएगा नहीं क्या? खेत पर कौन जाएगा फिर और तेरे बापू भी आते होंगे" कहकर मां चली जाती है।
फिर मैं अपने लन्ड को धोती में ही सहलाते हुए उठता हूं और घर के पिछवाड़े में मूतने चला जाता हूं।

हमारे घर में तीन कमरे हैं , एक बड़ा कमरा है जो मां बापू का है और बाकी छोटे-छोटे दो कमरे हैं जिसमें से एक सुनील भईया और अजय का है और दूसरा माधुरी दीदी और शिल्पा का है, मैं तो मां के साथ ही सोता हूं क्योंकि बापू खेत की रखवाली करने के लिए खेत में बनी छोटी सी झोपड़ी में ही सोते हैं लेकिन बापू घर पर होते हैं तो कभी-कभी रात में मुझे भी खेत में सोना पड़ता है बाकी घर में एक बड़ा सा आंगन और छोटा सा रसोईघर है और घर के पिछवाड़े में बाथरूम और पानी का कुआं बना है।

मूतने के बाद मैं नहाने चला जाता हूं और अपने लन्ड को हिलाकर शांत करता हूं, मेरे दिमाग में 24 घंटे बस चूचियां चूत गांड़ लौड़ा चूदाई की बातें ही घूमती हैं, गंदी गंदी तस्वीरें वाली पुस्तकें पढ़ना मुझे बहुत पसंद है, लड़की से लेकर भाभी हो या कोई आंटी उन्हें चोदने के लिए बहुत तरसता हूं और बड़ी उम्र की गदराई औरतें तो मेरी कमजोरी बन गई हैं, किसी मस्त गदराई आंटी को देखकर मेरे लन्ड में जैसे आग लग जाती है, दिन–रात खेत के काम में लगा रहता हूं सोने और खाने का बहुत शौकीन हूं।

images-1

नहाने के बाद मैं रसोईघर से खाना लेकर आंगन में चटाई पर बैठके खाने लगता हूं तभी मुझे मां दिखाई देती हैं जो रसोईघर में बर्तन धुल रही थी उन्होंने हल्के गुलाबी रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनी हुई थी अचानक मेरी नजर मां की छाती पर पड़ती है साड़ी का पल्लू काम करने की वजह से उनकी छाती पर से सरक गया था जिससे उनकी थन जैसी बड़ी-बड़ी चुचियों की गहरी दरार नजर आ रही थी, फिर पता नहीं मुझे क्या हुआ कि मेरा लन्ड खड़ा होने लगा, कुछ देर के बाद मां रसोईघर से अपने कमरे में चली गई तो मुझे होश आया, फिर मैं खुद को गाली देने लगा और उसके बाद मैंने खाना खत्म किया फिर खेत पर चला गया, वहां बापू खेत में काम कर रहे थे।

"बापू आप घर जाओ यहां से आगे का कार्य मैं कर लूंगा"
"ठीक है, मैं अस्पताल जा रहा हूं तेरी मां के लिए दवाई लेनी है"
"दवाई किसलिए बापू?"
"अरे तुझे पता नहीं क्या? तेरी मां की छाती में दर्द है, उसकी दवाई चल रही है"

इस बारे में मुझे पता नहीं था कि मां बीमार है क्योंकि दिन में तो मैं खेत पर होता हूं और रात में खाने के बाद बिस्तर पर ढेर हो जाता हूं, मुझे बहुत दुख हुआ कि मुझे मां के बारे में कुछ पता ही नहीं था।
Bhut bdiya update
 
  • Like
Reactions: Raj_sharma

Lust_King

Member
138
510
93
अपडेट 7

रात के 8 बज चुके थे, मैं कमरे में बिस्तर पर लेटा हुआ था और आज की घटनाओं के बारे में सोच रहा था कि दोपहर को तबेले में कैसे पप्पू भईया अपनी ही मां को चोद रहे थे और ताईजी अपने ही बेटे से चुदवा रही थीं और उसके बाद शाम को स्कूल में कैसे बेला दीदी और लल्लू चूदाई कर रहे थे ऐसा मैंने मस्तराम की कहानियों में पढ़ा था कि लोग पारिवारिक रिश्तों में सेक्स करते हैं जैसे देवर–भाभी, बुआ–भतीजा, मामा–भांजी, मुझे लगता था कि ये झूठ होता है लेकिन आज मां–बेटे और भाई–बहन की चूदाई देखकर मुझे यकीन हो गया कि लन्ड और चूत का कोई रिश्ता नहीं होता है और अगर कोई रिश्ता होता है तो बस चूदाई का।

तभी रसोईघर में मां की आवाज आई "बलवान, खाना बन गया है"

मैंने रसोईघर से खाना लिया और आंगन में चटाई पर बैठकर खाने लगा,
खाने के बाद मैं खेत में सोने के लिए चला गया क्योंकि आज मां की तबियत ठीक नहीं थी तो बापू ने कहा कि आज वह घर पर सोएंगे,,,,
मैं झोपड़ी के बाहर चारपाई बिछा रहा था, तभी मैंने देखा कि रामू काका और जीतू आ रहे हैं, रामू काका के हाथ में शराब का खंबा था और जीतू ने लालटेन पकड़ रखा था।

रामू काका और जीतू खटिए के पास संडास स्टाइल में बैठ गए।
मैंने कहा कि "आओ खटिए पर बैठ जाओ"
रामू काका बोले "बिटवा हमें तो ऐसे ही पीने में मजा आता है क्यों जीतू"
जीतू बोला "हां भईया जी ऐसे नीचे बैठकर पीने में बहुत मजा आता है"
फिर हमनें व्हिस्की के एक–एक पैग चढ़ाए।
रामू काका: अरे हां बिटवा, तू बता रहा था कि तुझे रात में नींद नहीं आती है अगर तू मदिरा नहीं पीता है तो,,,,
मैं: हां काका,,,,
रामू काका: बिटवा, मदिरा पीना कोई बुरी बात नहीं है मर्द मदिरा नहीं पिएंगे तो कौन पिएगा, तू जवान हो गया है बिटवा और अब तक तो तुम्हें मस्त चूत मिल जानी चाहिए ताकि तुम्हारी थकान मदिरा के बिना ही दूर हो सके।
मैं: काका, मेरी शादी तक नहीं हुई है तो औरत कहां से आएगी?
जीतू: भईया जी, चूत मारने के लिए बस औरत होनी चाहिए, इसके लिए शादी करने की कोई जरूरत नहीं है।
मैं: हां मुझे पता है जीतू लेकिन मुझे कौन औरत अपनी चूत देगी?
जीतू: क्या बात कर रहे हो भईया जी, गांव में आस–पास बहुत सारी औरतें हैं आपको कौन पसंद है बताओ?
मैं: तुम्हारी नज़र में कोई औरत है जिसको मैं चोद सकता हूं?
तभी रामू काका मुझे दूसरा पैग देते हुए बोले "बिटवा तुम्हारे पड़ोस में ही तीन–तीन औरतें हैं फिर भी पूछ रहे हो"
मैं: कौन–कौन?
रामू काका: तुम्हारी ताई रति , उसकी बेटी बेला और पप्पू की बहुरिया ममता,,,,
मैं: अरे काका, लगता है तुम्हें चढ़ गई है,
जीतू: भईया जी, तीनों साली रंडियां हैं,,,,
मैं: जीतू, तुम्हे भी चढ़ गई क्या,
रामू काका: बिटवा, तुम्हें नहीं पता कि तुम्हारी ताई रति कितनी बड़ी चुदक्कड़ है वह अपने देवर और भाई तक से चुदवा चुकी है,,,,
जीतू: और भईया जी, बेला तो बहुत चुदासी लड़की है मैंने खुद उसे स्कूल के लड़कों के साथ चुदवाते हुए देखा है,,,,
मैं: और ममता भाभी ?
रामू काका और जीतू मुस्कुराने लगे,,,
रामू काका: बिटवा, ममता को तुम्हारे बड़के दादा खुद काफी बार चोद चुके हैं,,,
मैं: क्या ?
तभी जीतू ने मुझे तीसरा पैग दिया और बोला "भईया जी, ममता तो धंधा तक कर चुकी है"

रामू काका को बहुत ज्यादा चढ़ चुकी थी, जीतू की भी जुबान लड़खड़ा रही थी, मैंने सोचा कि ये दोनों शराब पीने के बाद हल्ला न करें इसलिए मैंने दोनो को कहा कि मुझे नींद आ रही है तो दोनों ने और एक–दो पैग चढ़ाए और कुछ देर बाद अपने–अपने घर चले गए।

फिर मैने झोपड़ी से सिगरेट निकाल कर जलाई और सोचने लगा कि तीन–तीन रंडियां मेरे पड़ोस में रहती हैं और मैं चूत के लिए परेशान हो रहा था, सिगरेट खत्म होने के बाद मुझे नींद आ गई।
Nice
 
  • Like
Reactions: Raj_sharma
Status
Not open for further replies.
Top