सूरज उन दोनों से 10 15 मीटर की दूरी पर झाड़ियों के बीच अपने आप को छुपाए खड़ा था,, और उसके पिताजी और कल्लू दोनों एक खंडहर जैसे गोदाम के सामने खड़े होकर उस गोदाम को ही देख रहे थे,,, यह जगह यह गोदाम सूरज के लिए बिल्कुल नया था इस जगह पर वह कभी आया नहीं था गांव से काफी दूर वह आ चुका था चारों तरफ रात का सन्नाटा छाया हुआ था उसे जगह पर उन तीनों के सिवा इस समय और कोई नहीं था रह रहा कर कुत्तों की आवाज आ रही थी और झींगुर का शोर कुछ ज्यादा ही डरावना लग रहा था,,,, अगर कोई और समय होता तो शायद सूरज इस जगह पर कभी नहीं आता लेकिन बात थी अपने पिताजी के बारे में पता लगाने की इसलिए सूरज बिल्कुल भी परवाह किए बिना ही इस जगह पर आ चुका था और यहां पर आने के बाद ही उसे कोई कमला नाम की औरत के बारे में पता चला था जिसके चक्कर में उसके पिताजी घर पर आना छोड़ दिए थे,,,।
मामला पूरी तरह से शराब और शबाब का था,,, यही दो चीजों में तो इंसान अपने आप को पूरी तरह से सबसे अलग कर लेता है अपने परिवार से अलग हो जाता है एक नशा और दूसरा जवानी का नशा यह दोनों नशा इंसान को पूरी तरह से बर्बाद कर देते हैं,,, जवानी का नशा ऐसा है कि घर में खूबसूरत बीवी होने के बावजूद भी इंसान बाहर मुंह करने से बिल्कुल भी बात नहीं आता और यही सूरज के पिताजी के साथ हो रहा था गांव में सबसे ज्यादा खूबसूरत और गदराए जिस्म की मालकिन थी भोला की बीवी लेकिन फिर भी किसी बाजारु कमला नाम की औरत के पीछे अपने घर के रास्ते को पूरी तरह से बिगाड़ने पर आतुर हो चुका था,,भोला ,, बीवी रात भर अकेले बिस्तर पर करोड़ बदलती थी और पति दूसरी औरतों के साथ मजा लुटता था,,, सूरज को आप अपने पिताजी की सच्चाई के बारे में पता चल गया था कि जहां पर एक तरफ उसे अपने पिता जी के लिए गुस्सा आ रहा था वहीं दूसरी तरफ उसकी ईस हरकत की वजह से वह मन ही मन खुश भी हो रहा था,, क्योंकि वह जानता था कि ऐसे में वह अपनी मां के साथ संभोग सुख प्राप्त कर सकता है औरतों की प्यास उनकी चाहत के बारे में उसे बहुत ज्यादा ज्ञान होने लगा था और वह जानता था कि अगर यह सब इसी तरह से चला रहा तो जिंदगी वह अपनी मां की जमकर चुदाई कर पाएगा,,,।
यार लगता है अभी तक कमला आई नहीं,,,,(शराब की बोतल को हाथ में लिए हुए कल्लू बोला,,,,)
यार यह कमला बहुत तड़पाती है,,,, यहां लंड का बुरा हाल हुआ जा रहा है और यह मादरचोद पता नहीं कहां गांड मरवा रही है,,,,(पजामे के ऊपर से अपने लंड को मसलते हुए सूरज के पिताजी बोले और उनके मुंह से इस तरह की गाली सुनकर सूरज हक्का-बक्का रह गया क्योंकि उसने आज तक घर में कभी अपने पिताजी के मुंह से गाली नहीं सुना था,, हां कभी कबार साला भोसड़ी वाला इस तरह की गाली सुन चुका था लेकिन,, इस तरह की गंदी गाली पहली बार सुन रहा था,,,, उसकी बात सुनकर कल्लु बोला,,,)
आ जाएगी दोस्त सबर कर सबर का फल मीठा होता है एक बार आ जाएगी तो देखना तेरे लंड पर कूद कुद कर बुर चुदवाएगी,,,,।
अरे यार तो चाहिए एक बार साली की बुर का भोसड़ा बना दूंगा,,,, आज बहुत चोदने का मन कर रहा है,,,।
तेरा मन तो रोज करता है,,,, याद है ना पिछली बार क्या हुआ था नशे की हालत में तू मेरी बीवी पर ही टूट पड़ा था वह तो अच्छा हुआ कि मैं आ गया वरना तु उस दिन तो मेरी बीवी को ही चोद देता,,,,।
(कल्लु की बात सुनकर सूरज एकदम हैरान रह गया,,, उसे समझ में आने लगा था कि उसके पिताजी कितने गंदे इंसान हैं लेकिन उनसे भी ज्यादा गंदा इंसान है कल्लू जो कि अपनी बीवी के बारे में इस तरह की बातें बोल रहा है और यही सूरज अपने मन में सोच रहा था कि यह कैसा आदमी है जो ऐसे इंसान के साथ घूम रहा है जो उसकी बीवी के साथ जबरदस्ती कर रहा था,,,, सूरज के लिए यह बात अचंभित कर देने वाली थी और कोई और सुनता तो शायद उसे भी यह बात कुछ अजीब ही लगती की भला ऐसा इंसान ऐसे दोस्त के साथ कैसे घूम सकता है जो अपने ही दोस्त की बीवी पर गंदी नजर रखता हो,,,, लेकिन सूरज इस बात को नहीं जानता था कि जिस तरह का जिक्र है उसने यहां पर छेड़ दिया था इसमें उसकी चालाकी छिपी हुई थी वह जानबूझकर अपनी बीवी का जिक्र यहां पर छेद था,,,,। इसके पीछे उसकी बहुत लंबी सोच थी,,,।
क्योंकि कल्लु की नजर पहले से ही भोला की बीवी पर थी अच्छी तरह से जानता था कि भोला की बीवी गांव की सबसे खूबसूरत औरत है वह पहले से ही उसके साथ चुदाई का सुख भोगना चाहता था लेकिन जानता था कि वह ऐसे हाथ आने वाली नहीं है और जब वह नदी में उसे संपूर्ण रूप से नग्न अवस्था में नहाते हुए देखा था उसकी नंगी गांड और बड़ी-बड़ी चूची को अपनी आंखों से देखकर उसकी आंखों में वासना के डोरी नजर आने लगे थे और वहां इस समय उसके साथ जबरदस्ती करने की सोच रहा था लेकिन सुनैना उसकी एक नहीं चलने की और वह असफल हो गया,,, वह किसी भी हालत में सुनैना के साथ चुदाई का सुख प्राप्त करना चाहता था गांव की सबसे खूबसूरत औरत के साथ चुदाई करके मस्त होना चाहता था और वह जानता था कि सुनैना उसे हाथ भी नहीं लगाने देगी इसीलिए वह चला कि खेल रहा था सुनैना के पति के साथ दोस्ती करके,,,।
इसीलिए तो वह धीरे-धीरे सुनैना के पति को अपने बस में कर रहा था उसे शराब और शबाब लत धरा रहा था जिसमें वह पूरी तरह से कामयाब भी हो चुका था इसीलिए वह अपने घर पर ले गया था और जानबूझकर अपनी बीवी को वह,,, उसके सामने अपनी जवानी का जलवा दिखाने के लिए बोला था और उसकी बीवी भी एक नंबर की हरामि थी उसे पैसों से मतलब था,,, और वह भी धीरे-धीरे अपनी जवानी का जलवा सुनैना के पति पर चला रही थी,,, और उस दिन भी ऐसा ही कुछ हुआ था सब कुछ सोची समझी साजिश थी,,शराब पिलाकर वह भोला को अपने घर ले गया था जहां पहुंचने के बाद वह फिर से उसे शराब पिलाया था और जब उसे ज्यादा नशा हो गया था तो घर में ही सोने के लिए बोल दिया था लेकिन जब वह पूरी तरह से अपने होश में नहीं था तब इस समय वह अपनी बीवी को इशारा कर दिया था उसके कमरे में जाने के लिए,,,।
भोला इन सब बातों से बिल्कुल अनजान था उसे नहीं मालूम था कि गांव का बदमाश कल्लु उसका जीवन बर्बाद कर रहा है,,, अपने पति का इशारा पाकर उसकी बीवी कमरे में पहुंच गई और भोला के सामने ही अपने कपड़े उतार कर कपड़े बदलने का नाटक करने लगी लेकिन अपनी आंखों के सामने जब एक खूबसूरत औरत को कपड़े उतार कर नंगी होता हुआ देखा तो भोला से रहा नहीं गया और वह अपनी जगह से उठकर तुरंत उसे अपनी बाहों में भर लिया और खटिया पर पटक दिया,,, लेकिन इससे ज्यादा भोला कुछ कर पाता उससे पहले ही उसका पति कल्लु कमरे में आ गया और उसे रोक लिया,,, वह अपनी बीवी का उपयोग करके उसकी बीवी को अपने बिस्तर पर लाना चाहता था और उसे पूरा यकीन था कि एक न एक दिन ऐसा जरूर होगा इसीलिए तो आज वह जानबूझकर अपनी बीवी का जिक्र छेड़ दिया था और उसकी बात सुनकर भोला बोला,,,।
यार उसे दिन ज्यादा नशा हो गया था इसलिए कुछ समझ में नहीं आया और वैसे भी तेरी बीवी मेरी आंखों के सामने अपने कपड़े उतार कर नंगी हो गई थी,,,।
उसे नहीं मालूम था कि कमरे में तू है वह तो उसी का कमरा था और वह सोने के लिए गई थी और अपने कपड़े बदल रही थी उसे क्या मालूम था कि तो कमरे में पहले से मौजूद है और इसमें मेरी गलती थी मैंने उसे बताया नहीं था कि आज तु घर पर ही सोएगा,,, लेकिन एक बात है सही में मैं उसे दिन समय पर नहीं वहां मौजूद होता तो उसे दिन तो तू मेरी बीवी की चुदाई कर दिया होता ,,,।
यार तू नहीं समझ सकता मेरी जगह कोई और होता तो वह भी वही कर देता जैसा मैं करना चाह रहा था तो नहीं जानता तेरी बीवी कितनी खूबसूरत है कपड़े उतारने के बाद उसका नंगा बदन देखकर उसकी बड़ी-बड़ी गांड देखकर तो मेरा लंड एकदम से खड़ा हो गया क्या करता एक तो सर आपका नशा और ऊपर से तेरी बीवी की जवानी का नशा मैं तो पागल हो गया था,,,।
क्या सच में मेरी बीवी तुझे इतनी अच्छी लगी,,,!(कुटील मुस्कान अपने चेहरे पर लाकर कल्लू बोला ,,)
सच में मुझे बहुत अच्छी लगी तेरी बीवी,,,, मेरी जगह कोई भी होगा तो उसे भी तेरी बीवी अच्छी लगेगी,,, क्या तुझे नहीं अच्छी लगती तू तो जब चाहे तब अपनी बीवी की ले सकता है कितनी खूबसूरत है तेरी बीवी,,,।
चल रहने दे तुझे ऐसा लगता है वह कहावत तो तूने सुनी होगी घर की मुर्गी दाल बराबर,,,।
मतलब मैं कुछ समझा नहीं,,,!(आश्चर्य जताते हुए भोला बोला,,,)
मेरा मतलब है कि जिसे रोज खाने को मुर्गी मिली तो उसके लिए तो मुर्गी भी दाल बराबर हो जाती है मेरा मतलब है कि रोज-रोज बीवी की लेने के बाद बीवी भी सुंदर नहीं लगती सच कहूं तो मुझे तो तेरी बीवी बहुत खूबसूरत लगती है,,,।(अपने मन की बात कल्लु भोला के सामने बोल गया था,,, और इस बात को सुनकर सूरज के चेहरे पर क्रोध के भाव नजर आने लगे थे उसे समझ में आ गया था कि उसकी नजर उसकी मां पर है और वह देखना चाहता था कि उसकी बात सुनकर उसके पिताजी कैसा व्यवहार करते हैं लेकिन उसके आश्चर्य के बीच उसके पिताजी एकदम शांत बने रहे जैसे कुछ हुआ ही नहीं है ऐसा लग रहा था कि जैसे उन्हें कुछ सुनाई ही नहीं दिया हो,,,, वह उसकी ही तरह बेशर्म होते हुए बोले,,,)
तो इसमें क्या हुआ दोस्त मैं तेरी बीवी की ले लूंगा और तू मेरी बीवी की ले लेना,,,।
(इतना सुनकर तो जैसे कल को मुंह मांगी मुराद मिल गई वह एकदम से प्रसन्न होता हुआ बोला,,,)
यह हुई ना बात मेरे राजा इसे कहते हैं दोस्ती सच में जिस दिन ऐसा हुआ ना तुझे शराब से नहला दूंगा और साथ में अपनी बीवी भी तुझे हमेशा के लिए दे दूंगा जब चाहे मन तु उसे चोद सकता है,,,। अपने वादे पर कायम रहना मेरे दोस्त,,,,।
बिल्कुल मेरे यार तेरे लिए तो जान हाजिर है लेकिन इसमें जो मेरी जान ले रही है कमला अभी तक आई क्यो नहीं,,,, अभी तक,,, बोतल का ढक्कन भी बंद है और मेरी रानी कमला की बुर का उद्घाटन भी नहीं हुआ है,,,।
आ जाएगी सब्र कर वह अभी सबसे नजरे बचा कर आती है और सबसे अच्छी बात यह है कि हम दोनों के लिए खाना भी लेकर आती है,,,, इसमें उसे थोड़े बहुत पैसे मिल जाते हैं और मजा भी मिल जाता है और हम लोगों की तो मजा ही मजा है,,,।
(सूरज उन दोनों की बेशर्मी भरी बातें सुन रहा था उसे सबसे ज्यादा गुस्सा तो अपनी मां का जिक्र होने पर आ रहा था और इस बात से उसे और ज्यादा क्रोध आ रहा था कि उसके पिताजी बिल्कुल भी गुस्से में नहीं थे बल्कि उसकी बात सुनकर एकदम शांत थे अपने पिताजी का रवैया देखकर सूरज इतना तो समझ गया था कि उसके पिताजी से ही उसकी मां की इज्जत खतरे में है वह किसी भी दिन उसकी मां को कल्लु के हवाले करदेंगे,,, सूरज का मन तो कर रहा था इसी समय अपने पिताजी के साथ-साथ कल्लु का भी मुंह तोड़ दे,,,, क्योंकि उसी ने उसके पिताजी को इतना गंदा इंसान बनाया था वरना उसके पिताजी सीधे-साधे इंसान थे,,,, सूरज अपने मन में ही क्रोधित हुआ जा रहा था उसका तो बहुत कुछ करने का मन कर रहा था लेकिन फिर भी वह एकदम शांत पता क्योंकि वह जानता था कि इस तरह से बीच में कुद पडना अच्छा नहीं है,,,,,,।
उसके पिताजी और वह बदमाश बड़े बेसब्री से कमला के आने का इंतजार कर रहा था,,, एक तरफ जहां उन दोनों की बातों को सुनकर सूरज को गुस्सा आ रहा तुम्हारी दूसरी तरफ दोनों की बातों से उसके तन-बदन में उत्तेजना की लहर भी उठ रही थी,,, और वह भी बड़ी बेचैनी से कमला के आने का इंतजार कर रहा था,,, चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था गोदाम के बाहर भी अंधेरा ही था,,,, लेकिन फिर भी सूरज को सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे रहा था क्योंकि वह दोनों के बेहद करीब ही था तभी उसके पिताजी बोले,,,।
चल गोदाम में चलकर इंतजार करते हैं,,,, और शराब पीना शुरू करते हैं,,,,,,।
हां तु ठीक कह रहा है उसके आते आते नशा भी होने लगेगा,,,,,,,,,।
ला बोतल मुझे दे और तू दरवाजा खोल,,,,,,(इतना कहकर भोला अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और कल मुस्कुराता हुआ अपने हाथ में लाए हुए दो बोतल को भोला को थमा दिया,,,, और खुद दरवाजा खोलने के लिए आगे बढ़ गया गोदाम काफी बड़ा नजर आ रहा था और उसका दरवाजा भी काफी बड़ा था ऐसा लग रहा था कि अनाज का गोदाम है,,,, सूरज अपने मन में उसको धाम के बारे में सोच रहा था उसके मन में ढेर सारे सवाल उठ रहे थे उसे गोदाम को लेकर की यह गोदाम है किसका किसी आम इंसान का तो हो नहीं सकता इतना बड़ा गोदाम किसी रईस का ही है,,,,.
सूरज का अपने मन में इतना सोचा था कि कल आगे बड़ा और दरवाजे पर लगा ताला खोलने के लिए अपनी धोती में टटोलने लगा,,, और जल्द ही धोती में भरी हुई चाबी उसके हाथ में लग गई और उसे चाबी को धोती में से खोलकर उसे चाबी को अपने होठों से लगाकर उसे पर चुंबन करते हुए ताले के पास पहुंच गया और उसे खोलते हुए बोला,,,।
जय हो राजा साहब की,,,,, उनकी बदौलत ही हम यहां पर अैयाशी करते हैं,,,, और यह अनाज का गोदाम उनकी अय्याशी का अड्डा ही है जब उनका मन होता है तब वह यहां पर आते हैं और मुझे नहीं नहीं औरतें लाने के लिए बोलते हैं और उसके बदले में ढेर सारे पैसे भी देते हैं एक तरह से मैं राजा साहब का एकदम खास हूं तभी तो उन्होंने भेजी जाए कितने बड़े गोदाम की चाबी और उसकी रखवाली करने के लिए मुझे जिम्मेदारी दे दीए है,,,।(ताला खोलने हुए कल्लू बोला,,, और उसकी बात सूरज एकदम ध्यान से सुन रहा था वह समझ गया था कि किसी राजा साहब की ही गोदाम है,,,,, और धीरे-धीरे बड़े से दरवाजे को कल खोलने लगा पर देखते ही देखते दरवाजे को दोनों तरफ से खोल दिया,,,, गोदाम का दरवाजा खुलते ही भोला बोला,,,,)
यार तेरे राजा साहब तो सही में दिलदार हैं,,,, अब तो तुझे पैसे की कमी नहीं होती होगी,,,।
बिल्कुल भी नहीं जब मांगो तब पैसा मिल जाता है तभी तो तुझे इतना ऐश करा रहा हूं,,,,।
तब तो तु मुझे भी मिलाना अपने राजा साहब से,,,।
बिल्कुल तुझे तो मिलना ही पड़ेगा तू तो मेरा खास है,,,। चल अब अंदर चल कर बैठते हैं,,,,।
(उसका इतना कहना था कि सूरज के पिताजी भी उसके पीछे-पीछे गोदाम में प्रवेश करने लगे,, और देखते ही देखते दोनों गोदाम में प्रवेश कर चुके थे,,,, सूरज को बड़ी बेसब्री से इंतजार था अब कमला को देखने का,,,,,, उसका दिल जोरो से धड़क रहा था उसकी आंखों के सामने उसके पिताजी और वह बदमाश कल गोदाम में प्रवेश कर चुके थे दरवाजा अभी भी खुला था जिसे वह दोनों कमला के आने के लिए ही खोल रखे थे,,,,,, और सूरज जानता था कि कमला के आते ही वजह से ही गोदाम में प्रवेश करेगी गोदाम का दरवाजा भी बंद हो जाएगा और वह कुछ देख नहीं पाएगा और इसलिए वह अपने मन में सोच रहा था कि उसके आने से पहले उसे भी गोदाम के अंदर चले जाना चाहिए ताकि वह सब कुछ देख सके,,, इसलिए वह चोरी चुपके धीरे-धीरे आगे बढ़ा और देखते ही देखते वह भी गोदाम के दरवाजे तक पहुंच गया वह चोरी से अंदर की तरफ देखा तो गोदाम काफी बड़ा था और अंदर जगह-जगह पर घास का ढेर पड़ा हुआ था कुछ अनाज की बोरियां भी थी और ढेर सारा कबाड़ भी था,,,।
पहले तो सूरज को इन सब के सिवा उसके पिताजी और कल्लु नजर नहीं आ रहे थे,,, सूरज चारों तरफ नजर घुमा कर देख रहा था तभी दोनों के हंसने की आवाज आई और सूरज कोने की तरफ देखने लगा तो वहां पर ढेर सारी घांस बिछी हुई थी,,, ढेर सारी घास को देखकर सूरज समझ गया कि इसी घास पर दोनों अय्याशी करते हैं,,, और मौका देखकर वह भी जल्दी से गोदाम में प्रवेश कर गया और एक जगह पर जाकर चुप किया जहां पर उन दोनों की नजर नहीं पहुंच सकती थी अंदर लालटेन चली हुई थी और चारों तरफ अंधेरा था लेकिन जहां लालटेन जली हुई थी वहीं पर दोनों बैठकर शराब पी रहे थे और वहां पर काफी रोशनी थी जिसे सूरज को भी वहां देखने में आसानी हो रही थी और जिस जगह पर वहां छिपा हुआ था वहां पर काफी अंधेरा था जहां पर किसी के भी द्वारा देखे जाने की आशंका बिल्कुल भी नहीं थी,,,,।
देखते ही देखते दोनों शराब की बोतल खाली करने लगे लेकिन अभी तक कमल का अता-पता नहीं था इसलिए शराब के नशे में सूरज के पिताजी बोले,,,।
यार कल्लु कहीं कमला किसी दूसरे को तो अपनी बुर नहीं दे रही है,,,।
यार मुझे भी अब चिंता हो रही है काफी देर हो गई है कमला मादरचोद आई नहीं,,,,(कल्लु भी शराब को एक साथ में गटकते हुए बोला,,, दोनों की बातों को सुनकर सूरज को भी चिंता होने लगी की कही सही में कमला आज की रात नहीं आई तो उसकी मेहनत पानी में फिर जाएगी,,, इसलिए उसे भी चिंता होने लगी लेकिन तभी दूर से पायल की छन-छन की आवाज आने लगी,,,,,,, जिसे सुनकर सूरज का दिल जोरो से धड़कने लगा उसे एहसास होने लगा था कि कमला आ रही है,,,, लेकिन दोनों इतनी शराब में मस्त हो चुके थे कि उन्हें किसी भी तरह की आवाज सुनाई नहीं दे रही थी इसलिए वह लोग आपस में बड़बड़ा रहे थे लेकिन तभी दरवाजे पर कमल पहुंच चुकी थी और उसको देखते ही सूरज का भी मुंह खुला का खुला रह गया था,,,,।)