Update no 4
सार्जेंट ने एक बैरे को पास बुलाया और काफी का आर्डर दिया।
पांच मिनिट के पष्चात जूलिया काफी की चुस्कियां ले रही थी...अचानक हाल की लाईट गोल हो गयी। मोन्टी कुरसी पर खड़ा हो गया ,सार्जेंट का दिमाक चकराया। जूलिया की तो चीख निकलने वाली थी तभी स्टेज पर हलकी गुलाबी लाईट का प्रकास का गोला दिखाई देने लगा , गोला धीरे-धीरे बड़ा होता गया, अब गोले के मध्य में एक खूबसूरत लड़की मधुर मुस्कान के साथ खड़ी थी...उसके जिस्म पर गुलाबी रंग के गाऊन नुमां वस्त्र थे...सार्जेंट को इस प्रकार के डान्स में गाऊन की उपयोगिता समझ में नहीं आ रही थी।
आर्केस्ट्रा का स्टेज भी हलके गुलाबी प्रकास से नहा रहा था , साधकों ने आर्केस्ट्रा पर मधुर धुन छेड़ दी थी...एरिना का षरीर आर्केस्ट्रा की धुन पर बिजली की गति से थिरक रहा था, सार्जेंट को गाऊन की उपयोगिता का पता लगता दिख रहा था। एरिना आर्केस्ट्रा की धुन पर गोल-गोल घूम रही थी। उसका गाउन गर्दन से ऊपर तक उठ रहा था, उसके घूमने की रफ्तार बड़ती जा रही थी।अचानक एरिना इतने जोर से घूमी कि उसका गाऊन हवा में उड़ गया,सार्जेंट के मुख से षिसकारी निकली। हाल में हल्का सा गुलाबी प्रकास छाया हुआ था सभी मंत्र मुग्ध डान्स देख रहे थे वह नाम मात्र के कपढ़ों में बिजली की गति से थिरक रही थी या यूं कहो कि उसका अंग-अंग थिरक रहा था। अब केवल एरिना पर सर्च लाईट का सफेद दूधिया प्रकास पढ़ रहा था, बह और अधिक मादक दिखाई दे रही थी, उसके डान्स करने का अन्दाज भी बदलता जा रहा था, सार्जेंट अपने दिमाक पर जोर डाल रहा था, उसे लग रहा था मानों उसने उसे कहीं देखा है। लेकिन उसे कुछ याद नहीं आ रहा था।
आर्केस्ट्रा की तेज धुन अचानक बन्द हो गई, उसने सभी को झुक-झुक कर सलाम किया और स्टेज से ओझल हो गयी।
क्लब का हाल एक बार फिर प्रकास से नहा गया, सार्जेंट अभी तक एरिना के विशय में ही सोच रहा था ,मोण्टी नई सिगरेट जला रहा था, जूलिया अभी भी आर्केस्ट्रा का मधुर धुन गुनगुना रही थीं
- सार्जेंट कहां खो गये।
- षोच रहा था वो खुषनसीब कोन होगा ............
- किसकी बात कर रहे हो..
- ...जिसके साथ इसकी षादी होगी....दूधिया बदन,सांचे में ढला षरीर, बांकी चितवन......
- मैं चली सार्जेंट
- अरे कहां अभी से
- अरे बाबा साड़े ग्यारह बज रहे हैं
उसने हाथ घड़ी में टाइम देखा।
- कहां रहती हैं आप
- नेषनल रिसर्च लेबोराट्री आफ बायो सांइस के पीछे बने क्वार्टर में।
- मैं आप को ड्रोप कर दूंगा चलिये।
- लेकिन आप तो सिविल लाईन में रहते हैं।
- अरे आप को कैंसे मालुम।
- मैंने कहा ना तुम्हारे बास की फेन हू
और मेरी नहीं, सार्जेंट ने रोनी सूरत बनाकर कहा।
- तुम्हारी भी, उसने मुस्कराते हुये कहा।
तुम्हारी भी, खेर चलो..चलो इन्स्पेक्टर मोन्टी,....मोन्टी ने सिर हिलाया, एवं तीनो क्लब से बाहर आ गये।
- आप नेषनल लेबोराट्री में काम करती हैं।
हां डाॅक्टर सत्यजीत राय की असिस्टेण्ट हूं।
बस अगले मोड़ पर दाहिने मोड़ दीजिये, अरे-अरे कहां ले जा रहे हो, मेरा घर आ गया। सार्जेंट ने अपना दाहिना पैर एक्सीलेटर से हटा कर ब्रेक के पैडल दबाया कार दाहिने और के एक क्वार्टर के सामने खड़ी हो गयी। क्वार्टर का बाहरी भाग सुन्दर पुश्पों के पौधों से सुषोभित हो रहा था, निष्चित रूप से यहां रहने वाला फूलों से प्रेम करने वाला है.......नहीं वाली है, अपने सोचने पर सार्जेंट के चेलरे पर मुस्कान आगई।
- आईये
- नहीं फिर कभी मेडम, दिन में नहीं तो वही बात हो जायेगी.....हम हैं आप हैं और ये तनहाई......
- आई थिंक यू आर नाॅट ....जस्ट लाईक देट ....आई हेव नो एनी प्राबलम फ्राम योर साइट एनी वे एस यू लाईक ओके गुड नाईट....
- गुड नाईट बट् थेंक्स टू सर्टीफाई माई करेक्ट....नाओ अगेन स्वीट ड्रीम मेडम।
जूलिया के चेहरे पर हलकी मुस्कान आ गयी.....वो अपने फ्लेट का दरवाजा खोलने लगी।
सार्जेंट ने कार स्टार्ट कर गयेर में डाल दी।.....