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Incest पापा का इलाज [Erotica, Romance and Incest]

Do you want all characters of the stories to fuck each other or only Anurag should fuck the ladies?

  • Yes - I love everyone to be fucked by everyone

    Votes: 29 44.6%
  • No - I love the love between Anurag, Naina and Varsha. That should be kept sacred

    Votes: 21 32.3%
  • No- Only the Hero should have all the fun

    Votes: 15 23.1%

  • Total voters
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Dirtymind88

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Premkumar65

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उधर शेखर के यहाँ नैना और रूबी एक साथ कमरे में थे। वर्षा के बेटा लता और शेखर के साथ सो गया था। शेखर और लता थके हुए थे और कुछ ही देर में सो गए। नैना जो दो दिन से सोइ नहीं थी। कुछ देर बाद वो भी सो गई। पर रूबी के आँखों से नींद गायब थी। उसे अपने ऊपर बहुत ग्लानि हो रही थी। वो वर्षा और अनुराग को परेशान तो करना चाह रही थी पर उसे उम्मीद नहीं थी की इस चक्कर में अनुराग की तबियत ख़राब हो जाएगी। ये सब सोचते सोचते वो ये सोचने लगी की हॉस्पिटल में वर्षा और अनुराग क्या कर रहे होंगे। क्या वो दोनों एक दुसरे को प्यार कर रहे होंगे ? क्या वर्षा ने अनुराग को दूध ही दिया होगा या सेक्स भी किया होगा। ये सब सोचते सोचते उसके चूत और मुम्मे दोनों बहने लगे।

उसने देखा तो उसका बेटा भी सो गया था। उसने सोचा नैना को जगा कर उसे ही पीला दे पर नैना भी थक कर सोइ हुई थी। वो उठकर किचन की तरफ चली गई। उसका गाला भी सूख रहा था। बाहर आते ही उसके स्तन से निकलता दूध बंद तो हुआ पर वो भारी हो चुके थे। अपने घर में होती तो शायद दूध निकाल लेती पर यहाँ उसे अजीब लग रहा था। अपनी पीकर वो वहीँ ड्राइंग रूम में बैठ गई। उसे नींद तो आ नहीं रही थी। उसने टीवी खोल लिया और आवाज कम करके देखने लगी। टीवी तो बस मन बहलाने के लिए था। अंदर तो वो अनुराग और वर्षा के साथ साथ आने वाले कल के बारे में सोच रही थी।

खटपट की आवाज सुनकर लता की नींद खुल गई। उसने बाहर लाइट जलते देखा तो उठ कर आ गई। उसने देखा , रूबी बैठी हुई है तो वो उसके पास आकर बोली - क्या हुआ ? नींद नहीं आ रही है ?
रूबी - अरे आप जग गईं। सॉरी नींद नहीं आ रही थी तो आकर बैठ गई।
लता उसके बगल में बैठ गई और उसको बालों को सहलाते हुए बोली - टेंशन मत ले , अनुराग ठीक हो जायेगा।
रूबी ने जैसे ही ये सुना उसने लता के कंधे पर अपना सिररख दिया और सुबकते हुए बोली - ये सब मेरी वजह से हुआ है। मैं बहुत बुरी हूँ।
लता ने उसे कहा - अरे ये क्या ? क्यों रो रही है। सब ठीक है बोला ना। कल वो हॉस्पिटल से घर आ जायेगा। और तेरा कोई दोष नहीं है।
रूबी - नहीं बुआ , मैं ही आप सबको परेशान कर रही थी।
लता ने उसके आंसू पोछा और माथे को चूमते हुए बोली - तू हम सबकी प्यारी बच्ची है। छोटे ऐसे ही होते हैं। तेरा कोई दोष नहीं है। अब बस ख्याल रखना उसका।
रूबी - हाँ। अब मैं पापा को एकदम परेशान नहीं करुँगी। नैना ने जैसा कहा है वैसा करुँगी।
लता ने उसके बाल सहलाये और अपने बाँहों में थाम लिया और बोली - मेरी प्यारी बच्ची। हम सब उसका ख्याल रखेंगे।
रूबी को लता ने अपने बाँहों में भींच लिया। रूबी उसके बाँहों में सिमटती चली गई। पर इस चक्कर में उसके स्तन फिर से बहने लगे। जब लता को अपने सीने पर कुछ गीला गीला से लगा तो उसने पुछा - क्या हुआ ? बच्चे ने दूध नहीं पिया क्या ?
रूबी - नहीं। आज जल्दी सो गया। और नींद में पीता भी नहीं है।
लता - उफ़ , मेरी बच्ची। कल से ये दिक्कत नहीं होगी।
रूबी उसका मतलब समझ गई। बोली - धत्त। आप भी न।
लता - अच्छा हॉस्पिटल में तो बड़ा बोल रही थी सब करूंगी। अब शर्मा रही है। अरे तेरे बाप को जरूरत है इसकी अब।
रूबी - हम्म। पर अभी क्या करू ?

लता ने ये सुना तो उसके चेहरे को अपने हाथो से ऊपर उठाया और फिर उसके माथे पर प्यार भरी चुम्मी दे दी। उसने फिर प्यार से रूबी की आँखों में देखा। रूबी की आँखों में उसे वासना की झलक दिखाई दे रही थी पर वो अपने तरफ से कुछ नहीं करना चाहती थी। रूबी को भी अब सहारा चाहिए था और उसे पता था की लता बुआ उसके कहुआफ के कारण कुछ भी नहीं करेंगी। जो भी करना होगा उसकी शुरुवात उसे ही करनी पड़ेगी। रूबी ने फिर थोड़ा उठ कर पहले तो लता के गालों पर किस किया फिर अंत में उसके होठों पर अपने होठ धार दिए। रूबी के हरे हुए होठों से लता के होठ जैसे ही छुए , लता के अंदर करंट सा लगा। उसने भी तुरंत अपने तरफ से उसे किस करना शुरू कर दिया। दोनों एक दुसरे को चूमने लगे। लता ने पहले तो रूबी के निचले होठों को चूसा फिर अपने जीभ को निकाल लिया। लता के जीभ के बाहर आते ही रूबी ने उसे अपने मुँह में भर लिया। कुछ ही देर में दोनों के जीभ एक दुसरे के मुँह में विचरने लगे। दोनों की ये चुम्मा चाटो कुछ मिनिटों तक चली।

अंत में रूबी ने कहा - बुआ , निचे जो लीक हो रहा है उसका कुछ करो न।
लता ने फिर अपने चेहरा निचे किया और रूबी के एक स्तन को बाहर करके उस पर मुँह लगा दिया।
रूबी ने सिसकारी लेते हुए कहा बोली - पी जाओ इसे बुआ । भाई से पहले आप चख लो। स्वाद लेकर बताओ भाई को पसंद आएगा न।
लता ने उसके स्तनों से निकलते दूध पीना शुरू कर दिया। पर कुछ ही देर बार लता ने दूध पीना छोड़ कर रूबी के मुम्मो से खलेना शुरू कर दिया। वो उसे मथने लगी, दबाने लगी। रूबी की हालत खराब हो रही थी।
रूबी - बुआ , उफ़ क्या कर रही हो। पियो न, मसलो मत।
लता - तेरे मुम्मे बड़े मस्त हैं। ऐसे ही इनका दिल तेरे गदराई जवानी पर नहीं आया है।
रूबी - इसस बुआ , किसका दिल आ गया है ?
लता को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसके मुँह से शेखर की बात निकल गई थी जिसे रूबी ने भी समझ लिया था पर रूबी ने जानबूझकर अनजान बनाते हुए ये पुछा था।
लता - इन पर तो किसी का भी दिल आ जायेगा।
रूबी - इस्सस बुआ। आपका भी दिल लगता है आ गया है। पर जरा आराम से दबाओ।
लता ने उसके टॉप को पूरा उतार दिया और उसके मुम्मे पर मुँह लगा दिया। अब रूबी ने भी लता के उभारो को अपने हाथों से टटोलना शुरू कर दिया था। लता ने एक नाइटी पहनी हुई थी जिसमे ऊपर की तरफ चेन था और उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना था। रूबी ने उसके चेन को खोल दिया और लता के मुम्मे दबाने लगी।
रूबी - बुआ , आपके मुम्मे भी जबरदस्त है। एकदम बड़े बड़े रसभरे। जरा नाइटी उतारो न, मुझे पूरा देखना है।
लता - अभी कोई जग जाएगा।
रूबी - कोई नहीं जागेगा बुआ। नैना तो थक कर चूर है। फूफा तो गहरी नींद में होंगे न ?
लता को अपने पति महेश का ही डर था। पर उसने देखा की रूबी ही बेताब हो राखी है तो वो क्यों डरे। पर फिर उसने सोचा की महेश क्या सोचेगा की उसके भाई अनुराग का पूरा परिवार ही ऐसा है। तभी उसके अंदर से फिर से आवाज आई। जो है तो है। महेश से क्या छुपा है।
रूबी ने लता के उधेड़बुन का फायदा उठाया और उसकी नाइटी उतार दिया। अब लता पूरी तरह से नंगी थी और रूबी के बदन में छोटा सा पैंट। रूबी ने देखा लता की चूत पनिया चुकी थी।
रूबी - लगता है आपकी मुनिया भी प्यार खोज रही है। फूफा ने लगता है आज इन्हे प्यासा ही छोड़ दिया है।
लता ने मस्ती में कहा - उफ़ , तेरे फूफा का बस चले तो किसी भी चूत को प्यासा ना छोड़े। पर ये आग तो तूने लगाई है।
रूबी - मुझे नहीं पता था कि आपके अंदर इतना आग है जिसे मैं भी भड़का सकती हूँ।
लता - हम एक परिवार के हैं कमिनी। सबका स्वाद एक जैसा ही होगा न। चल अब बातें ना कर मेरी मुनिया को प्यार करो।
रूबी सोफे से उतर लता के पैरों के पास बैठ गई। उसने अपना मुँह लता के चूत पर लगा दिया और उसके चूत को चाटने लगी।
लता - आह , तू तो एक्सपर्ट है रे। मस्त चाटती है। इस्सस।।

रूबी तो एक्सपर्ट थी ही। लता को क्या ही पता था की आजकल रूबी ने वर्षा को एप बस में कर रखा है , रूबी जबरजस्त तरीके से लता के चूत को अपने जीभ से अंदर तक पेले जा रही थी। एक तरफ उसकी जीभ लता के चूत पर टहल रही थी तो दुसरे तरफ उसकी एक हाथ की ऊँगली क्लीट को रगड़ रही थी। लता पुरे मस्ती में थी और जोर जोर से सिसकारी ले रही थी। उसकी सिसकारियां शेखर और नैना को जगाने के लिए काफी थी। तभी रूबी ने अपने दुसरे हाथ की दो ऊँगली को अपने मुँह में डाला और थूक से पूरी तरह गीला करने के बाद लता के गांड में घुसा दिया।


गांड में दो ऊँगली जाते ही लता चीख पड़ी - बहनचोद , क्या कर रही है। ऊँगली कहाँ घुसा दी ?
रूबी - वहीँ जहाँ आपको लैंड घुसवाने में मजा आता है। लगता है फूफा ने गांड खूब मारी है। देखो न बड़े आराम से गांड में दो ऊँगली गई है।
लता - बहन की लौड़ी , आराम से नहीं गई है। दर्द हो रहा है।
रूबी - अभी मजा भी आएगा।
रूबी ने फिर अपना काम चालू कर दिया। लता पूरी मस्ती में आ गई। उसकी सिसकारियां तेज हो गईं। वो किसी भी पल झड़ सकती थी। उसका बदन थरथराने लगा था।
लता की चीख सुनकर शेखर और नैना दोनों जग चुके थे। मैना ने देखा कि रूबी नहीं है तो वो उठ कर ड्राइंग रूम कि तरफ चल पड़ी। उसी समय लता कि चीख सुनकर शेखर भी अपने कमरे से निकला। शेखर को देख कर नैना ने इशारे से उसे कमरे में जाने को कहा। वो नहीं चाहती थी कि कोई ऑक्वर्ड मोमेंट हो। शेखर जब अपने कमरे में चला गया तो नैना सोफे कि तरफ आई। उसने देखा उसकी माँ सोफे पर निढाल पड़ी हैं और रूबी उसके चूत और जांघों से गिरते हुए रस को चाटने में लगी थी।
दोनों कि हालत देख नैना बोली - गजब हाल है। कहाँ तो एक जन कड़क सती सावित्री बानी थी आज चूत चाट रही हैं। और माँ , तुम्हे शर्म नही आ रही तुम्हारा भाई हॉस्पिटल में है और तुम अपनी भतीजी से मजे ले रही हो।
लता नैना कि आवाज सुनकर घबरा गई और बोली - अरे , ये रूबी थोड़ा परेशान थी और ये सब हो गया। मुझे माफ़ कर दे।
नैना उसके बगल में जाकर बैठ गई और रूबी कि तरफ देखते हुए बोली - तूने क्या आतंक मचा रखा है ?
रूबी बेशर्मो कि तरह चटकारे लेते हुए बोली - यार , दूध ज्यादा बन चूका था। बुआ मेरी मदद कर रही थी। पर खुद ही इतनी गरम हो गईं कि मुझे उनकी मदद करनी पड़ी। वैसे मस्त स्वाद है बुआ में।
नैना - मुझे पता है। पर तुझे कुछ तो सोचना चाहिए था कि पापा भी घर में हैं।
रूबी - यार मस्ती में कहाँ याद रहता है। फूफा जगे तो नहीं हैं ना।
नैना - नहीं पूरी नींद में हैं। टेंशन मत ले पर थोड़ा कण्ट्रोल रखना चाहिए था।
रूबी - ध्यान रखूंगी।
लता ने कपडे पहन लिए थे। रूबी ने भी अपना टी शर्ट उठाया। पर उसके स्तनों से फिर से दूध बहने लगा।
ये देख नैना बोली - चल अच्छा है , मामा का ख्याल हो जायेगा। पक्का दुधारू गाय तैयार है।
रूबी - यार समझ नहीं आ रहा है , पापा को कैसे दूध दूंगी।
नैना हँसते हुए - वाह मेरी जान। मैंने कब कहा डाइरेक्ट पीला। पंप रहेगा उससे निकाल लेना।
रूबी - हाँ ये सही रहेगा।
नैना - वैसे मम्मी भी दुह सकती हैं। अब तो तुम दोनों में पर्दा है ही नहीं।
लता - चुप करो। हो गई गलती न।
नैना - मुझे तो लग रहा है , रूबी ऐसी गलती मामा के साथ भी कर ही लेगी। बचपन का ख्वाब पूरा हो जायेगा उसका।
लता - कौन सा ख्वाब ?
नैना - आपको सब पता तो है। घर कि लड़कियों से लेकर सहेलियां तक मामा कि आशिक थी। एक यूएस में बैठी है। उसका दूध आ रहा होता तो आ जाती आपभी पिलाने।
लता - तृप्ति ? क्या बोल रही है तू।
नैना - माँ , अनजान मत बनो आप। कितनी बार तो शादी से पहले उसे डांटा है। हम सबको आपसे दांत पद चुकी है।
लता - हम्म। मुझे तो लगा था बचपना है। मुझे क्या पता था तुम सब इतने सीरियस हो। वैसे तृप्ति और अवि बच्चा क्यों नहीं कर रहे ?
नैना ने गहरी सांस ली और कहा - हम्म्म। बताउंगी कभी।
रूबी - कोई प्रॉब्लम तो नहीं है न?
नैना - अब उन्ही दोनों से पूछ लेना। तीन महीने बाद का टिकट है। दोनों आ रहे हैं।
ये सुनकर दोनों आश्चर्य चकित से मिश्रित खुशी में डूब गईं।
नैना - इस बार मामा कि तबियत का सुनकर दोनों ने डिसाइड कर लिया है। उन्होंने पहले ही अपनी कंपनी से इंडिया ट्रांसफर के लिए बोला हुआ था। अबकी छुट्टी मिल गई है। वो तो जल्दी आ रहे थे पर मैंने कहा कि परमानेंट आ रहे हो तो सब सेटल करके आएं। अब तीन महीने बाद यहाँ आ जायेंगे।
रूबी - फिर तो मजा आ जायेगा। फिर से पहले वाला माहौल।
ये सुनकर लता सोच में पड़ गई। कहा तो वो नैना और अनुराग कि शादी के लिए तैयार हो रही थी अब उन दोनों के सामने तो थोड़ा और अजीब सा माहौल हो जायेगा।
रूबी ने लता कि तरफ देख कर कहा - बुआ , एक बात कहूं , आप नाराज तो नहीं होगी।
लता - नाराज क्यों होंगी भला। बोल।
रूबी - सब इक्कठे हो रहे हैं तो लगे हाथ नैना कि शादी भी करा दें पापा से।
लता - क्या ? अनुराग से नैना की?
रूबी - आपको सब पता है। सुना है ये चर्चा चल पड़ी है। आप तैयार भी हैं।
लता ने नैना के सर पर हाथ फेरते हुए कहा - हम्म। अब इनकी खुशियों के लिए मानना तो पड़ेगा ही।
फिर कुछ सोच कर बोली - तेरे फूफा भी मान गए हैं पर मस्ती में एक शर्त रख दी है। वैसे जरूरी नहीं है। पर ~~
रूबी - बुआ , पापा और नैना के लिए सब मंजूर है। आप दोनों लोग जो भी कहेंगे सब करने के लिए तैयार हूँ मैं।
ये सुनकर लता के आँखों में आंसू आ गए। उसने रूबी के माथे को चूम लिया और बोली - रहने दे ये शर्त वर्त। इन दोनों की खुशियॉं में ही हमारी खुशियां हैं। आने दे तृप्ति और अवि को भी फिर बात करते हैं। फिलकाल अनु जल्दी ठीक हो जाए। उसका ख्याल तुम दोनों बहनो को रखना पड़ेगा। उसे मजबूत बना ताकि नैना का ख्याल रख सके।

रूबी जो अब लता के बगल में बैठी थी। लता के कंधे पर सर रखती हुई बोली - आप टेंशन ना लो। पापा का ख्याल हम सब मिल कर रखेंगे।
कुछ देर ख़ामोशी छाई रही। थोड़ी चिंता थी तो थोड़ी ख़ुशी थी और कुछ कुछ मन में असमंजस की अवस्था भी।
तभी नैना बोली - चलो सब सो जाओ , कल उन्हें लेकर भी आना है।

तीनो अपने कमरे में चले आये। कल अनुराग को हॉस्पिटल से घर आना था। रूबी और अनुराग के लिए कल एक नया अनुभव शुरू होने वाला था। उन्ही दोनों के लिए ही नहीं बल्कि पुरे परिवार के लिए।
Ruby bhi ready hai apna doodh pilane ko.
 

Enjoywuth

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Kahan gaye bhai agal update ka intejar hai
 
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Lohpurush

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Bhai shekhar se chudai ni karwana sabki agr sabko anuraag ho chode to badiya rahega waiting for next update
 
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