Kahani to ab adultery ki side ja rhi hai bhai hero agr anuraag hi rhe toh asha tha
kahaani me hero anurag hi hai. par anya purush patra bhi hain . Why should only Anurag have all the fun? Let them have their share of fun too.. its all in the family..Kahani to ab adultery ki side ja rhi hai bhai hero agr anuraag hi rhe toh asha tha
Behtreen updateअगले दिन अनुराग को हॉस्पिटल से घर आना था। चूँकि चिंता वाली कोई बात नहीं थी तो शेखर ऑफिस चला गया था। नैना ने रूबी , लता और बच्चों को अनुराग के घर छोड़ दिया। दो दिन के लिए ही सब यहाँ से गए थे पर घर पूरा अस्त व्यस्त था। वो दोनों साफ़ सफाई में लग गईं। उसके बाद खाने पीने में। उधर नैना हॉस्पिटल पहुंच कर फॉर्मेलिटी में लग गई।
इधर घर की साफ़ सफाई के बाद लता और रूबी नहा धोकर खाने की तैयारी में लग गई। खाना बनाते बनाते रूबी लता से बोली - बुआ , पापा के लिए ताजा दूध भी तैयार रखना है।
लता मुश्कुराते हुए बोली - तू इतनी जल्दी ऐसे बदल जाएगी उम्मीद नहीं थी।
रूबी ने ब्लश करते हुए कहा - पापा के लिए सब मंजूर है। एक्चुअली मेरे मियां इतना प्यार करते हैं की पापा के बारे में सोचा नहीं था।
लता - हम्म। सब मंजूर है। तुझे पता है पापा और नैना की शादी के लिए कुछ शर्ते रख दी गईं थी।
रूबी - मुझे उनकी ख़ुशी के लिए सब मंजूर है।
लता - देखते हैं। फिलहाल आने तो दे उन सबको। वैसे नैना को फ़ोन कर दे। निकलने से पहले बता देगी। दूध उसी समय निकालेंगे।
रूबी - ठीक है।
रूबी ने फ़ोन पर नैना को बोल दिया। हॉस्पिटल में फॉर्मेलिटी होते होते दो तीन घंटे लग गए। उसके बाद नैना वर्षा और अनुराग को लेकर घर के लिए निकल पड़ी। फाइनल डिस्चार्ज से पहले नैना ने रूबी को फ़ोन कर दिया।
रूबी ने फ़ोन सुना तो लता के पास पहुंची और बोली - बुआ , निकाल दो।
लता - अरे पंप रखा होगा। उससे निकाल दो।
रूबी शर्माते हुए सर झुका कर बोली - बुआ आप निकाल दो न।
लता ने रूबी के चेहरे को हाथों से पकड़ कर उठाते हुए बोली - सीधे सीधे बोल ना दूसरो से दुह्वाने में मजा आता है। भाई आता है तो बोलूंगी दोनों गायों को ठीक से चारा डाले और दूध पूरा निकाले।
रूबी शर्माते हुए - आप रहने दो। मैं पंप कर लेती हूँ।
लता - मैं हूँ तो फिर क्यों। आजा मेरी दूधारू गाय।
लता ने रूबी के टी शार्ट को उतार दिया। उतारते समाया उसने उसके बदन को अच्छे से छुआ। रूबी ने अंदर नर्सिंग ब्रा पहनी हुई थी। लता ने उसके फ्लैप खोल दिए। उसने फिर रूबी को किचन की स्लैब की तरफ करके खड़ा कर दिया और उसके सीने के सामने एक भगोना रख दिया। खुद उसके पीछे आ गई और उसके स्तनों को दबाने लगी। दूध की धार निकल कर भगोने भरने लगी। ऐसे कुछ दूध इधर उधर भी gir रहा था। लता बोली - ऐसे बर्बाद होगा , चल गाय ही बन जा।
रूबी एक आज्ञाकारी दुधारू बाचिया की तरह निचे अपने घुटने और हाथो के सहारे चौपाया बन गई। लता ने भगोना उसके थानों के निचे रखा और बगल में बैठ कर उसे एकदम गाय की तरह दूहने लगी। उसकी निप्प्प्लें एकदम लम्बी हो गईं थी। लता ने आज गौर किया की उसके निप्पल एकदम तने हुए और लम्बे थे। खजूर से भी लम्बे जो आसानी से उन्स्की उंगलियों में फंस जा रहे थे। रूबी अब एकदम गरम हो गई थी।
उसे अपने ससुराल की याद आ गई। रोज उसकी सास भी ऐसे ही उसे दूहती थी। कई बार तो उसके पति और ससुर बछड़े की तरह उसके थान से डाइरेक्ट पी लिया करते थे। यही सब वजह थी की वो पूरी तरह संतुष्ट थी और यहाँ उसने वर्षा और अनुराग को सताया था ।
लता उसे दूहते हुए बोली - लगता है तुझे ऐसे दूहवाने की आदत है। कौन ढूढ़ता है वहां ? तेरा पति या वहां भी मेरे जैसी एक तबेले वाली मालकिन है ?
रूबी - तबेले वाली ही है। बढ़िया से निकालती है।
लता - अच्छा - दूध पीने वाले फिर एक से ज्यादा होंगे। लगता है बेटे के अलावा पूरा घर पीता है।
रूबी नशे में थी - आआह इस्सस , बुआ बातें बाद में। सब राज आज ही जान लोगी क्या ? वो लोग आते ही होंगे। जल्दी करो।
लता - हम्म्म। बता ना।
रूबी - क्या करती बुआ , दूध इतना निकलता है। पूरा मोहल्ला पी ले। हमने तो बाहर का दूध मंगाना ही बंद कर दिया है।
रूबी सच कह रही थी। भगोना भर गया था। पर दूध अब भी था। लता भी गरम हो चुकी थी , उसने भगोना हटाया और रूबी को उठा कर वापस किचन के स्लैब के सहारे खड़ा कर दिया। निचे से वो खुद रूबी की तरफ चेहरा करते हुए उसके दोनों बाहों के बीच से निकल कर ऊपर कड़ी हो गई। अब लता स्लैब और रूबी के बीच में थी रूबी के बाँहों के अंदर। उसका चेहरा रूबी के तरफ था। उसने पहले रूबी के होठों को चूमा फिर उसके स्तनों पर भीड़ गई। रूबी सिसकारियां लेते हुए बोली - आह , आप एकदम उनकी तरह ही हो। चूस लो मेरे मुम्मो को। दूध भरने के बाद दर्द होने लगता है। आह , मिटा दो मेरा दर्द।
लता इ अपना एक हाथ रूबी के पैंट के अंदर डाल दिया और उसके चुत को हथेली से रगड़ने लगी। अब रूबी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी। वो खुद भी कमर को हिलाने लगी थी। लता ने दूध छोड़ दिया और रूबी के पेंट को सरका कर अपनी दो ऊँगली उसके चूत में डाल दी। अब रूबी ने तेजी से अपने कमर को हिलाना शुरू कर दिया। लग रहा था वो किसी से चुद रही हो, लता ने अपनी उँगलियाँ इस तरह कर ली थी जैसे लंड ही हो। कुछ ही देर में रूबी का बदन थरथराने लगा। उसे एक जबरजस्त ओर्गास्म महसूस हो रहा था। वर्षा के साथ उसने खेल तो शुरू किया था पर वो सिर्फ चूत चुसाई तक ही था। पर लता के साथ दो दिन में ही वो पूरी तरह से खुल चुकी थी। लता में उसे अपनी माँ और सास दोनों की झलक दिखती थी। वर्षा के साथ थोड़ा कॉम्पिटिशन था पर यहाँ तो समर्पण था। पूर्ण समर्पण। ऐसा ही पूर्ण समर्पण उसे अपने पिता को करना था पर क्या वो इतनी जल्दी कर पायेगी या समय लेगी ?
रूबी स्खलती हो चुकी थी। वो और लता दोनों एक दुसरे के बाहों में थे। लता की चूत ने भी पानी छोड़ दिया था पर वो संतुष्ट नहीं थी।
रूबी ने गहरी सांस लेते हुए उसके कान में धीरे से कहा - बुआ , चूत तो तुम्हारी भी बह गई है।
लता - तुझ जैसी गरम लड़की हो तो बहेगी ही न।
रूबी - पर तुम्हारी चूत को बड़ा लौड़ा चाहिए। मेरे बहनचोद पापा का लौड़ा।
लता - तुझे ?
रूबी - मुझे भी , पर पता नहीं मेरी चूत उसके लिए कब तैयार होगी। पर आज शाम को जाने से पहले तुम भाई की सेवा करके उसका मेवा ले लेना।
लता - अभी उसकी तबियत ठीक नहीं है। उसका मेवा तो मेरा है ही। आज नहीं तो कल ले लुंगी। वैसे भी आज वर्षा का दिन है।
रूबी - हम्म। वो भी बहुत तरसी है। चलो आते ही होंगे वो सब। अब दोबारा नहाना पड़ेगा।
दोनों फिर अलग अलग बाथरूम में नहाने चले गए। नहा कर दोनों ने साडी पहन ली। उधर वर्षा ने नैना का लाया सूट पहना था और नैना हमेशा की तरह पैंट और शर्ट में।
नैना ने साड़ी फॉर्मेलिटी कर ली थी। डॉक्टर ने डिस्चार्ज बना दिया था। लता अनुराग के लिए एक बढ़िया जीन्स और टी शर्ट लेकर आई थी। बदन पोछने के बाद अनुराग बाथरूम में कड़े पहनने के लिए जाने लगा तो नैना हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा - हामी से शर्मा रहे हैं।
वर्षा - हां पापा , हमें तो नंगा कर देते हैं पर खुद ऐसे शर्मा रहे हैं जैसे हम दोनों रेप कर देंगे आपका।
अनुराग ने बहस करना उचित नहीं समझा। उसके कपडे उन दोनों के सामने बदल लिए। दोनों उसके चुस्त बदन को देखते रहीं। थोड़ा कमजोर हो गया था पर अनुराग में अब भी उतना ही दम था ये बात ये दोनों जानती थी।
अनुराग ने कपडे पहन लिए तो नैना ने कहा - एकदम स्मार्ट लग रहे हैं।
उसने अनुराग को किस कर लिया। उसे किस करता देख वर्षा भी कहाँ पीछे हटने वाली थी। उसने भी अनुराग को किस किया। अनुराग संकोच में था। पर खुश था। उसकी खुशियां लौट आई थी। तीनो फिर बाहर निकल पड़े। अनुराह नैना और वर्षा के बीच में चल रहा था। तीनो को देख हॉस्पिटल में सब उन्हें ही देखने लगे। सबको जलन सी होने लगी थी। लड़कियां नैना और वर्षा से जल रही थी और लड़के अनुराग से।
Shaandar Mast Updateअगले दिन अनुराग को हॉस्पिटल से घर आना था। चूँकि चिंता वाली कोई बात नहीं थी तो शेखर ऑफिस चला गया था। नैना ने रूबी , लता और बच्चों को अनुराग के घर छोड़ दिया। दो दिन के लिए ही सब यहाँ से गए थे पर घर पूरा अस्त व्यस्त था। वो दोनों साफ़ सफाई में लग गईं। उसके बाद खाने पीने में। उधर नैना हॉस्पिटल पहुंच कर फॉर्मेलिटी में लग गई।
इधर घर की साफ़ सफाई के बाद लता और रूबी नहा धोकर खाने की तैयारी में लग गई। खाना बनाते बनाते रूबी लता से बोली - बुआ , पापा के लिए ताजा दूध भी तैयार रखना है।
लता मुश्कुराते हुए बोली - तू इतनी जल्दी ऐसे बदल जाएगी उम्मीद नहीं थी।
रूबी ने ब्लश करते हुए कहा - पापा के लिए सब मंजूर है। एक्चुअली मेरे मियां इतना प्यार करते हैं की पापा के बारे में सोचा नहीं था।
लता - हम्म। सब मंजूर है। तुझे पता है पापा और नैना की शादी के लिए कुछ शर्ते रख दी गईं थी।
रूबी - मुझे उनकी ख़ुशी के लिए सब मंजूर है।
लता - देखते हैं। फिलहाल आने तो दे उन सबको। वैसे नैना को फ़ोन कर दे। निकलने से पहले बता देगी। दूध उसी समय निकालेंगे।
रूबी - ठीक है।
रूबी ने फ़ोन पर नैना को बोल दिया। हॉस्पिटल में फॉर्मेलिटी होते होते दो तीन घंटे लग गए। उसके बाद नैना वर्षा और अनुराग को लेकर घर के लिए निकल पड़ी। फाइनल डिस्चार्ज से पहले नैना ने रूबी को फ़ोन कर दिया।
रूबी ने फ़ोन सुना तो लता के पास पहुंची और बोली - बुआ , निकाल दो।
लता - अरे पंप रखा होगा। उससे निकाल दो।
रूबी शर्माते हुए सर झुका कर बोली - बुआ आप निकाल दो न।
लता ने रूबी के चेहरे को हाथों से पकड़ कर उठाते हुए बोली - सीधे सीधे बोल ना दूसरो से दुह्वाने में मजा आता है। भाई आता है तो बोलूंगी दोनों गायों को ठीक से चारा डाले और दूध पूरा निकाले।
रूबी शर्माते हुए - आप रहने दो। मैं पंप कर लेती हूँ।
लता - मैं हूँ तो फिर क्यों। आजा मेरी दूधारू गाय।
लता ने रूबी के टी शार्ट को उतार दिया। उतारते समाया उसने उसके बदन को अच्छे से छुआ। रूबी ने अंदर नर्सिंग ब्रा पहनी हुई थी। लता ने उसके फ्लैप खोल दिए। उसने फिर रूबी को किचन की स्लैब की तरफ करके खड़ा कर दिया और उसके सीने के सामने एक भगोना रख दिया। खुद उसके पीछे आ गई और उसके स्तनों को दबाने लगी। दूध की धार निकल कर भगोने भरने लगी। ऐसे कुछ दूध इधर उधर भी gir रहा था। लता बोली - ऐसे बर्बाद होगा , चल गाय ही बन जा।
रूबी एक आज्ञाकारी दुधारू बाचिया की तरह निचे अपने घुटने और हाथो के सहारे चौपाया बन गई। लता ने भगोना उसके थानों के निचे रखा और बगल में बैठ कर उसे एकदम गाय की तरह दूहने लगी। उसकी निप्प्प्लें एकदम लम्बी हो गईं थी। लता ने आज गौर किया की उसके निप्पल एकदम तने हुए और लम्बे थे। खजूर से भी लम्बे जो आसानी से उन्स्की उंगलियों में फंस जा रहे थे। रूबी अब एकदम गरम हो गई थी।
उसे अपने ससुराल की याद आ गई। रोज उसकी सास भी ऐसे ही उसे दूहती थी। कई बार तो उसके पति और ससुर बछड़े की तरह उसके थान से डाइरेक्ट पी लिया करते थे। यही सब वजह थी की वो पूरी तरह संतुष्ट थी और यहाँ उसने वर्षा और अनुराग को सताया था ।
लता उसे दूहते हुए बोली - लगता है तुझे ऐसे दूहवाने की आदत है। कौन ढूढ़ता है वहां ? तेरा पति या वहां भी मेरे जैसी एक तबेले वाली मालकिन है ?
रूबी - तबेले वाली ही है। बढ़िया से निकालती है।
लता - अच्छा - दूध पीने वाले फिर एक से ज्यादा होंगे। लगता है बेटे के अलावा पूरा घर पीता है।
रूबी नशे में थी - आआह इस्सस , बुआ बातें बाद में। सब राज आज ही जान लोगी क्या ? वो लोग आते ही होंगे। जल्दी करो।
लता - हम्म्म। बता ना।
रूबी - क्या करती बुआ , दूध इतना निकलता है। पूरा मोहल्ला पी ले। हमने तो बाहर का दूध मंगाना ही बंद कर दिया है।
रूबी सच कह रही थी। भगोना भर गया था। पर दूध अब भी था। लता भी गरम हो चुकी थी , उसने भगोना हटाया और रूबी को उठा कर वापस किचन के स्लैब के सहारे खड़ा कर दिया। निचे से वो खुद रूबी की तरफ चेहरा करते हुए उसके दोनों बाहों के बीच से निकल कर ऊपर कड़ी हो गई। अब लता स्लैब और रूबी के बीच में थी रूबी के बाँहों के अंदर। उसका चेहरा रूबी के तरफ था। उसने पहले रूबी के होठों को चूमा फिर उसके स्तनों पर भीड़ गई। रूबी सिसकारियां लेते हुए बोली - आह , आप एकदम उनकी तरह ही हो। चूस लो मेरे मुम्मो को। दूध भरने के बाद दर्द होने लगता है। आह , मिटा दो मेरा दर्द।
लता इ अपना एक हाथ रूबी के पैंट के अंदर डाल दिया और उसके चुत को हथेली से रगड़ने लगी। अब रूबी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी। वो खुद भी कमर को हिलाने लगी थी। लता ने दूध छोड़ दिया और रूबी के पेंट को सरका कर अपनी दो ऊँगली उसके चूत में डाल दी। अब रूबी ने तेजी से अपने कमर को हिलाना शुरू कर दिया। लग रहा था वो किसी से चुद रही हो, लता ने अपनी उँगलियाँ इस तरह कर ली थी जैसे लंड ही हो। कुछ ही देर में रूबी का बदन थरथराने लगा। उसे एक जबरजस्त ओर्गास्म महसूस हो रहा था। वर्षा के साथ उसने खेल तो शुरू किया था पर वो सिर्फ चूत चुसाई तक ही था। पर लता के साथ दो दिन में ही वो पूरी तरह से खुल चुकी थी। लता में उसे अपनी माँ और सास दोनों की झलक दिखती थी। वर्षा के साथ थोड़ा कॉम्पिटिशन था पर यहाँ तो समर्पण था। पूर्ण समर्पण। ऐसा ही पूर्ण समर्पण उसे अपने पिता को करना था पर क्या वो इतनी जल्दी कर पायेगी या समय लेगी ?
रूबी स्खलती हो चुकी थी। वो और लता दोनों एक दुसरे के बाहों में थे। लता की चूत ने भी पानी छोड़ दिया था पर वो संतुष्ट नहीं थी।
रूबी ने गहरी सांस लेते हुए उसके कान में धीरे से कहा - बुआ , चूत तो तुम्हारी भी बह गई है।
लता - तुझ जैसी गरम लड़की हो तो बहेगी ही न।
रूबी - पर तुम्हारी चूत को बड़ा लौड़ा चाहिए। मेरे बहनचोद पापा का लौड़ा।
लता - तुझे ?
रूबी - मुझे भी , पर पता नहीं मेरी चूत उसके लिए कब तैयार होगी। पर आज शाम को जाने से पहले तुम भाई की सेवा करके उसका मेवा ले लेना।
लता - अभी उसकी तबियत ठीक नहीं है। उसका मेवा तो मेरा है ही। आज नहीं तो कल ले लुंगी। वैसे भी आज वर्षा का दिन है।
रूबी - हम्म। वो भी बहुत तरसी है। चलो आते ही होंगे वो सब। अब दोबारा नहाना पड़ेगा।
दोनों फिर अलग अलग बाथरूम में नहाने चले गए। नहा कर दोनों ने साडी पहन ली। उधर वर्षा ने नैना का लाया सूट पहना था और नैना हमेशा की तरह पैंट और शर्ट में।
नैना ने साड़ी फॉर्मेलिटी कर ली थी। डॉक्टर ने डिस्चार्ज बना दिया था। लता अनुराग के लिए एक बढ़िया जीन्स और टी शर्ट लेकर आई थी। बदन पोछने के बाद अनुराग बाथरूम में कड़े पहनने के लिए जाने लगा तो नैना हाथ पकड़ कर रोक लिया और कहा - हामी से शर्मा रहे हैं।
वर्षा - हां पापा , हमें तो नंगा कर देते हैं पर खुद ऐसे शर्मा रहे हैं जैसे हम दोनों रेप कर देंगे आपका।
अनुराग ने बहस करना उचित नहीं समझा। उसके कपडे उन दोनों के सामने बदल लिए। दोनों उसके चुस्त बदन को देखते रहीं। थोड़ा कमजोर हो गया था पर अनुराग में अब भी उतना ही दम था ये बात ये दोनों जानती थी।
अनुराग ने कपडे पहन लिए तो नैना ने कहा - एकदम स्मार्ट लग रहे हैं।
उसने अनुराग को किस कर लिया। उसे किस करता देख वर्षा भी कहाँ पीछे हटने वाली थी। उसने भी अनुराग को किस किया। अनुराग संकोच में था। पर खुश था। उसकी खुशियां लौट आई थी। तीनो फिर बाहर निकल पड़े। अनुराह नैना और वर्षा के बीच में चल रहा था। तीनो को देख हॉस्पिटल में सब उन्हें ही देखने लगे। सबको जलन सी होने लगी थी। लड़कियां नैना और वर्षा से जल रही थी और लड़के अनुराग से।