पापी परिवार--11
जब दोनो भाई बहेन पार्क मे थे उसी बीच दीप भी घर लौट आया ..कम्मो जो रात भर ठीक से सो नही पाई थी ..दीप के घर आने पर उसने चैन की साँस ली और उसे हल्की सी डाँट भी लगाई
" कहाँ थे रात भर ..कल से मैं कितनी परेशान थी ..कम से कम एक कॉल ही कर दिया होता ..कल पहली बार मैने आप को इतना परेशान देखा था ..क्या निम्मी से कुछ बात हुई ? "
कम्मो ने उसके हॉल मे बैठते ही अपने सवालो की झड़ी लगा दी ..दीप वैसे ही कयि प्रॉब्लम्स मे फसा हुआ था ..अचानक से उसे कम्मो पर गुस्सा आ गया
" तुम क्या पागल हो गयी हो ..मैं कोई छोटा बच्चा नही हूँ जो तुम मेरे लिए इतनी परेशान हो रही हो ..एक कप चाइ बनाओ और मुझे अकेला छोड़ दो "
दीप ने चिल्ला कर कहा और अपना सर सोफे के बॅक पर लिटा कर रिलॅक्स हो गया ..कम्मो 2 मिनट. तक उसके पास ही खड़ी रही ..आख़िरी बार उसने दीप को इतना परेशान तब देखा था जब वो शादी कर के घर से भागे थे ..लेकिन आज तो उनके पास किसी चीज़ की कोई कमी नही ..फिर क्यों दीप इतना परेशान है ..कम्मो पर भी चिल्ला दिया ..आख़िर - कार खुद से ऐसे अनगिनत सवाल करते हुए वो किचन मे चल दी
निम्मी अपनी आदत अनुसार अभी गहरी नींद मे थी ..कल रात जो कुछ भी उसने सोचा था ..शायद उसी का सपना उसकी नींद मे चल रहा था ..रह - रह कर कुछ ना कुछ बड़बड़ाती भी जा रही थी
3 कप चाइ बना कर पहला कम्मो ने दीप के सामने लगी टेबल पर रख दिया और दूसरा 2 कप ले कर वो सीढ़ियाँ चढ़ती हुई निम्मी के रूम की तरफ बढ़ गयी ..जानती थी गेट अनलॉक होगा ..हलका ज़ोर लगाते ही दरवाज़ा पूरा खुल गया और कम्मो उसके बेड के सिराहने पहुच गयी
" शायद ये निम्मी की वजह से इतने परेशान हैं ..इसी से पूछना पड़ेगा कि कल जब दोनो बाप - बेटी कमरे मे बंद थे तब ऐसी क्या बात हुई जो दीप कल रात भर गायब रहा और अभी भी उसका मूड ठीक नही है "
इतना सोच कर उसने दोनो कप बेड के स्टॅंड पर रख दिए और निम्मी को नींद से जगाने लगी
" उठ निम्मी ..देख कितनी सुबह हो गयी है "
कम्मो ने प्यार से उसके सर पर हाथ फेर कर कहा ..निम्मी ने उसे कोई जवाब नही दिया और कुछ बड़बड़ाती हुई करवट से सीधे पीठ के बल लेट गयी
" उठ जा राक्षस ..इस लड़की ने तो नाक मे दम कर रखा है "
कम्मो ने उसके बड़बड़ाने पर तो कोई गौर नही किया ..लेकिन उसके रूम की हालत देख उसे बहुत गुस्सा आया ..जगह - जगह फैले कपड़े ..कपड़े भी ऐसे जिसे देख कर तो दीप और निकुंज कतई उसके रूम मे नही घुसते ..बेड के बगल की स्टडी टेबल पर रखा लॅपटॉप चालू हालत मे था और स्क्रीन पर फ़ेसबुक का लोगिन पेज दिखाई दे रहा था
अचानक से निम्मी की बॉडी मे हलचल हुई और उसकी एक टाँग जाँघ तक चादर से बाहर निकल आई ..काम्मो की नज़रें उसकी नंगी टाँग पर गयी तो उसे कल की अपेक्षा आज कुछ बदलाव नज़र आया
कल जब निम्मी ने क्रॉच लेस पैंटी के ज़रिए कम्मो को परेशान किया था तब उसकी टाँगो पर हल्के - हल्के बाल थे ..लेकिन आज पूरी जाँघ एक दम चिकनी दिख रही थी और स्वतः ही कम्मो का हाथ उसकी जाँघ पर घूमने लगा ..आज पहली बार वो उसकी जाँघ को इतने गौर से देख रही थी
" कितना माँस भरा हुआ है इस लड़की मे ..उमर मे निक्की से छोटी है लेकिन इस भराव के चलते उससे बड़ी ही दिखाई देती है "
इतना कह कर कम्मो के हाथ उसकी सुडोल जाँघ को सहलाने लगे ..ये कम्मो का अपनी बेटी के लिए प्यार था या जलन ..या शायद आज कयि सालो बाद कम्मो को इस नज़ारे से बड़ी बेचेनी हो रही थी
" हां हां चूसो ..ऐसे ही अंदर तक चाटो ..प्लीज़ "
सपने मे अपनी जाँघ पर रेंगते हाथ महसूस कर निम्मी के मूँह से काँपते हुए शब्द निकले ..कम्मो ने उन शब्दो को सुनते ही अपना हाथ जाँघ से हटा लिया और उसके सोते चेहरे को देखने लगी
निम्मी कल रात को पूरा मेक - अप कर के सोई थी ..मास्कारा से उसकी पॅल्को पर नीले रंग के शेड्स ..गालो पर लस्टर जो बड़ा ही शाइन कर रहा था और होंठो पर इतनी लालामी जिसे देख कम्मो की आँखें उसके चेहरे की खूबसूरती मे लगभग खो सी गयी
" उउउम्म्म्ममम ..खा जाओ इसे "
निम्मी के मूँह से एक हिचकी निकली और उसने अपनी टाँगो को काफ़ी स्प्रेड कर लिया ..शायद सपने मे भाई और बहेन की जगह अब दीप ने ले ली थी
जब कोई ताज़ी घटना वो भी ऐसी जिसे आपने पहली बार महसूस किया हो ..शुवर है कि वो कयि दिन तक आपके जेहेन मे घूमती रहती है ..यही इस वक़्त निम्मी के साथ हो रहा था ..कल जो पल उसने अपने डॅड के साथ बिताए थे वो पल निम्मी शायद लाइफ टाइम नही भूल पाती ..एक बाप के सामने उसकी बेटी का बे परदा होना और उत्तेजना मे बाप द्वारा उसके कोमल अंतरंग अंगो को चूमना ..उनसे छेड़ छाड़ करना ..यहाँ तक की दीप ने निम्मी की चूत और आस होल को अपनी जीभ से चाटा भी था ..ख़ास कर कल जो बात उनके दरमिया अधूरी रही इस वक़्त निम्मी उसे अपने ख्वाब मे पूरा करने को मचल रही थी
कम्मो उसके मूँह से निकली हिचकी सुन घबरा गयी और जब तक वो कुछ और सोच पाती निम्मी ने हाथ के ज़ोर से अपने शरीर पर पड़ी चादर को अलग कर दिया
कम्मो के नज़रिए से ये तो तय था कि चादर के नीचे उसकी बेटी ने कुछ नही पहना होगा लेकिन जिस बात ने उसके दिमाग़ मे घर किया वो थी उसकी बेटी का बुरी तरह से मचलना और ऐसे उत्तेजक शब्दो से बड़बड़ाना
निम्मी की चूचियाँ इस वक़्त ब्रा मे क़ैद थी लेकिन उस ब्रा के अलावा उसने कुछ और नही पहना था ..जाने क्यों कम्मो की नज़र उसके चेहरे से होती हुई उसकी चूत पर आ कर ठहर गयी ..वैसे तो उसकी बेटी ने कयि बार अपनी चूत का दीदार बड़ी बेशर्मी से उसे करवाया था लेकिन आज निम्मी ने नींद मे जो व्यू अपनी चूत का दिया वो देख कर कम्मो सकपका गयी ..कल रात हेर रिमूवर का यूज़ निम्मी ने अपनी पूरी निच्छली बॉडी पर किया ..तभी आज वो नीचे से एक दम चिकनी नज़र आ रही थी
" आआईयईईईईईईईईई ..मर गयी "