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Incest पापी परिवार

Nevil singh

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" सॉरी दी "

निम्मी ने अबकी बार मायूसी का नाटक किया तो निक्की ज़ोरो से हंस दी

" अच्छा छोड़ तू ये बता किसी ख़ास काम से कमरे मे आई थी क्या ? "

निक्की ने टॉपिक चेंज करते हुए कहा

" वो दी वो..... "

निम्मी क्या बहाना उसे देती ये सोचने मे उसके शैतानी दिमाग़ ने अपना काम शुरू कर दिया

" हां हां बोल "

निक्की अब पूरी तारह से नॉर्मल हो चुकी थी

" वो दी ..पहले प्रॉमिस करो डान्टोगी नही "

जब तक निम्मी के माइंड ने उसे रूम मे आने का एक बढ़िया सा बहाना सूझा दिया तो उसके चेहरे पर एक अजीब तरीके के भाव तैरने लगे

" गेट लॉक कर दू क्या ? "

निक्की भी समझ गयी कि बात कुछ पर्सनल है

" नही दी खुला रहने दो लेकिन मैं कैसे पूच्छू मुझे समझ नही आ रहा "

निम्मी ने अपना चेहरा नीचे झुका लिया

" अरे मैं तेरी बड़ी बहेन हूँ और उससे पहले एक लड़की ..मुझसे कैसा घबराना ..तू बेझीजक पूछ जो पूछना है "

बात का सीरीयस - पन निक्की के चेहरे पर भी शो होने लगा

" हेर रिमूवर यूज़ करने से कोई प्राब्लम तो नही होती ना "

निम्मी ने एक साँस मे अपनी बात पूरी की और अपने दोनो हाथो से अपना चेहरा छुपा लिया ..जब निक्की को उसकी बात समझ आई तो उसके भी गाल शरम से लाल हो गये

" हेर रिमूवर "

शब्द मूँह से निकाल कर निक्की अतीत की यादों मे खो गयी जब उसके सर पर एक बोल्ड मॉडेल बनने का भूत सवार था ..तब उसके शरीर मे बहुत से बदलाव भी आना शुरू हो गये थे ..MC ..ब्रा की उपयोगिता ..पॅड चेंजिंग ..बॉडी के अन्द्रुनि हिस्सो पर बाल और भी कयि तरह की बातें ..लेकिन अपने शर्मीले नेचर के चलते ना तो वो इन चीज़ो के बारे मे अपनी माँ से कभी पूछ पाई नही ही किसी फ्रेंड से ..बाद मे कम्मो ने ही उसकी मनोदशा को भापते हुए थोड़ा वक़्त निकाल कर उसे हर बदलाव के बारे मे बखूबी समझाया ..यहाँ बात अगर निम्मी की नेचर की करें तो वो बिल्कुल अपनी बहेन से अलग थी और इंटरनेट के ज़रिए उसने खुद ही सब कुछ सीख लिया ..आज हालात ने निम्मी को अपनी बहेन से 80 % ज़्यादा आगे निकाल दिया था

" क्या सोच रही हो दी ? "

निम्मी की आवाज़ से निक्की का ध्यान टूट गया

" कुछ नही ..खेर हेर - रिमूवर यूज़ करने से कोई प्राब्लम नही आती "

निक्की ने उसके सर पर हाथ फेर कर कहा

" वो दी मुझे हेर्स से अपने यहाँ बहुत स्ट्रेंज सी फीलिंग आती है ..मैं कल ही खरीद कर यूज़ करूँगी "

निम्मी ने ये बोलते हुए अपनी चूत पर उंगली से इशारा किया और चेहरे को वापस ढक लिया

" अरे इसमे इतनी शरमाने वाली बात कहाँ है ..रुक मैं देती हूँ ..मेरे पास है "

ये बोल कर निक्की बेड से उतर कर अपने बाथ - रूम मे चली गयी लेकिन सच बात तो ये थी कि आज तक उसने कभी अपनी झान्टे सॉफ नही की थी ..बहुत घना जंगल उसकी चूत पर उगा हुआ था ..साथ ही उसे निम्मी की बात पर थोड़ी हैरानी भी हुई ..कहाँ इतना मोर्डर्न गेट - अप और अब तक हेर - रिमूवर यूज़ नही किया

" ये ले ..खुद लगा लेगी या मैं मदद करूँ "

निक्की ने क्रीम निम्मी के हाथ मे दे कर कहा

" ःऔउउउउउउ ......आप कितनी गंदी हो दी "

निम्मी ने उसकी बात का ये मतलब लगाया कि निक्की खुद उसकी झाटों को सॉफ कर देगी

" अरे मैं सॉफ नही करूँगी ..सिर्फ़ मेतड बताने के लिए ऐसा बोला ..बेवकूफ़ "

निक्की हंसते हुए बोली और साथ मे निम्मी भी मुस्कुरा दी

" मैं यूज़ कर लूँगी ..डोंट वरी "

ये बोल कर निम्मी बेड से उतर कर खड़ी हो गयी

" अच्छा सुन ..कल के लिए मुझे एक लोवर दे दे ..मेरे दोनो लोवर बुककेट मे गीले पड़े हैं "

हर रोज़ 5 बजे सुबह निक्की निकुंज के साथ दौड़ने जाती थी और साथ मे योगा भी करती

" दी आप को टाइट होगा ..मेरा वाला तो मुझे भी बहुत फिट आता है "

निम्मी ने कुछ दिन पहले एक लोवर खरीदा था ..लेकिन छोटे कपड़ो की आदत के चलते पहेन नही पाई

" चल ठीक है ..मैं ट्राइ कर लूँगी "

निक्की की आँखें वापस उसी किताब मे खो गयी जिसे पढ़ने मे वो थोड़ी देर पहले बिज़ी थी
nirdayi
 

Nevil singh

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" मैं अभी ला कर देती हूँ ..थॅंक्स फॉर दिस क्रीम और; "

निम्मी रूम से बाहर जाते हुए .........और......... पर रुक गयी

" और; क्या ? "

निक्की ने उसका चेहरा देख कर पूछा

" आइ लव यू मिस वैजयंती माला "

निम्मी ने एक फ्लाइयिंग किस उसकी तरफ उछाल दी

" लव यू टू मिस मल्लिका "

निक्की ने किस को हाथ मे पकड़ कर अपने गालो से लगा लिया और निम्मी दौड़ती हुई अपने रूम मे आ गयी ..वॉर्डरोब से लोवर निकाल कर वो वापस निक्की के रूम मे जाने को पलटी ही थी कि उसके दिमाग़ मे एक बात आई

" क्यों ना कल कोई ड्रामा किया जाए ..अगर लोवर मुझे इतना फिट आता है तो दी को कितना आएगा "

ये सोच कर उसने टेबल के कपबोर्ड से एक ब्लेड निकाली और लोवर की स्ट्रेचिंग थ्रेड काटने लगी

" हे हे हे हे ..कल आएगा मज़ा "

ब्लेड से थ्रेड काटने के बाद उसने लोवर को बॅक साइड से खीच कर देखा तो समझ गयी कि अगर निक्की कल इस लोवर को पहेन कर झुकी तो उसका पिच्छवाड़ा ओपन हो जाएगा वो भी निकुंज के सामने

उसने लोवर को वापस रॅप किया और निक्की के बेड पर फेक कर लौट आई ..निक्की ने एक नज़र लोवर पर डाल कर देखा और वापस अपनी पढ़ाई मे व्यस्त हो गयी ......

क्रमशः.....................................
majedaar
 

Nevil singh

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पापी परिवार--9

अगली सुबह 5 बजे निक्की की नींद खुली ..वैसे वो अलार्म का यूज़ करती है लेकिन रोज़ इसी टाइम उठने की आदत होने से अलार्म शायद ही कभी बज पाया हो

बेड पर बैठ कर उसने 2 मीं. अपनी प्रेयर को दिया और फिर बाथरूम मे एंटर हो गयी ..फ्रेश होने के बाद उसे रन्निंग पर जाने के लिए चेंज करना था ..उसने बेड पर पड़ा लोवर और वॉर्डरोब से एक टॉप निकाला और वापस बाथरूम मे जाने लगी

" निम्मी कह रही थी ये मुझे टाइट होगा ..मिरर मे देख कर ट्राइ करती हूँ "

ये सोच कर उसने रूम गेट लॉक किया और मिरर के सामने खड़ी हो गयी

थोड़ी देर पहले किए गये फेस वॉश से उसका चेहरा काफ़ी निखार गया था ..आँखों मे हल्की - हल्की नींद की खुमारी ..ललामी ..कुल मिला कर निक्की एक चलता फिरता बॉम्ब थी लेकिन ऐसा बॉम्ब जो फॅट नही सकता

मिरर साइज़ उसकी हाइट से बड़ा होने से उसकी पूरी लेंग्थ उसमे शो हो रही थी ..उसने हाथ कमर पर ले जा कर अपने टॉप के दोनो निच्छले सिरो को पकड़ा और एक झटके मे टॉप उसके बदन से अलग हो गया ..ब्ल्यू ब्रा मे क़ैद उसकी चूचियाँ बेहद तनी थी

[ ये जवान होने की निशानी है जो अक्सर सुबह सो कर उठने पर लड़कों के लंड और लड़कियों के बूब्स उन्हे तने मिलते हैं ]

बूब्स पर नज़र जाते ही निक्की ने एक बार पलट कर गेट लॉक होना कन्फर्म किया और हाथ अपनी पीठ पर लेते हुए ब्रा का हुक खोल दिया ..ब्रा खुलते ही बूब्स बाउनसिंग के साथ बाहर आ गये ..जाने कितने दिनो बाद निक्की अपनी नंगी चूचियों को शीशे के सामने देख रही थी ..अभी 6 महीने पहले जब उसका एक पार्टी मे जाना हुआ तब उसने आख़िरी बार अपने बूब्स पर गौर किया था

" साइज़ बढ़ा हुआ सा लग रहा है "

उसके मूँह से सडन्ली निकला और फिर खुद ही अपनी बात पर शर्मा गयी

कल रात उसकी जो चूची निम्मी ने दबाई थी उस पर हाथ फेर कर निक्की को थोड़े मीठे दर्द का एहसाह हुआ

" उफफफफ्फ़ !!!!!!!! ये लड़की पूरी पागल है ..कितना स्ट्रेंज सा लगता है जब ये दब्ते हैं "

ये कह कर उसने बारी - बारी दोनो बूब्स को थोड़ा पंप किया और फिर निपल पर अपनी उंगली को राउंड मे घुमाती हुई मस्त होने लगी ..कुछ एहसास ऐसे होते हैं जिनका मज़ा लिए बैगेर ही इंसान बूढ़ा हो जाता है और इन्ही एहसासो से निक्की अब तक अंजान थी

अचानक उसकी नज़र अपनी नेवेल के नीचे से शुरू हुई हेर लाइन पर गयी उसने तुरंत निपल्स को छोड़ा और हाथ नीचे लाते हुए उन बालो को छुने लगी ..रात को पहने नाइट लोवर के फ्रंट स्ट्रॅप को थोड़ा और नीचे सरकाने पर उसकी घनी झटों की शुरूवात दिखाई देने लगी

" हेर - रिमूवर "

उसके मूँह से निकला और कमर से लोवर के दोनो हिस्सो को पकड़ कर उसने लोवर अपनी टाँगो से बाहर निकाल दिया ..अब उसके बदन पर एक मात्र ब्रा कलर मॅचिंग ब्लू पैंटी बची थी

" ओह माइ गॉड "

ये बोल कर निक्की ने हैरानी से अपने मूँह पर हाथ रख लिया ..वजह ही कुछ ऐसी थी ..पैंटी के ऊपरी स्ट्रॅप से तो बाल बाहर आते दिखाई दे ही रहे थे साथ ही पैंटी की निचली दोनो साइड'स भी उन्हे बाहर निकलने से रोकने मे असमर्थ थी

" शिट मॅन ..मैं तो पूरी जंगली हूँ "

निक्की ने अपना हाथ पैंटी के अंदर डाल कर कहा ..शायद अब वो बालो की क्वांटिटी और लंबाई चेक कर रही थी

" निक्की उठ गयी क्या ..लेट हो रहा है "

इस से पहले उसके हाथ पैंटी को भी उतारते ..रूम के बाहर खड़े उसके भाई निकुंज ने उस से पूछा ..नुकूँज की आवाज़ सुन निक्की ऐसी उच्छली जैसे उसका भाई उसके सामने खड़ा हो कर उसकी हरकतें देख रहा हो और तुरंत ही निक्की ने टेबल पर रखे टॉप को उठा कर अपनी छातियों को कवर किया ..जब उसकी नज़रें रूम के लॉक्ड गेट की तरफ घूमी तब उसे समझ आया कि ये सब सिर्फ़ उसकी इमॅजिनेशन है

" हां भाई बस 5 मीं. "

निक्की ने खुद की सांसो को कंट्रोल किया जो इस डर से बेहद तेज़ हो गयी थी कि निकुंज उसके कमरे मे खड़ा उसे नंगा देख रहा है

" मैं हॉल मे न्यूज़ पेपर पढ़ रहा हूँ ..बी क्विक "

निकुंज ने उसका जवाब सुन कर कहा ..अब जा कर निक्की थोड़ा रिलॅक्स हुई

" मैं भी क्या - क्या सोचती रहती हूँ "

शरम से उसके गाल बिल्कुल टमाटर हो गये ..फिर उसने देर ना करते हुए फ्रेश टॉप पहना और निम्मी का दिया लोवर पहेन ने लगी ..जैसा उसकी बहेन ने बताया था ये लोवर तो उस से भी ज़्यादा टाइट निकला

" क्या कर रही है ..हम लेट हो रहे हैं "

निकुंज का एक और बार टोकना हुआ और निक्की ने ज़मीन पर लेट कर जैसे तैसे उसे अपनी कमर तक चढ़ा ही लिया ..वारड्रोब के सहारे वो वापस खड़ी हुई ..उसके चूतडो पर लोवर की ऐसी पकड़ बंन गयी थी जैसे लोवर उसकी ही स्किन हो

" बड़ा अनकंफर्टबल है ये तो ..दौड़ूँगी कैसे ? "
dhamakedaar.
 

Nevil singh

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शीशे मे अपनी बाहर निकली गान्ड पर हाथ फेर कर उसने कहा और दौड़ती हुई रूम के गेट पर पहुच गयी ..गेट के पीछे टँगे ट्रॅक अपर को पहेन कर फुर्ती मे उसकी चैन लगाई और कमरे से बाहर हॉल मे आ गयी ..जल्दबाज़ी मे ब्रा ना पहेन पाने की वजह से उसने उपर डाल लिया था

" हे हे हे हे ..इतनी गर्मी मे ये ट्रेकअपर ..देख मैने तो अपने शॉर्ट्स निकाल लिए हैं "

हॉल के सोफे से उठ कर निकुंज ने उससे कहा

" भाई मैने ऐसे ही डाल लिया "

निक्की भी समझ रही थी कि अभी अगर उसे उपर मे इतनी गर्मी लग रही है तो रन्निंग करते वक़्त उसका क्या हाल होगा

" इसे उतार दे खामो - खा दिमाग़ पर भी गर्मी चढ़ जाएगी "

निकुंज ने उसके सर पर हल्की सी चपत लगा कर कहा

" ओके भाई मैं अभी रूम मे रख कर आती हूँ "

ब्रा पहेन ने की गर्ज से निक्की ने उसे जवाब दिया ..वो चाहती थी इसी बहाने कम से कम वो टॉप के नीचे ब्रा तो पहेन लेगी

" यहीं सोफे पर रख दे ..हम ऑलरेडी 30 मिनट. लेट हैं ..धूप निकलने पर कोई मतलब नही एक्सर्साइज़ का "

मजबूरन निक्की को अपना ट्रेक अपर उतार कर सोफे पर रखना पड़ा ..निकुंज के मेन गेट को अनलॉक करने के बाद निक्की भी उसके साथ ही घर से बाहर निकल गयी ..आज वो पहली बार इतनी बुरी कंडीशन मे घर से बाहर आई थी ..बिना ब्रा के बूब्स और चूतडो पर इतना कसा लोवर

कार स्टार्ट कर निकुंज ने उसे पार्क की तरफ मोड़ दिया ..रोज़ दोनो सुबह इसी पार्क मे रन्निंग करते ..फिर जब तक निकुंज रिलॅक्स करता तब तक निक्की योगा और वहीं से दोनो निकुंज के मल्टी जिम चले जाते ..हालाकी निक्की जिम मे बोर ही होती थी लेकिन अकेले घर लौटने का कोई साधन भी तो नही था

पार्क के बाहर कार पार्क कर निकुंज दौड़ता हुआ उसके अंदर चला गया ..निक्की ने जैसे ही अपना पहला कदम आगे बढ़ाया ..उसे एहसास हो गया कि लोवर मे उसका रन्निंग करना बहुत मुश्किल है ..तभी वो पैदल चलती हुई पार्क के अंदर आ गयी ..पार्क का पहला राउंड लगाने पर निकुंज ने उसे भी दौड़ने का इशारा किया तो बेचारी मना नही कर पाई ..धीरे - धीरे ही सही लेकिन वो दौड़ने लगी ..अचानक पीछे पलट कर निकुंज ने उसे देखा वो वो बड़ी धीमी गति से उसके पास चली आ रही थी ..निक्की को ये भी पता था कि अगर उसने तेज़ी दिखाई तो बिना ब्रा के बूब्स बेहद ज़्यादा बाउन्स करेंगे और उसके भाई को भी पता चल जाएगा कि उसने आज कोई ब्रा नही पहनी है ..इसी शरम और लाज के चलते उसकी दोहरी हालत हो गयी

निकुंज :- " क्या हुआ रन्निंग क्यों नही कर रही ? "

निक्की :- " थोड़ा पैर मे दर्द है "

निकुंज :- " डोंट वरी ..आज स्ट्रेचिंग मे मैं तेरी हेल्प कर दूँगा "

निकुंज ने प्यार से उसके गालो पर हाथ फेर कर कहा ..यही तो दोनो का प्यार था कि आज इतना टाइट लोवर पहने होने पर भी निकुंज की नज़र एक बार भी निक्की के निचले धड़ पर नही गयी थी

निकुंज ने उसकी बहेन के पेन के चलते अपनी रन्निंग स्पीड को स्लो किया ताकि निक्की भी उसके साथ ही दौड़ सके ..अब निक्की भी थोड़ा नॉर्मल हो गयी थी शायद निकुंज का अपनी बहनो के प्रति बिहेवियर ही उसे अपने भाई के इतने नज़दीक किए हुए था ..धीरे - धीर दौड़ कर दोनो ने पार्क के 5 राउंड लगाए और थक हार कर सेंटर मे बने लॉन की नरम घास पर बैठ गये

" थोड़ा रिलॅक्स कर ले फिर योगा कर लेना ..आज मैं भी यहीं डिप्स लगाउन्गा और जिम मे खाली मशीन "

इतना कह कर निकुंज अपनी डिप्स का पहला सेट पूरा करने लगा ..वहीं ज़मीन पर बैठी निक्की को ऐसा फील होने लगा जैसे लोवर ने उसकी चूत और गांद को बुरी तारह भीच से रखा हो ..गर्मी के मारे पूरी पैंटी पसीने से लथ पथ थी यहाँ तक की झान्टो मे हल्की - हल्की खुजाल भी शुरू हो गयी थी ..उसने सर नीचे झुका कर अपनी टाँगो के बीच देखा तो उसकी फूली चूत का उभार एक दम क्लियर दिखाई दे रहा था

" चल अब लेट जा ..मैं स्ट्रेच करवाता हूँ "

अपनी डिप्स का सेट पूरा कर निकुंज खड़ा हो गया ..नीचे बैठी निक्की का सर झुका होने से आज पहली बार निकुंज की नज़र उसके बूब्स क्लीवेज पर पड़ी ..दोनो उभारो के बीच जो गहराई और स्पेस दिखाई दे रहा था उससे निकुंज कन्फर्म हो गया कि अभी निक्की ने ब्रा नही पहनी है ..तभी निक्की और नीचे झुकी तो निकुंज की आँखों के सामने उसके हाफ बूब्स आ गये ..निक्की का सर नीचे को झुका था ..उस फुलाव पर नज़र पड़ने के बाद तो जैसे निकुंज के होश ही उड़ गये ..उसने खुद का गीला गला अपनी थूक से तर किया और ग़लती को स्वीकारते हुए चेहरा दूसरी तरफ घुमा लिया

" मेरी तो डिप्स लग गयी "
sukhdaayni.
 

Nevil singh

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निकुंज ने जान कर उँची आवाज़ मे अपनी बात कही ताकि निक्की को अपनी हालत का अंदाज़ा हो सके ..हुआ भी यही भाई की आवाज़ कान मे पड़ते ही निक्की होश मे आ गयी ..तुरंत ही उसने सर ऊपर उठा कर निकुंज की तरफ देखा तो उसे दूसरी तरफ देखता पाया ..निक्की ने उसी तेज़ी से हाथ पीछे ले जा कर टॉप को भी ठीक कर लिया

" कितनी डिप्स लगाई भाई ? "

अपनी हालत पर कंट्रोल कर निक्की ने उसके भाई का ध्यान अपनी तरफ खीचा

" 50 के 3 सेट मारूँगा ..देख मेरे डोले शोले "

निकुंज ये कहता हुया हँसने लगा ..शायद ये हँसी बनावटी थी जिससे वो थोड़ी देर पहले हुई ग़लती को भूलना चाह रहा था

" हे हे हे हे ..मस्त हैं "

निक्की भी सेम इसी हालत मे मुस्कुराइ

" चल लेट हो रहा है ..तू लेट जा मैं पैर मोड़ता हूँ "

इतना कह कर निकुंज ज़मीन पर अपने घुटने के बल बैठ गया ..निक्की ने एक गहरी साँस ली और लॉन की नरम घास पर अपनी पीठ के बल लेट गयी ..वो बड़ी मुश्किल से घुटनो को पेट के ऊपर ला पाई थी ..रह - रह कर लगता कि लोवर फॅट जाएगा ..शरमाहट और घबराहट का मिला जुला संगम महसूस कर उसने अपनी आँखों को बुरी तरह भीच लिया

वहीं निकुंज को जब तक उसे कुछ समझाने का मौका मिल पाता निक्की अपनी पोज़िशन मे आ चुकी थी ..हालाकी ये पोज़िशन अगर किसी लड़के की होती तो निकुंज को स्ट्रेच हेल्प देने मे कोई दिक्कत नही थी पर यहाँ वो चाहता था निक्की अपनी पीठ के बल लेट ती तो अच्छा रहता ..निकुंज की नज़र वापस निक्की के जिस्म पर गयी ..मोटी जांघे ..बड़े - बड़े गोल चूतड़ और उसकी टाँगो की जड़ पर फूली चूत का उभार देख पहली बार निकुंज के लंड मे हरकत हुई ..ये चुदाई करने वाली उसकी सबसे फावोरिट पोज़ीशन थी ..लड़की अपने घुटने पेट पर जमाए नंगी लेटी हो और उसे चोदने वाला अपना लंड चूत के मूँह पर टिका कर लड़की के ऊपर लेट जाए ..निकुंज ने इसी पोज़िशन मे 50सो बार चुदाई की थी ..निक्की ने जिस बुरी तरह से अपनी आँखों को बंद किया हुआ था उसे देख कर निकुंज को लगा जैसे उसकी बहेन दर्द से वाकई तड़प रही हो ..उसने अपने पापी दिमाग़ को उसी पल झंझोर दिया ..कुछ भी हो निक्की उसकी बहेन थी और वो ऐसी नीच पने की हरकत उसके लिए कैसे सोच सकता है

" मैं प्रेशर देता हूँ जहाँ तुझसे सहेन ना हो बता देना "

पार्क मे बढ़ती हलचल देख कर निकुंज तुरंत हरकत मे आया जिससे ये सब जल्दी ख़त्म हो सके ..उसने अपने कप - कपाते हाथो से निक्की की सुडोल जाँघो को पकड़ा और इसके लिए उसे अपनी बहेन पर झुकना पड़ा ..साथ ही वो बड़ा केर्फुल था कि हाथो के अलावा उसकी बॉडी का कोई भी पार्ट निक्की के जिस्म को टच ना करे ..खास कर उसका लंड तो कतयि नही जो अब सेमी एरॉटिक कंडीशन पा चुका था

यहाँ निकुंज हाथो के ज़ोर से उसकी जाँघ को प्रेस करता और वहाँ निक्की के मूँह से दर्द की सिसकी निकल जाती ..निकुंज लगातार बोलता भी जा रहा था क्यों कि बोलने के ज़रिए उसने अपने लंड को खड़ा से रोक भी रखा था

अपनी भाई की बदलती आवाज़ जब निक्की के कानो मे जाती तो उसे खुद पर बड़ी शरम आती ..लगता है भाई ने भी वही देखा लिया होगा जो अभी थोड़ी देर पहले वो खुद देख रही थी ..चूत का फुलाव लोवर पर सॉफ दिखाई भी तो दे रहा था ..क्या हो जाता अगर वो आज रन्निंग के लिए घर से नही निकलती ..कम से कम इस ज़िल्लत से तो बचती ..लेकिन अब अफ़सोस क्या करना बस कैसे भी कर के इस हालात से बाहर निकलना था

इमॅजिनेशन से कोई कितना भी बचना चाहे नही बच सकता ..निकुंज भले ही अपने दिमाग़ को कितना भी समझा लेता लेकिन उसका लंड ये सोच कर खड़ा ही होता जा रहा था कि उसके सामने उसकी फावोरिट इंटरकोर्स पोज़िशन लिए एक कम्सीन लड़की लेती है और लड़की की चूत के क्या कहने ..एक दम ताज़ी फूली - फूली


आख़िर कार वो वक़्त आ गया जब लोवर ने अपनी सहन - शक्ति खो दी

" चर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर "

एक आवाज़ के साथ दोनो होश मे आ गये ..लेकिन तब तक लोवर की पूरी बॅक थ्रेड उधड चुकी थी ..यानी कि निम्मी का सोचा प्लान पूरी तरह से सक्सेस हो गया ....

क्रमशः...................................................
muh dikhai.
 

Nevil singh

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पापी परिवार--10

लोवर की सिलाई उधड़ते ही निक्की का शरीर अपने आप ही बिल्कुल ढीला पड़ गया ..निकुंज ने जो प्रेशर अपनी बहेन पर डाल रखा था ..ढीले पन की वजह से उसका बॅलेन्स बिगड़ा और अगले ही पल निक्की की ज़ोरदार चीख निकल गयी

" भाईईईईईईईईईईईई............ "

निकुंज के खड़े लंड की चोट पूरी ताक़त के साथ सीधी निक्की की कुँवारी चूत पर पड़ी और जब तक निकुंज सम्हल पाता वो अपनी बहेन के ऊपर गिर चुका था ..नीचे चूत पर कड़क लंड का दबाव और ऊपर ब्रा लेस छातियों के कड़े निपल ..दोनो की हालत खराब हो गयी जिसमे निक्की तो बुरी तारह से काँप गयी थी ..कुँवारी चूत पर पहली चोट वो भी किसी गैर मर्द की नही अपने सगे भाई निकुंज की ये सोच कर तो उसकी आत्मा शरीर का साथ छोड़ने को तैयार लगी

" सॉरी सॉरी सॉरी "

निकुंज अपनी बहेन से पहले होश मे आ गया क्यों कि वो उसके ऊपर लेटा था ..उनके आस पास होती चहल - पहेल को महसूस कर निकुंज तुरंत ही निक्की के ऊपर से हट गया ..अपने घुटनो पर बैठ उसने उतनी ही तेज़ी से निक्की की चौड़ी टाँगो को भी सीधा किया ताकि किसी और को उसके लोवर फटने का एहसाह ना हो सके ..लेकिन इस वक़्त निक्की बिल्कुल बेजान हो कर घास पर लेटी थी

एक सेक्स एक्सपीरियेन्स्ड मॅन होने से निकुंज को भली भाती पता था कि जिस तेज़ी से उसके लंड की ठोकर निक्की की चूत पर हुई है अगर बीच मे ये कपड़ो की दीवार ना होती तो पूरा 8" का लंड एक झटके मे चूत के अंदर चला जाता

" निक्की आर यू ऑलराइट ? "

लगभग 2 -3 मिनट के गॅप के बाद निकुंज ने उसके पैर की उंगलियों पर अपने हाथ का स्पर्श दिया ..लोवर की थ्रेड इतनी ज़्यादा उखड़ी थी कि अंदर पहनी नीली पैंटी की हल्की सी झलक लोवर के उधडे हिस्से के ऊपेर से दिख रही थी

" आँखें खोल निक्की "

निकुंज ने फिर से उसके पैर की उंगलियों को छुआ और इस बार निक्की ने होश मे आ कर अपनी आँखें खोल दी

" भाईईईईईई...... "

होश मे आते ही उसके भर्राये गले से निकली रुआसी आवाज़ सुन निकुंज का दिल बैठ गया ..हाथ का सहारा दे कर उसने निक्की को बैठाया और प्यार से उसके गाल पर आए आँसुओ को पोंछने लगा

" कुछ नही ..सब ठीक है "

झूठी मुस्कान से उसने निक्की को साहस देने की कोशिश की लेकिन इस बार निक्की फूट - फूट कर रोने लगी

" कुछ नही हुआ ..बी ब्रेव गुड़िया "

ना जाने क्यू इस घटना का दोषी खुद को मान कर निकुंज को भी रोना आ रहा था लेकिन अगर वो इस वक़्त रो देता तो निक्की को सम्हाल पाना उसके बस से बाहर हो जाता ..खड़ा लंड अब तक बैठ चुका था और निकुंज खुद की ग़लती के लिए बहुत शर्मिंदगी फील कर रहा था

निक्की की पीठ पर अपना हाथ फेर कर उसने काफ़ी हद तक उसे दिलासा दी और कुछ देर बाद निक्की के बहते आँसू तो थम गये लेकिन उसका सुबकना नही रुका ..हिचकी के ज़रिए उसकी सिसकियाँ अभी भी ज़ारी थी

" वैसे मेरी ये बिल्ली रोते हुए किन्नी सोहनी लगती है ..आए - हाए ये टमाटर से लाल गाल और अभी तो नाक भी रेड - रेड हो गयी है ..रो ले थोड़ी देर और ..बिल्लीइीईईईई "

इस मज़ाक की वजह से निक्की ने अपनी आँखें निकुंज के चेहरे पर डाली तो वो बड़े गौर अपनी बहेन के रोते चेहरे को देख रहा रहा था

" हाए मर जावां कूडीए "

इतना बोल कर निकुंज घास पर पीठ के बल लेट गया और अपने हाथ पूरी तरह से फैला दिए जैसे सच मे मरने वाला हो ..रोते चेहरे पर आती मुस्कान देख निकुंज को बड़ा संतोष हुआ ..शायद इस मज़ाक ने कुछ पल के लिए निक्की के जहेन से बीती बात भुला सी दी

" क्या देख रही है बिल्ली ..थोड़ा और मुस्कुरा देगी तो तो तेरा क्या बिगड़ जाएगा "

निकुंज खिल - खिला कर हँसने लगा और इस बार निक्की ने शरम से वशी - भूत हो अपना चेहरा हाथो से ढक लिया

" भाई चिढ़ाना बंद करो ..वरना मैं फिर से रो दूँगी "
jordaar.
 

Nevil singh

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माना कुछ पल के लिए निकुंज उसे बहलाने मे कामयाब रहा था पर इतने जल्दी अपने दिल इस से बात को निकालना ना तो निक्की के बस मे था ना ही उसके भाई के बस मे

" ना ना रोना नही ..तुझे पता है ना मैं अपनी बहनो को कभी रोते नही देख सकता ..ख़ास कर तुझे ..निम्मी पर तो मैं हमेशा झूठा गुस्सा करता रहता हूँ लेकिन तुझ से तो मैने आज तक उँची आवाज़ मे बात तक नही की "

इस बार निकुंज की आवाज़ मे भी भारी पन आ गया

[ ये एक दम सच था ..निकुंज कभी निम्मी को डाटने से नही चूकता था ..उसकी हरकत ही ऐसी थी जो वो रोज़ घर के किसी ना किसी मेंबर से डाँट खाती ..लेकिन नाराज़गी मे भी हमेशा प्यार ही छुपा होता था ..वहीं निक्की के केस मे निकुंज हमेशा उस से मुस्कुरा कर बात करता ..दोनो के नेचर हेल्पिंग होने से आपस मे पटरी भी बहुत खाती ..यही एक कारण था कि दोनो के कमरे भी आजू - बाजू मे ग्राउंड फ्लोर पर ही थे ]

" देखो जनाब की सूरत ..ऐसा लगता है मुझे चुप करने मे खुद भी रो देंगे "

निक्की ने थोड़ा सोच कर जवाब दिया ..अब जो हो चुका उसे भूल जाना ही ठीक था

" अरे मैं बहुत स्ट्रॉंग हूँ ..आवें आँसू नही निकलते मेरे "

निकुंज जवाब देते हुए वापस बैठ गया ..थोड़ी देर तक सब शांत रहा और दोनो काफ़ी नॉर्मल हो गये

" घर कैसे जाउन्गि भाई ..ये तो...... "

निक्की ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी ..बैठने के बाद उसने अपनी टाँगो को आपस मे बिल्कुल सटा रखा था ..लेकिन लोवर के बहुत ज़्यादा खुल जाने से कितनी भी कोशिशो के बाद भी वो अपनी पैंटी को छुपाने मे नाकामयाब थी ..रह - रह कर उसे ये भी डर लगता कि कहीं उसकी झांतो के बाल लोवर से बाहर ना निकले हों ..अगर वो अपना सर झुका कर चेक करती तो शायद निकुंज की नज़र भी उसकी टाँगो की जड़ मे जा सकती थी ..इस लिए उसने एक बार भी अपने नीचे का हाल नही देखा और जल्दी घर जाने का सोचने लगी ..घर जाने के लिए उसे चलना पड़ता और इस वक़्त पार्क मे इतनी भीड़ थी कि ये बात हर किसी को पता चल जाती

" नो टेन्षन ..मैं हूँ ना ..अपनी गुड़िया रानी को गोद मे उठा कर ले जाउन्गा "

निकुंज ने जवाब दिया और बिना किसी देरी के उठ कर निक्की को अपने हाथो से पकड़ ने लगा ..एक हाथ उसके घुटनो के नीचे डाल और दूसरे से उसकी पीठ को सपोर्ट देते हुए निकुंज ने किसी फूल की तरह उसे अपनी गोद मे उठा लिया

" भाईईईईई ......ये क्या कर रहो हो उतारो मुझे "

निक्की अपने भाई के इस कदम से घबरा गयी और उसकी गोद से नीचे उतरने की कोशिश करने लगी

" अरे तू बिल्कुल भी भारी नही है ..आज जिम नही जा पाउन्गा तो ऐसे ही मेरी एक्सर्साइज़ हो जाएगी "

निकुंज ने उसकी बात को अनसुना किया और पार्क के मेन गेट की तरफ चलने लगा ..आते - जाते लोगो की नज़र और मुस्कुराते चेहरे देख निक्की शरम से पागल हुई जा रही थी ..लेकिन ना जाने क्यों आज उसे अपने भाई का इस तरह से प्यार करना बहुत अच्छा भी लग रहा था

" भाई सब देख रहे हैं "

निक्की ने खुद की शर्माहट दिखाते हुए निकुंज से कहा ..उसके गाल पर छाई लाली देखते ही बनती थी ..ना तो उसका कोई बॉय फ्रेंड रहा था ना ही वो इस प्यार भरे एहसास को पहले कभी महसूस कर पाई थी ..निकुंज की मज़बूत बाहों मे आने के बाद आज उसे दुनिया की हर खुशी ..दौलत फीकी जान पड़ी

" तो देखने दो ना ..मैने अपनी बहेन को गोद मे उठा रखा है ..दुनिया देखे तो देखती रहे "

निकुंज का जवाब सुन निक्की ने प्यार से उसके गले मे अपनी बाहें डाल दी ..निकुंज को उसकी बहेन के अंदर आए इस बदलाव से हैरानी भी हुई और खुशी भी ..कहाँ कभी सड़क चलते उसने एक बार भी निकुंज का हाथ नही थामा था और आज कैसे खुले -आम अपनी बाहें अपने सगे भाई के गले मे डाले उसकी गोद मे टन्गि थी ..दोनो मेन गेट के काफ़ी नज़दीक पहुच गये

" लेकिन भाई लोगो को क्या पता कि हम भाई - बहेन है "
kamuk..
 

Nevil singh

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अचानक ही ज़्यादा खुश होने की वजह से निक्की के मूँह से ये बात निकल गयी ..बाद मे अपनी ही बात पर उसने गौर किया तो एक अजीब एहसाह से उसका रोम - रोम खिल उठा ..वहीं इस बात से निकुंज के कदम चलते - चलते रुक गये ..दोनो मेन गेट पार कर चुके थे लेकिन अभी भी कार तक पहुचने के लिए निकुंज को 20 कदम और चलना पड़ता

" बस अब उतर जा ..हम पार्क के बाहर आ गये हैं "

निकुंज ने उसे अपनी गोद से उतार कर ज़मीन पर खड़ा किया और बिना उसके चेहरे को देखे कार की तरफ बढ़ गया ..निक्की को इस बात पर एक झटका सा लगा ..शायद निकुंज को उसकी बात सुन अपनी करनी का दुख हुआ है ऐसा मंन मे सोच वो भी धीमे - धीमे कदमो से कार तक पहुचि और पहला गेट खोल अंदर बैठने लगी

" आइ'म सॉरी भाई ..वो सडन्ली मेरे मूँह से....... "

निक्की की बात बीच मे काट कर निकुंज ने कार का सेल्फ़ डाल दिया

" बैठ जा ..चलते मे बात करेंगे "

निक्की उदास मंन से ड्राइविंग सीट के बगल मे बैठी और गियर डाल निकुंज कार को रोड पर दौड़ाने लगा ..शांत अट्मॉस्फियर तोड़ते हुए निकुंज ने ही बात आगे स्टार्ट की

" ऐसी फिटिंग का लोवर कैसे ले लिया तूने ? "

निकुंज की निगाह इस वक़्त रोड पर जमी थी लेकिन मंन पूरा निक्की पर

" भाई ये लोवर मेरा नही है ..वो कल रात निम्मी की बच्ची दे गयी थी और शायद ये उसने जान कर किया है "

इतना बोल कर निक्की ने थोड़ी देर पहले का गुस्सा अपनी छोटी बहेन निम्मी पर निकाल दिया

" आज तुझे कॉलेज जाना है ? "

निकुंज ने उससे पूछा तो निक्की ने ना मे अपनी गर्दन हिला दी

" मैं तो 12 के बाद ही ऑफीस जाउन्गा ..थोड़ी देर वहाँ रुकते हैं "

निकुंज के हाथ की उंगली पर गौर किया तो उसका इशारा सी व्यू पर था

" हां ठीक है लेकिन मैं कार से नीचे नही उतरुँगी "

निक्की ने जवाब दिया और निकुंज ने रोड के लेफ्ट साइड मे कार को रोक दिया

" हां तो ये लोवर निम्मी का है ..और तुझे लगता है उसने जान कर तेरे साथ ऐसा मज़ाक किया "

निकुंज की बात और चेहरा दोनो काफ़ी सीरीयस हो गये

" मैं फुल्ली शुवर नही हूँ ..लेकिन उसकी हरकतें हमेशा दूसरो को परेशान करने मे लगी रहती हैं ..इसलिए मैने बोला "

निक्की के चेहरे पर आया गुस्सा और भी बढ़ गया जब निकुंज की ज़ुबान पर निम्मी का नाम आया

" अगर निम्मी ने जान कर तेरे साथ मज़ाक किया है तो मैं समझता हूँ उसने कोई ग़लती नही की "

निकुंज ने अपनी बात पूरी की तो निक्की भौचक्की हो कर उसके चेहरे को देखने लगी ..उसकी आँखें बड़ी हो गयी और इस वक़्त उसे अपनी बैठने की पोज़िशन का भी ध्यान नही रहा

" ये आप क्या कह रहे हो भाई ..क्या ये सही है कि कोई सरे बाज़ार अपनी बहेन को इस तरह से जॅलील करे "

निक्की ने तैश मे आ कर अपनी जुड़ी टाँगो को खोल दिया और उसका हाथ उसके फटे लोवर की तरफ इशारा करने लगा ..हलाकी ये सब उसने गुस्से मे आ कर किया था लेकिन जब तक वो वापस खुद को संभाल पाती निकुंज ने खुद ही उसे अपनी टांगे जोड़ने को बोल दिया

" निक्की ठीक से बैठ जा ..ये वक़्त नाराज़ होने का नही है "

निकुंज ने अपना चेहरा ओप्पोज़िट डाइरेक्षन मे घुमा कर कहा

" तो क्या प्यार करू ..एक तो मेरी इतनी बेज़्ज़ती करवा दी और आप भी उसी की साइड ले रहे हो "

निक्की की बातें अपनी छोटी बहेन के लिए आग उगल रही थी ..कल तो कितने प्यार से उसके रूम मे आई थी और अगले दिन ही उसे अपनी साज़िश का शिकार बना लिया

" मैं उसकी साइड नही ले रहा निक्की ..मेरे लिए तो तुम दोनो ही बराबर हो ..बस एक अंतर बता रहा हूँ जो तुम दोनो को एक दूसरे से बहुत जुदा करता है "

निकुंज बोलने लगा पर अभी भी उसका चेहरा सी व्यू की तरफ घूमा हुआ था

" कैसा अंतर भाई ? "

निक्की को उसके जवाब समझ नही आया तो उसने पूछा

" यही कि वो तुझसे 80% ज़्यादा अड्वान्स है ..आज की बदलती दुनिया के साथ अड्जस्ट कर सकती है ..वो भी बिना किसी दिक्कत के "

निकुंज उसे अंतर समझाने लगा

" भाई हम दोनो बहुत डिफरेंट हैं ...वो कुछ भी करे लेकिन मैं उसके जैसी नही बन सकती और बन ना भी नही चाहती ..बेशार्मो जैसे नंगा घूमना मेरे बस के बाहर है "

बात बढ़ कर इतने आगे पहुच गयी की टॉपिक ख़तम होने का नाम ही नही ले रहा था

" ये बात ग़लत है जो तू कह रही है ..माना वो काफ़ी फैशनेबल है लेकिन जो सबसे बड़ा अंतर है तुम दोनो मे ..तू जानती है वो क्या है ? "

आज हुई पार्क की घटना से दोनो बहेनॉ के आपसी संबंधो मे खटास आना कन्फर्म था इसी लिए निकुंज लगातार निक्की को समझा रहा था

" क्या अंतर है ..आप ही बता दो "

निक्की ने उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमा कर कहा ..निकुंज ने पहली बार निक्की को इतने गुस्से मे देखा

निकुंज :- " कॉन्फिडेन्स ..जो शुरू से ही उसके खून मे है "

" कैसा कॉन्फिडेन्स भाई ज़रा मैं भी तो सुनू "

निक्की ने एक व्यंग छोड़ कर कहा ..कहीं ना कही उसके मन मे ये बात भी उठ रही थी कि शायद निम्मी उससे ज़्यादा क्लोज़ है अपने भाई से
naadan.
 

Nevil singh

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" आज अगर तेरी जगह पार्क मे निम्मी होती ..तो मुझे यकीन है वो ज़रा भी नही रोती ..बल्कि इस सिचुयेशन से बाहर कैसे निकला जाए सिर्फ़ इसी बात पर उसका ध्यान रहता ..माना वो चुलबुली है ..हम मे से किसी की बात पर ध्यान नही देती ..लेकिन अपना रास्ता कैसे बनाया जाता है ..ये उसे बखूबी पता है ..और तो और अगर सच मे ये निम्मी की शैतानी थी तो तू इस बात से सबक ले ..ना कि नाराज़ हो कर खुद का खून जला "

निकुंज इतना बोल कर चुप हो गया ..निक्की को उसकी बात से इतना तो समझ आ गया कि वो कुछ भी ग़लत नही कह रहा

निक्की :- " लेकिन भाई ..वो हमेशा झूट बोलती है ..दूसरो से लड़ती है ..काम के वक़्त किसी गधे को भी अपना बाप बनाने से नही चूकती ..क्या ये सही है "

निकुंज :- " तूने उसके माइनस पायंट्स तो नोट किए पर क्या कोई प्लस पॉइंट नोट किया ..क्या कभी ये सोचा कि वो ऐसा क्यों करती है ..क्यों कि उसे पता है कि इस दुनिया मे जीना कितना मुश्किल है ..यहाँ अपना हक़ छीन ना पड़ता है ..हर वक़्त ये बात काम नही आएगी कि तुम मशहूर गुंडे रघु की बहनें हो ..जमाना बदल रहा है ..तेरा ऐम तक तो तुझे याद नही ..क्या बन ना चाहती थी और क्या बनती जा रही है ..मैं तुम दोनो के बीच कॉंपिटेशन का अखाड़ा नही बनाना चाहता ..बस इतना बता रहा हूँ कि ग्रो अप माइ स्वीटी ..दुनिया को समझ ..उसके हिसाब से चलना सीख ..आज अगर तुझे किसी सड़क पर छोड़ दिया जाए तो तू उस सड़क को पार भी नही कर पाएगी ..सच को मान और हमेशा खुश रह ..आज जो कुछ भी पार्क मे हुआ उसमे मेरी भी ग़लती थी ..लेकिन मेरी जगह अगर वहाँ डॅड भी होते तो वही होता जो मेरे साथ हुआ ..इसकी वजह मैं तुझे फिर कभी समझाउन्गा ..अभी अपना गुस्सा थूक और घर चलते हैं ..होप मेरे लिए तो तेरे दिल मे कोई भडास नही होगी और अगर हो तो माफ़ कर देना "

इतना बोल कर निकुंज ने गियर डाला और दोनो घर जाने के लिए निकल पड़े ..आज हुई कॉन्वर्सेशन के ज़रिए निकुंज ने उसे बिना कहे ही बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया था ..रास्ते मे फिर निक्की ने उससे कोई और बात नही की ..शायद अपने भाई के द्वारा बताई गयी कुछ बातों का उस पर काफ़ी गहरा असर हुआ था ..लेकिन डॅड कहाँ से बीच मे आ गये इस बात ने उसका ध्यान सबसे ज़्यादा खीचा

घर पहुच कर दोनो भाई - बहेन अपने - अपने कमरो मे चले गये ..लेकिन दोनो के मंन आज अशांत थे ..निक्की के दिल मे अपनी बहेन के लिए नफ़रत और भाई के लिए प्यार बढ़ा वहीं निकुंज के दिल मे इस बात का दुख कि आज उसने अपनी बहेन पर ही बुरी नज़र डाली ..माना ये सब सिर्फ़ एक हादसे की वजह से शुरू हुआ लेकिन इस हादसे की चपेट मे उन दोनो के अलावा और भी काई लोग आ गये .....
lovely.
 

Nevil singh

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पापी परिवार--11

जब दोनो भाई बहेन पार्क मे थे उसी बीच दीप भी घर लौट आया ..कम्मो जो रात भर ठीक से सो नही पाई थी ..दीप के घर आने पर उसने चैन की साँस ली और उसे हल्की सी डाँट भी लगाई

" कहाँ थे रात भर ..कल से मैं कितनी परेशान थी ..कम से कम एक कॉल ही कर दिया होता ..कल पहली बार मैने आप को इतना परेशान देखा था ..क्या निम्मी से कुछ बात हुई ? "

कम्मो ने उसके हॉल मे बैठते ही अपने सवालो की झड़ी लगा दी ..दीप वैसे ही कयि प्रॉब्लम्स मे फसा हुआ था ..अचानक से उसे कम्मो पर गुस्सा आ गया

" तुम क्या पागल हो गयी हो ..मैं कोई छोटा बच्चा नही हूँ जो तुम मेरे लिए इतनी परेशान हो रही हो ..एक कप चाइ बनाओ और मुझे अकेला छोड़ दो "

दीप ने चिल्ला कर कहा और अपना सर सोफे के बॅक पर लिटा कर रिलॅक्स हो गया ..कम्मो 2 मिनट. तक उसके पास ही खड़ी रही ..आख़िरी बार उसने दीप को इतना परेशान तब देखा था जब वो शादी कर के घर से भागे थे ..लेकिन आज तो उनके पास किसी चीज़ की कोई कमी नही ..फिर क्यों दीप इतना परेशान है ..कम्मो पर भी चिल्ला दिया ..आख़िर - कार खुद से ऐसे अनगिनत सवाल करते हुए वो किचन मे चल दी

निम्मी अपनी आदत अनुसार अभी गहरी नींद मे थी ..कल रात जो कुछ भी उसने सोचा था ..शायद उसी का सपना उसकी नींद मे चल रहा था ..रह - रह कर कुछ ना कुछ बड़बड़ाती भी जा रही थी

3 कप चाइ बना कर पहला कम्मो ने दीप के सामने लगी टेबल पर रख दिया और दूसरा 2 कप ले कर वो सीढ़ियाँ चढ़ती हुई निम्मी के रूम की तरफ बढ़ गयी ..जानती थी गेट अनलॉक होगा ..हलका ज़ोर लगाते ही दरवाज़ा पूरा खुल गया और कम्मो उसके बेड के सिराहने पहुच गयी

" शायद ये निम्मी की वजह से इतने परेशान हैं ..इसी से पूछना पड़ेगा कि कल जब दोनो बाप - बेटी कमरे मे बंद थे तब ऐसी क्या बात हुई जो दीप कल रात भर गायब रहा और अभी भी उसका मूड ठीक नही है "

इतना सोच कर उसने दोनो कप बेड के स्टॅंड पर रख दिए और निम्मी को नींद से जगाने लगी

" उठ निम्मी ..देख कितनी सुबह हो गयी है "

कम्मो ने प्यार से उसके सर पर हाथ फेर कर कहा ..निम्मी ने उसे कोई जवाब नही दिया और कुछ बड़बड़ाती हुई करवट से सीधे पीठ के बल लेट गयी

" उठ जा राक्षस ..इस लड़की ने तो नाक मे दम कर रखा है "

कम्मो ने उसके बड़बड़ाने पर तो कोई गौर नही किया ..लेकिन उसके रूम की हालत देख उसे बहुत गुस्सा आया ..जगह - जगह फैले कपड़े ..कपड़े भी ऐसे जिसे देख कर तो दीप और निकुंज कतई उसके रूम मे नही घुसते ..बेड के बगल की स्टडी टेबल पर रखा लॅपटॉप चालू हालत मे था और स्क्रीन पर फ़ेसबुक का लोगिन पेज दिखाई दे रहा था

अचानक से निम्मी की बॉडी मे हलचल हुई और उसकी एक टाँग जाँघ तक चादर से बाहर निकल आई ..काम्मो की नज़रें उसकी नंगी टाँग पर गयी तो उसे कल की अपेक्षा आज कुछ बदलाव नज़र आया

कल जब निम्मी ने क्रॉच लेस पैंटी के ज़रिए कम्मो को परेशान किया था तब उसकी टाँगो पर हल्के - हल्के बाल थे ..लेकिन आज पूरी जाँघ एक दम चिकनी दिख रही थी और स्वतः ही कम्मो का हाथ उसकी जाँघ पर घूमने लगा ..आज पहली बार वो उसकी जाँघ को इतने गौर से देख रही थी

" कितना माँस भरा हुआ है इस लड़की मे ..उमर मे निक्की से छोटी है लेकिन इस भराव के चलते उससे बड़ी ही दिखाई देती है "

इतना कह कर कम्मो के हाथ उसकी सुडोल जाँघ को सहलाने लगे ..ये कम्मो का अपनी बेटी के लिए प्यार था या जलन ..या शायद आज कयि सालो बाद कम्मो को इस नज़ारे से बड़ी बेचेनी हो रही थी

" हां हां चूसो ..ऐसे ही अंदर तक चाटो ..प्लीज़ "

सपने मे अपनी जाँघ पर रेंगते हाथ महसूस कर निम्मी के मूँह से काँपते हुए शब्द निकले ..कम्मो ने उन शब्दो को सुनते ही अपना हाथ जाँघ से हटा लिया और उसके सोते चेहरे को देखने लगी

निम्मी कल रात को पूरा मेक - अप कर के सोई थी ..मास्कारा से उसकी पॅल्को पर नीले रंग के शेड्स ..गालो पर लस्टर जो बड़ा ही शाइन कर रहा था और होंठो पर इतनी लालामी जिसे देख कम्मो की आँखें उसके चेहरे की खूबसूरती मे लगभग खो सी गयी

" उउउम्म्म्ममम ..खा जाओ इसे "

निम्मी के मूँह से एक हिचकी निकली और उसने अपनी टाँगो को काफ़ी स्प्रेड कर लिया ..शायद सपने मे भाई और बहेन की जगह अब दीप ने ले ली थी

जब कोई ताज़ी घटना वो भी ऐसी जिसे आपने पहली बार महसूस किया हो ..शुवर है कि वो कयि दिन तक आपके जेहेन मे घूमती रहती है ..यही इस वक़्त निम्मी के साथ हो रहा था ..कल जो पल उसने अपने डॅड के साथ बिताए थे वो पल निम्मी शायद लाइफ टाइम नही भूल पाती ..एक बाप के सामने उसकी बेटी का बे परदा होना और उत्तेजना मे बाप द्वारा उसके कोमल अंतरंग अंगो को चूमना ..उनसे छेड़ छाड़ करना ..यहाँ तक की दीप ने निम्मी की चूत और आस होल को अपनी जीभ से चाटा भी था ..ख़ास कर कल जो बात उनके दरमिया अधूरी रही इस वक़्त निम्मी उसे अपने ख्वाब मे पूरा करने को मचल रही थी

कम्मो उसके मूँह से निकली हिचकी सुन घबरा गयी और जब तक वो कुछ और सोच पाती निम्मी ने हाथ के ज़ोर से अपने शरीर पर पड़ी चादर को अलग कर दिया

कम्मो के नज़रिए से ये तो तय था कि चादर के नीचे उसकी बेटी ने कुछ नही पहना होगा लेकिन जिस बात ने उसके दिमाग़ मे घर किया वो थी उसकी बेटी का बुरी तरह से मचलना और ऐसे उत्तेजक शब्दो से बड़बड़ाना

निम्मी की चूचियाँ इस वक़्त ब्रा मे क़ैद थी लेकिन उस ब्रा के अलावा उसने कुछ और नही पहना था ..जाने क्यों कम्मो की नज़र उसके चेहरे से होती हुई उसकी चूत पर आ कर ठहर गयी ..वैसे तो उसकी बेटी ने कयि बार अपनी चूत का दीदार बड़ी बेशर्मी से उसे करवाया था लेकिन आज निम्मी ने नींद मे जो व्यू अपनी चूत का दिया वो देख कर कम्मो सकपका गयी ..कल रात हेर रिमूवर का यूज़ निम्मी ने अपनी पूरी निच्छली बॉडी पर किया ..तभी आज वो नीचे से एक दम चिकनी नज़र आ रही थी

" आआईयईईईईईईईईई ..मर गयी "
nice.
 
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