निम्मी फिर बड़बड़ाई और इस बार उसने अपने हाथ से चूत को मसल कर रख दिया ..हाथ मे आए उसके चूत रस को देख कर कम्मो को चक्कर आने लगे
" हे भगवान ..ये तो सपने मे ..छ्ह्हीईईई "
कम्मो ने तेज़ी दिखा कर उसका हाथ चूत से हटाया लेकिन निम्मी ने अगले ही पल वापस उसे वहीं रख लिया ..इसी तरह 2 - 3 बार और हुआ तो कम्मो के दिमाग़ की बत्ती जली
" कहीं ये मेरे साथ नाटक तो नही कर रही "
अक्सर निम्मी के नेचर से घर के दूसरे मेंबर्ज़ को यही शक़ होता कि वो नाटक कर रही होगी और तभी हर बंदा उससे जल्दी पीछा छुड़ाने के लिए उसकी बात को मान जाता था
" हाथ हटा निम्मी ..नही तो एक जड़ दूँगी "
कम्मो ने सोचा कि उसकी बात सुन कर निम्मी अपनी आँखें खोल देगी और ये नाटक भी ख़तम हो जाएगा ..लेकिन उसे क्या पता था कि उसकी बेटी ने तो अपने सपने मे चुदना भी शुरू कर दिया ..वो भी अपने डॅड से
" नही मानेगी तू "
जब कयि बार उसका हाथ हटाने पर भी निम्मी ने वही क्रिया दोहराई तो कम्मो ने सख्ती से उसका एक हाथ चूत से हटा कर अपने पैर के नीचे दबा लिया लेकिन इसका ये नतीज़ा हुया कि निम्मी ने अपने दूसरे हाथ से कम्मो का हाथ पकड़ कर अपनी रस छोड़ती गरम चूत रख दिया
" उफफफफफ्फ़........ "
दोनो मा बेटी के मूँह से एक साथ सिसकी निकल गयी ..वाकई चूत इस वक़्त लावा उगल रही थी ..कम्मो ने तुरंत ही अपना हाथ चूत से हाटना चाहा लेकिन अब उसका ध्यान किसी और बात पर लग चुका था
" ये सपने मे ही है ..तभी इतनी गीली हो ....... "
कम्मो ने पूरी बात सोच भी नही पाई कि निम्मी का बदन अकड़ गया ..उसने अपने दूसरे हाथ को ब्रा के अंदर डाला और बेतहासा अपना बूब भीचने लगी ..साथ ही पूरी ताक़त से कम्मो के पैर के नीचे दबा हाथ खीचना शुरू कर दिया
" हाए मेरी बच्ची "
कम्मो जान गयी कि निम्मी का ऑर्गॅज़म नज़दीक है ..पैर के नीचे दबा निम्मी का हाथ आज़ादी चाहने लगा ..लेकिन कम्मो ने अभी भी उसे अपनी गिरफ़्त मे रखा हुआ था ..जब निम्मी झड़ने के बिल्कुल नज़दीक पहुचि और मन मुताबिक अपना हाथ कम्मो से नही छुड़ा पाई तो सहसा उसके मूँह से एक शब्द फूटा
" मोममम्ममममम....... "
ये जग वीदित है कि जब कोई बच्चा किसी मुसीबत मे फँसता है तो उसकी ज़ुबान पर मदद के लिए सिर्फ़ एक ही नाम आता है " मा "
यहाँ निम्मी ने जिस तरह से अपनी मा को मदद की गुहार लगाई ..कम्मो का दिल उसकी तकलीफ़ से पासीजने लगा और उसके दिल ने सच का साथ दिया
" वैसे तो ये सरासर ग़लत है ..एक मा हो कर मुझे ऐसा नही करना चाहिए ..लेकिन अगर इस वक़्त इसका झड़ना ज़बरदस्ती रोका गया तो शायद बाद मे अंजाम बहुत ही घातक हो सकता है "
अपने मन मे ऐसा विचार कर उसने तुरंत ही अपने हाथ की पकड़ चूत पर कस दी ..निम्मी को तो जैसे जन्नत का नज़ारा दिखाई देने लगा ..उसने अपने चूतडो को हवा मे उछाला और अगले ही पल एक चीख के साथ उसका ऑर्गॅज़म होने लगा
" आहह......... "
निम्मी के चीखने पर कम्मो तेज़ी से अपने हाथ को चूत के दाने पर रगड़ने लगी ..ना जाने उसका दिल इतना क्यों बैठ गया कि उसकी आँखों से आँसुओ की बरसात शुरू हो गयी
" आजा आराम से ..तेरी मा है तेरे पास "
अपने आँसुओ की परवाह ना करते हुए कम्मो अपनी बेटी को झड्वाये जा रही थी ..एक के बाद एक ..7 - 8 बार निम्मी के जिस्म ने लावा बाहर फेका ..कम्मो का हाथ उस लावे की गर्मी को महसूस कर जल रहा था लेकिन एक पल को भी उसने अपना हाथ चूत से हटाने की कोशिश नही की ना ही हाथ को ढीला छोड़ा
कुछ वक़्त बीतने पर निम्मी का बदन शांत पड़ गया ..कम्मो ने अपना हाथ चूत से हटाया जो उसकी बेटी की जवानी से भिड़ा हुआ था ..वो हैरान थी कि निम्मी ने इतना हेवी फॉल क्यों किया ..जाने कब से उसकी बेटी अपने सैलाब को अपने जिस्म मे समेटे हुए थी ..चूत रस से फैली खुश्बू पूरे कमरे को महकाने लगी ..कम्मो ने देखा रस निक्की की चूत से बहता हुआ उसकी गांद के छेद को पार कर ..बेड शीट को भी भिगो रहा था
" सुधर जा निम्मी ..वरना एक दिन तुझे खुद पर बहुत पछ्तावा होगा "
कम्मो ने उसके सोते चेहरे को देख कर एक डाँट लगाई और अपनी साड़ी के आँचल से चूत को सॉफ करने लगी ..उसकी टाँगे फैला कर कम्मो ने आस होल और जाँघो पर से भी सारा पानी पोंछ दिया
" जब तू उठेगी तब मैं तुझसे बात करूँगी "
इतना कह कर कम्मो ने उसके माथे को चूमा और बेड से नीचे उतरने लगी ..अपने कदम ज़मीन पर रखते ही उसे एक और झटका लगा ..कमरे का पूरा गेट खुला हुआ था ..वो तेज़ी से दौड़ कर बाहर आई और हॉल मे झाक कर दीप को देखने लगी ..लेकिन दीप वहाँ नही दिखाई दिया
पलट कर कम्मो ने निम्मी के रूम का गेट बाहर से लॉक कर दिया और शंकित मन से अपने कमरे की तरफ जाने लगी
दरवाज़े से अंदर झाका तो दीप अपने सर पर हाथ रखे कुछ सोचने की मुद्रा मे बेड पर बैठा था ..कम्मो की साँसे रुक गयी
" इसका मतलब इन्होने ...... "
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