• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery पिटारा कामुक कल्पनाओ का

Deeply

सवित्रा
270
1,028
124
सांवली संध्या का सफर 11







रोशनी एक प्लेट मे चखना लाती है उसका राजन और उसके जीजा दोनो नंशे मे धुत्त है दोनो केवल बनियान वा तहमद मे थे, रानी सलवार कुर्ती मे बगल मे बैठी थी सास वा ससुर छत पर बने कमरे मे थे यह तीनो आंगन मे थे ऑगन घर के बीच था काफी बड़ा आंगन था रोशनी गुलाबी साड़ी मे थी छरहरी बदन कमर पतली मगर गांड भारी वा उठी हुई थी गोरे बदन पर गुलाबी साड़ी फब रही थी, बता दे चिंताराम( जीजा) और रोशनी पहले से एक दूसरे को जानते थे क्योंकि कस्बे मे दोनो एक कॉलेज मे पढे चिंताराम सिनियर था मगर गरीब परिवार से था रोशनी अमीर घर से थी चिंताराम रोशनी की सुंदरता पर मरता था मगर कुछ कर नही पाता एक दिन उसने रोशनी का हाथ कॉलेज मे अकेले मे पकड़ कर दोस्ती का इजहार किया मगर रोशनी ने घमंड मे चिंताराम को थप्पड़ जड़ दिया कहा हरामी दो कोड़ी के कुत्ते तु मेरे मूत पीने लायक नही है और दोस्ती के सपने देखता है


चिंताराम देखो रोशनी मै तुमसे प्यार करता हूँ

रोशनी कलूटे शक्ल देखी है और रोशनी ने चिंताराम के मुंह पर थूक दिया


समय बदल चिंताराम की शादी हो गई उसकी ससुराल काफी धन दौलत वाली थी उसने दलाल के माध्यम से रोशनी की शादी राजन से करा दी आज पहली होली थी चिंताराम मुम्बई मे कमाता था इसलिए कुछ कारणो से शादी मे नही आ पाया मगर पहली होली को आया था अपने ससुराल, रोशनी ने भी कल ही जाना की चिंताराम इस घर का दामाद है मगर यह बात रोशनी रानी चिंताराम और रोशनी की सास चार लोग जानते थे वो यह भी जानते थे कि इस घर मे चिंताराम की ही चलती है और अब चिंताराम रोशनी को हर हाल मे सबक सिखायेगा







राजन कहाँ मर गई बुरचोदी इतनी देर कहाँ गांड मरा रही थी







चिंताराम हँसते हुये साले काहे गुस्सा होत हो आ रही है बैचारी वैसे भी इतनी मस्त गांड कौन नही मारना चाहेगा इतना कहते ही चिंताराम ने अपना हाथ रोशनी की गांड पर रख दिया







रोशनी ने झट से झटक दिया







रानी भौजी इतने तेवर वो इस घर के दामाद है पता है,







रोशनी को काटो खून नही
 

Deeply

सवित्रा
270
1,028
124
सांवली संध्या का सफर 12

रोशनी को काटो तो खून नही
रोशनी दीदी वो.........
तभी रानी ने चिंताराम के तहमद मे फुकराते लंड को पकड़ दिखाते हुये यह इस घर के दामाद है यह रहना है तो इनका सम्मान करना पड़ेगा समझी
रोशनी का गला सुख गया वो नजरा देखते हुये उसके पति से दुगुना बड़ा वा दुगुना मोटा लंड का एहसास हो चुका था उसके माथे पर पसीना छलक आया था वो इतनी नादान नही थी कि समझे ना आज उसके साथ क्या होने वाला है उसकी चुत से पानी रिसने लगा था वो समझ गई थी जिसे मूत ना पिलाने को कहा था वो आज इस चुत का पानी चखेगा
राजन क्या हुआ बहन इसने कोई गलती की क्या राजन ने एक जोरदार थप्पड़ उसके चुतड़ो पर दे मारा
राजन क्यो री रंडी जीजा इस घर के मालिक है तुझे घर के दामाद की इज्जत करना नही आती
राजन के थप्पड़ इतना जोरदार था रोशनी की आँखो से आंसू आ गये रोशनी के चिंताराम ने तुरंत रोशनी के चुतड़ो पर हाथ फेरते हुये काहे मार रहे हो बेचारी को चोट लगती है
राजन मूह बनाते हुये शराब घुटने लगा उधर चिंताराम रोशनी के चुतड़ सहला रहा था
चिंताराम जानती हो रानी अपनी सलहज बड़ा अच्छा डॉस भी करती है
रानी अच्छा भाभी जी तो हमे भी दिखाओ
रोशनी जी वो वो.......
राजन चलो जीजा कह रहे हो तो एक दो ठुमके दिखा दो
रानी खिचते हुये उन्हे ऑगन के बीचो बीच ले आई और स्पिकर पर भोजपुर गाना लगा दिया
मुंह पर डाल के चदरिया मजा लुटो है राजा मजा लुटो हे राजा
 

Deeply

सवित्रा
270
1,028
124
सांवली संध्या का सफर 13
रानी खिचते हुये उन्हे ऑगन के बीचो बीच ले आई और स्पिकर पर भोजपुर गाना लगा दिया
मुंह पर डाल के चदरिया मजा लुटो हे राजा मजा लुटो हे राजा
रानी चल भौजी दिखा देव अपना जलवा कि तु कितनी बड़ी रंडी है
रोशनी बुत बनी खड़ी रही
राजन् नाच रोशनी रानी हम भी देखे तेरा जलवा तभी रोशनी की सास आ गई
सास क्या हुआ रोशनी कैसी खड़ी है
रोशनी जी वो माजी वो..
रानी कुछ नही अम्मा बस इन्होंने भौजी को कॉलेज मे मस्त नाचते हुए देखा तो हम सब भी भौजी का नाच देखना चाहते थे भैया भी कह रहे है मगर भौजी नखरा ही पेल रही है इत्ती देर से
सास का रे बहुरिया क्या सुनल बाढे तु कॉलेज मे सैकड़ो के सामने गाड़ मटक्का कर सकती है यहाँ अपने मर्द बहनोई के सामने लाज आती है रानी इसकी साड़ी उतार आज ये नाचेगी
रोशनी हाये माजी हम नाचेंगे मगर साड़ी ना उतारे
सास अरे बहुरिया फिर अंतर का रहा सैकड़ो के आगे नाचने का और मर्द के आगे नाचने का
रोशनी मगर जीजा
सास अरे ये तो मालिक है घर के दामाद है इनका हक है ये चाहे मुझे नंगा नचाये या तुझे इनकी बात तो रखनी पड़ेगी, फिर तो तुझे केवल साड़ी उतारने को बोला
रानी ने रोशनी की साड़ी जबरदस्ती उतार दी

गोरे बदन पर मात्र ब्लाऊज पेटीकोट पहनी थी गॉव मे अक्सर ब्रॉ वा पेंटी नही पहनती औरते तो वो भी नही पहनी थी ब्रॉ के बिना ब्लाऊज मे चुची की घूंड़ी स्पष्ट आकार दे रही थी पतले पेटीकोट मे चुतड़ की दरार तक हल्की दिखाई दे रही थी आगे से चिकनी चुत की हल्की दरार की झलक मिल रही रही रोशनी चिंताराम की क्रस थी आज इस हालत मे उसके लंड ने झटका दिया और वीर्य की एक पिचकारी झोड दी इससे उसका तहमद का आगे का हिस्सा गीला हो गया रानी यह देख कर मुस्करा उठी, रोशनी भी समझ चुकी थी जितना जादा ना कहेगी ये उतनी बड़ी परेशानी देगे वो समझ चुकी थी चिंताराम बदला लेगा और अब उसकी हॉ मे हाँ मिलाये या संबंध तोड़ इस घर से, जो उसे अब किसी हालत मे सम्भव ना था उसके माता- पिता अब नही थे भाई के आसरे कब तक मयके मे रहती यही उसका भाग्य है और उसके घंमड़ कि सजा, कर्मो का फल भोगना ही पड़ता है अब रोकर भोगे या हॅस कर यह उसी के ऊपर , उसने अपने को हलातो पर छोड़ नाचने के लिए तैयार हो चुकी थी पैर थिरकने लगे
रानी ने स्पिकर पर गाना बजाया



ओ रतिया के सैया चुपके से आना रतिया मे
ओ नंददोईया चुपके से आना रतिया मे
ओ रतिया मे
पीछे के दरवाजे से घुसना चुपके से
ओ नंददोईया पीछे के दरवाजे से घुसना चुपके से



इस मुखड़े पर रोशनी झुक कर अपने चुतड़ो को कस कर फैला दिया इतना महीन कपड़ा की गांड के छेद तक की झलक मिल गई
चिंताराम हाये रानी क्या अदा है


छिनरा कलाई दबाये सीना मसले
ओ नंददोईया कलाई दबाये सीना मसले
नीचे की बिलिया मे धीरे से घुसना
ओ नंददोईया नीचे की बिलिया मे धीरे से घुसना

चिंताराम चिंता ना कर रानी तेरी दोनो बिलिया मे धीरे से ही घुसऊगा
 

Deeply

सवित्रा
270
1,028
124
सांवली संध्या का सफर 14
चिंताराम चिंता ना कर रानी तेरी दोनो बिलिया मे धीरे से ही घुसऊगा
सभी जोरदार ठहाका लगा हॅस पड़े
रोशनी शर्म से गढी जा रही थी उसे लग रहा था धरती फटे और वो उसमे समा जाये, जिसको कभी दुत्कार कर भगा दिया था जिन्हे वो कीडा समझती थी आज उनके इशारो पर नाचना पड़ रहा है
तभी अचानक चिंताराम उठे
सास क्या हुआ बेटा
जीजा कुछ नही सासु बस पेशाब लगी थी
सास तो क्या हुआ इस घर मे कभी तु बहार गया है आज तक मै कराती थी अब बहु आ गई है वो करा देगी जा बहु भगोना ला रहा दमाद जी को मुता दे
रोशनी आवाक रह गई यह क्या बवाल है
रानी क्या हुआ भौजी इस घर की परम्परा है दमाद को घर की औरते ही मुताती है वो भी उनका लंड पकड़कर
रोशनी हाये अम्मा छी कैसी परम्परा
सास हरामजादी हमारी परम्परा को छी कहती है
रोशनी नही अम्मा वो मै परम्परा को...
सास बही तेरे ऊपर चढ़ेगा तो मजे लेगी उसका पानी चाटेगी मगर मुताने पर छी
रोशनी हाये अम्मा ऐसा ना बोलो मै तुम्हारी बहु हूँ
सास बहु है तो क्या परम्परा नही मानेगी तो इसी हालत मे घर से निकल
रोशनी कुछ भी हो जाये मै नही करूंगी
सास रानी दरवाजा खोल
रानी ने आंगन मे लगा घर का मुख्य दरवाजा खोल दिया, कड़ी घुप थी दोपहर का समय था चूँकि घर गांव के कोने मे है
सास पकड़ कर दरवाजे के पास ले आई रोशनी को
सास जब तुझ हमारी परम्परा पर विश्वास नही तो तु इस घर मे नही रह सकती निकल यहाँ से और हाँ भले ये चोली तु हर से लाई तो मगर पेटीकोट हमने बनाबाया था इस यह छोड़ और निकल कहते हुये रोशनी के पेटीकोट का नाड़ा खीच लिया
रोशनी नीचे से एकदम नंगी हो गई सास ने धक्का देकर बाहर फेक दिया
रोशनी हाये ऐसा ना करो अम्मा कोई आ जायेगा
सास आने दे हम तेरे होते कौन है जो फर्क पड़े
तभी जुम्मन चाचा आते दिखाई दिये
रोशनी हाये हम बदनाम हो जायेंगे आपकी बहु है अंदर कर लो
रानी एक शर्त पर तु अंदर आ सकती है
रोशनी जी मॅ आपकी हर शर्त मॉनूगी
रानी तो सुन और रानी ने उसके कान मे जो कहा उसे सुनकर वो शर्म से पानी पानी हो गई
 

Delta101

Active Member
1,350
1,213
143
nice....pls share updates regularly
 
  • Like
Reactions: Deeply

U.and.me

Active Member
545
1,010
123
Lajawab UPDATE

Keep Updating 🤤
 
  • Like
Reactions: Deeply

Dharmendra Kumar Patel

Nude av or dp not allowed. Edited
3,290
6,404
158
शानदार अपडेट
 
  • Like
Reactions: Deeply

Deeply

सवित्रा
270
1,028
124
सांवली संध्या का सफर 15
रोशनी हाये दीदी आपन मर्द के सामने यह ना हो सकेला हम से
सास तो बाहर ही पड़ी रहे घर के दामाद को नराज ना कर सके बानी
रानी भौजी बेचारी पहले जुम्मन चाचा वा गाँव भर चोदेगा मायके तक जाते जाते, लागत वा जुम्मन यही आवत बानी
रोशनी ने तुरंत मुंह फेर लिया
जुम्मन को दूर से कोई नंगी महरारू राजन के दरवाजे खड़ी है दिखाई पड़ी उसने कदमो की चाल तेज कर दी
रानी लागत वा अम्मा भौजी की गोरी गड़ीया देख ली चाचा ने तभी तेजी से चले आ रहे है
सास आने दे होली की बाहर है इसकी गड़ीया इसे से ही सड़क पर मरवाऊगी कुत्तिया की तरह बड़ी सती बनी फिर रही है
रोशनी के डर से पशीना पशीना हो चुकी थी कुत्तिया की तरह चुदवाने से बेहतर बंद कमरे मे इन्जत तार हो कम से कम बहार से दुतकारी ना जायेगी
रोशनी दीदी पांव पड़त बानी हम और जीजा की हर बात मानव जो रावा लोग कहनी वही हम करब बानी, हाथ जोड़त बानी हमें अंदर कर लो अपनी बहरिया की इज्जत राह पर मत उछालो भले घर के अंदर फाड़ो हम पाँव परत बानी
रानी ने झट से रोशनी का हाथ पकड़ अंदर कर लिया और खुद बाहर आ कर किवाड़ बंद कर ली
जुम्मन लगभग पांच मीटर दूर रहे होगे कि उन्हे एक औरत नंगी की जगह घाघरे मे नजर आयी जब जुम्मन पहुंचे
जुम्मन अरे बिटिया कैसे रहत बानी रावा कब आई
रानी नीक बाटे चाचा आज भौरे ही आई और चाचा किधर जात बानी
जुम्मन का बिटिया अभी कोई और महरारू यहाँ थी
रानी ना चाचा हमी थे झाडू बाहरत बानी का हो चाचा तुम्हारी ठरक आज भी बानी
जुम्मन का करे हम दिन वा दिन बुढात बानी और ससुरा यह जैसे जवान होत बाने, ससुरा बहुत तंग किये रहत अपने पजामे मे अपना मोटा लंड पकड़ते जुम्मन चाचा बोले
रानी का चाचा सुना है छोटे की शादी कर नईकी बहुरिया लाये हो वो ना ठरक मिटा पा रही
जुम्मन का करे रानी बड़ी हरमकट महरारू है आगे के दरवाजे जाने देती है पीछे जादा घुसने ही नही देती कहती है बहुत मोट बानी अब तुम तो चखी हो अब आ गई हो समझओ ससुरी को नई नई दर्द देती है मगर हल्के हल्के मजा आवत है उसमे भी,
रानी तु बहुत हरामी है चाचा अपनी बहुरिया का एक दरवाजा तो छोड़ देता छोटे के लिए
जुम्मन वो छोड़ अब आ गई है तो दुकान पर भी आती रहना होली की बहार है हम भी होली खेल ले, वैसे सुना है राजन शहर से बड़ी गोर महरारू लाया है
रानी हाँ वो तो है चच्चा मगर तुम्हारी पिचकरी काहे उछल रही है
जुम्मन अपनी अम्मा से कह देना खेत का रेहन नही चुकाया है ना दुकान के किराने का कर्ज काफी हो गया है अपनी बहुरिया का हिसाब किताब के लिए भेज दे सुना है पढी लिखी है समझ जायेगी और हाँ तु बिटिया थी तो तेल लगाकर समझाया था मगर उसे सुखा ही समझाऊँगा मानती है तो भेज देना वरना वसूली का दूसरा रास्ता भी आता है
 
Top