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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Punnu

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अपडेट 19


अचानक ही एक जोर का घुसा उसके मुँह पे लगा ।और आयशा से थोड़ी दूरी पे जा गिरा ।ये इतना अचानक था की उसके दोस्त भी कुछ समझ नही पाये और 3-4 घुसे और लात उनके मुँह और शरीर पे जा लगे । वो लोग भी ज़मीन पे पसर गये।उसने आयशा को पकड़ के उठाना चाहा तो आयशा ऑंखें बंद किये ही बोली मुझे छोड़ दे कुत्ते , आयशा आँखें खोलो मैं रोहन हूँ। वो आँख खोल के देखती उससे पहले ही रोहन पे गुड्डू के दोस्तों ने हमला कर दिया ।इधर आयशा रोते रोते ही रोहन को देखी और बोली मुझे बचा लो भैया ,इधर लगातार मार खाने से रोहन की हालत खराब होने लगी। तभी गुड्डू उठ खड़ा हुआ और बोला मारो मादरचोद को और मारो इतना मारो की रंडी के पिल्ला मर जाये ।और आयशा को पीछे से पकड़ के उसकी चूची को मसलने लगता हैं इस अचानक हुए हमले से आयशा चिहूँक उठी और बोली साले हरामी छोड़ मुझे , आयशा गुड्डू से बचने का प्रयत्न किये जा रही थी। इधर आयशा की आवाज़ सुन के रोहन पूरे गुस्से में आग बबूला हो गया और जैसे तैसे अपने आप को संभाल के दोनो का मरने लगा ।इधर गुड्डू उसके बालों को पकड़ के खींचता हुआ ले जाने लगा तभी रोहन को एक ईट मिल जाती हैं जिससे उन दोनो को मरने लगता हैं । आह्ह..ये चींख एक लड़के की होती हैं उसका सर फट चुका था खून तेज़ी से निकलने लगा तभी दूसरे को भी रोहन लपेटे में ले लेता हैं और उसके भी सर पे दे मरता हैं उसका भी सर फट जाता हैं वो दोनो ही ज़मीन पे जा गिरते हैं ।इधर गुड्डू आयशा को पटकर उसके घाघरें को उठा के उसकी कच्छी को उतर ही रहा था की रोहन ने गुड्डू को भी एक ईट दे मारी और वो दूर जा गिरा उसका मुँह फट गया और खून निकलने लगा ।
रोहन और मरता उससे पहले ही उसने एक पिस्तौल निकल ली और रोहन पे तान दी और बोला मादरचोद साले रंडी के पिल्ले तू मारेगा मुझे ।मैं तेरी बहन को तेरे ही सामने चोद के अपनी रखैल बनाऊंगा भड़वे और पिस्तौल का ट्रीगर दबा देता हैं तभी रोहन दूसरी तरफ हो जाता हैं और गोली सीधा एक पेड़ पे लगती हैं ।गुड्डू ये देख के फिर से ट्रीगर दबाता की तभी आयशा उसकी आँखों में मिट्टी फेंक देती हैं जिससे वो इधर उधर लड़खड़ते हुए ट्रीगर दबा देता हैं गोली सीधा रोहन को छूकर निकल जाती हैं तभी आयशा को एक लकड़ी का डंडा दिखाई देता हैं वो उठाकर उसके सर पे दे मारती हैं और गुड्डू की एक चीख़ निकल जाती हैं और वो ज़मीन पे निचे गिरकर बेहोश हो जाता हैं
सब कुछ एक दम शांत हो जाता हैं भरी दोपहर को जंगल के सन्नाटे में नदी के पानी की एक आवाज़ आ रही थी की तभी आयशा एक दम से रोहन से जाकर लिपट जाती हैं ।रोहन भी आयशा को अपनी बाहों में दबोच लेता हैं दोनो ही रोते हुए एक दूसरे के बदन को रगड़ रहे थे।आयशा बस जोर जोर भैया...भैया बोल के
रोते जा रही थी ,रोहन की भी आँख भीग गयी थी। आँखों में आँसू लिए बोला क्यों आयी थी तु यहाँ ,बोला था ना घर से दूर नही जाना हैं।
आयशा तो बस रोये जा रही थी उसको बहुत सुकून मिल रहा था की उसका भाई आज नही आता तो क्या होता वो बस रोहन से लिपटे हुए थी ।तभी रोहन को एहसास होता हैं की आयशा की पीठ पुरी नंगी हैं वो उसकी नंगी पीठ से हाथ हटा लेता हैं ।कुछ देर ऐसे ही आयशा रोहन से लिपटे हुए रोते रही ।और आयशा को भी जब एहसास हुआ की वो अध खुली ब्रा में खड़ी अपने भैया से लिपटी हैं तो एक अजीब से एहसास ने उसे घेर लिया दोनो ही कुछ बोलने की परिस्थिति में नही थे की तभी रोहन बोला की क्यों आयी तुझे मना किया था ना ,आयशा कुछ बोली नही तो रोहन ने उसके बदन को छु लिया और इस छुवान ने आयशा के बदन में आग में घी का काम किया वो मचल गयी और अपने भैया से जोर से लिपट गयी ।इधर रोहन भी एक अजीब से कशमकश में था की आरोही बोली भैया ब्रा का हुक लगा दो ना ।ये सुनते ही रोहन ने आयशा के पीठ को छूने लगा और उस छुवान से आयशा को आनंद आने लगा रोहन हुक का तो पता नही पर उसकी पीठ की गर्माहट से उसके हाथ कांपने लगे थे उसने ब्रा की हुक को जैसे तैसे पकड़ के लगा के अपने हाथ हटने को हुआ ही था की उसको कल रात की बात ने घेर लिया और अचानक ही रोहन ने ब्रा का हुक खोल दिया ।और पीठ सहलाने लगा इस मधुर एहसास से आयशा की आह्ह्ह .. निकल गयी और वो एक दम से रोहन से अलग होकर उसको देखने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।आयशा लाल रंग की अध खुली ब्रा में रोहन के सामने सर झुकाये खड़ी थी । तभी रोहन बोला क्यों आयी यहाँ जब मना किया था । कुछ हो जाता तो क्या होता सोचा हैं तूने कभी ,तभी एक हलकी आवाज़ में आयशा बोली आप खान खाने नही आये तो मैं आपको ढूढ़ने चली आयी ।रोहन फिर से बोला इसकी क्या ज़रूरत थी पगली मैं तो घर ही आने वाला था ।
मुझे लगा आप कल रात वाली बात से नाराज़ हो गये हो इसीलिए आपको ढूढ़ते हुए आयी थी ।रोहन बोला मैं नाराज़ नही हूँ बहना में तो सोच के परेशान था की मैंने तुझको नाराज़ कर दिया हैं ये सुन आयशा ने बोला ऐसा कुछ नही हैं और अपनी ब्रा उतार के निचे गिरा देती हैं और बोलती हैं लो देख लो अपनी बहन की जवानी यही मेरी सजा हैं । अचानक हुए इस एहसास से रोहन की तो आँखे बहार आ गयी वो आयशा की चूची को आँखे फाड़ के देख रहा था जिस चूची को देखने के लिए वो सालों से इंतज़ार कर रहा था वो आज अचानक इस तरह देखने को मिल जाएगी उसने सोचा नही था ।
उसने आयशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी ।आयशा ने आँख मारी और बोली दे दो सजा और मुस्कुरा दी ।रोहन ने भी आव देखा ना ताव आयशा की चूचियों पे टूट पड़ा और चूसने लगा। अपनी चूची पे पहली बार किसी मर्दान मुँह को पाकर आयशा सिसक उठी और उसके मुँह से एक मादक आवाज़ निकली आह्ह्ह...भैया
वही रोहन चूची को मज़े लेकर चूस रहा था ।हम्म्म.. वो चूची के निप्पल पे जीभ घूमने लगा उस मधुर एहसास से आयशा की आहे जंगल के उस सन्नटे में एक मधुर संगीत का काम कर रही थी ।रोहन ने निप्पल को मुँह में भर स्तनपान करने लगता हैं। आह्ह्ह ...भैया मेरे प्यारे भैया ,रोहन तो मदहोश हो चला था उसे कुछ भी होश नही था और ना आयशा को था की कोई उन्हे देख भी सकता हैं रोहन कभी जीभ से तो कभी होंठ से निप्पल को छेड़ता जिससे आयशा की सिसकियाँ निकल जाती । आह्ह ..भैया सजा दो मुझे यही सजा है मेरी की मेरे भैया मेरी जवानी भोगे आह्ह्ह..चुसो भैया आप के लिए ही हैं मेरी ये जवानी आह्ह्ह राजा भैया..! रोहन बारी बारी दोनों ही चूचियों को चूसे जा रहा था दोनों ही वासना की चपेट में आ चुके थे हवस उनके शरीर को अपने गिरफ्त में ले रही थी ।
काफी देर तक भरी दोपहर में नदी के किनारे एक बहन अपने भाई को अपनी जवानी का रस पिला रही थी ।
आयश की बूर इधर रिसने लगी थी बूर में गीला पन पूरे सबाब पे पहुंच चुका था ।इधर रोहन का लंड भी अकड़ने लगा था। धूप बहुत तेज़ थी दोनों ही पसीने से तर बदर हो चुके थे। रोहन निप्पल से खेलने में खोया हुआ था की एक आवाज़ उसके कानो में गयी भैया कोई देख लेगा ।इस आवाज़ से रोहन ने सर उठा के आयशा को देखा वो पसीने से भीग चुकी थी रोहन ने तुरंत आयशा को उठा लिया और नदी के पास बने पुराने पूल के निचे ले गया जहाँ कुछ देर पहले रोहन सोया हुआ था ।वहा बड़े बड़े पेड़ के पत्तों का बिस्तर लगा था ।साथ में नदी का पानी और ठंडी हवा का झुका किसी का भी मन मोह ले ।वो आयशा को लेकर गया और बिस्तर पे लिटा दिया और चूचियों को फिर से चूसने लगा । फिर से आयश सिसकियाँ लेने लगी ।
रोहन ने आयशा को देखा तो वो शर्म से आँखें बंद कर ली ।तभी रोहन आयशा के होठों को देखने लगा गुलाबी रंग की लाली लगाए उसको होंठ रोहन के लंड में झुरझुरी लगाने लगा उसने एक दम से अपने होठों को आयशा के होठों से मिला दिया । दोनों को जब एक दूसरे के होठों का एहसास हुआ तो दोनों का बदन मचल गया और दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ के होठों के आपस में रगड़ने लगे दोनो ही एक दूसरे के होठों को खा जाना चाहते थे ।आयशा तो अनाड़ी थी पर रोहन तो कई बूरों को ठिकाने लगा चुका था पर ऐसा मज़ा उसे कभी नही आया था ।अपनी सगी बहन के होठों को चूसने में वो मदहोश हो चुका था ।आयशा भी अपना मुँह खोल के रोहन की जीभ अपनी मुँह में भर लेती हैं इधर रोहन भी अपनी जीभ को आयशा के मुँह में घूमने लगता हैं दोनों की जीभ में एक लड़ाई चल रही थी ।एक दूसरे का थूक पीकर दोनो ही आनंदित हो चले थे ।
अब आयशा की साँसे फूलने लगी तो उसने रोहन को मुक्का मरने लगी रोहन को तो कुछ होश ही नही था अंत में जाकर आयशा ने रोहन को धक्का दिया तो रोहन आयशा के होठों को ही चूस रहा था की वो एक दम से पीछे हुआ जिससे आयशा के होंठ रोहन के दाँत में आ गये और हलका कट उसके होठों में गया।और आयशा की एक आह्ह्ह निकल जाती हैं आह्ह्ह.. भैया और जोर जोर से साँसे लेने लगती हैं तभी रोहन बोलता हैं क्या हुआ आयशा।
आयशा सांस लेते हुए बोली मार दोगे क्या सांस तो लेने दो कितने भूखे हो आप और मुस्कुरा देती हैं इस बात को सुन रोहन भी मुस्कुरा जाता हैं । आयशा शर्म की लाली लिए कितनी अच्छा जगह हैं ना भैया ।रोहन को कुछ ना बोलता देख आयशा बोली चलो घर चलते हैं ये सुनते ही रोहन तुरंत बोला और तेरी सजा का क्या होगा ।इस बात पे आयशा मुस्कुरा के बोली तो सजा दे दो ।और फिर से दोनों चूमने लगते हैं । इधर रोहन होंठ चूसने के साथ साथ आयशा के चूचियों से भी खेलने लगा था ।दोनो ही मस्ती की चरम सीमा पे पहुंच चुके थे । वो कब नग्न हो गये उनको खुद ही एहसास नही हुआ ।इधर गुड्डू फोन नही उठा रहा था तो उसके बॉस को चिंता होने लगी वो तुरंत ही नदी के लिए निकल गया और पहुंच के देखा तो गुड्डू बेहोश पड़ा था उसके सर पे एक चोट लगी थी।उसने गुड्डू को उठाया और अपने दोनों लड़को भी भी तैसे तैसे लेकर वहा से निकल गया ।इधर कुछ ही दूरी पे भाई बहन अपनी हवस मिटाने में लगे हुए थे ।रोहन आयशा के पूरे बदन चूम चूम ले लाल कर चुका था उसका अंग अंग थूक से भीग गया था ।रोहन ने टाँगे खोल के बूर देखना चाह पर आयशा शर्म के मारे बूर पे हाथ रख ली ।रोहन ने उसके हाथों को चूम के बोला जान हटाओ ना हाथ, मुझे स्वर्ग का रास्ता देखना हैं आयशा शर्म के मारे आँखें बंद किये हुए ही हाथ की पकड़ ढीली कर देती हैं रोहन भी बुर देखने के लिए बहुत उत्सुक था ।उसने जल्दी से हाथ को हटा के बुर को देखने लगा ।बूर हलकी झांटे से भारी हुई थी ।उसकी आँखें तस से मस नही हो रही थी वो पलक झपकाना तो भूल ही गया था ।तभी आयशा ने आँखें खोल के देखते हुए बोली क्या हुआ भैया अच्छा नही लगा क्या उसकी आवाज़ में एक चिंता थी ।रोहन मुस्कुरा के आयशा को देखा और बोला ये तो वो खजाना हैं ।जिससे आयशा मुस्कुरा दी ।
रोहन बूर को चूमने लगता हैं ,अपनी बूर पे रोहन का मुँह का एहसास पाकर वो एक लम्बी सांस के साथ एक आह्ह्ह भरती हैं । आह्ह्ह ...भैया।
रोहन बूर को चाटने लगा बूर पे हलकी झांटे उसकी सुभा बढ़ा रही थी ।वो झांटो को हटा के बूर के छेद पे जीभ घूमता हैं जिससे आयशा की सिसकरी निकल जाती है।
दोनो ही हवस में अंधे हो चुके थे ।रोहन वासना में आकर झांटों को भी चाटने लगा और अपना मुँह उनमे रगड़ते हुए बोला आह्ह..आयशा और बूर को खोल के देखने लगा अंदर का गुलाबी फांक देख रोहन का लंड पुरी तरह सख्त हो चुका था। उसने जीभ को छेद में घुसा दिया और लापा लाप जीभ घूमने लगा बुर बहुत कसी हुई थी ।पर जितना हो सकता था रोहन अपनी जीभ घुसने में लगा हुआ था ।
आह्ह्ह ... भैया उम्म्म...चाटो भैया आउच आराम से करो ना ,रोहन बूर को थूक से पुरा गीला कर चुका था उसने लंड पे ढेर सारा थूक मल के बूर पे रख के जोर से धक्का दे मारा लंड बूर को चिरता हुआ आधा अंदर समा गया इस जोरदार प्रहार को आयशा संभाल नही पायी और जोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह.... भैया.... फट गयी ।रोहन ने आयशा को देखा तो उसकी आँखों में आँसु आ गये थे ।रोहन ने लंड थोड़ा बहार करके एक और जोरदार झटका दे मारा और इस बार आयशा बुरी तरह बिन पानी मछली की तरह छटपटा के रह गयी ।उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे वो रोने लगी थी ।और रोते हुए बोली आह्ह्ह.. भैया निकल दो बहुत दर्द हो रहा हैं ।रोहन ने आयशा को देखा और उसके आंसुओं को अपने मुँह भर लिया और बोला जान पहली चुदाई का दर्द तो सहन करना पड़ता हैं और अब तो तुम कली से फूल हो चुकी हो ।ये सुन आयशा के चेहरे पे हलकी मुस्कान आ जाती हैं ।
रोहन भी धीरे धीरे लंड अंदर बहार करने लगता हैं ।आउच भैया दुखता हैं धीरे करो ना ।रोहन रुक जाता हैं और उसको चूमने लगता हैं कुछ देर के बाद चूमते चूमते ही कमर चलाने लगता हैं और अब आयेशा को थोड़ा अच्छा लगने लगता है आह्ह्ह.. भैया ।रोहन अब जोर जोर से बूर चोदने लगा थोड़ी देर में ही बुर पानी छोड़ने लगी वो चिकनापन बढ़ गया और अब लंड आराम से बुर की गहराई में उतर रहा था ।आह्ह्ह...आयशा मज़ा आ रहा हैं ना ।हाँ भैया बहुत मज़ा आ रहा हैं आह्ह ... भैया चोदो अपनी बहन को उफ्फ्फ..कितना मज़ा आता हैं चुदवाने में आहह..राजा भैया भोग लो मेरी जवानी को आह्ह्ह...भैया।
आज आयशा ने अपना कौमार्य अपने भैया को सौंप दिया था दोनों ही चुदाई के खेल का आनंद लूट रहे थे ।रोहन का सपना आज पुरा हो गया था वो घपा घप पेले जा रहा था और आयशा भी मस्ती में सिसकियाँ लेते हुए चुदवा रही थी ।दोनो ही जोर जोर से साँसे ले रहे थे नदी के किनारे हवा के ठंडा झुका का चुदाई को और आनंदित कर रहा था । ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनों चरमसुख लेने के करीब थे की आयशा का शरीर काँपने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी आह्ह्ह .. भैया मुझे कुछ हो रहा हैं आह्ह्ह ...करते हुए झड़ने लगी और ढीली पड़ गयी और रोहन अभी भी बुर में धक्के मारे जा रहा था ।अब आयशा को बूर में जलन होने लगी। वो बोलने लगी भैया निकल दो जल रहा हैं अंदर पर रोहन तो अपनी ही धुन में था उसने चोदना बंद नही किया और कुछ ही समय में उसका लंड अकड़ने लगा और लंड बूर के अंदर ही पिचकारी मरने लगा आह्ह्ह ... आयशा रंडी मेरी बहन कहक आयशा पे गिर पड़ा ।आयशा ने रोहन को झटक के गिरा दिया और दोनो काफी देर तक लेट रहे ।तभी आयशा बोली क्या बोला था अपने में रंडी हूँ।रोहन आयशा को देखता हैं और मुस्कुरा के बोलता हैं माफ़ कर दे आयशा वो चुदाई की मस्ती में निकल गया ।और चुदाई में गाली ना दो तो मज़ा कैसा ये सुन आयेशा भी मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं आप सच में बहुत गंदे हो ।और झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली अपनी बहन के साथ भला ऐसा करता हैं क्या छी.. तभी रोहन उसके ऊपर आ जाता हैं और बोलता हैं जब बहन इतनी मस्त हो तो भाई कैसे बहनचोद ना बने ।ये सुन दोनों ही मुस्कुरा के चूमने लगते हैं ।थोड़ी देर की होंठ चुसाई के बाद आयशा बोली भैया घर नही चलना हैं क्या ।रोहन ने समय का अंदाजा लगाए तो पता चला की शाम होने वाली हैं ।वो जल्दी से उठकर बैठ गया और अपने लंड को देखा लंड पे हलका खून लगा था और साथ में वीर्य भी ,आयशा उठने को हुई तो उसकी चूत में एक तेज़ दर्द हुआ और उसकी आह्ह्ह निकल गयी ।जैसे तैसे वो बैठी तो पत्ते पे लाल और सफ़ेद सा कुछ देख के डर गयी और बोली ये क्या हैं ।
रोहन मुस्कुराया और बोला ये हमारे मिलन की निशानी हैं जान तभी आयशा लंड को देखती हैं उसपे भी खून लगा था वो ये देख मुस्कुरा देती हैं ।और बोलती हैं आप गंदे भैया हो और नदी में डुबकी लगा देती हैं रोहन भी नदी में कूद जाता हैं दोनो मस्ती में नंगे होकर नहा रहे थे आज आयशा बहुत खुश थी पर उसकी खुशी को ग्रहण लगने वाला था ।वो जल्दी से नहा के कपड़े पहन ने लगे की तभी आयेशा को दोपहर की बात याद आयी जो चुदाई के समय बिल्कुल ही भूल गयी थी की उसकी चोली तो फट चुकी हैं अब घर पे क्या बोलेगी ।रोहन भी अब परेशान होने लगा की वो जल्दी से अपनी कमीज को आयशा को पहना दिया और चल दिये फटी हुई चोली उठने ।वहा पहुंच के चोली उठा ली पर वहा कोई नही था ।तभी आयेशा बोली भैया वो लोग कहाॅं गये ।कही भी गये तु क्यों फिकर करती हैं और घर को चल देते हैं ।
Behtarren update bhidu....Rohan ne. Aayesha ka khaata khol hi diya. ... dekhte hai aage kya hota hai....bhai suresh ko hi lead role me rakhna yr....Aage aapki mrji hai....bhai
 

AssNova

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Brother sbki soch alg hoti hai yr .....or sbki fantasy bhi alg hoti hai....koi maa beta sochta hai...to koi bhai behan or to koi baap beti.... bhai behan or maa bete ki khani to har jagah mil jayegi yr.....pr baap beti wali kahani bahut kam hai...bhai ....or usme maja bhi aata hai....

Bhai shayad aap meri bato ko smjho nhi
Mai ye nhi kah rha ki Story ko change kro, Writer kaisi bhi story likhe mujhe koi problem nhi hai

Mai bas ye chah rha tha ki writer bata de ki story kis direction me jayegi!!

Isse apko bhi faida hi hai, jin logo ko baap beti pasand hai wo isko padhne lagenge agar writer bata de ki ye aisi story hai
To writer ko shi audience mil jayegi
Aur jo log yaha faltu me time waste kr rhe hain wo nhi karenge

I hope u understand
 
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Punnu

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Bhai shayad aap meri bato ko smjho nhi
Mai ye nhi kah rha ki Story ko change kro, Writer kaisi bhi story likhe mujhe koi problem nhi hai

Mai bas ye chah rha tha ki writer bata de ki story kis direction me jayegi!!

Isse apko bhi faida hi hai, jin logo ko baap beti pasand hai wo isko padhne lagenge agar writer bata de ki ye aisi story hai
To writer ko shi audience mil jayegi
Aur jo log yaha faltu me time waste kr rhe hain wo nhi karenge

I hope u understand
Apki baat me samajh gya tha bro ....or tumhara kehna bhi Shi hai......reader ko pta to hona hi chahiye ki story ki direction me jayegi....pr ye story ek pariwar ke uper hai ...to bhai obvious hoga ki maa beta bhai behan or baap beti to jaroor honge ....pr abtak mujhe bhi ye nhi pta lead role me hai kon ....
 

Sanjay dutt

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अपडेट 7
दिल्ली में,
बरखा और निधि के जाने के बाद गरिमा बोर हो रही थी इसी लिए उसने अपनी सबसे अच्छी दोस्त पलक को कॉल करके घर बुलाया और शुरू होता है बातों का दौर
पलक - साली मुझे कैसे याद कर लिया आज
गरिमा - बस यार बोर हो रही थी और तुझसे मिले हुए भी तो बहुत समय हो गया इस लिए बुला लिया तुझे।
पलक - अच्छा ये बता कल रात ठीक से सोई की नही ।
गरिमा - नही यार नींद ही नही आई रात भर करवटें बदलती रही ।
पलक - क्या हुआ ऐसे बुझे हुए मन से क्यों बोल रही है और सोई क्यों नही
गरिमा - यार तेरी वो बात मुझे रात भर सोने नही दी
पलक - अच्छा जी तो मैडम की चूत में चुनचुनी हो रही है
गरिमा - तु भी ना कुछ भी बोलती है ।
पलक - अच्छा मे कुछ भी बोलती हूँ तो मेरी बात से तु रात भर क्यों नही सोई और हँसने लगती है ।
गरिमा अब क्या बोलती की सच में वो अपनी चूत की खुजली के कारण सो नही पायी थी । पलक देख गरिमा मुझे पता है तु कल रात अपने पापा की याद में चूत सहलाती रही वो फिर से हँसने लगती है
गरिमा - यार मुझे शर्म आ रही है तु ऐसे मत बोल
पलक - अच्छा साली तु अपने पापा का लेने के लिए पुरी रात बेचैन रही और गलत में बोल रही है साली तु अपने चूत और दिमाग़ को समझा ले की वो अब पापा का दीवाना हो चुका है अब तुझे उनका लंड लेकर ही चैन मिलेगा ।
गरिमा - साली तु सच में बहुत कमीनी और रंडी है छी पापा का कोई कैसे ले सकता है
पलक - जैसे में लेती हूँ वैसे ले ले मेरी जान ।
गरिमा - क्या ❔ साली तु क्या बोली तुझे पता भी है
पलक - हाँ गरिमा मैंने तुझे कभी नही बताया की मेरे पापा से मेरे योैन सम्बंध है
गरिमा - ये तु क्या बोल रही है सच में ऐसा कुछ है क्या
पलक - हाँ यार मम्मी के जाने के बाद पापा और मेरे बीच ऐसे हालत हुए की एक दिन में पापा के बिस्तर को गरम कर गयी । में नही चाहती थी की फिर से हो पर चूत की खुजली ने मुझे मजबूर कर दिया और में फिर से उनके साथ सोई उस हसीन रात के बाद तो खुद उसने लिपटने के लिए इंतेज़ार करती कब रात होगी और कब मुझे पापा का लंड मिलेगा । अब तो बस मज़ा आता है ।
गरिमा ये सब सुन के चौंक गयी थी की कैसे एक बाप और बेटी के पवित्र रिश्ते में यौन सुख ले सकते है ।
वैसे भी पलक कैसे बताती गरिमा को ,की वो अपने ही पिता को कौमार्य सौंप चुकी थी ।हालत और समय ने दोनो को यौन सुख लेने पे मजबूर कर दिया था पलक की आँखे नम हो गयी थी ये बताते हुए ।
गरिमा - तु रो क्यों रही है
पलक - यार मैं कभी नही चाहती थी अपने पापा के साथ ऐसा कुछ करूँ पर मैं मजबूर हो गयी थी और हालत को देखते हुए दोनो एक हो गये ।
गरिमा - बहुत समझदार लड़की थी कई बार हालत इंसान को मजबूर कर देते है गलत काम को अंजाम देने के लिए ,
में समझ सकती हूँ यार पर तुझे मज़ा तो आता है ना ,ये सुन पलक के चेहरे पे मुस्कान आ जाती है
पलक - हाँ बहुत मज़ा आता है अपने ही पापा का लेने में तु भी ले ले ।
गरिमा - मुस्कुरा देती है और बोलती है साली तु नही सुधरेगी ।
पलक - मैं तुझे बस खुश देखना चाहती हूँ यार तेरे बॉयफ्रेंड की वजह से तु कितना रोई थी मुझे याद है और तेरी चेहरे पे ये खुशी कितने समय बाद देखी है मैंने इस लिए बोली की तेरे पापा तेरे लिए ही है
गरिमा - थोड़े उदास मन से हम्म.. तेरे बात सही है पर क्या पापा मानेगे और किसी को पता चल गया तो क्या होगा
पलक - साली दुनिया का कोई भी मर्द ,चूत को ना नही बोल सकता, चूत की असली खासियत यही है समझी मेरी जान, तो बना ले पापा को सैयां ,सब के सामने पापा और अकेले में सैयां जी । और ये सब तो अब घर घर में हो रहा है और सुरक्षित भी होता है बहार करने का मतलब है एक गलती और जीवन भर रोना ,और चूत तेरी है तु जिसे देना चाहे दे ये दुनिया कौन होती है तुझे रोकने वाली बाकी तेरी जैसी इच्छा ।
गरिमा - शर्मा जाती है ये सुन के
पलक - चल यार अब मैं चलती हूँ पापा और मैं ७ दिनों के लिए शिमला जा रहे हैं ।
गरिमा - साली हनीमून मानने जा रही है क्या ??
पलक - हाँ कुछ यही समझ ले मेरी जान और मुस्कुरा के चली जाती है ।
शाम को खाना खाते समय सुरेश की नज़र आज गरिमा के बदन को ही देखे जा रही थी।गरिमा को जब ये एहसास हुआ की उसके पापा उसको ही देख रहे है तो वो मन ही मन मुस्कुरा जाती है पलक की बात याद करके ।

गरिमा और उसके पापा को अकेले समय बीतने को मिल रहा था दोनों काफी करीब आ चुके थे ।अब तो गरिमा अपनी ब्रा और कच्छी कही भी रख देती थी ताकि सुरेश उसे देख गरम हो जाये ।सुरेश कई बार गरिमा की कच्छी में अपना माल गिरा के छोड़ देता था जो गरिमा देख के मुस्कुरा जाती थी । इधर सुरेश भी गरिमा के जवान बदन को देख अपनी मर्यादा भूल चुका था ।अब उसे बस अपनी बेटी के बदन का भोग लगना था ।
एक दिन गरिमा नहाने गयी और बाथरूम को बंद नही किया जैसा पलक उसको बोली थी बिल्कुल वैसे ही की और नंगी होकर नहाने लगी यही वो समय था जब सुरेश का सब्र का बान टूट गया और उसने गरिमा को जाकर पीछे से पकड़ लिया ।ऐसे अचानक हुए हमले से गरिमा सिहर जाती है।सुरेश के हाथ अपने ही बेटी के उरोजो को मसलने लगा था और उसके होठो पे अपने होंठ रख के चूमने लगा ऊपर से शवर से गिरते पानी से अब सुरेश भी भीग चुका था दोनो के बदन में हवस ने जन्म ले लिया था
सुरेश उसके गर्दन को चूमने लगा गरिमा झूठे ग़ुस्से के साथ नही पापा ये गलत है पर गरिमा जैसे ही कुछ और
बोलती सुरेश ने अपने होठो से उसका मुँह बंद कर देता
इधर गरिमा के मोट मोट उरोजो को अपने मर्दाना हाथों से मसलने लगा ,ये पहली बार नही था जब गरिमा को किसी मर्द ने छुआ था उसका पुराना प्रेमी भी उसके उरोजो के साथ खेल चुका था पर चूत तक पहुँचता इस से पहले ही गरिमा को उसकी सच्चाई पता चल गयी की वो उसको धोका दे रहा है बस शायद इसी दिन के लिए गरिमा आज तक कुंवारी थी की उसका कौमार्य उसके पापा के लिए है धीरे धीरे सुरेश के होठ गरिमा के निप्पल को चूसने लगते है ऊपर से पानी की फुहार दोनो के बदन में आग में घी डालने का काम कर रही थी गरिमा इस अपरा तिम आनंद के सागर में डूब गयी और मज़ा लूटने लगी आह्ह्ह्ह...पापा उससे ये एहसास और रोमांचित का रहा था की उसके उरोजो को चूसने वाला इंसान उसके पापा है जिनकी मेहनत से ही वो इस दुनिया में आयी है अब वो उस लंड से खेलिगी । जिस से कभी उसकी माँ खेला करती थी आह्ह्ह..पापा ये सिसकियाँ सुरेश को उत्तेजित कर रहे थे आह्ह्ह..गरिमा तेरे दूध उम्म्म...मेरी प्यारी बेटी काफी देर तक दोनो बाप बेटी दुनिया से बेखबर अपनी बदन की आग मिटाने में लगे हुए थे।दोनो के बदन पे अब कोई वस्त्र नही था ।सुरेश निचे बैठ के गरिमा की चूत पे मुह लगा देता और चाटने लगता है इस हमले का गरिमा पे इतना जोरदार असर हुआ की उसके पैर कांपने लगे। आह्ह्ह...पापा ये गलत है ऐसा मत करो
सुरेश तो बस चूत को खाने में लगा था उसे कोई मतलब नही था उसकी बेटी की बूर है ।।सुरेश ,गरिमा को उठा के उस कमरे में ले गया जहाँ उसने बरखा की खुली हुई बुर में लंड डाला था पर अब उसको अपनी बेटी का कौमार्य मिलने वाला था जो बरखा नही दे पायी थी वो उसकी ही चूत से निकली उसकी बेटी देने वाली थी । बिस्तर पे गरिमा को रख कर सुरेश फिर से उसके बदन खेलने लगता है दोनो एक दूसरे के बदन को रगड़ने में लगे हुए थे तभी सुरेश उठ कर अपना लंड उसके मुँह के करीब ले जाता है दोनो की नज़रे एक दूसरे को देखती है और गरिमा शर्मा के लंड मुँह ले लेती है और चूसने लगती है इस आनंद के बारे में कल्पना करना सुरेश ने कभी नही सोचा था ।
आअह्ह्ह..गरिमा बेटी चुसो पापा का मदहोशी में सुरेश बोले जा रहा था आअह्ह..चुदड़कड़ कुतिया पापा की रंडी
अब समय आ गया था दोनो के मिलन का सुरेश माझा हुआ खिलाडी था उसने लंड को चूत पे रख के जोर से घुसा दिया ।गरिमा की जोरदार चीख़ से कमरा गूज उठा आज एक कली फूल बन चुकी थी सुरेश का लंड गरिमा की चूत को फाड़ के अंदर समा चुका था तभी एक और झटके से साथ गरिमा अपना कौमार्य पापा के नाम कर देती है ।और धीरे धीरे धक्को से चुदाई की रेल चलने लगती है गरिमा को ये एहसास ही नही था आज उसने अपनी चूत की खुजली के करण इतना बड़ा कदम उठा चुकी थी ।
गरिमा - आह्ह्ह...पापा चोदो अपनी बेटी को फाड़ दो मेरी बुर को पापा बहुत तंग करती है रात भर आह्ह..मेरे प्यारे पापा
सुरेश - आह्ह..हाँ बेटी आज तुझे चोद के मैं अमर हो गया जो तेरी माँ नही दे पायी वो तूने दे दिया
गरिमा को इतना मज़ा पहला कभी नही आया था वो चाहती थी की ये मज़ा ऐसे ही चलता रहे कभी ख़तम ना हो पर कोई भी काम शुरु हुआ है तो ख़तम भी होता ही है ।
कुछ देर चुदाई का ये खेल चलता रहा और फिर वो वहा पहुंच गये जिसे चरमसुख कहते है और देखते ही देखते गरिमा का पानी निकलने लगा बदन जोर से कांपने लगा इधर सुरेश भी गरिमा के काम रस से कमजोर हो गया और वो भी आह्ह...गरिमा बोलते हुए अपना माल उसकी चिकनी योनि में उगलने लगा ।और धड़ाम से उसके ऊपर गिर गया। दोनो ही अपनी साँसे काबू करने में लगे तभी दोनो की आँखें मिलती है और गरिमा शर्म से आँखें बंद कर लेती है ।
कुछ दर बाद सुरेश ,गरिमा ओ बेटा गरिमा आंखें खोलो ना जान गरिमा अपने आँखें खुलती और अपने प्यारे पापा को देखती हैं और फिर से लाज़ा जाती है ।
सुरेश बेटी जो भी हुआ गलत हुआ पर में बहुत कमजोर हो चुका था तेरी ये जवानी मुझे पागल कर रही थी हो सके तो अपने पापा को क्षमा कर देना । और उसकी आँखें नम हो चुकी थी ये सोच के की उसने अपनी ही बेटी का भोग लगा लिया ।
गरिमा - आखें खुलते हुए पापा से बोलती है पापा इसमे आपकी कोई गलती नही है मैं भी अपनी जवानी को काबू नही कर पायी और आप के साथ हम बिस्तर हो गयी ।मुझे भी माफ़ कर देना ।पर जब उसकी नज़र सुरेश पे गयी थी उसकी आँखें भी भीग गयी ।
दोनो ने एक दूसरे को देखा और लिपट गये उनकी आँखें ये साबित कर रही थी की हवस उनके प्यार पर भारी पड़ चुकी थी पर अब क्या करते जो हो चुका वो अब वापस नही हो सकता था दोनो रोते रोते सो गये ।
सुबह की पहली किरण से गरिमा की नींद खुल जाती है और वो बगल में सोये पापा को देखती हैं वो मुस्कुरा जाती है की कल तक ये उसके पापा थे और आज उसके बदन को भोगने वाला उसका मर्द ,रात की बातें सोचते सोचते गरिमा थोड़ी उदास हो जाती है की दोनो के बीच जो वो सही था की नही तभी कॉल के रिंग से वो वापस अपनी दुनिया में आती है और देखती है ये तो मम्मी का है
बात करके कॉल कट कर देती है और उठ कर अपने पापा के लिए या दूसरी तरफ अपने पति के लिए नास्ता बनाने चली गयी ।
सुरेश और गरिमा की निगाहें जब मिली तो दोनो रात की मनमोहक मिलन को याद कर के मुस्कुरा देते है दोनो नास्ता कर रहे थे पर बोले कुछ भी नही ।तभी सुरेश बोला बरखा के आने में दो दिन है घर की सफाई अच्छे से कर देना ।ये सुन गरिमा का चेहरा खिल जाता है इसका सीधा मतलब उस बिस्तर से था जिसपे गरिमा और सुरेश के मिलन की निशानी अभी भी ताज़ा थी । और दुकान के लिए निकल जाता है ।इधर गरिमा अच्छे से अपनी चुदाई के सबूत मिटा देती है और पलक को कॉल पे सब बता देती है।
पलक - वाह साली तु तो रंडी निकली अपने ही पापा को फंसा के चुदवा ली ।
गरिमा हंस देती है और बोलती है साली सब तेरी वजह से हुआ
पलक जो शायद शिमला में अपने पापा के लंड को चूसने जा रही थी की गरिमा का कॉल आता है और वो उठा के बात करती है
पलक - साली मेरी वजह से नही तेरी चूत की खुजली ने तेरे पापा को बेटीचोद बनवा दिया
गरिमा - हँसते हुए हां यार जो भी हो मज़ा बहुत आया
पलक - अच्छ सुन बाद में बात करती हूँ अभी क्रीम रोल खाने दे यार ।
गरिमा - मुस्कुरा के ठीक है खा ले साली और कॉल कट कर देती है
शाम को जब सुरेश घर आया तो गरिमा को देख उसकी आँखें खुली की खुली रह जाती है ।
आज गरिमा ने अपनी माँ की सुहागरात वाली साड़ी पहनी थी जिसमे गजब की बाला की खूबसूरत लग रही थी।
उसने सुरेश को पानी देकर बिल्कुल पत्नी की तरह किया उसका ये रूप सुरेश के मन को ही नही लंड को भी रोमांचित कर गया ।
सुरेश कुछ खास बोल नही पा रहा था पर गरिमा आज बहुत खुश थी खाना खाने के बाद सोने की तैयारी हुई गरिमा अपने कमरे के वजह पापा के कमरे में चल दी
सुरेश कुछ बोलता उससे पहले ही गरिमा ने सिन्दूर की डिब्बी उसके सामने कर दी और बोली मेरी मांग भर दो पापा ।
ये सुनते ही सुरेश के तो हाथ पैर ठंडे हो जाते है और वो बिस्तर से उठ कर बोलता है क्या ?? ये तुम क्या कह रही हो बेटा मैं कैसे तुम्हारी मांग भर सकता हूँ ये तो पति करते है ।
गरिमा - हाँ पापा और मेरे पति आप हो ।
सुरेश - ये क्या बोल रही हो गरिमा तुम ठीक तो हो मैं तुम्हारा पिता हूँ।
गरिमा - पिता थे अब नही हो कल रात जो हुआ वो एक पति अपनी पत्नी से करता है इसी लिए अब मेरे पति को मेरी मांग भर के मुझे पत्नी का दर्ज़ा देना चाहिए
सुरेश की तो हालत खराब हो चुकी थी ये सब सुन के की उसकी खुद की बेटी उससे विवाह रचाना चाहती हैं
सुरेश - पर ये कैसे हो सकता है संसार और समाज इसकी इजाज़त नही देते है ।
गरिमा - पापा कल रात जो हुआ उसको भी संसार और समाज उसकी भी इज़ाज़त नही देता पर अपने मेरा भोग लगया ना और मेरा कौमार्य लेकर मुझे कली से फूल भी बना दिया
सुरेश बिल्कुल चुप था आखिर वो क्या कहता गरिमा की बातें बिल्कुल सही थी जो उसने कल रात को किया था उसकी भी तो इज़ाज़त समाज नही देता ।
थोड़ी देर कमरे की शांति को गरिमा ने भंग किया और बोली मैं आपके लिए अपना कौमार्य दे दिया और क्या आप मुझे पत्नी नही बना सकते क्या आप मुझे रखैल की तरह इस्तेेमाल करना चाहते है ।इससे आगे गरिमा कुछ बोलती सुरेश बोल उठता है नही नही बेटी तु मेरी गरिमा है जिसने मुझे पहली बार पापा बोला था तेरी ही वजह से मैं पिता का पहला एहसास किया था मैं तो सपने में भी तुझे कभी रखैल नही समझ सकता हूँ।
गरिमा तो मेरी मांग भर के मुझे बरखा देवी के बराबर का दर्जा दो और मंगलसूत्र पहना के पत्नी बन ने का हक ।
थोड़ी देर की चुप्पी के बाद सुरेश बोलता है ठीक है गरिमा और उसकी मांग भर देता है और उसके गाले में मंगलसूत्र पहना के पत्नी बना लेता है
गरिमा भी अपने पति या पापा के पैर छुकर आशीर्वाद लेती है और गरिमा कहती है चलो जी मेरे कमरे में सुरेश बोलता है क्या हुआ अब पत्नी का दर्जा तो दे दिया ।
गरिमा पत्नी का दर्जा तो मिल गया पर पत्नी को पति का जो चाहिए उसका दर्जा मेरे कमरे में है ।इतने बोल के गरिमा और सुरेश चल देते है ।
कमरे में पहुंचते ही पुरा कमरा फूलो से सजा हुआ था बिस्तर पे भी फूल ही फूल थे पुरा कमरा फूलो की खुसबू से महक उठा था और दिवार पे एक तरफ लिखा था गरिमा संग सुरेश ,ये सब देख सुरेश की धड़कने तेज़ हो गयी उसको अपनी और बरखा की सुहागरात याद आ गयी ।उफ़..वो भी क्या दिन थे पर यहा बरखा से कसी हुई चूत आज उसे मिली थी ।दोनो एक दूसरे को देख के मुस्कुरा दिये और होठो को होठो से मिला के अपनी सुहागरात का पहला चरण शुरू कर दिया ।दोनो ही आज पूरे साथ दे रहे थे थोड़ी देर की होठो को रगड़ने के बाद दोनो अलग हुए दोनो की साँसे तेज़ थी ।एक खुशी के साथ दोनो के ही चेहरे पर मुस्कुरहट थी ।सुरेश बोला मुझे नही पता था मेरी फिर सुहागरात होगी आई लव यू गरिमा मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ ।गरिमा मुस्कुरा कर कहती है मैं भी आप से बहुत प्यार करती हूँ जी ।
फिर दोनो का मिलन होने लगता है दोनो जोर जोर से आहे भर रहे थे पुरा कमरा थप थप की आवाज़ से गूज रहा था मस्ती अपने पूरे सबाब पे थी दोनो ही आज एक दूसरे में समा जाना चाहते थे ।आह्ह्ह..सुरेश धीरे करो राजा जी
ये आवाज़ गरिमा की जब सुरेश के कानो में गयी तो सुरेश मुस्कुरा के गरिमा को और जोर से पेलने लगा आह्ह.. गरिमा मेरी जान इतने कहते ही सुरेश का लंड माल फेंक देता था और गरिमा की बूर माल से भरने लगती है इस एहसास से गरिमा भी झटके खाते हुए अपने कामरस को सुरेश के वीर्य से मिला देती है और दोनो आज सही रूप में पति पत्नी बन चुके थे ।दोनो की बीच आज हवस कम प्यार ज्यादा था पर हवस के बिना प्यार अधूरा है और प्यार बिना हवस दोनो के बिना ये संसार नही चल सकता ये सत्य है ।
रात भर गरिमा का बदन को सुरेश ने रगड़ रगड़ के थका दिया था उसका अंग अंग टूट रहा था रात भर की चुदाई से गरिमा थक गयी थी और सुरेश भी अपनी पत्नी के लिए घर पे रुक ही गया दोनो ने पूरे दो दिन तक पति पत्नी की तरह रह कर मज़ा लूट रहे थे इस दौरान गरिमा अनेक बार चोदी और सुरेश ने भी गरिमा को हर तरह से पेला कोई कसर नही रखना चाहता था सुरेश आखिर पत्नी को ठीक से ना चोदो तो वो किसी और से पिलवाती है ।
उधर गाँव से राहुल ,निधि ,बरखा और आरोही दिल्ली के लिए निकल चुके थे उनके आने से पहले गरिमा ने सब कुछ पहले जैसा कर दिया वो अपनी चुदाई का कोई सबूत नही छोड़ना चाहती थी हाँ पर एक सबूत वो कभी नही मिटा सकती थी जो उसकी टांगो के बीच था उसकी चूत जो अब खुल चुकी थी जिसे देख के कोई भी बता देता ये चुदी चुदाई माल है ।
रात भर चुदाई करके सुरेश और गरिमा नंगे ही सो गये थे ।सुरेश की आँख खुली तो दिन के 12:35 हो रहे थे। तभी सुरेश को याद आता है की बरखा तो आज ही आने वाली थी वो जल्दी से गरिमा को उठा के कमरे की साफ सफाई करते है और एक बार फिर से बाप और बेटी बन जाते है ।
राहुल ,निधि ,बरखा,आरोही स्टेशन पे उतर चुके थे और घर के लिए टेैक्सी करके निकल जाते है इधर गरिमा को डर लग रहा था की कही किसी को पता ना चल जाये उसके हाथ पैर डर से फूलने लगते है की तभी सुरेश ये सब देख के गरिमा को चूम लेता है और बोलता है प्यार किया तो डरना क्या और मुस्कुरा देता है साथ मैं गरिमा भी मुस्कुरा देती है ।
इतने देर में दरवाजे पे कोई दस्तक देता है बरखा, गरिमा बेटा कहा है दरवाजा खुल बेटा हम लोग आ गये है।कुछ ही समय के बाद दरवाजा खुलता है और सब एक दूसरे को देख गाले लग जाते है । गरिमा एक सबूत मिटाना भूल गयी थी पर क्या ??? ये राज़ कोई जान पायेगा या नहीं और वो सबूत किसके हाथ लगेगा ??
Main ab tak sirf apni behan ko imagine kar k shantust ho raha tha,aaj is kahani ko padh kar apni beti ko garima ki jagah dekh raha hun
 
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L.k.nee cha

Qut killer
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Main Kai sex story padi alag alag website par or Kai porn bhi dekha sabse Jada story baap beti ki hai jise padane wale log bahut cam pasand karte hai
 
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L.k.nee cha

Qut killer
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Maa bete ki story na Jada na cam isko log pasand karte hai
 
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L.k.nee cha

Qut killer
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Bhai bahan ki story bahut cam hai jisko Jada se Jada padane wake log pasand karte hai or kuchh log kah rahe ki Bhai bahan ki story sabse Jada hai is lie baap beti ki story likhi Jay Jo ki afwa hai to kreepaya aisi afawaho me lekhak bhaiyo n aye Jo ap likhana chahate hai vahi likhe
 

Mickay-M

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Waiting for an update, Sir :yourock:
 

L.k.nee cha

Qut killer
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Main Bhai bahan ki story padane ke lie bahut sari website par gaya to Maine paya ki Jo storya pahali website par hai vahi story sabhi website par copy pest ki gayi thi
 
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