अपडेट 19
अचानक ही एक जोर का घुसा उसके मुँह पे लगा ।और आयशा से थोड़ी दूरी पे जा गिरा ।ये इतना अचानक था की उसके दोस्त भी कुछ समझ नही पाये और 3-4 घुसे और लात उनके मुँह और शरीर पे जा लगे । वो लोग भी ज़मीन पे पसर गये।उसने आयशा को पकड़ के उठाना चाहा तो आयशा ऑंखें बंद किये ही बोली मुझे छोड़ दे कुत्ते , आयशा आँखें खोलो मैं रोहन हूँ। वो आँख खोल के देखती उससे पहले ही रोहन पे गुड्डू के दोस्तों ने हमला कर दिया ।इधर आयशा रोते रोते ही रोहन को देखी और बोली मुझे बचा लो भैया ,इधर लगातार मार खाने से रोहन की हालत खराब होने लगी। तभी गुड्डू उठ खड़ा हुआ और बोला मारो मादरचोद को और मारो इतना मारो की रंडी के पिल्ला मर जाये ।और आयशा को पीछे से पकड़ के उसकी चूची को मसलने लगता हैं इस अचानक हुए हमले से आयशा चिहूँक उठी और बोली साले हरामी छोड़ मुझे , आयशा गुड्डू से बचने का प्रयत्न किये जा रही थी। इधर आयशा की आवाज़ सुन के रोहन पूरे गुस्से में आग बबूला हो गया और जैसे तैसे अपने आप को संभाल के दोनो का मरने लगा ।इधर गुड्डू उसके बालों को पकड़ के खींचता हुआ ले जाने लगा तभी रोहन को एक ईट मिल जाती हैं जिससे उन दोनो को मरने लगता हैं । आह्ह..ये चींख एक लड़के की होती हैं उसका सर फट चुका था खून तेज़ी से निकलने लगा तभी दूसरे को भी रोहन लपेटे में ले लेता हैं और उसके भी सर पे दे मरता हैं उसका भी सर फट जाता हैं वो दोनो ही ज़मीन पे जा गिरते हैं ।इधर गुड्डू आयशा को पटकर उसके घाघरें को उठा के उसकी कच्छी को उतर ही रहा था की रोहन ने गुड्डू को भी एक ईट दे मारी और वो दूर जा गिरा उसका मुँह फट गया और खून निकलने लगा ।
रोहन और मरता उससे पहले ही उसने एक पिस्तौल निकल ली और रोहन पे तान दी और बोला मादरचोद साले रंडी के पिल्ले तू मारेगा मुझे ।मैं तेरी बहन को तेरे ही सामने चोद के अपनी रखैल बनाऊंगा भड़वे और पिस्तौल का ट्रीगर दबा देता हैं तभी रोहन दूसरी तरफ हो जाता हैं और गोली सीधा एक पेड़ पे लगती हैं ।गुड्डू ये देख के फिर से ट्रीगर दबाता की तभी आयशा उसकी आँखों में मिट्टी फेंक देती हैं जिससे वो इधर उधर लड़खड़ते हुए ट्रीगर दबा देता हैं गोली सीधा रोहन को छूकर निकल जाती हैं तभी आयशा को एक लकड़ी का डंडा दिखाई देता हैं वो उठाकर उसके सर पे दे मारती हैं और गुड्डू की एक चीख़ निकल जाती हैं और वो ज़मीन पे निचे गिरकर बेहोश हो जाता हैं
सब कुछ एक दम शांत हो जाता हैं भरी दोपहर को जंगल के सन्नाटे में नदी के पानी की एक आवाज़ आ रही थी की तभी आयशा एक दम से रोहन से जाकर लिपट जाती हैं ।रोहन भी आयशा को अपनी बाहों में दबोच लेता हैं दोनो ही रोते हुए एक दूसरे के बदन को रगड़ रहे थे।आयशा बस जोर जोर भैया...भैया बोल के
रोते जा रही थी ,रोहन की भी आँख भीग गयी थी। आँखों में आँसू लिए बोला क्यों आयी थी तु यहाँ ,बोला था ना घर से दूर नही जाना हैं।
आयशा तो बस रोये जा रही थी उसको बहुत सुकून मिल रहा था की उसका भाई आज नही आता तो क्या होता वो बस रोहन से लिपटे हुए थी ।तभी रोहन को एहसास होता हैं की आयशा की पीठ पुरी नंगी हैं वो उसकी नंगी पीठ से हाथ हटा लेता हैं ।कुछ देर ऐसे ही आयशा रोहन से लिपटे हुए रोते रही ।और आयशा को भी जब एहसास हुआ की वो अध खुली ब्रा में खड़ी अपने भैया से लिपटी हैं तो एक अजीब से एहसास ने उसे घेर लिया दोनो ही कुछ बोलने की परिस्थिति में नही थे की तभी रोहन बोला की क्यों आयी तुझे मना किया था ना ,आयशा कुछ बोली नही तो रोहन ने उसके बदन को छु लिया और इस छुवान ने आयशा के बदन में आग में घी का काम किया वो मचल गयी और अपने भैया से जोर से लिपट गयी ।इधर रोहन भी एक अजीब से कशमकश में था की आरोही बोली भैया ब्रा का हुक लगा दो ना ।ये सुनते ही रोहन ने आयशा के पीठ को छूने लगा और उस छुवान से आयशा को आनंद आने लगा रोहन हुक का तो पता नही पर उसकी पीठ की गर्माहट से उसके हाथ कांपने लगे थे उसने ब्रा की हुक को जैसे तैसे पकड़ के लगा के अपने हाथ हटने को हुआ ही था की उसको कल रात की बात ने घेर लिया और अचानक ही रोहन ने ब्रा का हुक खोल दिया ।और पीठ सहलाने लगा इस मधुर एहसास से आयशा की आह्ह्ह .. निकल गयी और वो एक दम से रोहन से अलग होकर उसको देखने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।आयशा लाल रंग की अध खुली ब्रा में रोहन के सामने सर झुकाये खड़ी थी । तभी रोहन बोला क्यों आयी यहाँ जब मना किया था । कुछ हो जाता तो क्या होता सोचा हैं तूने कभी ,तभी एक हलकी आवाज़ में आयशा बोली आप खान खाने नही आये तो मैं आपको ढूढ़ने चली आयी ।रोहन फिर से बोला इसकी क्या ज़रूरत थी पगली मैं तो घर ही आने वाला था ।
मुझे लगा आप कल रात वाली बात से नाराज़ हो गये हो इसीलिए आपको ढूढ़ते हुए आयी थी ।रोहन बोला मैं नाराज़ नही हूँ बहना में तो सोच के परेशान था की मैंने तुझको नाराज़ कर दिया हैं ये सुन आयशा ने बोला ऐसा कुछ नही हैं और अपनी ब्रा उतार के निचे गिरा देती हैं और बोलती हैं लो देख लो अपनी बहन की जवानी यही मेरी सजा हैं । अचानक हुए इस एहसास से रोहन की तो आँखे बहार आ गयी वो आयशा की चूची को आँखे फाड़ के देख रहा था जिस चूची को देखने के लिए वो सालों से इंतज़ार कर रहा था वो आज अचानक इस तरह देखने को मिल जाएगी उसने सोचा नही था ।
उसने आयशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी ।आयशा ने आँख मारी और बोली दे दो सजा और मुस्कुरा दी ।रोहन ने भी आव देखा ना ताव आयशा की चूचियों पे टूट पड़ा और चूसने लगा। अपनी चूची पे पहली बार किसी मर्दान मुँह को पाकर आयशा सिसक उठी और उसके मुँह से एक मादक आवाज़ निकली आह्ह्ह...भैया
वही रोहन चूची को मज़े लेकर चूस रहा था ।हम्म्म.. वो चूची के निप्पल पे जीभ घूमने लगा उस मधुर एहसास से आयशा की आहे जंगल के उस सन्नटे में एक मधुर संगीत का काम कर रही थी ।रोहन ने निप्पल को मुँह में भर स्तनपान करने लगता हैं। आह्ह्ह ...भैया मेरे प्यारे भैया ,रोहन तो मदहोश हो चला था उसे कुछ भी होश नही था और ना आयशा को था की कोई उन्हे देख भी सकता हैं रोहन कभी जीभ से तो कभी होंठ से निप्पल को छेड़ता जिससे आयशा की सिसकियाँ निकल जाती । आह्ह ..भैया सजा दो मुझे यही सजा है मेरी की मेरे भैया मेरी जवानी भोगे आह्ह्ह..चुसो भैया आप के लिए ही हैं मेरी ये जवानी आह्ह्ह राजा भैया..! रोहन बारी बारी दोनों ही चूचियों को चूसे जा रहा था दोनों ही वासना की चपेट में आ चुके थे हवस उनके शरीर को अपने गिरफ्त में ले रही थी ।
काफी देर तक भरी दोपहर में नदी के किनारे एक बहन अपने भाई को अपनी जवानी का रस पिला रही थी ।
आयश की बूर इधर रिसने लगी थी बूर में गीला पन पूरे सबाब पे पहुंच चुका था ।इधर रोहन का लंड भी अकड़ने लगा था। धूप बहुत तेज़ थी दोनों ही पसीने से तर बदर हो चुके थे। रोहन निप्पल से खेलने में खोया हुआ था की एक आवाज़ उसके कानो में गयी भैया कोई देख लेगा ।इस आवाज़ से रोहन ने सर उठा के आयशा को देखा वो पसीने से भीग चुकी थी रोहन ने तुरंत आयशा को उठा लिया और नदी के पास बने पुराने पूल के निचे ले गया जहाँ कुछ देर पहले रोहन सोया हुआ था ।वहा बड़े बड़े पेड़ के पत्तों का बिस्तर लगा था ।साथ में नदी का पानी और ठंडी हवा का झुका किसी का भी मन मोह ले ।वो आयशा को लेकर गया और बिस्तर पे लिटा दिया और चूचियों को फिर से चूसने लगा । फिर से आयश सिसकियाँ लेने लगी ।
रोहन ने आयशा को देखा तो वो शर्म से आँखें बंद कर ली ।तभी रोहन आयशा के होठों को देखने लगा गुलाबी रंग की लाली लगाए उसको होंठ रोहन के लंड में झुरझुरी लगाने लगा उसने एक दम से अपने होठों को आयशा के होठों से मिला दिया । दोनों को जब एक दूसरे के होठों का एहसास हुआ तो दोनों का बदन मचल गया और दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ के होठों के आपस में रगड़ने लगे दोनो ही एक दूसरे के होठों को खा जाना चाहते थे ।आयशा तो अनाड़ी थी पर रोहन तो कई बूरों को ठिकाने लगा चुका था पर ऐसा मज़ा उसे कभी नही आया था ।अपनी सगी बहन के होठों को चूसने में वो मदहोश हो चुका था ।आयशा भी अपना मुँह खोल के रोहन की जीभ अपनी मुँह में भर लेती हैं इधर रोहन भी अपनी जीभ को आयशा के मुँह में घूमने लगता हैं दोनों की जीभ में एक लड़ाई चल रही थी ।एक दूसरे का थूक पीकर दोनो ही आनंदित हो चले थे ।
अब आयशा की साँसे फूलने लगी तो उसने रोहन को मुक्का मरने लगी रोहन को तो कुछ होश ही नही था अंत में जाकर आयशा ने रोहन को धक्का दिया तो रोहन आयशा के होठों को ही चूस रहा था की वो एक दम से पीछे हुआ जिससे आयशा के होंठ रोहन के दाँत में आ गये और हलका कट उसके होठों में गया।और आयशा की एक आह्ह्ह निकल जाती हैं आह्ह्ह.. भैया और जोर जोर से साँसे लेने लगती हैं तभी रोहन बोलता हैं क्या हुआ आयशा।
आयशा सांस लेते हुए बोली मार दोगे क्या सांस तो लेने दो कितने भूखे हो आप और मुस्कुरा देती हैं इस बात को सुन रोहन भी मुस्कुरा जाता हैं । आयशा शर्म की लाली लिए कितनी अच्छा जगह हैं ना भैया ।रोहन को कुछ ना बोलता देख आयशा बोली चलो घर चलते हैं ये सुनते ही रोहन तुरंत बोला और तेरी सजा का क्या होगा ।इस बात पे आयशा मुस्कुरा के बोली तो सजा दे दो ।और फिर से दोनों चूमने लगते हैं । इधर रोहन होंठ चूसने के साथ साथ आयशा के चूचियों से भी खेलने लगा था ।दोनो ही मस्ती की चरम सीमा पे पहुंच चुके थे । वो कब नग्न हो गये उनको खुद ही एहसास नही हुआ ।इधर गुड्डू फोन नही उठा रहा था तो उसके बॉस को चिंता होने लगी वो तुरंत ही नदी के लिए निकल गया और पहुंच के देखा तो गुड्डू बेहोश पड़ा था उसके सर पे एक चोट लगी थी।उसने गुड्डू को उठाया और अपने दोनों लड़को भी भी तैसे तैसे लेकर वहा से निकल गया ।इधर कुछ ही दूरी पे भाई बहन अपनी हवस मिटाने में लगे हुए थे ।रोहन आयशा के पूरे बदन चूम चूम ले लाल कर चुका था उसका अंग अंग थूक से भीग गया था ।रोहन ने टाँगे खोल के बूर देखना चाह पर आयशा शर्म के मारे बूर पे हाथ रख ली ।रोहन ने उसके हाथों को चूम के बोला जान हटाओ ना हाथ, मुझे स्वर्ग का रास्ता देखना हैं आयशा शर्म के मारे आँखें बंद किये हुए ही हाथ की पकड़ ढीली कर देती हैं रोहन भी बुर देखने के लिए बहुत उत्सुक था ।उसने जल्दी से हाथ को हटा के बुर को देखने लगा ।बूर हलकी झांटे से भारी हुई थी ।उसकी आँखें तस से मस नही हो रही थी वो पलक झपकाना तो भूल ही गया था ।तभी आयशा ने आँखें खोल के देखते हुए बोली क्या हुआ भैया अच्छा नही लगा क्या उसकी आवाज़ में एक चिंता थी ।रोहन मुस्कुरा के आयशा को देखा और बोला ये तो वो खजाना हैं ।जिससे आयशा मुस्कुरा दी ।
रोहन बूर को चूमने लगता हैं ,अपनी बूर पे रोहन का मुँह का एहसास पाकर वो एक लम्बी सांस के साथ एक आह्ह्ह भरती हैं । आह्ह्ह ...भैया।
रोहन बूर को चाटने लगा बूर पे हलकी झांटे उसकी सुभा बढ़ा रही थी ।वो झांटो को हटा के बूर के छेद पे जीभ घूमता हैं जिससे आयशा की सिसकरी निकल जाती है।
दोनो ही हवस में अंधे हो चुके थे ।रोहन वासना में आकर झांटों को भी चाटने लगा और अपना मुँह उनमे रगड़ते हुए बोला आह्ह..आयशा और बूर को खोल के देखने लगा अंदर का गुलाबी फांक देख रोहन का लंड पुरी तरह सख्त हो चुका था। उसने जीभ को छेद में घुसा दिया और लापा लाप जीभ घूमने लगा बुर बहुत कसी हुई थी ।पर जितना हो सकता था रोहन अपनी जीभ घुसने में लगा हुआ था ।
आह्ह्ह ... भैया उम्म्म...चाटो भैया आउच आराम से करो ना ,रोहन बूर को थूक से पुरा गीला कर चुका था उसने लंड पे ढेर सारा थूक मल के बूर पे रख के जोर से धक्का दे मारा लंड बूर को चिरता हुआ आधा अंदर समा गया इस जोरदार प्रहार को आयशा संभाल नही पायी और जोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह.... भैया.... फट गयी ।रोहन ने आयशा को देखा तो उसकी आँखों में आँसु आ गये थे ।रोहन ने लंड थोड़ा बहार करके एक और जोरदार झटका दे मारा और इस बार आयशा बुरी तरह बिन पानी मछली की तरह छटपटा के रह गयी ।उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे वो रोने लगी थी ।और रोते हुए बोली आह्ह्ह.. भैया निकल दो बहुत दर्द हो रहा हैं ।रोहन ने आयशा को देखा और उसके आंसुओं को अपने मुँह भर लिया और बोला जान पहली चुदाई का दर्द तो सहन करना पड़ता हैं और अब तो तुम कली से फूल हो चुकी हो ।ये सुन आयशा के चेहरे पे हलकी मुस्कान आ जाती हैं ।
रोहन भी धीरे धीरे लंड अंदर बहार करने लगता हैं ।आउच भैया दुखता हैं धीरे करो ना ।रोहन रुक जाता हैं और उसको चूमने लगता हैं कुछ देर के बाद चूमते चूमते ही कमर चलाने लगता हैं और अब आयेशा को थोड़ा अच्छा लगने लगता है आह्ह्ह.. भैया ।रोहन अब जोर जोर से बूर चोदने लगा थोड़ी देर में ही बुर पानी छोड़ने लगी वो चिकनापन बढ़ गया और अब लंड आराम से बुर की गहराई में उतर रहा था ।आह्ह्ह...आयशा मज़ा आ रहा हैं ना ।हाँ भैया बहुत मज़ा आ रहा हैं आह्ह ... भैया चोदो अपनी बहन को उफ्फ्फ..कितना मज़ा आता हैं चुदवाने में आहह..राजा भैया भोग लो मेरी जवानी को आह्ह्ह...भैया।
आज आयशा ने अपना कौमार्य अपने भैया को सौंप दिया था दोनों ही चुदाई के खेल का आनंद लूट रहे थे ।रोहन का सपना आज पुरा हो गया था वो घपा घप पेले जा रहा था और आयशा भी मस्ती में सिसकियाँ लेते हुए चुदवा रही थी ।दोनो ही जोर जोर से साँसे ले रहे थे नदी के किनारे हवा के ठंडा झुका का चुदाई को और आनंदित कर रहा था । ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनों चरमसुख लेने के करीब थे की आयशा का शरीर काँपने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी आह्ह्ह .. भैया मुझे कुछ हो रहा हैं आह्ह्ह ...करते हुए झड़ने लगी और ढीली पड़ गयी और रोहन अभी भी बुर में धक्के मारे जा रहा था ।अब आयशा को बूर में जलन होने लगी। वो बोलने लगी भैया निकल दो जल रहा हैं अंदर पर रोहन तो अपनी ही धुन में था उसने चोदना बंद नही किया और कुछ ही समय में उसका लंड अकड़ने लगा और लंड बूर के अंदर ही पिचकारी मरने लगा आह्ह्ह ... आयशा रंडी मेरी बहन कहक आयशा पे गिर पड़ा ।आयशा ने रोहन को झटक के गिरा दिया और दोनो काफी देर तक लेट रहे ।तभी आयशा बोली क्या बोला था अपने में रंडी हूँ।रोहन आयशा को देखता हैं और मुस्कुरा के बोलता हैं माफ़ कर दे आयशा वो चुदाई की मस्ती में निकल गया ।और चुदाई में गाली ना दो तो मज़ा कैसा ये सुन आयेशा भी मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं आप सच में बहुत गंदे हो ।और झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली अपनी बहन के साथ भला ऐसा करता हैं क्या छी.. तभी रोहन उसके ऊपर आ जाता हैं और बोलता हैं जब बहन इतनी मस्त हो तो भाई कैसे बहनचोद ना बने ।ये सुन दोनों ही मुस्कुरा के चूमने लगते हैं ।थोड़ी देर की होंठ चुसाई के बाद आयशा बोली भैया घर नही चलना हैं क्या ।रोहन ने समय का अंदाजा लगाए तो पता चला की शाम होने वाली हैं ।वो जल्दी से उठकर बैठ गया और अपने लंड को देखा लंड पे हलका खून लगा था और साथ में वीर्य भी ,आयशा उठने को हुई तो उसकी चूत में एक तेज़ दर्द हुआ और उसकी आह्ह्ह निकल गयी ।जैसे तैसे वो बैठी तो पत्ते पे लाल और सफ़ेद सा कुछ देख के डर गयी और बोली ये क्या हैं ।
रोहन मुस्कुराया और बोला ये हमारे मिलन की निशानी हैं जान तभी आयशा लंड को देखती हैं उसपे भी खून लगा था वो ये देख मुस्कुरा देती हैं ।और बोलती हैं आप गंदे भैया हो और नदी में डुबकी लगा देती हैं रोहन भी नदी में कूद जाता हैं दोनो मस्ती में नंगे होकर नहा रहे थे आज आयशा बहुत खुश थी पर उसकी खुशी को ग्रहण लगने वाला था ।वो जल्दी से नहा के कपड़े पहन ने लगे की तभी आयेशा को दोपहर की बात याद आयी जो चुदाई के समय बिल्कुल ही भूल गयी थी की उसकी चोली तो फट चुकी हैं अब घर पे क्या बोलेगी ।रोहन भी अब परेशान होने लगा की वो जल्दी से अपनी कमीज को आयशा को पहना दिया और चल दिये फटी हुई चोली उठने ।वहा पहुंच के चोली उठा ली पर वहा कोई नही था ।तभी आयेशा बोली भैया वो लोग कहाॅं गये ।कही भी गये तु क्यों फिकर करती हैं और घर को चल देते हैं ।