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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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Sanju@

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अपडेट 18


ट्रेन तेज़ गति से भागे जा रही थी की राहुल की आँख अचानक ही खुल जाती हैं। वो आँखों को मलता हुआ अपनी कलाई को देखता हैं तो सुबह के 6:17 हो रहे थे ।
वो उठकर बैठता हैं और जैसे ही दूसरी तरफ देखता हैं तो वह अपनी नज़र नही हटा पाता उफ्फ्फ..ये निशा भी ना कोई होश नही हैं वो जल्दी से उठकर निशा को ढकने ही वाला होता हैं की एक हलचल से वो ऊपर की तरफ देखता हैं जैसे ही उसकी नज़र निधि की चूचियों पे जाती हैं उसका मुँह खुला का खुला रह जाता हैं आज भी निधि को कोई होश नही था उसकी चूची उसके टॉप से झाँक रही थी। राहुल ये देख के जल्दी से निशा की तरफ पलटा तो निशा अभी भी सो रही थी ।दोनो तरफ गजब का नज़रा उसको मदहोश करने लगा। उसने बिना कुछ सोचे समझे निशा की बूर के हिस्से को कपड़े के ऊपर से ही चूमने लगा वो लगातार निशा की बुर को उसकी शॉर्ट्स के ऊपर से चूम रहा था जिससे निशा कुछ बढ़बढ़ई हम्म्म...ये देख राहुल ने निशा को देखा तो वो अभी भी सो रही थी ।उसने तुरंत निधि के चुचों को ऊपर से ही चूम के मसल दिया जिससे निधि की एक आह्ह .. निकल गयी ।और उसकी आँख खुल गयी।ये देख राहुल तुरंत ही पलट गया और बर्थ के ऊपर देखा तो उसकी गांड ही फट गयी ।वह एक लड़की जो शायद विवाहित थी उसकी मांग का सिन्दूर देख के राहुल समझ गया था। वो राहुल को ही घूर घूर के देखे जा रही थी ।ये सब देख राहुल जल्दी से बाथरूम की तरफ भाग गया । निधि उठी और अपने आप को ठीक किया और निशा को देख मुस्कुरा गयी आज निशा दोनो टाँगें खोले सो रही थी जिससे वो कामुक लग रही थी।निधि उठी और निशा को चादर से ढक दिया और अपने भाई की बर्थ पे बैठ गयी तभी वो सोची की उसकी चूची में दर्द कैसे हुआ उसने इतना ही सोचा की उसके दिमाग़ में एक बात आयी कही राहुल भैया ने तो नही किया ।तभी ऊपर की बर्थ पे लेती हुई औरत बोली की वो लड़का कौन हैं आपके साथ हैं क्या ? हाँ वो मेरे साथ ही हैं क्या हुआ । उसी ने तुम्हारे वक्षों को मसल दिया था ।इतना सुनते ही निधि चौंक गयी और दूसरे ही पल मुस्कुरा भी दी ।और मन में बोली भैया कितने कमीने हैं कम से कम ट्रेन में तो नही करना चाहिए ।-
क्या हुआ क्या सोच रही हो
निधि - कुछ नही धन्यवाद बताने के लिए वो मेरे होने वाले पति हैं । ये सुन वो लड़की मुस्कुरा दी और उठकर निचे उतर आयी और निधि के साथ बैठ के बोली अच्छा अच्छा तब तो कोई बात ही नही हैं और दोनो मुस्कुरा दी ।
दोनो बैठ के बातें करने लगी ही थी की निशा की आँख खुल गयी और वो भी उस औरत का परिचय लेने लग गयी ।आपका नाम क्या हैं निशा बोली ,जी मेरा नाम सलोनी हैं ।
आप के पति कहा हैं तो उस लड़की ने बर्थ के ऊपर इशारा किया तो निशा और निधि दोनों ने देखा तभी निधि बोली आपकी शादी कब हुई हैं ।
सलोनी- अभी 2 महीने ही हुए हैं ।
निशा- अच्छा तो आप गोवा में हनीमून मानने जा रहे हैं
ये सुन सलोनी मुस्कुरा देती है ।इधर राहुल बेचारा अपनी गलती पे पचता रहा था की उसने हवस में क्या कर दिया शर्म के मारे वो अपनी सीट पे नही जा पा रहा था ।
इधर आरोही उठते के साथ अपने भैया को ढूढ़ने लगी तो निधि बोली वो बाथरूम गये हैं ।
इस बात पे सलोनी बोली ये कौन हैं और ये आपके होने वाले पति को क्यों ढूढ़ रही हैं ।ये सुनते ही निशा और आरोही आचंभित हो जाती हैं दोनो ही आँखे बड़ी करके एक दूसरे के चेहरे को देख रही थी की तभी निधि बोली ये मेरी होने वाली नंद हैं ।ये उससे भी बड़ा बम निधि ने फिर दे मारा था ।आरोही बोली नंद कैसी नंद और किसकी नंद दीदी आप पागल हो गयी हैं क्या ।तभी निशा भी बोली हाँ निधि ये सब क्या हैं।और राहुल को ये तुम्हारा पति क्यों बता रही हैं । इधर निधि भी डर रही थी की कही सलोनी को पता ना चल जाये।तभी सलोनी बोली निधि ही तो बोली की वो इनके होने वाले पति हैं ।निशा और आरोही का चेहरा अब देखने लायक था वो पुतले के माफिक एक दूसरे को देखे जा रही थी तभी निधि बोली अरे सलोनी ये लोग मज़ाक बहुत करती हैं ।ये मेरी नंद आरोही हैं और ये मेरी बहन निशा और जल्दी से दोनो को लेकर बाथरूम की तरफ भाग जाती हैं जहाँ राहुल काफी देर से खड़ा था । तीनों ने राहुल को देखा और आरोही बोली भैया आप यहाँ क्या कर रहे हो और ये निधि दीदी पता नही क्या क्या बोले जा रही हैं ।तभी निधि बोली इसमे मेरी कोई गलती नही है सारी गलती भैया की हैं ।ये सुन के निशा और आरोही के साथ साथ राहुल भी सोचने लगा की ये किस बारे में बोल रही हैं ।तभी निशा बोली कैसी गलती और सलोनी से इसका क्या मतलब ,हाँ हाँ दीदी बताओ क्या बात हैं ये आवाज़ आरोही की थी । निधि सारी बात बता देती हैं जिसे सुन कुछ देर कोई नही बोलता हैं तभी तीनों जोर से हँसने लगती हैं और राहुल शर्म के मारे गर्दन झुका लेता हैं ।अब बेचारा बोलता भी क्या ।
निशा - राहुल ये सब क्या किया तुमने और कोई बहन का वो मसलता हैं क्या ??
आरोही थोड़े ग़ुस्से और खुशी में बोली भैया आप को शर्म नही आयी दीदी के साथ ये सब किया ।
तभी निधि बोली इसीलिए मैं सलोनी को झूठ बोली ताकि वो ये ना बोले के मेरे सागे भाई ने मेरी चूची पकड़ के मसल दिया और वो मुस्कुरा दी ।ये सब सुन राहुल की आँखें नम हो गयी थी वो माफ़ी मांगने लगा और उसकी आँख से आँसू निकलने लगे ।ये देख तीनों का ही दिल जल गया और उनको अपनी गलती का आभास हुआ की वो कुछ ज़्यादा ही बोल गयी इतने में आरोही राहुल से लिपट गयी और बोली सॉरी भैया मैंने तो मज़ाक में बोला था मुझे माफ़ कर दो । तीनों ने राहुल से माफ़ी मांगी और वो अपनी सीट पे जाकर बैठ गये । तब तक सलोनी का पति भी उठ गया था । सलोनी आप लोग कहाॅं चले गये थे ।
निधि - कुछ नही वो मेरे होने वाले पति देव के देखने गये थे की कहाॅं रहे गये अभी तक नही आये ।
ये सुन निशा और आरोही मन ही मन मुस्कुरा दी और राहुल बेचारा शर्म से कुछ नही बोल पा रहा था
सलोनी - ये मेरे पति राज हैं। और राज ये निधि और ये उनके होने वाले पति हैं ,
राज - हेल्लों जी और ये लोग कौन हैं ।
सलोनी - ये आरोही हैं निधि की होने वाली नंद और ये निशा निधि जी को बहन इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
राज दोनों को हेल्लों जी बोलता हैं आरोही और निशा भी हेल्लों बोलती हैं ।
तभी राज बोला की और राहुल जी क्या करते हैं आप और आपकी होने वाली पत्नी तो बहुत ही खूबसूरत हैं ।राहुल जैसे तैसे बोला धन्यवाद राज जी आपकी पत्नी भी बहुत खूबसूरत हैं वो सलोनी को देखते हुए बोला
राज - मेरी सलोनी एक पुलिस वाली हैं और में एक टीचर हूँ थोड़ा अजीब हैं ना टीचर और पुलिस वाली की जोड़ी और हँसने लगता हैं ।
राहुल जब सुनता हैं की सलोनी पुलिस वाली हैं तो उसकी गांड और फट जाती हैं ।इधर सलोनी राहुल को ही देखे जा रही थी जब राहुल की नज़र उसकी नज़र से मिली तो एक हलकी मुस्कान से दोनों मुस्कुरा दिये जिसे तीनों ने देख लिया और वो भी मंद मंद मुस्कुरा दी ।
राहुल - निधि जी एक सोशल वर्कर है और साथ साथ जिम ट्रेनर भी हैं और मेरा खुद का बिज़नेस हैं ये सुन निधि मुस्कुरा दी ।
राज - अच्छा क्या बिज़नेस हैं और ये लोग कुछ करते हैं की नही ।
राहुल - जी मेरी दो दुकाने हैं लेडीज़ कपड़ों की और ये आरोही कॉलेज जाती हैं और निशा जी फिलहाल कुछ नही करती ।
राज - वाह क्या बात हैं होने वाली साली को जी लगा के बोला मज़ा आ गया आप से बात करके इतनी इज़्ज़त तो कोई अपनी पत्नी को भी नही देता जितना साली को दे दिया ।ऐसे ही बातों का दौर चल पड़ा।राहुल तो सलोनी को ही देखे जा रहा था सच में सलोनी गजब की माल थी उसकी चूची निधि ,निशा और आरोही तीनों से बड़ी दी । और होती भी क्यों ना विवाहित लड़की की चूची तो फूलती ही हैं ।इधर सलोनी भी राहुल की नज़रों को अच्छे से समझ रही थी ।कुछ देर बातें करते हुए नास्ता करने लगे ।
इधर गाँव में आयशा अपना आधा काम ख़तम कर चुकी थी की रोहन उठता हैं और बिना कुछ बोले ही घर से बहार निकल जाता हैं ।ये सब आयशा देख के मुस्कुरा देती हैं और मन में बोलती हैं अच्छा जी इतना ही डर हैं तो रात में दबाने से पहले सोचना था ।और अपने काम में लग जाती हैं ।
गरिमा की गांड में आज भी दर्द था पर थोड़ा राहत भी मिली थी।तो वो जल्दी से नास्ता करके ऑफिस के लिए निकल जाती हैं इधर सुरेश और बरखा भी कुछ देर के बाद घर पे ताला लगा के निकल जाते हैं ।
विक्की और अजय कॉलेज में निधि को ढूढ़ रहे थे पर ना निधि मिली ना आरोही और ना ही निशा ।
अजय - ये साली रंडिया आज भी नही आयी ये चक्कर क्या हैं कही किसी से चुदवा के चूत में दवाई तो नही लगा रही हैं ।
विक्की - नही नही ये बात कुछ और ही हैं पता करना पड़ेगा ये चक्कर क्या हैं और वो मादरचोद भी तो नही दिखाई दिया ।तभी विक्की अपने कुछ टट्टो को कॉल करके बोलता हैं ...पता लगाओ वो रंडिया कॉलेज क्यों नही आ रही हैं ।
दोपहर हो चली पर रोहन खाना खाने नही गया तो आयशा परेशान हो गयी ।वो अपनी मम्मी को बोल के खेत की तरफ चल दी कुछ ही देर में खेत में पहुंची पर रोहन वहा भी नही था । वो थोड़ा और परेशान हो कर अपने आप में ही बोलती हैं क्या ज़रूरत थी तुझको चिल्लाने की आयशा पता नही भैया कहाॅं होंगे ।तभी कुछ सोच के मन में बोलती हैं कही नदी किनारे तो नही गाये। और अपने आप में ही बोलती हैं इस से आगे तो जाने को मना किया हैं क्या करूँ ।कुछ सोच के वो चल देती हैं काफी दूर निकल आयी थी आज आयशा उसके मन में एक उमंग भी था बहुत सालों के बाद वो घर से इतने दूर घूम रही थी और दोपहर की धूप और पेड़ो से घिरा हुआ माहौल और हलकी हलकी हवा जो उसके बदन को ठंढक दे रही थी आज उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था खुली हवा में साँस लेने मे ,वो ये आनंद तो भूल ही गयी थी जब से गुड्डू ने उसकी चूचियों को मसल दिया था । वो अपनी ही दुनिया में मगन हुए जा रही थी। की तभी एक आवाज़ उसको सुनाई देती हैं रुक आयशा कब तक अपनी जवानी बचा के रखेगी । कभी तो लूटने दे हमें भी मज़ा । वो रूक कर इधर उधर देखने लगती हैं की उसको एक पेड़ के पास गुड्डू खड़ा दिखाई देता हैं । साथ में दो और लड़के थे ।उनको देख के वो घबरा जाती हैं। हाथ पैर फूलने लगते हैं। साँसे तेज़ हो जाती हैं इधर गुड्डू को अपनी तरफ आता देख वो पीछे की तरफ भागने का सोचने लगी ।तभी गुड्डू बोला देख साली ये वही जगह हैं जहाँ तेरी चूची को मसल मसल के फुला दिया था और आज ये दोनो भी मज़े लेंगे तेरे ,और हँसने लगता हैं । तभी आयशा को याद आता हैं की यहा से नदी काफी पास हैं पर उसके मन में एक शंका भी थी की कही रोहन भैया वहा नही हुए तो वो इतना ही सोची और तेज़ी से नदी की तरफ भागने लगी ।उसकी साँसे तेज़ हो चुकी थी गाला तेज़ी से सांस लेने से सुख रहा था उसके मन में एक लड़ाई भी चल रही थी की कही रोहन भैया नही हुए तो क्या होगा पर दूसरे ही पल उसका विश्वास और शायद रोहन के लिए उसका प्यार उसको एहसास दिला रहा था की रोहन नदी किनारे ही हैं । तेज़ी से भागने से उसकी चूचियाँ मस्ती में उछाल मार रही थी।गुड्डू और उसके दो दोस्त भी तेज़ी से आयशा की तरफ भाग रहे थे गुड्डू ने आयशा को धक्का मार दिया और वो लड़खड़ाते हुए जैसे तैसे अपने आप को संभलने का प्रयत्न करते हुए जा गिरी ।इधर गुड्डू और उसके दोस्त रुक के जोर जोर से साँसे भर रहे थे ।की आयशा ने नज़र घुमा के देखा तो नदी बिल्कुल ही पास में थी उसने आस पास देखा तो कोई नही दिखाई दिया वो एक निराशा के साथ उसकी आँख भर आयी और वो रोने लगी ।गुड्डू ने आयशा की चोली को पकड़ फाड़ देता है आयशा की पीठ पुरी तरह नग्न हो चुकी थी आयशा रोने लगी और रोते हुए ही बोली मुझे छोड़ से कुत्ते मेरी इज़्ज़त मत लूट मुझे छोड़ दे उसको रोता देख गुड्डू और उसके दोस्त हँसने लगे ।गुड्डू बोला साली रंडी 2 साल पहले ही तुझे चोद देता और तु प्यार से चोदवा लेती तो दोनो को मज़ा आता, उस दिन तूने हल्ला नही मचाया होता तो ना मैं जेल जाता ना ही गाँव वाले मुझे मरते अब तुझको चोदूंगा भी और चोदवाऊंगा भी साली सस्ती छिनाल और उसके दोस्त आयशा की टांग पकड़ लेते हैं आयशा का रो रो के बुरा हाल हो रहा था वो अपनी पुरी ताकत लगा रही थी पर उन तीनों के सामने वो कमज़ोर ही थी ।तभी गुड्डू आयशा की फटी हुई चोली उतर के फेंक देता हैं और उसकी पीठ को चूमने लगता हैं वो रोते हुए बोली साले भड़वे मुझे छोड़ वरना अच्छा नही होगा ।गुड्डू बोला माँ की लोड़ी रस्सी जल गयी पर बल नही गया ।और
उसकी ब्रा का हुक खोलने ही वाला होता हैं की आयशा जोर से चिल्लाने लगती हैं भैया बचाओ भैया बचा लो मुझे, आज उसको अफ़सोस हो रहा था की वो क्यों घर से इतनी दूर आयी ।गुड्डू ने ब्रा का हुक दिया और उसकी पीठ के बेतहसा चूमने लगा उधर वो दोनों लड़के भी आएशा का घाँघरा ऊपर करके उसकी टाँगे चूमने लगे वो रोते बिलकते हुए उनसे रहम की भीख मांग रही थी । गुड्डू ने आयश को पलट के उसके गाल पे तीन थप्पड़ दे मारे वो बिल्कतें हुए बोली मुझे मत मारो मत मारो मुझे दर्द हो रहा हैं ।तभी गुड्डू बोला मादरचोद रंडी तु चुप चाप से चोदवा ले और उसकी ब्रा को उतरने ही वाला था।
Excellent update
Lovely update
 

Sanju@

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अपडेट 19


अचानक ही एक जोर का घुसा उसके मुँह पे लगा ।और आयशा से थोड़ी दूरी पे जा गिरा ।ये इतना अचानक था की उसके दोस्त भी कुछ समझ नही पाये और 3-4 घुसे और लात उनके मुँह और शरीर पे जा लगे । वो लोग भी ज़मीन पे पसर गये।उसने आयशा को पकड़ के उठाना चाहा तो आयशा ऑंखें बंद किये ही बोली मुझे छोड़ दे कुत्ते , आयशा आँखें खोलो मैं रोहन हूँ। वो आँख खोल के देखती उससे पहले ही रोहन पे गुड्डू के दोस्तों ने हमला कर दिया ।इधर आयशा रोते रोते ही रोहन को देखी और बोली मुझे बचा लो भैया ,इधर लगातार मार खाने से रोहन की हालत खराब होने लगी। तभी गुड्डू उठ खड़ा हुआ और बोला मारो मादरचोद को और मारो इतना मारो की रंडी के पिल्ला मर जाये ।और आयशा को पीछे से पकड़ के उसकी चूची को मसलने लगता हैं इस अचानक हुए हमले से आयशा चिहूँक उठी और बोली साले हरामी छोड़ मुझे , आयशा गुड्डू से बचने का प्रयत्न किये जा रही थी। इधर आयशा की आवाज़ सुन के रोहन पूरे गुस्से में आग बबूला हो गया और जैसे तैसे अपने आप को संभाल के दोनो का मरने लगा ।इधर गुड्डू उसके बालों को पकड़ के खींचता हुआ ले जाने लगा तभी रोहन को एक ईट मिल जाती हैं जिससे उन दोनो को मरने लगता हैं । आह्ह..ये चींख एक लड़के की होती हैं उसका सर फट चुका था खून तेज़ी से निकलने लगा तभी दूसरे को भी रोहन लपेटे में ले लेता हैं और उसके भी सर पे दे मरता हैं उसका भी सर फट जाता हैं वो दोनो ही ज़मीन पे जा गिरते हैं ।इधर गुड्डू आयशा को पटकर उसके घाघरें को उठा के उसकी कच्छी को उतर ही रहा था की रोहन ने गुड्डू को भी एक ईट दे मारी और वो दूर जा गिरा उसका मुँह फट गया और खून निकलने लगा ।
रोहन और मरता उससे पहले ही उसने एक पिस्तौल निकल ली और रोहन पे तान दी और बोला मादरचोद साले रंडी के पिल्ले तू मारेगा मुझे ।मैं तेरी बहन को तेरे ही सामने चोद के अपनी रखैल बनाऊंगा भड़वे और पिस्तौल का ट्रीगर दबा देता हैं तभी रोहन दूसरी तरफ हो जाता हैं और गोली सीधा एक पेड़ पे लगती हैं ।गुड्डू ये देख के फिर से ट्रीगर दबाता की तभी आयशा उसकी आँखों में मिट्टी फेंक देती हैं जिससे वो इधर उधर लड़खड़ते हुए ट्रीगर दबा देता हैं गोली सीधा रोहन को छूकर निकल जाती हैं तभी आयशा को एक लकड़ी का डंडा दिखाई देता हैं वो उठाकर उसके सर पे दे मारती हैं और गुड्डू की एक चीख़ निकल जाती हैं और वो ज़मीन पे निचे गिरकर बेहोश हो जाता हैं
सब कुछ एक दम शांत हो जाता हैं भरी दोपहर को जंगल के सन्नाटे में नदी के पानी की एक आवाज़ आ रही थी की तभी आयशा एक दम से रोहन से जाकर लिपट जाती हैं ।रोहन भी आयशा को अपनी बाहों में दबोच लेता हैं दोनो ही रोते हुए एक दूसरे के बदन को रगड़ रहे थे।आयशा बस जोर जोर भैया...भैया बोल के
रोते जा रही थी ,रोहन की भी आँख भीग गयी थी। आँखों में आँसू लिए बोला क्यों आयी थी तु यहाँ ,बोला था ना घर से दूर नही जाना हैं।
आयशा तो बस रोये जा रही थी उसको बहुत सुकून मिल रहा था की उसका भाई आज नही आता तो क्या होता वो बस रोहन से लिपटे हुए थी ।तभी रोहन को एहसास होता हैं की आयशा की पीठ पुरी नंगी हैं वो उसकी नंगी पीठ से हाथ हटा लेता हैं ।कुछ देर ऐसे ही आयशा रोहन से लिपटे हुए रोते रही ।और आयशा को भी जब एहसास हुआ की वो अध खुली ब्रा में खड़ी अपने भैया से लिपटी हैं तो एक अजीब से एहसास ने उसे घेर लिया दोनो ही कुछ बोलने की परिस्थिति में नही थे की तभी रोहन बोला की क्यों आयी तुझे मना किया था ना ,आयशा कुछ बोली नही तो रोहन ने उसके बदन को छु लिया और इस छुवान ने आयशा के बदन में आग में घी का काम किया वो मचल गयी और अपने भैया से जोर से लिपट गयी ।इधर रोहन भी एक अजीब से कशमकश में था की आरोही बोली भैया ब्रा का हुक लगा दो ना ।ये सुनते ही रोहन ने आयशा के पीठ को छूने लगा और उस छुवान से आयशा को आनंद आने लगा रोहन हुक का तो पता नही पर उसकी पीठ की गर्माहट से उसके हाथ कांपने लगे थे उसने ब्रा की हुक को जैसे तैसे पकड़ के लगा के अपने हाथ हटने को हुआ ही था की उसको कल रात की बात ने घेर लिया और अचानक ही रोहन ने ब्रा का हुक खोल दिया ।और पीठ सहलाने लगा इस मधुर एहसास से आयशा की आह्ह्ह .. निकल गयी और वो एक दम से रोहन से अलग होकर उसको देखने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।आयशा लाल रंग की अध खुली ब्रा में रोहन के सामने सर झुकाये खड़ी थी । तभी रोहन बोला क्यों आयी यहाँ जब मना किया था । कुछ हो जाता तो क्या होता सोचा हैं तूने कभी ,तभी एक हलकी आवाज़ में आयशा बोली आप खान खाने नही आये तो मैं आपको ढूढ़ने चली आयी ।रोहन फिर से बोला इसकी क्या ज़रूरत थी पगली मैं तो घर ही आने वाला था ।
मुझे लगा आप कल रात वाली बात से नाराज़ हो गये हो इसीलिए आपको ढूढ़ते हुए आयी थी ।रोहन बोला मैं नाराज़ नही हूँ बहना में तो सोच के परेशान था की मैंने तुझको नाराज़ कर दिया हैं ये सुन आयशा ने बोला ऐसा कुछ नही हैं और अपनी ब्रा उतार के निचे गिरा देती हैं और बोलती हैं लो देख लो अपनी बहन की जवानी यही मेरी सजा हैं । अचानक हुए इस एहसास से रोहन की तो आँखे बहार आ गयी वो आयशा की चूची को आँखे फाड़ के देख रहा था जिस चूची को देखने के लिए वो सालों से इंतज़ार कर रहा था वो आज अचानक इस तरह देखने को मिल जाएगी उसने सोचा नही था ।
उसने आयशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी ।आयशा ने आँख मारी और बोली दे दो सजा और मुस्कुरा दी ।रोहन ने भी आव देखा ना ताव आयशा की चूचियों पे टूट पड़ा और चूसने लगा। अपनी चूची पे पहली बार किसी मर्दान मुँह को पाकर आयशा सिसक उठी और उसके मुँह से एक मादक आवाज़ निकली आह्ह्ह...भैया
वही रोहन चूची को मज़े लेकर चूस रहा था ।हम्म्म.. वो चूची के निप्पल पे जीभ घूमने लगा उस मधुर एहसास से आयशा की आहे जंगल के उस सन्नटे में एक मधुर संगीत का काम कर रही थी ।रोहन ने निप्पल को मुँह में भर स्तनपान करने लगता हैं। आह्ह्ह ...भैया मेरे प्यारे भैया ,रोहन तो मदहोश हो चला था उसे कुछ भी होश नही था और ना आयशा को था की कोई उन्हे देख भी सकता हैं रोहन कभी जीभ से तो कभी होंठ से निप्पल को छेड़ता जिससे आयशा की सिसकियाँ निकल जाती । आह्ह ..भैया सजा दो मुझे यही सजा है मेरी की मेरे भैया मेरी जवानी भोगे आह्ह्ह..चुसो भैया आप के लिए ही हैं मेरी ये जवानी आह्ह्ह राजा भैया..! रोहन बारी बारी दोनों ही चूचियों को चूसे जा रहा था दोनों ही वासना की चपेट में आ चुके थे हवस उनके शरीर को अपने गिरफ्त में ले रही थी ।
काफी देर तक भरी दोपहर में नदी के किनारे एक बहन अपने भाई को अपनी जवानी का रस पिला रही थी ।
आयश की बूर इधर रिसने लगी थी बूर में गीला पन पूरे सबाब पे पहुंच चुका था ।इधर रोहन का लंड भी अकड़ने लगा था। धूप बहुत तेज़ थी दोनों ही पसीने से तर बदर हो चुके थे। रोहन निप्पल से खेलने में खोया हुआ था की एक आवाज़ उसके कानो में गयी भैया कोई देख लेगा ।इस आवाज़ से रोहन ने सर उठा के आयशा को देखा वो पसीने से भीग चुकी थी रोहन ने तुरंत आयशा को उठा लिया और नदी के पास बने पुराने पूल के निचे ले गया जहाँ कुछ देर पहले रोहन सोया हुआ था ।वहा बड़े बड़े पेड़ के पत्तों का बिस्तर लगा था ।साथ में नदी का पानी और ठंडी हवा का झुका किसी का भी मन मोह ले ।वो आयशा को लेकर गया और बिस्तर पे लिटा दिया और चूचियों को फिर से चूसने लगा । फिर से आयश सिसकियाँ लेने लगी ।
रोहन ने आयशा को देखा तो वो शर्म से आँखें बंद कर ली ।तभी रोहन आयशा के होठों को देखने लगा गुलाबी रंग की लाली लगाए उसको होंठ रोहन के लंड में झुरझुरी लगाने लगा उसने एक दम से अपने होठों को आयशा के होठों से मिला दिया । दोनों को जब एक दूसरे के होठों का एहसास हुआ तो दोनों का बदन मचल गया और दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ के होठों के आपस में रगड़ने लगे दोनो ही एक दूसरे के होठों को खा जाना चाहते थे ।आयशा तो अनाड़ी थी पर रोहन तो कई बूरों को ठिकाने लगा चुका था पर ऐसा मज़ा उसे कभी नही आया था ।अपनी सगी बहन के होठों को चूसने में वो मदहोश हो चुका था ।आयशा भी अपना मुँह खोल के रोहन की जीभ अपनी मुँह में भर लेती हैं इधर रोहन भी अपनी जीभ को आयशा के मुँह में घूमने लगता हैं दोनों की जीभ में एक लड़ाई चल रही थी ।एक दूसरे का थूक पीकर दोनो ही आनंदित हो चले थे ।
अब आयशा की साँसे फूलने लगी तो उसने रोहन को मुक्का मरने लगी रोहन को तो कुछ होश ही नही था अंत में जाकर आयशा ने रोहन को धक्का दिया तो रोहन आयशा के होठों को ही चूस रहा था की वो एक दम से पीछे हुआ जिससे आयशा के होंठ रोहन के दाँत में आ गये और हलका कट उसके होठों में गया।और आयशा की एक आह्ह्ह निकल जाती हैं आह्ह्ह.. भैया और जोर जोर से साँसे लेने लगती हैं तभी रोहन बोलता हैं क्या हुआ आयशा।
आयशा सांस लेते हुए बोली मार दोगे क्या सांस तो लेने दो कितने भूखे हो आप और मुस्कुरा देती हैं इस बात को सुन रोहन भी मुस्कुरा जाता हैं । आयशा शर्म की लाली लिए कितनी अच्छा जगह हैं ना भैया ।रोहन को कुछ ना बोलता देख आयशा बोली चलो घर चलते हैं ये सुनते ही रोहन तुरंत बोला और तेरी सजा का क्या होगा ।इस बात पे आयशा मुस्कुरा के बोली तो सजा दे दो ।और फिर से दोनों चूमने लगते हैं । इधर रोहन होंठ चूसने के साथ साथ आयशा के चूचियों से भी खेलने लगा था ।दोनो ही मस्ती की चरम सीमा पे पहुंच चुके थे । वो कब नग्न हो गये उनको खुद ही एहसास नही हुआ ।इधर गुड्डू फोन नही उठा रहा था तो उसके बॉस को चिंता होने लगी वो तुरंत ही नदी के लिए निकल गया और पहुंच के देखा तो गुड्डू बेहोश पड़ा था उसके सर पे एक चोट लगी थी।उसने गुड्डू को उठाया और अपने दोनों लड़को भी भी तैसे तैसे लेकर वहा से निकल गया ।इधर कुछ ही दूरी पे भाई बहन अपनी हवस मिटाने में लगे हुए थे ।रोहन आयशा के पूरे बदन चूम चूम ले लाल कर चुका था उसका अंग अंग थूक से भीग गया था ।रोहन ने टाँगे खोल के बूर देखना चाह पर आयशा शर्म के मारे बूर पे हाथ रख ली ।रोहन ने उसके हाथों को चूम के बोला जान हटाओ ना हाथ, मुझे स्वर्ग का रास्ता देखना हैं आयशा शर्म के मारे आँखें बंद किये हुए ही हाथ की पकड़ ढीली कर देती हैं रोहन भी बुर देखने के लिए बहुत उत्सुक था ।उसने जल्दी से हाथ को हटा के बुर को देखने लगा ।बूर हलकी झांटे से भारी हुई थी ।उसकी आँखें तस से मस नही हो रही थी वो पलक झपकाना तो भूल ही गया था ।तभी आयशा ने आँखें खोल के देखते हुए बोली क्या हुआ भैया अच्छा नही लगा क्या उसकी आवाज़ में एक चिंता थी ।रोहन मुस्कुरा के आयशा को देखा और बोला ये तो वो खजाना हैं ।जिससे आयशा मुस्कुरा दी ।
रोहन बूर को चूमने लगता हैं ,अपनी बूर पे रोहन का मुँह का एहसास पाकर वो एक लम्बी सांस के साथ एक आह्ह्ह भरती हैं । आह्ह्ह ...भैया।
रोहन बूर को चाटने लगा बूर पे हलकी झांटे उसकी सुभा बढ़ा रही थी ।वो झांटो को हटा के बूर के छेद पे जीभ घूमता हैं जिससे आयशा की सिसकरी निकल जाती है।
दोनो ही हवस में अंधे हो चुके थे ।रोहन वासना में आकर झांटों को भी चाटने लगा और अपना मुँह उनमे रगड़ते हुए बोला आह्ह..आयशा और बूर को खोल के देखने लगा अंदर का गुलाबी फांक देख रोहन का लंड पुरी तरह सख्त हो चुका था। उसने जीभ को छेद में घुसा दिया और लापा लाप जीभ घूमने लगा बुर बहुत कसी हुई थी ।पर जितना हो सकता था रोहन अपनी जीभ घुसने में लगा हुआ था ।
आह्ह्ह ... भैया उम्म्म...चाटो भैया आउच आराम से करो ना ,रोहन बूर को थूक से पुरा गीला कर चुका था उसने लंड पे ढेर सारा थूक मल के बूर पे रख के जोर से धक्का दे मारा लंड बूर को चिरता हुआ आधा अंदर समा गया इस जोरदार प्रहार को आयशा संभाल नही पायी और जोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह.... भैया.... फट गयी ।रोहन ने आयशा को देखा तो उसकी आँखों में आँसु आ गये थे ।रोहन ने लंड थोड़ा बहार करके एक और जोरदार झटका दे मारा और इस बार आयशा बुरी तरह बिन पानी मछली की तरह छटपटा के रह गयी ।उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे वो रोने लगी थी ।और रोते हुए बोली आह्ह्ह.. भैया निकल दो बहुत दर्द हो रहा हैं ।रोहन ने आयशा को देखा और उसके आंसुओं को अपने मुँह भर लिया और बोला जान पहली चुदाई का दर्द तो सहन करना पड़ता हैं और अब तो तुम कली से फूल हो चुकी हो ।ये सुन आयशा के चेहरे पे हलकी मुस्कान आ जाती हैं ।
रोहन भी धीरे धीरे लंड अंदर बहार करने लगता हैं ।आउच भैया दुखता हैं धीरे करो ना ।रोहन रुक जाता हैं और उसको चूमने लगता हैं कुछ देर के बाद चूमते चूमते ही कमर चलाने लगता हैं और अब आयेशा को थोड़ा अच्छा लगने लगता है आह्ह्ह.. भैया ।रोहन अब जोर जोर से बूर चोदने लगा थोड़ी देर में ही बुर पानी छोड़ने लगी वो चिकनापन बढ़ गया और अब लंड आराम से बुर की गहराई में उतर रहा था ।आह्ह्ह...आयशा मज़ा आ रहा हैं ना ।हाँ भैया बहुत मज़ा आ रहा हैं आह्ह ... भैया चोदो अपनी बहन को उफ्फ्फ..कितना मज़ा आता हैं चुदवाने में आहह..राजा भैया भोग लो मेरी जवानी को आह्ह्ह...भैया।
आज आयशा ने अपना कौमार्य अपने भैया को सौंप दिया था दोनों ही चुदाई के खेल का आनंद लूट रहे थे ।रोहन का सपना आज पुरा हो गया था वो घपा घप पेले जा रहा था और आयशा भी मस्ती में सिसकियाँ लेते हुए चुदवा रही थी ।दोनो ही जोर जोर से साँसे ले रहे थे नदी के किनारे हवा के ठंडा झुका का चुदाई को और आनंदित कर रहा था । ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनों चरमसुख लेने के करीब थे की आयशा का शरीर काँपने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी आह्ह्ह .. भैया मुझे कुछ हो रहा हैं आह्ह्ह ...करते हुए झड़ने लगी और ढीली पड़ गयी और रोहन अभी भी बुर में धक्के मारे जा रहा था ।अब आयशा को बूर में जलन होने लगी। वो बोलने लगी भैया निकल दो जल रहा हैं अंदर पर रोहन तो अपनी ही धुन में था उसने चोदना बंद नही किया और कुछ ही समय में उसका लंड अकड़ने लगा और लंड बूर के अंदर ही पिचकारी मरने लगा आह्ह्ह ... आयशा रंडी मेरी बहन कहक आयशा पे गिर पड़ा ।आयशा ने रोहन को झटक के गिरा दिया और दोनो काफी देर तक लेट रहे ।तभी आयशा बोली क्या बोला था अपने में रंडी हूँ।रोहन आयशा को देखता हैं और मुस्कुरा के बोलता हैं माफ़ कर दे आयशा वो चुदाई की मस्ती में निकल गया ।और चुदाई में गाली ना दो तो मज़ा कैसा ये सुन आयेशा भी मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं आप सच में बहुत गंदे हो ।और झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली अपनी बहन के साथ भला ऐसा करता हैं क्या छी.. तभी रोहन उसके ऊपर आ जाता हैं और बोलता हैं जब बहन इतनी मस्त हो तो भाई कैसे बहनचोद ना बने ।ये सुन दोनों ही मुस्कुरा के चूमने लगते हैं ।थोड़ी देर की होंठ चुसाई के बाद आयशा बोली भैया घर नही चलना हैं क्या ।रोहन ने समय का अंदाजा लगाए तो पता चला की शाम होने वाली हैं ।वो जल्दी से उठकर बैठ गया और अपने लंड को देखा लंड पे हलका खून लगा था और साथ में वीर्य भी ,आयशा उठने को हुई तो उसकी चूत में एक तेज़ दर्द हुआ और उसकी आह्ह्ह निकल गयी ।जैसे तैसे वो बैठी तो पत्ते पे लाल और सफ़ेद सा कुछ देख के डर गयी और बोली ये क्या हैं ।
रोहन मुस्कुराया और बोला ये हमारे मिलन की निशानी हैं जान तभी आयशा लंड को देखती हैं उसपे भी खून लगा था वो ये देख मुस्कुरा देती हैं ।और बोलती हैं आप गंदे भैया हो और नदी में डुबकी लगा देती हैं रोहन भी नदी में कूद जाता हैं दोनो मस्ती में नंगे होकर नहा रहे थे आज आयशा बहुत खुश थी पर उसकी खुशी को ग्रहण लगने वाला था ।वो जल्दी से नहा के कपड़े पहन ने लगे की तभी आयेशा को दोपहर की बात याद आयी जो चुदाई के समय बिल्कुल ही भूल गयी थी की उसकी चोली तो फट चुकी हैं अब घर पे क्या बोलेगी ।रोहन भी अब परेशान होने लगा की वो जल्दी से अपनी कमीज को आयशा को पहना दिया और चल दिये फटी हुई चोली उठने ।वहा पहुंच के चोली उठा ली पर वहा कोई नही था ।तभी आयेशा बोली भैया वो लोग कहाॅं गये ।कही भी गये तु क्यों फिकर करती हैं और घर को चल देते हैं ।
Awesome update
Rohan ne ahkirkar aayesha ki jawani ka maja loot hi liya
 
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Lucky babu

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अचानक ही एक जोर का घुसा उसके मुँह पे लगा ।और आयशा से थोड़ी दूरी पे जा गिरा ।ये इतना अचानक था की उसके दोस्त भी कुछ समझ नही पाये और 3-4 घुसे और लात उनके मुँह और शरीर पे जा लगे । वो लोग भी ज़मीन पे पसर गये।उसने आयशा को पकड़ के उठाना चाहा तो आयशा ऑंखें बंद किये ही बोली मुझे छोड़ दे कुत्ते , आयशा आँखें खोलो मैं रोहन हूँ। वो आँख खोल के देखती उससे पहले ही रोहन पे गुड्डू के दोस्तों ने हमला कर दिया ।इधर आयशा रोते रोते ही रोहन को देखी और बोली मुझे बचा लो भैया ,इधर लगातार मार खाने से रोहन की हालत खराब होने लगी। तभी गुड्डू उठ खड़ा हुआ और बोला मारो मादरचोद को और मारो इतना मारो की रंडी के पिल्ला मर जाये ।और आयशा को पीछे से पकड़ के उसकी चूची को मसलने लगता हैं इस अचानक हुए हमले से आयशा चिहूँक उठी और बोली साले हरामी छोड़ मुझे , आयशा गुड्डू से बचने का प्रयत्न किये जा रही थी। इधर आयशा की आवाज़ सुन के रोहन पूरे गुस्से में आग बबूला हो गया और जैसे तैसे अपने आप को संभाल के दोनो का मरने लगा ।इधर गुड्डू उसके बालों को पकड़ के खींचता हुआ ले जाने लगा तभी रोहन को एक ईट मिल जाती हैं जिससे उन दोनो को मरने लगता हैं । आह्ह..ये चींख एक लड़के की होती हैं उसका सर फट चुका था खून तेज़ी से निकलने लगा तभी दूसरे को भी रोहन लपेटे में ले लेता हैं और उसके भी सर पे दे मरता हैं उसका भी सर फट जाता हैं वो दोनो ही ज़मीन पे जा गिरते हैं ।इधर गुड्डू आयशा को पटकर उसके घाघरें को उठा के उसकी कच्छी को उतर ही रहा था की रोहन ने गुड्डू को भी एक ईट दे मारी और वो दूर जा गिरा उसका मुँह फट गया और खून निकलने लगा ।
रोहन और मरता उससे पहले ही उसने एक पिस्तौल निकल ली और रोहन पे तान दी और बोला मादरचोद साले रंडी के पिल्ले तू मारेगा मुझे ।मैं तेरी बहन को तेरे ही सामने चोद के अपनी रखैल बनाऊंगा भड़वे और पिस्तौल का ट्रीगर दबा देता हैं तभी रोहन दूसरी तरफ हो जाता हैं और गोली सीधा एक पेड़ पे लगती हैं ।गुड्डू ये देख के फिर से ट्रीगर दबाता की तभी आयशा उसकी आँखों में मिट्टी फेंक देती हैं जिससे वो इधर उधर लड़खड़ते हुए ट्रीगर दबा देता हैं गोली सीधा रोहन को छूकर निकल जाती हैं तभी आयशा को एक लकड़ी का डंडा दिखाई देता हैं वो उठाकर उसके सर पे दे मारती हैं और गुड्डू की एक चीख़ निकल जाती हैं और वो ज़मीन पे निचे गिरकर बेहोश हो जाता हैं
सब कुछ एक दम शांत हो जाता हैं भरी दोपहर को जंगल के सन्नाटे में नदी के पानी की एक आवाज़ आ रही थी की तभी आयशा एक दम से रोहन से जाकर लिपट जाती हैं ।रोहन भी आयशा को अपनी बाहों में दबोच लेता हैं दोनो ही रोते हुए एक दूसरे के बदन को रगड़ रहे थे।आयशा बस जोर जोर भैया...भैया बोल के
रोते जा रही थी ,रोहन की भी आँख भीग गयी थी। आँखों में आँसू लिए बोला क्यों आयी थी तु यहाँ ,बोला था ना घर से दूर नही जाना हैं।
आयशा तो बस रोये जा रही थी उसको बहुत सुकून मिल रहा था की उसका भाई आज नही आता तो क्या होता वो बस रोहन से लिपटे हुए थी ।तभी रोहन को एहसास होता हैं की आयशा की पीठ पुरी नंगी हैं वो उसकी नंगी पीठ से हाथ हटा लेता हैं ।कुछ देर ऐसे ही आयशा रोहन से लिपटे हुए रोते रही ।और आयशा को भी जब एहसास हुआ की वो अध खुली ब्रा में खड़ी अपने भैया से लिपटी हैं तो एक अजीब से एहसास ने उसे घेर लिया दोनो ही कुछ बोलने की परिस्थिति में नही थे की तभी रोहन बोला की क्यों आयी तुझे मना किया था ना ,आयशा कुछ बोली नही तो रोहन ने उसके बदन को छु लिया और इस छुवान ने आयशा के बदन में आग में घी का काम किया वो मचल गयी और अपने भैया से जोर से लिपट गयी ।इधर रोहन भी एक अजीब से कशमकश में था की आरोही बोली भैया ब्रा का हुक लगा दो ना ।ये सुनते ही रोहन ने आयशा के पीठ को छूने लगा और उस छुवान से आयशा को आनंद आने लगा रोहन हुक का तो पता नही पर उसकी पीठ की गर्माहट से उसके हाथ कांपने लगे थे उसने ब्रा की हुक को जैसे तैसे पकड़ के लगा के अपने हाथ हटने को हुआ ही था की उसको कल रात की बात ने घेर लिया और अचानक ही रोहन ने ब्रा का हुक खोल दिया ।और पीठ सहलाने लगा इस मधुर एहसास से आयशा की आह्ह्ह .. निकल गयी और वो एक दम से रोहन से अलग होकर उसको देखने लगी दोनो ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।आयशा लाल रंग की अध खुली ब्रा में रोहन के सामने सर झुकाये खड़ी थी । तभी रोहन बोला क्यों आयी यहाँ जब मना किया था । कुछ हो जाता तो क्या होता सोचा हैं तूने कभी ,तभी एक हलकी आवाज़ में आयशा बोली आप खान खाने नही आये तो मैं आपको ढूढ़ने चली आयी ।रोहन फिर से बोला इसकी क्या ज़रूरत थी पगली मैं तो घर ही आने वाला था ।
मुझे लगा आप कल रात वाली बात से नाराज़ हो गये हो इसीलिए आपको ढूढ़ते हुए आयी थी ।रोहन बोला मैं नाराज़ नही हूँ बहना में तो सोच के परेशान था की मैंने तुझको नाराज़ कर दिया हैं ये सुन आयशा ने बोला ऐसा कुछ नही हैं और अपनी ब्रा उतार के निचे गिरा देती हैं और बोलती हैं लो देख लो अपनी बहन की जवानी यही मेरी सजा हैं । अचानक हुए इस एहसास से रोहन की तो आँखे बहार आ गयी वो आयशा की चूची को आँखे फाड़ के देख रहा था जिस चूची को देखने के लिए वो सालों से इंतज़ार कर रहा था वो आज अचानक इस तरह देखने को मिल जाएगी उसने सोचा नही था ।
उसने आयशा को देखा तो वो मुस्कुरा रही थी ।आयशा ने आँख मारी और बोली दे दो सजा और मुस्कुरा दी ।रोहन ने भी आव देखा ना ताव आयशा की चूचियों पे टूट पड़ा और चूसने लगा। अपनी चूची पे पहली बार किसी मर्दान मुँह को पाकर आयशा सिसक उठी और उसके मुँह से एक मादक आवाज़ निकली आह्ह्ह...भैया
वही रोहन चूची को मज़े लेकर चूस रहा था ।हम्म्म.. वो चूची के निप्पल पे जीभ घूमने लगा उस मधुर एहसास से आयशा की आहे जंगल के उस सन्नटे में एक मधुर संगीत का काम कर रही थी ।रोहन ने निप्पल को मुँह में भर स्तनपान करने लगता हैं। आह्ह्ह ...भैया मेरे प्यारे भैया ,रोहन तो मदहोश हो चला था उसे कुछ भी होश नही था और ना आयशा को था की कोई उन्हे देख भी सकता हैं रोहन कभी जीभ से तो कभी होंठ से निप्पल को छेड़ता जिससे आयशा की सिसकियाँ निकल जाती । आह्ह ..भैया सजा दो मुझे यही सजा है मेरी की मेरे भैया मेरी जवानी भोगे आह्ह्ह..चुसो भैया आप के लिए ही हैं मेरी ये जवानी आह्ह्ह राजा भैया..! रोहन बारी बारी दोनों ही चूचियों को चूसे जा रहा था दोनों ही वासना की चपेट में आ चुके थे हवस उनके शरीर को अपने गिरफ्त में ले रही थी ।
काफी देर तक भरी दोपहर में नदी के किनारे एक बहन अपने भाई को अपनी जवानी का रस पिला रही थी ।
आयश की बूर इधर रिसने लगी थी बूर में गीला पन पूरे सबाब पे पहुंच चुका था ।इधर रोहन का लंड भी अकड़ने लगा था। धूप बहुत तेज़ थी दोनों ही पसीने से तर बदर हो चुके थे। रोहन निप्पल से खेलने में खोया हुआ था की एक आवाज़ उसके कानो में गयी भैया कोई देख लेगा ।इस आवाज़ से रोहन ने सर उठा के आयशा को देखा वो पसीने से भीग चुकी थी रोहन ने तुरंत आयशा को उठा लिया और नदी के पास बने पुराने पूल के निचे ले गया जहाँ कुछ देर पहले रोहन सोया हुआ था ।वहा बड़े बड़े पेड़ के पत्तों का बिस्तर लगा था ।साथ में नदी का पानी और ठंडी हवा का झुका किसी का भी मन मोह ले ।वो आयशा को लेकर गया और बिस्तर पे लिटा दिया और चूचियों को फिर से चूसने लगा । फिर से आयश सिसकियाँ लेने लगी ।
रोहन ने आयशा को देखा तो वो शर्म से आँखें बंद कर ली ।तभी रोहन आयशा के होठों को देखने लगा गुलाबी रंग की लाली लगाए उसको होंठ रोहन के लंड में झुरझुरी लगाने लगा उसने एक दम से अपने होठों को आयशा के होठों से मिला दिया । दोनों को जब एक दूसरे के होठों का एहसास हुआ तो दोनों का बदन मचल गया और दोनों ने एक दूसरे को कस के पकड़ के होठों के आपस में रगड़ने लगे दोनो ही एक दूसरे के होठों को खा जाना चाहते थे ।आयशा तो अनाड़ी थी पर रोहन तो कई बूरों को ठिकाने लगा चुका था पर ऐसा मज़ा उसे कभी नही आया था ।अपनी सगी बहन के होठों को चूसने में वो मदहोश हो चुका था ।आयशा भी अपना मुँह खोल के रोहन की जीभ अपनी मुँह में भर लेती हैं इधर रोहन भी अपनी जीभ को आयशा के मुँह में घूमने लगता हैं दोनों की जीभ में एक लड़ाई चल रही थी ।एक दूसरे का थूक पीकर दोनो ही आनंदित हो चले थे ।
अब आयशा की साँसे फूलने लगी तो उसने रोहन को मुक्का मरने लगी रोहन को तो कुछ होश ही नही था अंत में जाकर आयशा ने रोहन को धक्का दिया तो रोहन आयशा के होठों को ही चूस रहा था की वो एक दम से पीछे हुआ जिससे आयशा के होंठ रोहन के दाँत में आ गये और हलका कट उसके होठों में गया।और आयशा की एक आह्ह्ह निकल जाती हैं आह्ह्ह.. भैया और जोर जोर से साँसे लेने लगती हैं तभी रोहन बोलता हैं क्या हुआ आयशा।
आयशा सांस लेते हुए बोली मार दोगे क्या सांस तो लेने दो कितने भूखे हो आप और मुस्कुरा देती हैं इस बात को सुन रोहन भी मुस्कुरा जाता हैं । आयशा शर्म की लाली लिए कितनी अच्छा जगह हैं ना भैया ।रोहन को कुछ ना बोलता देख आयशा बोली चलो घर चलते हैं ये सुनते ही रोहन तुरंत बोला और तेरी सजा का क्या होगा ।इस बात पे आयशा मुस्कुरा के बोली तो सजा दे दो ।और फिर से दोनों चूमने लगते हैं । इधर रोहन होंठ चूसने के साथ साथ आयशा के चूचियों से भी खेलने लगा था ।दोनो ही मस्ती की चरम सीमा पे पहुंच चुके थे । वो कब नग्न हो गये उनको खुद ही एहसास नही हुआ ।इधर गुड्डू फोन नही उठा रहा था तो उसके बॉस को चिंता होने लगी वो तुरंत ही नदी के लिए निकल गया और पहुंच के देखा तो गुड्डू बेहोश पड़ा था उसके सर पे एक चोट लगी थी।उसने गुड्डू को उठाया और अपने दोनों लड़को भी भी तैसे तैसे लेकर वहा से निकल गया ।इधर कुछ ही दूरी पे भाई बहन अपनी हवस मिटाने में लगे हुए थे ।रोहन आयशा के पूरे बदन चूम चूम ले लाल कर चुका था उसका अंग अंग थूक से भीग गया था ।रोहन ने टाँगे खोल के बूर देखना चाह पर आयशा शर्म के मारे बूर पे हाथ रख ली ।रोहन ने उसके हाथों को चूम के बोला जान हटाओ ना हाथ, मुझे स्वर्ग का रास्ता देखना हैं आयशा शर्म के मारे आँखें बंद किये हुए ही हाथ की पकड़ ढीली कर देती हैं रोहन भी बुर देखने के लिए बहुत उत्सुक था ।उसने जल्दी से हाथ को हटा के बुर को देखने लगा ।बूर हलकी झांटे से भारी हुई थी ।उसकी आँखें तस से मस नही हो रही थी वो पलक झपकाना तो भूल ही गया था ।तभी आयशा ने आँखें खोल के देखते हुए बोली क्या हुआ भैया अच्छा नही लगा क्या उसकी आवाज़ में एक चिंता थी ।रोहन मुस्कुरा के आयशा को देखा और बोला ये तो वो खजाना हैं ।जिससे आयशा मुस्कुरा दी ।
रोहन बूर को चूमने लगता हैं ,अपनी बूर पे रोहन का मुँह का एहसास पाकर वो एक लम्बी सांस के साथ एक आह्ह्ह भरती हैं । आह्ह्ह ...भैया।
रोहन बूर को चाटने लगा बूर पे हलकी झांटे उसकी सुभा बढ़ा रही थी ।वो झांटो को हटा के बूर के छेद पे जीभ घूमता हैं जिससे आयशा की सिसकरी निकल जाती है।
दोनो ही हवस में अंधे हो चुके थे ।रोहन वासना में आकर झांटों को भी चाटने लगा और अपना मुँह उनमे रगड़ते हुए बोला आह्ह..आयशा और बूर को खोल के देखने लगा अंदर का गुलाबी फांक देख रोहन का लंड पुरी तरह सख्त हो चुका था। उसने जीभ को छेद में घुसा दिया और लापा लाप जीभ घूमने लगा बुर बहुत कसी हुई थी ।पर जितना हो सकता था रोहन अपनी जीभ घुसने में लगा हुआ था ।
आह्ह्ह ... भैया उम्म्म...चाटो भैया आउच आराम से करो ना ,रोहन बूर को थूक से पुरा गीला कर चुका था उसने लंड पे ढेर सारा थूक मल के बूर पे रख के जोर से धक्का दे मारा लंड बूर को चिरता हुआ आधा अंदर समा गया इस जोरदार प्रहार को आयशा संभाल नही पायी और जोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह.... भैया.... फट गयी ।रोहन ने आयशा को देखा तो उसकी आँखों में आँसु आ गये थे ।रोहन ने लंड थोड़ा बहार करके एक और जोरदार झटका दे मारा और इस बार आयशा बुरी तरह बिन पानी मछली की तरह छटपटा के रह गयी ।उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे थे वो रोने लगी थी ।और रोते हुए बोली आह्ह्ह.. भैया निकल दो बहुत दर्द हो रहा हैं ।रोहन ने आयशा को देखा और उसके आंसुओं को अपने मुँह भर लिया और बोला जान पहली चुदाई का दर्द तो सहन करना पड़ता हैं और अब तो तुम कली से फूल हो चुकी हो ।ये सुन आयशा के चेहरे पे हलकी मुस्कान आ जाती हैं ।
रोहन भी धीरे धीरे लंड अंदर बहार करने लगता हैं ।आउच भैया दुखता हैं धीरे करो ना ।रोहन रुक जाता हैं और उसको चूमने लगता हैं कुछ देर के बाद चूमते चूमते ही कमर चलाने लगता हैं और अब आयेशा को थोड़ा अच्छा लगने लगता है आह्ह्ह.. भैया ।रोहन अब जोर जोर से बूर चोदने लगा थोड़ी देर में ही बुर पानी छोड़ने लगी वो चिकनापन बढ़ गया और अब लंड आराम से बुर की गहराई में उतर रहा था ।आह्ह्ह...आयशा मज़ा आ रहा हैं ना ।हाँ भैया बहुत मज़ा आ रहा हैं आह्ह ... भैया चोदो अपनी बहन को उफ्फ्फ..कितना मज़ा आता हैं चुदवाने में आहह..राजा भैया भोग लो मेरी जवानी को आह्ह्ह...भैया।
आज आयशा ने अपना कौमार्य अपने भैया को सौंप दिया था दोनों ही चुदाई के खेल का आनंद लूट रहे थे ।रोहन का सपना आज पुरा हो गया था वो घपा घप पेले जा रहा था और आयशा भी मस्ती में सिसकियाँ लेते हुए चुदवा रही थी ।दोनो ही जोर जोर से साँसे ले रहे थे नदी के किनारे हवा के ठंडा झुका का चुदाई को और आनंदित कर रहा था । ऐसे ही चुदाई चलती रही और दोनों चरमसुख लेने के करीब थे की आयशा का शरीर काँपने लगा और वो जोर से चिल्लाने लगी आह्ह्ह .. भैया मुझे कुछ हो रहा हैं आह्ह्ह ...करते हुए झड़ने लगी और ढीली पड़ गयी और रोहन अभी भी बुर में धक्के मारे जा रहा था ।अब आयशा को बूर में जलन होने लगी। वो बोलने लगी भैया निकल दो जल रहा हैं अंदर पर रोहन तो अपनी ही धुन में था उसने चोदना बंद नही किया और कुछ ही समय में उसका लंड अकड़ने लगा और लंड बूर के अंदर ही पिचकारी मरने लगा आह्ह्ह ... आयशा रंडी मेरी बहन कहक आयशा पे गिर पड़ा ।आयशा ने रोहन को झटक के गिरा दिया और दोनो काफी देर तक लेट रहे ।तभी आयशा बोली क्या बोला था अपने में रंडी हूँ।रोहन आयशा को देखता हैं और मुस्कुरा के बोलता हैं माफ़ कर दे आयशा वो चुदाई की मस्ती में निकल गया ।और चुदाई में गाली ना दो तो मज़ा कैसा ये सुन आयेशा भी मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं आप सच में बहुत गंदे हो ।और झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोली अपनी बहन के साथ भला ऐसा करता हैं क्या छी.. तभी रोहन उसके ऊपर आ जाता हैं और बोलता हैं जब बहन इतनी मस्त हो तो भाई कैसे बहनचोद ना बने ।ये सुन दोनों ही मुस्कुरा के चूमने लगते हैं ।थोड़ी देर की होंठ चुसाई के बाद आयशा बोली भैया घर नही चलना हैं क्या ।रोहन ने समय का अंदाजा लगाए तो पता चला की शाम होने वाली हैं ।वो जल्दी से उठकर बैठ गया और अपने लंड को देखा लंड पे हलका खून लगा था और साथ में वीर्य भी ,आयशा उठने को हुई तो उसकी चूत में एक तेज़ दर्द हुआ और उसकी आह्ह्ह निकल गयी ।जैसे तैसे वो बैठी तो पत्ते पे लाल और सफ़ेद सा कुछ देख के डर गयी और बोली ये क्या हैं ।
रोहन मुस्कुराया और बोला ये हमारे मिलन की निशानी हैं जान तभी आयशा लंड को देखती हैं उसपे भी खून लगा था वो ये देख मुस्कुरा देती हैं ।और बोलती हैं आप गंदे भैया हो और नदी में डुबकी लगा देती हैं रोहन भी नदी में कूद जाता हैं दोनो मस्ती में नंगे होकर नहा रहे थे आज आयशा बहुत खुश थी पर उसकी खुशी को ग्रहण लगने वाला था ।वो जल्दी से नहा के कपड़े पहन ने लगे की तभी आयेशा को दोपहर की बात याद आयी जो चुदाई के समय बिल्कुल ही भूल गयी थी की उसकी चोली तो फट चुकी हैं अब घर पे क्या बोलेगी ।रोहन भी अब परेशान होने लगा की वो जल्दी से अपनी कमीज को आयशा को पहना दिया और चल दिये फटी हुई चोली उठने ।वहा पहुंच के चोली उठा ली पर वहा कोई नही था ।तभी आयेशा बोली भैया वो लोग कहाॅं गये ।कही भी गये तु क्यों फिकर करती हैं और घर को चल देते हैं ।

Lajawab updated diyo ho bhai
Maza aa gaya 😘😘😘
 

Hellohoney

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Suppar story he bhai majha aagaya lekin aapse ek nivedan he kuch bhi hojaye aarohi, nisa or nidhi ke sath kuch galat mat hone dena or soniyA ke sath balke rahul ke pure parivar ke sath bhai varna sara mud kharab hojayega baki aapki story he aap jesa chahe vesa lekin insect me adaltry dal diya to bhot sare ridars ko pasand nahi aayega.
 
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Nasn

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Suppar story he bhai majha aagaya lekin aapse ek nivedan he kuch bhi hojaye aarohi, nisa or nidhi ke sath kuch galat mat hone dena or soniyA ke sath balke rahul ke pure parivar ke sath bhai varna sara mud kharab hojayega baki aapki story he aap jesa chahe vesa lekin insect me adaltry dal diya to bhot sare ridars ko pasand nahi aayega.
Mood off mat karo..
Maze lo.....
Writer ko likhne do...
Mool rachna se khilwad mat karwao.....
Jo bhi likh rahe hain likhne do.
Take Enjoy.......
 

Sanjay dutt

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Kabhi kabhi aisee kahani padhne me dar lagata hai, writer bich me gayab ho jate hai, update ke intezar me sara maza kharab ho jata hai
 

Nasn

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Behtarren update bhidu....Rohan ne. Aayesha ka khaata khol hi diya. ... dekhte hai aage kya hota hai....bhai suresh ko hi lead role me rakhna yr....Aage aapki mrji hai....bhai
Right bhai....
 

Hellohoney

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Mood off mat karo..
Maze lo.....
Writer ko likhne do...
Mool rachna se khilwad mat karwao.....
Jo bhi likh rahe hain likhne do.
Take Enjoy.......
Besak bhai me ye nahi kehraha ki aap acha nahi likhrahe unki kahani he jese chahe vese likhe bhai but ye ek insect story he bichme adultry se bhot sare redars chut jayenge or agar unhe dalna he to perafix badal ke adultry karde to pehle hi samajh aajaye.
 
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Prince_007

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ट्रेन गोवा पहुंचने वाली थी ।सब अपना अपना समान निकल के तैयार होने लगे ।
" तभी सलोनी बोली आप लोग कौन से होटल में ठहरने वाले हो ।
" जी कुछ सोचा नही हैं अभी ये आवाज़ राहुल की थी ।
" एक काम करते हैं हम लोग साथ ही चलते हैं ।क्या बोलती हो निधि जी ।
" राहुल कुछ बोलता उससे पहले ही निधि बोली गयी हाँ ठीक रहेगा ।
गाडी़ रुक चुकी थी सब उतरने लगे ।सब बहुत खुश होने लगे।आरोही खुशी से उछलने कूदने लगी । स्टेशन से टैक्सी करके वो लोग एक होटल की तरफ चल पड़ते हैं ।
" तु अपना काम नही कर पाया तो मेरा क्या खाक करेगा ये आवाज़ गुड्डू के बॉस की थी।
" गुड्डू सर पकड़ता हुआ बोला उस रंडी को उसके भाई ने बचा लिया वरना आज उसका खेल ख़तम था बॉस।
" वो अकेला तुम तीनों पे भारी पड़ गया ।तुम लोग किसी काम के नही हो । मुझे ही कुछ और करना पड़ेगा।

" ये सब कैसे हुआ आयशा बोल ?
कुसुम की आवाज़ से आयश काँप रही थी ।
" रोहन मम्मी वो आयेशा को गुड्डू ने इतना बोल वो चुप हो गया ।
कुसुम ने एक जोर का थप्पड़ आयशा को दे मारा ।कलमुई मर क्यों नही जाती यही दिन देखना बाकी रह गया था ।
" भाग्येवान क्या कर रही हो जवान बेटी को कोई मारता हैं क्या ।
" कुसुम तो क्या करूँ जब मना किया था तो नदी पे क्यों गयी थी ।एक बार अपनी जवानी मसलवा के मन नही भरा इसका जो फिर से चली गयी ।
आयशा अब रोने लगी थी ।तभी रोहन बोला मम्मी क्यों बात का पतंगर बना रही हो ।
" कुसुम अच्छा मैं बात बढ़ा रही हूँ और ये महारानी जी जो कर के आयी हैं वो क्या हैं बोल । आज उसने चोली फाड़ दी कल को पता नही क्या क्या करवा के आएगी ।

" तभी मोहन बोला भाग्येवान अब बस भी करो सब ठीक तो हो गया हैं ।बाकी उस गुड्डू को तो अब मैं छोडूंगा नही । उसकी इतनी हिम्मत की वो मेरी बेटी के पीछे फिर से पड़ गया ।
" जैसा करना हैं करो अब से ये घर से बहार नही जाएगी ।ये बोल के कुसुम कमरे में चली गयी ।आयशा रोये जा रही थी की रोहन उसको चुप करने लगा और मोहन निकल गया गुड्डू की तलाश में ,जैसे तैसे आयशा चुप हो गयी। शाम हो चली थी आयशा खाना बनाने चल दी आज रोहन भी आयशा की सहायता कर रहा था ।

एक होटल में पहुँच कर सब अपने अपने कमरें में आराम करने लगे । इधर सलोनी और राज कमरे में आते ही शुरू हो चुके थे ।
" आह्ह्ह...राज चोदो जोर जोर से चोदो आह्ह्ह.. उफ़..
" हाँ सलोनी आह्ह..तुम्हारी चूत मुझे पागल करती हैं।उफ्फ्फ्फ़..तुम्हारे ये चुचे हम्म...

कुछ ही देर में चुदाई का ये खेल एक आह्ह्ह..के साथ समाप्त हो गया ।दोनो शांत पड़े रहे । बिस्तर पे हाँफ रहे थे।
" आरोही निधि से दीदी चलो ना गोवा घूमते हैं क्या बिस्तर पे पड़े हुए हैं ।
" निधि थोड़ा आराम तो कर ले महारानी जी उसके बाद शाम को चलते हैं ।

" देखो मुझे आप से कोई बात नही करनी हैं आगे से आप कॉल मत कीजिये ।दूसरी तरफ से बेटा इतनी बड़ी सज़ा मत दे अपने पापा को..इतना बोला ही था की निशा कॉल कट देती हैं ।निशा किसी सोच में डूबी हुई थी की उसके कमरे के दरवाजे पे दस्तक हुई ।उसने जाकर दरवाजा खोला तो सामने राहुल था ।
" हाय राहुल आओ ना अंदर ।
राहुल कमरे में दाखिल होता हैं इधर निशा दरवाजा बंद कर देती हैं और दोनो बिस्तर पे बैठ के बातें करने लगाते हैं ।
" निशा चलो कही घूम के आते हैं ।
" वाओ मज़ा आएगा चलो मैं आरोही और निधि को भी बोल देती हूँ । वो जल्दी से निधि और आरोही को बताने चली जाती हैं ।
इधर काम बढ़ने के कारण सुरेश अब सुमन से मज़े नही ले पा रहा था । शाम हो चली थी अब तो और भी ग्राहक आने लगे थे ।
" विक्की अपने टट्टो के जरिये पता लगा चुका था की निधि ,आरोही ,निशा और राहुल दिखाई क्यों नही दे रहे हैं ।
" पापा वो लोग गोवा गये हैं ।
" तिवारी - अच्छा तो रंडिया गोवा में चुदवाने गयी कोई नही बेटा उनको आने दे फिर उनकी चुदाई का बंदोबस्त करते हैं ।
" पर पापा मुझे आरोही चाहिए साली को देखे 2 दिन हो गये हैं ।
" हम्म. तो एक काम कर तु भी गोवा जाकर आ मेरे एक पहचान का अभी गोवा में हैं ।मैं उसको बोल के पता करवाता हूँ वो रंडिया कहा चुदवा रही हैं ।
" तभी अजय बोला अंकल मुझे भी साथ भेज दीजिये ना ।
" तिवारी मुस्कुरा के बोला ठीक हैं ठीक हैं तु भी जा आखिर दोनों ने एक ही चूत तो मारनी हैं ।

" आरोही - भैया कहा चल रहे हैं बताओ ना ।
" सैटर्डे नाईट मार्केट चलते हैं शाम हो चुकी हैं तो बाकी कल से घूमने जाएंगे । और मार्केट के लिए निकल जाते हैं ।
कुछ ही देर में वहा पहुंच जाते हैं। और तरह तरह की चीज़े देखने लगते हैं तड़कते-भड़कते कपड़ों से लेकर जूते, बैग, लैदर की चीज़े, हस्तशिल्प, सजावटी लैंप आदि ।
" निधि- आरोही और निशा के कानों में बोलती हैं अरे चलो ना बिकिनी ले लेते हैं कल बीच पे मज़ा आएगा ।
" निशा - तुम पागल हो गयी हो क्या बिकिनी कौन पहनेगा ।
" निधि - तो क्या जीन्स और सलवार में बीच पे घूमने जाओगी और पानी में क्या जीन्स पहन के तैरने जाओगी ।
तभी आरोही बोली दीदी पर भैया के सामने बिकिनी कैसे पहन सकते हैं और लोग भी तो देखेंगे ना मुझे तो शर्म आएगी ।
" निधि - तुम लोग मत पहनना मैं तो बिकिनी ही पहनूंगी और वो राहुल से बोलती हैं भैया मुझे कुछ खरीदना हैं ।
" राहुल - क्या चाहिए बोलो मैं खरीद देता हूँ ।
" निधि - नही भैया मैं खरीद लूंगी आप पैसे दे दो ।
राहुल पैसे दे देता हैं और बोलता हैं तुम लोग खरीद लो मैं उधर ही घूम रहा हूँ । निधि ,आरोही और निशा एक दुकान में चले जाते हैं ।वहा निधि एक से एक सेक्सी बिकिनी पसंद करने लगती हैं जिसे देख निशा हैरान थी पर मन तो उसका भी था की वो भी पहनने तभी निधि अपने लिए दो बिकिनी पसंद कर लेती हैं ।
" आरोही दीदी मेरे भी ले लो ।
" क्या तु तो मना कर रही थी ।अब क्या हुआ ।
तभी निशा बोली मुझे भी लेना हैं ये सुन निधि मुस्कुरा देती हैं और वो उनके लिए भी बिकिनी पसंद करने लगती हैं ।इधर राहुल बियर की केन खरीद के घुट पे घुट लगाए जा रहा था ।
" तभी निशा बोलती हैं । राहुल तुम कब से पीने लगे हो ।
" हाँ भैया आप ये गंदे चीज़े कब से पी रहे हो बताओ ये आवाज़ आरोही की थी ।
" अरे यार तुम लोग भी ना ये तो हलकी चीज़ हैं और गोवा आये हैं तो इतना तो चलता ही हैं ।और बताओ खरीद लिया जो चाहिए था ।
" निश- हाँ राहुल खरीद लिया।
" अच्छा तो चलो कुछ खा लेते हैं फिर होटल जाकर आराम करते हैं ।
रात हो चुकी थी आयशा अपना बिस्तर लगा रही थी ।कुसुम अपना मुँह फुलाए अपने बिस्तर पे सो रही थी ।मोहन भी बरामदे में हुक्का पी रहा था । रोहन और आयशा तो बस इसी ताक में थे की कब उसकी मम्मी सोये और वो कुछ काम करे अब तो आयशा की बूर कुलबुलाने लगी थी । रात का एक पहर बीत गया था ।इधर रोहन की आँख लग चुकी थी ।पर आयशा की तो बूर में जैसे चींटी काट रही थी ।नींद उससे कोसों दूर थी वो हार थक के रोहन के पास चुपके से जाने लगी ।वो पहुंच के रोहन को उठाये बिना ही उसके गालो पे एक चूमा देकर बोली कितने प्यारे हैं मेरे भैया और उसका लंड पकड़ के निकल ली और सहलाने लगी पर काफी देर हो जाने के बाद भी लंड में तनाव ना आता देख वो परेशान हो गयी ।इधर रोहन की भी आँख खुल गयी और उसने आयशा को दबोच लिया और बोला क्या कर रही हैं मम्मी देख लेगी तो क्या होगा ।
" आयशा शर्माते हुए भैया वो मुझे नींद नही आ रही थी तो बोल के चुप हो गयी ।

रोहन भी मुस्कुरा दिया और बोला बूर में खुजली हो रही हैं ना ।
ये सुन आयशा शर्म से रोहन के सीने में मुँह छुपा लेती हैं ।
" आयशा सुन ना ये ऐसे खड़ा नही होगा इसको मुँह में लेकर प्यार कर तो वो जाग जायेगा ।

ये सुन कर आयशा रोहन को देखने लगी ।और बोली छी.. भैया उसको मुँह में कौन लेता हैं मैं नही करूंगी।
" तो बूर की खुलजी का क्या करेगी ।
आयशा मुस्कुरा के बोली धत...कुछ भी बोलते हो ।और कुछ सोच के बोली वो तो गंदी चीज़ हैं । आप तो वहा से पेशाब करते हो।

" आयशा वो गंदी चीज़ नही सबसे अच्छी चीज़ हैं देखा नही दिन में तुमको कितना मज़ा दिया ।
इस बात पे आयशा मुस्कुरा के रह गयी और लंड पकड़कर देखने लगी चांदनी रात में हलकी रौशनी में लंड दिखाई दे लगा था ।उसने अपनी जीभ लंड पे फेरी ही थी की इस एहसास से रोहन मचल उठा । वो मुँह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी । वो बहुत अजीब आ महसूस कर रही थी। वो ज़्यादा चूस नही पायी उसको घिन आ रही थी पर उसने अपना काम कर दिया था लंड अकड़ने लगा था ।
" भैया मुझसे अब नही होगा छी.. कितना खारा पन हैं ।
" रोहन मुस्कुरा दिया और झट से आयशा हो अपनी तरफ खींच के उसके होठों पे होंठ लगा दिया और चूमने लगा ।धीरे धीरे होठों का चुम्बन गहरा होता गया और वासना दोनों के शरीर में घर करने लगी। जब साँसे लेना मुश्किल होने लगा तो दोनों अलग हुए और रोहन ने आयशा को बिस्तर पे सोने को बोला और जल्दी से उसका घाँघरा उठाया तो देखा आयशा ने कच्छी ही नही पहनी थी ।
" लगता हैं बूर में आग लगी हैं । ये सुन आयशा मुस्कुरा देती हैं ।
रोहन बूर चाटने लगता हैं थोड़ी देर में ही बूर थूक से भीग जाती हैं और वो लंड रख के धीरे से सरका देता हैं गप से लिंग योनि को खोलता हुआ अंदर समा जाता हैं और रोहन अपनी कमर चलने लगता है धीरे धीरे चुदाई का अपने सबाब पे जाने लगी थी बूर रस छोड़ने लगी और चिकनापन बढ़ गया और मस्ती अपने पूरे चरम पे पहुंच गयी ।।दोनों के साँसे उखड़ने लगी थी पर दोनों रुकना नही चाहते थे ।
आयशा को अब बहुत आनंद आने लगा था वो मस्ती में हलकी सिसकियाँ निकाल के रोहन के अंदर ऊर्जा बढ़ा रही थी ।
तभी खांसे की आवाज़ से दोनों ने कमर हिलना रोक दिया ।वो आवाज़ मोहन की थी ।कुछ देर ऐसे ही रहने के बाद रोहन फिर से चोदने लगा अब दोनों ही मस्ती में आनंदित हो चले थे ।इतना आनंद आयशा सह नही पायी और आह्ह्ह..भैया करने लगी और उसका बदन काँपते हुए शांत हो गया ।रोहन भी अब रुकना नही चाहता था उसने भी जोरदार धक्कों से प्रहार किया और उसका लिंग भी माल उगलने लगा और एक दम से शांत होकर लेट गया ।तभी कुसुम की उठने की आवाज़ से आयशा जल्दी से भाग कर अपने बिस्तर पे सो गयी और दोनों कब नींद की आगोश में चले गये पता ही नही चला ।
खाना खाकर राहुल ,निधि,आरोही और निशा होटल पहुँचे ही थे की सलोनी मिल गयी और बोली अरे आप कहाॅं से आ रहे हैं ।
" निधि - जी हम मार्केट से घूमकर आ रहे हैं ।
" सलोनी - अच्छा जी मुझे भी बोल देते तो चल देती कोई नही अगली बार देखते हैं ।
सब साथ साथ ही अपने कमरे में जा रहे थे की सलोनी बोली अरे निधि जी तुम ये आरोही के साथ क्यों जा रही हो ।
तुमको तो राहुल के साथ जाना चाहिए ये बात वो मुस्कुराते हुए बोली ।
ये सुन राहुल के साथ निशा और आरोही भी थोड़ा चिहूँक उठे ।
" निधि भी थोड़ा घबरा गयी थी पर उसने डर नही दिखाया और बोली।वो क्या हैं ना अभी हमारी शादी नही हुई है तो उनके साथ एक ही कमरे में इतना बोल के वो चुप हो गयी ।
" सलोनी मुस्कुरा के बोली तो क्या हुआ आखिर कल को वो तुम्हारे पति ही तो होने वाले हैं और कुछ ऐसा वैसा हो भी गया तो क्या होगा ।
" तभी राज बोला क्या सलोनी तुम भी वो लोग जैसा चाहते है करने दो ये उनका मामला हैं ।
" निधि जल्दी से पीछा छुड़ाने के लिए बोली हैं आप ठीक बोल रही हो और वो राहुल के साथ राहुल के कमरे में चली गयी ।सलोनी ये देख मुस्कुरा दी और वो भी चली गयी ।इधर निशा और आरोही ऑंखें फाड़ के देखे जा रही थी ।और कुछ देर बाद वो भी अपने कमरे में चली गयी ।

आज सुरेश बहुत थक गया था ।बरखा तो बिस्तर पे गिरते ही सो गयी थी ।पर गरिमा की खुजली बढ़ने लगी और उसने पापा को कॉल किया तो सुरेश ने तुरंत उठा के बोला हाँ बोलो मेरी जान क्या हुआ ।
" पापा आओ ना ।
" बेटा बहुत थक गया हूंँ मुश्किल हैं ।
" अच्छा आप आओ में कर लूंगी ।
" ठीक हैं आता हूँ । बोलकर धीरे से उठकर गरिमा के कमरे की तरफ चल दिया ।
इधर गरिमा पुरी नग्न बिस्तर पे टाँगे खोले हुए लेती इंतज़ार कर रही थी की सुरेश ने दरवाजा से हलकी आवाज़ में बोला गरिमा ।
" अंदर आ जाओ पापा दरवाजा खुला हुआ हैं ।
सुरेश जैसे ही अंदर आता हैं गरिमा को ऐसे देख के चौंक जाता हैं ।गरिमा भी मुस्कुराते हुए अपनी चूत को खोल के दिखाते हुए बोली पापा जल्दी से चोद दो ना चूत में में आग लगी हुई हैं ।
सुरेश जल्दी से गरिमा पे टूट पड़ता हैं वो दोनो एक दूसरे को बेतहसा चूमने लगते हैं ।गरिमा भी अपने पापा को जकड़ लेती हैं धीरे धीरे मस्ती बढ़ने लगती हैं और सुरेश का लिंग सर उठाने लगा ।
दोनो अलग हुए और सुरेश जल्दी से नग्न होकर गरिमा की चूचियों को चूसने और दबाने लगता हैं ।

" आअह्ह..पापा।
निप्पल पे सुरेश की जीभ से गरिमा सिसक उठती ।
सुरेश मज़े लेकर चूचियों से खेल रहा था ।थोड़ी देर में ही गरिमा उठ कर सुरेश के लिंग को मुँह भर ली और चूसने लगी ।लिंग पे जीभ के एहसास से सुरेश भी मस्ती में सिसकियाने लगा आह्ह्ह .. गरिमा चूस ले साली ।
गरिमा अब देर ना करते हुए लिंग पे बैठ गयी और लिंग योनि को खोलता हुआ अंदर समा गया ।और गरिमा लिंग पे ऊपर निचे होकार चुदाई का मज़ा लेने लगी ।

" आह्ह्ह..पापा आपका लंड मुझे सुकून देता हैं
अब गरिमा तेज़ी से कमर ऊपर निचे करते चुदवा रही थी ।दोनों ही अब मस्ती में मगन हो चुके थे पर गरिमा अब धक्के नही लगा पा रही थी ।तो सुरेश ने पटकर गरिमा को पट दिया और गप से लोड़ा फिर बूर में डाल के जोर जोर से चोदने लगा ।
" आअह्ह...पापा धीरे करो उफ्फ्फ...
" चुप साली आज तेरी चूत फाड़ दूंगा ।ले साली ले कुतिया जोर से लंड पेलता हुआ बोला ।
ऐसे ही काफी देर गरिमा अपनी चूत का छेद बड़ा करवाती रही ।
" आअह्ह्ह...गरिमा मैं आने वाला हूँ उफ्फ्फ...रंडी
"हाँ पापा में भी आह्ह्ह ..चोदो जोर से आह्ह्ह..पापा की रंडी हूँ
दोनो अब चरमसुख पे पहुँच गये और आह्ह्ह.. रंडी गरिमा करते हुए सुरेश निढाल हो गया ।
" इधर गरिमा भी झड़ने लगी ।दोनो ही एक दूसरे पे गिरे हुए हाँफ रहे थे ।
सुरेश बहुत थक गया था उसको उठने का भी मन नही हो रहा था। पर गरिमा जैसे तैसे सुरेश को उसके कमरे तक पहुँचा के आयी और नंगी ही सो गयी ।
 

Nasn

Well-Known Member
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Besak bhai me ye nahi kehraha ki aap acha nahi likhrahe unki kahani he jese chahe vese likhe bhai but ye ek insect story he bichme adultry se bhot sare redars chut jayenge or agar unhe dalna he to perafix badal ke adultry karde to pehle hi samajh aajaye.
Koi nahin Jo Asli pathak hain
Wo Jude rahenge...
Aur Jaane wale ko kon rok sakta hai..

Waise mujhe bhi Incest hi
Rehne mein achchaa lagega..
Baki Jo writer chahe me to
Attached hi rahunga...
 
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