L.k.nee cha
Qut killer
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Baap beti ki story itna cam pasand Kiya jata hai ki isko koi lekhak copy pest nahi Karta hai use hota ye hai ki koi bhi lekhak likhane ata hai to ek new story likhta hai
हेल्लों दोस्त बात ऐसी हैं की ये कहानी का प्लॉट परिवार पे हैं। ना की सिर्फ किसी एक रिश्तें पर और कहानी में हीरो कौन हैं तो यही असली सवाल हैं क्योंकी कभी भी आम परिवार में कोई अकेला कुछ नही कर सकता ।सब को किसी ना किसी की ज़रूरत होती हैं।@Prince_007
Your story is super , and writing skills are excellent !!! Congratulations and keep up the Good Work
bas ek do baat thi jo apse puchni hai
Apne Story me pahla tag{bahu-sasur}ka dala hai , kahi aap Nisha aur Suresh ke bich kuch karwana to nhi chahte
agar aisa hai to pahle se hi thodha hint de dena plsss , kyunki baad me bura lage isse accha pahle hi chor do kahani
Bura mat manna dost but mai is kahani ko "Rahul" ko as a hero dekh ke padh rha hu , but aabhi tak to apne suresh ko hi maje karwaye hain , aur aapki story padh ke saaf pata chalta hai ki puri story ka plot apke dimaag me hai !!!
Hame bhi Rahul - arohi ka romance kaafi accha lag rha hai
But suresh ka character padh ke lagta hai wo nidhi aur arohi ko pana chahta hai kisi aur se pahle, to hamari ashayaen tut jayengi ,
isse acha pahle se hi aasha na rakhi jaye ,fir ham story ko bas as a sex story padenge without involving feelings !!!!!!!!!
kyunki bhai apki story writing itni achi hai ki apne aap feelings jjaag rhi hai
vaise jis tarah ka pyar apne bhai bahno ke bich dikhaya usse lagta to nhi aap baap ko bich me add karoge , but kyunki bahot saare users yaha comment kar rahe hai apko Baap ke favor to kya pata aapki soch badal jayee
to maine bas isliye comment ki apko bata saku yaha par sabse jyada
Maa - Beta
fir Bhai - bahan
then Baap- beti wali stories pasand ki jaati hai
I hope you will understand
thank you and keep writing such amazing content
आपकी बात बिल्कुल सही हैं कॉपी पेस्ट करने वालों की कोई कमी नही हैं मेरी फोटो एडिट की हुई पिक्स भी कॉपी करके अपने नाम से पोस्ट कर चुके हैं।पर वो लेखक कभी नही बन सकते।Main Bhai bahan ki story padane ke lie bahut sari website par gaya to Maine paya ki Jo storya pahali website par hai vahi story sabhi website par copy pest ki gayi thi
ये एक परिवारिक कहानी हैं तो इसमें परिवार के बीच घटी हुई घटना का वर्णन होगा । और आस पास की भी ।Apki baat me samajh gya tha bro ....or tumhara kehna bhi Shi hai......reader ko pta to hona hi chahiye ki story ki direction me jayegi....pr ye story ek pariwar ke uper hai ...to bhai obvious hoga ki maa beta bhai behan or baap beti to jaroor honge ....pr abtak mujhe bhi ye nhi pta lead role me hai kon ....
Ek dam mast updateअपडेट 13
सुरेश की मस्ती
सब एक साथ बैठ के खाना खा रहे थे आज सभी बहुत खुश लग रहे थे। तभी आरोही बोलती हैं। पापा मेरे लिए क्या लेकर आये हो ? इतने में गरिमा बोलती हैं तेरे लिए कुछ नही लेकर आये ये सुन सब मुस्कुरा देते हैं। आरोही सड़ा सा मुँह बनाते हुए दीदी आप पापा हो क्या मैंने तो अपने पापा से बोला ।आरोही भी अब पुरानी आरोही नही रह गयी थी गाँव में जाकर वो भी बहुत कुछ सिख गयी थी आयशा ने उसको काफी तेज़ तरार कर दिया था ।
सुरेश - लाया हूँ सब के लिए कुछ ना कुछ देख लेना पहले खाना तो खा लो ।
खाना खाकर सब अपने अपने कमरे में चले जाते हैं और गरिमा बर्तन साफ करते हुए सोचने लगती हैं कब पापा का लंड लूंगी ।
निधि अपने कमरे में ना जाकर आरोही के कमरे में चली जाती हैं। आरोही बता ना भाई को दिखाया पहन के
आरोही उदास मन से नही दीदी नही हो पाया
निधि - क्यों क्या हुआ
आरोही- वो दीदी कुछ होता उससे पहले ही पापा आ गये वो इतना बोल कर चुप हो गयी ।निधि भी मन मारकर आह्ह भरते हुए कोई बात नही आरोही किसी और दिन भाई को दिखा देना इसमे उदास क्या होना ।दीदी अब पता नही कब मौका मिले ।इसपे निधि आरोही को छेड़ते हुए अच्छा जी कुछ ज्यादा ही आग लगी क्या वहा पे और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही भी मुस्कुरा देती हैं। थोड़ी देर ऐसे ही मस्ती चलती हैं ।
इधर बरखा आप बहुत गन्दे हो मेरा ख्याल ही नही हैं आपको, जब से गये हो, ना कॉल करते हो ना ही कोई मैसेज का जवाब देते हो ।सुरेश अरे मेरी जान मैसेज और कॉल गया भाड़ में और बरखा के होठों पे अपने होंठ रख देता हैं।दोनो के होंठ मिल चुके थे धीरे धीरे एक दूसरे के होठो को चूसने लगते हैं। बरखा अपना मुँह खोल के सुरेश की जीभ का स्वागत करती हैं सुरेश अपनी जीभ को बरखा के मुँह में घूमने लगता है। दोनो को ही ये खेल काफी आनंदित कर रहा था । सुरेश उठा और अपने कपड़े उतर के नग्न हो गया और भूखे शेर की तरह बरखा पे टूट पड़ा ।जोर जोर से चुचे मसलने लगा ।बरखा की आह्ह निकलने लगी ।सुरेश ने जल्दी से ब्लाउस खोल के फेंक दिया और ब्रा के ऊपर से ही मसलने और चूमने लगा ।
बरखा - आअह्ह..राजा धीरे करो ना
सुरेश - उम्म.. चुचे मसलते हुए आह्ह डार्लिंग तेरे चुचे तो गजब हैं और ब्रा खोल के उतर देता बरखा जोर जोर से साँसे ले रही थी ।सुरेश ने निप्पल को मुँह में भर लिया और लगा चूसने ।आह्ह बरखा तेरी माँ की चूत क्या निप्पल है तेरे उम्म..निप्पल से खेलते हुए बोला । आह्ह्ह्.. हाँ साले और बरखा की एक आह्ह.. भरी चीख़ निकल जाती हैं जिसे गरिमा सुन लेती हैं। वो अपने कमरे में जाने वाली थी पर वो सुरेश के कमरे की तरफ चल देती है।
बरखा - आह्ह..भोसड़ी के
सुरेश - आह्ह..माँ की लोड़ी चिल्ला क्यों रही हैं।।मादरचोद
बरखा - आह्ह.. तुम काट क्यों रहे हो आराम से चुसो ना।
सुरेश ने अपना लोड़ा बरखा के आगे किया उसने गप से लोड़ा मुँह में भर लिया और चूसने लगी ।आह्ह..बरखा आज कैसे मुँह ले लिटा तूने आह्ह ऐसे ही चूस उफ्फ्फ...
बरखा लापा लाप चूसे जा रही थी। इतनी मस्ती में सुरेश का बदन कांपने लगा वो बिस्तर पे गिरा पड़ा ।पुरा लंड बरखा के थूक से गीला हो चुका था ।सुरेश ने बरखा को बिस्तर पे पटक के उसकी बूर को चूम के चाटने लगा बटखा की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह ... सुरेश ऐसे ही चाटो उफ़..राजा
सुरेश बरखा की बुर को फैला के अपनी जीभ अंदर डाल के घूमने लगता हैं जिससे बरखा जोर जोर से चिल्लाने लगती हैं आह्ह्ह... मादरचोद कुछ देर चूत से खेलने के बाद सुरेश अपने लंड को बूर पे रख के एक धक्का मरता हैं लंड फिसलता हुआ गप से अंदर हो चला। और बरखा की सिसकियाँ निकलने लगी आअह्ह्ह...राजा चोदो अपनी रानी उफ्फ्फ..बूर की खुजली आह्ह..।सुरेश तेज़ी से बुर में लंड अन्दर बहार कर रहा था । दोनो जोर जोर से साँसे ले रहे थे ।जो बहार खड़ी गरिमा सुन रही थी । बरखा चुदाई की मस्ती में मस्त होकर आह्ह्ह..
मादरचोद चोद मुझे कुत्ते , ये सुन सुरेश तेज़ी से चोदने लगता हैं ,जोर जोर से दोनो आह्ह्ह .. भरने लगे लंड बुर की गहराई को अच्छे नाप रहा था ।दोनो पति पत्नी आज संसार के सबसे बड़े सुख को भोग रहे थे।आह्ह...बरखा तेरी चूत फाड़ दूंगा साली रंडी आअह्ह..भोसड़न ।बरखा आह्ह ..मेरे राजा फाड़ दे हरामी साले भड़वे, बिस्तर पे एक योद्ध हो रहा था जो कौन जीतेगा पता नही ।दोनो ही अब चरामसुख के करीब पहुंचने वाले थे । कुछ ही धक्कों के बाद बरखा का बदन अकड़ने लगा और सुरेश ने 3-4 धक्के जोर जोर से दे मारे बरखा झरझारा के झड़ने लगी ।बरखा के कामरस के आगे सुरेश भी टिक नही पाया और आह्ह्ह..रंडी बरखा करते हुए झटके मारने लगा और उसके लंड से वीर्य उसकी बुर की फांको से होता हुआ उसकी गहराई में समाने लगा ।अपने लंड का पुरा माल बरखा की चूत में गिरा के सुरेश धड़ाम से बिस्तर पे जा गिरा और जोर जोर से साँसे भरता हुआ बोला आई लव यू बरखा ,बरखा ने भी आई लव यू टू बोल के सुरेश के होठो के चूम ली और बाथरूम में मूतने जाने के लिए उठी ही थी की गारिमा भाग के अपने कमरे में जाने लगी ।
इधर निधि अपने कमरे में आ चुकी थी और राहुल भी आज जल्दी सो गया था ।आरोही सोच रही थी की रोहिणी के कौन चोद रहा था और वो आवाज़ किसकी थी ये सब सोचते सोचते उसकी आँख लग गयी
इधर बरखा और सुरेश भी एक बार आनंद के सागर में डुबकी लगाने लगे थे ।आह्ह्ह ... बरखा मेरी रंडी ऐसे ही चुदेगी तु मादरचोद साली ।
बरखा- आअह्ह...हाँ साले चोद मुझे तेरी रंडी हूंँ ।
और ऐसे ही गलियों के साथ चुदाई का मज़ा लेते हुए दूसरी बार झड़ने के करीब पहुंच जाते हैं। कुछ ही धक्कों
के बाद सुरेश का बदन सहन नही कर पता और अपना माल उगलने लगता हैं।इधर बरखा पहले ही झड़ के शांत हो चुकी थी। दोनो जोर जोर साँसे ले रहे थे थोड़ी ही देर बाद बरखा की आँख लग जाती हैं।
सब सो गये थे सिवाएं गारिमा और सुरेश के आखिर सुरेश को अपनी बेटी को या यूँ कहे अपनी दूसरी पत्नी को भी तो बजाना था । रात काफी गहरी हो चली थी गरिमा ने सुरेश को कोई मैसेज नही किया था सुरेश उसका इंतज़ार करके खुद ही उसको मैसेज करता हैं इधर गरिमा भी जाग ही रही थी की उसका मोबाइल पे एक मैसेज की रिंग हुई उसने फोन उठा के देखा तो मैसेज उसके पापा का था ।उसने कोई रिप्लाई नही दिया सुरेश हार कर उसको कॉल लगा दिया गरिमा ने तुरंत कॉल उठा के बोली अब मिली हैं आपको फुर्सत मेरे लिए ,
सुरेश - सब समझ जाता हैं की गरिमा ने शायद उसकी और बरखा की चुदाई की आवाज़ सुन ली है और वो नाराज़ हैं। वो बोला जान जल्दी से किचन में आओ वही बात करते हैं और कॉल कट करके किचन में चला जाता हैं।इधर गारिमा जाना तो नही चाहती थी पर उसकी चूत की खुजली ने जाने पे मजबूर कर दिया और वो जल्दी से किचन में चली गयी ।इधर सुरेश ने जब किसी की आहट सुनी तो जल्दी से लाइट जला के देखा और सामने गरिमा खड़ी थी उसने गरिमा को अपनी बाहो में भर लिया और बोला माफ़ कर दो जान बरखा को भी तो पेलना ज़रूरी हैं आखिर वो मेरी पत्नी हैं।
गरिमा - तो मैं कौन हूँ फिर ,
ये सुन सुरेश कहता हैं जान तुम मेरी बेटी और पत्नी दोनो हो ।दिन में बेटी और रात में पत्नी और अभी अपनी पत्नी को प्यार करने के लिए बेकरार हूँ।
गरिमा - अच्छा जी मुझे उस रंडी बरखा की तरह सम्मान चाहिए उसको पत्नी की तरह चोदते हो और मुझे यूँ छुप छुप के चोदते हो मुझे भी पत्नी का हक चाहिए वरना अब मैं रात में नही करने दूंगी।
सुरेश जब गरिमा के मुँह से सुनता हैं की उसने बरखा को रंडी बोल दिया तो वो चौंक जाता हैं और बोलता हैं गरिमा ये तुम क्या कह रही हो बरखा तुम्हारी माँ हैं ।
गरिमा - हाँ मैं जानती हूँ वो मेरी माँ हैं उसकी ही चूत चीर के बहार आयी हूँ ।
सुरेश - तो बरखा के लिए ऐसा क्यों बोल रही हो तुमको क्या चाहिए जान बोलो ना।
गरिमा - मुझे पत्नी का हक़ चाहिए ।
सुरेश - पत्नी का हक़ तो दे दिया हैं जान और कैसे दूँ बोलो
गरिमा - मुझे हनीमून पे जाना हैं और सिर्फ हम दोनो ही होंगे ।
सुरेश - अच्छा जी ऐसी बात हैं तो ठीक हैं ।कुछ ही दिनों के बाद हनीमून चलेंगे इतना बोल के गरिमा के होठो पे अपने होंठ लगा देता हैं
दोनो ही मस्ती में एक दूसरे के होठो को खाने लगते हैं। धीरे धीरे सुरेश के हाथ गरिमा के चुतरों पे चले जाते हैं वो गरिमा को जोर से अपने से सटा लेता और उसके चुतरों को जोर जोर से मसलते हुए उसके होंठ चूसता रहता हैं। दोनो ही एक दूसरे के जीभ से खेल रहे थे । जवानी की मस्ती में दोनो ही खो चुके थे ।सुरेश धीरे धीरे गरिमा को नंगी करने लगता हैं।काफी देर तक एक दूसरे का थूक पीकर दोनो की साँसे फुल जाती हैं ।दोनो अलग होकर जोर जोर से साँसे भरने लगते है गरिमा ऊपर से पुरी तरह नंगी हो चुकी थी सुरेश गरिमा की चूची दबोच के मसलते हुए चूसने लगता गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आअह्ह्ह .. पापा उफ्फ्फ .. कब से आपका इंतज़ार किये बैठी थी और आप तो उस बरखा की लेने में लगे हुए थे। सुरेश भी गरिमा की चूचियाँ चूस के मस्त हो चला था ।इधर गरिमा भी सुरेश के लंड को निकल के सहला रहा थी आह्ह .. गरिमा तेरी जवानी का भोग में ही लगाऊंगा और चूची का निप्पल को कट लेता हैं जिससे गरिमा की एक दर्द भारी आह्ह.. निकल जाती हैं आअह्ह... पापा आराम से करो ना।
सुरेश काफी देर तक चूचियों को चूसता हैं जैसे आज उन में से दूध निकल के ही रहेगा ।इतनी चुसाई से चूचियाँ लाल हो चुकी थी ।सुरेश चूची छोड़ के होंठ को चूम के उसको निचे बैठने का इशारा करता हैं।गरिमा बैठा के सुरेश के लंड को देखती हैं और गप से मुँह में ले लेती हैं और लॉलीपॉप की तरह मज़े लेकर चूसने लगती हैं ।गरिमा लंड पे थूक के चाट रही थी जिससे सुरेश को बहुत आनंद आ रहा था ।गरिमा सुरेश के टट्टो से खेलते हुए लंड को चूसे जा रही थी । आह्ह्ह .. गरिमा चूस साली रंडी तेरी यही औकात है तु अपने पापा के लिए ही जन्मी हैं ।
गरिमा भी लंड मुँह बहार निकल के बोलती हैं हाँ पापा कभी इसी लंड से जन्मी थी आज इसी को चूस रही हूँ और मज़े लेकर चूसने लगती हैं आह्ह्ह .. गरिमा तेरी माँ का भोसड़ा।
गरिमा के थूक से लंड भीग के चमक रहा था वो अपने पूरे आकर पे था । सुरेश गरिमा को किचन के सिलाप पे बैठा के उसकी टाँगे फैला देता हैं और अपना मुँह उसकी चूत पे लगा के चाटने लगता हैं।इस मस्ती में गरिमा सिसकियाने लगती हैं आअह्ह्ह... पापा उफ़...ऐसे ही चाट बेटीचोद साले भड़वे आह्ह्ह ..
सुरेश तो चूत को खा जाना चाहता था वो लगातार चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था चूत के दाने को मुँह में भरकर कट लेता और चाटने लगता इस मधुर एहसास और मज़े में गरिमा भूल गयी की वो किचन की लाइट बंद नही किये हुए हैं।गरिमा से अब रहा नही जाता वो तुरंत बोलती हैं आह्ह्ह ...राजा चोद दो अब रहा नही जाता हैं
ये सुन सुरेश जल्दी से अपना लंड गरिमा की बूर पे रख के पेल देता हैं।बूर थूक से पुरी तरह सनी हुई थी ।बूर पे रखते ही गप से लंड बूर की गहराई में उतर गया और फिर शुरू हुआ एक बाप और बेटी की करतूत जिसे वो छुप के अंजाम दे रहे थे ।सुरेश जोर जोर से गरिमा की बुर में लंड पेले जा रहा था ।गरिमा भी मस्ती में आह्ह .. पापा चोदो अपनी बेटी की बूर को फाड़ दो बहुत परेशान किया है इसने आह्ह्ह .. मेरे प्यारे पापा ये सब सुन सुरेश भी जोर जोर से चोदने लगता है लंड घपा घप बूर के
अंदर बहार हो रहा था सुरेश का लंड गरिमा की बुर की गहराई और गोलाई नाप रहा था । सुरेश भी मस्ती में आहें भरता हुआ आह्ह्ह .. रंडी साली छिनाल तेरी बूर फाड़ के तुझे बचे की माँ बनाऊगा कुतिया साली काफी देर तक चुदाई का नंगा नाच होता रहा पर उनको नही पता था की आज उनकी ये चुदाई कोई देख रहा हैं। दोनो ही झड़ने के करीब थे की सुरेश 3-4 धक्के मार के सारी कसर पुरी कर देता है और आज दोनो एक साथ झड़ने लगते है दोनो का ही माल एक दूसरे से मिल के एक नई कहानी लिख रहा था जिसका एक गवाह भी मौजूद था दोनो झाड़ के ज़मीन पे लेट गये और अपने साँसे काबू करने लगते कुछ ही समय के बाद गरिमा बोली आई लव यू पति देव आप बहुत अच्छे हो ये सुन के आरोही चौंक जाती हैं ,जी हाँ आरोही आज अपनी दीदी और अपने पापा का ये खेल देख चुकी थी जो दोनो बाप और बेटी रात के अंधेरे में खेलते थे ।उसे विश्वास ही नही हो रहा था की उसकी
गरिमा दीदी अपने ही पापा से चुदवा रही हैं और वो उनको पति बोल रही हैं।
सुरेश - आई लव यू टू जान तुम भी बहुत मस्त माल हो ।ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं।गरिमा पति जी एक और बार हो जाये क्या ये खेल और मुस्कुरा देती हैं ।
मन तो सुरेश का भी था पर समय की मार और लंड के दर्द ने उसको मना करना ही सही समझा और बोला जान अभी कुछ देर में सुबह हो जाएगी इसीलिए बाकी का खेल कल खेलते है दोनो को होश तब आता है जब वो कपड़े पहने रहे थे की वो लोग लाइट तो बंद ही नही किये थे गरिमा उफ़..ये क्या कर दिया लाइट बंद नही किया और चोदने लगे कोई देख लेता तो क्या होता ।सुरेश गरिमा को बाहों में भरकर जान इस समय कोई नही उठेगा चिंता मत करो दोनो एक दूसरे को एक बार फिर चूमते है और इधर आरोही भी अपने कमरे में जल्दी से भाग जाती है। और सुरेश गरिमा भी किचन से निकल अपने कमरे में चले जाते हैं। इधर आरोही का तो गला ही सुख गया धड़कने तेज़ हो चुकी रही उसे तो अभी भी विश्वास नही हो रहा था की उसकी सीधी दिखने वाली दीदी अपने ही पापा से चुदाई करवाती हैं।
और दीदी पापा को पति क्यों बोल रही थी ,और पापा कैसे दीदी के साथ छी..छी ये सब कब से कर रहे हैं ये लोग और उसे दिन की वो बात याद आती हैं जब वो सुरेश के गले लगी थी और सुरेश की आह्ह निकल गयी थी अब उसको उस आह्ह का मतलब समझ आ गया था । ये सब सोच सोच के आरोही के सर में दर्द होने लगा उसने एक एक दवाई खाकर बिस्तर पे लेट गयी और कब उसकी आँख लग गयी उसको पता ही नही चला ।
Jaberdast update Suresh ke to maje ho rahe haiअपडेट 14
सुरेश दुकान चला गया था निधि आज अकेले ही कॉलेज के लिए निकल गयी थी । राहुल और आरोही आज कॉलेज जाने में देर कर चुके थे ।वो जल्दी से नास्ता करके निकल जाते है ।
कॉलेज में क्लास शुरू हो चुकी थी की तभी राहुल जैसे तैसे पहुंच के अंदर आने की इज़ाज़त लेता है ।वो तुरंत ही निशा के बगल में जाकर बैठ जाता हैं इधर आरोही के मन में अनेक सवाल घूम रहे थे ।समय बीता और सब केंटीन में बैठे एक दूसरे को ही देखे जा रहे थे इधर विक्की और अजय की नज़र बस आरोही पे ही थी । तभी निशा कुछ बोली ।
निशा - आरोही कहा खोयी हुई हो ।
आरोही के दिमाग़ में तो गरिमा और उसके पापा ही छाये हुए थे साथ में रोहिणी आज कॉलेज नही आयी थी उसका भी एक अलग ही सवाल उसके मन को झंझौर रहा था ।
राहुल ने आरोही को हिलाते हुए बोला आरोही तुम ठीक तो हो ना ।इतना सुनते ही वो अपनी ख़्यालों की दुनिया से बहार आयी और बोली ।हाँ भैया मैं तो ठीक ही हूँ ।
निशा ने कुछ नास्त पानी ऑडर किया और खाते हुए बातें करने लगे।आज कुछ ज़्यादा खास नही हुआ जैसे तैसे समय गुज़ार गया और सब अपने घर के लिए निकल गये ।
आरोही अपने कमरे में बैठे बैठे सोच रही थी की दीदी और पापा कब से चुदाई के मज़े लूट रहे हैं। और किसी को अभी तक पता कैसे नही चला ।और रोहिणी आज कॉलेज क्यों नही आयी उसे कुछ हुआ तो नही तभी एक आवाज़ उसके कानो में सुनाई देती हैं । आरोही कहा खोयी है वो देखती हैं तो राहुल इसके बगल में बैठा हुआ था ।उसने उसको अपने बाहों में भरते हुआ कुछ कहना चाहा पर कह नही पायी और बस उससे लिपटी रही। तभी वहा निधि आती है और उनको देख के सीटी मरते हुए हँसने लगती हैं।जिस से दोनो अलग होकर मुस्कुरा देते हैं।
निधि - क्या बात है भाई बहन कुछ ज़्यादा ही प्यार कर रहे है ।
आरोही - क्या दीदी आप भी ना वो तो बस मेरा मन हुआ की भैया के गले लग जाऊं तो लग गयी थी ।
निधि - अच्छा जी मेरे गले तो कभी नही लगती हैं तु और हँसने लगती हैं जिस पे राहुल भी मुस्कुरा जाता हैं।
चलो दोनो निचे मम्मी चाय के लिए बुला रही हैं।
शाम हो चली थी सब बैठ के चाय की चुस्की लेकर बातें कर रहे थे आरोही तो अभी भी अपनी दीदी गरिमा को देख रही थी और मन में सोच रही थी की कैसे दीदी रात में पापा का मोटा लंड ले रही थी और अब सती सावित्री बनी बैठी हैं। तभी गरिमा बोली आरोही तु मुझे ऐसे क्यों देख रही हैं जैसे खा जाएगी ।
आरोही - कुछ नही दीदी मैं सोच रही थी की आप का वजन बढ़ गया गई आप भी निधि दीदी के साथ जिम शुरू कर दो ।ये इशारा गरिमा की चूचियों के देखते हुए बोली ।
गरिमा भी चालू माल थी उसे समझते देर नही लगी की शायद दाल में कुछ काला हैं।
राहुल और बरखा आज बाज़ार के लिए निकल गये ।निधि जिम जाने लगी और गरिमा और आरोही घर में अकेले रह गयी थी। गरिमा किचन में खड़े खड़े सोच रही थी की आरोही ने अचानक मेरी चूची को देख के क्यों बोला कही उसे पापा और मेरे बारे में पता तो नही चल गया ।हे भगवान कही कल रात उसने देख तो नही लिया ।यही सब उसके दिमाग़ में घूम रहा था । इधर निधि जिम में जाँघ की एक्सासाइज कर रही थी की उसकी नज़र विक्की और अजय पे गयी जो आज पहली बार उस जिम में दिखे थे निधि थोड़ा डर गयी थी और समझ गयी थी की ये दोनो उसका पीछा कर रहे है। वो जल्दी जल्दी अपनी एक्सासाइज को पुरा करके घर जाना चाहती थी ।
बाज़ार की भीड़ से परेशान राहुल की नज़र अचानक ही बरखा की गांड पे जा टीकी जो झुक के आलू चुन रही थी ।आज पहली बार अपनी माँ की गांड को देख राहुल नज़र नहीं हटा पाया और देखता ही रहा ।साड़ी के ऊपर से भी गांड का वो उभार किसी भी मर्द को बेकाबू करने के लिए काफी थी ।तभी एक सब्जी वाले की नज़र राहुल पे गयी और उसने उसकी नज़रों का पीछा किया तो पाया की वो उस औरत की गांड को घूरे जा रहा था ये सब देख सब्जी वाला मुस्कुरा दिया ।सब्जी वाला पहले भी बरखा की मस्तानी गांड का आनंद ले चुका था पर आज एक आधे उम्र के लड़के को उसकी गांड देखते हुए वो भी मुस्कुरा दिया। राहुल की नज़र जब सब्जी वाले पे गयी तो वो झेंप गया ।तभी बरखा उठ कर राहुल से बोली की बेटा आलू उठा ले जैसे ही सब्जीवाले ने ये सुना वो चौंक गया की ये उसका बेटा है और अपनी ही माँ की गांड को देख रहा था ।राहुल भी शर्म से पानी पानी होकर जल्दी से निकलना सही समझा ।आरोही टीवी देख रही थी ,गरिमा कुछ उससे बोलना चाह रही थी पर कैसे बोले उसे समझ नही आ रहा था । वो कुछ बोलती उससे पहले ही दरवाजे की घंटी बजी तो आरोही ने दौड़ कर दरवाजा खोला तो सामने निधि खड़ी थी वो पसीने से भीगी हुई हांफती हुए जल्दी से घर के अंदर आकर बैठ गयी और अपनी साँसे क़ाबू करने लगी तभी गरिमा बोली तुझे क्या हुआ इतना क्यों हांफ रही हैं जिम से सीधा दरवाजे पे प्रकट हो गयी है क्या ।आरोही भी कुछ बोलने वाली थी की तभी दरवाजे पे एक और घंटी बजी वो फिर से खोलने गयी तो सामने राहुल और बरखा खड़े थे । सब बैठ के थोड़ी देर आराम किये और गरिमा और बरखा किचन में चली गयी निधि अपने कमरे में , आरोही और राहुल टीवी देखने लगे ।थोड़ी समय के बाद बरखा ने आरोही को आवाज़ दी की अपने पापा को कॉल करके पूछ कब तक आने वाले हैं ।उसने तुरंत कॉल किया और कुछ ही रिंग पे कॉल उठा की उधर से एक आवाज़ आयी हेल्लों आरोही इस आवाज़ में कुछ अलग लगा आरोही को ।उसने बोला पापा आप कब तक आओगे घर पे तो सुरेश बोला की 1 घंटे तक आ जाऊंगा ।आरोही कॉल कट करती उससे पहले ही उसको एक आवाज़ सुनाई देती हैं आह्ह्ह..सुमन धीरे से चूस साली देख नही रही फोन पे बात कर रहा हूँ कुतिया तभी एक और आवाज़ सुनाई देती हैं हम्म्म .. राजा जी आपका लंड बहुत मस्त है क्या मलाई हैं इसकी आपकी बेटी गरिमा तो खूब चुदवा रही हैं साली, ये आवाज़ सुन आरोही को जैसे साँप सूंघ गया हो ।वो कुछ और सुनती इससे पहले ही कॉल कट हो गया और वो एक दम सुन हो गयी थी उसको कुछ समझ ही नही आ रहा था की सुमन और पापा भी करते है ये सब और वो गरिमा के बारे में सब जानती हैं ।उसका दिमाग़ अब शांत नही हों रहा था की तभी राहुल उसको हिलाते हुए बोलता हैं क्या हुआ आरोही सब ठीक तो हैं ना कब तक आएंगे पापा ,मम्मी पूछ रही हैं। आरोही हाँ भैया सब ठीक हैं पापा 1 घंटे में आ जाएंगे ये उसने चिल्ला के बोला ताकि बरखा सुन ले । ये बोल के वो अपने कमरे में चली गयी इधर निधि डर से काँप रही थी उसे जिम की वो बातें याद आ रही थी जो विक्की और अजय ने उसको बोली थी और रोहिणी का एक वीडियो भी दिखाया था जिसको देख निधि घबरा गयी थी ।दूसरी तरफ आरोही सोच सोच के पागल हुए जा रही थी की उसके पापा कितने गंदे हैं सुमन के साथ भी उनका जिस्मानी सम्बन्ध हैं और वो सुमन के दवारा बोले हुए शब्दों को याद करने लगती हैं की क्या मस्त लंड हैं तुम्हारा ये सोच के आरोही भी अपने पापा के लंड को याद करने लगती हैं जो कल रात उसने देखा था सच में सुरेश का लंड एक दम विकराल रूप में गरिमा की चुदाई करके बहार आया था तब उसने लंड को देखा था ।एक दम से आरोही अपने मन को झटक के बोलती हैं ओहो मैं भी क्या क्या सोच रही हूँ ।और वो उठ कर निधि के कमरे में चली जाती हैं। निधि आरोही को देख के थोड़ा राहत महसूस करती हैं और उसके गले लग जाती हैं इस अचानक से गले लगने से आरोही कुछ समझ नही पाती पर वो भी कुछ ना बोल के निधि को अपने बाहों में भर लेती हैं। दोनो अलग होकर कुछ बोलने वाली होती हैं की तभी राहुल एक आवाज़ लगता हैं खाना खा लो बाद में बहन मिलन कर लेना । और वो चला जाता हैं थोड़ी देर में आरोही और निधि उठ कर निचे चल देती हैं जैसे ही आरोही अपने पापा को देखती हैं वो रात का दृश्य याद करने लगती हैं कैसे सुरेश का मोटा लंड गरिमा दीदी की चुत में अंदर बहार हो रहा था कैसे दीदी इतना बड़ा लंड ले लेती हैं ।ये सोचते हुए वो कुर्सी पे बैठ कर खाना खाने लगती हैं।
कुछ ही समय में सब खाना खा लेते हैं फिर सुरेश सब के लिए लाया हुआ तोहफ़ा देता हैं सब बहुत खुश थे एक दूसरे के चीज़ों को देख रहे थे ।
आरोही सब कुछ भूल के अपने आप को धन्यवाद बोलती हैं ऐसे ही सब सुरेश को धन्यवाद बोलते हैं
थोड़ी देर ऐसे ही बातों का जमघट चलता हैं फिर सोने के लिए चले जाते हैं।
निधि तो डर के मारे बिस्तर पे गिरते ही सो जाती हैं।आरोही को नींद नही आ रही थी तो वो राहुल के कमरे में चली जाती हैं दरवाजा खुला ही था राहुल आरोही की फोटो देख रहा था ।उसे होश ही नही था की आरोही उसको देख रही हैं।राहुल आरोही की गांड की फोटो देख के बोला आह्ह..आरोही क्या गांड हैं तेरी कैसे कहूं की तेरी गांड मुझे पागल करती हैं ।तभी एक आवाज़ उसको सुनाई देती हैं अच्छा जी ऐसा हैं क्या वो नज़र उठा के देखता है तो आरोही मुस्कुराते हुए खड़ी थी वो आरोही को देख के सपकपा जाता हैं। शर्म से सर झुका लेता हैं ।आरोही उसके पास आकर बोलती हैं।भैया कुछ शर्म कर लो कम से कम दरवाजा तो बंद कर लेते मेरी जगह कोई और होता तो क्या होता । राहुल सर झुकाये ही बोलता हैं मुझे माफ़ कर दे आरोही उसकी आवाज़ में शर्म छुपी हुई थी ।
आरोही मुस्कुराते हुए माफ़ कर दे बस यही बोलना आता हैं आपको और भी कुछ बोला करो ।आप मेरी वो चीज़ देख के मज़ा करते हो तो मुझे भी उसके बदले में कुछ चाहिए ।ये सुन राहुल बोलता हैं क्या चाहिए तुमको ,आरोही कुछ सोच के समय आने पे बताउंगी क्या चाहिए फिलहाल तो आप सो जाओ इतना बोल के वो अपने कमरे में चली गयी ।इधर बरखा जोर जोर से सिसकियाँ ले रही हैं।आअह्ह... उम्म...उफ्फ्फ...राजा ऐसे ही चाटो मेरी बूर को आह्ह...
सुरेश- आअह्ह.. साली रंडी उफ्फ्फ...तेरी चूत क्या मज़ा देती हैं
बरखा - आअह्ह्ह ...राजा चोद दो मुझे आह्ह्ह...
सुरेश लंड को बूर पे रख के एक जोर से लंड बूर में पेल देता हैं लंड बूर को चिरता हुआ अंदर समा जाता हैं
जिससे बरखा की चीँख निकल जाती हैं आह्ह्ह्ह..माँ के लोड़े आराम से डाल ना मार देगा क्या हरामी साले
सुरेश जोर जोर से लंड बरखा की बूर में पेले जा रहा था
आआह्ह...बरखा रांड तेरी मस्त चूत हैं साली गांड कब मरने देगी रंडी बोल मादरचोद कुतिया
ऐसे ही चुदाई का ये खेल काफी लम्बा चला और दोनो ही चरमसुख लेने के करीब थे की सुरेश झटके मारता हुआ झड़ने लगा आह्ह्ह ...माँ की लोड़ी रंडी वैश्या मैं गया साली ।
बरखा भी कहाॅं पीछे रहने वाली थी वो भी सुरेश के माल के उगलने पे झड़ने लगी दोनो का माल मिल चुका था सुरेश भी बिस्तर पे गिर के साँसे लेता हुआ आराम करने लगा दोनो का माल बरखा की बूर से गिर के बिस्तर को भीगा रहा था ।बरखा ने अपनी कच्छी उठा के बूर को साफ किया तभी सुरेश बोला गांड कब मरने दोगी
बरखा बोली गांड नही बहुत दर्द होता हैं इतना बोल के सो गयी । रात का एक पहर बीत चुका था सुरेश इंतज़ार मैं था की अब आएगा गरिमा का कॉल
पर काफ़ी देर के इंतज़ार के बाद भी गरिमा कॉल नही आता देख थक हार के सुरेश सो जाता हैं क्यों की
उसका आज का कोटा पुरा हो चुका था ।गरिमा भी सोचते सोचते सो गयी थी ।
Excellent updateअपडेट 15
बरखा और गरिमा किचन में आज साथ में नास्ता बना रही थी । तभी सुरेश उठ कर हॉल में आकर बैठ के चाय मांगता हैं ।गरिमा चाय लेकर अपने पापा को देती हैं तभी सुरेश गारिमा से पूछता हैं कल रात क्यों नही आयी ना कोई कॉल क्या ना मैसेज ,गरिमा बोली पापा मुझे लगता हैं आरोही को शायद हम पे शक हो गया हैं अभी कुछ दिन हमें ये सब नही करना चाहिए । सुरेश चौंक के पर उसे कैसे पता चल गया हैं ।गरिमा अपने उस रात किचन की लाइट नही बंद की थी मुझे लगता हैं उस रात शायद वो हमें देख चुकी हैं या शायद नही भी पर अभी कुछ दिन नहीं करे तो ठीक हैं सुरेश भी मझा हुआ खिलाडी था उसने कुछ देर सोचा और बोला तुम सही कह रही हो यही ठीक रहेगा। बरखा गरिमा को आवाज़ देती हैं वहा क्या बैठ गयी आकर खाना बना जल्दी से गरिमा फिर से किचन में चली जाती हैं और धीरे धीरे सब उठ जाते हैं। आज सुरेश और बरखा कुछ काम से जल्दी निकल गये ।और निधि और आरोही भी नास्ता करके कॉलेज के लिए निकल जाती हैं। राहुल का आज मन नही था कॉलेज जाने का तो वो आराम से सो रहा था । गरिमा के पास कुछ खास काम नही था तो वो नहाने चली गयी और इधर राहुल भी उठकर बाथरूम की तरफ ही आ रहा था की गरिमा नहा के टॉवल लपेटकर बहार निकली ।आज पहली बार राहुल ने गरिमा को टॉवल में देखा था और गरिमा को क्या अपनी बहनो में पहली बार ही था ये नज़ारा ,जब गरिमा की नज़र राहुल पे गयी तो वो शर्मा के अपने कमरे में भाग गयी राहुल बाथरूम में गया तो मूत के आने को हुआ तभी उसकी नज़र ज़मीन पे रखी हुई ब्रा और उसके साथ ही एक गीली कच्छी पे गयी ।पता नही क्यों पर राहुल का मन विचलित हो गया और उसने ब्रा को उठा कर देखा उसे एक अजीब का महसूस हो रहा था की उसने कच्छी भी उठा के देखी और उसके मुँह से निकल गया बहनचोद इतनी छोटी कच्छी ,इतनी छोटी कच्छी दीदी पहनती क्यों हैं इसमे क्या छुपेगा उनका वो एक हाथ में कच्छी और एक हाथ में ब्रा लिए अपने आप में ही बड़बड़ा रहा था की गरिमा आ गयी और उसके हाथ में अपनी जवानी का समान देख के वो चौंक गयी और बोली तु ये क्या कर रहा हैं ।राहुल के कानों में जब ये आवाज़ गयी तो उसकी हालत ही खराब हो गयी थी ।उसने तुरंत ब्रा और कच्छी फेंक दी और सर झुका लिया ।गरिमा तूने मेरी ब्रा और कच्छी क्यों ली थी सच बता ।राहुल डर के मारे कुछ नही बोल पा रहा था ।गरिमा एक दम से हँसने लगी और बोली तु पागल हैं भाई जा यहा से मुझे धोना है उसे, ये सुनते ही राहुल जल्दी से अपने कमरे में भाग गया ।गरिमा ने अपने कपड़े धोकर सुखाने के लिए छत पे डाल आयी और फिर आराम से बैठ के टीवी देखने लगी और साथ में सोचने भी लगी की राहुल भी ना कुछ भी करता हैं और मैंने उस बेचारे को कुछ ज़्यादा ही डरा दिया और मुस्कुरा देती हैं ।समय बीता और दोपहर हो चली पर राहुल नास्ता करने नही आया तो गरिमा उसके कमरे में जाने लगी ।कमरे पे पहुंच के बोली भाई दोपहर हो चुकी हैं आजा खाना खाते हैं ।
राहुल की कोई आवाज़ ना सुन ने गरिमा फिर बोलती हैं अच्छा मैं कुछ नही बोलूंगी और ना किसी को कुछ नही बताऊँगी अब बहार आजा ठीक हैं मैं खाना गरम कर रही हूँ ।इतना बोल के वो चली जाती हैं ।राहुल भी फ्रेश होकर निचे आता हैं पर गरिमा से नज़रे नही मिला पा रहा था ,गरिमा मुस्कुराते हुए उसको खाना देती हैं और खुद भी ले लेती हैं दोनो कुछ ही समय में खाना खाकर टीवी देखने लगते हैं थोड़ी देर बाद वो राहुल से बोली अच्छा सुन तु क्या कर रहा था मेरे उन कपड़ो के साथ ,राहुल कुछ नही बोलता हैं तो गरिमा हँसने लगती हैं और बोलती हैं कोई बात नही भाई जवानी में ऐसा होता हैं सब कभी ना कभी कोई गलती करते है ।राहुल बोलता हैं मुझे माफ़ कर देना दीदी पता नही क्यों मैंने उसे उठा लिया मुझे खुद नही पता इस बात पर गरिमा मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं कोई बात नही, होता हैं ऐसा ।तभी राहुल फिर बोलता हैं दीदी आपकी वो कितनी छोटी हैं उससे आपका सब कुछ ढक जाता हैं क्या ये सुन गरिमा फिर मुस्कुरा जाती हैं और कहती हैं तु सच में पागल हैं बहन हूँ तेरी बुद्दू चल भाग यहा से शर्म नही आती ऐसी बातें करता हैं ।थोड़ी देर बाद निधि और आरोही आ जाते हैं ।राहुल अपने कमरे में चला जाता हैं ।आरोही दीदी खाना खिला दो बहुत थक गयी हूँ ।ये सुन गरिमा उठ कर दोनो को खाना देती हैं और अपने कमरे में चली जाती हैं ।
शाम हो चली थी आज सुरेश और बरखा भी घर पे थे बरखा ने चाय चढ़ा दी और निधि को बोली ,बुला लिया गरिमा और राहुल को पर वो अलसी गयी नही उसने वो काम आरोही को दे दिया आरोही जाकर गरिमा को बोली दीदी उठो शाम हो चुकी हैं मम्मी बुला रही हैं ।और इतना बोल कर अपने प्यारे भैया के कमरे में चली जाती हैं यहा राहुल गहरी नींद में था पर उसका नाग जाग रहा था ये देख आरोही की ऑंखे बड़ी हो जाती हैं वो चादर हटा के लंड को देखने की कोशिश करती हैं पर अफ़सोस उसने निक्कर पहनी थी तो वो राहुल को जगा के मुस्कुराते हुए निचले चली गयी । सब बैठ के चाय पीते हुए बातें करने लगे । कुछ देर ऐसे ही मस्ती मज़ाक चलता हैं और सब अपने काम में लग जाते हैं ।आज निधि जिम नही जाना चाहती थी तो उसने आज अपनी मम्मी और दीदी का साथ देने का सोचा और वो तीनो किचन में चली गयी ।सुरेश अपने कमरे में चला गया साथ में आरोही बैठ के टीवी देखने लगी ।राहुल मम्मी बहार जा रहा हूँ आता हूँ थोड़ी देर में वो इतना बोलकर बहार निकल जाता हैं। सुरेश के मन में कुछ चल रहा था की तभी गरिमा उसके कमरे में आती हुई दिखाई दी ।क्या हुआ पापा क्या सोच रहे हो ।
सुरेश - कुछ नही गरिमा तु बता आज रात आएगी या नही ।
गरिमा - पापा क्या कर रहे हो सब घर में ही हैं और जाग भी रहे हैं मत बोलिये ये सब अभी ,
सुरेश - ठीक ठीक और बता देना ।तभी वहा बरखा आ गयी और बोली क्या बात हो रही हैं बाप और बेटी में इतना बोल कर वो चुप हो गयी ।तभी सुरेश बोला कुछ नही बरखा बस गरिमा से पूछ रहा था की खाना बन गया हैं या नही ।
बरखा - बन गया हैं जी भूख लगी हैं तो आप पहले खा लो
सुरेश नही नही सब साथ ही खाएंगे ।कुछ ही देर के बाद राहुल आ जाता हैं ।सब साथ बैठ के खाना खाते हैं
थोड़ी ही समय में सब का खाना ख़तम हो जाता हैं और सब सोने चले जाते हैं ।गरिमा बर्तन साफ करने किचन में चली जाती हैं आज राहुल सोने नही जाता वो बैठ के टीवी देखने लगता हैं तभी गरिमा टेबल पे गिरा हुआ खाना साफ करने लगती हैं ।सफाई करते हुए उसकी नज़र राहुल पे जाती हैं जो उसको ही देख रहा था पहले वो समझ नही पती हैं पर जब वो अपनी अध खुली चूची को देखती हैं तो मुस्कुरा देती हैं राहुल उसकी मोटी चूचियों को देखे जा रहा था ये नज़ारा राहुल के पैंट में हलचल करने लगा था ।जब उसकी नज़र गरिमा से मिली तो उसकी हालत ही खराब हो जाती हैं डर और शर्म के मारे उसने अपनी गर्दन झुका ली ।ये देख गरिमा मुस्कुरा जाती हैं की उसका भाई भी उसका दीवाना बन चुका हैं ।गरिमा अपना सारा काम ख़तम करके राहुल के साथ में ही बैठ जाती हैं।दोनो टीवी देखने लगते हैं ।तभी गरिमा राहुल से रिमोट लेने के लिए झुक जाती हैं।भाई रिमोट दे ना मैं अपनी पसंद का देखूंगी ।नही दीदी मैं नही दूंगा तभी राहुल की नज़र गरिमा की अध खुली चूचियों पे जाती हैं ।राहुल के मुँह से अनयासा ही निकल जाता हैं उफ्फ्फ .. क्या चूची ,ये सुन गरिमा मुस्कुरा जाती हैं ये उसने जान बुझ के किया था ताकि वो राहुल के मन की बात जान सके ।गरिमा क्या बोला तु
कुछ नही दीदी और वो जल्दी से उठकर अपने कमरे में भाग जाता हैं।इधर गरिमा मुस्कुरा के रह जाती हैं पर ये सब कोई देख रहा था । कुछ देर टीवी देखने के बाद गरिमा भी सोने चली गयी । राहुल के दिमाग़ में बस गरिमा की चूचियाँ ही घूम रही थी । कितनी बड़ी चूची हैं दीदी की उफ्फ्फ. काश एक बार दबाने देती आह्ह्ह ... ऐसे ही सोचते सोचते लंड हिलता हैं और कुछ ही देर में आअह्ह ... गरिमा करते हुए एक दम से शांत हो जाता हैं ।और कब उसकी आँख लग जाती हैं पता ही नही चलता ।
सब जल्दी जल्दी में थे सुरेश दुकान को निकल गया और आरोही ,निधि और राहुल कॉलेज के लिए बरखा सब को बिदा करके घर के सफाई में लग जाती हैं ।इधर गरिमा आज देर तक सो रही थी। बरखा ने जाकर गरिमा को उठाया और छत पे चली गयी ।गरिमा उठी और कल रात वाली बात सोच के मुस्कुरा दी । फ्रेश होकर नास्ता पानी किया और अपने कमरे में चली गयी । बोर हो रही थी तो उसने सोचा की क्यों ना आज पलक से बात की जाये वो कॉल पलक को लगती हैं । कुछ देर रिंग होती है तभी एक आवाज़ आती हैं हेल्लों ये आवाज़ एक मर्दाना थी ।
गरिमा - हेल्लो पलक से बात करनी हैं ।
- तुम कौन हो
मैं गरिमा हूँ पलक की दोस्त आप कौन हो ?
- मैं उसका पिता बोल रहा हूँ उसकी तबियत ठीक नही हैं इसीलिए मैंने कॉल उठाया हैं
क्या हुआ पलक की तबियत को,
- कुछ खास नही हैं बस बुखार हैं दवाई लेकर आराम कर रही हैं ।
ओक अंकल मैं घर आती हूँ थोड़ी देर में बोलकर कॉल कट कर देती हैं ।और जल्दी से पलक के घर जाने के लिए निकल जाती हैं ।इधर कॉलेज में आरोही परेशान थी की रोहिणी आज भी नही आयी क्या बात हो गयी हैं और उसका फोन भी बंद आ रहा हैं क्या करूँ इतने में एक आवाज़ उसको सुनाई देती हैं रोहिणी की तो फाड़ दी हैं अब बस तेरी फाड़नी बाकी हैं ।वो पलट के देखती हैं तो सामने विक्की और अजय खड़े थे ।तुम दोनो की हिम्मत कैस हुए मुझसे बात करने की उस दिन की मार भूल गये हो क्या या बुलाऊं अपने भैया को ,अजय भूले नही हैं तभी तो तेरे को समझने आये हैं बहुत जल्दी ही उस राहुल मादरचोद को सबक सिखाएंगे। इतना बोल कर वो चले जाते हैं ।आरोही बहुत परेशान हो जाती हैं की रोहिणी को क्या हो गया और ये हरामी साले भैया के साथ कुछ गलत ना कर दे । ऐसे ही सोचते हुए अपनी क्लास में चली गयी इधर गरिमा पलक के घर पे बैठ के बातें कर रही थी। साली बताई क्यों नही की तबियत ठीक नही हैं मैं आ जाती ।
पलक - अरे यार बुखार ही तो हैं और इसके लिए क्या बुलाती तेरे को, तु भी तो आज कल अपने पापा के साथ लगी हुई हैं ।
ये सुन गरिमा मुस्कुरा देती हैं तु सच में बहुत कमीनी हैं साली
पलक - हाँ में कमीनी हूँ और तु क्या हैं साली रंडी अपने बाप का लेते ही भूल गयी ना मुझे एक कॉल भी नही की मुझे और मुँह फेर लेती हैं ।
गरिमा - माफ़ कर दे यार वो पापा के साथ इतना कुछ होने लगा की ध्यान ही नही रहा ।
पलक - हाँ साली अब लंड लेगी तो हमें क्यों याद करेगी
गरिमा - मुस्कुराते हुए साली तु भी तो लेती हैं और तेरे तो मेरे से भी ज़्यादा मज़े हैं रात भर पापा के साथ सोती हैं मुझे तो छुप छुप के काम चलाना पड़ता हैं ।
पलक - तो हनीमून पे चली जा मज़ा भी आएगा और पापा के साथ सो भी सकती हैं ।अच्छा सुन तु नौकरी के लिए बोली थी तुझे करनी हैं क्या नौकरी ?
गरिमा - हाँ करनी तो हैं
पलक - तो तु एक काम कर मेरे पापा के ऑफिस में ही कर ले वहा एक जगह खाली हैं और इसी बहाने मेरे पापा को तेरी चूत भी मिल जाएगी और हँसने लगती हैं ।
गरिमा - उफ्फ्फ.. तु भी कुछ भी बोलती हैं ठीक हैं कब जाना हैं इंटरव्यू के लिए बता दे में चली जाउंगी ।
पलक - इसकी कोई ज़रूरत नही हैं मैंने पापा से बात कर ली हैं तु बस ऑफिस चली जाना ।
गरिमा - थैंक्स यार तु मेरी कितनी हेल्प करती हैं।
पलक - ठीक है ठीक हैं अब चल मुझे आराम करने दे और ऑफिस का पता भेज दूंगी कल चली जाना ठीक हैं ।
गरिमा भी अपने घर के लिए निकल जाती हैं। ऐसे ही दिन ख़तम होने को हुआ और राहुल ,निधि और आरोही घर चले गये ।शाम की चाय की चुस्की के साथ गरिमा बोली मुझे नौकरी मिल गयी हैं कल से ही जाउंगी ।ये सुन सब बहुत खुश थे । राहुल जाकर मिठाई लाया और सब ने मिलकर खाया ।रात के खाने के बाद सब सोने चले गये । सुबह हुई और सब अपने अपने काम पे निकल गये गरिमा भी अपने पहले दिन ऑफिस के लिए देर नही करना चाहती थी तो वो जल्दी ही निकल जाती हैं।
आरोही की नज़र आज भी रोहिणी को ही ढूंढ रही थी वो आज भी कॉलेज नही आयी थी ।तभी पीछे से किसी ने उसको पकड़ लिया और एक आवाज़ आयी गुड़ मॉर्निंग आरोही ,आरोही पलट के देखती हैं तो पीछे निशा खड़ी थी वो निशा को गुड़ मॉर्निंग बोलती हैं फिर दोनो साथ साथ बातें करते हुए अपनी अपनी क्लास में चली जाती हैं।
धीरे धीरे ऐसे ही समय बीतता चला गया ।दिन महीनों में बदल गये पर रोहिणी का कही भी पता नही चला ।आरोही ने कई बार रोहिणी के घर पे भी गई पर वहा कोई नही रहता था ।समय की मार ने आरोही को मजबूर कर दिया की वो अपनी सबसे अच्छी दोस्त को भूल जाये । दूसरी तरफ रोहन भी आयशा की लेने में कामयाब नही हो पाया था आयशा बस रोहन को अपने चुचे दिखा देती थी ।गरिमा की बुर सुरेश की हो चुकी थी पर कब तक वो छुप छुप के चुदावती ।ऐसे ही चुदाई का ये खेल राहुल एक रात को सुन लिया और सोचने लगा की गरिमा दीदी और पापा कब से कर रहे हैं ,मुझे पता लगाना होगा की ये सब कब से चल रहा हैं यही सोचते सोचते वो सो गया ।
नोट - दोस्तों अब कहानी वर्तमान में चलेगी और बहुत ही रोमांचक होने वाली हैं
बेहतरीन अपडेट हैंअपडेट 16
चिड़िया की चहचहने की आवाज़ से राहुल की आँख खोलती हैं एक नयी सुबह की पहली किरण के साथ वो उठता हैं मन में एक नया उमंग लिए वो जल्दी से उठ के सुबह की ताज़ा हवा लेने पार्क में चला जाता हैं।धीरे धीरे सब उठने लगते हैं आरोही उठ के सबसे पहले अपने भैया को देखने जाती हैं तो दरवाजा खुला था वो अंदर गयी तो राहुल बिस्तर पे नही था ।वो निचे आकर सब से पूछती हैं भैया कहा गये हैं। कोई भी कुछ नही बोलता हैं तभी राहुल को बहार से आता देख आरोही पूछती हैं कहाॅं गये थे अकेले अकेले ?
राहुल - सोचा आज से कुछ नया करूँ तो पार्क गया था ताज़ी हवा लेने और थोड़ी भाग दौड़ भी हो गयी ।
आरोही - भैया आप बहुत बुरे हो मुझे भी उठा देते मैं भी चलती आपके साथ अब से बात ही नही करना मुझे से आप और मुँह फुला के बैठ जाती हैं। राहुल उसके गालो पे एक चूमा लेकर बोलता हैं माफ़ कर दे बहना ।ये सब अचानक था की आरोही शर्मा गयी ।ठीक हैं भैया आप कल रात शर्त हार गये थे याद हैं ना आपको मेरी बात मान नी पड़ेगी ।हाँ मेरी गुड़िया याद हैं मुझे ।तभी गरिमा बोलती हैं लो चाय पियो ।राहुल गरिमा को देख के सोचता हैं दीदी कितनी सती सावित्री हैं दिन में कुछ और रात में कुछ और अब तो आपको मज़ा चखा के रहूंगा दीदी ।आरोही क्या हुआ भैया चाय क्यों नही पी रहे हो ।ये आवाज़ सुन के राहुल बोलता हैं कुछ नही मेरी जान और चाय उठा कर चुस्की लेते हुए बोलता हैं आज कॉलेज नही चलते कही बहार घूमने चलते है क्या बोलती हैं आरोही ?
आरोही खुशी के मारे वाह भैया आज सूरज किस दिशा से निकला हैं ।राहुल बस यार सोचा आज कही बहार घूमे। ये सब निधि भी सुन रही थी ।क्या बात हैं भाई बहुत मज़ा आएगा वैसे चलना कहा हैं । चलो गोवा चलते हैं कुछ दिनों के लिए इतना सुनते ही आरोही और निधि तो उछाल पड़ी ।और जोर जोर से उटिंग करने लगी । तभी बरखा बोली अरे इतनी सुबह सुबह क्यों चिल्ला रही हो।गरिमा मम्मी ये लोग पागल हो गयी हैं । इतने में सुरेश बोला क्या हुआ भाई इतना हल्ला क्यों मचा रखा हैं ।आरोही पापा हम गोवा जाने वाले हैं ।बरखा चुप हो जाओ दोनो की दोनो और सब बैठ के बातें करने लगते हैं।
सुरेश - किसने बोला तुमको की हम लोग गोवा जा रहे हैं।
आरोही - भैया ने बोला हैं पापा वो बहुत खुश होते हुए बोली ।
सुरेश - अच्छा ,राहुल तुमने क्यों बोला और कॉलेज कौन जायेगा अब तो तुम्हारे फाइनल एग्जाम भी आने वाले हैं।
राहुल - पापा कुछ ही दिनों की तो बात हैं। और घर पे रह कर बोर हो गया हूँ। तो सोचा क्यों ना मेरी बहनें भी चले ।
सुरेश - वो सब तो ठीक हैं बेटा पर अकेले तुम लोग कैसे जाओगे मेरा तो जाना मुश्किल हैं नई दुकान की वजह से काम बहुत बढ़ गया हैं और अब तो बरखा भी दुकान संभाल रही हैं ।
राहुल - पापा तो आप लोग मत चलिए मैं आरोही और निधि दीदी ,गरिमा दीदी चले जाएंगे।
इतना सुनते ही गरिमा बोली की नही नही मैं नही जा सकती ऑफिस में भी बहुत काम बढ़ गया हैं सर ने छुट्टी लेने से मना किया हैं । तभी राहुल मन में बोलता हैं की ऑफिस का काम बढ़ गया हैं या चूत का साली तुझे तो गोवा से आकर बताता हूँ
आरोही उदास होकर तो क्या हम गोवा नही जाएंगे और अपना मुँह फुला लेती हैं ।तभी राहुल बोलता हैं कोई चले ना चले हम दोनो चल लेंगे मेरी जान मेरी आरोही उसके गालों को खींचते हुए बोलता हैं।सच में भैया हम लोग जाएंगे गोवा वो उछलते हुए बोली आह्ह..भैया गाल क्यों खींचा दर्द हो रहा हैं और मुक्का मरने लगती हैं जिसको देख सब हँसने लगते हैं। निधि तो क्या मैं नही जाउंगी गोवा ??
राहुल - आपका मन हैं चलना नही तो मत जाना ,मैं तो गोवा जाऊंगा तभी आरोही बोली और मैं भी जाउंगी ।
ऐसे ही बात विचार करते समय गुज़ार गया और सुरेश बरखा दुकान के लिए और गरिमा ऑफिस के लिए निकल गयी ।इधर आरोही खुशी के मारे पूरे घर में मटक रही थी ।
और सोच रही थी की गोवा में कहाॅं कहाॅं घूमेंगी ।
तिवारी फोन पे बात करते हुए तो दूसरा किसका शिकार करना हैं ?
- तिवारी जी बहुत इंतज़ार कर लिया अब बदला लेने का समय आ गया हैं। गुड्डू को फोन देना ।
गुड्डू - जी सर बोलिये
-दूसरा शिकार ...करना हैं वो भी बहुत संभाल कर किसी को कानों कान खबर ना हो पाये ।
गुड्डू ठीक हैं सर मुझे भी अब बदला लेना हैं बहुत दिन इंतज़ार कर लिया अब उस आयशा को रंडी की तरह चोदना हैं । और कॉल कट कर देता हैं।
तिवारी - गुड्डू चलो एक पैग जाम पीते है अपने दुश्मनों के नाम ,रामदास जल्दी से तीन पैग बनता हैं और पीने लगते हैं।
रामदास - तिवारी जी जल्दी से कुछ कीजिये मुझे भी आरोही को चोदना हैं
तिवारी- हाँ हाँ रामदास जल्दी ही वो रंडी हम सबका बिस्तर गरम करेगी साली घस्ती ,वो क्या उस मादरचोद की सभी बहनें हमारे लंड की गुलाम बनेगी उनको बाज़ारू रांड नही बनाया तो मेरा नाम भी मनमोहन तिवारी नही ।
तीनो हँसने लगते हैं। गुड्डू ठीक कहाॅं तिवारी जी मुझे तो उस मोहन(मामा का नाम ) की बेटी को चोदना हैं और उसको रखैल बनाना हैं । नशा उनके सर चढ़ गया था।
रामदास - तिवारी जी रंडी बुला लूँ क्या
तिवारी - नही नही अब नही रंडी चाहिए उस रोहिणी जैसा माल चाहिए साली क्या चीज़ थी । अब तो उस आरोही की चूत मार के ही लंड को ठंडा करूंगा ।
रामदास - निशा को भूल गये क्या तिवारी जी
तिवारी - हाये किसे याद दिला दिया साली बहुत तीखी चीज़ हैं उसको तो दौड़ा दौड़ा के चोदुंगा। साली रंडी गजब की माल हैं । शराब पीकर तिवारी और रामदास मस्त हो चुके थे पर गुड्डू अभी इतने नशे में नही था वो अपने दिये हुए काम को पुरा करने के लिए निकल जाता हैं। गरिमा -सर काम पुरा हो गया आज का क्या मैं जा सकती हूँ
- देखो गरिमा तुम पलक की दोस्त हो इसीलिए कुछ नही बोलता पर यूँ बार बार जल्दी छुट्टी नही दे सकता
गरिमा - ओक सर कोई बात नही और पलक कैसी हैं
- वो एक दम ठीक हैं तुमको याद करती हैं मिल लेना जाकर उससे कभी ,
गरिमा - ओक सर और अपनी जगह पे चली जाती हैं।
- साली मस्त माल हैं पलक ठीक ही बोली थी एक दिन ज़रूर चोदुंगा इसको साली गरिमा ।
इधर घर पे आरोही अपना सामान बांधने में लगी हुई थी ।वो बहुत ज़्यादा खुश थी ।निधि तु अभी से समान क्यों बांध रही हैं पागल पहले टिकट तो आने दे ।दीदी मैं बहुत उत्सुक हूँ गोवा के लिए जल्दी से गोवा पहुंचना चाहती हूँ।
तभी दरवाजे की घंटी बजी तो निधि खोलने गयी ।दरवाजा खोल के देखा तो गरिमा खड़ी थी ।वो अंदर आकर बैठ के निधि से पानी मांगती हैं तो निधि पानी लेने चली जाती हैं।आरोही निचे आती हैं दीदी आप आ गयी ।गरिमा आरोही को देखती हैं और बोलती हैं तु इतना खुश क्यों हो रही हैं
तभी निधि बोलती हैं दीदी ये गोवा जाने के नाम से ही इतनी खुश हो रही हैं पता नही गोवा पहुंच के क्या होगा इसका । गरिमा ये भी कार्टून ही हैं ।
शाम हो चली थी निधि जिम जाने लगी ।इधर राहुल भी 3 टिकट लेकर आ गया था ।जिसे देख आरोही खुशी से फुली नही समा पा रही थी।उसने खुशी के मारे राहुल के गालो पे चूम लिया ।वाओ भैया आप बहुत अच्छे हो ।
निधि जिम में पहुंची थी की विक्की ने उसका हाथ पकड़ लिया और बोला जानेमन कब दोगी ।थक गया हूँ हिला हिला के और हँसने लगता हैं ।जी हाँ विक्की और अजय इसी जिम में वर्कआउट करने आते थे या यूँ बोलो की वो निधि को परेशान करने ही आते थे । काफी समय से निधि को कभी ना कभी परेशान करते रहते थे ।
हरामज़ादे छोड़ मेरा हाथ तुझे तो मेरा भाई ही बताएगा साले हिजड़े इतना बोल कर वो चली जाती हैं।
अजय - भाई ये तो साली इज़्ज़त का कचरा कर गयी
विक्की - कोई नही आज इज़्ज़त का कचरा कर के गयी हैं एक दिन मैं उसकी इज़्ज़त लूट कर इसको अपनी रखैल बनाऊगा साली में बहुत अकड़ हैं ।
रात के 8 बजे निधि जिम से निकल जाती हैं उसके पीछे विक्की और अजय भी निकल जाते हैं ये पहली बार नही था की वो दोनो निधि का पीछा कर रहे थे पर निधि काफी डर चुकी थी वो जल्दी जल्दी चलने लगी।उसे बस घर पहुंचना था। की रास्ते में वो जल्द बाज़ी में किसी से टकरा जाती हैं ।
- देख के चला नही जाता या जवानी का जोश ज़्यादा हैं
निधि - सॉरी सॉरी वो मैं थोड़ा जल्दी में थी वो जैसे ही देखती हैं चौंक जाती हैं ये विशाल सिंह था वो जल्दी से उससे लिपट जाती हैं प्लीज मुझे बचा लो वो लोग मेरा पीछा कर रहे हैं ।
विशाल - इधर उधर देखता हैं और बोलता हैं अच्छा मज़ाक हैं मैडम जी लड़के पटाने का अच्छा तरीका हैं पर ये पुराना हो चुका हैं और उसको अलग कर ले निकल जाता हैं ।निधि भी किसी को आस पास ना पाकर जल्दी से घर के लिए निकल जाती हैं।
सुरेश और बरखा भी घर आ जाते हैं राहुल सब को बताता है की उसने गोवा की टिकट करवा ली हैं और हम लोग कल ही दोपहर को गोवा के लिए निकल जाएंगे ।
आरोही तो भैया कौन कौन जा रहा हैं गोवा ?
राहुल - मैं ,निधि दीदी और तुम
ये सुन के आरोही खुशी से पागल हो गयी और निधि भी बहुत खुश हो चुकी थी अब कुछ दिन उसे आराम जो मिलने वाला था विक्की और अजय से ,सब बहुत खुश थे।
चलो खाना खाते हैं ये आवाज़ सुरेश की थी । खाना खा कर सोने चले गये । पर आरोही कहा सोने वाली थी वो जल्दी से उठकर अपने भैया के कमरे में चली गयी ।इधर राहुल भी गोवा में घूमने के लिए जगह चुन रहा था की वो कहाॅं कहाॅं जाएंगे तभी आरोही को आता देख बोला क्यों नींद नही आ रही हैं तुझको ,भैया अब तो नींद गोवा में ही आएगी वो खुश होते हुए बोली ।तु सच में पागल हैं सोयेगी नही तो गोवा कैसे घूमेगी ।भैया सो तो आप भी नही रहे हो ।मेरी गुड़िया रानी में तो गोवा की तैयारी कर रहा हूँ की कहाॅं कहाॅं घूमेंगे। वाओ भैया यू आर ग्रेट आप दुनिया के सबसे अच्छे भैया हो ।चल अब सो जाते हैं ।काफी रात हो गयी हैं । सुरेश गरिमा को मैसेज करता हैं डार्लिंग आओ ना किचन में मिलते हैं ।
गरिमा भी अपने फोन में ही लगी थी की सुरेश का मैसेज आ गया ।उसने पढ़ के तुरंत रिप्लाई दिया । जान आज की ही तो बात हैं कल से तो मज़े ही मज़े हैं कुछ दिन आज रहने देते हैं।
सुरेश - ठीक हैं डार्लिंग पर कल नही छोडूंगा तुमको कल तुम्हारे दूसरे छेद को खोलूंगा ।और कॉल कट कर देता हैं ।
इधर गरिमा दूसरा छेद ओह्ह माय गॉड मतलब पापा मेरी गांड मरना चाहते नही नही वहा तो बहुत दर्द होता है ।पर पलक तो बोली थी की मज़ा भी बहुत आता हैं तो क्या सच में गांड चुदाई में मज़ा आता हैं ।उफ़..गरिमा तु भी क्या सोच रही हैं सो जा कल की कल देखते हैं ।
राहुल की आँख खुली तो देखा 10 बज गये ।वो जल्दी से उठकर फ्रेश होकर निचे गया । तो बरखा भी बहार जाने को तैयार थी ।तभी राहुल बोला मम्मी आप कहाॅं जा रही हूँ ।
बरखा - बेटा दुकान जा रही हूँ तेरे पापा ने जब से नयी दुकान खुली हैं काम बहुत बढ़ गया हैं ।तुम लोग खाना खा लेना मैं दोपहर हो आउंगी तुमको रेलवे स्टेशन तक छोड़ने बोलकर निकल जाती हैं ।
आरोही - भैया बोलते हुए राहुल से लिपट जाती हैं और बोलती हैं जल्दी से नास्ता कर लो फिर तैयार भी तो होना हैं ।
राहुल मुस्कुराता हुआ तु सच में पागल ही हो गयी हैं अभी कितना समय हैं मेरी जान और कॉलेज भी तो जाना हैं छुट्टी नही ली है । छोड़ो ना एक सप्ताह की तो बात हैं और उसके लिए छुट्टी लेने जाने की क्या ज़रूरत हैं ।
तभी निधि बोली हाँ हाँ भाई से लिपटने के अलावा करना क्या हैं तुझको और हँसने लगती हैं इस बात पे आरोही और राहुल भी मुस्कुरा देते हैं ।अच्छा चलो मुझे कुछ खिलाओ भूख लग रही हैं ।आज आरोही अपने भैया के लिए नास्ता निकल के परोस रही थी जिसे देख निधि मन में बोली बेटा अभी खाना खिला ले गोवा में तो तेरी फाड़ के ही मानेगा भाई और मंद मंद मुस्कुरा देती हैं ।ऐसे ही समय गुज़ारने लगा और दोपहर हो चली ।तभी दरवाजे की घंटी बजी ।निधि ,आरोही यार जाकर देख ले ना कौन हैं
आरोही - दीदी आप क्यों नही जाती हो देख नही रही हो मैं तैयार हो रही हूँ ।
निधि - हाँ हाँ महारानी देख रही हूँ पता नही इतना क्या बन थन रही हैं महारानी जी बढ़बढ़ते हुए दरवाजा खोलने चली गयी ।सुरेश और बरखा साथ खड़े थे ।वो अंदर आते हैं ।हो गयी तैयारी तुम लोगो की ,हाँ पापा हो गयी हैं ।तभी आरोही उतर के निचे आयी सच में वो आज कुछ ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी सुरेश भी उसको देखता ही रह गया ।टाइट जीन्स में उसकी जाँघ की कसावट देख के उसकी आह्ह्ह .. निकल गयी तभी वो पलट गयी और उसकी गांड का उभार सुरेश को अंदर तक झंझौर दिया ,हाये क्या कातिल गांड हैं मेरी छोटी बेटी की उफ्फ्फ.. ये भी खेलने के लिए तैयार हो गयी हैं ।पापा कहा खो गये ये आवाज़ राहुल की थी ।कही नही बेटा तुम लोग तैयार हो गये ।
हाँ पापा चलो वरना देर हो जाएगी तो ट्रेन निकल ना जाये । वो सब लोग गाड़ी में बैठकर निकल जाते हैं ।कुछ ही देर में वो रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं तभी राहुल बोलता हैं ।पापा मम्मी आप लोग जाओ हम लोग चले जाएंगे ।
बेटा प्लेटफॉर्म तक तो चलने दे इतनी क्या जल्दी हैं ।पापा कोई जल्दी नही आप लोग थक गये होंगे तो चले जाओ हम लोग चले जाएंगे ।बरखा ठीक हैं बेटा अब चलो जी इतना क्या सोचना बच्चे बड़े हो गये हैं। इतना बोल के सुरेशा और बरखा सीधा दुकान के लिए निकल जाते हैं। और राहुल ,आरोही ,निधि प्लेटफॉर्म पे जाते हैं जहाँ उनकी ट्रेन आने वाली थी। तभी निधि की नज़र किसी पे पड़ती हैं और वो मन में सोचती हैं की अच्छा तो ये बात हैं तभी मम्मी पापा को घर भेज दिया ।
निधि - आरोही वो देख कौन खड़ा हैं आरोही देखती हैं तो सामने निशा खड़ी हैं।
आरोही - अरे निशा यहा क्या कर रही है ।
निधि - ये भी गोवा जा रही होगी तभी तो मम्मी पापा को भाई ने प्लेटफॉर्म पे आने नही दिया ।
ये सुन के आरोही भैया क्या निशा भी अपने साथ गोवा जा रही हैं । राहुल अब क्या बोलता बेचारा ,हाँ आरोही निशा बोर हो रही थी इसीलिए सोचा वो भी गोवा घूम लेगी ।निधि कुछ सोच के बोली देखा आरोही ये ट्रिप निशा के लिए हैं तेरे ले नही ।ये सुनते ही आरोही गुस्से में आ जाती हैं क्या सच में भैया ये ट्रिप मेरे लिए नही निशा के लिए अपने बनाया हैं । बोलो भैया बोलो ना बोलते क्यों नही हो ।
तभी निशा वहा आती हैं और बोलती हैं क्या हुआ आरोही कोई बात हैं क्या ।आरोही निशा को देख के तुम चुप रहो समझी ना ये मेरे और भैया के बीच की बात हैं । बोलो भैया सच क्या हैं ।
राहुल - मेरी गुड़िया ये ट्रिप तेरे लिए ही बनाया हैं बाकी तो बस ऐसे ही साथ घूम रहे हैं। और निधि दीदी तो कुछ भी बोलती हैं।
आरोही- अच्छा ऐसा हैं तो फिर ठीक हैं ऐसे ही कुछ समय गुज़ार जाता हैं और ट्रेन आ जाती हैं और वो लोग बैठ के गोवा के लिए निकल जाते हैं।
अब कहानी अलग अलग भाग मे लिखी जाएगी मतलब गोवा का ट्रिप के साथ रोहन और आयशा और बाकी आप समझ गये होंगे ।
AWesomeअपडेट 17
ट्रेन पुरी रफ़्तार से चल रही थी सब खाना खा के सो चुके थे । पर राहुल कुछ सोच रहा था काफी देर तक यूँ ही सोचने के बाद वो उठकर पेशाब करने जा रहा था की उसकी नज़र निधि पे गयी जो गहरी नींद में थी उसके कपड़े अस्त वस्त हो गये थे जिससे उसकी आधी चूची बहार को आने को हो रही थी ।ये नज़ारा देख राहुल का लंड हिचकोलें मरने लगा ।तभी उसकी नज़र निशा पे गयी तो वो पता नही कब उठ गयी थी और राहुल को देख रही थी।जैसे ही राहुल की नज़र निशा पे गयी वो ग्लानी से भर गया और जल्दी से बाथरूम चला गया इधर निशा ये सब देख मुस्कुरा दी ।
बाथरूम से आह्ह्ह..उफ्फ्फ...की आवाज़ से राहुल बहार से ही सुन के रुक गया और सुनने लगा ।चोदो भैया आअह्ह..अब रहा नही जाता आपके लंड के बिना आह्ह ...भैया फाड़ दो अपनी बहन की चूत ।तभी एक और आवाज़ आयी आअह्ह्ह..हाँ दीदी तेरी चूत फाड़ के तुझको रंडी बनाऊंगा ।
थोड़ी देर ऐसे ही चला और आह्ह्ह..की आवाज़ से वो शांत हो गये और थोड़ी ही देर में एक लड़का बहार आया तो सामने राहुल को खड़ा देखा ।राहुल को देख लड़के की हालत खराब हो गयी वो पसीने से भीग गया पर कुछ बोला नही और तुरंत वहा से निकल गया कुछ सेकंड के बाद लड़की भी निकली तो सामने राहुल को देख कुछ बोली नही और चली गयी ।इधर राहुल ये सब सुन के आचंभित था की क्या ये सच में भाई बहन हैं और ऐसे खुले में चुदाई को अंजाम दे रहे हैं वो सोच ही रहा था की पीछे से निशा आकर बोली यही रहोगे क्या रात भर ये सुन राहुल अपनी दुनिया से बहार आया और बोला की नही नही और पेशाब करके चला गया निशा अपने आप में ही बड़बड़ायी ये राहुल को क्या हुआ अभी तो ठीक था । रात काफी हो चुकी थी सब सो चुके थे । इधर गरिमा अपने पापा के साथ बिस्तर पे बैठे हुए थी ।
सुरेश - आज तो पीछे से ही करना हैं जान ,पीछे का भी छेद खुलावा लो बहुत मज़ा आएगा ।
गरिमा - पापा पर पीछे तो बहुत दर्द होगा।
सुरेश - मज़ा भी तो बहुत आएगा डार्लिंग एक बार करवा के देखो बार बार गांड ही मरवाओगी ।
गरिमा - कुछ सोच के ठीक हैं पापा देखती हूँ, वैसे पलक बोली थी की पीछे की गली खुलवाने में भी बहुत मज़ा आता हैं ।
सुरेश - खुश होता हुआ वाह जान ये हुई ना बात और उसके होंठों को अपने होंठों में भर लेता हैं। दोनो बाप बेटी एक दूसरे को बेतहसा चूमे जा रहे थे । गरिमा ने मस्ती में सुरेश का लंड को पकड़ लिया और सुरेश भी गरिमा की गाण्ड को मसले जा रहा था। दोनो ने अपना मुँह खोल के एक दूसरे की जीभ का स्वागत किया ।लार से दोनो का मुँह भर चुका था ।इधर सुरेश गांड की दरार में ऊँगली करने लगा था ।कुछ देर होंठों को खाने के बाद दोनो अलग होते हैं दोनो ही जोर जोर से साँसे ले रहे थे की एक दूसरे को देख मुस्कुरा दिये ।सुरेश ने जल्दी से अपने कपड़े उतर के बिस्तर पे लेट गया,गरिमा भी समझ गयी और वो भी सुरेश की टाँगें के बीच बैठ के लंड पकड़ लेती हैं। गरिमा सुरेश की आँखों में देखती हैं और मुस्कुरा के लंड पे जीभ फेर देती हैं ।सुरेश भी इस एहसास से आँखें बंद कर लेता हैं।
गरिमा भी गपा गप लंड मुँह में लेकर चूसने लगी इस मस्ती और मज़े में सुरेश की सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह .. गरिमा उम्म्म..चुसो बेटी आह्ह... ,लंड थूक से गीला होकर चमक रहा था ।गरिमा बहुत सारा थूक सुरेश के लंड पे उगल देती हैं और लंड को पकड़ के हिलाते हुए बोलती हैं ।आह्ह ..पापा आपका लंड कितना मस्त हैं और फिर से मुँह में भर कर चूसने लगती हैं ।कुछ देर की चुसाई के बाद गरिमा नंगी हो जाती हैं और जाकर सुरेश के मुँह पे बैठ जाती हैं। सुरेश भी अपनी जीभ को चूत पे रख देता हैं जैसे ही गरिमा चूत पर जीभ महसूस करती हैं । वो एक दम से मचल जाती हैं।निचे से सुरेश चूत पे जीभ घुमाये जा रहा था। लगातार चूत पे जीभ के घुमाव के कारण गरिमा की सिसकियाँ निकलने लगती हैं आह्ह ... पापा चाटो ऐसे ही उफ्फ्फ...पापा बेटीचोदी साले भड़वे आह्ह्ह .. इस तरह गरिमा बहुत गरम हो जाती हैं । और वो मस्ती में बोलती हैं चोद दो पापा अब रहा नही जाता इतना सुनते ही सुरेश उठकर बोला घोड़ी बन साली ,गरिमा जल्दी से घोड़ी बन जाती हैं ।सुरेश बिना कुछ सोचे ही गांड में मुँह घुसा देता हैं ।पहली बार गरिमा की गांड को कोई चाट रहा था इस एहसास से गरिमा और गर्म हो गयी और आहे भरने लगी आअह्ह...पापा कितना मज़ा आ रहा हैं गांड चटवाने में उफ्फ्फ..आप सच बोले थे गांड का भी अलग मज़ा हैं
सुरेश भी गांड को चाटना छोड़ के बोला अभी तो लंड जायेगा तब देखना कितना मज़ा हैं और फिर से चाटने लगता हैं गांड को फैला के जीभ को छेद पे जैसे ही घूमता हैं गरिमा की आह्ह्ह ..निकल जाती हैं आह्ह्ह ..पापा...
गांड थूक से पुरी तरह गीली हो चुकी थी ।उसने जल्दी से लंड गांड के छेद रख के रगड़ा ही था की गरिमा गांड उछलने लगी आह्ह..पापा डालो ना । सुरेश ने लंड को गांड के छेद पे रखकर जोर का धक्का मारा और लंड का टोपा गांड को खोलता हुआ समा गया गरिमा की एक आह्ह भारी चीख निकल गयी आह्ह्ह ...भोसड़ी के मादरचोद निकाल साले दर्द हो रहा हैं । सुरेश जान बस थोड़ा और वो जल्दी से एक और धक्का मार देता हैं जिस से गरिमा की गांड फट जाती हैं ।वो दर्द के मारे बिलबिला उठती हैं आह्ह्ह.. मादरचोद भड़वे फट गयी गांड आह्ह....रंडी के पिल्ले और रोने लगती हैं सुरेश गरिमा की ऐसी हालत पे घबरा जाता हैं ।और बोलता हैं ।इतना मत चिल्ला साली तेरी माँ उठ जाएगी ।गरिमा बोली माँ के लोड़े तेरी गांड फटेगी तब बोलियो की मत चिल्ला हरामी साले निकाल लंड बहार,सुरेश बोला अब इतना हो गया हैं तो थोड़ा और सह ले साली और धीरे धीरे अपनी कमर चलाने लगता हैं गांड का गुड़गाँव बन ना शुरु हो चुका था ।इधर गरिमा की दर्द भारी सिसकियाँ निकलने लगी आह्ह्ह .. बेटीचोद दर्द हो रहा हैं और जलन भी हो रही हैं तेल लगा ले भोसड़ी के, ये सुन के सुरेश लंड निकल देता हैं जिससे गरिमा को थोड़ी राहत मिलती हैं । सुरेश लंड को देखता हैं तो उसपे खून लगा हुआ था ।ये देख सुरेश थोड़ा घबरा जाता हैं पर हवस उसपे हावी होती हैं इसीलिए वो गरिमा को कुछ नही बोलता । लंड पे तेल लगा के और गांड पे तेल लगाने वाला होता हैं की उसकी गांड पे खून लगा था ।वो जल्दी से तेल लगा के लंड को गांड के छेद पे रख के धीरे धीरे घुसा देता हैं इस बार उतना दर्द तो नही पर उसकी गांड में जलन होना थोड़ा कम हुआ और हलका दर्द के साथ लंड गांड की गहराई में उतर जाता हैं ।
सुरेश धीरे धीरे गांड चुदाई शुरू कर देता हैं गरिमा को ये दर्द अब कुछ मीठे दर्द में परिवर्ती हो चुका था आअह्ह .. पापा चोदो और जोर से चोदो अच्छा लग रहा हैं ।सुरेश ये सुन मुस्कुरा देता हैं और जोर जोर से धक्के लगाने लगता हैं आह्ह्ह ...पापा उफ्फ्फ...साले थोड़ा धीरे चोद मादरचोद ,अब तो सुरेश को भी मज़ा आने लगा था वो गांड चुदाई की मस्ती में बोला चुप साली रांड ,माँ की लोड़ी कुत्तिया तु मेरा लंड लेने के लिए ही जन्मी थी साली भड़वी आह्ह्ह ...गरिमा रांड आज फाड़ दूंगा तेरी ये मस्तानी गांड आह्ह्ह ..रंडी थोड़ी देर गांड की कुटाई के बाद सुरेश लंड को चूत में डाल के धक्के मरने लगता हैं ।अब गरिमा भी सब कुछ भूल के मज़े लूटने लगती हैं आअह्ह्ह ...पापा फाड़ दो पापा मेरी चूत गांड को उफ्फ्फ..., सुरेश से भी अब ये मस्ती बर्दाश्त नही होती और बोलता हैं आअह्ह ...साली बोल मज़ा आ रहा हैं ना तुझे बोल साली रंडी । हाँ पापा बहुत मज़ा आ रहा हैं आह्ह ...चोदो मुझे चोदो ,सुरेश भी कभी गांड तो कभी चूत बारी बारी से दोनो छेद खोलने में लगा था ।ऐसे ही ये चुदाई का सिलसिला चलता रहा तभी गरिमा झड़ने लगी और ठंडी होकर मुरझा गयी इतने में सुरेश ने लंड चूत से निकल के गांड में डालकर 3-4 धक्के ही मारे की आह्ह्ह ... करते हुए उसका लंड गरिमा की गांड को भीगाने लगा और हांफ्ते हुए दोनो बिस्तार पे धारासाही हो गये और जोर जोर से सांसे लेने लगते हैं । जब गरिमा को होश आया तो उसने गांड में ऊँगली करके वीर्य को चाटने लगी। ये सब देख सुरेश मुस्कुरा जाता हैं । कुछ देर बाद गरिमा उठने को हुई तो उसकी गांड में इतनी तेज़ का दर्द उठा की उसकी आह्ह निकल गयी । जैसे तैसे सुरेश गरिमा को उठा के बोला कुछ दिन दर्द होगा जान उसके बाद सिर्फ मज़ा आएगा कल में तुमको दवाई दे दूंगा बोल के अपने कमरे में चला जाता हैं इधर गरिमा भी आह्ह करते हुए सो जाती हैं । सुरेश को अपने बिस्तर पे ना पाकर बरखा उठ के बैठी थी तभी सुरेश कमरे में जाता हैं तो बरखा को देख के चौंक जाता हैं अंदर ही अंदर उसकी गांड फट गयी थी ।तभी बरखा बोली कहा गये थे ।सुरेश कुछ नही बरखा पेशाब करने गया था । बरखा हम्म..चलो सो जाओ सुबह दुकान जाना हैं ।
सुबह की पहली किरण और चिड़िया की चू चू की आवाज़ से आयशा की आँख खुलती हैं ।जो उठकर अंगड़ाई लेती हैं और काम करने लगती हैं धीरे धीरे सूरज देवता का प्रकाश पूरे गाँव में फ़ैल जाता हैं तभी रोहन उठता हैं और सीधा उसकी नज़र आयशा की चूची पे जाती हैं जो सामने झुक के झाड़ू लगा रही थी चोली में कैद उसके उभार रोहन को मस्त कर गये उसने भगवान को धन्यवाद किया और उठकर फ्रेश होने चला गया ।रोहन भी अब अपने खेत में काम करने लगा था तो वो नास्ता करके खेत में चला जाता हैं ।इधर राहुल ,निशा ,निधि और आरोही भी उठ कर सफर का मज़ा ले रहे थे की आरोही बोली भैया गोवा कब आएगा ।अभी तो बहुत दूर हैं आरोही आज का पुरा दिन और रात उसके अगली सुबह हम लोग गोवा में होंगे समझी ।क्या इतना समय क्या करेंगे भैया और उदास हो जाती हैं ।निधि क्या करेंगे क्या सफर का मज़ा लेते हैं और क्या ।तभी निशा बोली हाँ राहुल तो कल रात सफर का अच्छा मज़ा ले रहा था और मुस्कुरा देती हैं जिसे सुन राहुल की सीटी पीटी गुम हो जाती हैं ।आरोही अच्छा क्या मज़ा लिया भैया बताओ ना ।निशा हाँ राहुल बता दो ना क्या मज़ा लिया और मुस्कुरा देती हैं ।अब बेचारा राहुल क्या बोलता वो उठकर बोलता हैं अभी आता हूँ ।और बाथरूम की तरफ निकल जाता हैं ।इधर निशा मुस्कुरा के मन में बोलती हैं अच्छा जी कब तक बचोगे में भी देखती हूँ ।निधि क्या मज़ा किया भैया ने तुम ही बता दो तो निशा बोली कुछ नही यार बस ऐसे ही बोली में तो बस तुम सोते हुए अपने कबूतर ढक कर सोया करो और मुस्कुरा देती हैं ।आरोही समझ नही पाता पर निधि ये सुन शर्मा जाती हैं ।आरोही कबूतर कैसे कबूतर निशा ,निशा अरे बुद्दू और अपने उभार की तरफ इशारा करते हुए बोली ये और क्या ।आरोही भी शर्म से लाल हो जाती हैं इधर निधि के मन में क्या भैया रात को मेरी चूची देख रहे थे ओह गॉड और शर्म से कुछ बोल नही पाती हैं । बरखा और सुरेश नाश्ता कर चुके थे पर गरिमा अभी तक निचे नही आयी थी तभी बरखा उसको बुलाने गयी गरिमा उठ बेटा सुबह कब की हो गयी हैं आज ऑफिस नही जाएगी क्या? मम्मी सोने दो ना आज जाने का मन नही हैं ।तो निचे चलकर दरवाजा तो बंद कर ले दुकान पे जाने का समय हो गया हैं ।गारिम ठीक हैं मम्मी और वो उठकर जैसे ही बिस्तर से उठने को होती हैं उसकी आह्ह्ह निकल जाती हैं ।क्या हुआ गरिमा
कुछ नही मम्मी बस ऐसे ही वो जैसे तैसे दर्द सह के उठती है और निचे जाती हैं ।बरखा बेटा खाना बना दिया हैं खा लेना बोल के बरखा और सुरेश निकल जाते हैं वो दरवाजा बंद करके सोफे पे बैठ कर आहे भरते हुए उफ्फ्फ..बेटीचोद ने गांड फाड़ दी कितना दर्द हो रहा हैं ।पर दूसरे हर पल उसको गांड चुदाई की मस्ती याद आ जाती हैं और वो मुस्कुरा के बोलती हैं मज़ा तो आया बहुत पर दर्द भी बहुत हुआ ।वो सोफे पे ही सो जाती हैं
इधर राहुल थोड़ी देर बाद आता हैं और बोलता हैं भैया यहाँ भी चार चाय दे दो और बैठ के पकोड़े के साथ बातें करते हुए सफर का मज़ा लेते हैं ।
दोपहर हो चली थी रोहन खेत से नही आया तो आयशा ही उसको बुलाने को गयी ।रोहन खेत जोत रहा था। तभी आयशा को देख के ट्रैक्टर रोक के उतरता हैं उसके पास आकर बोलता हैं तुम यहाँ क्या कर रही हो।भैया दोपहर हो चुकी हैं खाना नही खाना क्या ।मैं घर ही आने वाला था आयशा ,कोई ज़रुरत नही हैं मैं खाना लेकर ही आयी हूँ ।
रोहन ये सुन मुस्कुरा देता हैं और बोलता हैं आज तो तुम बिल्कुल पत्नी वाला काम कर दी ।ये सुन के आयशा शर्मा जाती हैं और बोलती हैं भैया ये कुछ ज़्यादा ही हो गया ।
दोनो पेड़ की छाँव में बैठकर खाना खाते हैं । थोड़ी ही देर में खाना ख़त्म करके हाथ मुँह धो कर रोहन उठता हैं की आयशा थोड़ा झुक के बर्तन उठा रही थी तभी उसकी नज़र उसके चोली में गयी जहा चूचियाँ पसीने से भीगी हुई दुखाई दे रही थी ।ये सब देख रोहन का लंड सर उठाने लगा और तभी आयशा की नज़र रोहन पे गयी जो उसकी चूची को ही देखे जा रहा था आयशा ये सब देख के मुस्कुरा देती हैं और बोलती हैं भैया देख लिया तो मै जाऊं ना ये सुनते ही रोहन शर्मा गया। आयशा उठते हुए बोली अभी देख लो बस इतना बोल के वो मुस्कुरा देती हैं तभी रोहन बोलता हैं कभी चोली उतर के भी दिखा दे तो कुछ बात बने । ये सुन आयशा बोली ठीक है भैया मुझे नदी किराने ले चलो तब चोली खोल के क्या घाँघरा उतर के टाँगें फैला दूंगी और हँसते हुए भाग जाती हैं ।ये सुन के रोहन चिल्ला के बोलता क्या सच में नदी पे वो इतना ही बोल पाता हैं की आयशा बहुत दूर निकल जाती हैं ।
जैसे तैसे दिन बीत जाता हैं और राहुल ,निधि ,निशा और आरोही खाना खा के बर्थ पे लेट जाते हैं। इधर रोहन को आयशा से बात करने का समय ही नही मिल पा रहा था जब भी रोहन बात करना चाहता आयशा कभी मम्मी से चिपक जाती तो कभी अपने पापा से बात करने लगती देखते ही देखते समय गुज़ार गया और वो लोग खाना खा के सोने चले गये । रात का एक पहर बीत गया पर रोहन के आँखों में तो नींद ही नही थी वो जैसे तैसे उठकर आयशा के पास जाता हैं जो आज आंगन में ही चटाई पे सो रही थी । रोहन चुपके से आयशा के करीब जाता हैं उसका दिल जोरो से धड़क रहा था थोड़ी हिम्मत करके वो उसके साथ ही लेट जाता हैं उसके बदन की गर्मी रोहन को महसूस होने लगती हैं ।पाता नही कैसे पर रोहन आयशा से चिपक जाता और उफ्फ्फ..पहली बार आयशा के बदन की छुवान ने रोहन को अंदर तक झंझौर दिया उसके धड़कने तेज़ हो गयी।हाथ कांपने लगे ।उसने कांपते हुए हाथों को धीरे धीरे आगे बढ़ाया और ले जाकर आयशा के चुचो पे रख दिया ।इस एहसास से रोहन का लंड खड़ा होने लगा उसने थोड़ी और हिम्मत की और चूची को धीरे से दबा देता हैं आह्ह्ह .. ये एहसास उसको मदहोश कर गया और उसके मुँह से अपने आप ही निकल गया आह्ह्ह .. क्या चूची हैं तेरी आयशा और इस मस्ती को पाने के लिए वो फिर से आयशा की चूची के दबाने लगता हैं आह्ह .. आयशा वो धीरे धीरे से कब जोर जोर से मसलने लगा उसको खुद भी पता नही चला।उसका लंड आयशा की गांड पे रगड़ खाने लगा ।वो मस्ती में खो गया था । आयशा अपने जिस्म पे किसी का हाथ पाकर उठ गयी और जोर से चिल्लायी चोर चोर ये सुनते ही रोहन की गांड फट गयी और उसने जल्दी से आयशा का मुँह अपने हाथ से बंद करके बोला आयशा मैं हूँ रोहन ,ये सुन आयशा चुप हो गयी और बोली भैया तुम ये सब क्या कर रहे हो ।तभी उनकी मम्मी उठ गयी और बोली कहा हैं चोर ? ये आवाज़ से रोहन जल्दी से अलग हुआ और बोला हाँ आयशा चोर कहा हैं ,तब तक उनकी मम्मी आ गयी तो आयशा ने बात को संभालते हुए बोली की मम्मी मैंने सपना देखा था की चोर हमारा सब कुछ चुरा कर ले गया । इसपे उसकी मम्मी हँसते हुए बोली तु भी ना और एक प्यार से चपात मरते हुए बोली ।फिर
वो चली गयी और आयशा ,रोहन को बोली भैया आपको शर्म नही हैं। आपको तो कल बताती हूँ बोल के सो गयी इधर रोहन को अपनी गलती पे पछतावा हो रहा था की वो हवस में क्या कर गया कही आयशा पापा को ना बोल दे ये सब सोच के ही उसकी गांड फट रही थी ऐसे ही वो भी सो गया ।
इधर गरिमा पापा आज के बाद गांड नही दूंगी कितना दर्द हो रहा हैं और चिल भी गया हैं आप बहुत गंदे हो ।
सुरेश - गरिमा मुझे माफ़ कर देना हवस ने मुझे पागल कर दिया था । और ये दवाई ले इसको खा लियों और इसको लगा लियो ठीक हैं ।
वो दवाई लेकर वोली ठीक हैं तभी सुरेश बोला जो मज़ा आया गरिमा उसका क्या इस बात को सुन गरिमा मुस्कुरा गयी पर कुछ बोली नही ।सुरेश सोने चला जाता हैं । गरिमा दवाई खाकर और दवाई लगाकर सो जाती हैं ।
इधर सुरेश बरखा की बुर में लंड पेलते हुए बोल रहा था आह्ह्ह .. साली रंडी क्या बुर हैं तेरी उफ्फ्फ.. बरखा रानी
बरखा भी मस्ती में आह्ह्ह राजा चोदो और जोर से चोदो मुझे उफ्फ्फ .. और कुछ ही देर में झाड़ के सो जाते हैं ।
दूसरी तरफ विक्की और अजय दारु पीते हुए
विक्की - साली निधि नही आयी ।
अजय - लगता हैं भाई रंडी डर गयी हैं । बहन की लोड़ी इसीलिये नही आयी ।
विक्की - कोई नही कब तक बचेगी रंडी कल ही उसकी चूत में लंड देता हूँ और दोनो हँसने लगते हैं ।
तिवारी - बेटा सो जा कितना पियेगा ।
विक्की - पापा मुझे पीने का शौंक नही , पीता हूँ गम भुलाने को ,
तिवारी - अच्छा क्या गम हैं तुझे
विक्की - पापा मुझे उस राहुल मादरचोद से बदला लेना हैं और निधि और आरोही को चोदना हैं इतना बोल के वो अपने पापा से लिपट जाता हैं ।
तिवारी - हाँ बेटा कुछ दिन रुक जा , वो रंडियों बहुत जल्द ही तेरे बिस्तर पे टाँगें खोल के पड़ी होंगी।