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अपडेट 27
राहुल को होश आने लगा था पर वो अभी भी अपनी आँखें पुरी तरह से अपनी आँखें नही खोल पा रहा था।
उसने नज़रे दौड़राई और देखा तो चारों तरफ कूप अंधेरा था । कुछ भी दिखाई नही दे रहा था ।
तभी किसी के कदमों की आहट उसके कानों में गयी ।दरवाजा खुलने की आवाज़ हुई और एक तेज़ रौशनी कमरे में फैल गयी पुरा कमरा प्रकाश में नहा गया ।
तभी राहुल पे पानी की बाल्टी उड़ेल दी गयी ।
आह कौन हैं वो लड़खड़ती हुई जुबान में बोला। वो पानी से होश में आया और आँखें खोले देखने लगा उसके सामने चार मर्द खड़े थे वो उनको देखे जा रहा था । वो उठने की कोशिश करने लगा पर उसके हाथ पैर बन्दे हुए थे वो जोर से चिल्ला के बोला कौन हो तुम मेरी बहन कहा हैं ।
" सवाल मैं करूंगा तु बस जवाब देगा एक भारी सी आवाज़ उन चारों मर्दों के पीछे से आयी। राहुल ने नज़रे गड़ा के देखना चाहा वो देख के चौंक गया ।और बोला आप।
" आपने मुझे क्यों बंधा हुआ हैं मेरी बहन कहा हैं ?
" लगाता हैं तुमने सुना नही सवाल मेरा होगा जवाब तुम्हारा ।
"उसके लिए एक कुर्सी लगायी गयी वो आकर बैठा बाकी लोग बहार चले गये । राहुल गुस्से से जल रहा था उसकी आँखें गुस्से से लाल हो रही थी ।अपनी आरोही को देखने के लिए तपड़ रहा था की फिर उस आदमी ने कुछ कहा ।"
" निशा को कब से जानते हो ??
" राहुल बस एक टक देखता रहा और बोला आपका निशा से क्या मतलब हैं आप उसके बारे में क्यों पूछ रहे हो ।
" वो आदमी गुस्सा होते हुए बोला लगता हैं तु ऐसे नही मानेगा वो उठा और उठकर जाने लग ।
"तभी राहुल बोला में बस बता दूंगा पर मेरी आरोही कहा हैं ये बता तो बस प्लीज ।
" वो बैठा और बोला मेरे सवालों का जवाब दो फिर आरोही के बारे में जो पूछना चाहते हो पूछ लेना बस इतना जान लो वो अभी सही सलामत हैं ।
" तो पूछिए क्या पूछना है आपको राहुल निराश होकर बोला ।
" निशा को कब से जानते हो और तुम्हारा क्या रिश्ता हैं उससे ??
" जी वो निशा और मैं एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं । पर उससे पहले ही मैं निशा को जानता था। क्योंकि हम एक ही स्कूल में भी साथ पढ़ते थे । और वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।
" और बताओ ?
" और कुछ नही जो हैं बता दिया ।
" चुतिया समझता हैं तु मुझे तु वही राहुल हैं ना जिसको किसी तिवारी नाम के विधायक ने परेशान किया था । सिर्फ दोस्त होते तो निशा रो कर मुझे कॉल नही करती ।और इतना जल्दी वो किसी के लिए सहयता नही लेती पर तुम्हारे लिए लिया ।
ये सुनते ही राहुल चौंक गया उसका मुँह खोला रह गया और सामने वाले आदमी को देखे जा रहा था अब वो सब समझ गया था की उस दिन अचानक ही कोई उसे और उसकी बहनों को कोई बचाने कैसे आया तो वो निशा ने किया पर कैसे वो इतने बड़े आदमी को कैसे जानती हैं पुरानी सारी बातें उसके दिमाग़ में घूमने लगी कही निशा इनकी बेटी तो नही ,तिवारी की वो बात उसको याद आ गयी
"तभी वो आदमी बोला बता बात क्या हैं ।
" आप को निशा क्यों कॉल की क्या रिश्ता हैं आपका ??
" चुप साले सवाल में करूंगा जवाब तु देगा समझा ।वरना तेरी उस लौंडिया क्या नाम था आरोही याद हैं ना ।
" राहुल थोड़ा घबरा गया था वो बोला निशा और मैं एक दूसरे को प्यार करते हैं मैं उसको बहुत चाहता हूँ वो एक दम से बोल गया ।
" एक हलकी मुस्कुराहट लिए वो आदमी बोला हम्म.. तो ये भी बता की उस तिवारी के लड़के तुझे और निशा को अभी भी परेशान कर रहे हैं ।
" जी हैं वो पता नही हमारा पीछा नही छोड़ रहे हैं वो हमको परेशान करते ही रहते हैं ।
" तु निशा को सच्चे दिल से चाहता हैं या ऐसे ही मज़े लेने का सोच रहा हैं सच बता ।
" जी मैं निशा को बहुत चाहता हूँ मैं उसको बोल नही पाया कभी पर मुझे उससे बहुत प्रेम हैं उसकी आँखें नम हो गयी थी ।
"एक हलकी हंसी गूँजी ।राहुल उधर ही देखने लगा । वो आदमी बोला अच्छा सही हैं और जाने लगा ।
" रुको मेरी बहन कहा हैं मुझे खोलो प्लीज । वो रोता रहा पर वो चला गया ।
***********
इधर निशा ने राहुल को कई कॉल किये पर उसका वो एक भी कॉल नही उठा रहा था । निशा परेशान हो गयी थी ना राहुल आया ना ही आरोही वो सोच ही रही थी की पीछे किसी ने उसके गांड पे हाथ लगा दिया । वो पलट के देखी तो विक्की और अजय खड़े थे ।
"हाये क्या मस्त मुलायम चुतर हैं विक्की बोला ।
" निशा ने गुस्से से उसको देखा और बोली लगता हैं तेरे दिन फिर गये हैं जो तु मुझे छूने की हिम्मत की हैं।
" जाने मन उस नपुंसक में क्या रखा हैं एक बार हमसे चुदवा के देखो ना । विक्की ने ये बोला और दोनों हँसने लगे ।
" हरामज़ादे बोल के निशा निकल गयी ।
"इधर आरोही को होश में लगया गया वो होश मैं आते ही चिल्लाने लगी कौन हो तुम लोग, कहा हूँ मैं छोड़ दो मुझे ,मेरे भईया कहा हैं ।"
" चुप एक दम चुप दोनों सही सलामत हो कुछ देर में घर छोड़ देंगे । उसका मुँह बंद कर दिया आँखों पे पट्टी बाँधने लगे तो आरोही छटपटाने लगी। पर जैसे तैसे हाथ और चेहरा ढक के गाडी में बैठा दिया ऐसा ही राहुल के साथ भी किया गया और उसको भी गाडी में बैठा दिया । करीब आधे घंटे के बाद उनको उतार के उनके हाथ खोल दिये और चले गये ।आरोही और राहुल ने अपने चेहरे से कपड़ा हटाया और दोनों ने एक दूसरे को देखा और गले लग गये ।दोनों की आँखें नम होने लगी।
"तु ठीक तो हैं ना आरोही...वो उसके बदन को इधर उधर करके देखा ।
" हाँ भईया में ठीक हूँ आप तो ठीक हो ना।
" तुझे किसी ने कुछ किया तो नही किसी ने मारा हो सवाल किया हो ।
" नही भइया कुछ नही हुआ हैं मैं तो बेहोश हो गयी थी। जब उठी तो एक बड़े से बेड पे सोई हुई थी । और मुझे तो जूस भी दिया गया ।
राहुल समझ जाता हैं की ये सब उससे पूछने के लिए किया गया था इसमे आरोही कुछ नही जानती ।
" वो लोग कौन थे भइया, थे तो कमीने पर जूस और खाना देने का समझ नही आया ।
" पता नही कौन थे ।
"वो आरोही से झूठ बोलता हैं और जब उनकी नज़र आस पास के घरों पे जाती हैं तो वो हैरान थे ये तो उनका ही मोहल्ला हैं और सामने ही उनका घर भी था । दोनों खुशी से एक दूसरे को देखे और घर की तरफ चल दिये । उसने आरोही को ये बात ना बताने के लिए बोल दिया । आरोही ने भी सर हाँ में हिला दी ।
निधि ,आयेशा और रोहन कैरम खेल रहे थे की दरवाजे की घंटी बजी और रोहन खोलने गया ।
" कौन हैं रोहन निधि ने दूर से ही पूछा ।
" कौन होगा दीदी मैं हूँ आरोही ने अपने स्टाइल मैं बोली ।
" अच्छा ये महारानी और महाराजा आये हैं चलो बैठ के आराम करो फिर खाना खुद ही निकाल के खा लेना देखो हमारा खेल चल रहा हैं ।
राहुल और आरोही सड़ा हुआ मुँह के कमरे में चले जाते । आरोही बिस्तर पे पसर के सो जाती हैं पर राहुल तो किसी और आग में ही जल रहा था ।उसने निशा को कॉल करने के लिए अपना फोन ढूढ़ा पर मिला नही ।उसे याद आया कही उनके घर पे तो नही रह गया । वो सर पकड़ के बेड पे बैठता बोला। लग गये लोड़े...
*******
इधर ऑफिस में गरिमा आज कपिल से आँख नही मिला पा रही थी पर आज आकाश से उसकी अच्छी दोस्ती हो गयी थी दोनों ने आज काफी समय साथ ही गुज़ारा उधर कपिल अपने केविन में बैठा गरिमा की चुदाई के सपने में खोया हुआ था ।
शाम हो चली थी राहुल तैयार होकर निकलने वाला होता हैं की रोहन उसको बोलता कहा जा रहा हैं मुझे भी साथ ले यार ।
" आता हूँ फिर चलते हैं ।
पलक ने गरिमा से कॉल पे बात कर रही थी ।
" क्या सोचा साली तूने बताई भी नही नाराज़ हो गयी हैं ।
" नहीं यार तुझसे कैसी नाराज़गी पर मैं अभी तक सोच नही पायी हूँ मैं रात को बताती हूँ ।
" चल ठीक हैं कोई जबरदस्ती नही हैं तु सोच के बता देना जब मैं तो तेरा भला सोच के बोली थी ।
*******
निशा की आँख दरवाजे की घंटी से खुलती हैं वो जाकर दरवाजा खोलती हैं । तो सामने राहुल खड़ा था उसको देख वो हैरान होती हैं। पर राहुल गुस्से से आग बाबूला हुए जा रहा था वो निशा को पकड़ के दरवाजा बंद किया और निशा को बिस्तर पे पटक दिया ।
" राहुल ये क्या मज़ाक हैं
" चुप बिल्कुल चुप अब सवाल में करूंगा तुम बस जवाब दोगी ।
"निशा राहुल की ऐसी हरकत से आँखें फाड़े ही उसको देख रही थी । वो कुछ बोलना चाहती थी पर बोल नही पा रही थी ।"
" ये बताओ योगराज देशमुख कौन हैं तुम्हारा ??
ये सुन निशा की आँखें बड़ी हो जाती हैं वो कुछ नही बोलती हैं तो राहुल गुस्से से उसको पकड़ के उसकी गांड पे जोर से मरता हैं ।।वही निशा की एक दर्द भरी आह्ह्ह निकल जाती हैं । उसकी आँखें नम हो चुकी थी ।वो राहुल को अपनी नम आँखों से देखती हैं और बोलती हैं तुम जानवर हो क्या ये क्या कर रहे हो । मुझे दर्द होता हैं । मैं भी इंसान हूँ हर कोई मुझे बस जानवर समझता हैं तुमपे भरोसा किया था की तुम एक अच्छे इंसान हो पर तुम भी एक जानवर ही निकले राहुल वो रोने लगती हैं ।
राहुल का मन भी ऐसा नही था वो तो बस आज हुए घटना से गुस्से में था उसने निशा को देखा उसकी आँखों में आंसु आ चुके थे ।पर वो बहार आकर गिरते की राहुल ने उसपे होंठ लगा दिये और वो उसके होठों से मुँह समा गये । निशा को जब ये एहसास हुआ तो वो राहुल से दूर होकर उसको देखी ।राहुल की आँखें भी भीग चुकी थी । उसको विश्वास नही हो रहा था की उसके दर्द से राहुल को भी दर्द होता हैं ये देख वो हलकी सी मुस्कुरा दी । और बोली ।
" तुम क्यों रो रहे हो तुम तो मुझे मरने आये हो ना बिना कुछ जाने लो मार लो वो अपनी गांड उभार दिखाते हुए बोली ।
जिसे देख राहुल ने उसपे हाथ रखा और निशा डर गयी पर राहुल ने आहिस्ता से एक ऊँगली गांड की दरार में घुसा दी जिससे निशा के मुँह से आउच निकल गया और वो जब समझी तो मुस्कुरा दी राहुल ने गोलाईयों को सहलाया और चूम लिया । निशा मचल के रह गयी । जहाँ कुछ देर पहले गुस्सा और नफरत थी अब वही प्यार और सिर्फ प्यार था ।दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।
" माफ़ कर दो निशा वो मैं गुस्से में कुछ ज़्यादा ही कर दिया ।
" निशा कुछ नही बोली ।तो राहुल ने उसकी गांड में फंसी हुई ऊँगली को हलके से आगे पीछे किया और निशा की आह्ह निकल गयी ।
"वो राहुल को देखी और बोली क्यों किया गुस्सा जब इतना प्यार करते हो तो ।
" तुम्हारे पापा की वजह से उसने एक सपाट उतर दिया।
जिसे सुन निशा का चेहरा मुरझा गया । और पर दूसरे ही पल वो जब समझी की राहुल क्या बोला तो वो आँखे। बड़ी करके बड़ी तुमको कैसे पता मेरे पापा कौन हैं
" मुझे पता हैं तुम गृहमंत्री योगराज की बेटी हो
" निशा तो जैसे कुछ बोल ही नही पायी की राहुल ये कैसे जानता हैं वो तुरंत अलग हुई और बोली तुमको किसने बताया ।
" राहुल मुस्कुरा के बोला अपने बाप से ही पूछ लेना जाने मन आरोही और मुझे किडनैप करवाया था ,अब उसकी बेटी चोद के बदला लूँगा ।
" निशा मुस्कुरा दी और बोली छी... तुमको शर्म नही आती हैं ऐसी गंदी बातें करने में , और उन्होंने किडनैप क्यों किया और कब??
" राहुल पुरी बात बता देता हैं कैसे उसको और आरोही को पकड़ा और बेहोश किया और तुम्हारे बारे में सवाल पूछा गया ।
ये सब सुन निशा गुस्सा होने लगती हैं ।उनकी हिम्मत कैसे हुई तुमको इस तरह अगवा करने की वो जल्दी से फोन उठा के कॉल करने वाली होती हैं की राहुल उसको पकड़ के रोक देता हैं ।
"
" मत करो कॉल मेरे जाने के बाद करना और ये बताओ की वो निशा को अपने पास बैठा के बोला ।की तुम इस तरह छुप के अकेले क्यों रहती हो जब इतना परिवार हैं तो,
" वो परिवार मेरा नही हैं राहुल । वो भावुक होकर बोली
" राहुल को कुछ समझ नही आया और बोला कुछ समझा नही कहना क्या चाहती हो ।
" क्या सुनना चाहते हो ?
" यही की इतने बड़े घर की बेटी इस तरह छुप के क्यों रहती हैं ।
"तुम जानना चाहते हो तो सुनों मेरी माँ एक रखैल थी । योगराज की रखैल जिसके जिस्म से अपनी भूख मिटाता था पर एक दिन वो पेट से हो गयी और मैं उनकी कोख में आ गयी थी । जैसे तैसे मेरा जन्म हुआ और कुछ सालों के बाद माँ चल बसी पर उनके जाने के बाद मेरे साथ जानवरों जैसा सालूक होने लगा मेरी सौतेली माँ जो दुनिया की नज़र में योगराज देशमुख की पत्नी हैं ।और उनके बेटे और बेटी मुझे रंडी की बेटी बोलते थे। मुझे ज़लील करते थे । मैं तंग आकर खुदखुशी करना चाहती थी पर नही कर पायी इतनी हिम्मत नही थी राहुल मुझमे पर एक दिन में परेशान होकर घर से भाग गयी उस समय में १४ साल की थी ।पर मुझे पापा ने तैसे जैसे मुझे ढूढ़ लिया और फिर मुझे अपने साथ रखने लगा पर मैंने साफ मना कर दिया।
की मैं यहा नही रहूंगी और मुझे आम इंसान की तरह ही जीना हैं तो उन्होंने ऐसा किया और फिर इस तरह की ज़िंदगी की शुरुवात हुई ।और स्कूल में तुम्हे पहली बार देखा ,तुमको देखते ही मुझे पता नही ऐसा क्यों लगा की तुम मेरे अपने हो मेरे हर दुख दर्द को समझोगे देखते ही देखते हम दोनों दोस्त बन गये पर तुम में बस एक कमी थी तुम डरते थे । जो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगता था राहुल पर उस दिन कॉलेज में तुमको मर्दो की तरह देख मुझे सबसे ज़्यादा खुशी हुई। निशा की आँखें ये बोलते समय नम हो चुकी थी ।
" राहुल मैं एक हवस की निशानी हूँ ना की प्यार की मेरे बाप को जिस्म की भूख थी ना की प्यार की मैं उसी का नतीजा हूँ ।
वो रोने लगी थी राहुल ने उसको अपनी बहों में भर लिया और सांत्वना देता हुआ उसके पीठ रगड़ने लगा ।
दोनों का जिस्म इतना पास था की अब उसके बदन में गर्मी बढ़ने लगी और अचानक ही राहुल और निशा के होंठ मिल गये। पर दोनों में से कोई भी होठों को चूस नही रहा था ।तभी राहुल मे निशा के निचे के होठों को भरकर चूसने लगा । आहिस्ता आहिस्ता निशा ने भी साथ देना चालू कर दिया और दोनों एक दूसरे के होठों को मज़े लेकर चूसने लगे बदन में गर्मी और उनके यौन अंगों में आग अब बढ़ने लगी थी ।मोहब्बत का ये सिलसिला चल ही रहा था की दरवाजे की घंटी बजी और रंग में भंग हो गया । दोनों अलग हुए । निशा शर्म की लल्ली लिए पलट गयी । राहुल भी मुस्कुरा दिया ।
"निशा ने अपने को ठीक किया और दरवाजा खोलने गयी ।"
राहुल को होश आने लगा था पर वो अभी भी अपनी आँखें पुरी तरह से अपनी आँखें नही खोल पा रहा था।
उसने नज़रे दौड़राई और देखा तो चारों तरफ कूप अंधेरा था । कुछ भी दिखाई नही दे रहा था ।
तभी किसी के कदमों की आहट उसके कानों में गयी ।दरवाजा खुलने की आवाज़ हुई और एक तेज़ रौशनी कमरे में फैल गयी पुरा कमरा प्रकाश में नहा गया ।
तभी राहुल पे पानी की बाल्टी उड़ेल दी गयी ।
आह कौन हैं वो लड़खड़ती हुई जुबान में बोला। वो पानी से होश में आया और आँखें खोले देखने लगा उसके सामने चार मर्द खड़े थे वो उनको देखे जा रहा था । वो उठने की कोशिश करने लगा पर उसके हाथ पैर बन्दे हुए थे वो जोर से चिल्ला के बोला कौन हो तुम मेरी बहन कहा हैं ।
" सवाल मैं करूंगा तु बस जवाब देगा एक भारी सी आवाज़ उन चारों मर्दों के पीछे से आयी। राहुल ने नज़रे गड़ा के देखना चाहा वो देख के चौंक गया ।और बोला आप।
" आपने मुझे क्यों बंधा हुआ हैं मेरी बहन कहा हैं ?
" लगाता हैं तुमने सुना नही सवाल मेरा होगा जवाब तुम्हारा ।
"उसके लिए एक कुर्सी लगायी गयी वो आकर बैठा बाकी लोग बहार चले गये । राहुल गुस्से से जल रहा था उसकी आँखें गुस्से से लाल हो रही थी ।अपनी आरोही को देखने के लिए तपड़ रहा था की फिर उस आदमी ने कुछ कहा ।"
" निशा को कब से जानते हो ??
" राहुल बस एक टक देखता रहा और बोला आपका निशा से क्या मतलब हैं आप उसके बारे में क्यों पूछ रहे हो ।
" वो आदमी गुस्सा होते हुए बोला लगता हैं तु ऐसे नही मानेगा वो उठा और उठकर जाने लग ।
"तभी राहुल बोला में बस बता दूंगा पर मेरी आरोही कहा हैं ये बता तो बस प्लीज ।
" वो बैठा और बोला मेरे सवालों का जवाब दो फिर आरोही के बारे में जो पूछना चाहते हो पूछ लेना बस इतना जान लो वो अभी सही सलामत हैं ।
" तो पूछिए क्या पूछना है आपको राहुल निराश होकर बोला ।
" निशा को कब से जानते हो और तुम्हारा क्या रिश्ता हैं उससे ??
" जी वो निशा और मैं एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं । पर उससे पहले ही मैं निशा को जानता था। क्योंकि हम एक ही स्कूल में भी साथ पढ़ते थे । और वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।
" और बताओ ?
" और कुछ नही जो हैं बता दिया ।
" चुतिया समझता हैं तु मुझे तु वही राहुल हैं ना जिसको किसी तिवारी नाम के विधायक ने परेशान किया था । सिर्फ दोस्त होते तो निशा रो कर मुझे कॉल नही करती ।और इतना जल्दी वो किसी के लिए सहयता नही लेती पर तुम्हारे लिए लिया ।
ये सुनते ही राहुल चौंक गया उसका मुँह खोला रह गया और सामने वाले आदमी को देखे जा रहा था अब वो सब समझ गया था की उस दिन अचानक ही कोई उसे और उसकी बहनों को कोई बचाने कैसे आया तो वो निशा ने किया पर कैसे वो इतने बड़े आदमी को कैसे जानती हैं पुरानी सारी बातें उसके दिमाग़ में घूमने लगी कही निशा इनकी बेटी तो नही ,तिवारी की वो बात उसको याद आ गयी
"तभी वो आदमी बोला बता बात क्या हैं ।
" आप को निशा क्यों कॉल की क्या रिश्ता हैं आपका ??
" चुप साले सवाल में करूंगा जवाब तु देगा समझा ।वरना तेरी उस लौंडिया क्या नाम था आरोही याद हैं ना ।
" राहुल थोड़ा घबरा गया था वो बोला निशा और मैं एक दूसरे को प्यार करते हैं मैं उसको बहुत चाहता हूँ वो एक दम से बोल गया ।
" एक हलकी मुस्कुराहट लिए वो आदमी बोला हम्म.. तो ये भी बता की उस तिवारी के लड़के तुझे और निशा को अभी भी परेशान कर रहे हैं ।
" जी हैं वो पता नही हमारा पीछा नही छोड़ रहे हैं वो हमको परेशान करते ही रहते हैं ।
" तु निशा को सच्चे दिल से चाहता हैं या ऐसे ही मज़े लेने का सोच रहा हैं सच बता ।
" जी मैं निशा को बहुत चाहता हूँ मैं उसको बोल नही पाया कभी पर मुझे उससे बहुत प्रेम हैं उसकी आँखें नम हो गयी थी ।
"एक हलकी हंसी गूँजी ।राहुल उधर ही देखने लगा । वो आदमी बोला अच्छा सही हैं और जाने लगा ।
" रुको मेरी बहन कहा हैं मुझे खोलो प्लीज । वो रोता रहा पर वो चला गया ।
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इधर निशा ने राहुल को कई कॉल किये पर उसका वो एक भी कॉल नही उठा रहा था । निशा परेशान हो गयी थी ना राहुल आया ना ही आरोही वो सोच ही रही थी की पीछे किसी ने उसके गांड पे हाथ लगा दिया । वो पलट के देखी तो विक्की और अजय खड़े थे ।
"हाये क्या मस्त मुलायम चुतर हैं विक्की बोला ।
" निशा ने गुस्से से उसको देखा और बोली लगता हैं तेरे दिन फिर गये हैं जो तु मुझे छूने की हिम्मत की हैं।
" जाने मन उस नपुंसक में क्या रखा हैं एक बार हमसे चुदवा के देखो ना । विक्की ने ये बोला और दोनों हँसने लगे ।
" हरामज़ादे बोल के निशा निकल गयी ।
"इधर आरोही को होश में लगया गया वो होश मैं आते ही चिल्लाने लगी कौन हो तुम लोग, कहा हूँ मैं छोड़ दो मुझे ,मेरे भईया कहा हैं ।"
" चुप एक दम चुप दोनों सही सलामत हो कुछ देर में घर छोड़ देंगे । उसका मुँह बंद कर दिया आँखों पे पट्टी बाँधने लगे तो आरोही छटपटाने लगी। पर जैसे तैसे हाथ और चेहरा ढक के गाडी में बैठा दिया ऐसा ही राहुल के साथ भी किया गया और उसको भी गाडी में बैठा दिया । करीब आधे घंटे के बाद उनको उतार के उनके हाथ खोल दिये और चले गये ।आरोही और राहुल ने अपने चेहरे से कपड़ा हटाया और दोनों ने एक दूसरे को देखा और गले लग गये ।दोनों की आँखें नम होने लगी।
"तु ठीक तो हैं ना आरोही...वो उसके बदन को इधर उधर करके देखा ।
" हाँ भईया में ठीक हूँ आप तो ठीक हो ना।
" तुझे किसी ने कुछ किया तो नही किसी ने मारा हो सवाल किया हो ।
" नही भइया कुछ नही हुआ हैं मैं तो बेहोश हो गयी थी। जब उठी तो एक बड़े से बेड पे सोई हुई थी । और मुझे तो जूस भी दिया गया ।
राहुल समझ जाता हैं की ये सब उससे पूछने के लिए किया गया था इसमे आरोही कुछ नही जानती ।
" वो लोग कौन थे भइया, थे तो कमीने पर जूस और खाना देने का समझ नही आया ।
" पता नही कौन थे ।
"वो आरोही से झूठ बोलता हैं और जब उनकी नज़र आस पास के घरों पे जाती हैं तो वो हैरान थे ये तो उनका ही मोहल्ला हैं और सामने ही उनका घर भी था । दोनों खुशी से एक दूसरे को देखे और घर की तरफ चल दिये । उसने आरोही को ये बात ना बताने के लिए बोल दिया । आरोही ने भी सर हाँ में हिला दी ।
निधि ,आयेशा और रोहन कैरम खेल रहे थे की दरवाजे की घंटी बजी और रोहन खोलने गया ।
" कौन हैं रोहन निधि ने दूर से ही पूछा ।
" कौन होगा दीदी मैं हूँ आरोही ने अपने स्टाइल मैं बोली ।
" अच्छा ये महारानी और महाराजा आये हैं चलो बैठ के आराम करो फिर खाना खुद ही निकाल के खा लेना देखो हमारा खेल चल रहा हैं ।
राहुल और आरोही सड़ा हुआ मुँह के कमरे में चले जाते । आरोही बिस्तर पे पसर के सो जाती हैं पर राहुल तो किसी और आग में ही जल रहा था ।उसने निशा को कॉल करने के लिए अपना फोन ढूढ़ा पर मिला नही ।उसे याद आया कही उनके घर पे तो नही रह गया । वो सर पकड़ के बेड पे बैठता बोला। लग गये लोड़े...
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इधर ऑफिस में गरिमा आज कपिल से आँख नही मिला पा रही थी पर आज आकाश से उसकी अच्छी दोस्ती हो गयी थी दोनों ने आज काफी समय साथ ही गुज़ारा उधर कपिल अपने केविन में बैठा गरिमा की चुदाई के सपने में खोया हुआ था ।
शाम हो चली थी राहुल तैयार होकर निकलने वाला होता हैं की रोहन उसको बोलता कहा जा रहा हैं मुझे भी साथ ले यार ।
" आता हूँ फिर चलते हैं ।
पलक ने गरिमा से कॉल पे बात कर रही थी ।
" क्या सोचा साली तूने बताई भी नही नाराज़ हो गयी हैं ।
" नहीं यार तुझसे कैसी नाराज़गी पर मैं अभी तक सोच नही पायी हूँ मैं रात को बताती हूँ ।
" चल ठीक हैं कोई जबरदस्ती नही हैं तु सोच के बता देना जब मैं तो तेरा भला सोच के बोली थी ।
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निशा की आँख दरवाजे की घंटी से खुलती हैं वो जाकर दरवाजा खोलती हैं । तो सामने राहुल खड़ा था उसको देख वो हैरान होती हैं। पर राहुल गुस्से से आग बाबूला हुए जा रहा था वो निशा को पकड़ के दरवाजा बंद किया और निशा को बिस्तर पे पटक दिया ।
" राहुल ये क्या मज़ाक हैं
" चुप बिल्कुल चुप अब सवाल में करूंगा तुम बस जवाब दोगी ।
"निशा राहुल की ऐसी हरकत से आँखें फाड़े ही उसको देख रही थी । वो कुछ बोलना चाहती थी पर बोल नही पा रही थी ।"
" ये बताओ योगराज देशमुख कौन हैं तुम्हारा ??
ये सुन निशा की आँखें बड़ी हो जाती हैं वो कुछ नही बोलती हैं तो राहुल गुस्से से उसको पकड़ के उसकी गांड पे जोर से मरता हैं ।।वही निशा की एक दर्द भरी आह्ह्ह निकल जाती हैं । उसकी आँखें नम हो चुकी थी ।वो राहुल को अपनी नम आँखों से देखती हैं और बोलती हैं तुम जानवर हो क्या ये क्या कर रहे हो । मुझे दर्द होता हैं । मैं भी इंसान हूँ हर कोई मुझे बस जानवर समझता हैं तुमपे भरोसा किया था की तुम एक अच्छे इंसान हो पर तुम भी एक जानवर ही निकले राहुल वो रोने लगती हैं ।
राहुल का मन भी ऐसा नही था वो तो बस आज हुए घटना से गुस्से में था उसने निशा को देखा उसकी आँखों में आंसु आ चुके थे ।पर वो बहार आकर गिरते की राहुल ने उसपे होंठ लगा दिये और वो उसके होठों से मुँह समा गये । निशा को जब ये एहसास हुआ तो वो राहुल से दूर होकर उसको देखी ।राहुल की आँखें भी भीग चुकी थी । उसको विश्वास नही हो रहा था की उसके दर्द से राहुल को भी दर्द होता हैं ये देख वो हलकी सी मुस्कुरा दी । और बोली ।
" तुम क्यों रो रहे हो तुम तो मुझे मरने आये हो ना बिना कुछ जाने लो मार लो वो अपनी गांड उभार दिखाते हुए बोली ।
जिसे देख राहुल ने उसपे हाथ रखा और निशा डर गयी पर राहुल ने आहिस्ता से एक ऊँगली गांड की दरार में घुसा दी जिससे निशा के मुँह से आउच निकल गया और वो जब समझी तो मुस्कुरा दी राहुल ने गोलाईयों को सहलाया और चूम लिया । निशा मचल के रह गयी । जहाँ कुछ देर पहले गुस्सा और नफरत थी अब वही प्यार और सिर्फ प्यार था ।दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।
" माफ़ कर दो निशा वो मैं गुस्से में कुछ ज़्यादा ही कर दिया ।
" निशा कुछ नही बोली ।तो राहुल ने उसकी गांड में फंसी हुई ऊँगली को हलके से आगे पीछे किया और निशा की आह्ह निकल गयी ।
"वो राहुल को देखी और बोली क्यों किया गुस्सा जब इतना प्यार करते हो तो ।
" तुम्हारे पापा की वजह से उसने एक सपाट उतर दिया।
जिसे सुन निशा का चेहरा मुरझा गया । और पर दूसरे ही पल वो जब समझी की राहुल क्या बोला तो वो आँखे। बड़ी करके बड़ी तुमको कैसे पता मेरे पापा कौन हैं
" मुझे पता हैं तुम गृहमंत्री योगराज की बेटी हो
" निशा तो जैसे कुछ बोल ही नही पायी की राहुल ये कैसे जानता हैं वो तुरंत अलग हुई और बोली तुमको किसने बताया ।
" राहुल मुस्कुरा के बोला अपने बाप से ही पूछ लेना जाने मन आरोही और मुझे किडनैप करवाया था ,अब उसकी बेटी चोद के बदला लूँगा ।
" निशा मुस्कुरा दी और बोली छी... तुमको शर्म नही आती हैं ऐसी गंदी बातें करने में , और उन्होंने किडनैप क्यों किया और कब??
" राहुल पुरी बात बता देता हैं कैसे उसको और आरोही को पकड़ा और बेहोश किया और तुम्हारे बारे में सवाल पूछा गया ।
ये सब सुन निशा गुस्सा होने लगती हैं ।उनकी हिम्मत कैसे हुई तुमको इस तरह अगवा करने की वो जल्दी से फोन उठा के कॉल करने वाली होती हैं की राहुल उसको पकड़ के रोक देता हैं ।
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" मत करो कॉल मेरे जाने के बाद करना और ये बताओ की वो निशा को अपने पास बैठा के बोला ।की तुम इस तरह छुप के अकेले क्यों रहती हो जब इतना परिवार हैं तो,
" वो परिवार मेरा नही हैं राहुल । वो भावुक होकर बोली
" राहुल को कुछ समझ नही आया और बोला कुछ समझा नही कहना क्या चाहती हो ।
" क्या सुनना चाहते हो ?
" यही की इतने बड़े घर की बेटी इस तरह छुप के क्यों रहती हैं ।
"तुम जानना चाहते हो तो सुनों मेरी माँ एक रखैल थी । योगराज की रखैल जिसके जिस्म से अपनी भूख मिटाता था पर एक दिन वो पेट से हो गयी और मैं उनकी कोख में आ गयी थी । जैसे तैसे मेरा जन्म हुआ और कुछ सालों के बाद माँ चल बसी पर उनके जाने के बाद मेरे साथ जानवरों जैसा सालूक होने लगा मेरी सौतेली माँ जो दुनिया की नज़र में योगराज देशमुख की पत्नी हैं ।और उनके बेटे और बेटी मुझे रंडी की बेटी बोलते थे। मुझे ज़लील करते थे । मैं तंग आकर खुदखुशी करना चाहती थी पर नही कर पायी इतनी हिम्मत नही थी राहुल मुझमे पर एक दिन में परेशान होकर घर से भाग गयी उस समय में १४ साल की थी ।पर मुझे पापा ने तैसे जैसे मुझे ढूढ़ लिया और फिर मुझे अपने साथ रखने लगा पर मैंने साफ मना कर दिया।
की मैं यहा नही रहूंगी और मुझे आम इंसान की तरह ही जीना हैं तो उन्होंने ऐसा किया और फिर इस तरह की ज़िंदगी की शुरुवात हुई ।और स्कूल में तुम्हे पहली बार देखा ,तुमको देखते ही मुझे पता नही ऐसा क्यों लगा की तुम मेरे अपने हो मेरे हर दुख दर्द को समझोगे देखते ही देखते हम दोनों दोस्त बन गये पर तुम में बस एक कमी थी तुम डरते थे । जो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगता था राहुल पर उस दिन कॉलेज में तुमको मर्दो की तरह देख मुझे सबसे ज़्यादा खुशी हुई। निशा की आँखें ये बोलते समय नम हो चुकी थी ।
" राहुल मैं एक हवस की निशानी हूँ ना की प्यार की मेरे बाप को जिस्म की भूख थी ना की प्यार की मैं उसी का नतीजा हूँ ।
वो रोने लगी थी राहुल ने उसको अपनी बहों में भर लिया और सांत्वना देता हुआ उसके पीठ रगड़ने लगा ।
दोनों का जिस्म इतना पास था की अब उसके बदन में गर्मी बढ़ने लगी और अचानक ही राहुल और निशा के होंठ मिल गये। पर दोनों में से कोई भी होठों को चूस नही रहा था ।तभी राहुल मे निशा के निचे के होठों को भरकर चूसने लगा । आहिस्ता आहिस्ता निशा ने भी साथ देना चालू कर दिया और दोनों एक दूसरे के होठों को मज़े लेकर चूसने लगे बदन में गर्मी और उनके यौन अंगों में आग अब बढ़ने लगी थी ।मोहब्बत का ये सिलसिला चल ही रहा था की दरवाजे की घंटी बजी और रंग में भंग हो गया । दोनों अलग हुए । निशा शर्म की लल्ली लिए पलट गयी । राहुल भी मुस्कुरा दिया ।
"निशा ने अपने को ठीक किया और दरवाजा खोलने गयी ।"
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