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Incest पुरा परिवार हवस का शिकार

कहानी का हीरो आप किसे समझ रहे हो ??


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    28
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Punnu

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143
फूफा और भतीजी चुदाई फोकस
कोई भी थ्रेड ऐसी नहीं
मिल रही है।
जिसमे साले की बेटी(बीबी की भतीजी)
और फूफा जी का भयानक सेक्स
दिया हो...
सुरेश और आयेशा ये fantacy
पूर्ण करेंगे।

सुरेश का आयेशा के कूल्हों
को निहारना बताता है।
जल्दी आयेशा के

अपडेट 27



राहुल को होश आने लगा था पर वो अभी भी अपनी आँखें पुरी तरह से अपनी आँखें नही खोल पा रहा था।
उसने नज़रे दौड़राई और देखा तो चारों तरफ कूप अंधेरा था । कुछ भी दिखाई नही दे रहा था ।
तभी किसी के कदमों की आहट उसके कानों में गयी ।दरवाजा खुलने की आवाज़ हुई और एक तेज़ रौशनी कमरे में फैल गयी पुरा कमरा प्रकाश में नहा गया ।
तभी राहुल पे पानी की बाल्टी उड़ेल दी गयी ।
आह कौन हैं वो लड़खड़ती हुई जुबान में बोला। वो पानी से होश में आया और आँखें खोले देखने लगा उसके सामने चार मर्द खड़े थे वो उनको देखे जा रहा था । वो उठने की कोशिश करने लगा पर उसके हाथ पैर बन्दे हुए थे वो जोर से चिल्ला के बोला कौन हो तुम मेरी बहन कहा हैं ।

" सवाल मैं करूंगा तु बस जवाब देगा एक भारी सी आवाज़ उन चारों मर्दों के पीछे से आयी। राहुल ने नज़रे गड़ा के देखना चाहा वो देख के चौंक गया ।और बोला आप।
" आपने मुझे क्यों बंधा हुआ हैं मेरी बहन कहा हैं ?
" लगाता हैं तुमने सुना नही सवाल मेरा होगा जवाब तुम्हरा ।

"उसके लिए एक कुर्सी लगायी गयी वो आकर बैठा बाकी लोग बहार चले गये । राहुल गुस्से से जल रहा था उसकी आँखें गुस्से से लाल हो रही थी ।अपनी आरोही को देखने के लिए तपड़ रहा था की फिर उस आदमी ने कुछ कहा ।"
" निशा को कब से जानते हो ??
" राहुल बस एक टक देखता रहा और बोला आपका निशा से क्या मतलब हैं आप उसके बारे में क्यों पूछ रहे हो ।
" वो आदमी गुस्सा होते हुए बोला लगता हैं तु ऐसे नही मानेगा वो उठा और उठकर जाने लग ।
"तभी राहुल बोला में बस बता दूंगा पर मेरी आरोही कहा हैं ये बता तो बस प्लीज ।
" वो बैठा और बोला मेरे सवालों का जवाब दो फिर आरोही के बारे में जो पूछना चाहते हो पूछ लेना बस इतना जान लो वो अभी सही सलामत हैं ।
" तो पूछिए क्या पूछना है आपको राहुल निराश होकर बोला ।
" निशा को कब से जानते हो और तुम्हारा क्या रिश्ता हैं उससे ??
" जी वो निशा और मैं एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं । पर उससे पहले ही मैं निशा को जानता था। क्योंकि हम एक ही स्कूल में भी साथ पढ़ते थे । और वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।
" और बताओ ?
" और कुछ नही जो हैं बता दिया ।
" चुतिया समझता हैं तु मुझे तु वही राहुल हैं ना जिसको किसी तिवारी नाम के विधायक ने परेशान किया था । सिर्फ दोस्त होते तो निशा रो कर मुझे कॉल नही करती ।और इतना जल्दी वो किसी के लिए सहयता नही लेती पर तुम्हारे लिए लिया ।


ये सुनते ही राहुल चौंक गया उसका मुँह खोला रह गया और सामने वाले आदमी को देखे जा रहा था अब वो सब समझ गया था की उस दिन अचानक ही कोई उसे और उसकी बहनों को कोई बचाने कैसे आया तो वो निशा ने किया पर कैसे वो इतने बड़े आदमी को कैसे जानती हैं पुरानी सारी बातें उसके दिमाग़ में घूमने लगी कही निशा इनकी बेटी तो नही ,तिवारी की वो बात उसको याद आ गयी
"तभी वो आदमी बोला बता बात क्या हैं ।
" आप को निशा क्यों कॉल की क्या रिश्ता हैं आपका ??
" चुप साले सवाल में करूंगा जवाब तु देगा समझा ।वरना तेरी उस लौंडिया क्या नाम था आरोही याद हैं ना ।
" राहुल थोड़ा घबरा गया था वो बोला निशा और मैं एक दूसरे को प्यार करते हैं मैं उसको बहुत चाहता हूँ वो एक दम से बोल गया ।
" एक हलकी मुस्कुराहट लिए वो आदमी बोला हम्म.. तो ये भी बता की उस तिवारी के लड़के तुझे और निशा को अभी भी परेशान कर रहे हैं ।
" जी हैं वो पता नही हमारा पीछा नही छोड़ रहे हैं वो हमको परेशान करते ही रहते हैं ।
" तु निशा को सच्चे दिल से चाहता हैं या ऐसे ही मज़े लेने का सोच रहा हैं सच बता ।
" जी मैं निशा को बहुत चाहता हूँ मैं उसको बोल नही पाया कभी पर मुझे उससे बहुत प्रेम हैं उसकी आँखें नम हो गयी थी ।
"एक हलकी हंसी गूँजी ।राहुल उधर ही देखने लगा । वो आदमी बोला अच्छा सही हैं और जाने लगा ।
" रुको मेरी बहन कहा हैं मुझे खोलो प्लीज । वो रोता रहा पर वो चला गया ।


***********

इधर निशा ने राहुल को कई कॉल किये पर उसका वो एक भी कॉल नही उठा रहा था । निशा परेशान हो गयी थी ना राहुल आया ना ही आरोही वो सोच ही रही थी की पीछे किसी ने उसके गांड पे हाथ लगा दिया । वो पलट के देखी तो विक्की और अजय खड़े थे ।
"हाये क्या मस्त मुलायम चुतर हैं विक्की बोला ।
" निशा ने गुस्से से उसको देखा और बोली लगता हैं तेरे दिन फिर गये हैं जो तु मुझे छूने की हिम्मत की हैं।
" जाने मन उस नपुंसक में क्या रखा हैं एक बार हमसे चुदवा के देखो ना । विक्की ने ये बोला और दोनों हँसने लगे ।
" हरामज़ादे बोल के निशा निकल गयी ।


"इधर आरोही को होश में लगया गया वो होश मैं आते ही चिल्लाने लगी कौन हो तुम लोग, कहा हूँ मैं छोड़ दो मुझे ,मेरे भईया कहा हैं ।"
" चुप एक दम चुप दोनों सही सलामत हो कुछ देर में घर छोड़ देंगे । उसका मुँह बंद कर दिया आँखों पे पट्टी बाँधने लगे तो आरोही छटपटाने लगी। पर जैसे तैसे हाथ और चेहरा ढक के गाडी में बैठा दिया ऐसा ही राहुल के साथ भी किया गया और उसको भी गाडी में बैठा दिया । करीब आधे घंटे के बाद उनको उतार के उनके हाथ खोल दिये और चले गये ।आरोही और राहुल ने अपने चेहरे से कपड़ा हटाया और दोनों ने एक दूसरे को देखा और गले लग गये ।दोनों की आँखें नम होने लगी।
"तु ठीक तो हैं ना आरोही...वो उसके बदन को इधर उधर करके देखा ।
" हाँ भईया में ठीक हूँ आप तो ठीक हो ना।
" तुझे किसी ने कुछ किया तो नही किसी ने मारा हो सवाल किया हो ।
" नही भइया कुछ नही हुआ हैं मैं तो बेहोश हो गयी थी। जब उठी तो एक बड़े से बेड पे सोई हुई थी । और मुझे तो जूस भी दिया गया ।
राहुल समझ जाता हैं की ये सब उससे पूछने के लिए किया गया था इसमे आरोही कुछ नही जानती ।
" वो लोग कौन थे भइया, थे तो कमीने पर जूस और खाना देने का समझ नही आया ।
" पता नही कौन थे ।
"वो आरोही से झूठ बोलता हैं और जब उनकी नज़र आस पास के घरों पे जाती हैं तो वो हैरान थे ये तो उनका ही मोहल्ला हैं और सामने ही उनका घर भी था । दोनों खुशी से एक दूसरे को देखे और घर की तरफ चल दिये । उसने आरोही को ये बात ना बताने के लिए बोल दिया । आरोही ने भी सर हाँ में हिला दी ।

निधि ,आयेशा और रोहन कैरम खेल रहे थे की दरवाजे की घंटी बजी और रोहन खोलने गया ।
" कौन हैं रोहन निधि ने दूर से ही पूछा ।
" कौन होगा दीदी मैं हूँ आरोही ने अपने स्टाइल मैं बोली ।
" अच्छा ये महारानी और महाराजा आये हैं चलो बैठ के आराम करो फिर खाना खुद ही निकाल के खा लेना देखो हमारा खेल चल रहा हैं ।

राहुल और आरोही सड़ा हुआ मुँह के कमरे में चले जाते । आरोही बिस्तर पे पसर के सो जाती हैं पर राहुल तो किसी और आग में ही जल रहा था ।उसने निशा को कॉल करने के लिए अपना फोन ढूढ़ा पर मिला नही ।उसे याद आया कही उनके घर पे तो नही रह गया । वो सर पकड़ के बेड पे बैठता बोला। लग गये लोड़े...

*******

इधर ऑफिस में गरिमा आज कपिल से आँख नही मिला पा रही थी पर आज आकाश से उसकी अच्छी दोस्ती हो गयी थी दोनों ने आज काफी समय साथ ही गुज़ारा उधर कपिल अपने केविन में बैठा गरिमा की चुदाई के सपने में खोया हुआ था ।
शाम हो चली थी राहुल तैयार होकर निकलने वाला होता हैं की रोहन उसको बोलता कहा जा रहा हैं मुझे भी साथ ले यार ।
" आता हूँ फिर चलते हैं ।

पलक ने गरिमा से कॉल पे बात कर रही थी ।
" क्या सोचा साली तूने बताई भी नही नाराज़ हो गयी हैं ।
" नहीं यार तुझसे कैसी नाराज़गी पर मैं अभी तक सोच नही पायी हूँ मैं रात को बताती हूँ ।
" चल ठीक हैं कोई जबरदस्ती नही हैं तु सोच के बता देना जब मैं तो तेरा भला सोच के बोली थी ।

*******

निशा की आँख दरवाजे की घंटी से खुलती हैं वो जाकर दरवाजा खोलती हैं । तो सामने राहुल खड़ा था उसको देख वो हैरान होती हैं। पर राहुल गुस्से से आग बाबूला हुए जा रहा था वो निशा को पकड़ के दरवाजा बंद किया और निशा को बिस्तर पे पटक दिया ।
" राहुल ये क्या मज़ाक हैं
" चुप बिल्कुल चुप अब सवाल में करूंगा तुम बस जवाब दोगी ।

"निशा राहुल की ऐसी हरकत से आँखें फाड़े ही उसको देख रही थी । वो कुछ बोलना चाहती थी पर बोल नही पा रही थी ।"

" ये बताओ योगराज देशमुख कौन हैं तुम्हरा ??
ये सुन निशा की आँखें बड़ी हो जाती हैं वो कुछ नही बोलती हैं तो राहुल गुस्से से उसको पकड़ के उसकी गांड पे जोर से मरता हैं ।।वही निशा की एक दर्द भरी आह्ह्ह निकल जाती हैं । उसकी आँखें नम हो चुकी थी ।वो राहुल को अपनी नम आँखों से देखती हैं और बोलती हैं तुम जानवर हो क्या ये क्या कर रहे हो । मुझे दर्द होता हैं । मैं भी इंसान हूँ हर कोई मुझे बस जानवर समझता हैं तुमपे भरोसा किया था की तुम एक अच्छे इंसान हो पर तुम भी एक जानवर ही निकले राहुल वो रोने लगती हैं ।
राहुल का मन भी ऐसा नही था वो तो बस आज हुए घटना से गुस्से में था उसने निशा को देखा उसकी आँखों में आंसु आ चुके थे ।पर वो बहार आकर गिरते की राहुल ने उसपे होंठ लगा दिये और वो उसके होठों से मुँह समा गये । निशा को जब ये एहसास हुआ तो वो राहुल से दूर होकर उसको देखी ।राहुल की आँखें भी भीग चुकी थी । उसको विश्वास नही हो रहा था की उसके दर्द से राहुल को भी दर्द होता हैं ये देख वो हलकी सी मुस्कुरा दी । और बोली ।

" तुम क्यों रो रहे हो तुम तो मुझे मरने आये हो ना बिना कुछ जाने लो मार लो वो अपनी गांड उभार दिखाते हुए बोली ।

जिसे देख राहुल ने उसपे हाथ रखा और निशा डर गयी पर राहुल ने आहिस्ता से एक ऊँगली गांड की दरार में घुसा दी जिससे निशा के मुँह से आउच निकल गया और वो जब समझी तो मुस्कुरा दी राहुल ने गोलाईयों को सहलाया और चूम लिया । निशा मचल के रह गयी । जहाँ कुछ देर पहले गुस्सा और नफरत थी अब वही प्यार और सिर्फ प्यार था ।दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।

" माफ़ कर दो निशा वो मैं गुस्से में कुछ ज़्यादा ही कर दिया ।
" निशा कुछ नही बोली ।तो राहुल ने उसकी गांड में फंसी हुई ऊँगली को हलके से आगे पीछे किया और निशा की आह्ह निकल गयी ।
"वो राहुल को देखी और बोली क्यों किया गुस्सा जब इतना प्यार करते हो तो ।
" तुम्हारे पापा की वजह से उसने एक सपाट उतर दिया।

जिसे सुन निशा का चेहरा मुरझा गया । और पर दूसरे ही पल वो जब समझी की राहुल क्या बोला तो वो आँखे। बड़ी करके बड़ी तुमको कैसे पता मेरे पापा कौन हैं

" मुझे पता हैं तुम गृहमंत्री योगराज की बेटी हो
" निशा तो जैसे कुछ बोल ही नही पायी की राहुल ये कैसे जानता हैं वो तुरंत अलग हुई और बोली तुमको किसने बताया ।
" राहुल मुस्कुरा के बोला अपने बाप से ही पूछ लेना जाने मन आरोही और मुझे किडनैप करवाया था ,अब उसकी बेटी चोद के बदला लूँगा ।
" निशा मुस्कुरा दी और बोली छी... तुमको शर्म नही आती हैं ऐसी गंदी बातें करने में , और उन्होंने किडनैप क्यों किया और कब??
" राहुल पुरी बात बता देता हैं कैसे उसको और आरोही को पकड़ा और बेहोश किया और तुम्हारे बारे में सवाल पूछा गया ।

ये सब सुन निशा गुस्सा होने लगती हैं ।उनकी हिम्मत कैसे हुई तुमको इस तरह अगवा करने की वो जल्दी से फोन उठा के कॉल करने वाली होती हैं की राहुल उसको पकड़ के रोक देता हैं ।
"
" मत करो कॉल मेरे जाने के बाद करना और ये बताओ की वो निशा को अपने पास बैठा के बोला ।की तुम इस तरह छुप के अकेले क्यों रहती हो जब इतना परिवार हैं तो,
" वो परिवार मेरा नही हैं राहुल । वो भावुक होकर बोली
" राहुल को कुछ समझ नही आया और बोला कुछ समझा नही कहना क्या चाहती हो ।
" क्या सुनना चाहते हो ?
" यही की इतने बड़े घर की बेटी इस तरह छुप के क्यों रहती हैं ।
"तुम जानना चाहते हो तो सुनों मेरी माँ एक रखैल थी । योगराज की रखैल जिसके जिस्म से अपनी भूख मिटाता था पर एक दिन वो पेट से हो गयी और मैं उनकी कोख में आ गयी थी । जैसे तैसे मेरा जन्म हुआ और कुछ सालों के बाद माँ चल बसी पर उनके जाने के बाद मेरे साथ जानवरों जैसा सालूक होने लगा मेरी सौतेली माँ जो दुनिया की नज़र में योगराज देशमुख की पत्नी हैं ।और उनके बेटे और बेटी मुझे रंडी की बेटी बोलते थे। मुझे ज़लील करते थे । मैं तंग आकर खुदखुशी करना चाहती थी पर नही कर पायी इतनी हिम्मत नही थी राहुल मुझमे पर एक दिन में परेशान होकर घर से भाग गयी उस समय में १४ साल की थी ।पर मुझे पापा ने तैसे जैसे मुझे ढूढ़ लिया और फिर मुझे अपने साथ रखने लगा पर मैंने साफ मना कर दिया।
की मैं यहा नही रहूंगी और मुझे आम इंसान की तरह ही जीना हैं तो उन्होंने ऐसा किया और फिर इस तरह की ज़िंदगी की शुरुवात हुई ।और स्कूल में तुम्हे पहली बार देखा ,तुमको देखते ही मुझे पता नही ऐसा क्यों लगा की तुम मेरे अपने हो मेरे हर दुख दर्द को समझोगे देखते ही देखते हम दोनों दोस्त बन गये पर तुम में बस एक कमी थी तुम डरते थे । जो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगता था राहुल पर उस दिन कॉलेज में तुमको मर्दो की तरह देख मुझे सबसे ज़्यादा खुशी हुई। निशा की आँखें ये बोलते समय नम हो चुकी थी ।
" राहुल मैं एक हवस की निशानी हूँ ना की प्यार की मेरे बाप को जिस्म की भूख थी ना की प्यार की मैं उसी का नतीजा हूँ ।

वो रोने लगी थी राहुल ने उसको अपनी बहों में भर लिया और सांत्वना देता हुआ उसके पीठ रगड़ने लगा ।
दोनों का जिस्म इतना पास था की अब उसके बदन में गर्मी बढ़ने लगी और अचानक ही राहुल और निशा के होंठ मिल गये। पर दोनों में से कोई भी होठों को चूस नही रहा था ।तभी राहुल मे निशा के निचे के होठों को भरकर चूसने लगा । आहिस्ता आहिस्ता निशा ने भी साथ देना चालू कर दिया और दोनों एक दूसरे के होठों को मज़े लेकर चूसने लगे बदन में गर्मी और उनके यौन अंगों में आग अब बढ़ने लगी थी ।मोहब्बत का ये सिलसिला चल ही रहा था की दरवाजे की घंटी बजी और रंग में भंग हो गया । दोनों अलग हुए । निशा शर्म की लल्ली लिए पलट गयी । राहुल भी मुस्कुरा दिया ।

"निशा ने अपने को ठीक किया और दरवाजा खोलने गयी ।"
Behtarren update bhidu.....Nisha Yogendra ki beti hai ......Rahul ne usse confess bhi kr liya wo usse pyar krta hai ...ab dekhan aage kya dhammal hota hai....bhai suresh ka scene dalo ne garima ya kisi or ke saath .....
 

Sanju@

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अपडेट 25



सुबह के करीब 6:17 बजे गरिमा का फोन बजने लगा ।उसने आँख खोले बिना ही, आधी नींद में फोन उठाकर बोला ।


" हेल्लो कौन?
" गरिमा मैं हूँ तेरा पापा ।
" गरिमा तुरंत आँख खोल के बोली अब आयी याद आपको रात भर उस बरखा को चोद के सो गये और मेरा क्या होगा सोचा आपने, बोल के शांत हो गयी ।
" मेरी जान तुम्हारे लिए सोचा तभी तो इतनी सुबह कॉल किया हूँ जल्दी से दरवाजा खोलो ताकि तुम्हारी बूर का दरवाजा भी खोल सकूं।


" गरिमा कॉल कट करके दरवाजा खोलती हैं ,सुरेश जल्दी से गरिमा को पकड़ के चूमने लगता हैं । इस अचानक हुए हमले से गरिमा अपने आप को संभाल नही पाती और बिस्तर पे जा गिरती हैं दोनों एक दूसरे के होठों को बेतहसा चूमे जा रहे थे ।
" गरिमा ने अपना मुँह खोला और सुरेश की जीभ मुँह में घूमने लगी । दोनों का मुँह पुरी तरह लार से सन चुका था ।चूमने के साथ साथ सुरेश चूचियों से खेलने लगा था। दोनो ही एक दूसरे के बदन को रगड़ के गरम कर रहे थे ।

" दोनों बेशर्म होकर एक दूसरे को प्यार कर रहे थे की बरखा की खांसने की हलकी आवाज़ से दोनों डर गये। और सुरेश जल्दी से अलग हो गया पर गरिमा तो प्यासी थी उसने सुरेश को अपनी तरफ खींचा और फिर से दोनों के होंठ मिल गये और फिर से होंठ चुसाई शुरू हो गयी ।
" कुछ देर ये सिलसिला चला और सुरेश बोला की जान छोड़ो नही तो बरखा देख लेगी ।
" हम्म..नही पापा मुझे लंड चाहिए मेरी बूर में आग लगी हैं ।
" जान कभी और कर लेना समझो और गरिमा से अलग होकर कमरे से निकल जाता हैं सामने से बरखा को आता देख के थोड़ा घबरा जाता हैं ।

" आप कब उठ गये जी ।
" बरखा अभी आँख खुली हैं तो गरिमा को उठाने आ गया था ।
" अच्छा ठीक हैं चलो आप फ्रेश हो जाओ आज वैसे भी दुकान में बहुत काम हैं । माल भी आने वाला हैं और रोहन और आयेशा भी,

" इधर गरिमा अपनी बूर को सहलाते हुए गुस्सा हो जाती हैं और मन में बोलती हैं इस भोसड़ी वाले के भाव बहुत बढ़ गये हैं और चादर ओढ़ के सो जाती हैं ।


" सूर्य का प्रकाश फैलने लगा था । तभी आवाज़ आने लगी चाय चाय गरम चाय की आवाज़ आते हुए। रेल गाडी दिल्ली स्टेशन पे आकर रुकती हैं ।
रोहन और आयशा उतरकर बहार आये और सुरेश का इंतज़ार करने लगे । कुछ समय के इंतज़ार के बाद सुरेश स्टेशन पहुंचा दोनों ने उसके पैर छुए और चल दिये घर के लिए।

घर पहुंच के दोनों ने अपनी बुआ के पैर छुए और रोहन बोला ।
" बुआ जी ,राहुल और बहने कहां हैं ।
" अरे बेटा वो लोग तो गोवा गये हैं घूमने और गरिमा ऑफिस गयी हैं ।हम भी चलते हैं बेटा शाम को मिलते हैं तब तक आराम करो और खाना बना दिया हैं ।खा लेना और दरवाजा अच्छे से बंद कर लेना । बोलकर चले जाते हैं आयशा जाकर दरवाजा बंद कर लेती हैं । वो जैसे ही घूमती हैं । अचानक ही उसके रोहन दबोच लेता और उसके होठों पे एक होंठ रख देता हैं ।इस अचानक हुए हमले उसकी आँखें बड़ी हो जाती हैं ।

" रोहन आयशा के मुलायम होठों को चूसे जा रहा था ।अब आयेशा भी गरम होने लगी वो भी साथ देने लगी ।

दोनों एक दूसरे के शरीर से खेलने ,धीरे से रोहन ने गांड की गोलाई को सहलाते हुए एक ऊँगली सलवार के ऊपर से ही गांड की दरार में घुसा दी । जिससे आयेशा मचल के रह जाती हैं ।लगातार चूमे चाटी से दोनों की साँसे अब फुलने लगी थी ।

"दोनों अलग होकर एक दूसरे को देख के मुस्कुरा दिये पूरे घर में उनके जोर जोर से साँसे लेने की ही आवाज़ उनको आ रही थी ।रोहन ने आव देखा ना ताव उसने आयेशा के गुलगुले पकड़ के मसल दिया जिससे वो चिहुक के आह्ह...आच बोलकर रह गयी । और रोहन हँसने लगा ।

" भैया आप बहुत गंदे हो इतनी जोर से कोई मसलता हैं क्या बोल कर गुस्सा हो गयी ।
" रोहन आयेशा के कदमों में बैठ के बोला माफ़ कर दे जान लिंग में बहुत उत्तेजना थी कब से तुझको प्यार करने के लिए मरा जा रहा था ।

" आयश मुस्कुराई और बोली हम्म..अच्छा वो सब तो ठीक हैं पर आराम से करो ना मेरी टांगो के बीच भी तो आग लगी और आप हो की जंगली जानवर की तरह मुझ पे टूट पड़े ।
" सॉरी जान बोलकर आयेशा के पैर को चूम लेता हैं । आयेशा भी मुस्कुरा देती हैं । रोहन जल्दी से आयेशा को उठा के सोफे पे पटक देता हैं और दोनों के ही होठों मिल जाते हैं ।वो बेशर्म होकर एक दूसरे को लूटने में लगे थे ।
रोहन निचे बैठा और आयेशा के पैरों को चूमने लगा वो उसकी उँगलियों को मुँह भरकर चूसने लगा जिससे आयेशा की सिसकी निकल गयी ।

" आह्ह्ह.. भैया उम्म... पैर कौन चूमता हैं वो मुस्कुरा के बोली ।
" मेरी जान असली मज़ा तो इसमे ही हैं की प्यार पुरी शिद्दत से किया जाये।
रोहन धीरे धीरे टांगों से होता हुआ बूर के करीब आया ।आयेशा मस्ती में आखें बंद कर ली थी । उसने सलवार का नाड़ा खोल के निकलने लगा ।आयेशा भी अपने भैया का पुरा साथ दी। देखते ही देखते आयेशा के बदन से कपड़े निकल चुके थे ।रोहन पैंटी के ऊपर से ही बुर चूम लिया।

" बूर पुरी तरह गीली हो चुकी थी ।रस से पैंटी भीग गयी और चिपचिपा द्रव्य निकल के बहार आने लगा ।

रोहन का मुँह बिल्कुल ही बुर के करीब था आयेशा को गर्म साँसे अपनी बूर पे महसूस होने लगी ।वो आंखें बंद कर ली ।
उसने पैंटी उतरने की जहमत नही की और साइड करके बूर पे जीभ लगा दी ।आयेशा चुतरों को इधर उधर करके मचल गयी ।

" आह्ह्ह...भैया ।

" रोहन अपनी जीभ को बूर पे घूमने लगा था वो बूर चाटने में पुरी तरह डूब चुका था वो अपनी जीभ को लापा लप घुमाये जा रहा था ।
आयेशा मस्ती में सिसकियाँ लेने लगी ।
" आह्ह्ह...भैया ।
वो आनंद के मारे आँखे नही खोल पा रही थी । रोहन ने बूर को खोला और फांकों में अपनी जीभ घुसा दी और आयेशा चिल्ला उठी ।

" आअह्ह्ह...भैया आयेशा मचल उठी ।और रोहन के सर को अपनी बूर में दबाने लगी ।
रोहन का पुरा मुँह अब चिपचपे द्रव्य में भीग चुका था ।
आयेशा रोहन को अपनी तरफ खिंचा और दोनों के होंठ मिल गये ।आयेशा को अपनी ही बुर का रस का स्वाद मिलने लगा । दोनों अलग हुए और एक दूसरे को देख के मुस्कुरा पड़े दोनों की आँखों में हवस देख रही थी


"आह्ह्ह...भैया चोद दो ना अब मत तड़पाओ । आयेशा मदहोशी और वासन में बोल गयी ।

" रोहन तो बस बूर को खा जाना चाहता था उसने एक ऊँगली बूर में घुसा दी और धीरे धीरे से अंदर बहार करने लगा ।आयेशा सिसकाने लगी ।

"आह्ह...भैया मर जाउंगी उफ्फ्फ...वो रोहन के सर को पकड़ के अपनी बूर पे रगड़ने लगी ।

" हमेशा चोदने देगी ना बोल बहना और तेज़ी से ऊँगली अंदर बाहर करने लगा ।
" हाँ भैया मैं आपकी ही हूँ फाड़ दो मेरी बुर को आह्ह्ह...मेरे राजा भैया ।

रोहन उठा और अपने कपड़े उतार के लिंग को आयेशा के सामने कर दिया । पर आयेशा ने आह्ह्ह..भरते हुए मना कर रही थी ।की मैं नही चूसूंगी भैया ।
रोहन ने भी ज़्यादा बल नही दिया और लिंग पे थूक मल के लिंग को योनि में प्रवेश करवा दिया ।

" आह्ह्ह...आयेशा सिसक उठी । और अब दोनों ही अपनी कमर चलने लगे ।रोहन जोर जोर से बूर को चोदे जा रहा था ।आयेशा भी रोहन के धक्कों का उतर अपनी गांड उचका के दे रही थी ।दोनों ही जोर जोर से आह्हे भरते हुए सांसारिक सुख भोग रहे थे । दोनों की चमड़ी एक दूसरे से रगड़ खाने से एक आनंद उत्पन कर रही थी ।

" उनको आज किसी की फ़िक्र नही थी
वो तो बस अपने जिस्म की आग मिटाने में लगे हुए थे । आयेशा की बुर का द्रव्य अब रोहन के लंड को पुरा भीगा चुका था वो दोनो अब चरमसुख के करीब पहुंचने वाले थे । दोनों की साँसे उखाड़ने लगी और एक आह्ह्ह...भरते हुए दोनों ही झड़ने लगे रोहन का सफ़ेद गढ़ा वीर्य आयेशा की योनि को भीगाने लगा ।आयेशा भी मस्ती में मचलते हुए झड़ने लगी और हांफ्ते हुए रोहन ज़मीन पे गिरा के पसर गया और आयेशा सोफे पे ही आह्हे भर के पसरी हुई थी ।
जोर जोर से साँसे भर रही थी ।
" जवानी का ये खेल अब थम चुका था दोनों ही एक दूसरे को लूट चुके थे । बूर से वीर्य निकल के सोफे को भीगाने लगा था की आयेशा उठकर रोहन को देखी ।दोनों की नज़र मिली और मुस्कुरा के दोनों ही जल्दी से उठकर फ्रेश होने चले गये और नहा के आराम करते करते वो सो गये ।


" राहुल की आँख एक आवाज़ से खुली उसने समय देखा तो 11 बज रहे थे । वो उठकर बैठा ही था की उसकी नज़र बगल में सोई हुई निधि पे गयी जो पुरी नग्न अवस्था में गांड फैलाये सो रही । रात का दृश्य याद करके राहुल मुस्कुरा दिया । तभी फिर से आवाज़ा आयी ।
दरवाजा खोल जल्दी से ये आवाज़ सुन राहुल , निधि को उठाने लगा ।
" दीदी उठो ना ।
"सोने दे ना भाई वो नींद में ही बोली ।
" दीदी कोई आया हैं जल्दी कपड़े पहन लो

ये सुन निधि की आँख खुली और वो एक दम से उठ के
बैठी और अपने आप को निहारने लगी वो पुरी नग्न अवस्था में अपने आप को पाकर चौंक गयी । उसका सर भी बहुत दर्द हो रहा था । उसने राहुल को देखा ,राहुल मुस्कुरा रहा था ।निधि शर्म और गुस्से से लाल होकर जल्दी से चादर लपेटी और कपड़े उठा के बाथरूम में भाग गयी ।
" राहुल ने कपड़े तैसे तैसे पहन के दरवाजा खोलने गया ।
दरवाजा खुला और सामने सलोनी खड़ी थी ।वो अंदर आकर बोली क्यों बे बहनचोद बहन को ही पत्नी बोलता हैं ।पीछे से विक्की और अजय भी आये और उनको देख राहुल की आँखें बड़ी हो गयी।

" क्यों बे मादरचोद सुना हैं यहाँ अपनी बहन चोद रहा हैं ।
" ये क्या बोलेगा मैं खुद जानती हूँ ये साला अपनी बहनों को चोद रहा हैं। तभी निधि भी बहार आयी ।
" देखो रंडी रात भर चुदी होगी। इतना बोल के वो राहुल को मारने गया। ,इधर राहुल समझ गया और उसके मुक्के से बच के खुद उसके मुँह पे 3-4 घुसे बरसा दिये ।ये इतना अचानक था की अजय समझ नही पाया और वो भी उसको मारना चाह पर राहुल ने बहुत ही तेज़ी से उसको धो डाला वो ज़मीन पे जा गिरा सलोनी भी उसको मरने के लिए आगे बढ़ी ही थी की उसको पीछे से धक्का लगा और वो ज़मीन पे जा गिरी ।
।वो पलट के देखी की निशा खड़ी थी ।सलोनी उठ कर निशा को मुक्का मारना चाहा पर निशा बच गयी और दो तीन घुसे उस पर बरसा दिये वो दर्द भरी आह्ह लिए गिरी गयी ।

" अजय उठा और निशा को एक जोर का थप्पड़ रसीद दिया दूसरी तरफ विक्की और राहुल में भिड़ान्त होने लगी सलोनी निशा को मरने गयी तभी निधि ने उसके सर पे कुछ मार दिया जिससे वो आह्ह्ह..करते हुए चीख दी ।


" चारों ही स्तम्भ खड़े निधि को देख रहे थे । विक्की और अजय आगे कुछ करते की राहुल ने दोनों की पछाड़ दिया और मार मार के उनको अधमरा कर दिया ।

तभी ये सुन के होटल स्टॉफ आया और बीच बचाओ किया और मामला सुलझा ।
" चारों का सर भारी था वो निम्बू पानी पी रहे थे । तभी निधि बोली ये सब क्या हो रहा हैं ये सलोनी हमको विक्की और अजय के साथ मारना क्यों आयी हैं ।

" मुझे लगता है ये विक्की और अजय हम लोगो से बदला लेना चाहते हैं । ये आवाज़ निशा की थी ।
" आह्ह..भैया क्या पिला दिया सर दर्द हो रहा हैं आरोही सर पकड़े बोली ।

सभी मुस्कुरा दिये और राहुल बोला मैंने तो मना किया था तुम लोगो को ही पीने की जल्दी थी । एक काम करते हैं हम लोगो पे दोबारा हमला कर सकते हैं हमें जल्दी से ये होटल छोड़ देना चाहिए ।
सब बातें करके सोच विचार के साथ कमरे में समान बाँधने लगते हैं ।इधर सलोनी ,विक्की और अजय गुस्से से लाल पिले हो रहे थे ।

" इन रंडियों की इतनी हिम्मत हमको मारा विक्की गुस्से में बोला ।
" अजय ,चल उन रंडियों को गोवा के सड़कों पे ही पटक चोदे और निकल जाते हैं।
" सलोनी , रुकों इतनी जल्दी ये सब फिर से करना ठीक नही हैं ।पर विक्की और अजय ने सलोनी की एक ना सुनी और उनके कमरे में गये देखा तो कमरा बिल्कुल खाली था ।
" विक्की ग़ुस्से से बोला रंडियों बच के निकल गयी ।

राहुल ,निशा,निधि और आरोही एयरपोर्ट पे पहुंच गये थे ।
" निशा इतनी जल्दी टिकट कैसे मिल गयी । निशा कुछ नही बोली ।तभी निधि ने भी यही सवाल किया ।
" दिल्ली चलो सब बताती हूँ बोलकर कुछ ही समय के बाद उनकी फ्लाइट की अनाउंसमेंट होने लगी और वो बैठ के चल दिये ।

" हाँ साली तु तो आराम कर रही हैं ये आवाज़ गरिमा की थी ।
" घर पे आजा बहुत दिन हो गये यार मिले हुए ।
तभी एक आवाज़ आयी गरिमा काम पे ध्यान दो ये तुम्हरा घर नही हैं । गरिमा उठकर बोली सॉरी सर ।
" दूसरी तरफ फोन पे हँसने की आवाज़ हुई ।और बोली पापा भी ना, फोन देना पापा को ,
ये लो सर गरिमा ने हाथ आगे करके बोली ।
" कौन हैं ??
" सर पलक हैं
" हाँ बेटा बोलो क्या बात हैं ।
" पापा मेरी दोस्त हैं वो और मुझसे ही बात कर रही थी ।
" मैं समझ गया बेटा पर ये ऑफिस हैं और यहा ये सिर्फ़ एक वर्कर है जिसको अपना काम करना हैं ।
" हाँ पापा मैं समझती हूँ पर आगे से मत बोलियेगा ।
" ठीक ठीक बेटा माफ़ कर दे अब नही बोलूंगा ।बोलकर फोन कट करके गरिमा को दे दिया । काम करो पलक की वजह से ही कुछ नही बोलता ।

" गरिमा अपने काम में लग जाती हैं आकाश छुप छुप के गरिमा को ही देखे जा रहा था ।। सब अपने काम में लगे हुए थे और समय गुज़रता गया ।
Nice update 👌👌👌👌
 
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राहुल ,निधि,निशा और आरोही दिल्ली एयरपोर्ट पे खड़े एक दूसरे को ही निहार रहे थे । उनको अपने शहर आकर मन को शांति मिली थी ।पर अभी भी कुछ सवाल मन में थे ।

" निशा अब बताओ ये इतनी जल्दी टिकट कैसे मिल गयी ।राहुल की आवाज़ से वो उसको देखने लगी और बोली ।
" कल शाम को घर आ जाना सब बता दूंगी ।

गाडी में बैठे और पहले निशा ड्राप किया फिर अपने घर को चल दिये।घंटी की आवाज़ से आयेशा की आँख खुली और वो जाकर दरवाजा खोली ही थी की अचानक से कोई उसके गले लग गया । वो चौंक के बोली कौन कौन ??

" अरे दीदी मैं आरोही वो अलग होकर बोली
आयेशा ने उसको देखा वो खुशी से उसको गले लगा ली तभी उसकी नज़र सामने गयी तो राहुल और निधि खड़े मुस्कुरा रहे थे । आयेशा भी खुशी होकर बोली पर आप लोगो को कैसे पता की भैया और मैं आये हुए हैं ।

" पहले अन्दर तो आ जाये राहुल निधि हँसते हुए बोली ।
वो लोग अंदर आये और राहुल जोर जोर से रोहन रोहन बोलने लगा पर वो आया नही तो आयेशा उसको उठाने गयी ।रोहन निचे आकर राहुल से गले और बोला ।
" कैसा हैं भाई, मैंने सुना तुम लोग गोवा घूमने गये थे ।

तीनों सोफे पे बैठ के आराम करने लगे आयेशा पानी लेने चली गयी । तभी राहुल बोला ।
" सब बढ़िया भाई तुम लोग कब आये और अचानक से आने का कैसे सोच लिया ।
तभी आयेशा उनको पानी का गिलास देते हुए बैठ जाती हैं । राहुल की नज़र जैसे ही आयशा पे जाती हैं वो उसको ही देख रही थी । एक आवाज़ से दोनों का ध्यान उधर जाता हैं ।
" बस सोचा दिल्ली घूम आये और तुम लोगों से भी लेंगे रोहन बोला ।

ऐसे ही थोड़ी देर बातें होती रही और निधि ,आरोही और राहुल ने बारी बारी से नहा के फ्रेश हुए और थोड़ी देर के लिए आराम करने कमरे में चले गये ।

***********

हहाहाहाहा... एक जोर की हँसी कमरे में फैली हुई थी
दरवाजे की घंटी बजी और पलक ने जाकर खोला ।
वो पापा बोलते हुए उससे लिपट गयी और बोली आप दुनिया के सबसे अच्छे पापा हो ।
कपिल मुस्कुरा दिया और अलग होकर पलक की चूचियों को हलके से मसल के बोला अंदर आने देगी की नही ।पलक भी मुस्कुराई और वो अंदर आये।

कपिल ने गरिमा को देखा पर कुछ नही बोला और अपने कमरे में चला गया ।

" चल यार में चलती हूँ सर आ गये ।
" पलक हलकी हंसी के साथ बोली ये मेरा घर हैं और वो सर नही तेरे अंकल हैं समझी और बैठ एक काम था इस लिए बुलाया था ।
" कैसा काम ?? गरिमा आँखें बड़ी करके बोली ।
" देख तु परेशान हैं की तेरे पापा का प्यार नही मिल रहा ।वो मुस्कुरा के बोली ।
" गरिमा घबरा गयी और बोली सह्ह्ह्ह.. चुप रहने का इशारा करते हुए बोली क्या कर रही हैं। अंकल यही हैं सुन लिया तो क्या होगा पागल कही की ,

" पलक मुस्कुराई और उसको बैठा के बोली तु सच में बुद्धू ही हैं एक लोड़ा खा चुकी हैं पर तुझको अकल नही आयी ।
" पलक के मुँह से कपिल की मौजूदगी में ऐसा बोलते गरिमा घबराने लगी यार थोड़ा धीरे तो बोल वो हलकी आवाज़ में बोली ।
" पलक मुस्कुराते हुए बोली अच्छा बाबा ठीक हैं सुन ,देख तु परेशान इस लिए हैं क्योंकि तेरे पास बस एक ही लंड हैं ।जो अब तुझे मिल नही पा रहा या मिलने में परेशानी हो रही हैं जो भी हो ।
" तु कहना क्या चाहती हैं गरिमा बोली ।
" तु एक नया मर्द फंसा ले साली एक नया लंड होगा तो तुझे लंड के लिए तड़पना नही पड़ेगा जब चाहे जो मिलेगा उसका ले लेगी समझी ना ।
" गरिमा आखें फाड़े पलक को ही देख रही थी ।
" क्या हुआ पलक ने गरिमा को हिलाते हुए बोली ।
" तु पागल हो गयी हैं क्या, एक दूसरा मर्द कहा से मिलेगा और ये बहुत गलत हैं ।

" पलक हंसी और बोली जो अपने बाप से चुदवाती हैं वो अब गलत सही बता रही हैं ।
" गरिमा थोड़ा गुस्सा होकर बोली मेरा वो मतलब नही हैं मर्द पसंद भी तो आना चाहिए और भरोसा भी तो होना चाहिए ।
" साली मतलब तुझको चाहिए ना दूसरा यार वो गरिमा को आँख मार के बोली ।

अब गरिमा क्या बोलती उसको कुछ ना बोलता देख पलक बोली ।

" देख गरिमा गलत कुछ भी नही हैं यदि होता तो पति और पत्नी के बीच भी चुदाई नही होती और ना हम पैदा हुए होते। ये संसार का सुख हैं जिसको करने में कुछ गलत नही हैं । चुदाई किसी से भी करो पर जो भी करो उसपे आपको कभी ग्लानि नही होनी चाहिए वरना चुदाई का मज़ा नही आएगा । और सोच सोच के तबियत और खराब हो जाएगी ।और जब तु अपने पापा से चुदवा सकती हैं तो दुनिया के किसी भी मर्द से चुदवाना तो आम बात हैं । वो उफ्फ्फ..करके चुप हो गयी ।
" पलक ने एक प्रोफेसर की तरह ज्ञान दिया की गरिमा उसको देखती रह गयी। कुछ देर दोनों ही नही बोली ।
" तभी गरिमा बोली पर दूसरा मर्द , कोई पसंद भी तो होना चाहिए ना साली और ये चुदाई पे इतना ज्ञान किसने दिया कही अंकल तो नही दे दिया ।

" दोनो ही मुस्कुरा दी और पलक बोली साली तु भी बहुत तेज़ हो रही हैं । तु मेरे पापा को पटा ले और चुदवा ले पलक एक दम से बोली गयी ।
" गरिमा ये सुनते ही उसकी हंसी एक दम रुक गयी और बोली तु पागल हो गयी हैं क्या ।
" मैं पागल नही हूँ तेरा और मेरा दोनों का जुगाड़ कर रही हूँ।
" गरिमा कुछ समझी नही और बोली मेरा तो समझ गयी पर तेरा जुगाड़ कैसे ?
" पलक मुस्कुराई और बोली । मैं तेरे बाप के साथ तु मेरे बाप के साथ 😜

गरिमा कुछ बोलती की कपिल की आवाज़ आयी ।गरिमा को कुछ खिलाया पिलाया की नही या बस बातें ही करती रहोगी।

" अंकल मैं चाय नाश्ता कर चुकी हूँ उसने घड़ी को देख 7:30 बज रहे थे । अच्छा पलक चलती हूँ बहुत देर हो गयी हैं । ओक अंकल चलती हूँ बोलकर जल्दी से निकल गयी ।


" बरखा घर आ चुकी थी साथ में आयेशा भी आज अपनी बुआ का हाथ किचन में बांटा रही थी ।
राहुल ,रोहन और आरोही बैठे बातें कर रहे थे। "

इधर निधि जिम में बैठे हुए राहुल और अपने सम्भोग के बारे में सोच रही थी ।वो थोड़ा गुस्सा भी थी और खुश भी हो रही थी ।तभी किसी की आवाज़ से वो उधर ही देखने लगी ।

" क्यों जाने मन आ गयी हमसे चुदवाने 😍
" लगता हैं गोवा की धुलाई तुम हरामजादे भूल गये हो । वो गुस्से से बोली ।
" भूले नही हैं जान पर अब तुमको पता चलेगा हमसे टकराने का विक्की गुस्से से मुठी बंद करते बोला ।

थोड़ा समय निधि वर्कआउट की और घर के लिए निकल गयी । वो जल्दी से घर जाने लगी उसको डर लगने लगा की कही विक्की और अजय कुछ कर ना दे वो कुछ सोचते हुए घर के करीब पहुंच गयी ।
तभी गरिमा उसको कुछ दूर से ही दिखाई दी और दोनों एक साथ घर में घुसी ।

सब बैठ के बाते करने लगे ।गरिमा ,रोहन और आयेशा को देखा और उनसे मिल के बहुत खुश हुई मस्ती और मज़ाक होने लगा । सुरेश भी आ गया और सबने मिलकर खाना खाया ।और सोने चल दिये ।पर नींद तो किसी की आँखों में नही थी सब किसी ना किसी सोच में डूबे हुए ।

" राहुल तेरा क्या हुआ आरोही से टांका हुआ की नही और वो कॉलेज वाली थी ना कोई उसके साथ रोहन बोला गया ।
" राहुल ख्यालों की दुनिया से आया और बोला थोड़ा थोड़ा करीब आये हैं ।वो निधि के बारे में नही बताता हैं और बोलता हैं तेरा और आयेशा का हुआ क्या ??

" रोहन मुस्कुरा के बोला हाँ गाँव में नदी किनारे ही लूट लिया ।
" राहुल ने रोहन को देखा और बोला साले कैसे किया ये और दिल्ली आना मुझे कुछ अजीब लगा बता बात क्या हैं ।
" रोहन सारी बात राहुल को बताता हैं की क्या हुआ और कैसे आयेशा उसकी झूली में आ गिरी और कितनी बार दोनों ने मज़ा लूटा ।
" हम्म्म.. कुछ देर सोच के बोला मतलब ये गुड्डू बहनचोद तेरा पीछा नही छोड़ रहा हैं और यहा हमारा ये विक्की और अजय ,
" रोहन तुरंत पूछ बैठा ये विक्की और अजय वही है क्या जो एक बार आरोही और निधि दीदी से बत्तमीज़ी किये थे ।
" हाँ यार रोहन वो मादरचोद साले गोवा भी पहुंच गये थे हमारा पीछा करते हुए ये चक्कर कुछ समझ नही आ रहा हैं वो चाहते क्या हैं ।
" मुझे लगत हैं वो भी गुड्डू की तरह निधि दीदी और आरोही की जवानी लूटना चाहते हैं आखिर मेरी ये बहनें भी तो माल है वो हँसने लगता हैं
" साले तु भी ना मेरी बहनों को कोई हाथ भी नही लगा सकता उनकी माँ चोद दूँगा।


दोनों ऐसे ही बातें करते हुए बिस्तर पे पसरे रहे और उधर आरोही और आयेशा भी बातें कर रही थी ।

" दीदी अब मैं आपको दिल्ली घुमाऊंगी मज़ा आएगा। आरोही चाहकते हुए बोली ।
" हाँ मेरी आरोही रानी वो आरोही के गालों को चूमते हुए बोली ।


निधि तो अपने ही खायलों में गुम थी की कैसे वो राहुल से चुदवा बैठी और अब तक वो उससे बात भी नही कर पायी । ऊपर ये विक्की और अजय का डर उसको सता रहा था उसने कुछ सोचा और आंखें बंद कर ली। बगल में गरिमा भी करवटें बदल बदल के सोचे जा रही थी की क्या एक दूसरे के बाप चुदवाना सही रहेगा पलक की बातें उसके दिमाग़ को घुमा रही थी । इसी उधेड़बुन में उसकी आँख लगी गयी ।


रात का एक पहर बीत चुका था निशा किसी को कॉल पे टिकट के लिए शुक्रिया बोल रही थी ।
" ये वही वही राहुल हैं ना जो कॉलेज में था एक आवाज़ दूसरी तरफ से आयी ।
" जी हाँ अब में रखती हूँ बोलकर कॉल कट करके सोती जाती हैं ।

सुरेश को नींद नही आ रही थी वो उठा कमरे से बहार आकर टहलने लगा ।वो मन में सोचने लगा की अब तो गरिमा से मिलना बहुत मुश्किल हैं ये रोहन और आयशा को भी अभी आना था ।तभी उसको एक आवाज़ आयी अरे फूफ़ा जी आप सोये नही । सुरेश पलट के देखा तो समाने आयेशा खड़ी थी ।

" नींद नही आ रही थी तो सोचा की थोड़ा टहल लूं ।तुम बताओ तुम इतनी रात को कैसे घूम रही हो ।

" फूफ़ा जी मैं वो बाथरूम गयी थी और आपको देखा तो चली आयी ।
" अच्छा अच्छा कोई नही तुम सो जाओ मैं भी चलता हूँ ।
आयेशा पलट के जाने लगी तभी सुरेश की नज़र उसकी मटकते हुए कुल्हों पे गयी एक पल के लिए ही सुरेश की आँखों को आज एक खजाना जैसे मिल गया ।


****** ******
सुबह का समय था घर में आवाज़ो की झारी लगी थी कोई कुछ मांग रहा था। कोई कुछ इधर बरखा परेशान होकर बोली जिसको जो चाहिए वो किचन में आकर खुद ले लो ।
जैसे तैसे सब ने नाश्ता किया और गरिमा ऑफिस के लिए निकल गयी इधर ,आरोही और राहुल कॉलेज के लिए निकल गये ।बस घर निधि ,आयेशा और रोहन बच गये ।
राहुल और आरोही कॉलेज के लिए जा ही रहे थे की एक मोड़ पे राहुल ने बाइक रोक ली सामने देखा तो कोई घायल पड़ा दर्द से छटपटा रहा था वो सडक थोड़ा सुन सान था काफी कम ही गाड़ियां वहा से निकल रही थी ।
राहुल और आरोही उतर के उसको देखने गये ही थे की किसी ने पीछे से कुछ उनके शरीर में चुभा दी और वो हलकी आह्ह..के साथ बेहोश हो गये ।
Excellent update
 
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राहुल को होश आने लगा था पर वो अभी भी अपनी आँखें पुरी तरह से अपनी आँखें नही खोल पा रहा था।
उसने नज़रे दौड़राई और देखा तो चारों तरफ कूप अंधेरा था । कुछ भी दिखाई नही दे रहा था ।
तभी किसी के कदमों की आहट उसके कानों में गयी ।दरवाजा खुलने की आवाज़ हुई और एक तेज़ रौशनी कमरे में फैल गयी पुरा कमरा प्रकाश में नहा गया ।
तभी राहुल पे पानी की बाल्टी उड़ेल दी गयी ।
आह कौन हैं वो लड़खड़ती हुई जुबान में बोला। वो पानी से होश में आया और आँखें खोले देखने लगा उसके सामने चार मर्द खड़े थे वो उनको देखे जा रहा था । वो उठने की कोशिश करने लगा पर उसके हाथ पैर बन्दे हुए थे वो जोर से चिल्ला के बोला कौन हो तुम मेरी बहन कहा हैं ।

" सवाल मैं करूंगा तु बस जवाब देगा एक भारी सी आवाज़ उन चारों मर्दों के पीछे से आयी। राहुल ने नज़रे गड़ा के देखना चाहा वो देख के चौंक गया ।और बोला आप।
" आपने मुझे क्यों बंधा हुआ हैं मेरी बहन कहा हैं ?
" लगाता हैं तुमने सुना नही सवाल मेरा होगा जवाब तुम्हरा ।

"उसके लिए एक कुर्सी लगायी गयी वो आकर बैठा बाकी लोग बहार चले गये । राहुल गुस्से से जल रहा था उसकी आँखें गुस्से से लाल हो रही थी ।अपनी आरोही को देखने के लिए तपड़ रहा था की फिर उस आदमी ने कुछ कहा ।"
" निशा को कब से जानते हो ??
" राहुल बस एक टक देखता रहा और बोला आपका निशा से क्या मतलब हैं आप उसके बारे में क्यों पूछ रहे हो ।
" वो आदमी गुस्सा होते हुए बोला लगता हैं तु ऐसे नही मानेगा वो उठा और उठकर जाने लग ।
"तभी राहुल बोला में बस बता दूंगा पर मेरी आरोही कहा हैं ये बता तो बस प्लीज ।
" वो बैठा और बोला मेरे सवालों का जवाब दो फिर आरोही के बारे में जो पूछना चाहते हो पूछ लेना बस इतना जान लो वो अभी सही सलामत हैं ।
" तो पूछिए क्या पूछना है आपको राहुल निराश होकर बोला ।
" निशा को कब से जानते हो और तुम्हारा क्या रिश्ता हैं उससे ??
" जी वो निशा और मैं एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं । पर उससे पहले ही मैं निशा को जानता था। क्योंकि हम एक ही स्कूल में भी साथ पढ़ते थे । और वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं ।
" और बताओ ?
" और कुछ नही जो हैं बता दिया ।
" चुतिया समझता हैं तु मुझे तु वही राहुल हैं ना जिसको किसी तिवारी नाम के विधायक ने परेशान किया था । सिर्फ दोस्त होते तो निशा रो कर मुझे कॉल नही करती ।और इतना जल्दी वो किसी के लिए सहयता नही लेती पर तुम्हारे लिए लिया ।


ये सुनते ही राहुल चौंक गया उसका मुँह खोला रह गया और सामने वाले आदमी को देखे जा रहा था अब वो सब समझ गया था की उस दिन अचानक ही कोई उसे और उसकी बहनों को कोई बचाने कैसे आया तो वो निशा ने किया पर कैसे वो इतने बड़े आदमी को कैसे जानती हैं पुरानी सारी बातें उसके दिमाग़ में घूमने लगी कही निशा इनकी बेटी तो नही ,तिवारी की वो बात उसको याद आ गयी
"तभी वो आदमी बोला बता बात क्या हैं ।
" आप को निशा क्यों कॉल की क्या रिश्ता हैं आपका ??
" चुप साले सवाल में करूंगा जवाब तु देगा समझा ।वरना तेरी उस लौंडिया क्या नाम था आरोही याद हैं ना ।
" राहुल थोड़ा घबरा गया था वो बोला निशा और मैं एक दूसरे को प्यार करते हैं मैं उसको बहुत चाहता हूँ वो एक दम से बोल गया ।
" एक हलकी मुस्कुराहट लिए वो आदमी बोला हम्म.. तो ये भी बता की उस तिवारी के लड़के तुझे और निशा को अभी भी परेशान कर रहे हैं ।
" जी हैं वो पता नही हमारा पीछा नही छोड़ रहे हैं वो हमको परेशान करते ही रहते हैं ।
" तु निशा को सच्चे दिल से चाहता हैं या ऐसे ही मज़े लेने का सोच रहा हैं सच बता ।
" जी मैं निशा को बहुत चाहता हूँ मैं उसको बोल नही पाया कभी पर मुझे उससे बहुत प्रेम हैं उसकी आँखें नम हो गयी थी ।
"एक हलकी हंसी गूँजी ।राहुल उधर ही देखने लगा । वो आदमी बोला अच्छा सही हैं और जाने लगा ।
" रुको मेरी बहन कहा हैं मुझे खोलो प्लीज । वो रोता रहा पर वो चला गया ।


***********

इधर निशा ने राहुल को कई कॉल किये पर उसका वो एक भी कॉल नही उठा रहा था । निशा परेशान हो गयी थी ना राहुल आया ना ही आरोही वो सोच ही रही थी की पीछे किसी ने उसके गांड पे हाथ लगा दिया । वो पलट के देखी तो विक्की और अजय खड़े थे ।
"हाये क्या मस्त मुलायम चुतर हैं विक्की बोला ।
" निशा ने गुस्से से उसको देखा और बोली लगता हैं तेरे दिन फिर गये हैं जो तु मुझे छूने की हिम्मत की हैं।
" जाने मन उस नपुंसक में क्या रखा हैं एक बार हमसे चुदवा के देखो ना । विक्की ने ये बोला और दोनों हँसने लगे ।
" हरामज़ादे बोल के निशा निकल गयी ।


"इधर आरोही को होश में लगया गया वो होश मैं आते ही चिल्लाने लगी कौन हो तुम लोग, कहा हूँ मैं छोड़ दो मुझे ,मेरे भईया कहा हैं ।"
" चुप एक दम चुप दोनों सही सलामत हो कुछ देर में घर छोड़ देंगे । उसका मुँह बंद कर दिया आँखों पे पट्टी बाँधने लगे तो आरोही छटपटाने लगी। पर जैसे तैसे हाथ और चेहरा ढक के गाडी में बैठा दिया ऐसा ही राहुल के साथ भी किया गया और उसको भी गाडी में बैठा दिया । करीब आधे घंटे के बाद उनको उतार के उनके हाथ खोल दिये और चले गये ।आरोही और राहुल ने अपने चेहरे से कपड़ा हटाया और दोनों ने एक दूसरे को देखा और गले लग गये ।दोनों की आँखें नम होने लगी।
"तु ठीक तो हैं ना आरोही...वो उसके बदन को इधर उधर करके देखा ।
" हाँ भईया में ठीक हूँ आप तो ठीक हो ना।
" तुझे किसी ने कुछ किया तो नही किसी ने मारा हो सवाल किया हो ।
" नही भइया कुछ नही हुआ हैं मैं तो बेहोश हो गयी थी। जब उठी तो एक बड़े से बेड पे सोई हुई थी । और मुझे तो जूस भी दिया गया ।
राहुल समझ जाता हैं की ये सब उससे पूछने के लिए किया गया था इसमे आरोही कुछ नही जानती ।
" वो लोग कौन थे भइया, थे तो कमीने पर जूस और खाना देने का समझ नही आया ।
" पता नही कौन थे ।
"वो आरोही से झूठ बोलता हैं और जब उनकी नज़र आस पास के घरों पे जाती हैं तो वो हैरान थे ये तो उनका ही मोहल्ला हैं और सामने ही उनका घर भी था । दोनों खुशी से एक दूसरे को देखे और घर की तरफ चल दिये । उसने आरोही को ये बात ना बताने के लिए बोल दिया । आरोही ने भी सर हाँ में हिला दी ।

निधि ,आयेशा और रोहन कैरम खेल रहे थे की दरवाजे की घंटी बजी और रोहन खोलने गया ।
" कौन हैं रोहन निधि ने दूर से ही पूछा ।
" कौन होगा दीदी मैं हूँ आरोही ने अपने स्टाइल मैं बोली ।
" अच्छा ये महारानी और महाराजा आये हैं चलो बैठ के आराम करो फिर खाना खुद ही निकाल के खा लेना देखो हमारा खेल चल रहा हैं ।

राहुल और आरोही सड़ा हुआ मुँह के कमरे में चले जाते । आरोही बिस्तर पे पसर के सो जाती हैं पर राहुल तो किसी और आग में ही जल रहा था ।उसने निशा को कॉल करने के लिए अपना फोन ढूढ़ा पर मिला नही ।उसे याद आया कही उनके घर पे तो नही रह गया । वो सर पकड़ के बेड पे बैठता बोला। लग गये लोड़े...

*******

इधर ऑफिस में गरिमा आज कपिल से आँख नही मिला पा रही थी पर आज आकाश से उसकी अच्छी दोस्ती हो गयी थी दोनों ने आज काफी समय साथ ही गुज़ारा उधर कपिल अपने केविन में बैठा गरिमा की चुदाई के सपने में खोया हुआ था ।
शाम हो चली थी राहुल तैयार होकर निकलने वाला होता हैं की रोहन उसको बोलता कहा जा रहा हैं मुझे भी साथ ले यार ।
" आता हूँ फिर चलते हैं ।

पलक ने गरिमा से कॉल पे बात कर रही थी ।
" क्या सोचा साली तूने बताई भी नही नाराज़ हो गयी हैं ।
" नहीं यार तुझसे कैसी नाराज़गी पर मैं अभी तक सोच नही पायी हूँ मैं रात को बताती हूँ ।
" चल ठीक हैं कोई जबरदस्ती नही हैं तु सोच के बता देना जब मैं तो तेरा भला सोच के बोली थी ।

*******

निशा की आँख दरवाजे की घंटी से खुलती हैं वो जाकर दरवाजा खोलती हैं । तो सामने राहुल खड़ा था उसको देख वो हैरान होती हैं। पर राहुल गुस्से से आग बाबूला हुए जा रहा था वो निशा को पकड़ के दरवाजा बंद किया और निशा को बिस्तर पे पटक दिया ।
" राहुल ये क्या मज़ाक हैं
" चुप बिल्कुल चुप अब सवाल में करूंगा तुम बस जवाब दोगी ।

"निशा राहुल की ऐसी हरकत से आँखें फाड़े ही उसको देख रही थी । वो कुछ बोलना चाहती थी पर बोल नही पा रही थी ।"

" ये बताओ योगराज देशमुख कौन हैं तुम्हरा ??
ये सुन निशा की आँखें बड़ी हो जाती हैं वो कुछ नही बोलती हैं तो राहुल गुस्से से उसको पकड़ के उसकी गांड पे जोर से मरता हैं ।।वही निशा की एक दर्द भरी आह्ह्ह निकल जाती हैं । उसकी आँखें नम हो चुकी थी ।वो राहुल को अपनी नम आँखों से देखती हैं और बोलती हैं तुम जानवर हो क्या ये क्या कर रहे हो । मुझे दर्द होता हैं । मैं भी इंसान हूँ हर कोई मुझे बस जानवर समझता हैं तुमपे भरोसा किया था की तुम एक अच्छे इंसान हो पर तुम भी एक जानवर ही निकले राहुल वो रोने लगती हैं ।
राहुल का मन भी ऐसा नही था वो तो बस आज हुए घटना से गुस्से में था उसने निशा को देखा उसकी आँखों में आंसु आ चुके थे ।पर वो बहार आकर गिरते की राहुल ने उसपे होंठ लगा दिये और वो उसके होठों से मुँह समा गये । निशा को जब ये एहसास हुआ तो वो राहुल से दूर होकर उसको देखी ।राहुल की आँखें भी भीग चुकी थी । उसको विश्वास नही हो रहा था की उसके दर्द से राहुल को भी दर्द होता हैं ये देख वो हलकी सी मुस्कुरा दी । और बोली ।

" तुम क्यों रो रहे हो तुम तो मुझे मरने आये हो ना बिना कुछ जाने लो मार लो वो अपनी गांड उभार दिखाते हुए बोली ।

जिसे देख राहुल ने उसपे हाथ रखा और निशा डर गयी पर राहुल ने आहिस्ता से एक ऊँगली गांड की दरार में घुसा दी जिससे निशा के मुँह से आउच निकल गया और वो जब समझी तो मुस्कुरा दी राहुल ने गोलाईयों को सहलाया और चूम लिया । निशा मचल के रह गयी । जहाँ कुछ देर पहले गुस्सा और नफरत थी अब वही प्यार और सिर्फ प्यार था ।दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा दिये ।

" माफ़ कर दो निशा वो मैं गुस्से में कुछ ज़्यादा ही कर दिया ।
" निशा कुछ नही बोली ।तो राहुल ने उसकी गांड में फंसी हुई ऊँगली को हलके से आगे पीछे किया और निशा की आह्ह निकल गयी ।
"वो राहुल को देखी और बोली क्यों किया गुस्सा जब इतना प्यार करते हो तो ।
" तुम्हारे पापा की वजह से उसने एक सपाट उतर दिया।

जिसे सुन निशा का चेहरा मुरझा गया । और पर दूसरे ही पल वो जब समझी की राहुल क्या बोला तो वो आँखे। बड़ी करके बड़ी तुमको कैसे पता मेरे पापा कौन हैं

" मुझे पता हैं तुम गृहमंत्री योगराज की बेटी हो
" निशा तो जैसे कुछ बोल ही नही पायी की राहुल ये कैसे जानता हैं वो तुरंत अलग हुई और बोली तुमको किसने बताया ।
" राहुल मुस्कुरा के बोला अपने बाप से ही पूछ लेना जाने मन आरोही और मुझे किडनैप करवाया था ,अब उसकी बेटी चोद के बदला लूँगा ।
" निशा मुस्कुरा दी और बोली छी... तुमको शर्म नही आती हैं ऐसी गंदी बातें करने में , और उन्होंने किडनैप क्यों किया और कब??
" राहुल पुरी बात बता देता हैं कैसे उसको और आरोही को पकड़ा और बेहोश किया और तुम्हारे बारे में सवाल पूछा गया ।

ये सब सुन निशा गुस्सा होने लगती हैं ।उनकी हिम्मत कैसे हुई तुमको इस तरह अगवा करने की वो जल्दी से फोन उठा के कॉल करने वाली होती हैं की राहुल उसको पकड़ के रोक देता हैं ।
"
" मत करो कॉल मेरे जाने के बाद करना और ये बताओ की वो निशा को अपने पास बैठा के बोला ।की तुम इस तरह छुप के अकेले क्यों रहती हो जब इतना परिवार हैं तो,
" वो परिवार मेरा नही हैं राहुल । वो भावुक होकर बोली
" राहुल को कुछ समझ नही आया और बोला कुछ समझा नही कहना क्या चाहती हो ।
" क्या सुनना चाहते हो ?
" यही की इतने बड़े घर की बेटी इस तरह छुप के क्यों रहती हैं ।
"तुम जानना चाहते हो तो सुनों मेरी माँ एक रखैल थी । योगराज की रखैल जिसके जिस्म से अपनी भूख मिटाता था पर एक दिन वो पेट से हो गयी और मैं उनकी कोख में आ गयी थी । जैसे तैसे मेरा जन्म हुआ और कुछ सालों के बाद माँ चल बसी पर उनके जाने के बाद मेरे साथ जानवरों जैसा सालूक होने लगा मेरी सौतेली माँ जो दुनिया की नज़र में योगराज देशमुख की पत्नी हैं ।और उनके बेटे और बेटी मुझे रंडी की बेटी बोलते थे। मुझे ज़लील करते थे । मैं तंग आकर खुदखुशी करना चाहती थी पर नही कर पायी इतनी हिम्मत नही थी राहुल मुझमे पर एक दिन में परेशान होकर घर से भाग गयी उस समय में १४ साल की थी ।पर मुझे पापा ने तैसे जैसे मुझे ढूढ़ लिया और फिर मुझे अपने साथ रखने लगा पर मैंने साफ मना कर दिया।
की मैं यहा नही रहूंगी और मुझे आम इंसान की तरह ही जीना हैं तो उन्होंने ऐसा किया और फिर इस तरह की ज़िंदगी की शुरुवात हुई ।और स्कूल में तुम्हे पहली बार देखा ,तुमको देखते ही मुझे पता नही ऐसा क्यों लगा की तुम मेरे अपने हो मेरे हर दुख दर्द को समझोगे देखते ही देखते हम दोनों दोस्त बन गये पर तुम में बस एक कमी थी तुम डरते थे । जो मुझे बिल्कुल भी अच्छा नही लगता था राहुल पर उस दिन कॉलेज में तुमको मर्दो की तरह देख मुझे सबसे ज़्यादा खुशी हुई। निशा की आँखें ये बोलते समय नम हो चुकी थी ।
" राहुल मैं एक हवस की निशानी हूँ ना की प्यार की मेरे बाप को जिस्म की भूख थी ना की प्यार की मैं उसी का नतीजा हूँ ।

वो रोने लगी थी राहुल ने उसको अपनी बहों में भर लिया और सांत्वना देता हुआ उसके पीठ रगड़ने लगा ।
दोनों का जिस्म इतना पास था की अब उसके बदन में गर्मी बढ़ने लगी और अचानक ही राहुल और निशा के होंठ मिल गये। पर दोनों में से कोई भी होठों को चूस नही रहा था ।तभी राहुल मे निशा के निचे के होठों को भरकर चूसने लगा । आहिस्ता आहिस्ता निशा ने भी साथ देना चालू कर दिया और दोनों एक दूसरे के होठों को मज़े लेकर चूसने लगे बदन में गर्मी और उनके यौन अंगों में आग अब बढ़ने लगी थी ।मोहब्बत का ये सिलसिला चल ही रहा था की दरवाजे की घंटी बजी और रंग में भंग हो गया । दोनों अलग हुए । निशा शर्म की लल्ली लिए पलट गयी । राहुल भी मुस्कुरा दिया ।

"निशा ने अपने को ठीक किया और दरवाजा खोलने गयी ।"
बहुत ही शानदार अपडेट हैं
 
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निशा ने जाकर दरवाजा खोला । सामने योगराज खड़ा था ।दोनों अन्दर और निशा ने सवालों की झड़ी लगा दी। आपकी हिम्मत कैसे हुई राहुल को अग़वा करने की वो भी मेरे से बिना पूछे। निशा योगराज की आँखों से आँखे मिला के बात कर रही थी । और राहुल ये सब कमरे से देख रहा था ।


" योगराज निशा के हाथों को पकड़ के बोला उसने बता दिया तुमको ।
" हाँ आपने क्यों किया वो अच्छा लड़का हैं और मेरा दोस्त भी हैं ।
" और प्यार भी हैं योगराज इस बार मुस्करा के बोला ।
" निशा ये देख थोड़ा शर्मा गयी और बोली ऐ.. ऐसा कुछ नही हैं वो लड़खड़ाती हुई जुबान में बोली ।
" योगराज मुस्कुरा के बोला बेटी मैं तेरा बाप हूँ दुनिया को ऐसे ही चुतिया नही बना रखा ।
" तभी राहुल को आता देखा योगराज बोला तुम यहा क्या कर रहे हो । और मेरी बेटी से ये सब बताने को मना किया था। तभी भी तुमने बता दिया ।
" आपने मुझे और मेरी बहन को किडनैप किया आपको पूछना ही था तो बुला के पूछ सकते थे । एक सपाट सा जवाब राहुल ने दिया।
" मैं ऐसे ही बुलाता हूँ और जब तुम्हारी वजह से निशा की जान पे बात आ जाए तो ऐसा करना गलत नही हैं । एक बाप अपनी बेटी के लिए इतना तो करेगा ।
" हम्म..कर सकता हैं । पर मैं कोई छोटा खिलाडी नही हूँ जो आप मुझे इतनी आसानी से मात दे दोगे ।

"राहुल के ऐसे बात करने से योगराज सुन्न था वही निशा भी आँखें बड़ी करके उसको देख रही थी । उसकी मर्दानगी को देख के उसके मन और दिल में और इज़्ज़त बढ़ गयी ।"

" बेटा अभी बच्चे हो तुम ,तुम्हारे जैसे मेरे यहा पानी भरते हैं ।
" राहुल हँसा और बोला लोग भरते होंगे मैं नही और शायद
पानी का नल आपके घर में होगा इसलिए भी भरते होंगे ।

ये सुन निशा हँसने लगी वही योगराज गुस्सा होकर उसको देखने लगा ।

" हम्म बहुत बोलते हो । समय आने पे देखते हैं तुम्हारा खेल भी और दिखाते है अपना खेल भी बोलकर योगराज चुप हो गया ।
" पापा ,राहुल बैठों मैं चाय लेकार आती हूँ ।निशा चली गयी ।
योगराज ने फोन निकाल के राहुल की तरफ किया राहुल मुस्कुरा के फोन अपने हाथ में लेकर शुक्रिया बोला ।
तीनों ने चाय पी और राहुल का फोन आया और वो निकल गया ।


*********


निधि जिम में किसी का इंतज़ार कर रही थी । विक्की और अजय उसको ही देख रहे थे की राहुल आता दिखाई दिया

निधि ने राहुल को देखा और उसके पास गयी । और कुछ बोलने लगी दोनों एक दूसरे की आँखें में देखने लगे ।चुदाई के बाद पहली बार दोनों मे बात की थी। निधि मुस्कुरा के राहुल को देख रही थी। शर्म की लाली उसके चेहरे पे साफ दिखाई दे रही थी । दोनों जिम ट्रेनर के पास जाते हैं ।कुछ बात करने लगते हैं ।

" ये भोसड़ी का यहा क्या कर रहा हैं अजय ने विक्की के कानों में धीरे से बोला ।
" पता नही शायद रंडी को ले जाने आया हो ।


कुछ देर ट्रेनर से बात करते हैं और ट्रेनर राहुल को कुछ सिखाने के लिए डम्बल मांगता हैं ।राहुल डम्बल उठा लेता हैं । जिसे देख अजय और विक्की समझ जाते हैं की ये भी जिम जॉइन कर लिया हैं। ऐसे ही निधि और राहुल वर्कआउट करते हैं और घर के लिए निकल जाते हैं आज निधि को कोई डर नही सता रहा था ।आज सब का मन अच्छा था सब खाना खाकर सोने जा चुके थे ।
" साले आता हूँ बोलकर सीधा रात को आया रोहन ने राहुल का हाथ पकड़ के मोड़ रखा था ।
" अरे सुन तो मेरी बात वो कुछ काम आ गया था समझा कर भाई ।
" साले २ दिन हो गये कही लेकर ही नही चलता । रोहन उसको छोड़ के बोलता हैं
" ठीक हैं भाई कल सुबह से ही दिल्ली दर्शन करवा दूंगा ।

"इस बात से रोहन खुश हो गया और बोला अपनी वो आइटम भी दिखा दियों कैसी हैं ।
" राहुल हँसता हुआ बोला ठीक हैं कल निशा से भी मिलावा दूंगा ।

तभी उनके दरवाजे पे किसी की आवाज़ आयी भईया खोलो ना सो गये हो क्या । ये आवाज़ आयेशा की थी ।
रोहन ने दरवाजा खोला वो अंदर आकर बिस्तर पे बैठी और राहुल को देखी जैसे पूछ रही हो सोये क्यों नही ।
" क्या हुआ आयेशा सोई नही अभी तक, गाँव में तो सो जाती थी ।रोहन बोला ।
" भईया वो नींद नही आ रही हैं ना ।
तभी राहुल बोला नींद कैसे आएगी जब मन हो केला खाने का वो बोल के मुस्कुरा दिया ।
" इस बात से रोहन भी मुस्कुराया और आयेशा का चेहरा शर्म से लाल हो गया ।
" देखो दोनों को कुछ भी करने का मन हो तो रात को किचन में कर लेना मैं कही नही जाऊंगा राहुल ने उनकी चुटकी लेते हुए बोला ।
" साले, रोहन उसको मरने भागा और आयेशा भी उसको पकड़ने लगी ऐसे ही मस्ती मज़ाक होता रहा । इधर निधि ने आज अच्छे से वर्कआउट किया था तो वो थक के सो गयी थी । और गरिमा गहरी रात होने का इंतज़ार कर रही थी । आरोही की भी आँख लग चुकी थी ।


रात का दो पहर बीत गये और रोहन ने आयेशा को जगाया उठ ना आयेशा ।आयेशा उठी और समझ गयी आखिर खुजली तो अब उसकी बूर में तेज़ हो रही थी ।दोनों दबे पाँव किचन की तरफ चल दिये । पूरे घर में अंधेरा पसरा हुआ था वो आराम से चल के वहा पहुंचे ही थे की उनको कुछ आवाज़ सुनाई दी ।
आअह्ह्ह्ह...पापा चोदो कितना समय से आपका लोड़ा नही लिया था आअह्ह.. ओह्ह्ह्ह...चोदो मेरे पापा जी बूर फाड़ दो ।
सुरेश जोर जोर से गरिमा की बूर में झटके मार रहा था उधर गरिमा भी अपनी गांड उठा उठा के अपने पापा से ताल से ताल मिला रही थी ।
"आह्ह्ह...गरिमा मैं आने वाला हूँ ।
" रुकों पापा थोड़ी देर आह्ह्ह....बेटीचोद

इस आवाज़ को सुन के वो दोनों आचंभित थे ।दोनों को दिखाई नही दे रहा था पर जो सुना वो एक भूकांप की तरह उनपे गिरा था। दोनों अपने में ही सोच रहे थे की ये क्या हो रहा हैं किचन में थोड़ी देर ये खेल चलता रहा और जोर जोर से साँसे भरते हुए सिसकियाँ आ रही थी ।आअह्ह्ह...गरिमा रांड करते हुए सुरेश ने अपना वीर्य गरिमा की योनि में भर किया ।इधर गरिमा भी बेटीचोद करते हुए झाड़ गयी और दोनों हांफते हुए जोर जोर से आहे भर के आराम करने लगे । बहार खड़े रोहन और आयेशा को लगा की शायद खेल समाप्त हो गया।
" कितने दिनों के बाद तेरी चूत का स्वाद मिला हैं। बेटी हो तो तेरी जैसी सुरेश ने गरिमा की वीर्य से भीगी हुई बुर ऊँगली करके बोला ।
" आउच..पापा क्या मस्ती कर रहे हो इतने देर चोद के मन नही भरा क्या । चलो मैं चलती हूँ कोई देख ना ले हमें बोलकर कपड़े पहनने लगी

इधर आयेशा और रोहन अभी भी शॉक में थे की ये बाप बेटी का खेल कब से हो रहा हैं और किसी को पता कैसे नही चला । इतने में लाइट जली और रोहन और आयेशा छुप गये । पहले गरिमा निकली फिर सुरेश निकल के जल्दी से चला गया इधर आयेशा रोहन के कान मैं बोली ये क्या था भईया ।
वो दोनों खुद चुदाई का मज़ा लूटने आये थे और उनको यहाँ कोई और ही चुदाई करता हुआ मिला । तभी रोहन का माथा टंका वो समझ गया की राहुल ये जानता हैं उसने जानबुझ के हमें ये दिखाया हैं ।


वो दोनों भी किचन में गये और लाइट जलाई। जहाँ कुछ देर पहले तक एक बाप बेटी चुदाई का नंगा नाच करके गये हैं किचन में अभी भी एक अजीब सी हलकी महक आ रही थी जो शायद दोनों के चुदाई का प्रतीक थी ।
अब आग दोनों के जिस्म में लग चुकी थी दोनों ने लाइट को बंद करना ही सही समझा। और अंधेरे में एक दूसरे को पकड़ के चूमने लगे।उन्होंने भी वही प्यास बुझने का सोच लिया। और देखते ही देखते वो हवस की आग में जलने लगे आयेशा नंगी हो गयी और रोहन तो पहले से ही कच्छे पे आया हैं उसने कच्छा उतर फेंका और आयेशा के चुचों को दबाने और चूसने वो एक चुचा पकड़ के दबा दबा के पीता फिर दूसरा पीने लगा ।

अब आयेशा गर्म होने लगी और अब हलकी सिसकियों निकलने लगी ।वो चूचियों से खेलता हुआ आयेशा को गरम करने में लगा रहा । इधर आयेशा की बुर भी भीगने लगी और उसने अपने हाथों में रोहन का लोड़ा पकड़ लिया और आगे पीछे करके रोहन को भी सुख देनी लगी । रोहन ने चूचियां चूस चूस के आयेशा को मदहोश कर दिया था । देखते ही देखते दोनों का जिस्म एक दूसरे को लूटने के लिए मचलने लगा और रोहन ने आयेशा को लिटा दिया और लंड को बूर पे रख के सरका दिया ।बूर चिकनी हो चुकी थी उसने लंड को बड़े आराम से अंदर खींच लिया और दोनों हिलाने लगे ।रोहन आयेशा को चोदने लगा

" आह्ह्ह...भईया....आयेशा जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी ।रोहन भी पुरी ताकत से बूर में धक्के मार के बूर को फाड़ने में लगा था ।
" आह्ह्ह...आयेशा मज़ा आ रहा हैं ना बहना रोहन बोला और जोर जोर से झटके मारता चला गया ।दोनों का बदन पसीने से नहा चुका था वो फिर भी चुदाई का मज़ा भोगने में लगे हुए थे उनको किसी की परवाहा नही थी की कोई उन्हे सुन भी सकता हैं ।वो तो अपनी ही दुनिया का सुख लेने में मस्त थे ।।


आह्ह्ह...ओह्ह...भईया मैं गयी आह्ह्ह..ओह्ह्ह...करते हुए आयेशा का बदन अकड़ने लगा और वो रोहन से लिपट के गयी इधर रोहन को अपने लंड पे गरम सा कुछ महसूस हुआ और वो भी आह्ह्ह...बहना मेरी रंडी बहना बोलता हुआ झड़ने लगा। रोहन ने अपना गढ़ा सफ़ेद वीर्य आयेशा की बूर में उतार दिया दोनों ही एक दूसरे को सुख देकर एक नयी कहानी गढ़ रहे थे ।पर वो इस बात से बिल्कुल अनजान थे की उनकी ये लीला कोई सुन रहा हैं ।
" भईया ये दीदी और फूफ़ा जी कब से कर रहे होंगे
" पता नही यार ये परिवार हैं या रंडीखाना यहाँ बाप अपनी बेटी को रात के अंधेरे में चोदता हैं और किसी को कुछ पता नही चलता । आयेशा आगे कुछ बोलती की रोहन ने उसको कपड़े पहनने को बोला वो दोनों उठे और कपड़े पहन के जल्दी से भाग गये ।
 
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Nisar485

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Barkha ki chudai kise baher wale se karwao story mast hai
 
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Barkha ko rohan se chudwao
 
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