अपडेट 25
सुबह के करीब 6:17 बजे गरिमा का फोन बजने लगा ।उसने आँख खोले बिना ही, आधी नींद में फोन उठाकर बोला ।
" हेल्लो कौन?
" गरिमा मैं हूँ तेरा पापा ।
" गरिमा तुरंत आँख खोल के बोली अब आयी याद आपको रात भर उस बरखा को चोद के सो गये और मेरा क्या होगा सोचा आपने, बोल के शांत हो गयी ।
" मेरी जान तुम्हारे लिए सोचा तभी तो इतनी सुबह कॉल किया हूँ जल्दी से दरवाजा खोलो ताकि तुम्हारी बूर का दरवाजा भी खोल सकूं।
" गरिमा कॉल कट करके दरवाजा खोलती हैं ,सुरेश जल्दी से गरिमा को पकड़ के चूमने लगता हैं । इस अचानक हुए हमले से गरिमा अपने आप को संभाल नही पाती और बिस्तर पे जा गिरती हैं दोनों एक दूसरे के होठों को बेतहसा चूमे जा रहे थे ।
" गरिमा ने अपना मुँह खोला और सुरेश की जीभ मुँह में घूमने लगी । दोनों का मुँह पुरी तरह लार से सन चुका था ।चूमने के साथ साथ सुरेश चूचियों से खेलने लगा था। दोनो ही एक दूसरे के बदन को रगड़ के गरम कर रहे थे ।
" दोनों बेशर्म होकर एक दूसरे को प्यार कर रहे थे की बरखा की खांसने की हलकी आवाज़ से दोनों डर गये। और सुरेश जल्दी से अलग हो गया पर गरिमा तो प्यासी थी उसने सुरेश को अपनी तरफ खींचा और फिर से दोनों के होंठ मिल गये और फिर से होंठ चुसाई शुरू हो गयी ।
" कुछ देर ये सिलसिला चला और सुरेश बोला की जान छोड़ो नही तो बरखा देख लेगी ।
" हम्म..नही पापा मुझे लंड चाहिए मेरी बूर में आग लगी हैं ।
" जान कभी और कर लेना समझो और गरिमा से अलग होकर कमरे से निकल जाता हैं सामने से बरखा को आता देख के थोड़ा घबरा जाता हैं ।
" आप कब उठ गये जी ।
" बरखा अभी आँख खुली हैं तो गरिमा को उठाने आ गया था ।
" अच्छा ठीक हैं चलो आप फ्रेश हो जाओ आज वैसे भी दुकान में बहुत काम हैं । माल भी आने वाला हैं और रोहन और आयेशा भी,
" इधर गरिमा अपनी बूर को सहलाते हुए गुस्सा हो जाती हैं और मन में बोलती हैं इस भोसड़ी वाले के भाव बहुत बढ़ गये हैं और चादर ओढ़ के सो जाती हैं ।
" सूर्य का प्रकाश फैलने लगा था । तभी आवाज़ आने लगी चाय चाय गरम चाय की आवाज़ आते हुए। रेल गाडी दिल्ली स्टेशन पे आकर रुकती हैं ।
रोहन और आयशा उतरकर बहार आये और सुरेश का इंतज़ार करने लगे । कुछ समय के इंतज़ार के बाद सुरेश स्टेशन पहुंचा दोनों ने उसके पैर छुए और चल दिये घर के लिए।
घर पहुंच के दोनों ने अपनी बुआ के पैर छुए और रोहन बोला ।
" बुआ जी ,राहुल और बहने कहां हैं ।
" अरे बेटा वो लोग तो गोवा गये हैं घूमने और गरिमा ऑफिस गयी हैं ।हम भी चलते हैं बेटा शाम को मिलते हैं तब तक आराम करो और खाना बना दिया हैं ।खा लेना और दरवाजा अच्छे से बंद कर लेना । बोलकर चले जाते हैं आयशा जाकर दरवाजा बंद कर लेती हैं । वो जैसे ही घूमती हैं । अचानक ही उसके रोहन दबोच लेता और उसके होठों पे एक होंठ रख देता हैं ।इस अचानक हुए हमले उसकी आँखें बड़ी हो जाती हैं ।
" रोहन आयशा के मुलायम होठों को चूसे जा रहा था ।अब आयेशा भी गरम होने लगी वो भी साथ देने लगी ।
दोनों एक दूसरे के शरीर से खेलने ,धीरे से रोहन ने गांड की गोलाई को सहलाते हुए एक ऊँगली सलवार के ऊपर से ही गांड की दरार में घुसा दी । जिससे आयेशा मचल के रह जाती हैं ।लगातार चूमे चाटी से दोनों की साँसे अब फुलने लगी थी ।
"दोनों अलग होकर एक दूसरे को देख के मुस्कुरा दिये पूरे घर में उनके जोर जोर से साँसे लेने की ही आवाज़ उनको आ रही थी ।रोहन ने आव देखा ना ताव उसने आयेशा के गुलगुले पकड़ के मसल दिया जिससे वो चिहुक के आह्ह...आच बोलकर रह गयी । और रोहन हँसने लगा ।
" भैया आप बहुत गंदे हो इतनी जोर से कोई मसलता हैं क्या बोल कर गुस्सा हो गयी ।
" रोहन आयेशा के कदमों में बैठ के बोला माफ़ कर दे जान लिंग में बहुत उत्तेजना थी कब से तुझको प्यार करने के लिए मरा जा रहा था ।
" आयश मुस्कुराई और बोली हम्म..अच्छा वो सब तो ठीक हैं पर आराम से करो ना मेरी टांगो के बीच भी तो आग लगी और आप हो की जंगली जानवर की तरह मुझ पे टूट पड़े ।
" सॉरी जान बोलकर आयेशा के पैर को चूम लेता हैं । आयेशा भी मुस्कुरा देती हैं । रोहन जल्दी से आयेशा को उठा के सोफे पे पटक देता हैं और दोनों के ही होठों मिल जाते हैं ।वो बेशर्म होकर एक दूसरे को लूटने में लगे थे ।
रोहन निचे बैठा और आयेशा के पैरों को चूमने लगा वो उसकी उँगलियों को मुँह भरकर चूसने लगा जिससे आयेशा की सिसकी निकल गयी ।
" आह्ह्ह.. भैया उम्म... पैर कौन चूमता हैं वो मुस्कुरा के बोली ।
" मेरी जान असली मज़ा तो इसमे ही हैं की प्यार पुरी शिद्दत से किया जाये।
रोहन धीरे धीरे टांगों से होता हुआ बूर के करीब आया ।आयेशा मस्ती में आखें बंद कर ली थी । उसने सलवार का नाड़ा खोल के निकलने लगा ।आयेशा भी अपने भैया का पुरा साथ दी। देखते ही देखते आयेशा के बदन से कपड़े निकल चुके थे ।रोहन पैंटी के ऊपर से ही बुर चूम लिया।
" बूर पुरी तरह गीली हो चुकी थी ।रस से पैंटी भीग गयी और चिपचिपा द्रव्य निकल के बहार आने लगा ।
रोहन का मुँह बिल्कुल ही बुर के करीब था आयेशा को गर्म साँसे अपनी बूर पे महसूस होने लगी ।वो आंखें बंद कर ली ।
उसने पैंटी उतरने की जहमत नही की और साइड करके बूर पे जीभ लगा दी ।आयेशा चुतरों को इधर उधर करके मचल गयी ।
" आह्ह्ह...भैया ।
" रोहन अपनी जीभ को बूर पे घूमने लगा था वो बूर चाटने में पुरी तरह डूब चुका था वो अपनी जीभ को लापा लप घुमाये जा रहा था ।
आयेशा मस्ती में सिसकियाँ लेने लगी ।
" आह्ह्ह...भैया ।
वो आनंद के मारे आँखे नही खोल पा रही थी । रोहन ने बूर को खोला और फांकों में अपनी जीभ घुसा दी और आयेशा चिल्ला उठी ।
" आअह्ह्ह...भैया आयेशा मचल उठी ।और रोहन के सर को अपनी बूर में दबाने लगी ।
रोहन का पुरा मुँह अब चिपचपे द्रव्य में भीग चुका था ।
आयेशा रोहन को अपनी तरफ खिंचा और दोनों के होंठ मिल गये ।आयेशा को अपनी ही बुर का रस का स्वाद मिलने लगा । दोनों अलग हुए और एक दूसरे को देख के मुस्कुरा पड़े दोनों की आँखों में हवस देख रही थी
"आह्ह्ह...भैया चोद दो ना अब मत तड़पाओ । आयेशा मदहोशी और वासन में बोल गयी ।
" रोहन तो बस बूर को खा जाना चाहता था उसने एक ऊँगली बूर में घुसा दी और धीरे धीरे से अंदर बहार करने लगा ।आयेशा सिसकाने लगी ।
"आह्ह...भैया मर जाउंगी उफ्फ्फ...वो रोहन के सर को पकड़ के अपनी बूर पे रगड़ने लगी ।
" हमेशा चोदने देगी ना बोल बहना और तेज़ी से ऊँगली अंदर बाहर करने लगा ।
" हाँ भैया मैं आपकी ही हूँ फाड़ दो मेरी बुर को आह्ह्ह...मेरे राजा भैया ।
रोहन उठा और अपने कपड़े उतार के लिंग को आयेशा के सामने कर दिया । पर आयेशा ने आह्ह्ह..भरते हुए मना कर रही थी ।की मैं नही चूसूंगी भैया ।
रोहन ने भी ज़्यादा बल नही दिया और लिंग पे थूक मल के लिंग को योनि में प्रवेश करवा दिया ।
" आह्ह्ह...आयेशा सिसक उठी । और अब दोनों ही अपनी कमर चलने लगे ।रोहन जोर जोर से बूर को चोदे जा रहा था ।आयेशा भी रोहन के धक्कों का उतर अपनी गांड उचका के दे रही थी ।दोनों ही जोर जोर से आह्हे भरते हुए सांसारिक सुख भोग रहे थे । दोनों की चमड़ी एक दूसरे से रगड़ खाने से एक आनंद उत्पन कर रही थी ।
" उनको आज किसी की फ़िक्र नही थी
वो तो बस अपने जिस्म की आग मिटाने में लगे हुए थे । आयेशा की बुर का द्रव्य अब रोहन के लंड को पुरा भीगा चुका था वो दोनो अब चरमसुख के करीब पहुंचने वाले थे । दोनों की साँसे उखाड़ने लगी और एक आह्ह्ह...भरते हुए दोनों ही झड़ने लगे रोहन का सफ़ेद गढ़ा वीर्य आयेशा की योनि को भीगाने लगा ।आयेशा भी मस्ती में मचलते हुए झड़ने लगी और हांफ्ते हुए रोहन ज़मीन पे गिरा के पसर गया और आयेशा सोफे पे ही आह्हे भर के पसरी हुई थी ।
जोर जोर से साँसे भर रही थी ।
" जवानी का ये खेल अब थम चुका था दोनों ही एक दूसरे को लूट चुके थे । बूर से वीर्य निकल के सोफे को भीगाने लगा था की आयेशा उठकर रोहन को देखी ।दोनों की नज़र मिली और मुस्कुरा के दोनों ही जल्दी से उठकर फ्रेश होने चले गये और नहा के आराम करते करते वो सो गये ।
" राहुल की आँख एक आवाज़ से खुली उसने समय देखा तो 11 बज रहे थे । वो उठकर बैठा ही था की उसकी नज़र बगल में सोई हुई निधि पे गयी जो पुरी नग्न अवस्था में गांड फैलाये सो रही । रात का दृश्य याद करके राहुल मुस्कुरा दिया । तभी फिर से आवाज़ा आयी ।
दरवाजा खोल जल्दी से ये आवाज़ सुन राहुल , निधि को उठाने लगा ।
" दीदी उठो ना ।
"सोने दे ना भाई वो नींद में ही बोली ।
" दीदी कोई आया हैं जल्दी कपड़े पहन लो
ये सुन निधि की आँख खुली और वो एक दम से उठ के
बैठी और अपने आप को निहारने लगी वो पुरी नग्न अवस्था में अपने आप को पाकर चौंक गयी । उसका सर भी बहुत दर्द हो रहा था । उसने राहुल को देखा ,राहुल मुस्कुरा रहा था ।निधि शर्म और गुस्से से लाल होकर जल्दी से चादर लपेटी और कपड़े उठा के बाथरूम में भाग गयी ।
" राहुल ने कपड़े तैसे तैसे पहन के दरवाजा खोलने गया ।
दरवाजा खुला और सामने सलोनी खड़ी थी ।वो अंदर आकर बोली क्यों बे बहनचोद बहन को ही पत्नी बोलता हैं ।पीछे से विक्की और अजय भी आये और उनको देख राहुल की आँखें बड़ी हो गयी।
" क्यों बे मादरचोद सुना हैं यहाँ अपनी बहन चोद रहा हैं ।
" ये क्या बोलेगा मैं खुद जानती हूँ ये साला अपनी बहनों को चोद रहा हैं। तभी निधि भी बहार आयी ।
" देखो रंडी रात भर चुदी होगी। इतना बोल के वो राहुल को मारने गया। ,इधर राहुल समझ गया और उसके मुक्के से बच के खुद उसके मुँह पे 3-4 घुसे बरसा दिये ।ये इतना अचानक था की अजय समझ नही पाया और वो भी उसको मारना चाह पर राहुल ने बहुत ही तेज़ी से उसको धो डाला वो ज़मीन पे जा गिरा सलोनी भी उसको मरने के लिए आगे बढ़ी ही थी की उसको पीछे से धक्का लगा और वो ज़मीन पे जा गिरी ।
।वो पलट के देखी की निशा खड़ी थी ।सलोनी उठ कर निशा को मुक्का मारना चाहा पर निशा बच गयी और दो तीन घुसे उस पर बरसा दिये वो दर्द भरी आह्ह लिए गिरी गयी ।
" अजय उठा और निशा को एक जोर का थप्पड़ रसीद दिया दूसरी तरफ विक्की और राहुल में भिड़ान्त होने लगी सलोनी निशा को मरने गयी तभी निधि ने उसके सर पे कुछ मार दिया जिससे वो आह्ह्ह..करते हुए चीख दी ।
" चारों ही स्तम्भ खड़े निधि को देख रहे थे । विक्की और अजय आगे कुछ करते की राहुल ने दोनों की पछाड़ दिया और मार मार के उनको अधमरा कर दिया ।
तभी ये सुन के होटल स्टॉफ आया और बीच बचाओ किया और मामला सुलझा ।
" चारों का सर भारी था वो निम्बू पानी पी रहे थे । तभी निधि बोली ये सब क्या हो रहा हैं ये सलोनी हमको विक्की और अजय के साथ मारना क्यों आयी हैं ।
" मुझे लगता है ये विक्की और अजय हम लोगो से बदला लेना चाहते हैं । ये आवाज़ निशा की थी ।
" आह्ह..भैया क्या पिला दिया सर दर्द हो रहा हैं आरोही सर पकड़े बोली ।
सभी मुस्कुरा दिये और राहुल बोला मैंने तो मना किया था तुम लोगो को ही पीने की जल्दी थी । एक काम करते हैं हम लोगो पे दोबारा हमला कर सकते हैं हमें जल्दी से ये होटल छोड़ देना चाहिए ।
सब बातें करके सोच विचार के साथ कमरे में समान बाँधने लगते हैं ।इधर सलोनी ,विक्की और अजय गुस्से से लाल पिले हो रहे थे ।
" इन रंडियों की इतनी हिम्मत हमको मारा विक्की गुस्से में बोला ।
" अजय ,चल उन रंडियों को गोवा के सड़कों पे ही पटक चोदे और निकल जाते हैं।
" सलोनी , रुकों इतनी जल्दी ये सब फिर से करना ठीक नही हैं ।पर विक्की और अजय ने सलोनी की एक ना सुनी और उनके कमरे में गये देखा तो कमरा बिल्कुल खाली था ।
" विक्की ग़ुस्से से बोला रंडियों बच के निकल गयी ।
राहुल ,निशा,निधि और आरोही एयरपोर्ट पे पहुंच गये थे ।
" निशा इतनी जल्दी टिकट कैसे मिल गयी । निशा कुछ नही बोली ।तभी निधि ने भी यही सवाल किया ।
" दिल्ली चलो सब बताती हूँ बोलकर कुछ ही समय के बाद उनकी फ्लाइट की अनाउंसमेंट होने लगी और वो बैठ के चल दिये ।
" हाँ साली तु तो आराम कर रही हैं ये आवाज़ गरिमा की थी ।
" घर पे आजा बहुत दिन हो गये यार मिले हुए ।
तभी एक आवाज़ आयी गरिमा काम पे ध्यान दो ये तुम्हरा घर नही हैं । गरिमा उठकर बोली सॉरी सर ।
" दूसरी तरफ फोन पे हँसने की आवाज़ हुई ।और बोली पापा भी ना, फोन देना पापा को ,
ये लो सर गरिमा ने हाथ आगे करके बोली ।
" कौन हैं ??
" सर पलक हैं
" हाँ बेटा बोलो क्या बात हैं ।
" पापा मेरी दोस्त हैं वो और मुझसे ही बात कर रही थी ।
" मैं समझ गया बेटा पर ये ऑफिस हैं और यहा ये सिर्फ़ एक वर्कर है जिसको अपना काम करना हैं ।
" हाँ पापा मैं समझती हूँ पर आगे से मत बोलियेगा ।
" ठीक ठीक बेटा माफ़ कर दे अब नही बोलूंगा ।बोलकर फोन कट करके गरिमा को दे दिया । काम करो पलक की वजह से ही कुछ नही बोलता ।
" गरिमा अपने काम में लग जाती हैं आकाश छुप छुप के गरिमा को ही देखे जा रहा था ।। सब अपने काम में लगे हुए थे और समय गुज़रता गया ।