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Incest पूरे परिवार की वधु

prkin

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१४
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ससुरजी घबरा गए और 'अरे बहु नहीं ऐसा नहीं करो कहते कहते' गाडी सड़क के किनारे दूर ले जा कर रोक दी।
" अरे बहु, मेरी बेटी इसमें रोने की क्या बात है। गलती तो मुझसे हुई है।," ससुरजी ने मुझे अपने बाज़ू से खींच कर अपने निकट कर लिया।
"पापाजी आपने मुझे अपनी बहु नहीं बेटी मान लिया है। आप अपनी इस निर्लज्ज बेटी के बारे में क्या सोचतें होंगें ?"मैं सबक सबक कर हिच्च्कियां मारने लगी थी। मेरे शब्द हिच्च्कियों से भरे रुक रुक कर मेरे मुंह से निकले।
"सुनी बेटी मेरी बात सुन। बिटिया ज़रा अपने पापा की तो सुन और रोना बंद करो," ससुरजी ने मेरे आंसुओं को प्यार से पोंछते हुए मुझे संभालने का प्रयास किया।
" देख बेटा , मैं गाँव का किसान सही पर मैंने भी विद्या आधुनिक समय में प्राप्त की थी। मैं दक्यानुसि विचारों और व्यवहार का कट्टर विरोधी हूँ। यह तो तुम्हारी उम्र है शारीर के आनंद लेने की। यदि तुम्हें इस आनंद की इच्छा, क्षुधा ,भूख नहीं होगी तो क्या सौ साल बूढ़ी स्त्री को होगी। अरे मुझे तो कोई शर्म नहीं, की इस उम्र में भी मुझे शारीर से सुख भोगने की तीव्र इच्छा होती है, " ससुर जी ने मेरे बालों को सहलाते हुए मुझे सांत्वना दी।
मैं थोड़ा हलके पर अभी भी मेरी सुबकाइयाँ और हिच्च्किया रुकी नहीं , " पर आपने दूसरी सुबह जो देखा उस से आपको घृणा नहीं जागी मेरे लिए। "
" देख बेटा पहली बात तो कौन पिता अपनी लाड़ली बेटी से घृणा की सोच भी सकता है। उस से पहले तो मैं नर्क में सड़ना पसंद करूंगा। फिर शरीर-सुख के तो अनेक रूप हैं। जिस से जब सुख मिले वो ठीक है। समाज के नियम व्यग्तिगत सुख के ऊपर कोई भी नियंत्रण नहीं रखते। समझी बेटी मेरी बात। इसलिए अब इस बात को बिलकुल भूल जाओ। यदि तुमने इस बात को ले कर एक क्षण भी और दुखी मन रखा तो मैं तुझसे नाराज़ हो जाऊँगा, " ससुरजी ने मेरे आंसुओं से भीगे गालों को चूमा और हंस कर कहा , "अरे मैं तो अफ़सोस मन रहा था की कितना सुखद दृश्य होगा वो काश मैं देख पाता। "
मैं हंस दी सुबकते हुए और शर्म से लाल हो गयी, "पापा जी आप भी कितने .... ?" मैंने शर्म से लाल अपना मुंह ससुरजी के झक सफ़ेद सिल्क के कुर्ते से ढके सीने में छुपा लिया।
"अरे बेटा बोलो न पापा जी क्या हैं? " ससुरजी खुश थे कि उनकी ज्ञानी तेजमयी बातों से उनकी बहु / बेटी संभल गयी और दुःख और शर्म की गहराइयों से उभर गयी।
" चलिए मैं नहीं बताती ,"मैंने लचक कर और भी अपने गीला मुंह ससुरजी के सीने में दबा दिया।
"बेटा यदि अपने दिल की बात अपने पापा से छुपाओगी तो तेरे पापा यहीं धरना डाल कर जीवन भर ऐसे ही बैठें रहेंगें ," ससुरजी ने और भी प्यार से मुझे भींचा अपने शारीर के साथ।
"बस मैं तो कह रही थी की पापा जी आप कितने प्यारे, ज्ञानी और। ......... " मैंने अपना रोने के कारण लाल गीला मुंह उठाया ससुरजी के सीने और अपनी भीगी हलकी भूरी चमकती आँखों को ससुरजी की हलकी भूरी आँखों में डाल कर
" और क्या बेटा ," ससुरजी मुझे बिना जाने नहीं छोड़ने वाले थे।
" और उम…… आप बहुत शरारती भी हैं ठीक मेरे देवरों जैसे ," मैंने शरमाते हुए बात पूरी की और लाल होते मुंह को हाथों में छुपा कर खिलखिला कर हंसने लगी।
यदि मैं देख रही होती तो जान जाती कि ससुरजी के चेहरे पर बहुत मोहक मुस्कान छा गयी थी।
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मैंने शहर महुंच आकर पहले तो तीन केक के लिए प्रयाप्त मात्र में सामान ख़रीदा। फिर मैंने ससुरजी के लिए उनके जन्मदिवस के लिए भेंट का सामान ख़रीदा। मुझे दो तीन घंटे लग गए। तब तक ससुरजी ने अपने व्यवसाय के काम निबटा लिए।
वापसी में ससुर जी थोड़े गम्भीर थे और थोड़े प्रस्सनचित भी।
मैं तो अब हवा में उड़ रही थी। ससुरजी के खुले विचारों ने मुझे उनकी तरफ पहले से ही असीमित आदर , प्रेम को और भी उन्नत कर दिया। मेरे हृदय में एक मीठी हूक से उठी , यदि मेरे पिता अभी जीवित होते तो बिलकुल ससुरजी जैसे होते। मैंने इस बात को आँख मूँद कर गाँठ सी बाँध ली। मैं अब सारा जीवन इस मन्त्र को बदलने नहीं वाली थी।
" सुनी बेटा जब मैं डाकघर गया तो बाकि डाक से साथ साथ तेरा पार्सल भी उठा लिया। माफ़ करना बेटी गाँव की आदत है की कोई भी पार्सल वहीँ खोल लेने की। यदि चीज़ टूट-टाट गयी हो वहीँ से वापस कर सकते हैं। मुझे यदि पता होता कि इस से तेरी निजी सामान आया है तो मैं कभी भी नहीं खोलता ," ससुरजी के कामाकर्षक चेहरे पर गलती करने की ग्लानि साफ़ साफ़ दिख रही थी।
तब मुझे होश आया की मायने अपने पति के लण्ड के माप का शिश्न-का-प्रतिरूप [ डिलडो ] ख़रीदा था इंटरनेट से।
मैं फिर से सकपका गयी और फिर से रुआँसी हो गयी।
ससुरजी ने जल्दी से गाड़ी सड़क से बाहर मोड़ दी और निकट के पेड़ों के झुण्ड के बीच जा कर रोक दी।
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Bahot badhhiya kya seduction hai
maza aagaya
har bahu ko aise hi sasur mile
App ki likhvat ka javaab nahi please likhti rahe aur ham jaiso ko wet karti rahe
sach me e episod padhta padhate mai bahot wet ho gai
 

prkin

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Please update.
Eagerly waiting for a long one with lots of action.
 
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