दोस्तों प्लीज़ रिप्ले कर दिया करो
अध्याय 3
भाई की वासना
दोस्तों अब मैं अधिक से अधिक अपनी बहन के साथ समय बिताने लगा था ।
मैं सवेरे उसको अपने साथ रनिंग और एक्सरसाइज के लिए ग्राउंड में ले जाया करता था और शाम को अपनी बहन की अपने साथ जिम कराता था।
कभी कभी हम दोनों भाई बहन रात के समय मार्केट की चहल-पहल में निकल जाया करते थे ।
और गोलगप्पे , आइसक्रीम..या फालूदा ….व्गेरा खाया करते थे।
जब हम ग्राउंड में रनिंग के लिए जाते।
वहां पर बहुत से लोगों की नजर मेरी बहन सानवी को ताकति रहती थी।
जिसे देखकर मेरे अंदर जलन होती थी। लेकिन मेरे अंदर भी कहीं ना कहीं कोई चोर था ।
और मेरी नजर उन लोगों की नजरों में शामिल हो जाती थी
जब मैं अपनी बहन के साथ दौड़ लगाया करता था ।
तो मेरी नजर अपनी बहन की गांड टिक जाती थी।
उसकी हिलती गांड देखकर मैं मस्त हो जाता था ।
समय के बीतने के साथ-साथ मेरे अंदर की वासना ने मुझे अपनी बहन से चिपक कर रहने पर मजबूर कर दिया था।
अब मै अपनी बहन के कामुक शरीर को अधिक से अधिक छूने की कोशिश करता था ।
जिससे मेरे अंदर थोड़े डर के साथ मस्ती छा जाती थी ।
मै सानवी से रोमेंटिक बातें भी करने लगा था।
और वो भी मुझसे छेड़ - छाड़ करने लगी थी मुझसे डबल मीनिंग बातें करने लगी थी ।
ऐसे ही दिन गुजरने लगे और मेरी हिम्मत ………. उसको जिम करने के बहाने …..., एक्सरसाइज के बहाने…..और बाहर घूमने के बहाने……..ओर अधिक नजदीक ला दिया था।
एक दिन मे बीमार हो गया।
[ { ( दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि मैं करीब आठवीं क्लास तक आपने मम्मी के पास ही सोया करता था ।
लेकिन मेरी बढ़ती उम्र के साथ साथ मेरी भावनाओं और विचारों में भी बदलाव आने लगे ।
और फिर मैं धीरे - धीरे अलग सोने लगा ।
अब जब मैं सिर्फ बीमार होता हूं तभी अपनी मम्मी के पास सोया करता हूं। ) } ]
उस दिन भी ऐसा ही हुआ।
जब मैं बीमार था तो मम्मी ने मुझे अपने साथ सोने के लिए बोल दिया।
ताकि रात को मुझे किसी चीज की जरूरत होने या तकलीफ होने पर मेरी देखभाल कर सकें ।
रात को दवाई के नशे के कारण मुझे जल्दी ही नींद आ गई।
लेकिन आधी रात करीब 12:00 बजे मेरी आंख खुल गई।
क्योंकि मैं दिन में भी आराम कर चुका था जिस कारण से मैं बिल्कुल फ्रेस उठा।
मैंने जैसे ही अपनी गर्दन मोड अपनी मम्मी को देखा।
मैं अपनी मम्मी को देखकर हैरान रह गया ।
मेरी मम्मी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थी। और उसने खुला पजामा और बनियान पहना हुआ था ।
आज पहली बार मैंने अपनी मम्मी को इस ड्रेस मे देखा था।
मेरी मम्मी की गांड के दोनो हिस्से उसके खुले पजामे मे अलग-अलग दिख रहे थे ।
और उसका बनियान कमर के ऊपर चढ़ा होने के कारण उसकी नंगी कमर दिख रही थी।
अपनी मम्मी के इस कामुक शरीर को देखकर मेरे अंदर का शैतान जागने लगा ।
और मैं अपनी मम्मी के कामुक शरीर को पूरा निहारने लगा ।
उसे देखकर मेरे अंदर की वासना भड़कने लगी ।
फिर ना जाने मुझे क्या हुआ और मैं बिना कोई विचार किये अपनी मम्मी की ओर करवट लेकर अपनी मम्मी से चिपक कर सोने लगा।
मेरा नीचे का शरीर मम्मी से बिल्कुल चिपका हुआ था और मेरी मम्मी की मुलायम गांड से मेरा लंड लगते ही मे पागल सा हो गया।
और मेरा लंड पूरा टाइट हो गया और उसकी गांड की दरार मे रगड़ खाने लगा और मैं वासना के सागर में डूब गया।
ऐसे लेटे हुवे ही मै नींद लेने की सोचने लगा और ना जाने कब मुझे नींद आ गई ।
जब मैं सवेरे उठा तो मम्मी रसोई में काम कर रही थी और मेरी भाई बहन सफाई का काम कर रही थी ।
फिर मै बाथरूम जाकर गर्म पानी से मुंह - हाथ धोकर मम्मी को हर रोज की तरह आज भी मैंने मम्मी को गुड मॉर्निंग बोला।
मम्मी ने भी मुझे गुड मॉर्निंग बोला।
मै रसोई के पास खडा होकर मम्मी की गांड को देख रहा था।
तभी मम्मी ने मुझे मेरी तबियत के बारे मे पूछ कर मुझे चाय ले जाने के लिए बोल दिया ।
मै भी ख्यालो से बाहर आ कर मम्मी के पास चाय लेने चला गया।
मम्मी ने मेरे लिए फेवरेट डिश तेयार की हुई थी ।
और मैं फिर चाय के साथ अपनी फेवरेट डिश लेने लगा।
मम्मी खाना बना कर दुकान पर चली गई और मेरी बहन सानवी मेरा ध्यान रखने के लिए घर पर ही रह गई ।
आज रात फिर से में मम्मी के पास सोने चला गया।
और सोने का नाटक करने लगा ।
थोड़ी देर में मम्मी चेंज करके मेरे पास आकर लेट गई।
मेरी आँखो से नींद कोशों दूर थी और मै मम्मी के सोने का इंतजार करने लगा।
इसी इंतजार में मेरे डेढ़ घंटा निकल गया ।
मम्मी पिछली रात की तरह आज भी दूसरी तरफ मुंह करके सो गई थी ।
और फिर मैंने भी करवट लेकर मम्मी की तरफ खिसका।
मै डर और वासना दोनों ही स्थिति मे था।
मेरी वासना ने मेरे शरीर को अपनी मम्मी से चिपकने पर मजबूर कर दिया ।
मैंने अपना एक हाथ अपनी मम्मी की कमर में डालकर कर सोने लगा।
और मेरा लंड मेरी मम्मी की गांड की दरार मे दस्तक देने लगा।
मेरा शरीर जहाँ डर से कांप रहा था वही मम्मी की गर्मी ने मेरा रोम - रोम खडा कर दिया था ।
और फिर ना जाने कब मुझे भी नींद आने लगी और मैं ऐसे ही सो गया ।
अगली सुबह उठा तो मम्मी पहले की तरह नहा - धोकर रसोई में खाना तैयार कर रही थी ।
और मेरी बहन घर की सफाई में लगी हुई थी ।
मैंने मम्मी और बहन को गुड मॉर्निंग बोला तो उन्होंने मुझे भी गुड मॉर्निंग बोला।
फिर मैंने अपनी बहन से पूछा कि आज तुम ग्राउंड में नहीं गई।
सानवी : भाई अकेले कैसे जाती ……….तुम जल्दी सी ठीक हो जाओ फिर चलेंगे।
मम्मी : तेरी तबीयत कैसी है..?
मै : काफी हद तक ठीक हूँ….
मम्मी : ठीक है ! तुम्हारे लिए गर्म पानी किया है तुम गर्म पानी से आज नाहा लो …...शरीर हल्का और फ्रेश हो जाएगा …..
मै: ठीक है
और मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया ।
और जैसे मैंने अपने कपड़े निकाल कर वॉल हैंगर पर टांगने के लिए बढा तो मुझे मम्मी के अंडर गारमेंट्स मिल गये।
जिसमे मम्मी की पेंटी और ब्रा थी। मैंने अपनी मम्मी की पेंटी को उठाया और हाथ में लेकर उसे भींचते हुए रात वाले सीन को याद करने लगा ।
जिस से मेरी वासना भड़क गई और मेरा शैतान जाग गया फिर मे पेंटी को सूंघने लगा
और उसको अपने मुँह मे भींच कर
अपने शरीर पर से फेरता हुआ अपने लंड के ऊपर ले आया और उस पेंटी के साथ अपने लंड को मसलने लगा ।
और अपनी मम्मी के कामुक शरीर को याद करने लगा।
तभी मुझे आवाज आई
सानवी : भाई मुझे भी नहाना है जल्दी करो ।
मै अपने होश मै आता हूँ।
फिर मैं नहा - धोकर सिर्फ तोलिया लपेटकर बाहर आ गया । मेरे शरीर पर हल्की पानी की बूंदे और गीले बाल……..जैसे ही मैं बाहर आया ।
मेरी बहन की एक नजर मुझे देखती ही रह गई ।
मेरी बहन मेरा इंतजार कर रही थी ।
और फिर अगले ही पल उसने बड़ी कातिल मुस्कान के साथ..
सानवी : क्या बात है भाई….आज बहुत टाइम लगा दिया ।
नहा रहे थे या कुछ ओर कर रहे थे ।
यह कहते हुए सानवी बाथरूम में चली गई ।
और मैं सुन खड़ा होकर उसकी बातों का कोई जवाब नहीं दे सका।
बाथरूम से निकलकर मेरी नजर रसोई में पड़ी जहां पर मेरी मम्मी खाना तैयार कर रही थी ।
आज मेरी मम्मी ने एक पतला सा टाइट सूट और टाइट पजामी पहनी हुई थी।
जिसमें मेरी मम्मी के शरीर का हर अंग अलग - अलग दिख रहा था।
मेरी मम्मी की गांड के दोनों हिस्से अलग - अलग खाना बनाने के साथ हल्के - हल्के हिल रहे थे।
मम्मी के ऐसा कामुक रूप को देखकर मैं रसोई की ओर बढा।
और मम्मी ने भी मै मेरे आने का पता चल गया था ।
मम्मी ने एक नजर मुझ पर डाली और मुस्कुराती हुई बोली ।
मम्मी : बेटा कपड़े पहन लो मै तेरे लिये खाना लगाती हूँ।
मम्मी की बातें सुनकर मै सपनों से बाहर आ गया।
और हां मम्मी ! कहकर….मै कपड़े पहने चला गया
मम्मी ने मेरे लिए खाना लगा दिया। और मैं खाना खाने लगा मेरी बहन भी तैयार हो गई थी ।
आज भी मेरी बहन मेरा ध्यान रखने के लिए घर पर ही थी ।
फिर ऐसे ही पूरा दिन गुजर गया शाम को मैं बिल्कुल फ्रेश था ।
और ठीक हो चुका था ।
लेकिन मम्मी ने मुझे नीचे सोने के लिए बोल दिया ।
और कहां ऊपर का कमरा इतनी गर्मी होने के कारण पूरा गर्म हो जाता है इसलिए तुम बीमार होते हो ।
तुम नीचे सो जाया करो मैं समझ नहीं पाया कि नीचे का मतलब मम्मी अपने पास कह रही है।
या फिर नीचे ड्राइंग रूम मे कह रही है।
मैंने ड्राइंग रूम में अपनी बहन की चारपाई के पास अपनी चारपाई डाल दी।
मैं लेटा हुआ फोन में लगा हुआ था।
मेरी मम्मी और बहन भी चेंज करके सोने के लिए आ गई थी।
मेरी मम्मी जैसे ही चेंज करके आई मेरी नजर मम्मी को देखती रह गई ।
मेरी मम्मी बनियान और खुले पजामे पहने हुए थी ।
मैंने आज अपनी मम्मी को ऊपर से नीचे तक देखा था ।
मेरी मम्मी रूम मे लगे आईने मे अपना चेहरा देखने लगी।
और अपने बालों को ठीक करते हुए हल्की सी क्रीम लेकर अपने चेहरे और हाथों पर लगाने लगी।
मेरी बार-बार नजर अपनी मम्मी के कामुक शरीर को ही देख रही थी ।
फिर मम्मी अपने कमरे में सोने चली गई और मेरी बहन सानवी मेरे पास लगी ।
हम इधर - उधर की बातें होने लगी बातों ही बातों मे मेरी बहन गहरी नींद में सो चुकी थी ।
और मैं खयालों में डूबा हुआ था और मेरी आँखो से नींद कोशों दूर थी।
मेरी नजर अपनी बहन की ओर जाती है अपनी बहन को सोते हुए देखकर मस्ती में भर जाता हूं ।
और उसके कामुक शरीर को निहारने लगता हूं और मुझे भी फिर सारी बात याद आने लगती है ।
रनिंग के दोरान उसकी मटकी गाँड़ को देख मस्त होना ………..जिम करने के दोरान उसको छूना …. उसको बातों ही बातों मे छेड़ कर उससे चिपक जाना।
[{( दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब भी मैं अपनी बहन से चिपका रहता था।
जैसे ग्राउंड के अंदर ..या जिम कराते हुवे… तो मेरी बहन उसको कोई भी एतराज नहीं करती थी ।
बल्कि उतना ही मेरे साथ हंसकर चिपकने की कोशिश करती थी और मेरी फिटनेस देख मुझे खुद भी छेड़ती रहती थी। ) }]
उन्ही यादों ने मेरे अंदर के शैतान जगा दिया और मैं अपनी बहन को खा जाने वाली नजरों से देखने लगा।
सोती हुई अपनी बहन के कामुक शरीर को देखने लगा।
उसे देखते ही देखते मुझे नींद आ गई ।
अगली सुबह हम रनिंग के लिए चले गए और दिन में मुझे थोड़ी अपने आप पर घिन आने लगी थी।
ना जाने में रात को अपनी बहन के बारे में क्या सोच रहा था मैं बिल्कुल नॉर्मल तरीके से अपनी बहन से व्यवहार और थोड़ा दूर रहने लगा था ।
मेरी बहन भी आज मेरे व्यवहार से थोड़ी चिंतित थी।
अगली रात फिर कुछ ऐसा ही हुआ मेरा मन मेरे मेरे कंट्रोल से बाहर था।
और रात को सोते समय आज फिर मैं अपनी बहन को निहारने लगा ।
मैंने हिम्मत करके अपनी बहन की गांड पर हाथ रख दिया ।
हाथ रखते ही मेरा शरीर पूरा कांप गया …...पर उसकी मुलायम गांड के अहसास ने मेरा हाथ वही पर थाम दिया।
और मैं धीरे - धीरे उसकी गांड पर अपने कांपते हाथ फिराने लगा ।
जहाँ एक ओर मुझे डर लग रहा था वही दूसरी ओर मेरी वासना ने मुझे मजबूर कर दिया था।
मेरी बहन के शरीर में थोड़ी हलचल हुई और मैं डर के कारण वापिस अपनी चारपाई पर आकर सो गया।
अगले दिन ग्राउंड से आने के बाद मैं थोड़ा डरा - डरा सा था ।
और मेरे अंदर बेचैनी बनी हुई थी।
जिस कारण से मैं थोड़ा अपनी बहन से दूर और बिल्कुल नॉर्मल तरीके से बात करने लगा।
आज मेरी बहन ने मुझको टोक ही दिया और बोली ।
सानवी : रितेश तुम 2 दिन से कुछ उदास हो क्या बात है ……?
मै : कुछ नहीं… .
[{( दोस्तों मैं आपको बता देना चाहता हूं कि मैं अपनी बहन से हर रोज कुछ ना कुछ छेड़ छाड़ करता रहता था ।
और मेरी बहन भी उसका कोई एतराज नही करती थी ।
और वह भी मेरे साथ छेड़खानी करते हुए मुझसे बिल्कुल क्लोज होकर रहने लगी थी।
मैं अपनी बहन से हंसी मजाक में रोमांटिक बातें भी कर लेता था जिसमें वह मेरा पूरा साथ दिया करती थी । ) }]
जब 2 दिन से मैं अपनी बहन से बहुत ही नॉर्मल और थोड़ा दूर रहकर बातें करना लगा था ।
तो सानवी ने उसका कारण जानना चाहा ।
सानवी : यार तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो।
मेरी गांड फट गई … . . डरते हुवे
मै : मैंने क्या किया…
सानवी : दो दिन से देख रही हूँ तुम पहले जैसे नही रही… ..
या फिर तुम पहले जैसे हो गए हो… .
मै : नही ऐसी कोई बात नही है।
सानवी : फिर तुम मुझसे इतना क्यों दूर रहने लगे हो।
इसका मेरे पास कोई जवाब नही था और मै चुप रहा।
सानवी की बातों मै साफ नाराजगी थी
सानवी फिर मेरे बिल्कुल पास आकर
सानवी : मुझे आप पहले वाले बिल्कुल पसंद नही हो… . ।
शर्मिला और शांत
मुझे तो अपना भाई नटखट ही अच्छा लगता है जो मेरा मनोरंजन करता रहे।
मेरी हँसी निकल जाती है।
मै : और क्या पसंद है
सानवी : मुझे घुमा कर लाये कहीं दूर… ❤
और मेरी बहन और मुझमे रोमेंटिक बातें होने लगी।
और मैंने अपनी बहन को बाहों में भर उससे नकली की लडाई करने लगी ।
फिर मैं हंसकर उससे दूर हो गया और मुझे कुछ जरूरी काम है यह कह कर मैं चला गया ।
दोस्तों मै दिन के समय जितना शरीफ और शर्मिला हो गया था रात को उतना ही शैतान बन चुका था।
और रात को मेरी वासना ने मुझे शैतान बना दिया था अब मैं हर रात अपनी बहन के सोने का इंतजार करता ।
और उसके सोने के बाद उसके शरीर से छेड़खानी करने लगता था।
हर रात मैं उसकी मुलायम गांड को छूता …. उस पर किस करता..
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी कभी-कभी उसका बनियान ऊपर करके उसकी कमर और कांड पर किस करता था।
शायद कहीं ना कहीं ना जाने क्यों अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि मेरी इन हरकतों के बारे में सानवी को सब पता है ।
वह रात को बहुत ही सॉर्ट कपड़े पहन कर सोने लगी थी ।
वह छोटे बनियान व निक्कर पहन के सोती थी।
और अब उसने ब्रा और पेंटी पहनना भी छोड़ दिया था।
सानवी अब रात को मम्मी के सो जाने के बाद ही चेंज करके आया करती थी ।
और अपने कपड़ों के नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनती थी।
जिन्हें कारणों से अब मेरे अंदर सवाल भी उठने लगे थे कि कहीं मेरी बहन को मेरी हरकतो के बारे में पता तो नहीं हो ।
और वह भी चुप - चाप मजा लेती हो। शायद उसको भी डर हो… .
या फिर वह मुझसे ही पहल करने को कह रही है ।
इन्ही सवालों के कारण मै अब अपनी बहन के साथ हद से ज्यादा गुजरने लगा।
अब मै उसके नितम्बो को जोर से दबाता उस पर किस करता….
उसकी कमर पर किस करता…
उसके बूब्स को भी प्रेस करता..
अब मुझे यकीन होने लगा की मेरी बहन को सब मालूम है।
और फिर एक रात मैंने अपनी किस्मत को आजमाना चाहा ।
मैंने सानवी के सोने के 30 मिनट बाद ही…. . ..
मैंने अपनी चारपाई सानवी की चारपाई से मिला दी।
मैंने सानवी के बालों को थोड़ा साइड में करके उसकी गर्दन पर किस किया ।
और अपनी जीभ उसकी गर्दन पर फेरने लगा और एक हाथ उसकी गांड पर फिराने लगा ।
और फिर अपना हाथ धीरे से उसके पेट पर फिराने लगा ।
फिर मैंने अपना हाथ ले जाकर उसके बूब्स दबाने लगा ।
मेरी बहन की साँसे तेज होने लगी और उसका शरीर सुन हो गया।
मुझे एहसास हो गया कि सानवी सिर्फ सोने का का नाटक कर रही है।
फिर मै अपने हाथ से उसके बूब्स और पेट को सहलाने लगा और अपनी जीभ से उसकी गर्दन और कान को..
फिर मेरा हाथ नीचे सरकने लगा और पजामे के ऊपर से ही उसकी चूत पर चला गया।
अचानक ही मेरी बहन ने हरकत की और मेरा हाथ हटा दिया।
मेरा डर के कारण एक बार पुरा शरीर कांप गया और मै झट से अपनी चारपाई पर लेट गया और सोने का नाटक करने लगा।
और कुछ सोच ही रहा था की सानवी ने ऐसा क्यों किया
तभी सानवी उठती है और बाथरूम में चली जाती है।
बाथरूम से उसके पेसाब करने की आवाज आ रही थी ।
[{( दोस्तों मैं यहां पर अपने घर के बारे में बताना चाहता हूं
बाहर की तरफ एक कमरा है जिसमें मोम होती है और उसी कमरे की साइड से सीढ़ियां ऊपर चढ़ती है
और अंदर ड्राइंग रूम है जिसके एक साइड रसोई और दूसरी साइड लैट्रिन और बाथरूम है ।
फिर ड्राइंग रूम के आगे दो बैडरूम है और बिल्कुल मेन गेट पर बाहर हमारा गेस्ट रूम है ।) }]
उस आवाज ने मेरे अंदर वासना को भड़का दिया ।
और मैं कुछ सोचे समझे बिना ही बाथरूम के पास जाकर खड़ा हो गया।
और जैसे ही मेरी बहन पेशाब करके बाहर निकली मैंने उसको अपनी बाहों में झगड़ते हुए उसके होठों पर अपने होठों लगाकर उसे दीवार से सटा दिया
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी
।
लेकिन मेरी पकड़ के आगे वह कमजोर थी।
और कुछ ही सेकंड बाद वह मेरा साथ देने लगी ।
और मेरी हिम्मत बढ़ने लगी मैं उसके शरीर को निचोड़ने लगा उसके बूब्स को दबाने लगा।
फिर मैंने उसके गाल और गर्दन पर किस करते हुए दोबारा फिर उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया ।
अब मै अपना एक हाथ धीरे से नीचे ले जाने लगा ।
जब मेरा हाथ नीचे उसकी चूत पर गया ।
उसकी चूत पर मेरा हाथ जाते ही ना जाने उसको क्या हुआ ।
और उसने मुझे धक्का देकर दौड़कर कमरे में चली गई । और दरवाजा बंद कर लिया ।
मैंने कई बार हल्की आवाज लगाइए लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया ।
मैं भी डर के मारे चिंता में डूब गया।
और तरह तरह के विचार के साथ मुझे नींद आ गई ।
सुबह होते ही मे ग्राउंड मे चला गया।
और वहाँ सिर्फ टाइमपास करने लगा।
मैं डरा हुआ था कि सानवी कहीं मम्मी को ना बता दें ।
लेकिन 10 बजे तक मेरे पास कोई फोन नहीं आया।
तो मैं डर और चिंता में डूबा हुआ 10:00 बजे घर पर वापस आया ।
मम्मी दुकान पर जाने के लिए निकल रही थी।
मम्मी: कहाँ थे अब तक… .
मै : ग्राउंड से दोस्त के घर चला गया था जरूरी काम था।
मम्मी : आज तेरे मामा आयेंगे कहीं चले मत जाना।
मै: ठीक है
और मम्मी दुकान पर चली जाती है।
और सानवी भी घर का सारा काम करके टीवी देख रही थी ।
मैं थोड़ी देर में हिम्मत करके सानवी के पास गया। और बहुत ही तोतली आवाज मै अपनी बहन से बोलो सानवी….
सानवी ..
आई ….एम...सॉरी …
आई….एम..सॉरी… सानवी दुबारा ऐसा नहीं होगा।
कभी भी ऐसा नहीं होगा ।
मेरी बहन ने हल्की मुस्कान के साथ मुझसे कहा कोई कोई बात नहीं… ..
सिर्फ इतना याद रखना की में तुम्हारी बहन हूँ।
मै : हाँ.. ..
और ऊपर चला गया मै हर रात की बातों को भुला कर अपने आप को कोसने लगा।
और फिर मैने दुबारा से ऊपर कमरे में सोने का विचार कर लिया।
अध्याय 3
भाई की वासना
दोस्तों अब मैं अधिक से अधिक अपनी बहन के साथ समय बिताने लगा था ।
मैं सवेरे उसको अपने साथ रनिंग और एक्सरसाइज के लिए ग्राउंड में ले जाया करता था और शाम को अपनी बहन की अपने साथ जिम कराता था।
कभी कभी हम दोनों भाई बहन रात के समय मार्केट की चहल-पहल में निकल जाया करते थे ।
और गोलगप्पे , आइसक्रीम..या फालूदा ….व्गेरा खाया करते थे।
जब हम ग्राउंड में रनिंग के लिए जाते।
वहां पर बहुत से लोगों की नजर मेरी बहन सानवी को ताकति रहती थी।
जिसे देखकर मेरे अंदर जलन होती थी। लेकिन मेरे अंदर भी कहीं ना कहीं कोई चोर था ।
और मेरी नजर उन लोगों की नजरों में शामिल हो जाती थी
जब मैं अपनी बहन के साथ दौड़ लगाया करता था ।
तो मेरी नजर अपनी बहन की गांड टिक जाती थी।
उसकी हिलती गांड देखकर मैं मस्त हो जाता था ।
समय के बीतने के साथ-साथ मेरे अंदर की वासना ने मुझे अपनी बहन से चिपक कर रहने पर मजबूर कर दिया था।
अब मै अपनी बहन के कामुक शरीर को अधिक से अधिक छूने की कोशिश करता था ।
जिससे मेरे अंदर थोड़े डर के साथ मस्ती छा जाती थी ।
मै सानवी से रोमेंटिक बातें भी करने लगा था।
और वो भी मुझसे छेड़ - छाड़ करने लगी थी मुझसे डबल मीनिंग बातें करने लगी थी ।
ऐसे ही दिन गुजरने लगे और मेरी हिम्मत ………. उसको जिम करने के बहाने …..., एक्सरसाइज के बहाने…..और बाहर घूमने के बहाने……..ओर अधिक नजदीक ला दिया था।
एक दिन मे बीमार हो गया।
[ { ( दोस्तों मैं आपको बता दूँ कि मैं करीब आठवीं क्लास तक आपने मम्मी के पास ही सोया करता था ।
लेकिन मेरी बढ़ती उम्र के साथ साथ मेरी भावनाओं और विचारों में भी बदलाव आने लगे ।
और फिर मैं धीरे - धीरे अलग सोने लगा ।
अब जब मैं सिर्फ बीमार होता हूं तभी अपनी मम्मी के पास सोया करता हूं। ) } ]
उस दिन भी ऐसा ही हुआ।
जब मैं बीमार था तो मम्मी ने मुझे अपने साथ सोने के लिए बोल दिया।
ताकि रात को मुझे किसी चीज की जरूरत होने या तकलीफ होने पर मेरी देखभाल कर सकें ।
रात को दवाई के नशे के कारण मुझे जल्दी ही नींद आ गई।
लेकिन आधी रात करीब 12:00 बजे मेरी आंख खुल गई।
क्योंकि मैं दिन में भी आराम कर चुका था जिस कारण से मैं बिल्कुल फ्रेस उठा।
मैंने जैसे ही अपनी गर्दन मोड अपनी मम्मी को देखा।
मैं अपनी मम्मी को देखकर हैरान रह गया ।
मेरी मम्मी दूसरी तरफ मुँह करके सो रही थी। और उसने खुला पजामा और बनियान पहना हुआ था ।
आज पहली बार मैंने अपनी मम्मी को इस ड्रेस मे देखा था।
मेरी मम्मी की गांड के दोनो हिस्से उसके खुले पजामे मे अलग-अलग दिख रहे थे ।
और उसका बनियान कमर के ऊपर चढ़ा होने के कारण उसकी नंगी कमर दिख रही थी।
अपनी मम्मी के इस कामुक शरीर को देखकर मेरे अंदर का शैतान जागने लगा ।
और मैं अपनी मम्मी के कामुक शरीर को पूरा निहारने लगा ।
उसे देखकर मेरे अंदर की वासना भड़कने लगी ।
फिर ना जाने मुझे क्या हुआ और मैं बिना कोई विचार किये अपनी मम्मी की ओर करवट लेकर अपनी मम्मी से चिपक कर सोने लगा।
मेरा नीचे का शरीर मम्मी से बिल्कुल चिपका हुआ था और मेरी मम्मी की मुलायम गांड से मेरा लंड लगते ही मे पागल सा हो गया।
और मेरा लंड पूरा टाइट हो गया और उसकी गांड की दरार मे रगड़ खाने लगा और मैं वासना के सागर में डूब गया।
ऐसे लेटे हुवे ही मै नींद लेने की सोचने लगा और ना जाने कब मुझे नींद आ गई ।
जब मैं सवेरे उठा तो मम्मी रसोई में काम कर रही थी और मेरी भाई बहन सफाई का काम कर रही थी ।
फिर मै बाथरूम जाकर गर्म पानी से मुंह - हाथ धोकर मम्मी को हर रोज की तरह आज भी मैंने मम्मी को गुड मॉर्निंग बोला।
मम्मी ने भी मुझे गुड मॉर्निंग बोला।
मै रसोई के पास खडा होकर मम्मी की गांड को देख रहा था।
तभी मम्मी ने मुझे मेरी तबियत के बारे मे पूछ कर मुझे चाय ले जाने के लिए बोल दिया ।
मै भी ख्यालो से बाहर आ कर मम्मी के पास चाय लेने चला गया।
मम्मी ने मेरे लिए फेवरेट डिश तेयार की हुई थी ।
और मैं फिर चाय के साथ अपनी फेवरेट डिश लेने लगा।
मम्मी खाना बना कर दुकान पर चली गई और मेरी बहन सानवी मेरा ध्यान रखने के लिए घर पर ही रह गई ।
आज रात फिर से में मम्मी के पास सोने चला गया।
और सोने का नाटक करने लगा ।
थोड़ी देर में मम्मी चेंज करके मेरे पास आकर लेट गई।
मेरी आँखो से नींद कोशों दूर थी और मै मम्मी के सोने का इंतजार करने लगा।
इसी इंतजार में मेरे डेढ़ घंटा निकल गया ।
मम्मी पिछली रात की तरह आज भी दूसरी तरफ मुंह करके सो गई थी ।
और फिर मैंने भी करवट लेकर मम्मी की तरफ खिसका।
मै डर और वासना दोनों ही स्थिति मे था।
मेरी वासना ने मेरे शरीर को अपनी मम्मी से चिपकने पर मजबूर कर दिया ।
मैंने अपना एक हाथ अपनी मम्मी की कमर में डालकर कर सोने लगा।
और मेरा लंड मेरी मम्मी की गांड की दरार मे दस्तक देने लगा।
मेरा शरीर जहाँ डर से कांप रहा था वही मम्मी की गर्मी ने मेरा रोम - रोम खडा कर दिया था ।
और फिर ना जाने कब मुझे भी नींद आने लगी और मैं ऐसे ही सो गया ।
अगली सुबह उठा तो मम्मी पहले की तरह नहा - धोकर रसोई में खाना तैयार कर रही थी ।
और मेरी बहन घर की सफाई में लगी हुई थी ।
मैंने मम्मी और बहन को गुड मॉर्निंग बोला तो उन्होंने मुझे भी गुड मॉर्निंग बोला।
फिर मैंने अपनी बहन से पूछा कि आज तुम ग्राउंड में नहीं गई।
सानवी : भाई अकेले कैसे जाती ……….तुम जल्दी सी ठीक हो जाओ फिर चलेंगे।
मम्मी : तेरी तबीयत कैसी है..?
मै : काफी हद तक ठीक हूँ….
मम्मी : ठीक है ! तुम्हारे लिए गर्म पानी किया है तुम गर्म पानी से आज नाहा लो …...शरीर हल्का और फ्रेश हो जाएगा …..
मै: ठीक है
और मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया ।
और जैसे मैंने अपने कपड़े निकाल कर वॉल हैंगर पर टांगने के लिए बढा तो मुझे मम्मी के अंडर गारमेंट्स मिल गये।
जिसमे मम्मी की पेंटी और ब्रा थी। मैंने अपनी मम्मी की पेंटी को उठाया और हाथ में लेकर उसे भींचते हुए रात वाले सीन को याद करने लगा ।
जिस से मेरी वासना भड़क गई और मेरा शैतान जाग गया फिर मे पेंटी को सूंघने लगा
और उसको अपने मुँह मे भींच कर
अपने शरीर पर से फेरता हुआ अपने लंड के ऊपर ले आया और उस पेंटी के साथ अपने लंड को मसलने लगा ।
और अपनी मम्मी के कामुक शरीर को याद करने लगा।
तभी मुझे आवाज आई
सानवी : भाई मुझे भी नहाना है जल्दी करो ।
मै अपने होश मै आता हूँ।
फिर मैं नहा - धोकर सिर्फ तोलिया लपेटकर बाहर आ गया । मेरे शरीर पर हल्की पानी की बूंदे और गीले बाल……..जैसे ही मैं बाहर आया ।
मेरी बहन की एक नजर मुझे देखती ही रह गई ।
मेरी बहन मेरा इंतजार कर रही थी ।
और फिर अगले ही पल उसने बड़ी कातिल मुस्कान के साथ..
सानवी : क्या बात है भाई….आज बहुत टाइम लगा दिया ।
नहा रहे थे या कुछ ओर कर रहे थे ।
यह कहते हुए सानवी बाथरूम में चली गई ।
और मैं सुन खड़ा होकर उसकी बातों का कोई जवाब नहीं दे सका।
बाथरूम से निकलकर मेरी नजर रसोई में पड़ी जहां पर मेरी मम्मी खाना तैयार कर रही थी ।
आज मेरी मम्मी ने एक पतला सा टाइट सूट और टाइट पजामी पहनी हुई थी।
जिसमें मेरी मम्मी के शरीर का हर अंग अलग - अलग दिख रहा था।
मेरी मम्मी की गांड के दोनों हिस्से अलग - अलग खाना बनाने के साथ हल्के - हल्के हिल रहे थे।
मम्मी के ऐसा कामुक रूप को देखकर मैं रसोई की ओर बढा।
और मम्मी ने भी मै मेरे आने का पता चल गया था ।
मम्मी ने एक नजर मुझ पर डाली और मुस्कुराती हुई बोली ।
मम्मी : बेटा कपड़े पहन लो मै तेरे लिये खाना लगाती हूँ।
मम्मी की बातें सुनकर मै सपनों से बाहर आ गया।
और हां मम्मी ! कहकर….मै कपड़े पहने चला गया
मम्मी ने मेरे लिए खाना लगा दिया। और मैं खाना खाने लगा मेरी बहन भी तैयार हो गई थी ।
आज भी मेरी बहन मेरा ध्यान रखने के लिए घर पर ही थी ।
फिर ऐसे ही पूरा दिन गुजर गया शाम को मैं बिल्कुल फ्रेश था ।
और ठीक हो चुका था ।
लेकिन मम्मी ने मुझे नीचे सोने के लिए बोल दिया ।
और कहां ऊपर का कमरा इतनी गर्मी होने के कारण पूरा गर्म हो जाता है इसलिए तुम बीमार होते हो ।
तुम नीचे सो जाया करो मैं समझ नहीं पाया कि नीचे का मतलब मम्मी अपने पास कह रही है।
या फिर नीचे ड्राइंग रूम मे कह रही है।
मैंने ड्राइंग रूम में अपनी बहन की चारपाई के पास अपनी चारपाई डाल दी।
मैं लेटा हुआ फोन में लगा हुआ था।
मेरी मम्मी और बहन भी चेंज करके सोने के लिए आ गई थी।
मेरी मम्मी जैसे ही चेंज करके आई मेरी नजर मम्मी को देखती रह गई ।
मेरी मम्मी बनियान और खुले पजामे पहने हुए थी ।
मैंने आज अपनी मम्मी को ऊपर से नीचे तक देखा था ।
मेरी मम्मी रूम मे लगे आईने मे अपना चेहरा देखने लगी।
और अपने बालों को ठीक करते हुए हल्की सी क्रीम लेकर अपने चेहरे और हाथों पर लगाने लगी।
मेरी बार-बार नजर अपनी मम्मी के कामुक शरीर को ही देख रही थी ।
फिर मम्मी अपने कमरे में सोने चली गई और मेरी बहन सानवी मेरे पास लगी ।
हम इधर - उधर की बातें होने लगी बातों ही बातों मे मेरी बहन गहरी नींद में सो चुकी थी ।
और मैं खयालों में डूबा हुआ था और मेरी आँखो से नींद कोशों दूर थी।
मेरी नजर अपनी बहन की ओर जाती है अपनी बहन को सोते हुए देखकर मस्ती में भर जाता हूं ।
और उसके कामुक शरीर को निहारने लगता हूं और मुझे भी फिर सारी बात याद आने लगती है ।
रनिंग के दोरान उसकी मटकी गाँड़ को देख मस्त होना ………..जिम करने के दोरान उसको छूना …. उसको बातों ही बातों मे छेड़ कर उससे चिपक जाना।
[{( दोस्तों मैं आपको बताना चाहता हूं कि जब भी मैं अपनी बहन से चिपका रहता था।
जैसे ग्राउंड के अंदर ..या जिम कराते हुवे… तो मेरी बहन उसको कोई भी एतराज नहीं करती थी ।
बल्कि उतना ही मेरे साथ हंसकर चिपकने की कोशिश करती थी और मेरी फिटनेस देख मुझे खुद भी छेड़ती रहती थी। ) }]
उन्ही यादों ने मेरे अंदर के शैतान जगा दिया और मैं अपनी बहन को खा जाने वाली नजरों से देखने लगा।
सोती हुई अपनी बहन के कामुक शरीर को देखने लगा।
उसे देखते ही देखते मुझे नींद आ गई ।
अगली सुबह हम रनिंग के लिए चले गए और दिन में मुझे थोड़ी अपने आप पर घिन आने लगी थी।
ना जाने में रात को अपनी बहन के बारे में क्या सोच रहा था मैं बिल्कुल नॉर्मल तरीके से अपनी बहन से व्यवहार और थोड़ा दूर रहने लगा था ।
मेरी बहन भी आज मेरे व्यवहार से थोड़ी चिंतित थी।
अगली रात फिर कुछ ऐसा ही हुआ मेरा मन मेरे मेरे कंट्रोल से बाहर था।
और रात को सोते समय आज फिर मैं अपनी बहन को निहारने लगा ।
मैंने हिम्मत करके अपनी बहन की गांड पर हाथ रख दिया ।
हाथ रखते ही मेरा शरीर पूरा कांप गया …...पर उसकी मुलायम गांड के अहसास ने मेरा हाथ वही पर थाम दिया।
और मैं धीरे - धीरे उसकी गांड पर अपने कांपते हाथ फिराने लगा ।
जहाँ एक ओर मुझे डर लग रहा था वही दूसरी ओर मेरी वासना ने मुझे मजबूर कर दिया था।
मेरी बहन के शरीर में थोड़ी हलचल हुई और मैं डर के कारण वापिस अपनी चारपाई पर आकर सो गया।
अगले दिन ग्राउंड से आने के बाद मैं थोड़ा डरा - डरा सा था ।
और मेरे अंदर बेचैनी बनी हुई थी।
जिस कारण से मैं थोड़ा अपनी बहन से दूर और बिल्कुल नॉर्मल तरीके से बात करने लगा।
आज मेरी बहन ने मुझको टोक ही दिया और बोली ।
सानवी : रितेश तुम 2 दिन से कुछ उदास हो क्या बात है ……?
मै : कुछ नहीं… .
[{( दोस्तों मैं आपको बता देना चाहता हूं कि मैं अपनी बहन से हर रोज कुछ ना कुछ छेड़ छाड़ करता रहता था ।
और मेरी बहन भी उसका कोई एतराज नही करती थी ।
और वह भी मेरे साथ छेड़खानी करते हुए मुझसे बिल्कुल क्लोज होकर रहने लगी थी।
मैं अपनी बहन से हंसी मजाक में रोमांटिक बातें भी कर लेता था जिसमें वह मेरा पूरा साथ दिया करती थी । ) }]
जब 2 दिन से मैं अपनी बहन से बहुत ही नॉर्मल और थोड़ा दूर रहकर बातें करना लगा था ।
तो सानवी ने उसका कारण जानना चाहा ।
सानवी : यार तुम मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहे हो।
मेरी गांड फट गई … . . डरते हुवे
मै : मैंने क्या किया…
सानवी : दो दिन से देख रही हूँ तुम पहले जैसे नही रही… ..
या फिर तुम पहले जैसे हो गए हो… .
मै : नही ऐसी कोई बात नही है।
सानवी : फिर तुम मुझसे इतना क्यों दूर रहने लगे हो।
इसका मेरे पास कोई जवाब नही था और मै चुप रहा।
सानवी की बातों मै साफ नाराजगी थी
सानवी फिर मेरे बिल्कुल पास आकर
सानवी : मुझे आप पहले वाले बिल्कुल पसंद नही हो… . ।
शर्मिला और शांत
मुझे तो अपना भाई नटखट ही अच्छा लगता है जो मेरा मनोरंजन करता रहे।
मेरी हँसी निकल जाती है।
मै : और क्या पसंद है
सानवी : मुझे घुमा कर लाये कहीं दूर… ❤
और मेरी बहन और मुझमे रोमेंटिक बातें होने लगी।
और मैंने अपनी बहन को बाहों में भर उससे नकली की लडाई करने लगी ।
फिर मैं हंसकर उससे दूर हो गया और मुझे कुछ जरूरी काम है यह कह कर मैं चला गया ।
दोस्तों मै दिन के समय जितना शरीफ और शर्मिला हो गया था रात को उतना ही शैतान बन चुका था।
और रात को मेरी वासना ने मुझे शैतान बना दिया था अब मैं हर रात अपनी बहन के सोने का इंतजार करता ।
और उसके सोने के बाद उसके शरीर से छेड़खानी करने लगता था।
हर रात मैं उसकी मुलायम गांड को छूता …. उस पर किस करता..
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी कभी-कभी उसका बनियान ऊपर करके उसकी कमर और कांड पर किस करता था।
शायद कहीं ना कहीं ना जाने क्यों अब मुझे ऐसा लगने लगा था कि मेरी इन हरकतों के बारे में सानवी को सब पता है ।
वह रात को बहुत ही सॉर्ट कपड़े पहन कर सोने लगी थी ।
वह छोटे बनियान व निक्कर पहन के सोती थी।
और अब उसने ब्रा और पेंटी पहनना भी छोड़ दिया था।
सानवी अब रात को मम्मी के सो जाने के बाद ही चेंज करके आया करती थी ।
और अपने कपड़ों के नीचे ब्रा और पेंटी नहीं पहनती थी।
जिन्हें कारणों से अब मेरे अंदर सवाल भी उठने लगे थे कि कहीं मेरी बहन को मेरी हरकतो के बारे में पता तो नहीं हो ।
और वह भी चुप - चाप मजा लेती हो। शायद उसको भी डर हो… .
या फिर वह मुझसे ही पहल करने को कह रही है ।
इन्ही सवालों के कारण मै अब अपनी बहन के साथ हद से ज्यादा गुजरने लगा।
अब मै उसके नितम्बो को जोर से दबाता उस पर किस करता….
उसकी कमर पर किस करता…
उसके बूब्स को भी प्रेस करता..
अब मुझे यकीन होने लगा की मेरी बहन को सब मालूम है।
और फिर एक रात मैंने अपनी किस्मत को आजमाना चाहा ।
मैंने सानवी के सोने के 30 मिनट बाद ही…. . ..
मैंने अपनी चारपाई सानवी की चारपाई से मिला दी।
मैंने सानवी के बालों को थोड़ा साइड में करके उसकी गर्दन पर किस किया ।
और अपनी जीभ उसकी गर्दन पर फेरने लगा और एक हाथ उसकी गांड पर फिराने लगा ।
और फिर अपना हाथ धीरे से उसके पेट पर फिराने लगा ।
फिर मैंने अपना हाथ ले जाकर उसके बूब्स दबाने लगा ।
मेरी बहन की साँसे तेज होने लगी और उसका शरीर सुन हो गया।
मुझे एहसास हो गया कि सानवी सिर्फ सोने का का नाटक कर रही है।
फिर मै अपने हाथ से उसके बूब्स और पेट को सहलाने लगा और अपनी जीभ से उसकी गर्दन और कान को..
फिर मेरा हाथ नीचे सरकने लगा और पजामे के ऊपर से ही उसकी चूत पर चला गया।
अचानक ही मेरी बहन ने हरकत की और मेरा हाथ हटा दिया।
मेरा डर के कारण एक बार पुरा शरीर कांप गया और मै झट से अपनी चारपाई पर लेट गया और सोने का नाटक करने लगा।
और कुछ सोच ही रहा था की सानवी ने ऐसा क्यों किया
तभी सानवी उठती है और बाथरूम में चली जाती है।
बाथरूम से उसके पेसाब करने की आवाज आ रही थी ।
[{( दोस्तों मैं यहां पर अपने घर के बारे में बताना चाहता हूं
बाहर की तरफ एक कमरा है जिसमें मोम होती है और उसी कमरे की साइड से सीढ़ियां ऊपर चढ़ती है
और अंदर ड्राइंग रूम है जिसके एक साइड रसोई और दूसरी साइड लैट्रिन और बाथरूम है ।
फिर ड्राइंग रूम के आगे दो बैडरूम है और बिल्कुल मेन गेट पर बाहर हमारा गेस्ट रूम है ।) }]
उस आवाज ने मेरे अंदर वासना को भड़का दिया ।
और मैं कुछ सोचे समझे बिना ही बाथरूम के पास जाकर खड़ा हो गया।
और जैसे ही मेरी बहन पेशाब करके बाहर निकली मैंने उसको अपनी बाहों में झगड़ते हुए उसके होठों पर अपने होठों लगाकर उसे दीवार से सटा दिया
वह मुझसे छूटने की कोशिश करने लगी
।
लेकिन मेरी पकड़ के आगे वह कमजोर थी।
और कुछ ही सेकंड बाद वह मेरा साथ देने लगी ।
और मेरी हिम्मत बढ़ने लगी मैं उसके शरीर को निचोड़ने लगा उसके बूब्स को दबाने लगा।
फिर मैंने उसके गाल और गर्दन पर किस करते हुए दोबारा फिर उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया ।
अब मै अपना एक हाथ धीरे से नीचे ले जाने लगा ।
जब मेरा हाथ नीचे उसकी चूत पर गया ।
उसकी चूत पर मेरा हाथ जाते ही ना जाने उसको क्या हुआ ।
और उसने मुझे धक्का देकर दौड़कर कमरे में चली गई । और दरवाजा बंद कर लिया ।
मैंने कई बार हल्की आवाज लगाइए लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया ।
मैं भी डर के मारे चिंता में डूब गया।
और तरह तरह के विचार के साथ मुझे नींद आ गई ।
सुबह होते ही मे ग्राउंड मे चला गया।
और वहाँ सिर्फ टाइमपास करने लगा।
मैं डरा हुआ था कि सानवी कहीं मम्मी को ना बता दें ।
लेकिन 10 बजे तक मेरे पास कोई फोन नहीं आया।
तो मैं डर और चिंता में डूबा हुआ 10:00 बजे घर पर वापस आया ।
मम्मी दुकान पर जाने के लिए निकल रही थी।
मम्मी: कहाँ थे अब तक… .
मै : ग्राउंड से दोस्त के घर चला गया था जरूरी काम था।
मम्मी : आज तेरे मामा आयेंगे कहीं चले मत जाना।
मै: ठीक है
और मम्मी दुकान पर चली जाती है।
और सानवी भी घर का सारा काम करके टीवी देख रही थी ।
मैं थोड़ी देर में हिम्मत करके सानवी के पास गया। और बहुत ही तोतली आवाज मै अपनी बहन से बोलो सानवी….
सानवी ..
आई ….एम...सॉरी …
आई….एम..सॉरी… सानवी दुबारा ऐसा नहीं होगा।
कभी भी ऐसा नहीं होगा ।
मेरी बहन ने हल्की मुस्कान के साथ मुझसे कहा कोई कोई बात नहीं… ..
सिर्फ इतना याद रखना की में तुम्हारी बहन हूँ।
मै : हाँ.. ..
और ऊपर चला गया मै हर रात की बातों को भुला कर अपने आप को कोसने लगा।
और फिर मैने दुबारा से ऊपर कमरे में सोने का विचार कर लिया।
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