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♡ ◆◆ प्रायश्चित ◆◆ ♡
इस कहानी के सभी पात्र एवम घटना काल्पनिक हैं,
ये एक लघु कहानी है जो कुछ अपडेट के बाद ही समाप्त हो जाएगी,
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Kamla aur Rajan... harkaton se to Rajan playboy type lag raha hai jisne Kamla ko fassa liyaaur aaj uska upyog karne aaya tha..प्रायश्चित
【प्रथम भाग】
"यह क्या कर रहे हो राजन..? और कहां ले आए हो तुम मुझे..? इस निर्जन स्थान पर मुझे बहुत डर लग रहा है..!" कमला ने राजन की निगाह में वासना की लकीरों को देखते हुए कहा।
राजन बोला, " तुम्हें इतिहास से प्रेम है, लेकिन हमारे भारत के इतिहास में प्रेम के बहुत सारे अनोखे किस्से हैं। लेकिन प्रेम के किस्से मशहूर तभी होते हैं जब वे अधूरे हो, उनमें दर्द हो, कुछ अनोखापन हो, कोई सनक हो या अतृप्त प्रेम हो।"
" मुझे कुछ समझ में नहीं आ रही है तुम्हारी बात, कि तुम क्या कहना चाहते हो..?" कमला ने कहा।
"कमला, हम इस ऐतिहासिक अत्यंत पुरानी वीरान हवेली के चारो ओर दूर दूर तक फैली इन बड़ी बड़ी झाड़ियों के बीच इस निर्जन स्थान में अपनी सुहागरात का रिहर्सल करेंगे और अपने इस बेहद हसीन पलों का एक बेहतरीन वीडियो भी बनाएंगे। शादी तो ज़ब होगी तब होगी, पर मोहब्बत का असली आनन्द हमेशा शादी से पहले ही मिलता है, शादी के बाद नहीं..! और इसीलिये मैं तुम्हें यहां लाया हूँ मॉय डियर..!"
"क्या बक रहे हो तुम..? और यह कैसी गंदी बातें बोल रहे हो..? मुझे
ऐतिहासिक इमारतों से लगाव है। सुनसान जगहों से प्रेम है। वीरानियां मुझे अच्छी लगती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम इस वीरान स्थान में मेरे अकेलेपन का फायदा उठाओ। तुम ऐसा नहीं कर सकते। हम एक दूसरे को प्यार करते हैं और हमें अपनी मर्यादा कि सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।"
"कमला मुकम्मल प्यार तभी होता है, जब दो जिस्म एक हो जाते हैं। देखो कमला। यहां दूर दूर तक मेरे और तुम्हारे सिवा और कोई नहीं है..! और मौसम भी आज कितना हसीन है। रात्रि का पहला प्रहर..! चारो ओर सन्नाटा .! पंछी अपने घरों में लौटने को हैं। और इस हवेली का गार्ड मुर्गे और शराब की दावत उड़ा कर मदहोशी के आलम में है। इसलिए ये व्यर्थ की बातें छोड़ो और शर्म हया की दीवारों को तोड़कर मेरी बाहों में आओ और मेरे जिस्म में लगी आग को बुझा दो। हमारे प्यार को अमर बना दो।"
" तुम शायद पागल हो गए हो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि तुम क्या कह रहे हो.? और तुम्हें यह भी नहीं मालुम, कि इसका अंजाम क्या होगा..? इसलिए होश में आओ राजन और हमारे इस मुकम्मल प्यार का अपमान ना करो।"
"पागल मैं नहीं बल्कि पागल तू हो गई है। तुझे मालूम भी है कि मुकम्मल प्यार किसे कहते हैं..? मुकम्मल प्यार उसे कहते हैं, जब दो जिस्म एक हो जाते हैं। दो जाने एक हो जाती हैं। और दो दिलों की धड़कनें एक दूजे में समा जाती हैं..!" ये कहते हुए राजन ने कमला को अपनी बाहों में भर लिया और उसके रसीले होठों को चूसने लगा।
"नहीं राजन नहीं..! तुम ऐसा कैसे कर सकते हो..? तुम मुझे प्यार करते हो और मैं भी तुम्हें प्यार करती करती हूं। लेकिन प्यार की भी एक मर्यादा होती है, एक सीमा होती है, लक्ष्मण रेखा होती है। इस रेखा को पार न करो राजन..!"
"तुम्हारा कहना बिल्कुल सही है कमला.! लेकिन हम हमेशा कुछ न कुछ नया करते आए हैं। और इसीलिए आज प्यार की इस लक्ष्मण रेखा को हम दोनों पार करेंगे। आज हमें एक होना है, बिल्कुल नए तरीके से, नए अंदाज में..खुले आसमान के नीचे.. इन जीव जंतु और पशु पक्षियों के सामने जो हमारी इस सुहागरात के गवाह बनेंगे..!"
" नहीं राजन..! यह असंभव है। और गलत भी है। मैं अपनी मम्मी और पापा को क्या जवाब दूंगी। दोस्त रिश्तेदारों और दुनिया से क्या कहूंगी । तुम मेरे प्यार हो राजन। तुम ऐसा नहीं कर सकते..!"
"पागल न बन कमला। मोहब्बत की थ्योरी बहुत पढ़ चुके हैं हम..! लेकिन अब प्रैक्टिकल करना है हमें..! इसलिए व्यर्थ में डर मत और जो हो रहा है, उसे होने दे। और यह तो जानती ही है तू, कि मैं तुझसे बेइंतहा प्यार करता हूं और तुझसे शादी भी करना चाहता हूं, फिर ये दूरी क्यों..? डियर, आज मेरा दिल कर रहा है, कि मैं शादी से पहले ही मोहब्बत का एक प्यारा सा तोहफा तुझको भेंट करूँ।। और एक प्रेमिका अपने प्रेमी के दिए इस तोहफे को भला अस्वीकार कैसे कर सकती है..?" यह कहते हुए राजन ने उसके जिस्म से उसके कपडों को अलग कर दिया।
कमला चींखने को हुई, लेकिन तभी राजन ने उसके मुंह को कस कर दबा दिया और बोला, "देख डियर, अगर तू चीखेगी तो चौकीदार आ जाएगा। और वो भी इस समय शराब के नशे में है। इसलिए वो भी तेरे साथ वही सब कुछ करेगा जो हमने आपस में करना है। लेकिन अगर उसने तेरे जिस्म को हाथ भी लगाया, तो मैं यह बर्दाश्तनही कर पाऊंगा और उसका खून कर दूंगा । इसलिए फैसला अब सिर्फ तेरे हाथ में है, कि तू ये खून खराबा चाहती है, या मेरा मुकम्मल प्यार ..!" यह कहते हुए उसने उसके मुंह से अपना हाथ हटा लिया। और फिर एक भद्दी सी हंसी हंसते हुए बोला, " सो मेरी जान। लेट्स कम एंड कोऑपरेट मी..!"
लेकिन उसकी इतनी गंदी बातों को सुनकर कमला किसी भूखी शेरनी की
भांति उस पर टूट पड़ी और उस पर प्रहार करती हुए उसके सीने में अपने दांत गड़ा दिए, और उसके जिस्म से उसका मांस नोच डाला!
दर्द से बिलबिलाते हुए राजन ने गुस्से में आकर पास में ही रखी एक ईंट उसके सर पर दे मारा, जिसके कारण थोड़ी देर में ही उसका प्राणान्त हो गया..!