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Horror प्रायश्चित (Completed)

avsji

Weaving Words, Weaving Worlds.
Supreme
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स्वाति - आपने बहुत अच्छा लिखा है।
साधुवाद! अगली कहानी की प्रतीक्षा रहेगी!
 

VIKRANT

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भाग ~ 20
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राज़न जो अभी भी दर्द से कराह रहा था, उसके पास जाकर रानी ने कहा-"डिअर तुम चिंता न करो, कल सुबह छह बजे बाबा रुद्र ने बुलाया है। और उनके पास जरूर तुम्हारी समस्या का हल है। वो जरूर तुम्हें कमला की आत्मा से मुक्ति दिलाएंगे। और तब तुम भी एक अच्छी जिंदगी जी सकोगे।

भोली बाबा रूद्र से मिल कर अभी आई है। वहां से आकर उसने बताया है,, कि वह बहुत पहुंचे हुए बाबा है और इस तरह के बहुत से केस उन्होंने ठीक किये है..!

तुम सब बहुत अच्छे हो दोस्त। मैं ही बुरा हूं, जो हमेशा लोगों के साथ बुरा करता आया है लेकिन शायद इसका कारण यह है रानी, कि मुझे तुम जैसे अच्छे दोस्त कभी मिले ही नहीं..! अगर तुम मेरी जिंदगी में पहले आती, और भोली भी मेरे को पहले मिली होती, तो इस खुशनुमा जिंदगी को छोड़कर मैं कमला के चक्कर में क्यों पड़ता..?

रानी यह सही है, कि मैंने कमला के साथ गलत किया, लेकिन तुम मेरे को बताओ कि अगर कमला की जगह तुम होती, तो क्या तुम मुझे गलत मानती..? मैंने जो कमला के साथ किया वही तुम्हारे साथ भी, लेकिन तुम मुझसे गुस्सा नहीं हुई बल्कि तुमने मेरी चाहत की कदर की और अपने को मुझे समर्पित किया..! अब सोचो रानी, कि अगर तुमने मुझे अपने आप को समर्पित कर दिया, तो क्या मैंने तुम्हारे साथ कुछ गलत किया..? क्या मैं तुम्हारे प्रति वफादार नहीं हूं..? और भोली भी अगर मेरे लिए कुछ अच्छा करती है, मेरे अच्छे के बारे में सोचती है, तो क्या भोली के प्रति मैं वफादार नहीं रहूंगा..?

रानी, इंसान को परिस्थितियां कभी कभी मजबूर कर देती हैं कुछ गलत करने पर..! और कभी-कभी इंसान अपनी गलत आदतों से भी मजबूर हो जाता है और गलती कर बैठता है..! मगर इस गलती की ऐसी सजा तो नहीं मिलनी चाहिए न उसे, कि न वो जी सके और न मर सके ..!

रानी, इंसान की अच्छी आदतें हो या बुरी आदतें, किंतु बहुत सी बातें इंसान के माहौल पर निर्भर करती है..! अगर हमारा माहौल अच्छा होगा.. हमारे आसपास के लोग अच्छे होंगे..तो हम भी अच्छे होंगे..। और अगर हमारा माहौल गंदा होगा ..हमारे आसपास के लोग गंदे होंगे.. तो हम भी गंदे होंगे ..! यही इस जीवन का सच है, जिसे हम सब को स्वीकार करना होगा और इस सच को स्वीकार करके ही हमें इस समाज में जीना होगा..!

"तू बातें बहुत मस्त करता है दोस्त! मगर में एक बात जानती हूं, कि तू इतनी सारी बातों को बोलकर मुझसे यह कहना चाहता है, कि तू सही है और तूने कमला के साथ जो कुछ भी किया, उसमें तू गलत नहीं था..! लेकिन एक बार फिर तू गलती कर रहा है! और अगर तू इस तरह की गलती करता रहेगा, तो रूद्र बाबा भी तुझको नहीं बचा पाएंगे..!

मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि तू अब भी अपनी गलती को स्वीकार क्यों नहीं कर रहा है, और यह बताने की कोशिश क्यों कर रहा है, कि कमला की अगर जान गई तो तेरे कारण नहीं बल्कि खुद उसके कारण। मतलब अगर वो अपने आप को तेरी सुपुर्दगी में दे देती.. अपने जिस्म को खुशी खुशी तेरे को सौंप देती..तो तू उसको कभी ना मारता..!

यार दोस्त, मैं पहले भी तेरे से कह चुकी हूं, कि तूने कमला के साथ जो कुछ भी किया, उसमें गलती कमला कि नहीं बल्कि तेरी गलती थी। अगर तूने किसी लड़की के साथ ऐश करना था, तो तुझे ऐसी लड़की के साथ दोस्ती करना चाहिए था जिसे खुद भी ऐश करना पसंद हो..!

मेरे जीवन का उद्देश्य भी मस्ती से जीना है..ऐश करना है..और इसलिए मेरे साथ तेरी निभ रही है। अगर मेरे को भी इन बातों से एलर्जी होती है, तो मैं भी तुझे कभी अपना बनाने की कोशिश ना करती। और वैसे भी दोस्त, हमारा ये आपस का संबंध सिर्फ मौज-मस्ती तक ही सीमित है और हम जब चाहे, अपनी इच्छा से अलग हो सकते हैं और किसी अन्य की बाहों में जा सकते हैं , लेकिन तब भी हमारे रिलेशन में कोई खटास नहीं होनी चाहिए। मतलब जो काम भी हो खुशी खुशी हो। और यही हम दोनों का आपस में एग्रीमेंट है।

और मेरी दोस्त भोली तो जिस्मफरोशी का धंधा ही करती है। और अपने इस काम में वो खुश भी है। और मस्त है। और तुझे भी शायद उसका साथ पसंद है। दोस्त, मुझे मालूम है, कि मौका मिलते ही तू उसके साथ भी अपना संबंध जरूर बनाएगा और अगर मेरी दोस्त भोली को इसमें कोई एतराज ना होगा, तो मुझे भी कोई प्रॉब्लम नहीं है। क्योंकि जिस तरह मुझे खुल कर जीना पसंद है और उसी तरह मेरी दोस्त भोली को भी खुल कर जीना पर हमेशा मस्त रहना पसंद है, लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि हम सब सही है..! दोस्त, चाहे तर्क देकर हम कितना भी अपने आपको सही कह लें, लेकिन घर परिवार और समाज के नियमों के तहत हम गलत हैं और यह कुकृत्य अपराध भी है..!

और मेरी इस बात को तू अच्छी तरह से समझ ले, कि कल जब तू रूद्र बाबा से मिलेगा, तो इस तरह के तर्क उनको बिल्कुल न देना और अपनी गलती को मान लेना अन्यथा तेरा कल्याण नहीं होगा..! कमला ने तो उसको सजा देनी ही है और वो तुझको सजा देकर रहेगी..!

दोस्त, अगर कोई अपने किए पर पछताता है और अपनी गलती को मानता है, तो साथ में इस तरह का तर्क नहीं देता कि उसने मजबूरी में ऐसा किया..?

हाँ, अगर कमला तुझे जान से मारने की धमकी देती और तब तू उसका खून कर देता, तो शायद मैं मान सकती थी, कि तूने मजबूरी में ऐसा कुछ किया..! लेकिन मेरी नजर में वो बिल्कुल निर्दोष थी। उसे अपनी पढ़ाई लिखाई और कैरियर की चिंता थी। और तू धोखे से उसके साथ गलत काम करना चाहता था। और उसके इनकार करने पर तूने उसका खून कर दिया..! और फिर भी तू अपने को सही बताने की कोशिश कर रहा है..?

मेरे राजा हम बुरे जरूर है, लेकिन हमारा भी कुछ असूल है। हम किसी अच्छे इंसान को नहीं सताते। हम किसी अच्छे इंसान को परेशान नहीं करते। बल्कि किसी अच्छे इंसान की मदद करना चाहते हैं, जिससे हमारे पाप कुछ कम हो सके..!

मैं एक और उदाहरण से तुझको अपनी बात को समझाती हूं। अब जैसे की मैं शराब पीती हूं। इसलिए तू शराब मुझे पिलायेगा, तो मुझे अच्छा लगेगा और मैं तेरा एहसान मानूंगी और उसके बदले में तू जो कहेगा मैं करूंगी। लेकिन एक ऐसी लड़की को अगर तू शराब खिलाएगा, जिसे शराब पीना पसंद नहीं है, तो क्या उसको शराब पिलाने पर वह खुश होगी ..? तेरे साथ अच्छा व्यवहार करेगी.? तुझे अपनी पलकों पर बिठाएगी..? और खुशी-खुशी तुझको अपना जिस्म सौंप देगी..?

मेरी भोली को शायद तेरी छेड़खानी में भी मज़ा आये, क्योंकि उसे अच्छा लगेगा..! लेकिन राह चलते किसी भी स्कूली छात्रा के साथ अगर तू छेड़खानी करेगा, उसके जिस्म को रौंदने की कोशिश करेगा, तो क्या वो तेरे से खुश होगी..? तेरे को अपने सीने से लगाएगी..?

नहीं ना..? इसलिए अब से अपने होश में आ जा और अपनी गलती को मान..! क्योंकि इसी में तेरी भलाई है..! अन्यथा तू तो जानता ही है, कि तेरे साथ क्या हो रहा है.. और किस तरह कमला तुझे परेशान कर रही है..!

बाकी तू जैसा भी है यार, लेकिन अब तू हमारे साथ है। और इसलिए हम तेरे अच्छे के बारे में सोच रहे हैं.. और हम दिल से ये चाह रहे हैं..कि तेरी ये तकलीफ दूर हो जाए..! लेकिन दोस्त रूहानी ताकतों से लड़ने के लिए तेरी चाल बाजी नहीं काम आएगी।

रूहानी ताकतों से खुद को बचाने का सिर्फ एक ही तरीका है, और वो तरीका है खुद को सरेंडर करना और इन रूहों से माफी मांगना..! ok

अब फटाफट तू भी फ्रेश हो ले। क्योंकि भोली खाना बनाने में जुटी है। क्योंकि जब भी कोई मेहमान उसके घर आता है तो वह बहुत खुश होती है और दिल से सेवा करती है। और इसीलिए समाज की नजरों में वो जैसी भी है, पर वह मेरी सबसे बेस्ट फ्रेंड है..और मेरी सबसे अच्छी दोस्त है.. और मैं उसके लिए कुछ भी कर सकती हूं..यहां तक कि अपनी जान भी दे सकती हूं उसके लिए..!

"थैंक्स डियर..! तूने तो इतनी बड़ी बड़ी बातें बता दी मेरे को कि दिल कर रहा है, कि तुझ को अपना गुरु बना लूं..!"


"तो बना ले। लेकिन सिर्फ कभी-कभी प्रवचन सुनने के लिए..! बाकी हमारी मस्ती और ऐश करने का रिश्ता भी साथ साथ चलना चाहिए, जिससे इस कभी-कभी के सत्संग के साथ साथ हम जिंदगी के मजे भी लेते रहे..! और ऐश करते रहें..!!
Greattt job swati ji. Such a mind blowind update and your writing skill. :applause: :applause: :applause:

Time ki kami ki vajah se sare updates nahi read kar paya. Abhi dekha to pata chala ki story the end ho chuki hai so jald baaki ke updates bhi read karuga and apna review duga. :coffee1:

Bholi baba se mili and use khush karne ke baad rajan ki problem bataya use. Rani ne rajan ko sahi galat ka paath padhaya. Galti sabse hoti hai but uske liye aisi saza sahi nahi lagti mujhe. Anyways let's see what happens next. :coffee1:

:celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf:
 

Moon Light

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स्वाति - आपने बहुत अच्छा लिखा है।
साधुवाद! अगली कहानी की प्रतीक्षा रहेगी!
साथ देने के लिए शुक्रिया श्रीमान जी
व्यस्तता के चलते जल्दी कहानी को अंत करना पड़ा,
अगली कहानी के लिए कुछ समय लगेगा
:thanks:
 
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Greattt job swati ji. Such a mind blowind update and your writing skill. :applause: :applause: :applause:

Time ki kami ki vajah se sare updates nahi read kar paya. Abhi dekha to pata chala ki story the end ho chuki hai so jald baaki ke updates bhi read karuga and apna review duga. :coffee1:

Bholi baba se mili and use khush karne ke baad rajan ki problem bataya use. Rani ne rajan ko sahi galat ka paath padhaya. Galti sabse hoti hai but uske liye aisi saza sahi nahi lagti mujhe. Anyways let's see what happens next. :coffee1:

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दीवाली के कारण बिजी हूँ घर के कामो में
इसलिए कहानी जल्द खत्म करनी पड़ी
:thanks:
 

VIKRANT

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भाग ~ 35

यह जिंदगी भी बड़ी अजीब होती है। किसी इंसान के चाहने वाले अनेक होते हैं, फिर भी उसके अंदर एक अधूरापन होता है। जबकि कोई सिर्फ एक से ही संतुष्ट हो जाता है।

भोली एक वैश्या थी। उसके आठ दस ग्राहक फिक्स थे, जिनके साथ वो खुलकर ऐश करती थी। और उसके सभी ग्राहक बहुत अच्छे थे। कोई उसके साथ जबरदस्ती करने वाला और बेरहमी से पेश आने वाला नहीं था। और इसीलिए अपने सभी ग्राहकों से वो संतुष्ट भी थी। लेकिन राजन के प्रति न जाने कैसा खिंचाव था उसके अंदर, कि उसके बिना उसे अपनी जिंदगी में एक अधूरापन का एहसास होता था। यद्यपि राजन ने एक बार भी उसके शरीर को नहीं भोगा था। और जिस दिन उसको रानी और भोली से जिस्मानी रिश्ता कायम करने का खुल कर मौका मिला,उसी दिन अचानक उसको इन कामों से विरक्ति हो गई और अपने पूर्व में किये पापों का प्रायश्चित करने वह शहर चला गया।

वैसे राजन को गए अभी सिर्फ तीन दिन ही हुए थे लेकिन इस तीन दिनों में हीं एक अजीब सा खालीपन सा उसे महसूस हो रहा था।

शाम का समय था। मंद मंद शीतल वायु जिस्म को ठंडक पहुंचाने की बजाय तन की आग को और भी भड़काने का काम कर रही थी। और यही हाल रानी का भी था। वो भोली के साथ झुग्गी के बाहर चट्टान पर सोई हुई थी।

अचानक भोली ने रानी के सीने पर अपना हाथ रखते हुए कहा-" कितनी मस्ती से लेटी हुई है इस वीराने में..! चिंतामुक्त..! जबकि मेरे जिस्म में आग लगी हुई है। अगर इस समय राजन यहां होता, तो मोहब्बत में आज इस कदर तड़पना ना पड़ता..!

तू वेश्या है और अपने जिस्म में लगी आग को किसी से भी बुझा सकती है। पर मुझसे पूछ, कि मेरा क्या हाल है। मुझे मुंबई जाना था। वहां पर बार डांसर बनना चाहती थी। लेकिन अकेले जाने की हिम्मत नहीं थी। राजन मिला तो ऐसा लगा जैसे सहारा मिल गया। और इसीलिए मैंने उसे अपना पति मान लिया जिससे उसकी सुरक्षा में मुंबई जा सकूं। लेकिन मुंबई जाने से पहले यहां आ गई। और यहां की खूबसूरत वादियों में खो गई।

लोग कहते हैं, कि इंसान बुरा क्यों है और क्यों गलत काम करता है। पर यहां तो सारा मामला ही उल्टा है डियर। क्योंकि राजन के अच्छा बनने के कारण ही आज हम दोनों तकलीफ में है। काश वो बुरा ही होता, तो आज हम दोनों कि जिंदगी कितनी रंगीन होती। लेकिन उसकी अच्छाई और सच्चाई ने हम दोनों की जिंदगी बर्बाद कर दी।

" किसी की सच्चाई और अच्छाई कभी किसी की जिंदगी को बर्बाद नहीं करती। हमें भी बुरे रास्ते से अच्छे रास्ते पर आने की प्रेरणा देती है। लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए। क्योंकि उम्मीद पर ही सारी दुनिया कायम है। राजन ने आने को कहा है तो वो जरूर आएगा। और इस बार जब वह आएगा तो हमारी जिंदगी में बहारें भी आएंगी, फूल भी खिलेंगे और जिनसे जीवन में बेशुमार खुशियां होगी, और ये खुशी बहुत मस्त होगी और पाप रहित होगी।"

"लेकिन यह भी तो सोच, कि वह एक हत्यारा है और उसने जिन दो लड़कियों की हत्या की है, उन्हीं के घर गया है ..। पुलिस भी उसके पीछे पड़ी है। तो क्या ऐसी स्थिति में वह वापस आ सकता है..?"

"उसे हत्यारा मत कह बहन, क्योंकि उसने अपने गलत कर्मों से तौबा कर लिया है। महर्षि बाल्मीकि जो लूट मार कर के अपने घर का खर्चा चलाते थे, क्या उन्हें कोई डकैत कहता है..? नहीं कहता है ना..? तो बहन इसका सीधा सा मतलब यह है, कि ऊपर वाले की निगाह में जब कोई सुधर जाता है, तो हम उसको हत्यारा नहीं कह सकते, क्योंकि प्रायश्चित करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं। और यह तो सभी जानते हैं कि महर्षि बाल्मीकि ने बाद में रामायण की रचना की..!

"और अब अगर हमारा राजन आता है, तो वो हत्यारा नहीं होगा बल्कि एक नेक इंसान होगा और एक नेक इंसान से प्यार करना हमारी खुशकिस्मती होगी।"

"और सच तो यह है रानी, कि आज उसकी अच्छाई के कारण ही मेरे को उसकी याद आ रही है..! काश! वो आकर मेरे को अपनी बाहों में ले ले।"

"और मेरे को भी।" रानी ने कहा।

'हां यार, हम दोनों बहनें मिलकर उसे प्यार करेंगे।"

"लेकिन समस्या फिर वही आती है, कि हम दोनों उससे शादी कैसे करेंगे..? मुझे तो लगता है कि हमारे कानून में यह व्यवस्था होनी चाहिए, कि अगर दो लड़कियां अपनी मर्जी से किसी एक पुरुष से शादी करना चाहें, तो उन्हें इस शादी की अनुमति मिलनी चाहिए।"

"हमारे यहां राजा महाराजाओं के हरम में कितनी औरतें होती थी। और उन औरतों में कितनी औरतें तो मजबूर भी होती थी। लेकिन राजा उन सभी के साथ ऐश करता था।"

"राजन भी हमारी नजर में राजा है। और हम दोनों मजबूर नहीं है, बल्कि अपनी खुशी से उसको अपनाना चाहते हैं, तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है।"

"और इस दुनिया में कितने लोग छुप छुप कर गलत काम करते हैं। लेकिन हम जो कुछ भी करेंगे खुलकर करेंगे। और अगर हम दोनों की अंतरात्मा उसे स्वीकार करती है, तो अपनी नजर में इसमें कोई बुराई नहीं है। हम पहाड़ों पर रहते हैं और हमारा कानून अलग है। हम अपना कानून खुद बनाएंगे।"

"अरे यार, तू ज्यादा सपने न दिखा। क्योंकि उसका नाम लेते ही मेरे दिल की धड़कने तेज हो जाती है।"

"तो कोई बात नहीं! चल आपस में ही थोड़ा प्यार कर लेते हैं। कुछ तो दिल को राहत मिलेगी! क्योंकि आज का मौसम बहुत ही मस्त है।"

अभी उनमें आपस में बातें चल ही रही थी कि अचानक उनकी नजर राजन पर पड़ी।

और राजन ने आते ही उन दोनों का अपने बाहुपाश में ले लिया

और बोला-"अब मैं हमेशा के लिए यहां आ गया हूं।"

"क्योंकि मैं जिनका गुनाहगार था, आज मुझको वहां से माफी मिल गई है। अब मैं हमेशा तुम लोगों के साथ रहूंगा और तुम्हारी हर इच्छाओं तो पूरा करूंगा। क्योंकि अगर मुझे कमला की आत्मा ने माफ कर दिया, कमला के मां बापू ने माफ कर दिया, और सोनी के भाई ने भी माफ कर दिया, तो अब मुझे कानून का कोई डर नहीं है।"

"क्योंकि इंसान के कानून से कहीं ज़्यादा कुदरत के कानून पर मुझे भरोसा है। और मुझे उस कानून पर भरोसा है, जो कानून तुम दोनों मिलकर हमारे लिए बनाओगी। क्योंकि हमको एक अच्छी और नेक जिंदगी तुम दोनों के प्यार ने ही दी है। इसलिये मैं तुम दोनों के आगे नतमस्तक हूं और तुम दोनों को अपने दिल से और अपनी आत्मा से प्यार करता हूं।

इतना कह कर राजन ने उनके हाथ को अपने हाथ में ले लिया.. और कहीं दूर पहाड़ियों की ओट में चला गया , जहां उन तीनों और ईश्वर के अलावा और कोई ना हो..!


(समाप्त)
Greattt story swati ji. Such a mind blowing updates and your writing skill. :applause: :applause: :applause:

All update was amazing. Rudra baba ki kripa se rajan ko kamla ki rooh se mukti mil gai. Kamla ne jo sharte rakhi thi un sharto ko rajan pura kar raha hai. Jisme usne sabse pahle apne pita se mil kar unse apne gunaaho ke bare me bataya and un gunaaho ka prayaschit karne ki baat kahi. Rajan ke pita ne bhi apne bete ka pura sath diya. Unhone rajan ko paise and atm card diya jisse rajan aarthik roop se logo ki help kar sake. Kamla ke pita ki jaan bachaai usne and ek lac de kar unke bank ke karj se nijaat dilaai. Rajan ne khat ke madhyam se kamla ke pita se apne kiye ki maafi maagi jiska result ye nikla ki unhone use maaf kar diya. Soni ke parents ki to story hi niraali thi. Unhe apni beti ke marne ka koi dukh nahi tha but beta mukut apne khwaaish and apne future ke liye pareshan tha to rajan ne uski bhi help ki. Achha karm karne ki raah par chalne laga hai rajan jo ki achhi baat hai. :coffee1:

Rani and bholi rajan ke badle huye nature se pareshani bhi hui and fir khud ko samjha kar khush bhi. Idhar last ka update amazing tha ki kaise dono ko khalipan ka ahsaas hua and kaise unke dilo me rajan ke liye sacha wala pyar jaga. Galat dhandha karne se tauba karne ka khayaal aya and bla bla. Anyways rajan waapas aaya to dono khush ho gai. Rajan ne bhi dono ko baaho me bhar liya. Yaha se life ka ek new lesson start hoga jo shayad good better and best hoga. :coffee1:

Overall story was mind blowing swati ji. Your work and your imagination was really awesome. Now will wait for your next mindblowing story. :waiting1:



:celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf::celebconf:
 

Moon Light

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Greattt story swati ji. Such a mind blowing updates and your writing skill. :applause: :applause: :applause:

All update was amazing. Rudra baba ki kripa se rajan ko kamla ki rooh se mukti mil gai. Kamla ne jo sharte rakhi thi un sharto ko rajan pura kar raha hai. Jisme usne sabse pahle apne pita se mil kar unse apne gunaaho ke bare me bataya and un gunaaho ka prayaschit karne ki baat kahi. Rajan ke pita ne bhi apne bete ka pura sath diya. Unhone rajan ko paise and atm card diya jisse rajan aarthik roop se logo ki help kar sake. Kamla ke pita ki jaan bachaai usne and ek lac de kar unke bank ke karj se nijaat dilaai. Rajan ne khat ke madhyam se kamla ke pita se apne kiye ki maafi maagi jiska result ye nikla ki unhone use maaf kar diya. Soni ke parents ki to story hi niraali thi. Unhe apni beti ke marne ka koi dukh nahi tha but beta mukut apne khwaaish and apne future ke liye pareshan tha to rajan ne uski bhi help ki. Achha karm karne ki raah par chalne laga hai rajan jo ki achhi baat hai. :coffee1:

Rani and bholi rajan ke badle huye nature se pareshani bhi hui and fir khud ko samjha kar khush bhi. Idhar last ka update amazing tha ki kaise dono ko khalipan ka ahsaas hua and kaise unke dilo me rajan ke liye sacha wala pyar jaga. Galat dhandha karne se tauba karne ka khayaal aya and bla bla. Anyways rajan waapas aaya to dono khush ho gai. Rajan ne bhi dono ko baaho me bhar liya. Yaha se life ka ek new lesson start hoga jo shayad good better and best hoga. :coffee1:

Overall story was mind blowing swati ji. Your work and your imagination was really awesome. Now will wait for your next mindblowing story. :waiting1:



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:thanks:
आपने बहुत ही सुंदर तरीक़े से रिव्यु दिए
अगली स्टोरी के लिए इंतजार कीजिये
 
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sandy4441

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भाग-4

कमला अभी कुछ महीने पहले ही तो अठारह साल की हुई थी | वो अभी इंटर में पढ़ती थी | राजन भी उसी की क्लास में पढ़ता था | राजन और कमला बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे | साथ बैठना साथ पढ़ना और साथ ही लन्च करना | इस बीच वो दोनों कब एक दूसरे को चाहने लगे पता ही नही चला |

वैसे तो राजन में सभी अच्छाई थी, लेकिन उसके अंदर एक बहुत बुरी आदत थी। अगर कोई उसकी बात न मानता तो वो बहुत जल्दी भड़क जाता था और गुस्से में कुछ भी कर सकता था। यह उसकी बचपन से आदत थी। उसके घर में भी लोग उसकी इस आदत से बहुत परेशान थे। खाने-पीने से लेकर खेल खिलौना, जो भी उसे पसंद आ जाए, उसके मां-बाप को उसे दिलवाना पढ़ता था। क्योंकि अगर उसे उसकी पसंद की चीज न मिलती, तो घर में महाभारत मचा देता..!

दूसरी विशेषता उसकी यह थी, कि वो हमेशा कुछ नया करना चाहता था। पुराने ढर्रे पर चलना उसे बिल्कुल पसंद न था। और कमला से दोस्ती भी उसकी इसी कारण हुई थी, क्योंकि वो भी हमेशा कुछ नया करना चाहती थी। उसकी क्लास में सिर्फ राजन ही एक ऐसा लड़का था, जो सबसे अलग हटकर था। उसकी भी हर बात में नयापन था। वो खुले विचारों का था। समाज के बनाए गए बहुत से नियम उसे पसंद नहीं थे। वो सबसे खुलकर हंसता बोलता और इंजॉय करता। चूंकि वो अमीर बाप का बेटा था, इसलिए पैसा भी खूब खर्च करता। और जरूरत पड़ने पर सबकी मदद भी करता।

कमला को ऐतिहासिक किस्से कहानियां पढ़ने में बहुत रुचि थी। घूमना फिरना भी उसे बहुत पसंद था, किंतु जहां और लड़कियों को भीड़ भाड़ वाले बाजार और प्रसिद्ध इमारतें देखना पसंद था, वही कमला को निर्जन और पुराने खंडहरों से लगाव था।

राजन और कमला की दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदल गई। प्यार और मोहब्बत उन दोनों के लिए एक करिश्मा के जैसा था। राजन जब उसे चूमता था, तो कमला को एक अजीब सी फीलिंग होती थी। लेकिन वो एक लड़की थी, इसलिए अपनी सीमा को जानती थी। राजन ने कई बार अपने इस रिलेशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन कमला हमेशा उसका दिल तोड़ देती।

एक दिन राजन ने उसको पुरानी हवेली के खंडहर में ले जाने की बात कही और चूंकि कमला को भी पुरानी इमारतों और खंडहरों में घूमने का शौक था, इसलिए तुरंत उसने राजन की बात मान ली। कमला ने अपने घर पर फोन से बता दिया कि आज वह थोड़ा देर से आएगी , क्योंकि उसे अपनी एक सहेली से मिलने जाना है। लेकिन इस बात की तो उसने कल्पना भी न की थी, कि राजन उसे खंडहर में ले जाकर उसकी इज्जत लूटना चाहता है ..!

कमला रात के नौ बजे तक भी जब घर न पहुंची, तब उसके माता-पिता ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद था। उन्होंने सोचा कि शायद उसके मोबाइल की बैटरी डाउन हो गई होगी। लेकिन जब 11:00 बजे तक भी न उससे फोन पर बात हुई और न वो घर पहुंची तब पुलिस में उन्होंने उसके गायब होने की रिपोर्ट लिखाया।

पुलिस को कमला के मोबाइल की लोकेशन पुरानी हवेली के खंडहर में मिली। इंस्पेक्टर राकेश अपनी दो सिपाहियों के साथ पुरानी हवेली पहुंचा तो चौकीदार राम सिंह से उन्होंने पूछताछ की पहले तो राम सिंह ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब पुलिस ने सख्ती की और बताया कि राधा के अंतिम लोकेशन यही की है, इसलिए सच सच बता कि कहां है राधा..? तब रामसिंह ने सच बताने में ही अपना भला समझा। उसने पुलिस को राजन और कमला के बारे में बताया कि वो दोनों यहां आए थे। और उस समय वह शराब के नशे में था, इसलिए उसे नहीं पता कि वहां क्या हुआ। लेकिन जब वह होश में आया तो वो बिना कपड़ों के कमला की डेड बॉडी से चिपका ।हुआ था। यह देखकर वो बहुत घबरा गया और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि वह क्या करें। उसे डर था कि पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी, तो फिर क्या होगा और कैसे वह अपनी सच्चाई का प्रमाण देगा और इसी डर से उसने कमला की डेड बॉडी को को कुएं में फेंक दिया।

तब पुलिस ने राम सिंह की मदद से कमला की डेड बॉडी को कुएं से बाहर निकाला और कमला के मां-बाप को खबर की।थोड़ी देर में ही कमला के माता पिता पुरानी हवेली आ गए और अपनी बेटी को इस हाल में देखकर बिलख बिलख कर रोने लगे! पुलिस ने राम सिंह को अरेस्ट कर लिया और घटनास्थल का मुआयना कर हर एंगल से वहां की फोटो ली और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

* * * * *

राजन के पिताजी सेठ रत्तीलाल जी का सिले सिलाई वस्त्रों का थोक व्यापार था। उनकी थोक की दुकान लखनऊ के अलावा कानपुर और सुल्तानपुर मैं भी थी। इसलिए अपने व्यापार के सिलसिले में हर दूसरे तीसरे दिन वो कानपुर और सुल्तानपुर जाते थे। जब वो लखनऊ के बाहर रहते तब, राजन और राधा को घर में अकेले रहना पड़ता। राधा को इससे बहुत परेशानी होती , मगर राजन को पूरी आजादी मिल जाती अपनी मनमानी करने की। राधा उसकी छोटी बहन थी, इसलिए वह अपने बड़े भाई को ज्यादा कुछ नहीं कह पाती थी । पापा मम्मी के न रहने पर अक्सर वो रात में देर से आया करता और जब राधा उससे देर से आने के बारे में पूछती, तो वो कोई न कोई बहाना बना देता। लेकिन कल रात का किस्सा तो कुछ अजब ही था। क्योंकि राजन को राधा के जिस्म में जब कमला दिखी, तो उसकी घिग्घी बंध गई. ! उसके कुछ भी समझ में न आ रहा था, ये सब क्या है! क्योंकि जब कमला की उसने हत्या कर दी थी, तो यह कमला उसके घर पर कैसे आई..? क्या वास्तव में वो भूत बनकर राधा के जिस्म में प्रवेश कर गई थी..? इस तरह के ख्यालात ने उसकी नींद हराम कर दी थी..! उसका सिर दर्द से फटा जा रहा था और उसका दिमाग बिकुल काम नहीं कर रहा था।

* * * * * *
राजन के पिताजी भी बड़े परेशान थे, कि ये अचानक उनके बेटे क्या हो गया..! इस तरह की बातें उनके जीवन में पहले कभी न हुई थी..! और भूत प्रेत से वैसे भी उन्हें बहुत डर लगता था। लेकिन अब जो कुछ होना था, वो तो हो चुका था.! और ऐसी स्थिति में वो कर भी क्या सकते थे..!

कोई दो-तीन घंटे आराम करने के बाद जैसे तैसे वो तैयार हुए औघड़ बाबा के यहाँ जाने के लिए। और जैसे ही उन्होंने घर के बाहर गेट का दरवाजा खोला, कि सामने पुलिस को देख कर चौंक गए..!
really great going swati ji.. maine is story ke 2-3 update pehle read kiye the but aage nahi padh paaya tha. hope iss time complte hogi.
 
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sandy4441

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124
भाग ~6
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डॉक्टर रोमेश अपनी क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे, तभी इंस्पेक्टर राकेश ने उनकी क्लीनिक में प्रवेश किया। रमेश ने उन्हें बैठने को कहा और अपने मरीज को देखते हुए बोला, "नमस्कार इंस्पेक्टर साहब, कैसे आना हुआ..?"

इस्पेक्टर ने कहा, "आप मरीज को देख ले, फिर बात करते हैं।"
रोमेश ने कहा, "ठीक है।"

उस समय क्लीनिक पर तीन चार पेशेंट ही थे। शीघ्र ही उन्हें निपटा कर रमेश ने उनसे पूछा, "क्या लेंगे सर, चाय या कॉफी....?"

इंस्पेक्टर राकेश ने कहा, "वैसे तो मैं इस समय ड्यूटी पर हूं, लेकिन एक चाय मिल जाएगी, तो अच्छा होगा..।"

"ओके सर।" रोमेश ने अपनी असिस्टेंट से तीन चाय बनाने को कहा।

'हां, अब बताइए इंस्पेक्टर। क्या बात है..?"

इंस्पेक्टर ने कहा, "आपके पास कल रात राजन आया था न..?"

"हां सर, आया था। शाम को.? कोई बात हो गई क्या..?"

"किसलिए आया था वह.?"

"सर, डॉक्टरी का पेशा है मेरा। जब राजन मेरे पास आया तो दर्द से बहुत परेशान था। उसने मेरे से कहा, कि उसका अपनी लवर से झगड़ा हो गया है किसी बात पर और उसने गुस्से में आकर उसके सीने को काट खाया..! तो मैंने उसकी मरहम पट्टी की..?

अब आप तो इंस्पेक्टर है सर। आप ये प्यार मोहब्बत की बातों को भला क्या समझेंगे..? अब दिल तो सर सीने में ही होता है न..? तो लड़की अगर किसी बात पर गुस्सा गई तो, जख्म तो उसने दिल में ही देना था, पर उसके दांतों के निशान दिल तक कहां पहुंच पाते..? इसलिए सीने को ही उसने जख्मी कर दिया।" डॉक्टर ने मुस्कुराते हुए कहा, "वैसे प्यार में इतनी बेदर्दी से नहीं पेश आना चाहिए था उसे..!"

"कमाल की बात है ..! फिर राजन ने क्या किया..?"

"राजन क्या करता..? उसने उसका साथ हमेशा के लिए छोड़ दिया..! और तब मेरे भी उससे यही कहा, कि ऐसी लड़की का साथ तो छोड़ देना ही अच्छा है। आज सीने पर वार किया..! कल कहीं और वार कर देगी, तो क्या होगा..! इस उम्र में मोहब्बत और प्यार तो सभी करते हैं, किंतु प्यार में क्रूरता नहीं होनी चाहिए..!"

"सही कहा आपने। फिर यहां से कितने बजे गया वो..?"

" रात 11:30 बजे यहां से गया वो..! लेकिन सर बात क्या है..? क्या वो अपने घर नहीं पहुंचा..? या कोई और मामला है..?"

"जी हां, दरअसल जिस लड़की को राजन ने कहा है , कि उसने छोड़ दिया उसे हमेशा के लिए , उसने उस लड़की की हत्या कर दी है..!'

"ओह नो..! इतनी बड़ा क्राइम, और उसने मुझे बताया भी नहीं..! अगर मुझे मालूम होता, तो मैं उसी समय आपको फोन कर उसी समय उसे आपकी सुपुर्दगी में दे देता..! इंस्पेक्टर साहब, मोहब्बत और प्यार अपनी जगह है, लेकिन यह खून खराबा बिल्कुल सही नहीं है..! यह प्यार में अंधापन बहुत गलत है। मोहब्बत प्यार में एक दूसरे का राजी होना बहुत जरूरी होता है। वैसे इस समय कहां है..?"

उसी को ढूंढ रहे हैं हम लोग..! मैं आज उसके घर गया था, और तब वो घर पर ही था। लेकिन वो हम सबको धोखा देकर बाथरूम के रोशनदान को तोड़कर वहां से फरार हो गया। और इसीलिए मैं यहां आया था, कि शायद वह आपसे मिलने इधर आये, क्योंकि कल शाम उसकी लोकेशन आपके यहाँ की थी। कल जब वो आपके यहां जख्मी हालत में आया था , आपको उसी समय पुलिस को बताना चाहिए था..!"

"सर, जैसा कि उसने आकर बताया मेरे को, उससे मैं तो क्या, कोई भी यह अंदाज नहीं लगा सकता था, कि ये कोई पुलिस का केस है..! क्योंकि इस तरह जख्मी हालत में अक्सर पेशेंट हमारे पास आते रहते हैं। तो कहां तक हम लोग पुलिस को इनफॉर्म करेंगे रहेंगे..? सर, जब तक किसी मरीज को देखकर जब पक्का ये अनुमान नहीं होता कि यह पुलिस केस है ,तब तक, हम लोग पुलिस को इन्फॉर्म नहीं करते..! अब राजन ने यहाँ आकर जिस अंदाज में अपनी बात बताई, उससे बिल्कुल भी हमें शक नहीं हुआ, कि राजन झूठ बोल रहा है..! मेरे ख्याल से या एक सामान्य सा केस था , क्योंकि पति पत्नी के झगड़े में या प्यार मोहब्बत के केस में प्रेमी प्रेमिकाओं के झगड़े में इस तरह की बातें अक्सर हो जाती है और अधिकतर इस तरह के मामले आपस में ही निपट जाते हैं ..!"

तभी चाय बन कर आ गई। इंस्पेक्टर ने चाय पीते हुए कहा, " बहुत खुशी हुई आपसे मिलकर है।" फिर उन्होंने डॉक्टर को थैंक्स कहा और सचेत करते हुए, कि राजन का जब भी कोई फोन आए या उसकी तरफ से कोई सूचना मिले तो तुरंत उसे इन्फॉर्म करें । यह कह कर इंस्पेक्टर वहां से चला गया।
इंस्पेक्टर इतनी देर में ये तो समझ गयाथा, कि डॉक्टर की कोई गलती नहीं है और न डॉक्टर ने उससे कोई बात ही छुपाई है। राजन ने हीं डॉक्टर से झूठ बोला था और अस्पताल से अपनी मरहम पट्टी करा के चला गया था।


फिर उसने सोचा, कि राजन के पास पैसे रुपए तो है नहीं, इसलिये कहीं न कहीं तो वो जाएगा ही और किसी न किसी से तो वो मदद मांगेगा ही। और ये भी हो सकता है अपने घर पर ही वो फोन करें..! तो आगे की कार्यवाही भी अब इसी पर निर्भर करेगी..! वैसे बिना पैसे रुपए के कब तक वो छुपता रहेगा..? राजन के एटीएम कार्ड का नंबर और कुछ अन्य डिटेल इंस्पेक्टर ने फोन से पता कर लिया था और इंतजार कर रहा था, किसी के फोन का. ! किसी नये सुराग के पता चलने का..!
good going.... story build up nicely.
 
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