चूहे की मर्जी तो बिल को खोद-खोद के बड़ा करने की है...क्या जबरदस्त कमुख अपडेटेड है कोमलजी. माझा ही आ गया. जीजा साली के बिच की शारारत. साली ने तों जीजा का चूहा पकड़ ही लिया. और मंशा भी बता दी. चूहें की मर्जी तुम्हे क्या.
साली है आनंद बाबू. तुम्हारी मर्जी तुम जहा रंग लगाओ. उसकी मर्जी वो चाहे जहा रंग लगाए. बता भी दिया कब कोनसा रंग लगाएगी. और साली है तों गरियागी भी गएगी भी. तुम्हारी एलवल वाली की और महतारी की गालिया तों सुन नी ही पड़ेगी. माझा आ गया.